संविधान की कसौटी: आज ही अपनी पकड़ मज़बूत करें
नमस्कार, संविधान के जिज्ञासुओं! आज का दिन भारतीय राजव्यवस्था की आपकी समझ को परखने का है। यह वो मंच है जहाँ आप अपने वैचारिक ज्ञान की गहराई को नाप सकते हैं और अपने ज्ञान को एक नई धार दे सकते हैं। आइए, भारत के लोकतांत्रिक ढांचे के हर पहलू पर अपनी पकड़ को और मज़बूत करें!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वे किसी भी विधि के प्रश्न पर, जिस पर सार्वजनिक महत्व का आधारित है, सर्वोच्च न्यायालय की राय माँगें?
- अनुच्छेद 129
- अनुच्छेद 131
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 147
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 (सलाहकारी अधिकार क्षेत्र) राष्ट्रपति को यह शक्ति प्रदान करता है कि वे किसी भी लोक महत्व के विधि या तथ्य के प्रश्न पर, जो उत्पन्न हुआ हो या उत्पन्न होने की संभावना हो, सर्वोच्च न्यायालय की राय माँगें।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति द्वारा मांगी गई राय सर्वोच्च न्यायालय के लिए बाध्यकारी नहीं होती, यद्यपि इसे महत्व दिया जाता है। यह राष्ट्रपति को निर्णय लेने में सहायता के लिए है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 129 सर्वोच्च न्यायालय को अभिलेख न्यायालय (Court of Record) होने का दर्जा देता है। अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार (Original Jurisdiction) से संबंधित है। अनुच्छेद 147 ‘व्याख्या’ (Interpretation) के बारे में है।
प्रश्न 2: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘राज्यों के नीति निदेशक तत्व’ (Directive Principles of State Policy) का उल्लेख है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
- भाग VI
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्यों के नीति निदेशक तत्वों का वर्णन करता है।
- संदर्भ और विस्तार: ये तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और विधि बनाने में राज्य इन तत्वों का प्रयोग करेगा। हालांकि, ये न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं। इन्हें आयरलैंड के संविधान से प्रेरित होकर शामिल किया गया है।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका (Union Executive) से संबंधित है। भाग VI राज्यों की कार्यपालिका (State Executive) से संबंधित है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा एक मौलिक अधिकार नहीं है?
- समानता का अधिकार
- स्वतंत्रता का अधिकार
- शोषण के विरुद्ध अधिकार
- संपत्ति का अधिकार
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संपत्ति का अधिकार, जो मूल रूप से अनुच्छेद 31 में एक मौलिक अधिकार था, को 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा हटा दिया गया था। अब यह अनुच्छेद 300A के तहत एक कानूनी (संवैधानिक) अधिकार है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान वर्तमान में नागरिकों को छह प्रमुख मौलिक अधिकार प्रदान करता है: समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18), स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22), शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24), धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28), सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार (अनुच्छेद 29-30), और संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) वर्तमान में भारतीय संविधान के तहत मौलिक अधिकार हैं।
प्रश्न 4: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?
- भारत का राष्ट्राध्यक्ष वंशानुगत होगा।
- भारत का राष्ट्राध्यक्ष निर्वाचित होगा।
- भारत का राष्ट्राध्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होगा।
- भारत का राष्ट्राध्यक्ष मनोनीत होगा।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और संदर्भ: प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (राष्ट्रपति) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है, न कि वंशानुगत।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में, राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से संसद के दोनों सदनों और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा एक निर्वाचक मंडल के माध्यम से चुने जाते हैं। यह पद वंशानुगत नहीं है, जो भारत को एक गणराज्य बनाता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) राजशाही (Monarchy) का लक्षण है। विकल्प (c) आंशिक रूप से सत्य हो सकता है, लेकिन ‘निर्वाचित’ होना मुख्य अर्थ है। विकल्प (d) मनोनीत राष्ट्राध्यक्ष वाले देशों में होता है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘मूल संरचना सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) का प्रतिपादन किया?
- शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ
- सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक बड़ी बेंच ने यह ऐतिहासिक निर्णय दिया कि संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है, लेकिन संविधान की ‘मूल संरचना’ को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत ने संसद की संशोधन शक्ति पर महत्वपूर्ण अंकुश लगाया और संविधान की सर्वोच्चता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मूल संरचना में न्यायपालिका की स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: शंकर प्रसाद (1951) और सज्जन सिंह (1965) के मामलों में न्यायालय ने माना था कि अनुच्छेद 368 के तहत संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है। मिनर्वा मिल्स (1980) मामले ने केशवानंद भारती के निर्णय को पुनः पुष्ट किया।
प्रश्न 6: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (Comptroller and Auditor General – CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा के अध्यक्ष
- वित्त मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख होता है और वह भारत तथा राज्यों की संचित निधियों (Consolidated Funds) से व्यय की लेखा परीक्षा करता है। उसका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या वित्त मंत्री CAG की नियुक्ति नहीं करते।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा ‘आठवीं अनुसूची’ में शामिल नहीं है?
- डोगरी
- बोडो
- राजस्थानी
- संथाली
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और संदर्भ: आठवीं अनुसूची में भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं का उल्लेख है। राजस्थानी भाषा इनमें शामिल नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: डोगरी, बोडो, संथाली और मैथिली को 92वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2004 द्वारा शामिल किया गया था। राजस्थानी को शामिल करने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अभी तक इसे आधिकारिक मान्यता नहीं मिली है।
- गलत विकल्प: डोगरी (71वें संशोधन, 2003), बोडो (92वें संशोधन, 2003), और संथाली (92वें संशोधन, 2003) सभी आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाएँ हैं।
प्रश्न 8: भारत में ”, ”, ” और ” के लिए आपातकाल की घोषणा की जा सकती है।
- युद्ध, बाहरी आक्रमण, सशस्त्र विद्रोह
- युद्ध, बाहरी आक्रमण, राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा
- युद्ध, आंतरिक अशांति, सशस्त्र विद्रोह
- बाहरी आक्रमण, आंतरिक अशांति, राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) से संबंधित है। इसके तहत आपातकाल की घोषणा ‘युद्ध’, ‘बाहरी आक्रमण’ या ‘सशस्त्र विद्रोह’ के आधार पर की जा सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: ‘सशस्त्र विद्रोह’ शब्द को 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा ‘आंतरिक अशांति’ (Internal Disturbance) के स्थान पर प्रतिस्थापित किया गया था, ताकि इसका दुरुपयोग रोका जा सके।
- गलत विकल्प: राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा या केवल आंतरिक अशांति (बिना सशस्त्र विद्रोह के) अब अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल का आधार नहीं हैं।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) है?
- नीति आयोग
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) एक संवैधानिक निकाय है, जिसका प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 315 में किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनकी स्थापना सीधे संविधान के प्रावधानों के तहत की जाती है। UPSC भारत की केंद्रीय भर्ती एजेंसी है।
- गलत विकल्प: नीति आयोग (NITI Aayog) एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) द्वारा स्थापित एक गैर-संवैधानिक निकाय (Non-Constitutional Body) है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत स्थापित एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) है। CBI गृह मंत्रालय के एक प्रस्ताव (Resolution) द्वारा स्थापित एक जाँच एजेंसी है, जिसका कोई विशेष अधिनियम नहीं है, इसलिए यह एक गैर-सांविधिक और गैर-संवैधानिक निकाय है।
प्रश्न 10: ‘संविधान की आत्मा’ (Soul of the Constitution) के रूप में किसे जाना जाता है?
- प्रस्तावना
- मौलिक अधिकार
- राज्य के नीति निदेशक तत्व
- मौलिक कर्तव्य
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना को ‘संविधान की आत्मा’ कहा जाता है। इसे संविधान के उद्देश्यों, मूल्यों और दर्शन का सार माना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: कुछ विद्वान और नेता, जैसे कि पंडित ठाकुर दास भार्गव, ने प्रस्तावना को संविधान की आत्मा कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी (Kesavananda Bharati मामले में) प्रस्तावना को संविधान का एक अभिन्न अंग माना है।
- गलत विकल्प: मौलिक अधिकार, नीति निदेशक तत्व और मौलिक कर्तव्य भी संविधान के महत्वपूर्ण अंग हैं, लेकिन प्रस्तावना को प्रायः समग्र सार के रूप में ‘संविधान की आत्मा’ कहा जाता है।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
- अनुच्छेद 54: राष्ट्रपति का निर्वाचन
- अनुच्छेद 63: भारत का उपराष्ट्रपति
- अनुच्छेद 75: प्रधानमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति
- अनुच्छेद 110: वार्षिक वित्तीय विवरण
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 110 ‘धन विधेयक’ (Money Bill) की परिभाषा से संबंधित है, न कि ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ (Annual Financial Statement) से।
- संदर्भ और विस्तार: वार्षिक वित्तीय विवरण का उल्लेख अनुच्छेद 112 में किया गया है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति के निर्वाचन से, अनुच्छेद 63 भारत के उपराष्ट्रपति के पद से, और अनुच्छेद 75 प्रधानमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति से संबंधित है, इसलिए ये सभी युग्म सही सुमेलित हैं।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान के अनुसार, मौलिक कर्तव्यों को किस भाग में शामिल किया गया है?
- भाग III A
- भाग IV A
- भाग V A
- भाग VI A
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IV A में नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) का उल्लेख है। यह भाग 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस भाग में अनुच्छेद 51A के तहत 11 मौलिक कर्तव्यों को सूचीबद्ध किया गया है, जिन्हें स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर शामिल किया गया था।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकार, भाग V संघ, और भाग VI राज्य सरकारों से संबंधित हैं।
प्रश्न 13: भारत में ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ (DPSP) कहाँ से लिए गए हैं?
- ब्रिटिश संविधान
- अमेरिकी संविधान
- आयरलैंड का संविधान
- कनाडाई संविधान
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और संदर्भ: भारतीय संविधान के राज्य के नीति निदेशक तत्व आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: आयरिश संविधान के अनुच्छेद 45 में राज्य के नीति निदेशक तत्वों का उल्लेख है, जिसे स्पेनिश संविधान से भी प्रेरणा मिली है। ये तत्व राज्य को सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए मार्गदर्शन करते हैं।
- गलत विकल्प: ब्रिटिश संविधान संसदीय प्रणाली, अमेरिकी संविधान मौलिक अधिकार और न्यायिक समीक्षा, तथा कनाडाई संविधान एक मजबूत केंद्र के साथ संघीय प्रणाली से संबंधित हैं।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन संसद के किसी भी सदन का सदस्य हुए बिना, एक मंत्री के रूप में कार्य कर सकता है?
- केवल केंद्रीय मंत्री
- केवल प्रधानमंत्री
- संसद का कोई भी सदस्य
- कोई भी भारतीय नागरिक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 75(5) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं है, उसे प्रधानमंत्री या मंत्री नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन उसे नियुक्ति के छह महीने की अवधि के भीतर संसद के किसी भी सदन की सदस्यता प्राप्त करनी होगी।
- संदर्भ और विस्तार: इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री या मंत्री बनने के लिए संसद का सदस्य होना आवश्यक नहीं है, लेकिन यदि वह सदस्य नहीं है, तो उसे छह महीने के भीतर सदस्यता लेनी होगी, अन्यथा उसे पद छोड़ना होगा।
- गलत विकल्प: केंद्रीय मंत्री भी यही नियम लागू होता है। संसद का कोई भी सदस्य पहले से ही सदस्य होता है। कोई भी भारतीय नागरिक तब तक कार्य नहीं कर सकता जब तक वह उपरोक्त शर्त पूरी न करे।
प्रश्न 15: भारत के राष्ट्रपति के महाभियोग (Impeachment) की प्रक्रिया का उल्लेख किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 61
- अनुच्छेद 56
- अनुच्छेद 60
- अनुच्छेद 62
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 61 भारतीय संविधान में राष्ट्रपति के महाभियोग (Impeachment) की प्रक्रिया का वर्णन करता है।
- संदर्भ और विस्तार: महाभियोग एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया है जिसे ‘संविधान के अतिक्रमण’ (Violation of the Constitution) के आधार पर शुरू किया जा सकता है। यह प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन द्वारा एक-चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर से शुरू किया जा सकता है, और इसके लिए 14 दिन की पूर्व सूचना देनी होती है। महाभियोग के प्रस्ताव को उस सदन की कुल सदस्यता के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित होना चाहिए।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के कार्यकाल से, अनुच्छेद 60 राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान से, और अनुच्छेद 62 राष्ट्रपति पद की रिक्ति को भरने के लिए चुनाव का उल्लेख करता है।
प्रश्न 16: ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ (Judicial Review) की शक्ति भारतीय संविधान में किस देश से ली गई है?
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और संदर्भ: न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति, जिसके तहत न्यायालय विधानों (Laws) और कार्यपालिका के आदेशों की संवैधानिकता की जाँच कर सकते हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से ली गई है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में, सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 137 के तहत अपने निर्णयों की समीक्षा कर सकता है और अन्य कानूनों की संवैधानिकता की जाँच अनुच्छेद 32 (मौलिक अधिकारों के संदर्भ में) और अनुच्छेद 131-136 (अन्य मामलों में) के तहत करता है।
- गलत विकल्प: यूके में संसदीय सर्वोच्चता है, कनाडा में ‘नियत प्रक्रिया’ (Due Process) की अवधारणा है, और ऑस्ट्रेलिया में अवशिष्ट विधायी शक्ति (Residual Legislative Power) जैसी अवधारणाएं हैं।
प्रश्न 17: भारतीय संविधान का कौन सा संशोधन ‘पंचायती राज’ संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है?
- 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वाँ संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वाँ संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1992, जिसने संविधान में भाग IX और 11वीं अनुसूची जोड़ी, पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन पंचायती राज को स्व-शासन की एक ‘संस्था’ के रूप में मान्यता देता है और उन्हें 29 विषयों पर कानून बनाने की शक्ति देता है।
- गलत विकल्प: 74वाँ संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वें और 65वें संशोधन पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देने के प्रयास थे, लेकिन वे पारित नहीं हो सके।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद ‘संसद’ और ‘राज्य विधानमंडलों’ द्वारा बनाए गए कानूनों की समीक्षा के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय को शक्ति प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 226
- अनुच्छेद 143
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 13 स्पष्ट रूप से कहता है कि जो भी कानून मौलिक अधिकारों से असंगत होगा, वह उस सीमा तक शून्य माना जाएगा। यह अनुच्छेद सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद सुनिश्चित करता है कि संसद या राज्य विधानमंडल ऐसे कानून नहीं बना सकते जो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हों।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 32 सर्वोच्च न्यायालय को बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार पृच्छा और उत्प्रेषण (Certiorari) जैसे रिट जारी करने की शक्ति देता है, जो मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए हैं। अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को ऐसी ही शक्ति देता है। अनुच्छेद 143 सलाहकार क्षेत्राधिकार से संबंधित है।
प्रश्न 19: भारत के उपराष्ट्रपति का निर्वाचन निम्नलिखित में से किसके द्वारा किया जाता है?
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
- संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य
- लोकसभा के सदस्य
- राज्यसभा के सदस्य
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 66 के अनुसार, भारत के उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों (निर्वाचित और मनोनीत दोनों) से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह राष्ट्रपति के निर्वाचन से भिन्न है, जहाँ केवल निर्वाचित सदस्य ही भाग लेते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति के निर्वाचन में केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) भाग लेते हैं।
प्रश्न 20: संविधान के किस भाग में ‘संघ और राज्यों के बीच विधायी संबंध’ (Legislative Relations between Union and States) का उल्लेख है?
- भाग X
- भाग XI
- भाग XII
- भाग XIII
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XI, अनुच्छेद 245 से 255 तक, संघ और राज्यों के बीच विधायी संबंधों की व्याख्या करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें संसद की विधायी शक्तियों का विस्तार (अनुच्छेद 245) और राज्यों के विधानमंडल की शक्तियों का विस्तार, विधायी मामलों में समवर्ती सूची (Concurrent List) आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: भाग Xअनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों से संबंधित है। भाग XII वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद (Finance, Property, Contracts and Suits) से संबंधित है। भाग XIII भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम (Trade, Commerce and Intercourse within the Territory of India) से संबंधित है।
प्रश्न 21: किस संशोधन ने यह प्रावधान किया कि मूल अधिकारों को छोड़कर किसी भी अन्य उपबंधों को सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालयों द्वारा असंवैधानिक घोषित नहीं किया जा सकता?
- 24वाँ संशोधन अधिनियम, 1971
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 24वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1971, एक महत्वपूर्ण संशोधन था जिसने अनुच्छेद 13 और अनुच्छेद 368 में संशोधन करके यह स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 368 के तहत संसद द्वारा किए गए संविधान संशोधन को किसी भी आधार पर (मौलिक अधिकारों के संदर्भ में भी) चुनौती नहीं दी जा सकती।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, बाद में केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने इस संशोधन के कुछ हिस्सों को रद्द कर दिया और ‘मूल संरचना सिद्धांत’ पेश किया, जिसने संसद की संशोधन शक्ति को सीमित कर दिया।
- गलत विकल्प: 42वाँ संशोधन बहुत व्यापक था और इसने प्रस्तावना और अन्य भागों को भी प्रभावित किया। 44वाँ संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा दिया और आंतरिक अशांति को सशस्त्र विद्रोह से बदला। 52वाँ संशोधन दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है।
प्रश्न 22: भारत में ‘लोकसभा’ (House of the People) के अध्यक्ष को कौन पदच्युत (Remove) कर सकता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- सर्वोच्च न्यायालय
- लोकसभा के तत्कालीन सभी सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प
- लोकसभा के तत्कालीन 30 दिनों का पूर्व लिखित सूचना देकर 2/3 बहुमत से पारित संकल्प
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 94 के अनुसार, लोकसभा का अध्यक्ष तब पद से हटाया जा सकता है जब वह लोकसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा हटाया जाए।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, ऐसा संकल्प तब तक प्रस्तावित नहीं किया जाएगा जब तक कि अध्यक्ष को हटाने के इरादे की कम से कम 14 दिन पहले लिखित सूचना न दी गई हो। यह संकल्प लोकसभा के स्पीकर द्वारा पद त्यागने या लोकसभा का सदस्य बने रहने पर स्वतः पदच्युत हो जाने से भिन्न है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति या सर्वोच्च न्यायालय सीधे अध्यक्ष को पदच्युत नहीं कर सकते। विकल्प (d) में 30 दिनों का उल्लेख गलत है, जो 14 दिन होना चाहिए, और पदच्युति के लिए ‘सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत’ की आवश्यकता होती है, न कि ‘2/3 बहुमत’ की।
प्रश्न 23: ‘पंचायतों’ का उल्लेख भारतीय संविधान की किस अनुसूची में है?
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- ग्यारहवीं अनुसूची
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: पंचायतों से संबंधित प्रावधान भारतीय संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में शामिल हैं। यह अनुसूची 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ी गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: ग्यारहवीं अनुसूची में पंचायतों को सौंपे जाने वाले 29 विषयों की सूची है, जो पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने के लिए हैं।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन (संघ सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची) से संबंधित है। आठवीं अनुसूची आधिकारिक भाषाओं से संबंधित है। नौवीं अनुसूची भूमि सुधारों से संबंधित कानूनों की सुरक्षा के लिए है।
प्रश्न 24: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21A (शिक्षा का अधिकार) किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 86वाँ संशोधन अधिनियम, 2002
- 91वाँ संशोधन अधिनियम, 2003
- 97वाँ संशोधन अधिनियम, 2011
- 101वाँ संशोधन अधिनियम, 2016
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 ने अनुच्छेद 21A को जोड़ा, जिसने 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए ‘सशक्त, मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा’ को मौलिक अधिकार बना दिया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने अनुच्छेद 45 को भी संशोधित किया ताकि राज्य प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करे, और अनुच्छेद 51A में एक नया मौलिक कर्तव्य (11वाँ) जोड़ा गया कि माता-पिता या अभिभावक अपने 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प अन्य महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधनों से संबंधित हैं, जैसे 91वाँ (मंत्रिपरिषद का आकार), 97वाँ (सहकारी समितियाँ), और 101वाँ (GST)।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन ‘राज्य का विधानमंडल’ (State Legislature) का अंग नहीं है?
- राज्यपाल
- विधान परिषद (यदि अस्तित्व में है)
- विधान सभा
- उच्च न्यायालय
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 168 के अनुसार, प्रत्येक राज्य के लिए एक विधानमंडल होगा जिसमें राज्यपाल, और या तो विधान सभा (Assembly) या विधान सभा और विधान परिषद (Council) दोनों शामिल होंगे।
- संदर्भ और विस्तार: इसका मतलब है कि विधानमंडल में राज्यपाल, विधान सभा और (यदि मौजूद हो) विधान परिषद शामिल हैं। उच्च न्यायालय राज्य का एक न्यायिक अंग है, विधायी अंग नहीं।
- गलत विकल्प: राज्यपाल (अनुच्छेद 153), विधान परिषद (अनुच्छेद 169) और विधान सभा (अनुच्छेद 170) राज्य विधानमंडल के अभिन्न अंग हैं। उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 214) एक स्वतंत्र न्यायिक निकाय है।