संविधान की कसौटी: आज का पॉलिटी महा-अभ्यास
नमस्कार, भावी प्रशासकों! भारतीय संविधान और राजव्यवस्था की आपकी समझ को और पैना करने के लिए हम लेकर आए हैं आज का विशेष पॉलीटी महा-अभ्यास। यह सिर्फ प्रश्नों का संग्रह नहीं, बल्कि आपके ज्ञान की गहराई को परखने और संवैधानिक अवधारणाओं पर आपकी पकड़ को मजबूत करने का एक अनूठा अवसर है। तो चलिए, अपने संवैधानिक ढांचे की बुनियाद को समझने के इस सफर पर, और देखते हैं आप कितने प्रश्नों के सही उत्तर दे पाते हैं!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द किस संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़े गए?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़कर, संविधान निर्माताओं का उद्देश्य भारत को एक कल्याणकारी राज्य के रूप में स्थापित करना और सभी नागरिकों के लिए धार्मिक सहिष्णुता और समानता सुनिश्चित करना था। प्रस्तावना को संविधान का ‘आत्मा’ माना जाता है और इसमें किए गए ये परिवर्तन भारतीय गणराज्य के मूल स्वरूप को और अधिक स्पष्ट करते हैं।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन अधिनियम, 1985 ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को संविधान की दसवीं अनुसूची में जोड़ा। 61वां संशोधन अधिनियम, 1989 ने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष की।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत ‘जीवन के अधिकार’ में शामिल नहीं है?
- पर्यावरण की शुद्धता का अधिकार
- निजता का अधिकार
- मानहानि से संरक्षण का अधिकार
- विदेश यात्रा का अधिकार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा प्रदान करता है। सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों में इसे व्यापक अर्थ दिया है, जिसमें पर्यावरण की शुद्धता का अधिकार, निजता का अधिकार (जस्टिस के.एस. पुट्टास्वामी मामले में), और विदेश यात्रा का अधिकार (मेनका गांधी मामले में) शामिल हैं। मानहानि से संरक्षण का अधिकार, हालांकि यह प्रतिष्ठा का मामला है, सीधे तौर पर अनुच्छेद 21 के तहत ‘जीवन के अधिकार’ के मूल स्वरूप में शामिल नहीं है, बल्कि यह अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक पहलू है, जिसके औचित्यपूर्ण प्रतिबंध हो सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 21 केवल शारीरिक जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार भी शामिल है। निजता का अधिकार, जैसा कि ‘पुट्टास्वामी बनाम भारत संघ’ मामले (2017) में नौ-न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से माना, अनुच्छेद 21 का एक अभिन्न अंग है।
- गलत विकल्प: पर्यावरण की शुद्धता (व्हिस्पा बनाम राजस्थान राज्य), निजता (पुट्टास्वामी), और विदेश यात्रा (मेनका गांधी) सभी को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जीवन के अधिकार का हिस्सा माना गया है। मानहानि (Defamation) को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अनुचित प्रतिबंध के रूप में देखा जा सकता है, यदि इसे निरंकुश बना दिया जाए, परंतु यह सीधे तौर पर जीवन के अधिकार के अर्थ में शामिल नहीं है, बल्कि यह अनुचित प्रतिबंधों के अधीन है।
प्रश्न 3: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
- CAG का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होता है।
- CAG भारत सरकार के लिए धन के विनियोग की लेखापरीक्षा करता है, लेकिन राज्य सरकारों के लिए नहीं।
- CAG की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- CAG संसद के प्रति उत्तरदायी होता है, लेकिन राष्ट्रपति के प्रति नहीं।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति अनुच्छेद 148 के अनुसार भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के समेकित निधि, लोक वित्त निकायों और सभी सरकारी उपक्रमों द्वारा किए गए व्यय की लेखापरीक्षा करता है, और यह सुनिश्चित करता है कि व्यय वैधानिक प्रावधानों के अनुसार हो। CAG का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) होता है। CAG संसद के प्रति उत्तरदायी होता है, लेकिन यह राष्ट्रपति के प्रति भी एक संवैधानिक पद के नाते जवाबदेही रखता है, खासकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के संबंध में। CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों दोनों के खातों की लेखापरीक्षा करता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष है, लेकिन 65 वर्ष की आयु पहले हो सकती है। विकल्प (b) गलत है क्योंकि CAG केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के खातों की लेखापरीक्षा करता है। विकल्प (d) पूर्णतः सत्य नहीं है, क्योंकि CAG अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, जो फिर उसे संसद के पटल पर रखवाते हैं, अतः दोनों से संबंध है।
प्रश्न 4: भारतीय संसद का सत्र बुलाने की शक्ति किसके पास है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 85(1) के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर जो वे उचित समझें, अधिवेशन के लिए आहूत करेंगे।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति संसद का सत्र बुलाते हैं, उसकी अवधि को समाप्त कर सकते हैं (प्रत्यावर्तन), और लोकसभा का विघटन कर सकते हैं। हालांकि, सत्र बुलाने का निर्णय आमतौर पर सरकार (प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद) की सलाह पर लिया जाता है, लेकिन संवैधानिक शक्ति राष्ट्रपति में निहित है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या मंत्रिमंडलीय समिति सत्र बुलाने की सिफारिश कर सकते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय और आह्वान राष्ट्रपति द्वारा ही किया जाता है।
प्रश्न 5: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा निम्नलिखित में से किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 72वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 80वां संशोधन अधिनियम, 2000
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा दिया गया। इसने संविधान में 11वीं अनुसूची भी जोड़ी, जिसमें PRIs के 29 कार्य शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज को सशक्त बनाना और इसे स्थानीय स्वशासन की एक इकाई के रूप में स्थापित करना था, जिससे लोकतंत्र का विकेंद्रीकरण हो सके।
- गलत विकल्प: 72वां संशोधन असम गण परिषद के साथ एक समझौते से संबंधित था। 74वां संशोधन अधिनियम, 1992 ने शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा दिया और संविधान में भाग IX-A और 12वीं अनुसूची जोड़ी। 80वां संशोधन करों के वितरण से संबंधित था।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश देती है, यदि उसकी गिरफ्तारी अवैध मानी जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘आपके पास शरीर हो’। यह रिट किसी भी व्यक्ति को, जिसे गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया है, उसे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश देती है। यह अधिकार अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत नागरिकों को प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: यह रिट व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है। यह अवैध हिरासत के मामलों में सुरक्षा प्रदान करती है।
- गलत विकल्प: परमादेश तब जारी किया जाता है जब कोई सार्वजनिक अधिकारी अपने सार्वजनिक कर्तव्य का पालन नहीं करता। अधिकार पृच्छा यह निर्धारित करती है कि किसी व्यक्ति ने सार्वजनिक पद को कैसे धारण किया है, यदि वह अवैध रूप से धारण किया गया हो। उत्प्रेषण किसी अधीनस्थ न्यायालय या ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 7: भारत में राजनीतिक दल को राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता देने का अधिकार किसके पास है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय
- भारत का निर्वाचन आयोग
- संसदीय मामलों का मंत्रालय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: किसी भी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता देने का अधिकार भारत के निर्वाचन आयोग (Election Commission of India – ECI) के पास है। यह अधिकार उसे प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत प्रदान किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित चुनावी नियमों और मापदंडों के आधार पर यह मान्यता दी जाती है, जिसमें चुनावों में प्राप्त मतों का प्रतिशत और सीटों की संख्या शामिल है। यह मान्यता दलों को कुछ विशेषाधिकार प्रदान करती है, जैसे कि आरक्षित चुनाव चिह्न और सार्वजनिक धन।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय या संसदीय मामलों का मंत्रालय इस मामले में सीधे तौर पर मान्यता देने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
प्रश्न 8: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति से संबंधित है?
- अनुच्छेद 75
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 77
- अनुच्छेद 78
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 76, भारतीय संविधान में, भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति, पद और कर्तव्यों का प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है। उनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 75 राष्ट्रपति द्वारा मंत्रियों की नियुक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 77 भारत सरकार के सरकारी कार्यों के संचालन से संबंधित है। अनुच्छेद 78 राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्यों से संबंधित है।
प्रश्न 9: ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ (DPSP) को भारतीय संविधान के किस भाग में शामिल किया गया है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
- भाग VI
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy – DPSP) को भारतीय संविधान के भाग IV में, अनुच्छेद 36 से 51 तक, शामिल किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: ये तत्व कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए राज्य को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, लेकिन वे न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, जैसा कि अनुच्छेद 37 में कहा गया है। वे मौलिक अधिकारों के पूरक हैं।
- गलत विकल्प: भाग III में मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12-35) हैं। भाग V संघ की कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका से संबंधित है। भाग VI राज्य की कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका से संबंधित है।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सी संसदीय समिति लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee – PAC) की तरह ही सार्वजनिक धन के उपयोग पर नियंत्रण रखती है?
- विशेषाधिकार समिति
- आश्वासन समिति
- प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
- नियम समिति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) भी लोक लेखा समिति (PAC) की तरह ही सार्वजनिक धन के उपयोग पर नियंत्रण रखती है। PAC जहाँ सरकार के व्यय की ‘प्रक्रिया’ की जाँच करती है, वहीं प्राक्कलन समिति व्यय की ‘पर्याप्तता’ और ‘कुशलता’ की जाँच करती है। दोनों समितियाँ लोकनिधि के दुरुपयोग को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: प्राक्कलन समिति का मुख्य कार्य यह देखना है कि क्या अनुमानित व्यय उसी के अनुरूप है जो नीतिगत उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है, और क्या वे मितव्ययिता के सिद्धांतों के अनुरूप हैं।
- गलत विकल्प: विशेषाधिकार समिति सांसदों के विशेषाधिकारों से संबंधित है। आश्वासन समिति सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों के कार्यान्वयन की जाँच करती है। नियम समिति संसद के कामकाज के नियमों से संबंधित है।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को किसी भी मामले में सर्वोच्च न्यायालय की राय लेने की शक्ति प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 144
- अनुच्छेद 145
- अनुच्छेद 146
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 143, भारत के राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वे किसी भी सार्वजनिक महत्व के प्रश्न या किसी भी ऐसे प्रश्न पर, जिस पर वे राय चाहते हों, भारत के सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श कर सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई राय राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं होती है। यह राष्ट्रपति को एक महत्वपूर्ण सलाहकारी भूमिका प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 144 कहता है कि भारत के क्षेत्र में सभी नागरिक और न्यायिक प्राधिकारी उच्चतम न्यायालय की सहायता में कार्य करेंगे। अनुच्छेद 145 सर्वोच्च न्यायालय की नियमन शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 146 सर्वोच्च न्यायालय के कर्मचारियों से संबंधित है।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान में ‘राज्य’ की परिभाषा अनुच्छेद 12 में दी गई है। इसमें निम्नलिखित में से कौन शामिल है?
- केवल केंद्रीय सरकार और संसद
- केवल राज्य सरकारें और राज्य विधानमंडल
- भारत सरकार और संसद, राज्य सरकारें और राज्य विधानमंडल, और सभी स्थानीय प्राधिकारी
- सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 12 के अनुसार, ‘राज्य’ शब्द में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं। ‘अन्य प्राधिकारी’ की व्याख्या के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और कुछ निजी संस्थाओं को भी शामिल किया गया है, यदि वे सरकारी नियंत्रण में हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह परिभाषा मौलिक अधिकारों (भाग III) के प्रवर्तन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि मौलिक अधिकार राज्य के विरुद्ध लागू होते हैं।
- गलत विकल्प: सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय अपनी न्यायिक भूमिका में ‘राज्य’ के विरुद्ध आदेश जारी करते हैं, वे स्वयं ‘राज्य’ की परिभाषा में उस संदर्भ में शामिल नहीं हैं जब मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।
प्रश्न 13: राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति संविधान के किस अनुच्छेद में निहित है?
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 213
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 115
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 123, भारत के राष्ट्रपति को यह शक्ति प्रदान करता है कि जब संसद के दोनों सदन सत्र में न हों, तो वह अध्यादेश जारी कर सके।
- संदर्भ और विस्तार: यह अध्यादेश संसद के पुनः सत्र में आने के छह सप्ताह के भीतर सदन द्वारा अनुमोदित होना चाहिए, अन्यथा यह समाप्त हो जाता है। यह कानून बनाने का एक अस्थायी साधन है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 213 राज्यपाल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान करता है। अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की विधायी शक्ति (विधेयकों पर स्वीकृति) से संबंधित है। अनुच्छेद 115 पूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान से संबंधित है।
प्रश्न 14: किस संशोधन ने सिक्किम को भारतीय संघ में पूर्ण राज्य के रूप में शामिल किया?
- 35वां संशोधन अधिनियम, 1974
- 36वां संशोधन अधिनियम, 1975
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 15: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- संसदीय समिति
- गृह मंत्रालय
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति करते हैं, जैसा कि अनुच्छेद 316(1) में प्रावधान है।
- संदर्भ और विस्तार: UPSC भारतीय संविधान के भाग XIV के तहत एक अखिल भारतीय संस्था है, जो केंद्र सरकार के लिए अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवाओं में नियुक्तियों के लिए परीक्षा आयोजित करती है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, संसदीय समिति या गृह मंत्रालय अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं करते हैं।
प्रश्न 16: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ का सिद्धांत निहित है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 39(d)
- अनुच्छेद 42
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 39(d) राज्य को निर्देश देता है कि वह यह सुनिश्चित करे कि पुरुष और स्त्री सभी नागरिकों को समान कार्य के लिए समान वेतन मिले। यह राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है।
- संदर्भ और विस्तार: यद्यपि यह सीधे तौर पर मौलिक अधिकार नहीं है, सर्वोच्च न्यायालय ने इसे अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) के तहत विस्तारित किया है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण की बात करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 42 काम की न्यायसंगत और मानवीय परिस्थितियों तथा मातृत्व सहायता का प्रावधान करता है।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक संशोधन ‘सरल बहुमत’ (Simple Majority) द्वारा किया जा सकता है?
- मौलिक अधिकारों में कोई भी संशोधन
- राज्यों के पुनर्गठन से संबंधित संशोधन
- संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व
- संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व से संबंधित, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिनिधित्व भी शामिल है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 368 के तहत, उन संशोधनों को जो राज्यों के पुनर्गठन या राज्यों के विधानमंडलों और परिषदों के निर्माण या उन्मूलन से संबंधित हैं, को अनुच्छेद 368(2) में उल्लिखित विशेष बहुमत के बजाय, संसद के ‘सरल बहुमत’ (Simple Majority) द्वारा किया जा सकता है। हालाँकि, यदि किसी ऐसे संशोधन से राज्य का प्रतिनिधित्व प्रभावित होता है, तो उसे राज्यों की सहमति की आवश्यकता होती है। साधारण अर्थ में, जो मामले अनुच्छेद 368 के दायरे से बाहर हैं, वे सरल बहुमत से होते हैं। अनुच्छेद 368(2) की उपधारा (b) कुछ संशोधनों को ‘सरल बहुमत’ से करने की अनुमति देती है, जैसे कि नए राज्यों का प्रवेश या गठन (अनुच्छेद 2 और 3)।
- संदर्भ और विस्तार: सरल बहुमत का अर्थ है कि सदन में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का बहुमत। यह विशेष बहुमत (2/3 बहुमत) की तुलना में अधिक आसान प्रक्रिया है।
- गलत विकल्प: मौलिक अधिकारों में संशोधन के लिए विशेष बहुमत (अनुच्छेद 368(2)) की आवश्यकता होती है। संसद में राज्यों के प्रतिनिधित्व से संबंधित संशोधन भी विशेष बहुमत और आधे राज्यों के अनुसमर्थन की मांग करते हैं (अनुच्छेद 368(2)(e))।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान में ‘आपातकालीन उपबंध’ (Emergency Provisions) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- यूनाइटेड किंगडम
- जर्मनी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत के संविधान में आपातकालीन उपबंधों (राष्ट्रीय आपात, राज्य आपात/राष्ट्रपति शासन, और वित्तीय आपात) को जर्मनी के ‘वाइमर संविधान’ (Weimar Constitution) से प्रेरित होकर शामिल किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: ये उपबंध भाग XVIII (अनुच्छेद 352 से 360) में वर्णित हैं और देश को गंभीर आपात स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक शक्तियां प्रदान करते हैं।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका से संघात्मक व्यवस्था, न्यायिक पुनर्विलोकन आदि लिए गए हैं। कनाडा से अर्ध-संघात्मक व्यवस्था और अवशिष्ट शक्तियाँ ली गई हैं। यूनाइटेड किंगडम से संसदीय प्रणाली, विधि का शासन आदि लिए गए हैं।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा प्रस्ताव केवल अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) के समान है?
- निंदा प्रस्ताव (Censure Motion)
- स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion)
- विश्वास प्रस्ताव (Confidence Motion)
- ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Calling Attention Motion)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: निंदा प्रस्ताव (Censure Motion) और अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) दोनों ही मंत्रिपरिषद के प्रति अविश्वास व्यक्त करने के लिए लाए जाते हैं। इन दोनों में मुख्य अंतर यह है कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए किसी विशिष्ट कारण का उल्लेख करना आवश्यक नहीं है, जबकि निंदा प्रस्ताव के लिए मंत्री या सरकार के किसी विशिष्ट कार्य या नीति की निंदा का कारण बताना अनिवार्य है। दोनों ही प्रस्तावों को पारित होने पर मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है।
- संदर्भ और विस्तार: अविश्वास प्रस्ताव अनुच्छेद 75(3) के तहत मंत्रिपरिषद की सामूहिक उत्तरदायित्व के सिद्धांत को लागू करता है।
- गलत विकल्प: विश्वास प्रस्ताव सरकार द्वारा स्वयं लाया जाता है कि वह सदन का विश्वास रखती है। स्थगन प्रस्ताव तत्काल लोक महत्व के मामलों पर चर्चा के लिए सामान्य कार्य को स्थगित करने का प्रस्ताव है। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव किसी मंत्री का ध्यान लोक महत्व के मामले की ओर आकर्षित करने के लिए लाया जाता है।
प्रश्न 20: भारत में ‘संविधान का संरक्षक’ (Guardian of the Constitution) किसे माना जाता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- सर्वोच्च न्यायालय
- भारत का निर्वाचन आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत में सर्वोच्च न्यायालय को ‘संविधान का संरक्षक’ माना जाता है। यह अपनी न्यायिक पुनर्विलोकन (Judicial Review) की शक्ति के माध्यम से संविधान के प्रावधानों की रक्षा करता है।
- संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय संविधान के अर्थ, व्याख्या और उसके संरक्षण के लिए अंतिम प्राधिकारी है। यह सुनिश्चित करता है कि विधायिका और कार्यपालिका संविधान के अनुसार कार्य करें।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति राष्ट्र का मुखिया होता है, प्रधानमंत्री सरकार का मुखिया। निर्वाचन आयोग चुनावों का संचालन करता है। ये तीनों ‘संविधान के संरक्षक’ के रूप में सर्वोच्च न्यायालय जितनी प्रत्यक्ष और अंतिम भूमिका नहीं निभाते।
प्रश्न 21: भारत के उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रस्ताव कहाँ पेश किया जा सकता है?
- केवल लोकसभा में
- केवल राज्यसभा में
- संसद के किसी भी सदन में
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय में
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 67 के अनुसार, भारत के उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रस्ताव केवल राज्यसभा में, एक संकल्प द्वारा, और उस संकल्प के पारित होने के लिए राज्यसभा के तत्कालीन सभी सदस्यों के बहुमत से, और लोकसभा के तत्कालीन सभी सदस्यों के पूर्ण बहुमत के समर्थन से पारित होना चाहिए। हालाँकि, प्रस्ताव सर्वप्रथम राज्यसभा में ही पेश किया जाना चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: चूँकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है, इसलिए उसे हटाने का प्रस्ताव पहले उसी सदन में प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
- गलत विकल्प: प्रस्ताव केवल राज्यसभा में पेश किया जा सकता है, लोकसभा में नहीं। सर्वोच्च न्यायालय में ऐसे प्रस्ताव पेश नहीं किए जाते।
प्रश्न 22: ‘विधि के समक्ष समानता’ (Equality before law) का सिद्धांत भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में निहित है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 14 राज्य को निर्देश देता है कि वह भारत के राज्यक्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को विधि के समक्ष समानता या विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: ‘विधि के समक्ष समानता’ का सिद्धांत ब्रिटिश मूल का है और इसका अर्थ है कि कानून के सामने कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी उच्च पद पर क्यों न हो, विशेष अधिकारों का आनंद नहीं लेगा। ‘विधियों का समान संरक्षण’ अमेरिकी मूल का है, जिसका अर्थ है कि समान परिस्थितियों में सभी लोगों के साथ समान व्यवहार किया जाएगा।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता प्रदान करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है।
प्रश्न 23: संविधान के अनुसार, मौलिक कर्तव्यों को लागू करने का प्राथमिक उत्तरदायित्व किसका है?
- सर्वोच्च न्यायालय
- संसद
- सरकार (कार्यपालिका)
- राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: यद्यपि मौलिक कर्तव्य (भाग IVA, अनुच्छेद 51A) प्रत्यक्ष रूप से प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन उन्हें लागू करने और बढ़ावा देने का प्राथमिक उत्तरदायित्व संसद का है। संसद उचित कानून बनाकर उन्हें प्रवर्तनीय बना सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्यों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। ये भारतीय नागरिकों के लिए राष्ट्रीय गौरव और एकता को बनाए रखने हेतु महत्वपूर्ण हैं।
- गलत विकल्प: सर्वोच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों का संरक्षक है। सरकार (कार्यपालिका) नीतियों को लागू करती है, लेकिन कर्तव्यों को प्रवर्तनीय बनाने के लिए कानून बनाने का कार्य संसद का है। DPSP प्रवर्तनीय नहीं हैं।
प्रश्न 24: भारत में एक नया राज्य बनाने के लिए निम्नलिखित में से कौन सी विधायी प्रक्रिया आवश्यक है?
- राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश, संबंधित राज्य विधानमंडल की सहमति
- राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश, संबंधित राज्य विधानमंडल की सहमति का अभाव
- संसद द्वारा सरल बहुमत, संबंधित राज्य विधानमंडल की सहमति
- संसद द्वारा विशेष बहुमत, संबंधित राज्य विधानमंडल की सहमति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 के अनुसार, किसी नए राज्य के निर्माण, वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, विधेयक को संसद में पेश करने से पहले संबंधित राज्य के विधानमंडल को विचार-विमर्श के लिए भेजा जाता है, लेकिन राष्ट्रपति या संसद उस विधानमंडल की राय से बंधे नहीं होते हैं। इसलिए, संबंधित राज्य विधानमंडल की सहमति आवश्यक नहीं है, भले ही उसकी राय ली जाए। संशोधन सरल बहुमत से होता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारत की संसद को अपनी विधायी शक्ति के माध्यम से नए राज्यों का गठन करने या मौजूदा राज्यों की सीमाओं को बदलने की शक्ति देता है।
- गलत विकल्प: राज्य विधानमंडल की सहमति आवश्यक नहीं है (विकल्प a, c, d गलत)। नए राज्य के निर्माण के लिए संसद द्वारा सरल बहुमत पर्याप्त है (विकल्प d गलत)।
प्रश्न 25: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) का उल्लेख किस रूप में किया गया है?
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
- केवल राजनीतिक और आर्थिक
- केवल सामाजिक और राजनीतिक
- केवल सामाजिक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने का संकल्प लेती है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना न्याय के इन तीन आयामों के माध्यम से एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहती है जहाँ किसी भी नागरिक के साथ जाति, धर्म, लिंग, वर्ग या आय के आधार पर कोई भेदभाव न हो, और सभी को समान अवसर मिलें।
- गलत विकल्प: न्याय के तीनों रूप – सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक – प्रस्तावना का अभिन्न अंग हैं।