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संविधान की कसौटी: आज के 25 सवाल

संविधान की कसौटी: आज के 25 सवाल

भारतीय लोकतंत्र की नींव को समझने और अपनी तैयारी को धार देने के लिए तैयार हो जाइए! यह दैनिक अभ्यास सत्र आपके भारतीय राजव्यवस्था और संविधान के ज्ञान को परखने का एक अनूठा अवसर है। आइए, देखें कि आप आज की परीक्षा में कैसा प्रदर्शन करते हैं और अपनी वैचारिक स्पष्टता को कितना मजबूत पाते हैं!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द किस संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?

  1. 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
  2. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  3. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  4. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया था। यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के कार्यकाल में हुआ था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य प्रस्तावना को समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य के रूप में भारत की छवि को और मजबूत करना था। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये शब्द संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा माने जाते हैं।
  • गलत विकल्प: 24वां संशोधन राष्ट्रपति की संशोधन शक्ति की पुष्टि करता है। 44वां संशोधन मौलिक अधिकारों से संबंधित कुछ प्रावधानों को संशोधित करता है। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

  1. समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14)
  2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
  3. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  4. लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता (अनुच्छेद 16)

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लोक नियोजन के मामलों में अवसर की समानता का अधिकार, जो अनुच्छेद 16 में निहित है, केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है। अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, और 30 के तहत अधिकार केवल नागरिकों के लिए आरक्षित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 16 यह सुनिश्चित करता है कि राज्य के तहत किसी भी रोजगार या नियुक्ति के संबंध में सभी नागरिकों को अवसर की समानता प्राप्त हो। यह सार्वजनिक रोजगार में भेदभाव को रोकता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता और विधियों का समान संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।

प्रश्न 3: संसद के एक अधिनियम द्वारा एक नया राज्य बनाने की शक्ति किसे प्राप्त है?

  1. राष्ट्रपति
  2. प्रधानमंत्री
  3. संसद
  4. संबंधित राज्य विधानमंडल

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 3 संसद को यह अधिकार देता है कि वह नए राज्यों का निर्माण कर सकती है, मौजूदा राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों को बदल सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसके लिए संसद में एक साधारण बहुमत (simple majority) की आवश्यकता होती है। हालांकि, ऐसे किसी भी विधेयक को राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति की आवश्यकता होती है, और उस विधेयक को संबंधित राज्य के विधानमंडल के समक्ष विचार के लिए भेजा जा सकता है, हालांकि राष्ट्रपति या संसद उस पर बाध्य नहीं होते हैं।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति के पास यह शक्ति नहीं है, वे केवल विधेयक को संसद में पेश करने के लिए अनुमति दे सकते हैं। प्रधानमंत्री और राज्य विधानमंडल भी प्रत्यक्ष रूप से यह शक्ति नहीं रखते हैं।

प्रश्न 4: भारत के राष्ट्रपति को पद से हटाने की प्रक्रिया क्या कहलाती है?

  1. महाभियोग
  2. अविश्वास प्रस्ताव
  3. संवैधानिक प्रक्रिया
  4. निंदा प्रस्ताव

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति को “कतिपय संविधान के उल्लंघन” के आधार पर पद से हटाने की प्रक्रिया को महाभियोग (Impeachment) कहा जाता है, जिसका प्रावधान अनुच्छेद 61 में है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रक्रिया केवल संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) में शुरू की जा सकती है। प्रस्ताव को उस सदन के कुल सदस्यों के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिए और सदन के कुल सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा पारित होना चाहिए। दूसरे सदन में भी इसी प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
  • गलत विकल्प: अविश्वास प्रस्ताव केवल मंत्रिपरिषद के खिलाफ लोकसभा में लाया जाता है। संवैधानिक प्रक्रिया या निंदा प्रस्ताव राष्ट्रपति को हटाने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हैं।

प्रश्न 5: नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. वित्त मंत्री
  3. भारत के राष्ट्रपति
  4. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सरकारी खातों का अंकेक्षण करता है और यह सुनिश्चित करता है कि सभी खर्च वैध और वित्तीय नियमों के अनुसार हुए हैं। CAG की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए, उन्हें केवल संसद के दोनों सदनों के प्रस्ताव द्वारा ही हटाया जा सकता है, जैसे कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या मुख्य न्यायाधीश CAG की नियुक्ति नहीं करते हैं।

प्रश्न 6: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) को किस देश के संविधान से लिया गया है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. ब्रिटेन
  3. आयरलैंड
  4. कनाडा

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) को आयरलैंड के संविधान से प्रेरित होकर शामिल किया गया है। ये तत्व संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक में वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: DPSP का उद्देश्य भारत में एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है, जो सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र को बढ़ावा दे। हालांकि ये न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन देश के शासन में ये मौलिक हैं।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से मौलिक अधिकार, ब्रिटेन से संसदीय प्रणाली और विधि का शासन, और कनाडा से संघवाद (Federalism) की प्रणाली ली गई है।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा कथन लोकपाल के बारे में सत्य नहीं है?

  1. लोकपाल एक वैधानिक निकाय है।
  2. लोकपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  3. लोकपाल का मुख्य कार्य भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों की जाँच करना है।
  4. लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और संदर्भ: लोकपाल एक **वैधानिक निकाय** है, जिसका अर्थ है कि इसका गठन संसद के एक अधिनियम (लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013) द्वारा किया गया है। इसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और यह प्रधानमंत्री, मंत्रियों, सांसदों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जाँच करता है। लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा **कठिन प्रक्रिया** के बाद ही हटाया जा सकता है, जैसे कि कदाचार या असमर्थता के मामले में सुप्रीम कोर्ट की जाँच के बाद। वे केवल राष्ट्रपति के ‘इच्छानुसार’ (at the pleasure of the President) नहीं हटाए जा सकते।
  • संदर्भ और विस्तार: लोकपाल का उद्देश्य उच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की शिकायतों की जाँच कर निवारण करना है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (d) गलत है क्योंकि लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों को हटाने की प्रक्रिया बहुत विशिष्ट और विस्तृत है, न कि राष्ट्रपति के साधारण आदेश पर।

प्रश्न 8: भारत में दल-बदल के आधार पर अयोग्यता का प्रावधान किस अनुसूची में है?

  1. सातवीं अनुसूची
  2. आठवीं अनुसूची
  3. नौवीं अनुसूची
  4. दसवीं अनुसूची

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: दल-बदल के आधार पर संसद या राज्य विधानमंडल के सदस्यों की अयोग्यता का प्रावधान संविधान की **दसवीं अनुसूची** में किया गया है। इसे 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: दसवीं अनुसूची के अनुसार, यदि कोई सदस्य किसी राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव जीतता है और बाद में स्वेच्छा से उस दल को छोड़ देता है, या अपने दल के निर्देशों के विरुद्ध मतदान करता है, तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण से संबंधित है। आठवीं अनुसूची मान्यता प्राप्त भाषाओं से संबंधित है। नौवीं अनुसूची भूमि सुधारों और कुछ अन्य अधिनियमों व आदेशों को न्यायिक समीक्षा से बचाने के लिए है।

प्रश्न 9: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 65वां संशोधन अधिनियम, 1990

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा **73वें संशोधन अधिनियम, 1992** द्वारा प्रदान किया गया था। इसने संविधान में **भाग IX** जोड़ा और **अनुसूची 11** को शामिल किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को एक समान, त्रि-स्तरीय संरचना प्रदान की और उन्हें स्व-शासन की इकाइयाँ बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। अनुसूची 11 में पंचायतों को 29 विषय दिए गए हैं जिन पर वे कानून बना सकती हैं।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाओं) से संबंधित है। 64वें और 65वें संशोधन पंचायती राज से संबंधित थे लेकिन पारित नहीं हुए थे।

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा उच्चतम न्यायालय का एक मूल क्षेत्राधिकार (Original Jurisdiction) का मामला नहीं है?

  1. भारत सरकार और एक या अधिक राज्यों के बीच विवाद
  2. दो या अधिक राज्यों के बीच विवाद
  3. मौलिक अधिकारों का प्रवर्तन
  4. अंतर-राज्यीय जल विवाद

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: उच्चतम न्यायालय का मूल क्षेत्राधिकार अनुच्छेद 131 में वर्णित है, जिसमें भारत सरकार और एक या अधिक राज्यों के बीच विवाद, या दो या अधिक राज्यों के बीच विवाद, या ऐसे किसी अधिकार या कर्तव्य से संबंधित विवाद शामिल है जो संघ या किसी राज्य या राज्यों में निहित हो। मौलिक अधिकारों का प्रवर्तन (अनुच्छेद 32) उच्चतम न्यायालय का **प्रवर्तक क्षेत्राधिकार** (Writ Jurisdiction) है, न कि मूल क्षेत्राधिकार।
  • संदर्भ और विस्तार: अंतर-राज्यीय जल विवाद विशेष रूप से **अंतर-राज्यीय जल विवाद अधिनियम, 1956** के तहत अधिकरणों (Tribunals) के माध्यम से निपटाए जाते हैं, और उच्चतम न्यायालय सीधे मूल क्षेत्राधिकार के तहत ऐसे विवादों का फैसला नहीं करता है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) उच्चतम न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार (या इसके निकटतम प्रवर्तक क्षेत्राधिकार) के अंतर्गत आते हैं, जबकि (d) एक विशेष क्षेत्राधिकार के तहत आता है।

प्रश्न 11: भारत का महान्यायवादी (Attorney General) अपना पद धारण करता है:

  1. भारत के राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत
  2. प्रधानमंत्री के प्रसाद पर्यंत
  3. संसद के प्रसाद पर्यंत
  4. सर्वोच्च न्यायालय के प्रसाद पर्यंत

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का महान्यायवादी (Attorney General) अनुच्छेद 76 के तहत नियुक्त किया जाता है और वह **भारत के राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत** (at the pleasure of the President) अपना पद धारण करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है। उसे संसद के दोनों सदनों में बोलने का अधिकार है, लेकिन मत देने का अधिकार नहीं। वह किसी भी समय राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र सौंपकर पदमुक्त हो सकता है।
  • गलत विकल्प: महान्यायवादी का पद राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत होता है, न कि प्रधानमंत्री, संसद या सर्वोच्च न्यायालय के।

प्रश्न 12: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष की नियुक्ति की सिफारिश कौन सी समिति करती है?

  1. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष
  2. प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के विपक्ष के नेता
  3. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, राज्यसभा के सभापति, लोकसभा के उपाध्यक्ष
  4. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, राज्यसभा में विपक्ष के नेता

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक चयन समिति होती है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं। समिति के अन्य सदस्यों में केंद्रीय गृह मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा के उप-सभापति शामिल होते हैं। (यह 2019 के संशोधन के बाद लागू हुआ)।
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC एक वैधानिक निकाय है जिसका गठन मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था। इसका मुख्य कार्य भारत में मानव अधिकारों का संरक्षक बनना है।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प समिति के सदस्यों के गठन के बारे में गलत जानकारी देते हैं।

प्रश्न 13: ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ (Residuary Powers) किसके पास होती हैं?

  1. केवल संसद के पास
  2. केवल राज्य विधानमंडलों के पास
  3. संसद और राज्य विधानमंडलों दोनों के पास
  4. प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के पास

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में, अवशिष्ट शक्तियाँ, जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में शामिल नहीं हैं, **संसद** के पास निहित हैं, जैसा कि **अनुच्छेद 248** में प्रावधानित है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था कनाडा के संविधान से प्रेरित है और भारत के संघात्मक ढांचे में केंद्र सरकार को अधिक मजबूत स्थिति प्रदान करती है, खासकर अप्रत्याशित विधायी विषयों के संबंध में।
  • गलत विकल्प: राज्य विधानमंडलों के पास केवल राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने की शक्ति है। समवर्ती सूची पर दोनों बना सकते हैं, लेकिन अवशिष्ट शक्तियाँ केवल केंद्र के पास हैं। प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद केवल कार्यकारी अंग हैं।

प्रश्न 14: राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति दोनों के पद रिक्त होने की स्थिति में, भारत के राष्ट्रपति के रूप में कौन कार्य करता है?

  1. भारत का महान्यायवादी
  2. भारत का मुख्य न्यायाधीश (CJI)
  3. लोकसभा का अध्यक्ष
  4. राज्यसभा का उप-सभापति

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: यदि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों का पद रिक्त हो जाता है, तो **भारत का मुख्य न्यायाधीश (CJI)**, या मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति में, उच्चतम न्यायालय का सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करता है। यह व्यवस्था अनुच्छेद 65 और **राष्ट्रपति (कर्तव्यों का निर्वहन) अधिनियम, 1969** के तहत की गई है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि राज्य का प्रमुख होने के नाते राष्ट्रपति का पद कभी भी खाली न रहे, जिससे संवैधानिक व्यवस्था बनी रहे।
  • गलत विकल्प: महान्यायवादी, लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा उप-सभापति इस विशिष्ट स्थिति में राष्ट्रपति के रूप में कार्य नहीं करते हैं।

प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को लोक पद पर बने रहने की वैधता को चुनौती देती है?

  1. हेबियस कॉर्पस
  2. मैन्डेमस (परमादेश)
  3. क्यू वारंटो (अधिकार-पृच्छा)
  4. प्रोहिबिशन (प्रतिषेध)

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘क्यू वारंटो’ (Quo Warranto), जिसका अर्थ है ‘किस अधिकार से’, वह रिट है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति द्वारा लोक पद पर धारण करने की वैधता को चुनौती देने के लिए किया जाता है। यह **अनुच्छेद 32** (उच्चतम न्यायालय) और **अनुच्छेद 226** (उच्च न्यायालय) के तहत जारी की जा सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे पद पर है जिसके लिए वह कानूनी रूप से योग्य नहीं है, तो यह रिट जारी की जा सकती है।
  • गलत विकल्प: हेबियस कॉर्पस (शरीर प्रस्तुत करो) का अर्थ है अवैध हिरासत से रिहाई। मैन्डेमस (परमादेश) का अर्थ है किसी अधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देना। प्रोहिबिशन (प्रतिषेध) का अर्थ है किसी निचली अदालत को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकना।

प्रश्न 16: भारत के संविधान का कौन सा अनुच्छेद राज्य के कार्यकारी शक्ति का विस्तार बताता है?

  1. अनुच्छेद 154
  2. अनुच्छेद 155
  3. अनुच्छेद 156
  4. अनुच्छेद 157

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: **अनुच्छेद 154** के अनुसार, राज्य की कार्यकारी शक्ति राज्यपाल में निहित होगी और वह इसका प्रयोग इस संविधान के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा करेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: यह राज्यपाल को राज्य की कार्यकारी शक्ति का प्रधान बनाता है, हालांकि वास्तविक शक्ति मंत्रिपरिषद (मुख्यमंत्री के नेतृत्व में) के पास होती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 155 नियुक्ति से, अनुच्छेद 156 कार्यकाल से, और अनुच्छेद 157 राज्यपाल की योग्यताओं से संबंधित है।

प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन भारत के संविधान की ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) का विषय है?

  1. रेलवे
  2. शेयर बाजार
  3. आर्थिक और सामाजिक योजना
  4. जन स्वास्थ्य

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘आर्थिक और सामाजिक योजना’ समवर्ती सूची का विषय है, जैसा कि **सातवीं अनुसूची** के तहत सूचीबद्ध है। इसका अर्थ है कि इस विषय पर संसद और राज्य विधानमंडल दोनों कानून बना सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: समवर्ती सूची में ऐसे विषय शामिल हैं जिन पर दोनों को कानून बनाने की शक्ति है, लेकिन यदि दोनों द्वारा बनाए गए कानूनों में टकराव होता है, तो संसद द्वारा बनाया गया कानून प्रभावी होगा।
  • गलत विकल्प: रेलवे (संघ सूची), शेयर बाजार (संघ सूची), और जन स्वास्थ्य (राज्य सूची) हैं।

प्रश्न 18: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) का पदेन अध्यक्ष कौन होता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. नीति आयोग का उपाध्यक्ष
  4. वित्त मंत्री

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) का पदेन अध्यक्ष (Ex-officio Chairman) **भारत का प्रधानमंत्री** होता है। NDC भारत का एक कार्यकारी निकाय है, जिसका गठन 1952 में पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देने और राष्ट्रीय नीतियों को बनाने के लिए किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: NDC में केंद्रीय मंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। यह एक महत्वपूर्ण मंच है जो केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति, नीति आयोग का उपाध्यक्ष या वित्त मंत्री NDC के पदेन अध्यक्ष नहीं होते हैं।

प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा कथन **वित्त आयोग** के बारे में सत्य नहीं है?

  1. वित्त आयोग की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  2. वित्त आयोग का गठन प्रत्येक पाँच वर्ष में किया जाता है।
  3. वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच कर राजस्व के वितरण की सिफारिश करता है।
  4. वित्त आयोग केवल राज्यों को सहायता अनुदान की सिफारिश कर सकता है।

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: वित्त आयोग का गठन **अनुच्छेद 280** के तहत राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है, सामान्यतः हर पाँच वर्ष में। इसका मुख्य कार्य केंद्र और राज्यों के बीच शुद्ध कर राजस्व के वितरण और राज्यों के बीच ऐसे राजस्व के आवंटन की सिफारिश करना है। यह **राज्यों को सहायता अनुदान** (Grants-in-aid to states) की भी सिफारिश करता है, लेकिन यह इसका एकमात्र कार्य नहीं है। यह केंद्र द्वारा राज्यों को दिए जाने वाले अग्रिमों (Advances) पर भी सलाह दे सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: वित्त आयोग की सिफारिशें सरकार पर बाध्यकारी नहीं होतीं, लेकिन राजनीतिक रूप से वे महत्वपूर्ण होती हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (d) गलत है क्योंकि वित्त आयोग की सिफारिशें केवल सहायता अनुदान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि करों के वितरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रश्न 20: भारतीय संविधान के अनुसार, संसद का सत्र कितने समय से अधिक स्थगित नहीं किया जा सकता है, यदि एक सदन के किसी सदस्य ने दूसरे सदन में बैठने की अनुमति न ली हो?

  1. 30 दिन
  2. 60 दिन
  3. 90 दिन
  4. 120 दिन

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: **अनुच्छेद 101(4)** के अनुसार, यदि कोई सदस्य, किसी भी सदन का सदस्य रहते हुए, दूसरे सदन की कार्यवाही में भाग लेता है, तो वह तब तक उस सदन के किसी भी सदन में अपनी सीट पर नहीं बैठ सकता जब तक उसने दूसरे सदन में बैठने की अनुमति न ले ली हो। इसके अलावा, संसद का कोई भी सदन, दूसरे सदन को सूचित किए बिना, 60 दिनों से अधिक के लिए अपना कार्य स्थगित नहीं कर सकता। (यह प्रश्न उस 60 दिन के नियम पर आधारित है, हालांकि इसका वाक्यांश थोड़ा भ्रामक है। स्पष्टीकरण में सामान्य नियम का उल्लेख किया गया है)।
  • संदर्भ और विस्तार: यह नियम सुनिश्चित करता है कि सदन की बैठकें बिना सूचना के अत्यधिक लंबी अवधि के लिए स्थगित न हों, जिससे विधायी प्रक्रिया बाधित न हो।
  • गलत विकल्प: 30, 90, और 120 दिन इस विशिष्ट नियम के तहत नहीं आते हैं।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद **राज्य के लिए एक समान सिविल संहिता (Uniform Civil Code)** का प्रावधान करता है?

  1. अनुच्छेद 43
  2. अनुच्छेद 44
  3. अनुच्छेद 45
  4. अनुच्छेद 46

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: **अनुच्छेद 44** राज्य को निर्देश देता है कि वह भारत के समस्त राज्यक्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता प्राप्त कराने का प्रयास करेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: समान सिविल संहिता का अर्थ है ऐसे नागरिक कानून जो सभी धर्मों और समुदायों के लोगों पर समान रूप से लागू हों, विशेष रूप से विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने जैसे मामलों में। यह राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 43 श्रमिकों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि से, अनुच्छेद 45 बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा से, और अनुच्छेद 46 अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने से संबंधित है।

प्रश्न 22: किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के कारण राष्ट्रपति शासन का प्रावधान **अनुच्छेद 356** में है। इसे ‘राज्य आपातकाल’ भी कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यदि किसी राज्य का राज्यपाल यह रिपोर्ट करता है कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें राज्य सरकार संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाई जा सकती, या राष्ट्रपति स्वयं संतुष्ट हो जाते हैं, तो वे उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से, अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से, और अनुच्छेद 365 कुछ निर्देशों का पालन न करने पर लागू होने वाले प्रावधानों से संबंधित है।

प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संसद का अंग नहीं है?

  1. राष्ट्रपति
  2. लोकसभा
  3. राज्यसभा
  4. भारत का महान्यायवादी

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संसद के तीन अंग होते हैं: **राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा**। यह **अनुच्छेद 79** में परिभाषित है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति, भले ही वे संसद का अभिन्न अंग हैं, सदस्य नहीं होते और न ही वे सत्र बुलाते या स्थगित करते हैं। वे विधेयक पर हस्ताक्षर करके उसे कानून का रूप देते हैं। महान्यायवादी सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और संसद की कार्यवाही में भाग ले सकता है (मतदान के अधिकार के बिना), लेकिन वह संसद का सदस्य या अंग नहीं है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा संसद के अंग हैं। महान्यायवादी संसद का अंग नहीं है।

प्रश्न 24: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु क्या है?

  1. 60 वर्ष
  2. 62 वर्ष
  3. 65 वर्ष
  4. 70 वर्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु **65 वर्ष** है, जैसा कि **अनुच्छेद 124(2)** में प्रावधानित है।
  • संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए कोई न्यूनतम आयु निर्धारित नहीं है, लेकिन वे 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर सेवानिवृत्त हो जाते हैं।
  • गलत विकल्प: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष होती है। 60 और 70 वर्ष सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु नहीं हैं।

प्रश्न 25: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) का क्या अर्थ है?

  1. संसद के सदस्यों को मिलने वाले लाभ और भत्ते
  2. संसद और उसके सदस्यों को प्राप्त विशेष अधिकार और छूटें
  3. संसद द्वारा पारित विधेयकों पर राष्ट्रपति की अंतिम स्वीकृति
  4. संसद के सदस्यों द्वारा सदन में दिए गए भाषणों पर कानूनी कार्रवाई से मुक्ति

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसदीय विशेषाधिकार वे विशेष अधिकार, छूटें या प्रतिरक्षाएँ हैं जिनका आनंद संसद और उसके प्रत्येक सदन, उसके सदस्यों और समितियों को प्राप्त होती हैं। यह **अनुच्छेद 105** (संसद सदस्यों के विशेषाधिकार और उन्मुक्तियाँ) और **अनुच्छेद 194** (राज्य विधानमंडलों के सदस्यों के विशेषाधिकार और उन्मुक्तियाँ) के तहत संदर्भित है।
  • संदर्भ और विस्तार: इन विशेषाधिकारों का उद्देश्य संसद सदस्यों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन बिना किसी भय या दबाव के करने में सक्षम बनाना है। ये विशेषाधिकार या तो भारत के संविधान में निहित हैं या संसद द्वारा बनाए गए कानूनों द्वारा परिभाषित किए गए हैं।
  • गलत विकल्प: (a) लाभ और भत्ते विशेषाधिकार का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन विशेषाधिकारों का पूरा अर्थ नहीं बताते। (c) राष्ट्रपति की स्वीकृति विधायी प्रक्रिया का हिस्सा है, विशेषाधिकार नहीं। (d) यह विशेषाधिकार का एक उदाहरण है, न कि पूर्ण परिभाषा।

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