Get free Notes

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Click Here

संविधान की कसौटी: आज की चुनौती

संविधान की कसौटी: आज की चुनौती

लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्या आप भारतीय राजव्यवस्था के अपने ज्ञान पर पूर्ण विश्वास रखते हैं? आइए, आज के इस विशेष 25 प्रश्नों के अभ्यास सत्र के माध्यम से अपनी वैचारिक स्पष्टता और संवैधानिक पकड़ को और मज़बूत करें। यह आपके लिए अपनी तैयारी का मूल्यांकन करने का एक शानदार अवसर है!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारत के नागरिकों को प्राप्त है?

  1. विधि के समक्ष समानता
  2. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के कारण विभेद का प्रतिषेध
  3. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण
  4. विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार, जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हरण

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15 (धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के कारण विभेद का प्रतिषेध) केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है। यह उन प्रतिबंधों को संदर्भित करता है जो राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध नहीं लगा सकता।
  • संदर्भ और विस्तार: यह मौलिक अधिकार भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के रूप में स्थापित करता है और सामाजिक समानता को बढ़ावा देता है। इसका उल्लंघन होने पर नागरिक सीधे न्यायालय की शरण ले सकते हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) अनुच्छेद 14, (c) अनुच्छेद 21 का भाग, और (d) अनुच्छेद 21 के तहत जीवन की सुरक्षा, ये सभी अधिकार भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों) को प्राप्त हैं।

प्रश्न 2: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द कब जोड़ा गया?

  1. 1976 में 42वें संशोधन द्वारा
  2. 1978 में 44वें संशोधन द्वारा
  3. 1967 में 21वें संशोधन द्वारा
  4. कभी नहीं जोड़ा गया

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 1976 में संविधान (42वें संशोधन) अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य भारत के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के आदर्शों को और अधिक प्रभावी ढंग से प्रतिबिंबित करना था। इन शब्दों ने भारतीय गणराज्य के चरित्र को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने कुछ मौलिक अधिकारों को अधिक सुरक्षित बनाया लेकिन प्रस्तावना में कोई शब्द नहीं जोड़ा। 21वें संशोधन ने अनुसूचियों में परिवर्तन किए। प्रस्तावना में संशोधन हुआ है, इसलिए (d) गलत है।

प्रश्न 3: राष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?

  1. राज्य विधानमंडल के मनोनीत सदस्य मतदान करते हैं।
  2. दिल्ली और पुडुचेरी के विधायक मतदान करते हैं।
  3. किसी भी राज्य के विधान परिषद के सदस्य मतदान करते हैं।
  4. सभी उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश मतदान करते हैं।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने वाले निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। 70वें संशोधन (1992) द्वारा दिल्ली और पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्रों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों को भी शामिल किया गया (अनुच्छेद 54)।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष होता है, जिसका अर्थ है कि जनता सीधे मतदान नहीं करती, बल्कि उनके प्रतिनिधि करते हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रपति देश के सभी हिस्सों और राज्यों का प्रतिनिधित्व करें।
  • गलत विकल्प: (a) मनोनीत सदस्य (चाहे संसद या विधानमंडल के) राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करते। (c) विधान परिषदें (जहां अस्तित्व में हैं) राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेतीं, केवल विधानसभाएं लेती हैं। (d) उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों का राष्ट्रपति के चुनाव से कोई संबंध नहीं है; वे न्यायिक कार्य करते हैं।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी रीट या परमादेश, किसी लोक पदाधिकारी को उसका सार्वजनिक कर्तव्य करने के लिए जारी की जाती है?

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
  3. परमादेश (Mandamus)
  4. उत्प्रेषण (Certiorari)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: परमादेश (Mandamus), जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’, एक उच्च न्यायालय द्वारा निम्न न्यायालय, न्यायाधिकरण या किसी लोक प्राधिकारी को सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य करने के लिए जारी की जाती है। यह शक्ति संविधान के अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत प्रदान की गई है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह रीट तब जारी की जाती है जब संबंधित प्राधिकारी अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहता है, जिससे किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकार या अन्य कानूनी अधिकार का हनन होता है। यह सार्वजनिक पद धारण करने वाले व्यक्ति को उस पद के कर्तव्य का पालन करने का आदेश देती है।
  • गलत विकल्प: (a) बंदी प्रत्यक्षीकरण किसी अवैध रूप से निरुद्ध व्यक्ति को न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश है। (b) अधिकार पृच्छा यह जानने के लिए जारी की जाती है कि कोई व्यक्ति किस अधिकार से सार्वजनिक पद धारण करता है। (d) उत्प्रेषण किसी निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।

प्रश्न 5: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार बताता है?

  1. अनुच्छेद 154
  2. अनुच्छेद 164
  3. अनुच्छेद 166
  4. अनुच्छेद 155

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 154 (1) के अनुसार, राज्य की कार्यपालिका शक्ति राज्यपाल में निहित होगी और वह इसका प्रयोग या तो स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद राज्य सरकार के कार्यकारी मुखिया के रूप में राज्यपाल की स्थिति को परिभाषित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि राज्य की सभी कार्यकारी कार्रवाइयां उसके नाम से की जाएं। यह शक्तियों के विभाजन और अभिसरण को स्पष्ट करता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 155 राज्यपाल की नियुक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 164 मुख्य मंत्री की नियुक्ति और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति एवं उनकी परिषद् के बारे में है। अनुच्छेद 166 राज्य सरकार की कार्यवाहियों का संचालन करता है।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी संसदीय समिति लोक लेखा समिति (PAC) का ‘जुड़वा बहन’ (twin sister) कहलाती है?

  1. प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
  2. लोक उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)
  3. तदर्थ समितियां (Ad hoc Committees)
  4. सलाहकार समितियां (Advisory Committees)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) को लोक लेखा समिति (PAC) की ‘जुड़वा बहन’ कहा जाता है। यह दोनों समितियां सार्वजनिक व्यय पर नियंत्रण रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: PAC मुख्य रूप से भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्टों की जांच करती है, जो सरकारी खर्च में अनियमितताओं को उजागर करती है। वहीं, प्राक्कलन समिति सरकारी व्यय की जांच करती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या व्यय ‘किफायती ढंग से’ किया जा रहा है और क्या ‘नीति के अंतर्निहित सिद्धांतों’ में कोई परिवर्तन या सुझाव दिया जाना चाहिए। दोनों समितियां संसद को जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद करती हैं।
  • गलत विकल्प: (b) लोक उपक्रम समिति सरकारी उपक्रमों की जांच करती है। (c) तदर्थ समितियां एक विशिष्ट कार्य के लिए गठित होती हैं। (d) सलाहकार समितियां केवल सलाह देती हैं।

प्रश्न 7: भारतीय संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से किस आधार पर नागरिकों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता?

  1. जन्म स्थान
  2. निवास स्थान
  3. जाति
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15(1) के अनुसार, राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा। अनुच्छेद 15(2) यह भी कहता है कि कोई नागरिक केवल इन्हीं आधारों पर दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों तक पहुँच से वंचित नहीं किया जाएगा। ‘निवास स्थान’ के आधार पर भेदभाव का प्रतिषेध अनुच्छेद 16(2) में रोजगार के संबंध में किया गया है, लेकिन व्यापक रूप से (जैसे सार्वजनिक स्थानों तक पहुंच में) यह 15(1) के दायरे में आता है, और ‘जन्मस्थान’ का उल्लेख स्पष्ट रूप से है। आम तौर पर, इन सभी के आधार पर भेदभाव की मनाही है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद समानता के सिद्धांत को मजबूत करता है और यह सुनिश्चित करता है कि राज्य सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करे, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो। ‘निवास स्थान’ के आधार पर भेद की मनाही आमतौर पर रोजगार के संबंध में (अनुच्छेद 16(2)) और कुछ अन्य सार्वजनिक नियुक्तियों में होती है। हालाँकि, अनुच्छेद 15(1) में ‘जन्मस्थान’ शामिल है, जो प्रत्यक्ष रूप से निवास स्थान से जुड़ा हो सकता है। विस्तृत अर्थ में, ये सभी आधार भेदभाव के लिए वर्जित हैं।
  • गलत विकल्प: चूंकि अनुच्छेद 15(1) ‘जन्मस्थान’ और ‘जाति’ का स्पष्ट उल्लेख करता है, और अनुच्छेद 16(2) ‘निवास स्थान’ का, इसलिए सभी आधारों पर भेदभाव की मनाही है।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति को शपथ दिलाता है?

  1. भारत का महान्यायवादी
  2. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  3. लोकसभा का अध्यक्ष
  4. भारत का उपराष्ट्रपति

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करने से पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश (या उनकी अनुपस्थिति में, उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश) के समक्ष पद और गोपनीयता की शपथ लेते हैं, जैसा कि अनुच्छेद 60 में प्रावधानित है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शपथ राष्ट्रपति को संविधान के प्रति निष्ठा और अपने कर्तव्यों के निर्वहन की प्रतिबद्धता का आश्वासन देती है। यह संवैधानिक व्यवस्था को बनाए रखने में न्यायपालिका की भूमिका को भी रेखांकित करता है।
  • गलत विकल्प: (a) महान्यायवादी राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं। (c) लोकसभा अध्यक्ष सदन के कामकाज का संचालन करते हैं। (d) उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्य करते हैं, लेकिन शपथ मुख्य न्यायाधीश दिलाते हैं।

प्रश्न 9: वित्तीय आपातकाल के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?

  1. यह अनुच्छेद 360 के तहत लगाया जाता है।
  2. इसे संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदन के बाद छह महीने तक प्रभावी रखा जा सकता है।
  3. इसकी घोषणा को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
  4. वित्तीय आपातकाल के दौरान, राज्य के सभी या किसी भी वर्ग के कर्मचारियों के वेतन और भत्ते कम किए जा सकते हैं।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: वित्तीय आपातकाल अनुच्छेद 360 के तहत लगाया जाता है। इसे संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदन के बाद छह महीने तक जारी रखा जा सकता है, और प्रत्येक आगामी छह महीने के लिए संसद के अनुमोदन की आवश्यकता होती है। (b) सत्य है। (d) वित्तीय आपातकाल के दौरान, राष्ट्रपति राज्य के कर्मचारियों के वेतन और भत्ते कम करने का निर्देश दे सकते हैं (अनुच्छेद 360(4)(a)(ii))। (a) सत्य है।
  • संदर्भ और विस्तार: वित्तीय स्थिरता या भारत की ऋण साख खतरे में होने पर वित्तीय आपातकाल की घोषणा की जाती है। यह राष्ट्रपति को वित्तीय मामलों में राज्यों को निर्देश देने और वेतन एवं भत्ते कम करने की शक्ति देता है।
  • गलत विकल्प: (c) यद्यपि वित्तीय आपातकाल की घोषणा का न्यायिक पुनर्विलोकन सीमित है, यह पूरी तरह से न्यापालिका के दायरे से बाहर नहीं है। मिनर्वा मिल्स मामले (Minerva Mills Ltd. v. Union of India, 1980) जैसे निर्णयों ने यह स्थापित किया है कि आपातकाल की घोषणाएं, हालांकि राजनीतिक प्रकृति की होती हैं, फिर भी कुछ हद तक न्यायिक समीक्षा के अधीन हो सकती हैं, खासकर यदि वे दुर्भावनापूर्ण या तर्कहीन हों। इसलिए, यह कहना कि इसे ‘किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती’ गलत है।

प्रश्न 10: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द क्या इंगित करता है?

  1. भारत में वंशानुगत शासन का अभाव
  2. लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव
  3. राष्ट्रपति का अप्रत्यक्ष चुनाव
  4. संघीय व्यवस्था

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का अर्थ है कि राज्य का मुखिया वंशानुगत नहीं होता, बल्कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है। भारत में, राष्ट्रपति राज्य के मुखिया होते हैं और उनका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है (अनुच्छेद 54)।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शब्द भारत को राजशाही से अलग करता है, जहाँ राज्य का मुखिया वंशानुगत होता है। गणराज्य का मतलब है कि सत्ता का अंतिम स्रोत जनता में निहित है और राज्य का प्रमुख जनता द्वारा परोक्ष रूप से चुना जाता है।
  • गलत विकल्प: (b) लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव गणराज्य का लक्षण नहीं है, बल्कि संसदीय प्रणाली का हिस्सा है। (c) राष्ट्रपति का अप्रत्यक्ष चुनाव गणराज्य का एक तरीका है, लेकिन ‘गणराज्य’ शब्द स्वयं प्रत्यक्ष रूप से वंशानुगत शासन की अनुपस्थिति को इंगित करता है। (d) संघीय व्यवस्था संघात्मक शासन का हिस्सा है, गणराज्य का नहीं।

प्रश्न 11: संपत्ति के अधिकार के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?

  1. यह एक मौलिक अधिकार है।
  2. यह एक कानूनी अधिकार है।
  3. यह केवल नागरिकों को उपलब्ध है।
  4. यह केवल विदेशियों को उपलब्ध है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संपत्ति का अधिकार पहले मूलतः अनुच्छेद 31 के तहत एक मौलिक अधिकार था। 1978 में 44वें संशोधन अधिनियम द्वारा इसे मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया और अनुच्छेद 300A के तहत एक ‘विधिक या कानूनी अधिकार’ बना दिया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 300A कहता है कि किसी भी व्यक्ति को विधि के प्राधिकार के बिना उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जाएगा। यद्यपि यह अब मौलिक अधिकार नहीं है, फिर भी यह कानूनी रूप से संरक्षित है और इसे मनमाने ढंग से छीना नहीं जा सकता।
  • गलत विकल्प: (a) 44वें संशोधन के बाद यह मौलिक अधिकार नहीं रहा। (c) और (d) दोनों गलत हैं क्योंकि अनुच्छेद 300A के तहत यह अधिकार सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों) को उपलब्ध है, न कि केवल विशिष्ट समूहों को।

प्रश्न 12: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘स्वतंत्रता’, ‘समानता’ और ‘बंधुता’ के आदर्श किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. यूनाइटेड किंगडम
  3. फ्रांस
  4. कनाडा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: स्वतंत्रता, समानता और बंधुता के आदर्श फ्रांसीसी क्रांति के प्रमुख सिद्धांत थे और भारतीय संविधान की प्रस्तावना भी इन्हीं से प्रेरित है।
  • संदर्भ और विस्तार: इन आदर्शों का उद्देश्य एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जहाँ प्रत्येक व्यक्ति स्वतंत्र हो, सभी के साथ समान व्यवहार किया जाए, और सभी नागरिक बंधुत्व की भावना से रहें। यह भारत को एक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्यायपूर्ण राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: (a) अमेरिका से ‘मौलिक अधिकार’ और ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ की प्रेरणा ली गई है। (b) ब्रिटेन से ‘संसदीय शासन’ और ‘विधि का शासन’ लिया गया है। (d) कनाडा से ‘संघीय व्यवस्था’ और ‘अवशिष्ट शक्तियों का संघ में निहित होना’ लिया गया है।

प्रश्न 13: किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 356
  2. अनुच्छेद 360
  3. अनुच्छेद 352
  4. अनुच्छेद 350

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने पर राष्ट्रपति शासन का प्रावधान अनुच्छेद 356 में किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: जब कोई राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार कार्य नहीं कर पा रही हो, तो राज्यपाल की रिपोर्ट पर या अन्यथा, राष्ट्रपति उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं। यह किसी राज्य में संवैधानिक विफलता की स्थिति में केंद्र सरकार द्वारा हस्तक्षेप का एक साधन है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 350 भाषाई अल्पसंख्यकों के लिए विशेष अधिकारी के बारे में है।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  4. कानून मंत्री

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76(1) के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है। राष्ट्रपति उन्हें तब तक पद पर नियुक्त करते हैं जब तक वे राष्ट्रपति की इच्छा के अनुसार पद पर बने रहते हैं।
  • गलत विकल्प: (b), (c), और (d) महान्यायवादी की नियुक्ति से सीधे तौर पर संबंधित नहीं हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को सलाह दे सकते हैं, लेकिन नियुक्ति का अधिकार राष्ट्रपति का है।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान में ‘अवशिष्ट शक्तियां’ (Residuary Powers) किसे सौंपी गई हैं?

  1. केंद्र सरकार
  2. राज्य सरकारें
  3. केंद्र और राज्य दोनों
  4. न्यायपालिका

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में अवशिष्ट शक्तियां (अर्थात, वे शक्तियां जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में सूचीबद्ध नहीं हैं) केंद्र सरकार को सौंपी गई हैं, जैसा कि अनुच्छेद 248 में प्रावधानित है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था कनाडा के संविधान से प्रेरित है और यह सुनिश्चित करती है कि भारत के संघवाद में केंद्र को अधिक मज़बूत स्थिति प्राप्त हो, विशेष रूप से उन उभरते या अप्रत्याशित क्षेत्रों में जिन पर सूची में अभी तक अधिकार क्षेत्र स्थापित नहीं हुआ है।
  • गलत विकल्प: (b) राज्य सरकारों को केवल वे शक्तियां प्राप्त हैं जो राज्य सूची में हैं। (c) अवशिष्ट शक्तियां केंद्र को सौंपी गई हैं, न कि दोनों को साझा रूप से। (d) न्यायपालिका का कार्य विधियों की व्याख्या करना है, न कि शक्तियां प्राप्त करना।

प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार भारतीय संविधान में आपातकाल के दौरान भी निलंबित नहीं किया जा सकता?

  1. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
  2. प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
  3. समानता का अधिकार
  4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण) के अधिकार राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के दौरान भी निलंबित नहीं किए जा सकते। यह 44वें संशोधन द्वारा सुनिश्चित किया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: ये दो अधिकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के मौलिक पहलू हैं, और इसलिए, आपातकाल जैसी असाधारण परिस्थितियों में भी इन्हें निलंबित करने की अनुमति नहीं है। यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक सुरक्षा के नाम पर मनमानी गिरफ्तारी या जीवन के अधिकार से वंचित न किए जाएं।
  • गलत विकल्प: (a) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19) राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति के आदेश से निलंबित की जा सकती है। (c) समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14) और (d) धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28) भी आपातकाल में निलंबित हो सकते हैं, सिवाय इसके कि अनुच्छेद 21/20 का उल्लंघन न हो।

प्रश्न 17: यदि कोई व्यक्ति पंचायत के सदस्य के रूप में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य है, तो वह किसे संबोधित करते हुए अपना त्यागपत्र देगा?

  1. जिलाधिकारी
  2. राज्य का राज्यपाल
  3. पंचायत का सरपंच
  4. राज्य चुनाव आयोग

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में पंचायती राज व्यवस्था की संरचना और कामकाज राज्यों के कानूनों द्वारा शासित होते हैं। आमतौर पर, पंचायत के सदस्य (जैसे वार्ड सदस्य या पंच) अपने पद से त्यागपत्र पंचायत के सरपंच/मुखिया/अध्यक्ष को देते हैं, जो पंचायत का कार्यकारी प्रमुख होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संरचनात्मक व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि त्यागपत्र का एक स्पष्ट और प्रत्यक्ष मार्ग हो, जो स्थानीय स्वशासन की पदानुक्रमित संरचना के भीतर हो। यह प्रक्रिया राज्यों के पंचायत राज अधिनियमों में विस्तृत होती है।
  • गलत विकल्प: (a) जिलाधिकारी एक प्रशासनिक अधिकारी है। (b) राज्यपाल राज्य के प्रमुख हैं, लेकिन दैनिक प्रशासनिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप नहीं करते। (d) राज्य चुनाव आयोग चुनावों का संचालन करता है, त्यागपत्र की प्रक्रिया का नहीं।

प्रश्न 18: भारत के संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन भारत के लोक उपक्रमों (Public Sector Undertakings) पर वित्तीय नियंत्रण रखता है?

  1. संसद
  2. वित्त मंत्रालय
  3. लोक लेखा समिति (PAC)
  4. नीति आयोग

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में, सार्वजनिक धन का उपयोग और नियंत्रण अंततः संसद की जिम्मेदारी है (अनुच्छेद 114, विनियोग विधेयक)। लोक उपक्रमों का वित्तीय नियंत्रण भी इसी व्यापक ढांचे का हिस्सा है।
  • संदर्भ और विस्तार: यद्यपि वित्त मंत्रालय और लोक लेखा समिति (PAC) क्रमशः नीतियों और CAG की रिपोर्टों के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन लोक उपक्रमों पर अंतिम विधायी और वित्तीय नियंत्रण संसद का होता है, जो उन्हें विधायी निरीक्षण के अधीन रखती है। विनियोग विधेयक और अनुदान की मांगें संसद में पेश की जाती हैं, और PAC तथा प्राक्कलन समितियां संसद के अंग के रूप में कार्य करती हैं।
  • गलत विकल्प: (b) वित्त मंत्रालय परिचालन और नीतिगत नियंत्रण रखता है। (c) PAC CAG की रिपोर्टों की जांच करके अप्रत्यक्ष नियंत्रण रखती है। (d) नीति आयोग सलाहकारी भूमिका में है। संसद इन सभी को मिलाकर अंतिम नियंत्रण रखता है।

प्रश्न 19: भारत में ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग’ (National Human Rights Commission – NHRC) की स्थापना कब हुई?

  1. 1990
  2. 1992
  3. 1993
  4. 1995

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की स्थापना 12 अक्टूबर 1993 को मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के तहत की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC भारत में मानव अधिकारों का संरक्षक है। यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है और सरकारी अधिकारियों द्वारा मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामलों की जांच करता है। यह एक सांविधिक निकाय है, जिसका अर्थ है कि इसकी स्थापना संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प आयोग की स्थापना के वर्ष नहीं हैं।

प्रश्न 20: संविधान (97वां संशोधन) अधिनियम, 2011 किससे संबंधित है?

  1. पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा
  2. सरकारी नौकरियों में आरक्षण
  3. सहकारी समितियों को बढ़ावा देना
  4. नागरिकों के लिए मौलिक कर्तव्यों का समावेश

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान (97वां संशोधन) अधिनियम, 2011 का मुख्य उद्देश्य सहकारी समितियों (Co-operative Societies) को बढ़ावा देना और उन्हें संवैधानिक दर्जा प्रदान करना था। इसने संविधान में भाग IX-B जोड़ा, जिसमें सहकारी समितियों से संबंधित प्रावधान हैं (अनुच्छेद 243-Y से 243-ZH)।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने सहकारी समितियों को अधिक स्वायत्तता, लोकतांत्रिक संचालन और व्यावसायिकता सुनिश्चित करने के लिए कानूनी आधार प्रदान किया। यह भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: (a) पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा 73वें संशोधन (1992) द्वारा दिया गया था। (b) सरकारी नौकरियों में आरक्षण सामाजिक न्याय का एक नीतिगत निर्णय है, जिसका सीधा संबंध 97वें संशोधन से नहीं है। (d) मौलिक कर्तव्यों को 42वें संशोधन (1976) द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।

प्रश्न 21: भारत में ‘राज्य पुनर्गठन आयोग’ (States Reorganisation Commission) का गठन कब किया गया था?

  1. 1947
  2. 1950
  3. 1953
  4. 1956

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य पुनर्गठन आयोग (SRC), जिसे फजल अली आयोग के नाम से भी जाना जाता है, का गठन 1953 में किया गया था। इसकी रिपोर्ट 1955 में प्रस्तुत की गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: इस आयोग का गठन भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की जांच करने के लिए किया गया था। इसने राज्यों के पुनर्गठन के लिए एक सिफारिश की, जिसके परिणामस्वरूप 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम पारित हुआ, जिसने भारत के मानचित्र को काफी हद तक बदल दिया।
  • गलत विकल्प: 1947 में भारत की स्वतंत्रता हुई, 1950 में संविधान लागू हुआ, और 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम लागू हुआ। गठन 1953 में हुआ था।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सी समिति ‘विधायी निरीक्षण’ (Legislative Scrutiny) के लिए जिम्मेदार है?

  1. तदर्थ समितियां
  2. सलाहकार समितियां
  3. सरकारी उपक्रमों पर समिति
  4. अधीनस्थ विधान पर समिति (Committee on Subordinate Legislation)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अधीनस्थ विधान पर समिति (Committee on Subordinate Legislation) का मुख्य कार्य कार्यकारी द्वारा बनाए गए उप-नियमों, उप-विधियों, उप-नियमों, विनियमों और उप-नियमों की जांच करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे संसद द्वारा प्रत्यायोजित शक्ति के भीतर हैं और उनमें कोई अनियमितता नहीं है। यह विधायी निरीक्षण का एक रूप है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह समिति सुनिश्चित करती है कि सरकार की कार्यकारी शाखा अपनी विधायी शक्तियों का दुरुपयोग न करे और उसके द्वारा जारी किए गए नियम संवैधानिक और विधायी मंशा के अनुरूप हों।
  • गलत विकल्प: (a) तदर्थ समितियां विशिष्ट मुद्दों के लिए होती हैं। (b) सलाहकार समितियां सलाह देती हैं। (c) सरकारी उपक्रमों पर समिति सार्वजनिक उपक्रमों के कामकाज की जांच करती है।

प्रश्न 23: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (Comptroller and Auditor General – CAG) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. राष्ट्रपति
  3. लोकसभा अध्यक्ष
  4. वित्त मंत्री

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148(1) के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सभी सार्वजनिक व्यय का लेखा-परीक्षण करता है और संसद की लोक लेखा समिति (PAC) को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। यह पद सरकार के वित्तीय आचरण में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • गलत विकल्प: (a), (c), और (d) CAG की नियुक्ति से सीधे तौर पर संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक संशोधन ‘शिक्षा के अधिकार’ को मौलिक अधिकार बनाता है?

  1. 42वां संशोधन
  2. 61वां संशोधन
  3. 86वां संशोधन
  4. 97वां संशोधन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान (86वां संशोधन) अधिनियम, 2002 ने अनुच्छेद 21A को जोड़कर 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार को एक मौलिक अधिकार बना दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन भारत के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करता है, जो एक महत्वपूर्ण सामाजिक न्याय का कदम है। इसने अनुच्छेद 45 में एक नया उप-खंड जोड़ा और अनुच्छेद 51A में एक नया मौलिक कर्तव्य (क) भी जोड़ा।
  • गलत विकल्प: (a) 42वें संशोधन ने प्रस्तावना में शब्द जोड़े और मौलिक कर्तव्य शामिल किए। (b) 61वें संशोधन ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी। (d) 97वें संशोधन ने सहकारी समितियों से संबंधित प्रावधान जोड़े।

प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सी शक्ति राष्ट्रपति की ‘क्षमादान की शक्ति’ (Power of Pardon) में शामिल नहीं है?

  1. लघुकरण (Commutation)
  2. परिविलंबन (Reprieve)
  3. प्रलंबन (Respite)
  4. स्थगन (Suspension)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के पास अनुच्छेद 72 के तहत क्षमादान की शक्तियां हैं, जिनमें शामिल हैं: क्षमा (Pardon), लघुकरण (Commutation), परिहार (Remission), प्रविलंबन (Reprieve) और प्रलंबन (Respite)।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘लघुकरण’ का अर्थ है एक प्रकार की सज़ा को हल्की सज़ा से बदलना, जैसे मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदलना। ‘परिविलंबन’ या ‘प्रविलंबन’ का अर्थ है सज़ा के निष्पादन पर अस्थायी रोक लगाना, विशेष रूप से मृत्युदंड के मामले में। ‘परिहार’ का अर्थ है सज़ा की अवधि को कम करना (जैसे 5 साल की सज़ा को 2 साल करना)। ‘क्षमा’ का अर्थ है व्यक्ति को अपराध और सज़ा दोनों से मुक्त करना।
  • गलत विकल्प: ‘स्थगन’ (Suspension) शब्द राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्तियों के तहत सीधे तौर पर सूचीबद्ध नहीं है, यद्यपि ‘प्रविलंबन’ (Reprieve) में कुछ हद तक स्थगन का भाव निहित होता है। हालाँकि, सामान्यतः क्षमादान की शक्तियों में ऊपर दिए गए (a), (b), (c) और एक अन्य महत्वपूर्ण शक्ति ‘परिहार’ (Remission) शामिल हैं, जबकि ‘स्थगन’ को एक अलग श्रेणी के रूप में नहीं गिना जाता।

Leave a Comment