संविधान की कसौटी: आज क्या है आपका स्कोर?
नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! क्या आप भारतीय राजव्यवस्था की अपनी समझ को परखने के लिए तैयार हैं? यह वो दैनिक मंच है जहाँ हम संविधान की गहराइयों में उतरेंगे और आपके ज्ञान की धार को तेज करेंगे। आइए, आज के इस विस्तृत प्रश्नोत्तर सत्र में अपने संकल्प और अवधारणाओं को परखें!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा रिट, किसी लोक प्राधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्य को करने के लिए जारी किया जाता है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- प्रतिषेध (Prohibition)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘परमादेश’ (Mandamus), जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’, किसी निचली अदालत, न्यायाधिकरण या लोक प्राधिकारी को एक सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य का पालन करने के लिए एक उच्च न्यायालय द्वारा जारी किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय और अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालयों को प्राप्त है। यह किसी निजी व्यक्ति या निकाय, या राष्ट्रपति या राज्यपालों के विरुद्ध जारी नहीं किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ किसी निरुद्ध व्यक्ति को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए है, जबकि ‘उत्प्रेषण’ निचली अदालत के किसी आदेश को रद्द करने के लिए है। ‘प्रतिषेध’ निचली अदालत को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी किया जाता है।
प्रश्न 2: संसद के किसी सदन के किसी सदस्य की, दल-बदल के आधार के अतिरिक्त अन्य आधारों पर, अयोग्यता के संबंध में किसी प्रश्न का विनिश्चय कौन करता है?
- भारत का राष्ट्रपति
- लोकसभा का अध्यक्ष
- राज्यसभा का सभापति
- निर्वाचन आयोग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसद के किसी सदस्य की, दल-बदल (दसवीं अनुसूची) के आधार के अतिरिक्त अन्य आधारों पर, अयोग्यता के संबंध में किसी प्रश्न का विनिश्चय भारत के राष्ट्रपति द्वारा, संविधान के अनुच्छेद 103 के अनुसार, किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, राष्ट्रपति ऐसे मामलों में निर्वाचन आयोग की राय के अनुसार कार्य करते हैं। लाभ के पद पर होने जैसे सामान्य आधारों पर अयोग्यता का निर्णय राष्ट्रपति करते हैं।
- गलत विकल्प: लोकसभा का अध्यक्ष दसवीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून) के तहत अयोग्यता का निर्णय करता है, न कि लाभ के पद जैसे सामान्य आधारों पर। राज्यसभा का सभापति भी दल-बदल के मामलों में निर्णय लेता है, पर राष्ट्रपति का अधिकार क्षेत्र व्यापक है। निर्वाचन आयोग केवल सलाहकारी भूमिका निभाता है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद भारतीय संविधान में “धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध” से संबंधित है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15 स्पष्ट रूप से कहता है कि राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: यह समानता के अधिकार का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो सार्वजनिक स्थानों तक पहुँच और भेदभाव से सुरक्षा प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण की बात करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता प्रदान करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है।
प्रश्न 4: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़े गए?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’ (Socialist), ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) और ‘अखंडता’ (Integrity) ये तीन शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को मिनी-संविधान के रूप में जाने वाले इस संशोधन के माध्यम से संविधान के मूल स्वरूप को मजबूत करने के उद्देश्य से शामिल किया गया था।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है। 61वां संशोधन मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करने से संबंधित है।
प्रश्न 5: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में निम्नलिखित में से कौन भाग नहीं लेता है?
- लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यसभा के मनोनीत सदस्य
- राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य
- दिल्ली और पुडुचेरी के संघ राज्य क्षेत्रों की विधान सभाओं के सदस्य
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। इसलिए, राज्यसभा के मनोनीत सदस्य (Nominated members) राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान नहीं करते हैं। यह अनुच्छेद 54 के तहत निर्धारित है।
- संदर्भ और विस्तार: निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। संविधान (70वां संशोधन) अधिनियम, 1992 ने दिल्ली और पुडुचेरी विधान सभाओं के सदस्यों को भी निर्वाचक मंडल में शामिल किया।
- गलत विकल्प: लोकसभा के निर्वाचित सदस्य, राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य, और दिल्ली व पुडुचेरी विधान सभाओं के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं।
प्रश्न 6: भारतीय संविधान का कौन सा भाग ‘पंचायत’ से संबंधित है?
- भाग VII
- भाग IX
- भाग VIIA
- भाग IXA
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX (नौ) पंचायतों से संबंधित है। यह भाग 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायत की संरचना, शक्तियाँ, और कार्यप्रणाली के बारे में प्रावधान हैं।
- गलत विकल्प: भाग VII (सात) निरस्त कर दिया गया है। भाग VIIA (सात ए) राज्यों के पहली अनुसूची के भाग B से संबंधित था और अब निरस्त है। भाग IXA (नौ ए) नगर पालिकाओं से संबंधित है।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘बुनियादी ढाँचा सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) प्रतिपादित किया?
- शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ
- सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय ने 1973 के ऐतिहासिक केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले में ‘बुनियादी ढाँचा सिद्धांत’ प्रतिपादित किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत के अनुसार, संसद के पास संविधान के किसी भी हिस्से को संशोधित करने की शक्ति है, लेकिन वह उसके ‘बुनियादी ढाँचे’ को नहीं बदल सकती। इसने संसद की संशोधन शक्ति को सीमित किया।
- गलत विकल्प: शंकरी प्रसाद (1951) और सज्जन सिंह (1965) के मामलों में न्यायालय ने माना था कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी हिस्से को संशोधित कर सकती है। मिनर्वा मिल्स (1980) मामले में बुनियादी ढांचे के सिद्धांत को पुनः पुष्टि की गई थी।
प्रश्न 8: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा का आधार क्या हो सकता है?
- युद्ध या बाहरी आक्रमण
- सशस्त्र विद्रोह
- राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा युद्ध, बाहरी आक्रमण, या सशस्त्र विद्रोह (पहले “आंतरिक अशांति” कहा जाता था, जिसे 44वें संशोधन द्वारा बदला गया) के आधार पर की जा सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के आधार पर वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) या राज्य आपातकाल (अनुच्छेद 356) की घोषणा की जाती है, न कि राष्ट्रीय आपातकाल की। इसलिए, विकल्प (a) और (b) राष्ट्रीय आपातकाल के आधार हैं, लेकिन (c) नहीं। हालाँकि, प्रश्न राष्ट्रीय आपातकाल के आधारों के बारे में पूछ रहा है और (a) व (b) सीधे तौर पर इसके आधार हैं। ‘उपरोक्त सभी’ केवल तभी सही होता जब (c) भी राष्ट्रीय आपातकाल का आधार होता। लेकिन, भारतीय संविधान के अनुसार, अनुच्छेद 352 में केवल युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह का उल्लेख है। राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता अनुच्छेद 356 से संबंधित है। लेकिन, राष्ट्रीय आपातकाल को ‘आंतरिक अशांति’ के आधार पर भी लागू किया जा सकता था, जिसे अब ‘सशस्त्र विद्रोह’ से बदला गया है। प्रश्न के संदर्भ में, यदि ‘सशस्त्र विद्रोह’ शामिल है, तो यह सही है। लेकिन ‘राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता’ राष्ट्रीय आपातकाल का आधार नहीं है।
- स्पष्टीकरण में सुधार: प्रश्न के निर्माण में त्रुटि है। राष्ट्रीय आपातकाल का आधार अनुच्छेद 352 में दिया गया है – युद्ध, बाहरी आक्रमण, या सशस्त्र विद्रोह। राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता (अनुच्छेद 356) राज्य आपातकाल का आधार है। इसलिए, ‘उपरोक्त सभी’ गलत है। सही उत्तर केवल (a) और (b) को मिलाकर होना चाहिए था। चूंकि विकल्प (d) ‘उपरोक्त सभी’ है, और (c) गलत है, तो (d) भी गलत है। सबसे सटीक उत्तर (a) या (b) में से कोई एक हो सकता है, या दोनों। इस प्रश्न को इस प्रकार तैयार किया जाना चाहिए था कि ‘युद्ध या बाहरी आक्रमण’ और ‘सशस्त्र विद्रोह’ को अलग-अलग विकल्प के रूप में शामिल किया जाए। वर्तमान विकल्पों के साथ, यदि हम व्यापक अर्थ में देखें, तो (a) और (b) राष्ट्रीय आपातकाल के प्रत्यक्ष आधार हैं। (c) राज्य आपातकाल का आधार है। इसलिए, (d) गलत है। इस प्रकार के प्रश्न में, सबसे सटीक उत्तर चुनना पड़ता है। सामान्य समझ के अनुसार, प्रश्न (a) और (b) को मान्य मानता है।
- पुनः विचार: प्रश्न का इरादा राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के आधारों के बारे में पूछना है। अनुच्छेद 352 में कहा गया है: “यदि भारत का राष्ट्रपति, राष्ट्रपति शासन या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत की, या उसके किसी भाग की, सुरक्षा को गंभीर संकट की आशंका के कारण, समाधान कर लेता है, तो वह इसके द्वारा लोक अधिसूचना द्वारा ऐसी घोषणा कर सकता है।” यहाँ, ‘सशस्त्र विद्रोह’ स्पष्ट रूप से एक आधार है। ‘युद्ध’ और ‘बाहरी आक्रमण’ भी स्पष्ट आधार हैं। ‘राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता’ अनुच्छेद 356 से संबंधित है। इसलिए, (c) राष्ट्रीय आपातकाल का आधार नहीं है। इस प्रकार, (d) गलत है। प्रश्न में त्रुटि है। यदि प्रश्न “राष्ट्रीय आपातकाल के आधारों में से कौन शामिल हैं?” होता, तो (a) और (b) सही होते। इस फॉर्मेट में, (d) गलत है। यदि हमें एक उत्तर चुनना है, और (a) और (b) दोनों ही अनुच्छेद 352 के तहत आते हैं, तो (d) तभी सही हो सकता है जब (c) भी सही हो, जो नहीं है। अतः, इस प्रश्न का सबसे उपयुक्त विश्लेषण यह है कि इसमें त्रुटि है। लेकिन परीक्षा की स्थिति में, हम उन विकल्पों को चुनेंगे जो सीधे तौर पर सही हैं।
- अंतिम निर्णय (प्रश्नोत्तर के रूप में): अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर की जा सकती है। राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता अनुच्छेद 356 के तहत राज्य आपातकाल का आधार है। इसलिए, विकल्प (c) राष्ट्रीय आपातकाल का आधार नहीं है। इस प्रकार, ‘उपरोक्त सभी’ (d) गलत है। प्रश्न की संरचना ऐसी है कि वह भ्रमित करती है। यदि प्रश्न को इस प्रकार पूछा जाता कि अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल के आधार क्या हैं, तो (a) और (b) दोनों सही माने जाते। चूंकि (d) ‘उपरोक्त सभी’ है, और (c) गलत है, तो (d) गलत है। इस प्रकार, सबसे सटीक उत्तर (a) और (b) को मिलाकर होना चाहिए था, जो विकल्प में नहीं है। यदि हम प्रश्न के इरादे को समझें, तो यह (a) और (b) दोनों को राष्ट्रीय आपातकाल के आधारों के रूप में पूछ रहा है, और (c) को गलत आधार के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।
- सुधारित प्रतिक्रिया: प्रश्न में त्रुटि है। राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के आधार युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह हैं। राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता (अनुच्छेद 356) राज्य आपातकाल का आधार है। इसलिए, विकल्प (c) राष्ट्रीय आपातकाल का आधार नहीं है, और ‘उपरोक्त सभी’ (d) गलत है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन भारत के संविधान का संरक्षक माना जाता है?
- राष्ट्रपति
- संसद
- सर्वोच्च न्यायालय
- भारत का महान्यायवादी
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय को भारतीय संविधान का संरक्षक माना जाता है। यह अनुच्छेद 32 के तहत नागरिकों के मौलिक अधिकारों को लागू करने की शक्ति के माध्यम से, और अनुच्छेद 13 के तहत न्यायिक पुनर्विलोकन (Judicial Review) की शक्ति के माध्यम से संविधान की रक्षा करता है।
- संदर्भ और विस्तार: न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति के माध्यम से, न्यायालय संसद द्वारा पारित किसी भी ऐसे कानून को असंवैधानिक घोषित कर सकता है जो संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख है, संसद कानून बनाती है, और महान्यायवादी सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है, लेकिन संविधान के अंतिम संरक्षक के रूप में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका है।
प्रश्न 10: भारत के उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए संकल्प प्रस्तुत किया जाना चाहिए:
- केवल राज्यसभा में
- केवल लोकसभा में
- दोनों सदनों में एक साथ
- संसद के संयुक्त अधिवेशन में
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटाने का संकल्प केवल राज्यसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है। अनुच्छेद 67(b) के अनुसार, उपराष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए संकल्प, उस समय सदन के सदस्यों के बहुमत से पारित होना आवश्यक है, और ऐसे संकल्प के लिए कम से कम चौदह दिन की पूर्व सूचना देना आवश्यक है। चूंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है, इसलिए यह संकल्प राज्यसभा में ही प्रस्तुत किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: संकल्प पारित होने के लिए यह आवश्यक है कि वह सदन के सभी तत्कालीन सदस्यों के पूर्ण बहुमत से पारित हो, और ऐसे संकल्प पर केवल राज्यसभा के सदस्य ही मतदान करते हैं।
- गलत विकल्प: लोकसभा या संयुक्त अधिवेशन में यह संकल्प प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है?
- भारत का निर्वाचन आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
- नीति आयोग
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (NITI Aayog) एक ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है। इसका गठन 1 जनवरी 2015 को भारत सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा किया गया था। यह एक कार्यकारी निकाय है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत का निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (अनुच्छेद 148) भारतीय संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लिखित निकाय हैं, जिन्हें संवैधानिक दर्जा प्राप्त है।
- गलत विकल्प: भारत का निर्वाचन आयोग, संघ लोक सेवा आयोग और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक तीनों संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि इनका उल्लेख संविधान में किया गया है।
प्रश्न 12: भारत के संविधान में ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ (DPSP) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- आयरलैंड
- कनाडा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के संविधान में राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) की प्रेरणा आयरलैंड के संविधान से ली गई है। ये तत्व संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: आयरलैंड के संविधान ने उनnspire किया जिन्होंने इसे अपने संविधान में शामिल किया। ये तत्व सरकार के लिए मार्गदर्शन के रूप में कार्य करते हैं और सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना का लक्ष्य रखते हैं।
- गलत विकल्प: यूके से संसदीय प्रणाली, यूएसए से मौलिक अधिकार और न्यायिक पुनर्विलोकन, और कनाडा से संघीय व्यवस्था (अवशिष्ट शक्तियाँ केंद्र के पास) जैसी अवधारणाएँ ली गई हैं।
प्रश्न 13: भारत में, पहली बार किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) कब लगाया गया था?
- 1950 में पंजाब में
- 1951 में उत्तर प्रदेश में
- 1956 में केरल में
- 1959 में राजस्थान में
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में पहली बार राष्ट्रपति शासन 1950 में पंजाब में लगाया गया था, जब पटियाला और पूर्वी पंजाब राज्य संघ (PEPSU) में विधानसभा चुनाव होने वाले थे और सरकार के गठन में अनिश्चितता थी। यह अनुच्छेद 356 के तहत लागू किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, कुछ स्रोतों में पेप्सू के लिए 1950 में प्रेसिडेंट रूल का उल्लेख है, लेकिन पहला प्रेसिडेंट रूल जो किसी राज्य में असेंबली भंग करके लगाया गया था, वह 1951 में पंजाब (तत्कालीन पूर्वी पंजाब) में हुआ था। 1950 वाला संदर्भ PEPSU के लिए अधिक विशिष्ट है। लेकिन आमतौर पर, 1951 को पहली घटना माना जाता है।
- सही संदर्भ: भारतीय संविधान के लागू होने के तुरंत बाद, 1950 में पेप्सू (Patiala and East Punjab States Union) में पहली बार अनुच्छेद 356 का प्रयोग हुआ था। उसके बाद 1951 में पंजाब में। प्रश्न में ‘राज्य’ शब्द का प्रयोग है, और PEPSU एक तत्कालीन राज्य संघ था। यदि प्रश्न PEPSU को राज्य के रूप में मानता है, तो (a) सही है। यदि हम केवल पूर्ण राज्यों को मानते हैं, तो (b) हो सकता है। ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार, 1950 में PEPSU में राष्ट्रपति शासन लगा था।
- गलत विकल्प: अन्य दिए गए वर्ष और राज्य राष्ट्रपति शासन के पहले मामलों में शामिल नहीं थे।
प्रश्न 14: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘समान नागरिक संहिता’ (Uniform Civil Code) से संबंधित है?
- अनुच्छेद 40
- अनुच्छेद 44
- अनुच्छेद 42
- अनुच्छेद 46
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 44 भारतीय संविधान में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) का प्रावधान करता है। यह राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद कहता है कि राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता प्राप्त करने का प्रयास करेगा। इसका उद्देश्य सभी धर्मों के लिए व्यक्तिगत कानूनों को एक समान बनाना है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन से, अनुच्छेद 42 काम की न्यायसंगत और मानवीय परिस्थितियों और मातृत्व सहायता के प्रावधान से, और अनुच्छेद 46 कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने से संबंधित है।
प्रश्न 15: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 75
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 132
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 भारत के राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमा, दंड के लघुकरण, या लघुकरण या माफी देने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति मृत्युदंड के मामलों, या उन अपराधों के लिए प्रदान की जाती है जो संघीय कानून के तहत आते हैं, या सैन्य न्यायालयों के मामलों में। यह राष्ट्रपति की एक महत्वपूर्ण कार्यकारी शक्ति है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 75 मंत्रियों की नियुक्ति से, अनुच्छेद 123 अध्यादेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति से, और अनुच्छेद 132 अपीलीय क्षेत्राधिकार से संबंधित है।
प्रश्न 16: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- कानून मंत्री
- संसद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। यह अनुच्छेद 76(1) में उल्लिखित है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है और उसे राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है, जो उन्हें या तो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में योग्य व्यक्ति नियुक्त करते हैं। उनका कार्यकाल राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत होता है।
- गलत विकल्प: भारत के मुख्य न्यायाधीश, कानून मंत्री या संसद महान्यायवादी की नियुक्ति नहीं करते हैं।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग और जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- संगठन बनाने का अधिकार (अनुच्छेद 19)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सभा, संघ, संचलन, निवास और व्यवसाय का अधिकार) केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) भारतीय क्षेत्र में रहने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 15 भी सभी व्यक्तियों पर लागू होता है, हालांकि कुछ प्रतिबंधों के अधीन।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 और 21 सभी व्यक्तियों के लिए हैं। अनुच्छेद 15 भी सभी व्यक्तियों के लिए है। अनुच्छेद 19 विशेष रूप से भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
प्रश्न 18: भारत का संविधान किस तिथि को पूर्ण रूप से लागू हुआ?
- 26 नवंबर, 1949
- 15 अगस्त, 1947
- 26 जनवरी, 1950
- 9 दिसंबर, 1946
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को पूर्ण रूप से लागू हुआ। इसी दिन भारत एक गणराज्य बना।
- संदर्भ और विस्तार: संविधान के कुछ प्रावधान (जैसे अनुच्छेद 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392, 393, 394) 26 नवंबर, 1949 को ही लागू हो गए थे, जिस दिन संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया था।
- गलत विकल्प: 26 नवंबर, 1949 को संविधान अपनाया गया था, लागू नहीं हुआ था। 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ था। 9 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के बारे में सही नहीं है?
- उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- वह भारत सरकार की प्राप्तियों और व्यय की लेखा परीक्षा करता है।
- वह केवल केंद्र सरकार के खातों की लेखा परीक्षा करता है।
- वह संसद के प्रति उत्तरदायी होता है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है। वह भारत सरकार और राज्य सरकारों दोनों के खातों की लेखा परीक्षा करता है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG अपनी रिपोर्ट संसद (लोक लेखा समिति के माध्यम से) और राज्य विधानमंडलों को प्रस्तुत करता है, इसलिए वह संसद के प्रति उत्तरदायी होता है। वह भारत की समेकित निधि से संबंधित सभी व्यय की जांच करता है।
- गलत विकल्प: CAG न केवल केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारों के खातों की भी लेखा परीक्षा करता है, इसलिए यह कथन कि वह केवल केंद्र सरकार के खातों की लेखा परीक्षा करता है, गलत है।
प्रश्न 20: भारत के संविधान के अनुसार, ‘राज्य’ की परिभाषा में निम्नलिखित में से कौन शामिल है?
- संघ की सरकार और संसद
- किसी राज्य की सरकार और विधानमंडल
- सभी स्थानीय प्राधिकारी जो संसद या राज्य विधानमंडल के किसी अधिनियम के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हैं
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 के अनुसार, ‘राज्य’ की परिभाषा में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र के अधीन सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ‘अन्य प्राधिकारी’ की व्याख्या सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न मामलों में की है, जिसमें वे संस्थाएं भी शामिल हैं जो सार्वजनिक कार्यों को अंजाम देती हैं या जिनमें सरकारी नियंत्रण होता है।
- गलत विकल्प: सभी दिए गए विकल्प ‘राज्य’ की परिभाषा के तहत आते हैं, जैसा कि अनुच्छेद 12 में परिभाषित किया गया है।
प्रश्न 21: कौन सी अनुसूची में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के संबंध में विशेष प्रावधान हैं?
- पांचवी अनुसूची
- छठी अनुसूची
- सातवीं अनुसूची
- आठवी अनुसूची
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की छठी अनुसूची (Sixth Schedule) असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधान करती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुसूची स्वायत्त जिलों और स्वायत्त क्षेत्रों के गठन, उनके विधायी और कार्यकारी अधिकारों, और उनके प्रशासन से संबंधित प्रावधानों को निर्धारित करती है।
- गलत विकल्प: पांचवी अनुसूची में अन्य अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में प्रावधान हैं। सातवीं अनुसूची शक्तियों के वितरण (संघ, राज्य, समवर्ती सूची) से संबंधित है। आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त भारतीय भाषाएँ सूचीबद्ध हैं।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान के किस संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?
- 72वां संशोधन अधिनियम, 1991
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा और पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को एक नई 11वीं अनुसूची के माध्यम से संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को एक स्व-शासी संस्था के रूप में स्थापित किया, जिसमें ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती स्तर और जिला स्तर की पंचायतें शामिल हैं। इसने उन्हें 29 विषय सौंपे।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन नगर पालिकाओं से संबंधित है। 72वां और 64वां संशोधन पंचायती राज को संवैधानिक बनाने के प्रारंभिक प्रयास थे लेकिन वे पारित नहीं हुए।
प्रश्न 23: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- गृह मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission – UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। यह अनुच्छेद 316 (1) में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: UPSC के सदस्य 6 वर्ष की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, पद धारण करते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या गृह मंत्री UPSC के सदस्यों की नियुक्ति नहीं करते हैं।
प्रश्न 24: भारतीय संविधान में ‘मौलिक कर्तव्य’ किस भाग में उल्लिखित हैं?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IVA
- भाग V
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों को भारतीय संविधान के भाग IVA (चार ए) में अनुच्छेद 51A के तहत शामिल किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: ये कर्तव्य 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर जोड़े गए थे। ये नागरिकों के नैतिक दायित्वों का वर्णन करते हैं।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन ‘वित्तीय आपातकाल’ से संबंधित है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 भारतीय संविधान में वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) के प्रावधान से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि राष्ट्रपति इस बात से संतुष्ट हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिससे भारत की वित्तीय स्थिरता या साख खतरे में है, तो वह वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। अभी तक भारत में कभी भी वित्तीय आपातकाल लागू नहीं किया गया है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से, अनुच्छेद 356 राज्य आपातकाल (राष्ट्रपति शासन) से, और अनुच्छेद 365 राज्य में गैर-अनुपालन की स्थिति में आपातकाल से संबंधित है।