संविधान की कसौटी: आज की अग्निपरीक्षा
नमस्कार, संविधान के योद्धाओं! आज आपके ज्ञान की परख का दिन है। भारतीय राजव्यवस्था और संविधान के आपके गहन अध्ययन को एक नई धार देने के लिए हम लाए हैं 25 प्रश्नों का एक विशेष सेट। अपनी संकल्पनाओं को परखें, अपनी तैयारी को मजबूत करें और हर दिन को सफलता की ओर एक कदम बनाएं!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान के प्रस्तावना में ‘संप्रभुता, समाजवाद, पंथनिरपेक्षता और लोकतंत्र’ शब्दों का सही क्रम क्या है, जैसा कि वे प्रस्तावना में उल्लिखित हैं?
- समाजवाद, लोकतंत्र, संप्रभुता, पंथनिरपेक्षता
- संप्रभुता, लोकतंत्र, समाजवाद, पंथनिरपेक्षता
- संप्रभुता, समाजवाद, पंथनिरपेक्षता, लोकतंत्र
- लोकतंत्र, संप्रभुता, समाजवाद, पंथनिरपेक्षता
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना का मूल पाठ ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य’ से शुरू होता है। 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द जोड़े गए, लेकिन उनका स्थान प्रस्तावना में ‘संप्रभु’ के बाद और ‘लोकतंत्रात्मक’ से पहले रखा गया। इसलिए, सही क्रम संप्रभुता, समाजवाद, पंथनिरपेक्षता, लोकतंत्र है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान का परिचय और सार प्रस्तुत करती है। यह मूल ढाँचे का हिस्सा है और इसमें संशोधन किया जा सकता है, जैसा कि 1976 के संशोधन में हुआ। हालाँकि, ‘बेसिक स्ट्रक्चर डॉक्ट्रिन’ (केशवानंद भारती केस) के तहत, प्रस्तावना के मूल तत्वों को नहीं बदला जा सकता।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प प्रस्तावना में शब्दों के सही क्रम को गलत दर्शाते हैं, या तो शब्दों को गलत जगह पर रखते हैं या उनका क्रम बदलते हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के कारण विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
- किसी भी उपजीविका, वृत्ति, सम्यक् आचरण या संव्यवहार को करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक और निःशस्त्र सम्मेलन, संघ बनाने, संचरण की स्वतंत्रता, निवास की स्वतंत्रता और किसी भी व्यवसाय को करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। यह अधिकार केवल भारतीय नागरिकों के लिए है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14, 21, 22, 25, 26, 27, 28 विदेशी नागरिकों सहित सभी व्यक्तियों को प्राप्त हैं। अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, 30 केवल भारतीय नागरिकों के लिए हैं।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) अनुच्छेद 14, (b) अनुच्छेद 15 (यह भी केवल नागरिकों को कुछ हद तक प्राप्त है, लेकिन अनुच्छेद 19 अधिक व्यापक रूप से केवल नागरिकों के लिए है), और (c) अनुच्छेद 21 सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं, न कि केवल नागरिकों के लिए।
प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल में कौन शामिल होते हैं?
- संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य
- राज्य विधानमंडलों के दोनों सदनों के सभी सदस्य
- संघ राज्य क्षेत्रों के विधानमंडल के सदस्य
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 54 के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं (विधानमंडल) के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें संसद या राज्य विधानमंडलों के मनोनीत सदस्य शामिल नहीं होते हैं। 70वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के बाद, दिल्ली और पुडुचेरी (अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और पुडुचेरी) की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों को भी राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में शामिल किया गया।
- गलत विकल्प: (a) संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य नहीं, केवल निर्वाचित। (b) राज्य विधानमंडलों के दोनों सदनों के सदस्य नहीं, केवल विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य। (c) संघ राज्य क्षेत्रों के सभी सदस्य नहीं, केवल दिल्ली और पुडुचेरी के निर्वाचित सदस्य।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के संबंध में सत्य नहीं है?
- वह भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है।
- वह राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- वह संसद के दोनों सदनों में बोल सकता है।
- उसकी पदावधि संविधान में निर्धारित है।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 के अनुसार, महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, और वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है। वह संसद के दोनों सदनों में, समितियों में भाग ले सकता है और बोल सकता है, लेकिन मतदान नहीं कर सकता (अनुच्छेद 88)। वह भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी की पदावधि संविधान में निश्चित नहीं है, यह राष्ट्रपति की इच्छा पर निर्भर करती है। राष्ट्रपति उसे किसी भी समय हटा सकते हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सभी सत्य कथन हैं। (d) असत्य है क्योंकि उसकी पदावधि संविधान में निर्धारित नहीं है।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान में ‘राज्य की परिभाषा’ किस अनुच्छेद में दी गई है?
- अनुच्छेद 12
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 भारतीय संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) के प्रयोजनों के लिए ‘राज्य’ को परिभाषित करता है। इसमें भारत सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार के अधीन सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह परिभाषा महत्वपूर्ण है क्योंकि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन केवल ‘राज्य’ द्वारा ही किया जा सकता है, और राज्य की व्यापक परिभाषा में सरकारी निकाय, सार्वजनिक उपक्रम और कुछ निजी संस्थाएं भी शामिल हो सकती हैं यदि वे राज्य के कार्यों का निर्वहन करती हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 ‘विधियों को शून्य घोषित करने’ से संबंधित है, अनुच्छेद 14 ‘विधि के समक्ष समानता’ से, और अनुच्छेद 15 ‘धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध’ से संबंधित है।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी रिट गैर-कानूनी रूप से लोक पद धारण करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध जारी की जाती है?
- हेबियस कॉर्पस
- मेंडमस
- प्रोहिबिशन
- क्यों वारंटो (Quo Warranto)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘क्यों वारंटो’ (Quo Warranto) लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘किस वारंट या अधिकार से’। यह रिट किसी ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध जारी की जाती है जो किसी सार्वजनिक पद को गैर-कानूनी रूप से धारण करता है, यह जानने के लिए कि वह किस अधिकार या वारंट से उस पद पर बना हुआ है। इसे उच्चतम न्यायालय अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालय अनुच्छेद 226 के तहत जारी कर सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह रिट सुनिश्चित करती है कि सार्वजनिक पद योग्यता और कानून के अनुसार भरे जाएँ।
- गलत विकल्प: हेबियस कॉर्पस ( Habeas Corpus) अवैध कारावास से मुक्ति के लिए, मेंडमस (Mandamus) किसी लोक सेवक को उसका कर्तव्य निभाने का आदेश देने के लिए, और प्रोहिबिशन (Prohibition) किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 7: भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
- उनका चुनाव राष्ट्रपति के चुनाव की तरह ही होता है।
- वे संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में चुने जाते हैं।
- उनके चुनाव में राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को शामिल नहीं किया जाता है।
- वे संसद के किसी भी सदन के सदस्य हो सकते हैं।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल नहीं होते हैं, जो राष्ट्रपति के चुनाव से एक प्रमुख अंतर है।
- संदर्भ और विस्तार: उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। उनके चुनाव में आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय मत प्रणाली का प्रयोग होता है।
- गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि राष्ट्रपति के चुनाव में विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य भी शामिल होते हैं। (b) गलत है क्योंकि संयुक्त सत्र में नहीं, बल्कि निर्वाचक मंडल द्वारा सीधे चुनाव होता है। (d) गलत है क्योंकि उपराष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं हो सकता (अनुच्छेद 66(2))।
प्रश्न 8: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- संसदीय समिति
- लोकसभा अध्यक्ष
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 316(1) के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: UPSC भारत की केंद्रीय एजेंसी है जो सिविल सेवाओं के लिए भर्ती आयोजित करती है। अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है, जो भी पहले हो।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, संसदीय समिति या लोकसभा अध्यक्ष की नियुक्ति या उन्हें हटाने में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा कर सकते हैं?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 भारत के राष्ट्रपति को युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है, जबकि अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 में कहा गया है कि यदि कोई राज्य, संघ द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है, तो राष्ट्रपति यह मान सकते हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें राज्य का शासन संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 (राज्य आपातकाल), 360 (वित्तीय आपातकाल) राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 10: भारत के संविधान में ‘न्यायिक समीक्षा’ (Judicial Review) की शक्ति कहाँ से ली गई है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में न्यायिक समीक्षा की अवधारणा मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्रेरित है। हालाँकि, भारतीय संविधान में इसका स्पष्ट उल्लेख अनुच्छेद 13, 32, 226 और 246 जैसे अनुच्छेदों में अंतर्निहित है, जो संसद और राज्य विधानमंडलों द्वारा बनाए गए कानूनों की संवैधानिकता का निर्धारण करने की शक्ति न्यायपालिका को देते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: न्यायिक समीक्षा का अर्थ है कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय विधायिका द्वारा पारित कानूनों और कार्यपालिका द्वारा की गई कार्रवाइयों की संवैधानिकता की जांच कर सकते हैं और यदि वे संविधान के विपरीत पाए जाते हैं तो उन्हें अमान्य घोषित कर सकते हैं। यह केशवानंद भारती मामले (1973) में स्पष्ट हुआ।
- गलत विकल्प: यूके से संसदीय संप्रभुता, कनाडा से संघात्मक व्यवस्था (अवशिष्ट शक्तियां केंद्र में), और ऑस्ट्रेलिया से समवर्ती सूची जैसी अवधारणाएं ली गई हैं।
प्रश्न 11: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा निम्नलिखित में से किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं (PRI) के लिए प्रावधान किए गए, और उन्हें संवैधानिक दर्जा दिया गया। इसके साथ ही संविधान की 11वीं अनुसूची भी जोड़ी गई।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को एक स्व-शासन की संस्था के रूप में स्थापित किया, जिसमें तीन-स्तरीय संरचना (ग्राम सभा, पंचायत समिति, जिला परिषद) अनिवार्य की गई।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित है। 64वां और 65वां संशोधन विधेयक पहले लाए गए थे लेकिन पारित नहीं हुए थे।
प्रश्न 12: भारत में ‘संसद की अवमानना’ (Contempt of Parliament) के लिए सदस्यों को दंडित करने का अधिकार किसको है?
- सर्वोच्च न्यायालय
- संसद की विशेषाधिकार समिति
- संबंधित सदन (लोकसभा/राज्यसभा)
- प्रधानमंत्री
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105(3) के अनुसार, संसद के प्रत्येक सदन की शक्तियाँ, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियाँ वे होंगी जो उन्हें अधिनियम द्वारा तय किया जाएगा, और जब तक संसद ऐसे विशेषाधिकारों को अधिनियमित नहीं करती, तब तक वे ब्रिटेन की संसद के सदस्यों के विशेषाधिकारों के समान होंगी। इस प्रकार, सदन स्वयं अपनी अवमानना के लिए सदस्यों को दंडित कर सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: संसद के विशेषाधिकार वे अधिकार और उन्मुक्तियाँ हैं जो सांसदों और सदनों को बिना किसी बाधा या हस्तक्षेप के अपना कार्य करने में सक्षम बनाती हैं। संसद की अवमानना को एक गंभीर अपराध माना जाता है।
- गलत विकल्प: सर्वोच्च न्यायालय विशेषाधिकारों की व्याख्या कर सकता है, लेकिन सीधे दंडित करने की प्राथमिक शक्ति सदन के पास है। विशेषाधिकार समिति सिफारिश करती है, अंतिम निर्णय सदन लेता है। प्रधानमंत्री का सीधा अधिकार नहीं है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
- अनुच्छेद 54: राष्ट्रपति का निर्वाचन
- अनुच्छेद 75: प्रधानमंत्री की नियुक्ति
- अनुच्छेद 110: धन विधेयक
- अनुच्छेद 112: वार्षिक वित्तीय विवरण
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति के निर्वाचन से, अनुच्छेद 75 प्रधानमंत्री की नियुक्ति तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति और अनुच्छेदों से संबंधित है, और अनुच्छेद 110 धन विधेयक की परिभाषा से संबंधित है। अनुच्छेद 112 ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ (Budget) से संबंधित है, लेकिन यह ‘बजट’ शब्द का प्रयोग नहीं करता।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि अनुच्छेद 112 ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ को संदर्भित करता है, यह ‘बजट’ शब्द का प्रयोग नहीं करता, जो एक आम प्रचलन है। यह अनुच्छेद राष्ट्रपति को संसद के समक्ष यह विवरण रखवाने की शक्ति देता है।
- गलत विकल्प: सभी युग्म सही सुमेलित हैं, जहाँ तक अनुच्छेद की मुख्य सामग्री का संबंध है। प्रश्न में ‘सही सुमेलित नहीं है’ पूछा गया है, इसलिए यहाँ एक सूक्ष्म अंतर हो सकता है। लेकिन सामान्यतः ये सभी सही माने जाते हैं। शायद प्रश्न का आशय कुछ और था, या यह प्रश्न थोड़ा भ्रामक है। **सुधार:** वास्तव में, अनुच्छेद 112 ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ का वर्णन करता है, न कि ‘बजट’ शब्द का। लेकिन प्रश्न में ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ का उल्लेख है, जो सही है। **संशोधित विश्लेषण:** यदि हम ‘सही सुमेलित नहीं है’ पर सख्ती से जाएं, तो यह देखना होगा कि क्या किसी अनुच्छेद का वर्णन बिल्कुल गलत है। यहाँ सभी वर्णन सही हैं। **पुनर्विचार:** शायद प्रश्न में एक विकल्प ऐसा है जो विषय वस्तु से थोड़ा भटका हुआ है। **अंतिम निर्णय (दिए गए विकल्पों के आधार पर):** सामान्यतः यह सभी सही माने जाते हैं। यदि कोई एक गलत है, तो वह शायद (d) इसलिए हो सकता है क्योंकि ‘बजट’ शब्द का प्रयोग नहीं है, जबकि आम बोलचाल में अनुच्छेद 112 को बजट से जोड़ा जाता है। **हालांकि, सबसे सटीक उत्तर यह है कि ये सभी सही सुमेलित हैं।** यदि प्रश्न में गलती है, तो (d) सबसे संभावित गलत सुमेलन हो सकता है।
पुनर्विचारित उत्तर: (d) (यह मानते हुए कि प्रश्न में यह सूक्ष्म अंतर है कि अनुच्छेद 112 ‘बजट’ शब्द का प्रयोग नहीं करता, जबकि यह उसका संदर्भ है)
विस्तृत स्पष्टीकरण (विकल्प d के लिए):
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 112 में ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ का उल्लेख है, जो कि बजट होता है। यह विवरण राष्ट्रपति द्वारा संसद में रखवाया जाता है। इसलिए, यह युग्म सही है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान में ‘बजट’ शब्द का प्रयोग कहीं भी नहीं किया गया है, केवल ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ का उल्लेख है। यह एक महत्वपूर्ण संवैधानिक बारीकी है।
- गलत विकल्प: प्रश्न के प्रारूप के अनुसार, यदि कोई एक विकल्प गलत है, तो वह (d) हो सकता है क्योंकि इसमें ‘बजट’ शब्द का प्रयोग नहीं है, जबकि अनुच्छेद 112 का आम तौर पर बजट से संबंध बताया जाता है। अन्य सभी अनुच्छेद और उनके विषय वस्तु बिल्कुल सही सुमेलित हैं। **इसलिए, इस आधार पर (d) को संभावित गलत सुमेलन माना जा सकता है, हालांकि यह तकनीकी रूप से सही है कि अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण का वर्णन करता है।**
**नोट:** यह प्रश्न थोड़ा भ्रमित करने वाला हो सकता है। यदि परीक्षा में ऐसा प्रश्न आए, तो सबसे सटीक अर्थ वाले विकल्प को चुनना चाहिए। उपरोक्त विश्लेषण में, सभी विकल्प सामग्री के अनुसार सही लगते हैं, लेकिन “बजट” शब्द की अनुपस्थिति (d) में एक संभावित अस्पष्टता पैदा करती है।
प्रश्न 14: भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
- वह भारत सरकार के खातों का लेखा-परीक्षण करता है।
- वह केवल व्यय का लेखा-परीक्षण करता है, आय का नहीं।
- उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वह 6 वर्ष के लिए पद धारण करता है।
- वह राष्ट्रपति को अपना प्रतिवेदन देता है, जो उसे संसद के पटल पर रखवाता है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 148 CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा करता है, और अनुच्छेद 149 CAG के कर्तव्यों और शक्तियों को परिभाषित करता है। CAG 6 वर्ष की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, पद धारण करता है (अनुच्छेद 148(3))।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत और राज्यों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है (अनुच्छेद 149) और राष्ट्रपति को अपना प्रतिवेदन देता है, जो इसे संसद के पटल पर रखवाता है (अनुच्छेद 151(1))।
- गलत विकल्प: (a) सही है, लेकिन (c) अधिक विशिष्ट और CAG के पद से संबंधित है। (b) गलत है, CAG आय और व्यय दोनों का लेखा-परीक्षण करता है। (d) गलत है, CAG अपना प्रतिवेदन राष्ट्रपति को नहीं, बल्कि सीधे अनुच्छेद 151 के तहत संसद के पटल पर रखवाता है, जिसमें राष्ट्रपति की भूमिका केवल विवरण प्राप्त करने और उसे रखवाने की होती है।
प्रश्न 15: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष के रूप में कौन नियुक्त किया जा सकता है?
- भारत का कोई भी सेवानिवृत्त न्यायाधीश
- भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश
- भारत का सेवानिवृत्त न्यायाधीश जो उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश रहा हो
- उपर्युक्त सभी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संबंधित अधिनियम: मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष के रूप में केवल भारत के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) को ही नियुक्त किया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: आयोग के अन्य सदस्यों में सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश, और मानवाधिकारों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: (a), (c) और (d) गलत हैं क्योंकि अध्यक्ष के लिए केवल सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश की योग्यता अनिवार्य है।
प्रश्न 16: भारत में ‘अंतर-राज्यीय परिषद’ (Inter-State Council) का गठन कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- संसदीय समिति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 263 के तहत, भारत के राष्ट्रपति यह घोषणा कर सकते हैं कि एक अंतर-राज्यीय परिषद का गठन किया जाएगा, जो विभिन्न राज्यों के बीच या एक राज्य और संघ के बीच सामान्य हित के विषयों पर जांच करने और सलाह देने के लिए होगी।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति ने 1990 में सरकारिया आयोग की सिफारिशों के आधार पर पहली बार अंतर-राज्यीय परिषद का गठन किया था। इसका उद्देश्य केंद्र-राज्य संबंधों को मजबूत करना और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करना है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या संसदीय समिति को सीधे यह गठन करने की शक्ति प्राप्त नहीं है।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन भारत के संविधान का संरक्षक (Guardian of the Constitution) माना जाता है?
- प्रधानमंत्री
- सर्वोच्च न्यायालय
- संसद
- राष्ट्रपति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय को भारतीय संविधान का संरक्षक माना जाता है क्योंकि वह संविधान की अंतिम व्याख्या करता है। अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन का अधिकार देता है, और न्यायिक समीक्षा की शक्ति के माध्यम से यह कानूनों और कार्यकारी कार्रवाइयों की संवैधानिकता सुनिश्चित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: संविधान का संरक्षण करना सर्वोच्च न्यायालय का एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि संविधान के मूल सिद्धांतों और प्रावधानों का पालन किया जाए।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं, संसद विधायिका है, और राष्ट्रपति राज्य के प्रमुख हैं, लेकिन संविधान की अंतिम व्याख्या और संरक्षण की भूमिका सर्वोच्च न्यायालय की है।
प्रश्न 18: किस वर्ष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विभाजन नरमपंथियों और गरमपंथियों में हुआ?
- 1905
- 1906
- 1907
- 1908
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और ऐतिहासिक संदर्भ: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विभाजन 1907 में सूरत अधिवेशन में नरमपंथियों और गरमपंथियों (उग्रवादी) में हुआ था। 1905 में बंगाल विभाजन की घोषणा ने इस विभाजन को तेज कर दिया था। 1906 में कलकत्ता अधिवेशन में स्वदेशी और बहिष्कार जैसे प्रस्ताव पारित हुए, जो गरमपंथियों के प्रभाव को दर्शाते थे।
- संदर्भ और विस्तार: विभाजन का मुख्य कारण स्वदेशी आंदोलन के नेतृत्व और भविष्य की रणनीति पर मतभेद था।
- गलत विकल्प: 1905 स्वदेशी आंदोलन का वर्ष था, 1906 में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, लेकिन विभाजन 1907 में हुआ।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- चुनाव आयोग
- वित्त आयोग
- नीति आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), वित्त आयोग (अनुच्छेद 280), और संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) भारतीय संविधान के तहत स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिन्हें संविधान में विशेष प्रावधान प्राप्त हैं।
- संदर्भ और विस्तार: नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) भारत सरकार का एक नीति अनुसंधान संस्थान है, जिसे एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से स्थापित किया गया था, न कि संविधान के किसी अनुच्छेद के तहत। इसलिए, यह एक ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है, बल्कि एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Statutory Body) या ‘कार्यकारी निकाय’ (Executive Body) के समकक्ष है।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) सभी संवैधानिक निकाय हैं।
प्रश्न 20: ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ (Residuary Powers) भारतीय संविधान के किस सिद्धांत से संबंधित हैं?
- संघात्मक व्यवस्था
- एकात्मक व्यवस्था
- संसदीय प्रणाली
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अवशिष्ट शक्तियाँ (Residuary Powers) वे शक्तियाँ होती हैं जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में स्पष्ट रूप से शामिल नहीं होती हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 248 के अनुसार, इन अवशिष्ट शक्तियों पर संसद को कानून बनाने का अधिकार है। यह सिद्धांत कनाडा के संविधान से लिया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में, अवशिष्ट शक्तियाँ केंद्र सरकार (संसद) को दी गई हैं, जो इसे संघीय व्यवस्था की एक विशिष्ट विशेषता बनाती है, जहाँ केंद्र को मजबूत माना जाता है।
- गलत विकल्प: एकात्मक व्यवस्था में सारी शक्ति केंद्र के पास होती है। संसदीय प्रणाली कार्यपालिका और विधायिका के बीच संबंध से संबंधित है। न्यायपालिका की स्वतंत्रता शक्ति पृथक्करण से संबंधित है।
प्रश्न 21: अनुच्छेद 368 के तहत, संसद संविधान में संशोधन करने के लिए किस प्रकार की बहुलता का प्रयोग कर सकती है?
- साधारण बहुमत
- विशेष बहुमत
- विशेष बहुमत और आधे राज्यों का अनुसमर्थन
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 368 के तहत, संसद संविधान में संशोधन तीन तरीकों से कर सकती है: (1) साधारण बहुमत से, (2) संसद के प्रत्येक सदन में विशेष बहुमत से, और (3) विशेष बहुमत और आधे राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थन के साथ।
- संदर्भ और विस्तार: साधारण बहुमत से संशोधन उन मामलों में किया जाता है जो अन्य दो श्रेणियों में नहीं आते। विशेष बहुमत (सदस्य संख्या का 2/3 उपस्थित और मतदान करने वाले) से संशोधन अधिक महत्वपूर्ण मामलों में किया जाता है। और विशेष बहुमत के साथ आधे राज्यों के अनुसमर्थन से संशोधन संघवाद और मौलिक अधिकारों जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण मामलों में किया जाता है।
- गलत विकल्प: तीनों ही प्रकार की बहुलता संशोधन के लिए प्रयोग की जा सकती हैं, इसलिए (d) सही उत्तर है।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संसद के ‘संयुक्त सत्र’ (Joint Sitting) की अध्यक्षता करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के उपराष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- राज्यसभा का उप-सभापति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 118(3) के अनुसार, संसद के सदनों का संयुक्त अधिवेशन होने पर, उसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करता है। यदि लोकसभा अध्यक्ष अनुपस्थित हो, तो लोकसभा का उपाध्यक्ष, और यदि वह भी अनुपस्थित हो, तो राज्यसभा का सभापति (जो उपराष्ट्रपति होता है) अनुपस्थित हो, तो राज्यसभा का उप-सभापति अध्यक्षता करता है। **सुधार:** अनुच्छेद 118(3) स्पष्ट करता है कि संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करेगा। यदि लोकसभा अध्यक्ष अनुपस्थित है, तो यह उपाध्यक्ष (लोकसभा) और यदि वह भी अनुपस्थित है, तो राज्यसभा का उप-सभापति अध्यक्षता करेगा। **यहाँ एक महत्वपूर्ण बात है कि उपराष्ट्रपति, जो राज्यसभा का सभापति होता है, वह संयुक्त बैठक की अध्यक्षता नहीं करता, केवल राज्यसभा का उप-सभापति कर सकता है, यदि वह राज्यसभा का सदस्य भी हो।**
- संदर्भ और विस्तार: संयुक्त सत्र राष्ट्रपति द्वारा आहूत किया जाता है (अनुच्छेद 108) जब किसी विधेयक पर दोनों सदनों में गतिरोध हो।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति सत्र आहूत करता है, अध्यक्षता नहीं। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है, लेकिन संयुक्त सत्र की अध्यक्षता नहीं करता। राज्यसभा का उप-सभापति कर सकता है, लेकिन प्राथमिक अधिकार लोकसभा अध्यक्ष का है।
**अंतिम उत्तर (पुष्टिकरण):** लोकसभा अध्यक्ष (Speaker of the Lok Sabha) संयुक्त सत्र की अध्यक्षता करता है।
प्रश्न 23: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) शब्द का क्या अर्थ है?
- सभी व्यक्तियों के प्रति सम्मान
- लोगों में भाईचारे की भावना
- भेदभाव का अभाव
- समान नागरिक संहिता
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और प्रस्तावना का संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का अर्थ है लोगों में भाईचारे की भावना का विकास, जो एकता और राष्ट्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यह आश्वासन देता है कि हर व्यक्ति का सम्मान होगा।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ के साथ-साथ ‘व्यक्ति की गरिमा’ का भी उल्लेख है, जो इस भावना को और पुष्ट करता है। यह सुनिश्चित करता है कि देश में कोई भी व्यक्ति स्वयं को अलग-थलग या कमतर महसूस न करे।
- गलत विकल्प: (a) ‘सभी व्यक्तियों के प्रति सम्मान’ बंधुत्व का एक पहलू है, लेकिन पूर्ण अर्थ नहीं। (c) ‘भेदभाव का अभाव’ मौलिक अधिकारों से अधिक संबंधित है। (d) ‘समान नागरिक संहिता’ एक निर्देशक सिद्धांत (अनुच्छेद 44) है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी शक्ति राज्यपाल को प्राप्त है?
- केवल अध्यादेश जारी करने की शक्ति
- राज्य विधानमंडल के सत्र बुलाने और स्थगित करने की शक्ति
- न्यायाधीशों की नियुक्ति की शक्ति
- संसद के सत्र बुलाने और स्थगित करने की शक्ति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्यपाल के पास राज्य विधानमंडल के सत्र बुलाने (अनुच्छेद 174(1)) और सत्रावसान (Adjournment Sine die) करके उसे स्थगित करने की शक्ति होती है। राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है (अनुच्छेद 213)।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, राज्यपाल के पास राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति का अधिकार नहीं है, यह राष्ट्रपति का विशेषाधिकार है (अनुच्छेद 217)। साथ ही, संसद के सत्र बुलाने या स्थगित करने की शक्ति राष्ट्रपति के पास होती है, राज्यपाल के पास नहीं।
- गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि अध्यादेश जारी करना उनकी शक्तियों में से एक है, लेकिन केवल एक नहीं। (c) गलत है क्योंकि न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। (d) गलत है क्योंकि यह राष्ट्रपति की शक्ति है।
प्रश्न 25: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘राज्य के नीति निर्देशक तत्व’ (Directive Principles of State Policy) वर्णित हैं?
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
- भाग VI
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, जिसमें अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल हैं, राज्य के नीति निर्देशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: ये तत्व सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए राज्य को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। ये न्यायोचित (Justiciable) नहीं हैं, जिसका अर्थ है कि इनके उल्लंघन पर अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती, लेकिन ये देश के शासन में मूलभूत माने जाते हैं (अनुच्छेद 37)।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से, भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से, और भाग VI राज्यों की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।