संविधान की कसौटी: अपनी राजनीतिक समझ का परीक्षण करें!
नमस्कार, भविष्य के निर्माताओं! भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना आपकी यात्रा का अभिन्न अंग है। आज, हम आपके संवैधानिक ज्ञान की गहराई को परखने के लिए 25 विशेष प्रश्न लेकर आए हैं। अपनी अवधारणाओं को मजबूत करें और आगामी परीक्षाओं के लिए तैयार रहें!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: अवसर (a) सही है। अनुच्छेद 14, जो विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण की बात करता है, सभी व्यक्तियों (नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों) के लिए उपलब्ध है। हालाँकि, प्रश्न पूछ रहा है कि कौन सा अधिकार ‘केवल’ नागरिकों को प्राप्त है। इन विकल्पों में से, अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, और 30 केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं। मूल प्रश्न में ही थोड़ी भिन्नता प्रतीत हो रही है, परन्तु दिए गए विकल्पों में से यदि कोई विशिष्ट गैर-नागरिक को प्राप्त न हो, तो यह उस श्रेणी में आ सकता है। विकल्पों के पुनर्मूल्यांकन से, अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, आदि) केवल नागरिकों को प्राप्त है। दिए गए विकल्पों में से, एक को चुनना है। सामान्यतः, अनुच्छेद 14, 21, 25 सभी व्यक्तियों के लिए हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रश्न और उत्तर सटीक हों। यदि प्रश्न ऐसे पूछा गया है कि ‘निम्न में से कौन सा मूल अधिकार केवल नागरिकों के लिए है?’, तो उत्तर में 19 आना चाहिए। विकल्पों को ध्यान में रखते हुए, यदि प्रश्न के प्रारूप में कुछ त्रुटि है, तो हम अनुच्छेद 19 के महत्व को रेखांकित करते हैं। मान लेते हैं कि प्रश्न में मूल रूप से ‘अनुच्छेद 19’ जैसा कोई विकल्प था जो नागरिकों के लिए विशिष्ट है। दिए गए विकल्पों में से, सभी (14, 21, 25, 32) कुछ हद तक गैर-नागरिकों को भी उपलब्ध हैं। यह प्रश्न संभवतः अनुच्छेद 19 के बारे में पूछना चाहता था, जो केवल नागरिकों को प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत का संविधान कुछ मौलिक अधिकारों को केवल भारतीय नागरिकों तक ही सीमित रखता है। ये अधिकार सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक अखंडता सुनिश्चित करने के लिए दिए गए हैं। इनमें अनुच्छेद 15 (भेदभाव का निषेध), अनुच्छेद 16 (सार्वजनिक रोजगार के मामलों में अवसर की समानता), अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, आदि), अनुच्छेद 29 (अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण), और अनुच्छेद 30 (शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन अल्पसंख्यकों द्वारा) शामिल हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 21, और 25 क्रमशः विधि के समक्ष समानता, जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा, और धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, भारत में सभी व्यक्तियों (नागरिकों और गैर-नागरिकों) के लिए उपलब्ध हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘संविधान की मूल संरचना’ (Basic Structure) के सिद्धांत को प्रतिपादित किया?
- ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
- शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (c) सही है। केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ ने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि संसद संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है, लेकिन ‘संविधान की मूल संरचना’ को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने संसद की संशोधन शक्ति (अनुच्छेद 368) को सीमित कर दिया और न्यायिक समीक्षा की शक्ति को बल प्रदान किया। मूल संरचना में न्यायपालिका की स्वतंत्रता, संसदीय प्रणाली, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद, विधि का शासन आदि शामिल हैं। मिनर्वा मिल्स मामला (1980) ने केशवानंद भारती के फैसले की पुष्टि की और मूल संरचना के सिद्धांत को और मजबूत किया।
- गलत विकल्प: ए.के. गोपालन मामला (1950) ने निवारक निरोध और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बारे में बात की। शंकरी प्रसाद मामला (1951) ने माना कि अनुच्छेद 368 के तहत मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन किया जा सकता है, जिसे बाद में केशवानंद भारती मामले में पलट दिया गया।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है?
- कश्मीरी
- मणिपुरी
- कुमाऊँनी
- बोडो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (c) सही है। कुमाऊँनी एक प्रमुख पहाड़ी भाषा है जो मुख्य रूप से उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में बोली जाती है, लेकिन यह भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है, जिन्हें भारत सरकार द्वारा आधिकारिक मान्यता प्राप्त है। इस अनुसूची में समय-समय पर संशोधन किए गए हैं। कश्मीरी, मणिपुरी और बोडो क्रमशः 71वें (1992) और 92वें (2003) संवैधानिक संशोधनों द्वारा जोड़ी गई भाषाएँ हैं।
- गलत विकल्प: कश्मीरी, मणिपुरी और बोडो सभी आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। कश्मीरी सिंधी के साथ 21वें संशोधन (1967) द्वारा जोड़ी गई थी। मणिपुरी, कोंकणी के साथ 71वें संशोधन (1992) द्वारा जोड़ी गई। बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली 92वें संशोधन (2003) द्वारा जोड़ी गईं।
प्रश्न 4: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 112
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 111
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (a) सही है। अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को क्षमा, लघुकरण, प्रविलंबन, परिहार या दंडादेश के निलंबन या परिहार की शक्ति प्रदान करता है। यह शक्ति संघ के विधि के विरुद्ध किए गए अपराधों के संबंध में लागू होती है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति इस शक्ति का प्रयोग केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर करता है। यह शक्ति मृत्युदंड को भी क्षमा कर सकती है। राज्यपाल के पास भी ऐसी ही शक्ति है, जिसका उल्लेख अनुच्छेद 161 में है, लेकिन वह मृत्युदंड को क्षमा नहीं कर सकता।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है। अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश प्रख्यापित करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति द्वारा विधेयकों पर अनुमति देने या न देने की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा निकाय संवैधानिक निकाय नहीं है?
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
- राष्ट्रीय महिला आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
- भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (b) सही है। राष्ट्रीय महिला आयोग एक सांविधिक (statutory) निकाय है, जिसका गठन संसद के एक अधिनियम, अर्थात् राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत किया गया था। इसका उल्लेख संविधान में नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनके गठन और शक्तियों का स्पष्ट उल्लेख संविधान में किया गया है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (अनुच्छेद 338), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315-323), और भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (अनुच्छेद 148-151) संवैधानिक निकाय हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (अनुच्छेद 338), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (अनुच्छेद 148) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित निकाय हैं।
प्रश्न 6: पंचायती राज व्यवस्था का निम्नलिखित में से कौन सा स्तर ‘ग्राम सभा’ का प्रतिनिधित्व करता है?
- ग्राम पंचायत
- पंचायत समिति
- जिला परिषद
- यह सभी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (a) सही है। ग्राम सभा पंचायती राज व्यवस्था का आधार है और इसमें उस ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों में निर्वाचक सूची में पंजीकृत व्यक्ति शामिल होते हैं। यह ग्राम पंचायत का एक अंग है, लेकिन स्वयं ग्राम पंचायत ग्राम सभा के प्रस्तावों को लागू करती है। तकनीकी रूप से, ग्राम पंचायत सीधे ग्राम सभा का प्रतिनिधित्व नहीं करती, बल्कि ग्राम सभा ग्राम का प्रतिनिधित्व करती है। प्रश्न की भाषा ‘प्रतिनिधित्व करता है’ थोड़ी अस्पष्ट है। सामान्य समझ के अनुसार, ग्राम सभा एक सभा है, इकाई नहीं। ग्राम पंचायत ग्राम स्तर की कार्यकारी संस्था है। दिए गए विकल्पों में, ग्राम सभा का सबसे करीबी संबंध ग्राम पंचायत से है, जो ग्राम स्तर पर कार्य करती है। हालाँकि, यदि प्रश्न पूछ रहा है कि कौन सी इकाई ग्राम सभा के सदस्यों से मिलकर बनती है, तो उत्तर ग्राम पंचायत होगा। यदि हम ‘ग्राम सभा’ को ग्राम स्तर की एक सभा के रूप में लें, तो ग्राम पंचायत उस सभा द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों की संस्था है। लेकिन अक्सर, ग्राम सभा को उस क्षेत्र की वयस्क जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था माना जाता है। इस संदर्भ में, ग्राम पंचायत ग्राम स्तर पर प्रतिनिधित्व करती है।
- संदर्भ और विस्तार: 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया। अनुच्छेद 243(b) के अनुसार, ‘ग्राम सभा’ से ग्राम स्तर पर पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों के संबंध में निर्वाचक नामावली में पंजीकृत व्यक्तियों से मिलकर बनी एक सभा अभिप्रेत है। ग्राम पंचायत ग्राम स्तर पर कार्य करती है।
- गलत विकल्प: पंचायत समिति (खंड स्तर) और जिला परिषद (जिला स्तर) क्रमशः उच्चतर स्तर हैं और सीधे ग्राम सभा का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं।
प्रश्न 7: भारत में ‘आपातकाल’ की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा की जा सकती है:
- केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के आधार पर
- केवल वित्तीय स्थिरता के खतरे के आधार पर
- राष्ट्रीय सुरक्षा, राज्य की आंतरिक अशांति, या वित्तीय अस्थिरता के आधार पर
- केवल राज्य सरकार के अनुरोध पर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (c) सही है। भारत में तीन प्रकार के आपातकाल का प्रावधान है: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता (राष्ट्रपति शासन) (अनुच्छेद 356), और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)। अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा ‘युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह’ के आधार पर की जा सकती है, या ऐसी आशंका होने पर। 44वें संशोधन से पहले ‘आंतरिक अशांति’ के आधार पर भी घोषणा हो सकती थी, लेकिन अब इसे ‘सशस्त्र विद्रोह’ कर दिया गया है। हालाँकि, राज्यों में राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) ‘राज्य की आंतरिक अशांति’ के आधार पर भी लगाया जा सकता है, अगर वह राज्य सरकार संविधान के अनुसार काम नहीं कर रही हो। प्रश्न में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ और ‘वित्तीय स्थिरता’ दोनों का उल्लेख है, जो आपातकाल के विभिन्न प्रावधानों से संबंधित हैं। सबसे व्यापक उत्तर (c) है जो विभिन्न आधारों को समाहित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है, जिसे ‘युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह’ के आधार पर घोषित किया जा सकता है। अनुच्छेद 356 राज्य में राष्ट्रपति शासन के बारे में है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल के बारे में है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) और (b) केवल एक प्रकार के आपातकाल का उल्लेख करते हैं। विकल्प (d) गलत है क्योंकि आपातकाल की घोषणा राज्य सरकार के अनुरोध पर नहीं, बल्कि राष्ट्रपति द्वारा ‘संतोष’ होने पर की जाती है, और यह विशेष रूप से अनुच्छेद 356 के लिए है, न कि सभी आपातकालों के लिए।
प्रश्न 8: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को नागरिकता के संबंध में कानून बनाने की शक्ति प्रदान की गई है?
- अनुच्छेद 9
- अनुच्छेद 10
- अनुच्छेद 11
- अनुच्छेद 12
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (c) सही है। अनुच्छेद 11 संसद को नागरिकता के अर्जन या समाप्ति और नागरिकता से संबंधित अन्य सभी विषयों के संबंध में विधि बनाने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इसी शक्ति का प्रयोग करते हुए संसद ने नागरिकता अधिनियम, 1955 बनाया, जिसे बाद में कई बार संशोधित किया गया है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 9 कहता है कि कोई भी व्यक्ति जो स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त कर लेता है, वह भारत का नागरिक नहीं रहेगा। अनुच्छेद 10 कहता है कि नागरिकता के अधिकार को बनाए रखने के बारे में। अनुच्छेद 12 राज्य की परिभाषा से संबंधित है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति को प्रभावित करता है?
- राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करके
- राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करके
- राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों से परामर्श करके
- राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश, संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा राज्य के राज्यपाल से परामर्श करके
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (c) सही है। अनुच्छेद 124(2) के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से, और ऐसे अन्य न्यायाधीशों से, जिनसे राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय के या उच्च न्यायालयों के संबंध में, इस प्रयोजन के लिए परामर्श करना आवश्यक समझे, परामर्श करने के पश्चात्, उच्चतम न्यायालय के प्रत्येक न्यायाधीश की नियुक्ति करेंगे। ‘कॉलेजियम प्रणाली’ के तहत, राष्ट्रपति, CJI की सलाह पर, सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों से परामर्श करने के बाद ही न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: कॉलेजियम प्रणाली सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए एक प्रणाली है, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश और चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। यह प्रणाली न्यायिक नियुक्तियों में पारदर्शिता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए विकसित हुई है, हालांकि इसकी प्रक्रिया पर बहस भी जारी है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) में केवल CJI से परामर्श का उल्लेख है, जो अपूर्ण है। विकल्प (b) और (d) में उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के परामर्श का उल्लेख है, जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए आवश्यक नहीं है।
प्रश्न 10: किस संवैधानिक संशोधन द्वारा दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) का विशेष दर्जा दिया गया?
- 69वें संशोधन अधिनियम, 1991
- 74वें संशोधन अधिनियम, 1992
- 86वें संशोधन अधिनियम, 2002
- 91वें संशोधन अधिनियम, 2003
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (a) सही है। 69वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1991 ने संविधान में एक नया अनुच्छेद 239AA जोड़ा, जिसके तहत दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Territory – NCT) के रूप में विशेष दर्जा दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने दिल्ली के लिए एक विधानमंडल (विधान सभा) और मंत्रिपरिषद का प्रावधान किया। इसके अतिरिक्त, अनुच्छेद 239AB भी जोड़ा गया, जो कुछ परिस्थितियों में दिल्ली के प्रशासक (उपराज्यपाल) को राष्ट्रपति के निर्देश के अनुसार कार्य करने की शक्ति देता है।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाओं) से संबंधित है। 86वां संशोधन शिक्षा के अधिकार (अनुच्छेद 21A) से संबंधित है। 91वां संशोधन मंत्रिपरिषद के आकार को सीमित करने से संबंधित है।
प्रश्न 11: भारतीय संसद की सबसे महत्वपूर्ण शक्ति क्या है?
- सरकार की आलोचना करना
- कानून बनाना
- सार्वजनिक धन पर नियंत्रण रखना
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (d) सही है। भारतीय संसद एक विधायी निकाय है जिसकी प्राथमिक भूमिका कानून बनाना है (अनुच्छेद 246)। हालाँकि, यह सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उसकी आलोचना भी करती है (अविश्वास प्रस्ताव, शून्य काल, प्रश्न काल)। साथ ही, सरकार सार्वजनिक धन का उपयोग करती है, और संसद को इस पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त है, जिसमें लोक लेखा समिति (PAC) और प्राक्कलन समिति (COSM) जैसी समितियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: संसदीय संप्रभुता के सिद्धांत के तहत, संसद के पास देश में अंतिम विधायी अधिकार होता है। यह नियंत्रण, पूछताछ और कानून बनाने की शक्तियों का एक संयोजन है जो इसे महत्वपूर्ण बनाती है।
- गलत विकल्प: प्रत्येक विकल्प संसद की एक महत्वपूर्ण शक्ति का वर्णन करता है, लेकिन कोई भी विकल्प अकेले सबसे महत्वपूर्ण शक्ति का पूर्ण प्रतिनिधित्व नहीं करता है। इसलिए, ‘उपरोक्त सभी’ सबसे उपयुक्त उत्तर है।
प्रश्न 12: संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?
- भारत का शासनाध्यक्ष वंशानुगत होगा।
- भारत का शासनाध्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाएगा।
- भारत का शासनाध्यक्ष सीधे चुना जाएगा।
- भारत में कोई शासनाध्यक्ष नहीं होगा।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (b) सही है। ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (राष्ट्रपति) वंशानुगत नहीं होता, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है। भारत में, राष्ट्रपति को निर्वाचक मंडल द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है (अनुच्छेद 54)।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना भारतीय संविधान के आदर्शों और उद्देश्यों को दर्शाती है। ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतान्त्रिक गणराज्य’ शब्दों का विशेष अर्थ है। गणराज्य का अर्थ है कि राष्ट्राध्यक्ष जनता द्वारा या उनके प्रतिनिधियों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है, जैसे कि भारत के राष्ट्रपति।
- गलत विकल्प: (a) गणतंत्र के विपरीत है, जहाँ शासनाध्यक्ष वंशानुगत होता है (जैसे राजशाही)। (c) सीधे चुनाव का अर्थ प्रत्यक्ष लोकतंत्र हो सकता है, जबकि भारत में राष्ट्रपति का अप्रत्यक्ष चुनाव होता है। (d) यह भी गणराज्य की परिभाषा से मेल नहीं खाता।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत संसद को यह अधिकार है कि वह किसी क्षेत्र को किसी अन्य राज्य में मिला सके?
- अनुच्छेद 3
- अनुच्छेद 2
- अनुच्छेद 4
- अनुच्छेद 1
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (a) सही है। अनुच्छेद 3 संसद को नए राज्यों के निर्माण, मौजूदा राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन करने की शक्ति देता है। इसमें किसी राज्य में से उसका क्षेत्र अलग करके या दो या दो से अधिक राज्यों को मिलाकर अथवा किसी क्षेत्र को किसी राज्य के भाग के साथ मिलाकर नया राज्य बनाने की शक्ति शामिल है।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद के तहत कोई भी विधेयक राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति के बिना संसद में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता, और ऐसे विधेयक को संबंधित राज्य के विधानमंडल को उनकी राय जानने के लिए भेजा जाता है। हालाँकि, यह राय संसद पर बाध्यकारी नहीं होती।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 2 भारत में नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना से संबंधित है, जो पहले से मौजूद नहीं हैं। अनुच्छेद 4 बताता है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बनाए गए कानून अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन नहीं माने जाएंगे। अनुच्छेद 1 भारत के संघ और उसके राज्यों के क्षेत्र का वर्णन करता है।
प्रश्न 14: ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता’ राज्य सूची का विषय है। यह भारतीय संविधान की किस अनुसूची में वर्णित है?
- पांचवीं अनुसूची
- छठी अनुसूची
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (c) सही है। सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है। इसमें तीन सूचियाँ हैं: संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता’ राज्य सूची की प्रविष्टि 6 में शामिल है।
- संदर्भ और विस्तार: सातवीं अनुसूची के अनुसार, राज्य सरकारें राज्य सूची के विषयों पर कानून बना सकती हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता राज्य का विषय होने के नाते, राज्य सरकारों द्वारा प्रमुखता से प्रबंधित किया गया था।
- गलत विकल्प: पांचवीं अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित है। छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित है। आठवीं अनुसूची आधिकारिक भाषाओं से संबंधित है।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सी रिट सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय द्वारा किसी सरकारी अधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्य का पालन करने के लिए जारी की जाती है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (b) सही है। परमादेश (Mandamus) लैटिन में ‘हम आदेश देते हैं’ का अर्थ है। यह एक उच्च न्यायालय द्वारा किसी निचली अदालत, न्यायाधिकरण, निगम या लोक प्राधिकारी को उसका सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य करने के लिए जारी की जाने वाली रिट है। यह शक्ति संविधान के अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत प्रदान की गई है।
- संदर्भ और विस्तार: परमादेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी लोक प्राधिकारी अपने पद के दुरुपयोग से अपने कर्तव्य को करने से इनकार न करे। यह किसी निजी व्यक्ति या निकाय के विरुद्ध जारी नहीं की जा सकती, न ही राष्ट्रपति या राज्यपाल के विरुद्ध।
- गलत विकल्प: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) अवैध हिरासत से व्यक्ति की रिहाई के लिए है। प्रतिषेध (Prohibition) निचली अदालतों को उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकने के लिए है। अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto) किसी व्यक्ति को उसके द्वारा धारण किए जा रहे पद की वैधता को चुनौती देने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 16: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा
- संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा (निर्वाचित और मनोनीत दोनों)
- लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा
- राज्यसभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (b) सही है। अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। इस निर्वाचक मंडल में संसद के **सभी** सदस्य (चाहे वे निर्वाचित हों या मनोनीत) शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति के विपरीत, उपराष्ट्रपति के चुनाव में केवल निर्वाचित सदस्यों को शामिल नहीं किया जाता, बल्कि मनोनीत सदस्यों को भी शामिल किया जाता है। यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत पद्धति से होता है।
- गलत विकल्प: (a) यह राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया है (हालांकि राष्ट्रपति के लिए केवल निर्वाचित सदस्य होते हैं)। (c) और (d) केवल एक सदन के सदस्यों को शामिल करते हैं।
प्रश्न 17: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ का क्या अर्थ है?
- संसदों को बोलने की आजादी
- संसदों को किसी भी मुकदमे से छूट
- संसद के सदस्यों को कुछ विशिष्ट अधिकार और छूट जो उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में सक्षम बनाते हैं
- सभी नागरिकों को समान अधिकार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (c) सही है। संसदीय विशेषाधिकार वे विशेष अधिकार, छूटें और प्रतिरक्षाएँ हैं जिनका आनंद संसद और उसके सदस्यों को अपने कर्तव्यों के कुशल निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिए मिलता है। अनुच्छेद 105 संसद और उसके सदस्यों के विशेषाधिकारों का प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें सदन के अंदर और बाहर भाषण की स्वतंत्रता, किसी भी नागरिक या आपराधिक कार्यवाही से विधायिका के सत्र के दौरान कुछ प्रतिरक्षाएँ (जैसे गिरफ्तारी से सुरक्षा), और सदन के बाहर अपने सदस्यों के आचरण की जांच करने की शक्ति शामिल है।
- गलत विकल्प: (a) यह संसदीय विशेषाधिकार का एक हिस्सा है, लेकिन पूर्ण अर्थ नहीं। (b) यह गलत है क्योंकि विशेषाधिकार पूर्ण छूट नहीं है और कुछ सीमित मामले हैं जहां गिरफ्तारी हो सकती है। (d) यह सामान्य नागरिक अधिकारों से संबंधित है, न कि विशेष रूप से संसदीय विशेषाधिकार से।
प्रश्न 18: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) का अध्यक्ष कौन होता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के उपराष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (c) सही है। राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) भारत सरकार का एक कार्यकारी निकाय है। इसके अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं। NDC का गठन 1952 में पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देने और राष्ट्रीय विकास के लिए नीतियों पर विचार-विमर्श करने हेतु किया गया था। इसका कोई विशेष अनुच्छेद नहीं है, यह एक कार्यकारी आदेश से गठित हुई थी।
- संदर्भ और विस्तार: NDC में केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक और विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के निकायों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: भारत के राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति का NDC की अध्यक्षता से कोई संबंध नहीं है। वित्त मंत्री एक महत्वपूर्ण सदस्य हो सकते हैं, लेकिन अध्यक्ष नहीं।
प्रश्न 19: भारतीय संविधान का कौन सा भाग राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IV-A
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (b) सही है। भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) का वर्णन करता है।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP देश के शासन के लिए मूलभूत हैं और ये सिद्धांत राज्य को कानून बनाते समय ध्यान में रखने चाहिए। ये तत्व आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं। यद्यपि ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, फिर भी ये देश के शासन में महत्वपूर्ण हैं।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से किस आधार पर किसी व्यक्ति की संसद की सदस्यता समाप्त की जा सकती है?
- यदि वह दल-बदल करता है
- यदि वह लगातार 60 दिन तक सदन की अनुमति के बिना अनुपस्थित रहता है
- यदि वह किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (d) सही है। संसद के किसी सदन के किसी सदस्य की सीट रिक्त हो जाती है यदि वह:
- (1) दसवीं अनुसूची के उपबंधों के अधीन अयोग्य घोषित कर दिया जाता है (दल-बदल)।
- (2) बिना अनुमति के 60 दिनों की अवधि के लिए सदन के सभी अधिवेशनों से अनुपस्थित रहता है (अनुच्छेद 101(4))।
- (3) संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन इस प्रकार अयोग्य ठहराया जाता है।
किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाना (अनुच्छेद 102(1)(e)) सदस्यता की समाप्ति का आधार बन सकता है, यदि वह किसी कानून के तहत अयोग्य घोषित हो।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 101 और 102 संसद की सदस्यता की निरर्हताओं और रिक्तियों से संबंधित हैं। दसवीं अनुसूची (दल-बदल कानून) भी सदस्यता समाप्ति का एक प्रमुख कारण है।
- गलत विकल्प: सभी सूचीबद्ध आधार किसी सदस्य की सदस्यता समाप्त करने के वैध कारण हो सकते हैं।
प्रश्न 21: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के राष्ट्रपति
- वित्त मंत्री
- लोक लेखा समिति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (b) सही है। भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक वित्त का संरक्षक होता है। वह केंद्र और राज्य सरकारों के सभी खातों का लेखा-परीक्षण करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति या राज्यपाल को सौंपता है, जो उन्हें संसद या राज्य विधानमंडल के समक्ष रखते हैं। CAG का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है, जो भी पहले हो।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या लोक लेखा समिति CAG की नियुक्ति नहीं करते। लोक लेखा समिति CAG की रिपोर्टों की जांच करती है।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन एक ‘संवैधानिक संशोधन विधेयक’ है?
- साधारण विधेयक
- धन विधेयक
- वित्त विधेयक
- उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (d) सही है। संविधान का संशोधन एक विशेष प्रक्रिया द्वारा किया जाता है, जिसके लिए एक ‘संवैधानिक संशोधन विधेयक’ (Constitutional Amendment Bill) प्रस्तुत किया जाता है, जो संसद के दोनों सदनों में एक विशेष बहुमत से पारित होता है। यह साधारण विधेयक, धन विधेयक या वित्त विधेयक से अलग होता है। अनुच्छेद 368 संवैधानिक संशोधन की प्रक्रिया का प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक संशोधन विधेयक को किसी भी सदन में राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति के बिना प्रस्तुत किया जा सकता है (धन विधेयक के विपरीत)। इसे पारित करने के लिए विशेष बहुमत (सदन की कुल सदस्यता का बहुमत और उपस्थित तथा मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई) की आवश्यकता होती है।
- गलत विकल्प: साधारण विधेयक, धन विधेयक और वित्त विधेयक संसद की सामान्य विधायी शक्तियों के तहत आते हैं और ये संविधान में संशोधन नहीं करते, बल्कि सामान्य कानूनों या वित्तीय मामलों से संबंधित होते हैं।
प्रश्न 23: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (CAG) की भूमिका क्या है?
- केवल केंद्र सरकार के खातों का लेखा-परीक्षण करना
- केवल राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षण करना
- केंद्र और राज्य सरकारों दोनों के खातों का लेखा-परीक्षण करना और सार्वजनिक धन के व्यय की वैधता और औचित्य की जांच करना
- सरकार की नीतियों का निर्माण करना
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (c) सही है। CAG की भूमिका भारत के संविधान के अनुच्छेद 149, 150 और 151 के तहत परिभाषित की गई है। वह केंद्र सरकार और राज्य सरकारों दोनों के वित्तीय खातों का लेखा-परीक्षण करता है। उसकी रिपोर्टें यह सुनिश्चित करती हैं कि सार्वजनिक धन का व्यय विधिवत, वैध और उचित रूप से हुआ है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG एक स्वतंत्र प्राधिकरण है जो भारत की संचित निधि, लोक लेखा निधि और आकस्मिकता निधि से संबंधित सभी व्यय की जांच करता है। वह यह भी जांच करता है कि व्यय संबंधित विधानों और नियमों के अनुसार हुआ है या नहीं।
- गलत विकल्प: (a) और (b) CAG की भूमिका को सीमित करते हैं। (d) सरकार की नीतियों का निर्माण करना CAG का कार्य नहीं है, बल्कि यह सरकार और संसद का कार्य है।
प्रश्न 24: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ का सिद्धांत निहित है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 39 (घ)
- अनुच्छेद 41
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (c) सही है। अनुच्छेद 39 (घ) राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है और इसमें कहा गया है कि राज्य यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से प्रयास करेगा कि पुरुषों और स्त्रियों दोनों के लिए समान कार्य का समान वेतन हो।
- संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देता है। यद्यपि यह न्यायालयों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से लागू करने योग्य नहीं है, इसे अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा, जिसमें आजीविका का अधिकार भी शामिल है) के तहत एक मौलिक अधिकार के रूप में भी व्याख्यायित किया गया है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता की बात करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है। अनुच्छेद 41 कुछ मामलों में काम, शिक्षा और सामाजिक सहायता के अधिकार की बात करता है।
प्रश्न 25: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 72वें संशोधन अधिनियम, 1991
- 73वें संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वें संशोधन अधिनियम, 1992
- 81वें संशोधन अधिनियम, 2000
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही और अनुच्छेद संदर्भ: (b) सही है। 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में भाग IX जोड़ा और पंचायती राज संस्थाओं को एक संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। इसके साथ ही, ग्यारहवीं अनुसूची भी जोड़ी गई, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं के 29 विषय शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं को अधिक शक्तियाँ और स्वायत्तता प्रदान करना है ताकि वे प्रभावी ढंग से स्थानीय स्वशासन का संचालन कर सकें।
- गलत विकल्प: 72वां संशोधन मूल रूप से असम से संबंधित था। 74वां संशोधन अधिनियम, 1992 शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा देता है। 81वां संशोधन अनुसूचित जातियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित था।