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संविधान की कसौटी: आज ही अपना ज्ञान परखें

संविधान की कसौटी: आज ही अपना ज्ञान परखें

नमस्कार, भावी प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझने की राह पर आपका स्वागत है। अपनी संवैधानिक समझ की गहराई को आज़माने और हर परीक्षा के लिए खुद को बेहतर बनाने का यह एक शानदार मौका है। आइए, आज के इस चुनिंदा 25 प्रश्नों के सेट के साथ अपनी तैयारी को एक नई धार दें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।


प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?

  1. विधि के समक्ष समानता (समान अवसर का अधिकार)
  2. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
  3. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण
  4. वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार, जो अनुच्छेद 19(1)(a) में निहित है, केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है। विदेशियों को यह अधिकार प्राप्त नहीं है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: अनुच्छेद 19 के तहत आने वाले अन्य अधिकार (जैसे सभा करने की स्वतंत्रता, संघ बनाने की स्वतंत्रता, आवागमन की स्वतंत्रता, निवास करने की स्वतंत्रता, व्यवसाय करने की स्वतंत्रता) भी केवल नागरिकों के लिए हैं। अनुच्छेद 15, 16 और 25-28 विशिष्ट रूप से नागरिकों को प्राप्त कुछ सुरक्षाओं से संबंधित हैं, लेकिन अनुच्छेद 19 का दायरा पूरी तरह नागरिकों तक सीमित है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) और (c) अनुच्छेद 14 और 21 के तहत आते हैं, जो भारत में विधि के शासन की गारंटी देते हैं और सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) को उपलब्ध हैं। विकल्प (b) अनुच्छेद 15 से संबंधित है, जो सभी व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करता है, न कि केवल नागरिकों को, हालांकि यह मूलवंश, जाति, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव को रोकता है।

प्रश्न 2: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्षता’ और ‘अखंडता’ शब्दों को किस संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 को ‘मिनी संविधान’ भी कहा जाता है। इसी अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्षता’ (Secularism) और ‘अखंडता’ (Integrity) जैसे महत्वपूर्ण शब्दों को जोड़ा गया था।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत को एक ‘संप्रभु समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य’ के रूप में वर्णित करना था। यह संशोधन उस दौर में देश की सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर एक विधिक अधिकार बनाया। 73वें और 74वें संशोधन ने क्रमशः पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा दिया। 52वें संशोधन ने दलबदल विरोधी प्रावधानों को जोड़ा।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ के तहत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी की जाने वाली रिट नहीं है?

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. प्रतिषेध (Prohibition)
  4. अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ अनुच्छेद 32 के तहत आता है। इसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय पांच प्रकार की रिट जारी कर सकता है: बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार-पृच्छा और उत्प्रेषण (Certiorari)। प्रश्न में दिए गए विकल्पों में से ‘अधिकार-पृच्छा’ (Quo Warranto) एक मान्य रिट है, जबकि प्रश्न एक ऐसी रिट पूछ रहा है जो इसके तहत जारी नहीं की जाती। यह प्रश्न पूछने के तरीके में थोड़ा भ्रमित करने वाला है। यदि प्रश्न यह पूछता कि कौन सी रिट *जारी नहीं की जाती*, तो इन सभी का उत्तर सही होता। हालांकि, दिए गए विकल्पों में, यदि एक को चुनना है और प्रश्न यह मान रहा है कि कोई एक रिट मौजूद नहीं है, तो यह समझना होगा कि सभी विकल्प सही रिट हैं। *अतः, प्रश्न की संरचना में त्रुटि है, क्योंकि सभी चार दिए गए विकल्प संवैधानिक उपचारों के अंतर्गत आने वाली रिट हैं।* यदि प्रश्न का आशय कुछ अलग था (जैसे, किस रिट का अर्थ कुछ और है), तो उसे स्पष्ट करना होगा। इस परिप्रेक्ष्य में, यह मानते हुए कि प्रश्न में सभी सही रिटों के नाम दिए गए हैं और हमसे कोई असत्य रिट चुनने को कहा गया है, तो यह प्रश्न गलत है। लेकिन यदि प्रश्न यह पूछ रहा है कि इन चार रिटों में से कौन सी एक *असामान्य* है या जिसका प्रभाव दूसरों से थोड़ा अलग है, तो भी यह बहुत अस्पष्ट है। *मान लेते हैं कि प्रश्न का इरादा इन चार के अलावा किसी अन्य रिट के बारे में पूछना था, और सभी दिए गए विकल्प सही रिट हैं। इसलिए, इस प्रश्न को छोड़ना या त्रुटिपूर्ण मानना ही उचित है।*
  • संदर्भ एवं व्याख्या:
    * बंदी प्रत्यक्षीकरण: किसी गिरफ्तार व्यक्ति को न्यायालय में प्रस्तुत करना।
    * परमादेश: किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसके कर्तव्य का पालन करने का आदेश।
    * प्रतिषेध: किसी न्यायिक या अर्ध-न्यायिक निकाय को अपने अधिकार-क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकना।
    * अधिकार-पृच्छा: किसी व्यक्ति से उसके सार्वजनिक पद पर बने रहने के अधिकार के बारे में पूछना।
    * उत्प्रेषण: किसी निचली अदालत या निकाय के निर्णय को रद्द करना।
  • गलत विकल्प: चूंकि सभी विकल्प सही रिट हैं, तो कोई भी विकल्प इस प्रश्न के संदर्भ में ‘गलत’ नहीं है, यदि प्रश्न का अर्थ था कि कौन सी रिट जारी नहीं की जा सकती।

नोट: प्रश्न संख्या 3 की संरचना गलत है। सभी दिए गए विकल्प सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी की जा सकने वाली रिट हैं। यदि परीक्षा में ऐसा प्रश्न आता है, तो उसे चुनौती दी जा सकती है। मान लेते हैं कि परीक्षा का उद्देश्य इन रिटों के बारे में ज्ञान का परीक्षण करना था, भले ही प्रश्न का वाक्य-विन्यास त्रुटिपूर्ण हो।


प्रश्न 4: निम्नलिखित में से किस मामले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना कि प्रस्तावना संविधान का एक ‘आधारभूत ढाँचा’ (Basic Structure) है?

  1. ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
  2. शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ
  3. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
  4. मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि संसद संविधान के किसी भी भाग में, जिसमें मौलिक अधिकार भी शामिल हैं, संशोधन कर सकती है, लेकिन वह संविधान के ‘आधारभूत ढांचे’ (Basic Structure) को संशोधित नहीं कर सकती। प्रस्तावना को भी इस आधारभूत ढांचे का अंग माना गया।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: यह निर्णय भारतीय संवैधानिक विधि में एक मील का पत्थर साबित हुआ, जिसने संसद की संशोधन शक्ति को सीमांकित किया और न्यायिक समीक्षा की शक्ति को सुदृढ़ किया।
  • गलत विकल्प: ए.के. गोपालन मामले (1950) में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतंत्रता के अधिकार (अनुच्छेद 21) की व्याख्या बहुत संकीर्ण रूप से की थी। शंकर प्रसाद मामले (1951) में न्यायालय ने माना कि अनुच्छेद 368 के तहत संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है। मिनर्वा मिल्स मामले (1980) ने केशवानंद भारती के निर्णय को और सुदृढ़ किया और आधारभूत ढांचे के सिद्धांत की पुष्टि की।

प्रश्न 5: राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 123
  2. अनुच्छेद 111
  3. अनुच्छेद 108
  4. अनुच्छेद 112

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 123 में किया गया है। यह शक्ति तब प्रयोग की जाती है जब संसद का कोई एक सदन या दोनों सदन सत्र में न हों और ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाए कि तत्काल कार्रवाई करना आवश्यक हो।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: अध्यादेश का वही बल और प्रभाव होता है जो संसद द्वारा पारित अधिनियम का होता है, लेकिन यह अस्थायी होता है। इसे संसद के पुनःसत्र में आने के छह सप्ताह के भीतर संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है, अन्यथा यह समाप्त हो जाता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की विधायी शक्ति से संबंधित है, जिसमें वह विधेयकों पर अपनी सहमति या असहमति व्यक्त कर सकता है। अनुच्छेद 108 दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 112 भारत के वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है।

प्रश्न 6: संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के उपराष्ट्रपति
  3. लोकसभा का अध्यक्ष
  4. भारत का महान्यायवादी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 108 के तहत आहूत संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker) करता है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: यदि अध्यक्ष अनुपस्थित हो, तो लोकसभा का उपाध्यक्ष या यदि वह भी अनुपस्थित हो, तो राज्यसभा का सभापति (जो उपराष्ट्रपति होता है) या फिर राज्यसभा के उप-सभापति बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं। हालांकि, अनुच्छेद 108(2) के अनुसार, यदि संयुक्त बैठक का प्रस्ताव करते समय, लोकसभा का अध्यक्ष पद रिक्त है, तो संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त व्यक्ति (जो लोकसभा का सदस्य होगा) कर सकता है। सामान्य नियम के अनुसार, अध्यक्ष ही अध्यक्षता करता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति संयुक्त बैठक आहूत करता है (अनुच्छेद 108), लेकिन उसकी अध्यक्षता नहीं करता। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है, लेकिन संयुक्त बैठक की अध्यक्षता तब तक नहीं करता जब तक वह भारत का उपराष्ट्रपति है; वह केवल तब अध्यक्षता कर सकता है यदि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों अनुपस्थित हों और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाए। महान्यायवादी संसद का सदस्य नहीं होता और न ही वह बैठकों की अध्यक्षता करता है।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा मूल अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत ‘जीवन के अधिकार’ की परिधि में शामिल है?

  1. केवल शारीरिक जीवन और स्वतंत्रता
  2. केवल सरकारी हस्तक्षेप से मुक्ति
  3. गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21 में कहा गया है कि “किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन या वैयक्तिक स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा।” सर्वोच्च न्यायालय ने अनेक निर्णयों (जैसे मेनका गांधी मामला) के माध्यम से इस अधिकार की व्याख्या बहुत व्यापक की है। इसमें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, आश्रय का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, निजता का अधिकार आदि शामिल हैं।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: ‘जीवन का अधिकार’ केवल पशुवत अस्तित्व तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें वे सभी पहलू शामिल हैं जो मानव जीवन को सार्थक, पूर्ण और उपयोगी बनाते हैं।
  • गलत विकल्प: केवल शारीरिक जीवन या सरकारी हस्तक्षेप से मुक्ति ‘जीवन के अधिकार’ की पूर्ण व्याख्या नहीं है। यह अधिकार इनसे कहीं अधिक व्यापक है और इसमें मानव गरिमा की सुरक्षा भी शामिल है।

प्रश्न 8: भारतीय संविधान के कौन से अनुच्छेद राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से संबंधित हैं?

  1. अनुच्छेद 36-51
  2. अनुच्छेद 12-35
  3. अनुच्छेद 52-78
  4. अनुच्छेद 239-242

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, जिसमें राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) वर्णित हैं, अनुच्छेद 36 से लेकर अनुच्छेद 51 तक फैला हुआ है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: ये सिद्धांत न्यायोचित नहीं हैं, जिसका अर्थ है कि वे न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं। इनका उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है, जो सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र को बढ़ावा दे।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 12-35 मौलिक अधिकारों से संबंधित हैं। अनुच्छेद 52-78 संघ की कार्यपालिका से संबंधित हैं। अनुच्छेद 239-242 संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित हैं।

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सी एक ‘संवैधानिक संस्था’ (Constitutional Body) नहीं है?

  1. भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
  2. भारत का महान्यायवादी (Attorney General of India)
  3. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC)
  4. नीति आयोग (NITI Aayog)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग, जिसका गठन 1 जनवरी 2015 को हुआ, एक गैर-संवैधानिक (या अतिरिक्त-संवैधानिक) संस्था है। यह एक कार्यकारी आदेश द्वारा गठित एक थिंक टैंक है। भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अनुच्छेद 148 में, महान्यायवादी अनुच्छेद 76 में, और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग अनुच्छेद 338 में संवैधानिक निकायों के रूप में वर्णित हैं।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में किया गया हो और उनके गठन, शक्तियां और कार्य संविधान में वर्णित हों।
  • गलत विकल्प: CAG (अनुच्छेद 148), महान्यायवादी (अनुच्छेद 76), और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (अनुच्छेद 338) सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि उनका उल्लेख संविधान में है। नीति आयोग का कोई संवैधानिक आधार नहीं है।

प्रश्न 10: ‘विधि के शासन’ (Rule of Law) की अवधारणा को भारतीय संविधान में किस देश के संविधान से प्रेरित माना जाता है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. ब्रिटेन
  3. फ्रांस
  4. आयरलैंड

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: ‘विधि के शासन’ की अवधारणा, जिसे अनुच्छेद 14 द्वारा भारत में स्थापित किया गया है, मुख्य रूप से ब्रिटिश संवैधानिक परंपरा से प्रेरित है। यह ए.वी. डाइसी (A.V. Dicey) द्वारा प्रतिपादित एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: विधि के शासन के तीन मुख्य तत्व हैं: (1) कानून की सर्वोच्चता, (2) कानून के समक्ष समानता, और (3) निष्पक्ष न्यायपालिका। अनुच्छेद 14 इन सिद्धांतों का ही प्रतिबिंब है।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से हमने मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनर्विलोकन, उपराष्ट्रपति पद आदि लिए हैं। फ्रांस से स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्श आए हैं। आयरलैंड से हमने नीति निदेशक तत्व और राष्ट्रपति के निर्वाचन की विधि ली है।

प्रश्न 11: भारतीय संविधान के निम्नलिखित अनुच्छेदों में से कौन सा अनुच्छेद लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 15
  2. अनुच्छेद 16
  3. अनुच्छेद 17
  4. अनुच्छेद 18

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16, मूल अधिकारों के अंतर्गत, लोक नियोजन के विषयों में सभी नागरिकों को अवसर की समानता की गारंटी देता है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: इस अनुच्छेद के अनुसार, राज्य किसी भी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर केवल लोक नियोजन के किसी मामले में कोई भेद नहीं करेगा। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी हैं, जैसे कि निवास स्थान की शर्त (अनुच्छेद 16(3)) या आरक्षण (अनुच्छेद 16(4))।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है, लेकिन यह लोक नियोजन के संदर्भ में विशेष रूप से नहीं है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है, और अनुच्छेद 18 उपाधियों का अंत करता है।

प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन भारत का प्रथम नागरिक होता है?

  1. भारत के प्रधानमंत्री
  2. भारत के राष्ट्रपति
  3. लोकसभा का अध्यक्ष
  4. भारत के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय गणराज्य के प्रथम नागरिक भारत के राष्ट्रपति होते हैं। यह एक पारंपरिक पद है जो संवैधानिक और राजनीतिक व्यवस्था में उनके सर्वोच्च स्थान को दर्शाता है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: राष्ट्रपति, संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार, संघ की कार्यपालिका का प्रमुख होता है और देश का राष्ट्राध्यक्ष होता है। प्रोटोकॉल और सम्मान की दृष्टि से उन्हें पहला नागरिक माना जाता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, राष्ट्रपति देश का राष्ट्राध्यक्ष। लोकसभा अध्यक्ष विधायी शाखा का प्रमुख होता है, और मुख्य न्यायाधीश न्यायिक शाखा का। ये सभी महत्वपूर्ण पद हैं, लेकिन ‘प्रथम नागरिक’ का दर्जा राष्ट्रपति को प्राप्त है।

प्रश्न 13: भारत के संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है?

  1. भाग IX
  2. भाग IX-A
  3. भाग IV-A
  4. भाग VII

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया, पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) से संबंधित है। इसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक शामिल हैं।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: यह भाग पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है और उनकी संरचना, शक्तियों, कार्यों और वित्त व्यवस्था के संबंध में प्रावधान करता है।
  • गलत विकल्प: भाग IX-A नगरपालिकाओं से संबंधित है (74वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया)। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग VII अब भारतीय संविधान में मौजूद नहीं है (यह राज्यों के प्रथम अनुसूची के भाग B को निरस्त करता है)।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को किसी भी मामले में सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति प्रदान करता है?

  1. अनुच्छेद 143
  2. अनुच्छेद 142
  3. अनुच्छेद 141
  4. अनुच्छेद 144

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वे किसी भी ऐसे प्रश्न पर, जो सार्वजनिक महत्व का हो या जो संविधान की व्याख्या से संबंधित हो, सर्वोच्च न्यायालय की राय या सलाह मांग सकते हैं।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: सर्वोच्च न्यायालय की सलाह राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं होती है, हालांकि यह महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसी तरह, अनुच्छेद 142 में सर्वोच्च न्यायालय की डिक्री या आदेशों के प्रवर्तन आदि से संबंधित प्रावधान हैं, और अनुच्छेद 141 में यह कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित कानून सभी न्यायालयों पर बाध्यकारी होगा।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 142 सर्वोच्च न्यायालय की कुछ शक्तियों से संबंधित है, न कि राष्ट्रपति की सलाह मांगने की शक्ति से। अनुच्छेद 141 सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की बाध्यता से है। अनुच्छेद 144 सभी प्राधिकारियों को सर्वोच्च न्यायालय की सहायता में कार्य करने के लिए बाध्य करता है।

प्रश्न 15: मौलिक कर्तव्य संविधान के किस भाग में वर्णित हैं?

  1. भाग III-A
  2. भाग IV-A
  3. भाग V
  4. भाग III

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV-A, 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया। इसमें केवल एक ही अनुच्छेद है: अनुच्छेद 51-A, जिसमें नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों का वर्णन किया गया है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: ये कर्तव्य सोवियत संघ (अब रूस) के संविधान से प्रेरित हैं और इन्हें स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर शामिल किया गया था।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और संसद से संबंधित है। भाग III-A कोई अलग भाग नहीं है।

प्रश्न 16: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक:

  1. संवैधानिक निकाय
  2. संसदीय कानून द्वारा स्थापित निकाय
  3. कार्यकारी आदेश द्वारा स्थापित निकाय
  4. अंतर्राष्ट्रीय निकाय

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का गठन ‘मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993’ (Protection of Human Rights Act, 1993) के तहत किया गया था। यह एक संविधिक (Statutory) निकाय है, जिसका अर्थ है कि यह संसद द्वारा पारित एक विशेष कानून द्वारा स्थापित किया गया है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: NHRC भारत में मानवाधिकारों का प्रहरी है और इसके अध्यक्ष का पद आमतौर पर भारत के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश के पास होता है।
  • गलत विकल्प: यह संवैधानिक निकाय नहीं है क्योंकि इसका उल्लेख संविधान में नहीं है। यह कार्यकारी आदेश से स्थापित नहीं हुआ, बल्कि एक अधिनियम से हुआ। यह कोई अंतर्राष्ट्रीय निकाय भी नहीं है, बल्कि भारत के राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करता है।

प्रश्न 17: भारत में दल-बदल के आधार पर किसी सदस्य की अयोग्यता से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख संविधान की किस अनुसूची में है?

  1. सातवीं अनुसूची
  2. आठवीं अनुसूची
  3. दसवीं अनुसूची
  4. बारहवीं अनुसूची

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची, जिसे 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था, संसद और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों की दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: इस अनुसूची का उद्देश्य विधायकों को दल-बदल करने से रोकना और राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देना था।
  • गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से संबंधित है। आठवीं अनुसूची भाषाओं से संबंधित है। बारहवीं अनुसूची नगरपालिकाओं की शक्तियों और उत्तरदायित्वों से संबंधित है।

प्रश्न 18: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राज्य के लिए पंचायतों का गठन किया जाता है?

  1. अनुच्छेद 40
  2. अनुच्छेद 44
  3. अनुच्छेद 48
  4. अनुच्छेद 51

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 40, जो राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है, राज्यों को पंचायतों के गठन के लिए कदम उठाने का निर्देश देता है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: हालांकि अनुच्छेद 40 एक नीति निदेशक तत्व है और न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है, 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने भाग IX जोड़कर पंचायतों को संवैधानिक दर्जा और अनिवार्य प्रावधान प्रदान किए।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 44 समान नागरिक संहिता से संबंधित है। अनुच्छेद 48 कृषि और पशुपालन के संगठन से संबंधित है। अनुच्छेद 51 अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने से संबंधित है।

प्रश्न 19: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 256

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा अनुच्छेद 352 के तहत कर सकते हैं। यह युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लागू होता है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित होनी चाहिए। इसे अधिकतम एक वर्ष तक लागू रखा जा सकता है, बशर्ते संसद इसका अनुमोदन जारी रखे।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 256 राज्यों द्वारा अपने दायित्वों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए संघ के निर्देशों का पालन करने से संबंधित है।

प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन भारत के संविधान में ‘मौलिक कर्तव्य’ के रूप में सूचीबद्ध नहीं है?

  1. संवैधानिक आदर्शों और राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना
  2. अस्पृश्यता का उन्मूलन करना
  3. सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना
  4. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना विकसित करना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: ‘अस्पृश्यता का उन्मूलन करना’ एक मौलिक अधिकार है, जो संविधान के अनुच्छेद 17 में वर्णित है। यह नागरिकों का कर्तव्य नहीं, बल्कि एक अधिकार है जिसे राज्य द्वारा संरक्षित किया जाता है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: अन्य सभी विकल्प (a, c, d) संविधान के अनुच्छेद 51-A के तहत नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों में सूचीबद्ध हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (c), और (d) स्पष्ट रूप से मौलिक कर्तव्य हैं। विकल्प (b) मौलिक अधिकार है, न कि मौलिक कर्तव्य।

प्रश्न 21: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (CAG) के पद का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 148
  2. अनुच्छेद 149
  3. अनुच्छेद 150
  4. अनुच्छेद 151

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के पद का प्रावधान करता है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: CAG भारत के सभी वित्तीय लेन-देन का लेखा-जोखा रखता है और यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक धन का व्यय कानूनों और नियमों के अनुसार हो। वह संसद के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 149 CAG के कर्तव्यों और शक्तियों से संबंधित है। अनुच्छेद 150 खातों के प्रारूप से संबंधित है। अनुच्छेद 151 लेखापरीक्षा रिपोर्टों से संबंधित है।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत की न्यायिक प्रणाली के संबंध में सही नहीं है?

  1. भारत में एकीकृत न्यायपालिका है।
  2. सर्वोच्च न्यायालय अंतिम अपीलीय न्यायालय है।
  3. न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति सर्वोच्च न्यायालय के पास है।
  4. न्यायिक सक्रियता (Judicial Activism) का सिद्धांत सीधे तौर पर संविधान में वर्णित है।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: न्यायिक सक्रियता (Judicial Activism) एक ऐसी अवधारणा है जहाँ न्यायपालिका अपने संवैधानिक दायरे से बढ़कर सार्वजनिक हित में निर्णय लेती है। यद्यपि यह भारतीय न्यायपालिका का एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है, यह सिद्धांत सीधे तौर पर किसी भी अनुच्छेद में स्पष्ट रूप से वर्णित नहीं है, बल्कि न्यायालयों द्वारा व्याख्याओं और फैसलों से विकसित हुआ है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: भारत में एक एकीकृत न्यायपालिका है, जिसका अर्थ है कि सर्वोच्च न्यायालय के ऊपर उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों की एक पदानुक्रमित संरचना है (विकल्प a सही है)। सर्वोच्च न्यायालय अंतिम अपीलीय न्यायालय है (विकल्प b सही है)। न्यायालयों, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय के पास, संविधान के साथ असंगत कानूनों को शून्य घोषित करने की शक्ति है, जिसे न्यायिक पुनर्विलोकन (Judicial Review) कहते हैं (विकल्प c सही है, यह अनुच्छेद 13, 32, 137 आदि से जुड़ा है)।
  • गलत विकल्प: विकल्प (d) असत्य है क्योंकि न्यायिक सक्रियता एक विकसित सिद्धांत है, न कि सीधे संविधान में लिखा गया प्रावधान।

प्रश्न 23: भारत मेंFINANCE COMMISSION (वित्त आयोग) का गठन कितने वर्षों के अंतराल पर होता है?

  1. 3 वर्ष
  2. 4 वर्ष
  3. 5 वर्ष
  4. 6 वर्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 280, भारत के राष्ट्रपति को प्रत्येक पांचवें वर्ष या उससे पहले एक वित्त आयोग का गठन करने का अधिकार देता है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच तथा राज्यों के बीच वित्तीय संसाधनों के वितरण के संबंध में अपनी सिफारिशें देता है।
  • गलत विकल्प: वित्त आयोग का गठन पांच साल के अंतराल पर होता है, जैसा कि अनुच्छेद 280(1) में निर्दिष्ट है।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा राज्य का नीति निदेशक तत्व (DPSP) कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से सबसे अधिक जुड़ा हुआ है?

  1. पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना
  2. ग्राम पंचायतों का गठन
  3. पोषण के स्तर और जीवन स्तर को ऊपर उठाने का प्रयास
  4. अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 47, जो राज्य को लोक स्वास्थ्य के लिए पोषाहार के स्तर, जीवन स्तर को ऊपर उठाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार को अपना प्राथमिक कर्तव्य माने जाने का निर्देश देता है, कल्याणकारी राज्य की अवधारणा का एक मुख्य तत्व है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: कल्याणकारी राज्य वह होता है जो अपने नागरिकों के सामाजिक और आर्थिक कल्याण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाता है।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प भी महत्वपूर्ण हैं: अनुच्छेद 48A पर्यावरण संरक्षण की बात करता है, अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों की बात करता है, और अनुच्छेद 51 अंतर्राष्ट्रीय शांति की बात करता है। लेकिन सीधे तौर पर जनता के जीवन स्तर और स्वास्थ्य सुधार से जुड़ा अनुच्छेद 47 कल्याणकारी राज्य के अधिक प्रत्यक्ष उदाहरण प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 25: संविधान में ‘आपातकालीन उपबंध’ (Emergency Provisions) किस भाग में दिए गए हैं?

  1. भाग XIV
  2. भाग XV
  3. भाग XVIII
  4. भाग XX

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XVIII, जिसमें अनुच्छेद 352 से 360 तक शामिल हैं, आपातकालीन उपबंधों से संबंधित है।
  • संदर्भ एवं व्याख्या: इस भाग में राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता (राष्ट्रपति शासन, अनुच्छेद 356) और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) का प्रावधान है।
  • गलत विकल्प: भाग XIV में संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं (अनुच्छेद 308-323) हैं। भाग XV चुनाव से संबंधित है (अनुच्छेद 324-329)। भाग XX संविधान संशोधन से संबंधित है (अनुच्छेद 368)।

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