संविधान की कसौटी: अपनी राजव्यवस्था की पकड़ को परखें!
नमस्कार, भविष्य के प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना आपकी यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज, हम आपके संविधानिक ज्ञान की गहराई को परखने के लिए 25 विशेष प्रश्न लेकर आए हैं। अपनी अवधारणाओं को मजबूत करें और परीक्षा के लिए अपनी तैयारी को एक नई दिशा दें!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का क्या अर्थ है? यह किस स्वतंत्रता की गारंटी नहीं देता?
- सभी नागरिकों में भाईचारे की भावना, आर्थिक स्वतंत्रता
- सभी नागरिकों में भाईचारे की भावना, राजनीतिक स्वतंत्रता
- सभी नागरिकों में भाईचारे की भावना, विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
- सभी नागरिकों में भाईचारे की भावना, उपासना की स्वतंत्रता
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) का अर्थ है नागरिकों के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना। यह सुनिश्चित करता है कि वे एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रहें। प्रस्तावना में स्वतंत्रता की गारंटी विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता के रूप में दी गई है। आर्थिक स्वतंत्रता सीधे तौर पर बंधुत्व से नहीं जुड़ी है, न ही यह प्रस्तावना में उल्लिखित मूल स्वतंत्रता है।
- संदर्भ और विस्तार: बंधुत्व का आदर्श यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि राष्ट्र के सभी नागरिक, अपनी विविधताओं के बावजूद, एक साझा भावना से जुड़े रहें। यह व्यक्ति की गरिमा को भी बनाए रखता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (b), (c), और (d) में उल्लिखित स्वतंत्रताएँ (राजनीतिक, विचार/अभिव्यक्ति, उपासना) प्रस्तावना में वर्णित हैं, लेकिन बंधुत्व का सीधा संबंध आर्थिक स्वतंत्रता से नहीं है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद सर्वोच्च न्यायालय को रिट जारी करने की शक्ति प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 226
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 256
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए रिट (जैसे बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार पृच्छा और उत्प्रेषण) जारी करने की शक्ति प्रदान करता है। यह स्वयं में एक मौलिक अधिकार है।
- संदर्भ और विस्तार: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने अनुच्छेद 32 को “संविधान का हृदय और आत्मा” कहा है। यह न्यायालय को नागरिकों के मौलिक अधिकारों का संरक्षक बनाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को रिट जारी करने की शक्ति देता है (हालांकि यह मौलिक अधिकारों के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए भी हो सकती है)। अनुच्छेद 143 सर्वोच्च न्यायालय से सलाहकारी राय मांगने की राष्ट्रपति की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 256 केंद्र सरकार को राज्यों को निर्देश देने की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का उल्लेख किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 74
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 103
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमा, दंडादेश का लघुकरण, प्रविलंबन, विराम या परिहार करने तथा दंडादेश के निलंबन या लघुकरण की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति मृत्युदंड के मामलों में भी लागू होती है, जबकि राज्यपाल की क्षमादान की शक्ति (अनुच्छेद 161) मृत्युदंड के मामलों में लागू नहीं होती। राष्ट्रपति यह शक्ति मंत्रिपरिषद की सलाह पर प्रयोग करते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद के बारे में है। अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी (Attorney General) से संबंधित है। अनुच्छेद 103 संसद सदस्यों की अयोग्यता के प्रश्नों पर राष्ट्रपति की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- भारत का निर्वाचन आयोग (Election Commission of India)
- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (NITI Aayog) एक कार्यकारी आदेश द्वारा 2015 में स्थापित एक गैर-संवैधानिक निकाय (Non-Constitutional Body) है। यह योजना आयोग का स्थान लिया है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत का निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (अनुच्छेद 148) सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि इनका प्रावधान सीधे संविधान में किया गया है।
- गलत विकल्प: शेष सभी विकल्प (a, b, d) संवैधानिक निकाय हैं, जिनका उल्लेख संविधान में स्पष्ट रूप से किया गया है और उनकी शक्तियां तथा कार्यक्षेत्र परिभाषित हैं।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज से संबंधित है?
- भाग V
- भाग VII
- भाग IX
- भाग X
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, जो 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया, पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) से संबंधित है। इसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस भाग ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया, जिसमें ग्राम सभा, पंचायतों की संरचना, आरक्षण, कार्यकाल और शक्तियों का प्रावधान है।
- गलत विकल्प: भाग V संघ की सरकार से, भाग VII (जो अब निरस्त कर दिया गया है) राज्यों से संबंधित था, और भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को लोक पद धारण करने से रोकने के लिए जारी की जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
- प्रतिषेध (Prohibition)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है “किस अधिकार से”। यह रिट किसी व्यक्ति द्वारा लोक पद पर अवैध रूप से कब्जा करने की स्थिति में जारी की जाती है। यह पूछती है कि वह व्यक्ति उस पद को किस अधिकार से धारण कर रहा है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि व्यक्ति अपने पद के अधिकार को उचित साबित नहीं कर पाता है, तो उसे पद से हटना पड़ता है। यह अनुच्छेद 32 (सुप्रीम कोर्ट) और अनुच्छेद 226 (हाई कोर्ट) के तहत जारी की जा सकती है।
- गलत विकल्प: परमादेश किसी लोक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है। उत्प्रेषण किसी निचली अदालत या अधिकरण के निर्णय को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है। प्रतिषेध किसी निचली अदालत या अधिकरण को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकने के लिए जारी किया जाता है।
प्रश्न 7: भारत में किसी राज्य का विधानमंडल किस अनुच्छेद के तहत राज्यपाल को राज्य विधानमंडल के प्रत्येक सत्र के आरंभ में अभिभाषण करने के लिए बाध्य करता है?
- अनुच्छेद 176
- अनुच्छेद 174
- अनुच्छेद 163
- अनुच्छेद 155
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 176 के अनुसार, राज्यपाल, अनुच्छेद 174 के खंड (1) में उपबंधित रीति से, राज्य के विधान-मंडल के प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के प्रारंभ में और प्रत्येक आम चुनाव के पश्चात् प्रथम सत्र के प्रारंभ में, एक साथ समवेत (एकत्रित) विधान-मंडल के दोनों सदनों के सदस्य के नाते अभिभाषण करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: यह अभिभाषण विधान-मंडल को उसके सत्र के कामकाज के बारे में सूचित करता है। यह सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 174 राज्य विधानमंडल को सत्रावसान (adjournment) और विघटन (dissolution) के बारे में है। अनुच्छेद 163 राज्यपाल को सहायता और सलाह के लिए मंत्रिपरिषद के बारे में है। अनुच्छेद 155 राज्यपाल की नियुक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 8: ‘आपातकाल की घोषणा’ (Proclamation of Emergency) का प्रावधान भारतीय संविधान के किस भाग में है?
- भाग XIV
- भाग XVI
- भाग XVIII
- भाग XX
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XVIII (अनुच्छेद 352 से 360) आपात उपबंधों (Emergency Provisions) से संबंधित है। इसमें तीन प्रकार के आपातकाल शामिल हैं: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता के कारण आपातकाल (राष्ट्रपति शासन, अनुच्छेद 356), और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)।
- संदर्भ और विस्तार: आपातकाल के दौरान, केंद्र सरकार को असाधारण शक्तियाँ प्राप्त हो जाती हैं, जो भारतीय संघ के संघीय स्वरूप को एकात्मक में बदल देती हैं।
- गलत विकल्प: भाग XIV (अनुच्छेद 308-323) संघ और राज्यों की सेवाएं, भाग XVI (अनुच्छेद 330-342) कुछ वर्गों से संबंधित विशेष उपबंध, और भाग XX (अनुच्छेद 368) संविधान का संशोधन से संबंधित है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सी भारतीय संविधान की एक ‘प्रमुख विशेषता’ (Salient Feature) नहीं है?
- संसदीय संप्रभुता
- मौलिक अधिकार
- कठोर संविधान
- संघीय प्रणाली
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान को ‘लचीले’ (flexible) और ‘कठोर’ (rigid) दोनों का मिश्रण माना जाता है। कुछ प्रावधानों को विशेष बहुमत से संशोधित किया जा सकता है (कठोरता), जबकि अन्य को साधारण बहुमत से (लचीलापन)। इसलिए, ‘कठोर संविधान’ भारतीय संविधान की एकमात्र या प्रमुख विशेषता नहीं है, बल्कि यह उसके संशोधन की प्रक्रिया से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: संसदीय संप्रभुता (हालांकि न्यायिक समीक्षा द्वारा सीमित), मौलिक अधिकार (भाग III), और संघीय प्रणाली (शक्तियों का केंद्र और राज्यों के बीच विभाजन) भारतीय संविधान की महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं।
- गलत विकल्प: संसदीय संप्रभुता (ब्रिटिश मॉडल), मौलिक अधिकार (अमेरिकी मॉडल), और संघीय प्रणाली (कनाडाई मॉडल) स्पष्ट रूप से संविधान की मुख्य विशेषताएं हैं।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान में ‘राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत’ (Directive Principles of State Policy) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- आयरलैंड
- कनाडा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IV में वर्णित राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत (DPSP) आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: आयरलैंड के संविधान के निर्देशक सिद्धांतों ने सामाजिक और आर्थिक अधिकारों पर जोर दिया, जिन्हें राज्य को अपने नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए लागू करना चाहिए। ये सिद्धांत न्यायोचित (justiciable) नहीं हैं, अर्थात इन्हें अदालतों द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता।
- गलत विकल्प: यूनाइटेड किंगडम ने संसदीय प्रणाली और विधि का शासन प्रदान किया। संयुक्त राज्य अमेरिका ने मौलिक अधिकार, न्यायिक समीक्षा और राष्ट्रपति प्रणाली प्रदान की। कनाडा ने संघीय प्रणाली और अवशिष्ट शक्तियों का प्रावधान किया।
प्रश्न 11: ‘न्यायिक सक्रियता’ (Judicial Activism) का संबंध भारतीय संविधान के किस पहलू से है?
- विधायिका द्वारा पारित कानूनों की समीक्षा
- कार्यपालिका के कार्यों पर नियंत्रण
- मौलिक अधिकारों का प्रवर्तन
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: न्यायिक सक्रियता वह सिद्धांत है जिसमें न्यायपालिका, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय, सार्वजनिक हित की रक्षा और अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए अपनी शक्तियों का विस्तार करती है। इसमें विधायिका द्वारा पारित कानूनों की समीक्षा (Judicial Review), कार्यपालिका के कार्यों पर नियंत्रण (जैसे जनहित याचिका के माध्यम से), और मौलिक अधिकारों का प्रवर्तन (Article 32/226) शामिल है।
- संदर्भ और विस्तार: न्यायिक सक्रियता का उद्देश्य विधायिका और कार्यपालिका की निष्क्रियता या अनुत्तरदायित्वता के मामलों में हस्तक्षेप करना और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना है।
- गलत विकल्प: चूँकि तीनों विकल्प न्यायिक सक्रियता के महत्वपूर्ण पहलू हैं, इसलिए (d) सही उत्तर है।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़े गए?
- 42वाँ संशोधन, 1976
- 44वाँ संशोधन, 1978
- 52वाँ संशोधन, 1985
- 61वाँ संशोधन, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा, प्रस्तावना में तीन नए शब्द जोड़े गए: ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ (Secular) और ‘अखंडता’ (Integrity)।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने प्रस्तावना को नया रूप दिया और संविधान के मूल उद्देश्य को और स्पष्ट किया।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वें संशोधन ने दसवीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून) जोड़ी। 61वें संशोधन ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की।
प्रश्न 13: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है और केंद्र तथा राज्य सरकारों के लेखाओं का ऑडिट करता है। उनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) होता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं, लोकसभा अध्यक्ष सदन के प्रमुख होते हैं, और राज्यसभा के सभापति (जो उपराष्ट्रपति होते हैं) सदन के प्रमुख होते हैं। CAG की नियुक्ति का अधिकार राष्ट्रपति को है।
प्रश्न 14: भारतीय संविधान में ‘मौलिक अधिकार’ (Fundamental Rights) संविधान के किस भाग में वर्णित हैं?
- भाग II
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग III, अनुच्छेद 12 से 35 तक, मौलिक अधिकारों से संबंधित है। यह नागरिकों को राज्य की शक्ति के विरुद्ध गारंटीकृत कुछ मूलभूत अधिकार प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक अधिकार न्यायोचित (justiciable) होते हैं, जिसका अर्थ है कि यदि उनका उल्लंघन होता है, तो व्यक्ति सीधे सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) या उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226) जा सकता है।
- गलत विकल्प: भाग II नागरिकता से, भाग IV राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों से, और भाग V संघ की सरकार से संबंधित है।
प्रश्न 15: भारतीय संविधान की ‘आपातकालीन व्यवस्था’ (Emergency Provisions) की अवधारणा किस देश के संविधान से ली गई है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- ऑस्ट्रेलिया
- जर्मनी (हमवार्ट गणराज्य)
- कनाडा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: आपातकालीन प्रावधानों की अवधारणा जर्मनी के हमवार्ट गणराज्य (Weimar Republic) के संविधान से प्रेरित है।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रेरणा के माध्यम से, भारतीय संविधान ने राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) जैसे प्रावधानों को शामिल किया। ये प्रावधान देश को असामान्य परिस्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक शक्तियां प्रदान करते हैं।
- गलत विकल्प: अमेरिका ने मौलिक अधिकार, ऑस्ट्रेलिया ने समवर्ती सूची, और कनाडा ने संघवाद और अवशिष्ट शक्तियों का मॉडल दिया।
प्रश्न 16: संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के उपराष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- प्रधानमंत्री
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष (Speaker of Lok Sabha) द्वारा की जाती है, जैसा कि अनुच्छेद 118 (4) में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: संयुक्त बैठक तब बुलाई जाती है जब किसी साधारण विधेयक पर दोनों सदनों के बीच गतिरोध हो जाता है (अनुच्छेद 108)। यदि लोकसभा अध्यक्ष अनुपस्थित हो, तो लोकसभा का उपाध्यक्ष और वह भी अनुपस्थित हो, तो राज्यसभा का उप-सभापति अध्यक्षता करता है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति संयुक्त बैठक बुलाते हैं (अनुच्छेद 108), लेकिन अध्यक्षता नहीं करते। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं, न कि संयुक्त बैठक के। प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं।
प्रश्न 17: भारतीय संविधान में ‘मौलिक कर्तव्य’ (Fundamental Duties) किस संशोधन द्वारा शामिल किए गए?
- 42वाँ संशोधन, 1976
- 44वाँ संशोधन, 1978
- 52वाँ संशोधन, 1985
- 61वाँ संशोधन, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान में शामिल किया गया। इन्हें भाग IV-A के अंतर्गत अनुच्छेद 51-A में जोड़ा गया।
- संदर्भ और विस्तार: ये कर्तव्य नागरिकों को राष्ट्र के प्रति उनके दायित्वों की याद दिलाते हैं। इन्हें सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर जोड़ा गया था।
- गलत विकल्प: अन्य संशोधन अलग-अलग महत्वपूर्ण बदलावों से संबंधित हैं, जैसे 44वाँ संशोधन (संपत्ति का अधिकार), 52वाँ संशोधन (दल-बदल), और 61वाँ संशोधन (मतदान की आयु)।
प्रश्न 18: ‘कानून के समक्ष समानता’ (Equality before law) का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 14 भारतीय संविधान में “विधि के समक्ष समानता” और “विधियों का समान संरक्षण” का अधिकार प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: “कानून के समक्ष समानता” (Equality before law) की अवधारणा ब्रिटिश मूल की है, जो नकारात्मक है और यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी व्यक्ति को विशेषाधिकार प्राप्त न हो। “विधियों का समान संरक्षण” (Equal protection of laws) की अवधारणा अमेरिकी मूल की है, जो सकारात्मक है और समान परिस्थितियों में सभी के साथ समान व्यवहार का आश्वासन देती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता प्रदान करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का उन्मूलन करता है।
प्रश्न 19: भारत में ‘संघवाद’ (Federalism) की प्रणाली किस देश के मॉडल पर आधारित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संघवाद की प्रणाली, विशेष रूप से अवशिष्ट शक्तियों (residual powers) का केंद्र के पास होना, कनाडा के मॉडल से प्रेरित है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संघवाद को ‘एकात्मकता की ओर झुकाव वाला’ (quasi-federal) भी कहा जाता है, जिसमें केंद्र को राज्यों की तुलना में अधिक शक्तियां प्राप्त हैं। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के मॉडल से अलग है जहाँ अवशिष्ट शक्तियाँ राज्यों के पास होती हैं।
- गलत विकल्प: अमेरिका का मॉडल कठोर संघवाद का है। यूके एक एकात्मक राज्य है। ऑस्ट्रेलिया का मॉडल समवर्ती सूची (concurrent list) के लिए जाना जाता है।
प्रश्न 20: संविधान का कौन सा अनुच्छेद राज्य को यह निर्देश देता है कि वह ग्राम पंचायतों को संगठित करे और उन्हें आवश्यक शक्तियों एवं प्राधिकार से युक्त करे?
- अनुच्छेद 40
- अनुच्छेद 44
- अनुच्छेद 48
- अनुच्छेद 50
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 40, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) के अंतर्गत, राज्य को ग्राम पंचायतों को संगठित करने और उन्हें स्थानीय स्व-शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक शक्तियों एवं प्राधिकार से युक्त करने का निर्देश देता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद भारत में पंचायती राज व्यवस्था की नींव रखता है और इसे भारतीय लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण विशेषता बनाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 44 समान नागरिक संहिता, अनुच्छेद 48 कृषि और पशुपालन का संगठन, और अनुच्छेद 50 कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण से संबंधित है।
प्रश्न 21: भारतीय संविधान में ‘आपातकाल की घोषणा’ (Proclamation of Emergency) के तहत कौन से मौलिक अधिकार निलंबित नहीं किए जा सकते?
- अनुच्छेद 20 और 21
- अनुच्छेद 14 और 15
- अनुच्छेद 19 और 20
- अनुच्छेद 21 और 22
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा होने पर, राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेश के माध्यम से अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण) को छोड़कर अन्य सभी मौलिक अधिकार निलंबित किए जा सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि अत्यावश्यक परिस्थितियों में भी नागरिकों के कुछ सबसे महत्वपूर्ण अधिकार सुरक्षित रहें।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि) बाहरी आक्रमण के आधार पर की गई आपातकाल की घोषणा के दौरान निलंबित किया जा सकता है (44वें संशोधन के बाद)। अनुच्छेद 15 निलंबित नहीं होता, लेकिन 19suspend हो सकता है। अनुच्छेद 22 (गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण) भी आपातकाल में निलंबित हो सकता है।
प्रश्न 22: भारत के राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा में कितने सदस्यों को मनोनीत किया जा सकता है?
- 10
- 12
- 14
- 2
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 80 (1) (a) के अनुसार, राष्ट्रपति साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा के क्षेत्र में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले 12 सदस्यों को राज्यसभा में मनोनीत कर सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इन सदस्यों को मनोनीत करके, राज्यसभा में उन क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित किया जाता है जिनका प्रत्यक्ष चुनाव संभव नहीं है।
- गलत विकल्प: 10, 14, या 2 की संख्या गलत है; सही संख्या 12 है।
प्रश्न 23: ‘राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत’ (DPSP) किस प्रकार के हैं?
- न्यायोचित (Justiciable)
- गैर-न्यायोचित (Non-justiciable)
- केवल राष्ट्रीय आपातकाल में लागू
- केवल केंद्र सरकार द्वारा लागू
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत (DPSP) गैर-न्यायोचित हैं, जिसका अर्थ है कि वे न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं। वे सीधे तौर पर किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दिए जा सकते।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत राष्ट्र के शासन के लिए मौलिक हैं और कानून बनाने में राज्य का कर्तव्य है कि वे इन सिद्धांतों को लागू करें। हालांकि, उनकी गैर-न्यायोचित प्रकृति का मतलब है कि उनका उल्लंघन होने पर अदालतें कोई कदम नहीं उठा सकतीं, सिवाय इसके कि कुछ DPSP को मौलिक अधिकारों के साथ जोड़कर न्यायोचित बनाया गया है।
- गलत विकल्प: मौलिक अधिकार (भाग III) न्यायोचित हैं। DPSP केवल राष्ट्रीय आपातकाल में या केवल केंद्र सरकार द्वारा लागू नहीं होते, बल्कि इनका उद्देश्य पूरे राज्य (केंद्र और राज्य) को मार्गदर्शन देना है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘मूल ढाँचे के सिद्धांत’ (Doctrine of Basic Structure) का प्रतिपादन किया?
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ
- एस.आर. बोम्मई बनाम भारत संघ
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक बड़ी पीठ ने ‘मूल ढाँचे के सिद्धांत’ का प्रतिपादन किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत के अनुसार, संसद संविधान के किसी भी भाग में, जिसमें मौलिक अधिकार भी शामिल हैं, संशोधन कर सकती है, लेकिन संविधान के “मूल ढाँचे” को नहीं बदल सकती। इससे संविधान की सर्वोच्चता और अखंडता सुनिश्चित होती है।
- गलत विकल्प: गोलकनाथ मामला (1967) ने मौलिक अधिकारों में संशोधन की शक्ति को सीमित किया था। मेनका गांधी मामला (1978) ने अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के दायरे का विस्तार किया। एस.आर. बोम्मई मामला (1994) राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) के प्रयोग की न्यायिक समीक्षा से संबंधित है।
प्रश्न 25: भारत में ‘संविधान संशोधन’ (Constitutional Amendment) का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 358
- अनुच्छेद 368
- अनुच्छेद 370
- अनुच्छेद 371
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में संशोधन की प्रक्रिया का उल्लेख संविधान के भाग XX के अनुच्छेद 368 में किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद संसद को संविधान के किसी भी उपबंध में संशोधन करने की शक्ति प्रदान करता है, हालांकि यह शक्ति केशवानंद भारती मामले में ‘मूल ढाँचे’ के सिद्धांत द्वारा सीमित है। अनुच्छेद 368 संशोधन की तीन विधियों (साधारण बहुमत, विशेष बहुमत, और विशेष बहुमत + आधे राज्यों का अनुसमर्थन) का वर्णन करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 358 राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान अनुच्छेद 19 के प्रवर्तन के निलंबन से संबंधित है। अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने से संबंधित था (अब अनुच्छेद 370A के तहत परिवर्तित)। अनुच्छेद 371 कुछ राज्यों के लिए विशेष प्रावधानों से संबंधित है।