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संविधान की कसौटी: आज का आपका स्कोर क्या है?

संविधान की कसौटी: आज का आपका स्कोर क्या है?

अपने संवैधानिक ज्ञान को और पैना करने के लिए तैयार हो जाइए! भारतीय राजव्यवस्था के हर पहलू को छूने वाले ये 25 प्रश्न आपकी वैचारिक स्पष्टता की परीक्षा लेंगे। आइए, देखें कि आप आज इस ज्ञान-युद्ध में कितना स्कोर कर पाते हैं और अपनी तैयारी को एक नई ऊँचाई देते हैं!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों को हल करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘संप्रभुता, समाजवाद, पंथनिरपेक्षता, लोकतंत्र, गणराज्य’ शब्दों का क्रम किस दार्शनिक विचार को दर्शाता है?

  1. अधिकारों का उद्भव
  2. राज्य का कार्यक्षेत्र
  3. सामाजिक न्याय का सिद्धांत
  4. नागरिकों के प्रति राज्य के दायित्व

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना संविधान के मूल उद्देश्यों और दार्शनिक आधार को प्रस्तुत करती है। इसमें उल्लिखित ‘संप्रभुता, समाजवाद, पंथनिरपेक्षता, लोकतंत्र, गणराज्य’ राज्य की प्रकृति और उसके शासन के सिद्धांतों को दर्शाते हैं, जिससे यह पता चलता है कि राज्य का ढांचा कैसा होगा और वह किस प्रकार कार्य करेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: ये शब्द राज्य के उन मुख्य स्तंभों को बताते हैं जिन पर भारतीय शासन प्रणाली आधारित है। ‘समाजवाद’ और ‘पंथनिरपेक्षता’ शब्दों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह क्रम राज्य के चरित्र को परिभाषित करता है।
  • गलत विकल्प: (a) अधिकारों का उद्भव संविधान के मौलिक अधिकारों वाले भाग से संबंधित है। (c) सामाजिक न्याय एक व्यापक अवधारणा है जो प्रस्तावना के साथ-साथ DPSP में भी निहित है, लेकिन शब्दों का क्रम विशिष्ट रूप से राज्य के कार्यक्षेत्र को परिभाषित करता है। (d) नागरिकों के प्रति राज्य के दायित्व मुख्य रूप से DPSP में निहित होते हैं।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सी रिटें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत केवल उच्च न्यायालयों द्वारा जारी की जा सकती हैं, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नहीं?

  1. हेबियस कॉर्पस
  2. परमादेश
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. सभी उपरोक्त रिटें

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 226 के तहत, उच्च न्यायालयों को बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus), परमादेश (Mandamus), प्रतिषेध (Prohibition), उत्प्रेषण (Certiorari) और अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto) जैसी रिटें जारी करने की शक्ति प्राप्त है। यह शक्ति उन्हें न केवल विधिक अधिकारिता के लिए, बल्कि मूल अधिकारों को लागू कराने के लिए भी प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय को भी ये रिटें जारी करने की शक्ति है, लेकिन दोनों अनुच्छेदों के अधिकार क्षेत्र में कुछ अंतर हैं। अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालयों की शक्ति अनुच्छेद 32 की तुलना में व्यापक है क्योंकि उच्च न्यायालय मूल अधिकारों के अलावा अन्य विधिक अधिकारों को लागू कराने के लिए भी इन रिटों को जारी कर सकते हैं, जबकि सर्वोच्च न्यायालय केवल मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए इन्हें जारी कर सकता है। इसलिए, वे सभी रिटें जारी कर सकते हैं।
  • गलत विकल्प: उपरोक्त सभी रिटें उच्च न्यायालयों द्वारा अनुच्छेद 226 के तहत जारी की जा सकती हैं।

प्रश्न 3: भारतीय संसद में वित्तीय विधेयक (Money Bill) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

  1. वित्तीय विधेयक को केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है।
  2. राज्यसभा वित्तीय विधेयक को अस्वीकार कर सकती है या उसमें संशोधन कर सकती है।
  3. लोकसभा अध्यक्ष यह प्रमाणित करता है कि कोई विधेयक वित्तीय विधेयक है या नहीं।
  4. राष्ट्रपति की पूर्व स्वीकृति के बिना वित्तीय विधेयक प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 109 के अनुसार, वित्तीय विधेयक (Money Bill) को केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है। लोकसभा अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होता है कि कोई विधेयक वित्तीय विधेयक है या नहीं (अनुच्छेद 110(3))। राष्ट्रपति की पूर्व स्वीकृति आवश्यक है (अनुच्छेद 117)।
  • संदर्भ और विस्तार: राज्यसभा वित्तीय विधेयक को अस्वीकार या संशोधित नहीं कर सकती। यह विधेयक को केवल सिफारिशों के साथ या बिना सिफारिशों के 14 दिनों के भीतर वापस कर सकती है। यदि लोकसभा इन सिफारिशों को स्वीकार या अस्वीकार करती है, तो विधेयक को दोनों सदनों द्वारा पारित माना जाता है।
  • गलत विकल्प: (b) गलत है क्योंकि राज्यसभा वित्तीय विधेयक को अस्वीकार या संशोधित नहीं कर सकती। (a), (c), और (d) तीनों कथन सही हैं।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी भारतीय संविधान की ‘मूलभूत संरचना’ (Basic Structure) का हिस्सा है, जैसा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न निर्णयों में निर्धारित किया गया है?

  1. संसद की संशोधन शक्ति
  2. न्यायिक समीक्षा
  3. धर्मनिरपेक्षता
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘मूलभूत संरचना’ का सिद्धांत केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिपादित किया गया था। इस सिद्धांत के अनुसार, संसद संविधान के किसी भी हिस्से को संशोधित कर सकती है, लेकिन उसके ‘मूलभूत ढांचे’ को नहीं बदल सकती।
  • संदर्भ और विस्तार: विभिन्न निर्णयों में, न्यायिक समीक्षा, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद, शक्तियों का पृथक्करण, स्वतंत्र न्यायपालिका, तथा संविधान की सर्वोच्चता जैसे तत्वों को मूलभूत संरचना का हिस्सा माना गया है। संसद की संशोधन शक्ति (अनुच्छेद 368) भी इस ढांचे का एक पहलू है, परंतु वह इसे संशोधित नहीं कर सकती।
  • गलत विकल्प: सभी दिए गए विकल्प (संसद की संशोधन शक्ति, न्यायिक समीक्षा, धर्मनिरपेक्षता) सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मूलभूत संरचना के हिस्से माने गए हैं।

प्रश्न 5: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के माध्यम से भारत में कितने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का गठन किया गया था?

  1. 14 राज्य और 6 केंद्रशासित प्रदेश
  2. 15 राज्य और 7 केंद्रशासित प्रदेश
  3. 13 राज्य और 5 केंद्रशासित प्रदेश
  4. 16 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 ने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन को औपचारिक रूप दिया। इसके परिणामस्वरूप, उस समय भारत में 14 राज्यों और 6 केंद्रशासित प्रदेशों का गठन किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सीमाओं को नए सिरे से परिभाषित किया, जिससे भारत की प्रशासनिक और राजनीतिक मानचित्र में बड़ा बदलाव आया। यह भारतीय संघवाद के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प उस समय की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाते हैं।

प्रश्न 6: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राज्यपाल को किसी भी विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित करने की शक्ति प्रदान करता है?

  1. अनुच्छेद 200
  2. अनुच्छेद 201
  3. अनुच्छेद 202
  4. अनुच्छेद 203

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 200 राज्यपाल को यह शक्ति देता है कि वह राज्य विधानमंडल द्वारा पारित किसी विधेयक को, कुछ मामलों में, राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित कर सके।
  • संदर्भ और विस्तार: जब कोई विधेयक राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित किया जाता है, तो उस पर अनुच्छेद 201 के तहत कार्रवाई होती है, जिसमें राष्ट्रपति उस विधेयक को (यदि वह धन विधेयक न हो) राज्य के विधानमंडल के पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकते हैं, या अपनी सहमति दे सकते हैं, या सहमति नहीं दे सकते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 201 राष्ट्रपति द्वारा ऐसे आरक्षित विधेयकों पर कार्रवाई से संबंधित है। अनुच्छेद 202 वार्षिक वित्तीय विवरण से और अनुच्छेद 203 राज्य विधानमंडल में धन विधेयकों के संबंध में प्रक्रियाओं से संबंधित हैं।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी समिति ‘लोक लेखा समिति’ (Public Accounts Committee) का ‘जुड़वां भाई’ (Twin Brother) मानी जाती है?

  1. प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)
  2. सरकारी उपक्रम समिति (Committee on Public Undertakings)
  3. याचिका समिति (Committee on Petitions)
  4. विशेषाधिकार समिति (Committee of Privileges)

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) को लोक लेखा समिति (PAC) का ‘जुड़वां भाई’ कहा जाता है क्योंकि दोनों समितियाँ वित्तीय नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। PAC सार्वजनिक व्यय की ‘जांच’ करती है, जबकि प्राक्कलन समिति ‘नीतियों’ की जांच करती है कि क्या अनुमान ‘अर्थव्यवस्था’, ‘कुशलता’ और ‘भविष्य की नीति’ की दृष्टि से उचित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: PAC में 22 सदस्य होते हैं (15 लोकसभा से, 7 राज्यसभा से), जबकि प्राक्कलन समिति में 30 सदस्य होते हैं, जो सभी लोकसभा से होते हैं। दोनों समितियाँ विधायिका द्वारा सरकार पर नियंत्रण रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • गलत विकल्प: सरकारी उपक्रम समिति सरकारी उपक्रमों के प्रदर्शन की जांच करती है। याचिका और विशेषाधिकार समितियाँ अन्य संसदीय कार्यों से संबंधित हैं।

प्रश्न 8: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ के सिद्धांत का उल्लेख है, जो नीति निदेशक तत्वों का भाग है?

  1. अनुच्छेद 39 (क)
  2. अनुच्छेद 39 (ग)
  3. अनुच्छेद 40
  4. अनुच्छेद 41

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39 (ग) राज्य को यह निर्देश देता है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करे कि पुरुषों और स्त्रियों दोनों को समान कार्य के लिए समान वेतन मिले। यह राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है।
  • संदर्भ और विस्तार: समान कार्य के लिए समान वेतन का सिद्धांत सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार इस सिद्धांत को मौलिक अधिकार (जैसे अनुच्छेद 14 और 15) के साथ जोड़कर इसका विस्तार किया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 39 (क) सामान्य न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता से, अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन से, और अनुच्छेद 41 काम, शिक्षा और सामाजिक सहायता के अधिकार से संबंधित है।

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से किस राष्ट्रपति ने ‘जेब वीटो’ (Pocket Veto) का प्रयोग किया था?

  1. डॉ. राजेंद्र प्रसाद
  2. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
  3. श्री ज्ञानी जैल सिंह
  4. श्री आर. वेंकटरमण

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति के पास अनुच्छेद 111 के तहत किसी विधेयक पर कार्रवाई के लिए तीन विकल्प होते हैं: सहमति देना, सहमति रोक लेना (साधारण वीटो), या विधेयक को संसद के पुनर्विचार के लिए लौटाना। यदि राष्ट्रपति विधेयक को अनिश्चित काल के लिए लंबित रखते हैं, तो इसे ‘जेब वीटो’ (Pocket Veto) कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत के इतिहास में, राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति रहे हैं जिन्होंने 1986 में भारतीय डाक (संशोधन) विधेयक, 1986 के संबंध में जेब वीटो का प्रयोग किया था।
  • गलत विकल्प: अन्य राष्ट्रपतियों ने इस प्रकार के वीटो का प्रयोग नहीं किया था।

प्रश्न 10: भारत में ‘स्थानीय स्वशासन’ (Local Self-Government) के जनक के रूप में किसे जाना जाता है?

  1. लॉर्ड कर्जन
  2. लॉर्ड विलियम बेंटिक
  3. लॉर्ड रिपन
  4. लॉर्ड डलहौजी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: लॉर्ड रिपन को भारत में ‘स्थानीय स्वशासन’ का जनक माना जाता है। उन्होंने 1882 में एक प्रस्ताव पारित किया था जिसने स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को अधिक अधिकार और स्वायत्तता प्रदान की।
  • संदर्भ और विस्तार: लॉर्ड रिपन के प्रस्ताव ने शहरी क्षेत्रों में नगरपालिका और ग्रामीण क्षेत्रों में जिला बोर्डों की स्थापना को प्रोत्साहित किया, जिसमें निर्वाचित गैर-सरकारी सदस्य भी शामिल थे। इस कदम का उद्देश्य स्थानीय मामलों में स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ाना था।
  • गलत विकल्प: लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया, लॉर्ड विलियम बेंटिक ने आधुनिकीकरण पर जोर दिया, और लॉर्ड डलहौजी ने व्यपगत सिद्धांत (Doctrine of Lapse) लागू किया।

प्रश्न 11: पंचायती राज व्यवस्था से संबंधित निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

  1. 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
  2. संविधान के भाग IX में पंचायती राज से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
  3. अनुच्छेद 243(D) ग्राम सभा के गठन का प्रावधान करता है।
  4. पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 1/3 आरक्षण का प्रावधान अनिवार्य है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और संविधान में भाग IX (अनुच्छेद 243 से 243-O) जोड़ा।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 243(D) पंचायतों में सीटों के आरक्षण से संबंधित है, जिसमें अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान है। हालांकि, ग्राम सभा के गठन का प्रावधान अनुच्छेद 243(A) में है, जो उन गांवों के लोगों से बनी है जिनके नामों का उल्लेख मतदाता सूची में किया गया है। महिलाओं के लिए 1/3 आरक्षण का प्रावधान सभी राज्यों के लिए अनिवार्य है।
  • गलत विकल्प: (c) गलत है क्योंकि ग्राम सभा का प्रावधान अनुच्छेद 243(A) में है, न कि 243(D) में।

प्रश्न 12: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जा सकती है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 352 राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने की शक्ति देता है, यदि वह इस बात से संतुष्ट हो कि युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत की सुरक्षा को गंभीर खतरा है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित होनी चाहिए। इसे अब तक तीन बार लागू किया गया है: 1962 (भारत-चीन युद्ध), 1971 (भारत-पाक युद्ध), और 1975 (आंतरिक अशांति)।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल), अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल, और अनुच्छेद 365 राज्य द्वारा संवैधानिक मशीनरी के विफल होने पर लागू होता है।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी भारतीय संविधान की विशेषता ‘अनुकूली संघवाद’ (Cooperative Federalism) का उदाहरण है?

  1. दोनों सदनों वाली संसदीय सरकार
  2. समान नागरिक संहिता
  3. अंतर-राज्यीय परिषद (Inter-State Council)
  4. अखिल भारतीय सेवाएं (All India Services)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अंतर-राज्यीय परिषद (Inter-State Council) की स्थापना अनुच्छेद 263 के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करना और केंद्र-राज्य संबंधों को बेहतर बनाना है। यह ‘अनुकूली संघवाद’ या ‘सहकारी संघवाद’ का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
  • संदर्भ और विस्तार: सहकारी संघवाद वह ढांचा है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें आपसी सहयोग से सार्वजनिक नीतियों का निर्माण और कार्यान्वयन करती हैं। अंतर-राज्यीय परिषद एक ऐसी संस्था है जो इस सहयोग को बढ़ावा देती है।
  • गलत विकल्प: (a) संसदीय सरकार एकात्मक प्रवृत्ति दर्शाती है। (b) समान नागरिक संहिता अभी तक लागू नहीं हुई है। (d) अखिल भारतीय सेवाएं, हालांकि सहकारी संघवाद का एक पहलू हो सकती हैं, लेकिन अंतर-राज्यीय परिषद सीधा संवाद और समन्वय का मंच प्रदान करती है।

प्रश्न 14: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. राष्ट्रपति
  3. वित्त मंत्री
  4. लोकसभा अध्यक्ष

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है। वह केंद्र और राज्यों के खातों का ऑडिट करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति और संबंधित राज्यपालों को सौंपता है, जिन्हें वे संसद और राज्य विधानमंडल के समक्ष रखते हैं।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या लोकसभा अध्यक्ष CAG की नियुक्ति नहीं करते हैं।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान में ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ (Directive Principles of State Policy) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?

  1. यूनाइटेड किंगडम
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका
  3. आयरलैंड
  4. कनाडा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान के राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) की प्रेरणा आयरलैंड के संविधान से ली गई है।
  • संदर्भ और विस्तार: आयरलैंड के संविधान में इन तत्वों को ‘निर्देश’ (Instructions) कहा गया है। भारतीय संविधान की तरह, ये तत्व भी न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन देश के शासन में मौलिक हैं।
  • गलत विकल्प: यूके से संसदीय प्रणाली, अमेरिका से मौलिक अधिकार और न्यायिक पुनरावलोकन, और कनाडा से संघात्मक व्यवस्था और अवशिष्ट शक्तियाँ ली गई हैं।

प्रश्न 16: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 76
  2. अनुच्छेद 75
  3. अनुच्छेद 77
  4. अनुच्छेद 78

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति, पद और कार्यवाहियों का प्रावधान करता है। राष्ट्रपति द्वारा महान्यायवादी की नियुक्ति की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और उसे भारतीय क्षेत्र में सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार होता है। वह उसी विशेषाधिकार का हकदार होता है जो एक न्यायाधीश को मिलता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 75 केंद्रीय मंत्रियों की नियुक्ति, अनुच्छेद 77 भारत सरकार के कामकाज का संचालन, और अनुच्छेद 78 प्रधानमंत्री के कर्तव्यों से संबंधित हैं।

प्रश्न 17: निम्नलिखित में से किस वर्ष ‘मतदान की आयु’ को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किया गया?

  1. 1980
  2. 1985
  3. 1989
  4. 1991

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संशोधन: मतदान की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने के लिए 61वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1988 को पारित किया गया था, जो 28 मार्च 1989 से लागू हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अधिक प्रभावी ढंग से भाग लेने के लिए सशक्त बनाना था, खासकर उस समय जब युवा आंदोलनों का जोर था।
  • गलत विकल्प: अन्य वर्षों में यह महत्वपूर्ण संशोधन नहीं हुआ था।

प्रश्न 18: संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन भारत का पदेन सभापति (Ex-officio Chairman) होता है?

  1. लोकसभा का अध्यक्ष
  2. राज्यसभा का सभापति
  3. नीति आयोग का उपाध्यक्ष
  4. राष्ट्रीय विकास परिषद का अध्यक्ष

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 64 और 93 के अनुसार, भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: पदेन सभापति का अर्थ है कि वह अपने पद (उपराष्ट्रपति) के कारण स्वतः ही उस संस्था का सभापति बन जाता है, उसे अलग से नहीं चुना जाता। वह राज्यसभा के संचालन का प्रबंधन करता है और सदन के नियमों का पालन करवाता है।
  • गलत विकल्प: लोकसभा का अध्यक्ष लोकसभा का पदेन सभापति नहीं होता (उसे चुना जाता है)। नीति आयोग के उपाध्यक्ष की नियुक्ति होती है और राष्ट्रीय विकास परिषद का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है, न कि पदेन।

प्रश्न 19: ‘न्यायिक सक्रियता’ (Judicial Activism) की अवधारणा का अर्थ है:

  1. न्यायपालिका द्वारा कार्यपालिका के कार्यों में हस्तक्षेप।
  2. न्यायपालिका द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर के मामलों में निर्णय देना।
  3. न्यायपालिका द्वारा विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों को रद्द करना।
  4. न्यायपालिका द्वारा लोकहित को बढ़ावा देने के लिए कानूनों की व्याख्या करना और कार्यपालिका को निर्देश देना।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: न्यायिक सक्रियता वह सिद्धांत है जिसमें न्यायपालिका जनहित और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय भूमिका निभाती है, जिसमें कानूनों की व्याख्या करना, कार्यपालिका को निर्देश देना और नई पहल करना शामिल है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य अक्सर उन क्षेत्रों में न्याय सुनिश्चित करना होता है जहां विधायिका या कार्यपालिका निष्क्रिय रही हो। हालांकि, इसका अत्यधिक प्रयोग ‘न्यायिक अतिरेक’ (Judicial Overreach) का रूप भी ले सकता है।
  • गलत विकल्प: (a) और (b) न्यायिक अतिरेक की ओर इशारा करते हैं। (c) न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) है, सक्रियता नहीं।

प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सी एक ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) है?

  1. नीति आयोग (NITI Aayog)
  2. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
  3. भारतीय चुनाव आयोग (ECI)
  4. लोकपाल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: सांविधिक निकाय वे होते हैं जिनका गठन संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा पारित एक विशेष अधिनियम (Act) के माध्यम से किया जाता है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC मानवाधिकारों का प्रहरी है और इसका कार्य भारत में मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन करना है।
  • गलत विकल्प: नीति आयोग एक कार्यकारी प्रस्ताव द्वारा गठित एक गैर-सांविधिक निकाय है। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) एक संवैधानिक निकाय है, जिसका प्रावधान सीधे संविधान (अनुच्छेद 324) में है। लोकपाल भी एक सांविधिक निकाय है, लेकिन NHRC अधिक स्पष्ट उदाहरण है। (यह एक ट्रिकी प्रश्न हो सकता है, लेकिन NHRC का गठन अधिनियम बहुत विशिष्ट है)। यदि लोकपाल को भी सांविधिक माना जाए, तो प्रश्न की भाषा को अधिक सटीक होना चाहिए था। NHRC का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत हुआ है। लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत लोकपाल का गठन होता है। दोनों सांविधिक हैं। NHRC इस संदर्भ में बेहतर उदाहरण है।

प्रश्न 21: भारत के राष्ट्रपति का पद किस देश के राष्ट्रपति के पद के समान है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. फ्रांस

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: यद्यपि भारतीय राष्ट्रपति अमेरिका के राष्ट्रपति की तरह निर्वाचित होता है, लेकिन उनकी शक्तियां और स्थिति ब्रिटिश सम्राट के समान (औपचारिक/नाममात्र प्रमुख) हैं, जबकि अमेरिका का राष्ट्रपति वास्तविक कार्यकारी प्रमुख होता है। हालांकि, सीधे तुलना की जाए तो, निर्वाचित गणराज्य के प्रमुख के रूप में, वे संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के पद के समान हैं। (यह प्रश्न थोड़ा विवादास्पद हो सकता है, लेकिन ‘पदेन’ की तुलना में ‘निर्वाचित गणराज्य प्रमुख’ के रूप में समानता अमेरिकी राष्ट्रपति से है।)
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय राष्ट्रपति के पास कुछ विवेकाधीन शक्तियां होती हैं, जैसे वीटो शक्ति, और वे अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं। अमेरिका का राष्ट्रपति भी अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होता है और वह राज्य तथा सरकार दोनों का प्रमुख होता है।
  • गलत विकल्प: कनाडा में राष्ट्राध्यक्ष ब्रिटिश सम्राट है, जो भारत के राष्ट्रपति की तरह नाममात्र का प्रमुख है, लेकिन सीधे तुलना करें तो चुनाव प्रक्रिया में अमेरिका से समानता है। फ्रांस का राष्ट्रपति भी शक्तिशाली होता है, पर वहां की व्यवस्था थोड़ी भिन्न है।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सी बात भारतीय संविधान की प्रस्तावना में शामिल नहीं है?

  1. सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय
  2. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
  3. पूजा की स्वतंत्रता
  4. विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना न्याय (सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक), स्वतंत्रता (विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना), समता (प्रतिष्ठा और अवसर) और बंधुत्व के आदर्शों को सुनिश्चित करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ का अधिकार मौलिक अधिकार के रूप में अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत प्रदान किया गया है, लेकिन यह सीधे तौर पर प्रस्तावना में उल्लिखित स्वतंत्रता के ‘रूपों’ (जैसे विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म, उपासना) में अलग से सूचीबद्ध नहीं है, जो समग्र स्वतंत्रता को दर्शाते हैं।
  • गलत विकल्प: सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय और पूजा, विश्वास, धर्म, उपासना की स्वतंत्रता प्रस्तावना का हिस्सा हैं।

प्रश्न 23: भारत में ‘कल्याणकारी राज्य’ (Welfare State) की अवधारणा को किस भाग में सबसे प्रमुखता से स्थान दिया गया है?

  1. मूल अधिकार (Fundamental Rights)
  2. राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP)
  3. मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties)
  4. संविधान की प्रस्तावना

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: ‘कल्याणकारी राज्य’ की अवधारणा भारतीय संविधान के भाग IV, यानी राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) में सबसे प्रमुखता से निहित है।
  • संदर्भ और विस्तार: DPSP ऐसे निदेशक सिद्धांत हैं जिनका उद्देश्य देश में सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है। ये तत्व एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए सरकार को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, जैसे कि उचित जीवन स्तर, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • गलत विकल्प: मूल अधिकार नागरिकों के लिए नकारात्मक अधिकार (राज्य को क्या नहीं करना चाहिए) प्रदान करते हैं। मौलिक कर्तव्य नागरिकों के लिए अपने कर्तव्यों को बताते हैं। प्रस्तावना संविधान के उद्देश्य बताती है, लेकिन DPSP कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए सरकार के ‘सकारात्मक’ दायित्वों पर जोर देते हैं।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?

  1. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
  2. वित्त आयोग (Finance Commission)
  3. राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW)
  4. निर्वाचन आयोग (ECI)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका प्रावधान सीधे भारतीय संविधान में किया गया है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अनुच्छेद 315, वित्त आयोग (Finance Commission) अनुच्छेद 280, और निर्वाचन आयोग (ECI) अनुच्छेद 324 में उल्लिखित हैं, इसलिए ये सभी संवैधानिक निकाय हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) का गठन राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत एक सांविधिक निकाय के रूप में किया गया था। इसलिए, यह एक संवैधानिक निकाय नहीं है।
  • गलत विकल्प: UPSC, वित्त आयोग और ECI सभी संवैधानिक निकाय हैं।

प्रश्न 25: भारतीय संविधान के ‘मूलभूत ढांचे’ (Basic Structure) के सिद्धांत को किस ऐतिहासिक न्यायिक निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थापित किया गया था?

  1. शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ
  2. सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य
  3. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
  4. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: ‘मूलभूत ढांचे’ के सिद्धांत को 1973 के ऐतिहासिक केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय की एक विशेष बेंच द्वारा स्थापित किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने यह स्थापित किया कि संसद के पास संविधान में संशोधन करने की शक्ति तो है, लेकिन वह इस शक्ति का प्रयोग संविधान के ‘मूलभूत ढांचे’ को नहीं बदल सकती। इसने भारतीय संविधानवाद में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
  • गलत विकल्प: शंकर प्रसाद (1951) और सज्जन सिंह (1965) मामलों में न्यायालय ने माना था कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी हिस्से को संशोधित कर सकती है। गोलकनाथ (1967) मामले में न्यायालय ने माना कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती। केशवानंद भारती मामले ने इन दोनों निर्णयों को आंशिक रूप से ओवरrule करते हुए ‘मूलभूत ढांचा’ सिद्धांत पेश किया।

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