संविधान की कसौटी: अपनी राजव्यवस्था की समझ को परखें!
नमस्कार, संविधान के उत्साही जिज्ञासुओं! आज आपके लिए लेकर आए हैं भारतीय राजव्यवस्था और संविधान पर आधारित 25 पेचीदा प्रश्नों का एक विशेष संग्रह। यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि आपके ज्ञान की गहराई को मापने और आपकी वैचारिक स्पष्टता को निखारने का एक अनूठा अवसर है। आइए, प्रजातंत्र की इस मजबूत नींव के हर पहलू को आत्मसात करें और अपनी तैयारी को एक नया आयाम दें!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान: दैनिक अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से किस भाग को ‘संविधान की आत्मा’ के रूप में वर्णित किया गया है?
- प्रस्तावना
- मौलिक अधिकार
- राज्य के नीति निदेशक तत्व
- संविधान का संशोधन करने की शक्ति
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना को अक्सर ‘संविधान की आत्मा’ कहा जाता है, हालांकि संविधान स्वयं किसी विशिष्ट भाग को यह उपाधि नहीं देता। के. एम. मुंशी ने प्रस्तावना को ‘संविधान का जन-पत्र’ कहा था, जबकि जस्टिस हिदायतुल्ला ने प्रस्तावना को ‘संविधान की कुंजी’ कहा था। 1973 के केशवानंद भारती मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने माना कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान के उद्देश्यों, आदर्शों और दर्शन का सार प्रस्तुत करती है, जिसमें संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व शामिल हैं।
- गलत विकल्प: मौलिक अधिकार (भाग III) नागरिकों के कुछ बुनियादी अधिकारों की गारंटी देते हैं। राज्य के नीति निदेशक तत्व (भाग IV) सरकार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं। संविधान संशोधन की शक्ति (अनुच्छेद 368) एक प्रक्रिया है, न कि संविधान का सार।
प्रश्न 2: किस अनुच्छेद के तहत भारत के राष्ट्रपति को ‘क्षमादान की शक्ति’ प्राप्त है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 112
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 143
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति को किसी अपराध के लिए सिद्धदोष ठहराए गए व्यक्ति के दंड या दंडादेश के बारे में, क्षमादान, लघुकरण, परिहार, प्रविलंबन या विमोचन की शक्ति प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति संघ के विधियों के विरुद्ध किए गए अपराधों के संबंध में लागू होती है। राष्ट्रपति इस शक्ति का प्रयोग केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह पर करते हैं। इसमें मृत्युदंड को माफ करना, उसे कम करना या सजा को कुछ समय के लिए टालना शामिल है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है। अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति की सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘संप्रभुता’ के संबंध में सत्य है?
- संप्रभुता का अर्थ है कि राज्य किसी भी बाहरी नियंत्रण से मुक्त है।
- संप्रभुता का अर्थ है कि राज्य अपने आंतरिक मामलों में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।
- संप्रभुता का अर्थ है कि राज्य की कोई सीमा नहीं है।
- संप्रभुता का अर्थ है कि राज्य की अपनी सेना नहीं हो सकती।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संप्रभुता (Sovereignty) का अर्थ है राज्य की सर्वोच्च शक्ति। इसका मतलब है कि राज्य अपने आंतरिक मामलों में निर्णय लेने और बाह्य नीति बनाने के लिए पूर्णतः स्वतंत्र है, तथा किसी अन्य सत्ता के अधीन नहीं है। विकल्प (a) भी आंशिक रूप से सत्य है, लेकिन (b) संप्रभुता के आंतरिक और बाह्य दोनों आयामों को अधिक सटीक रूप से समाहित करता है, विशेषकर निर्णय लेने की स्वतंत्रता पर जोर देकर।
- संदर्भ और विस्तार: संप्रभुता राज्य का एक अनिवार्य तत्व है। यह राज्य को अपनी इच्छा को लागू करने की शक्ति प्रदान करती है। भारत एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य है, जैसा कि प्रस्तावना में कहा गया है।
- गलत विकल्प: संप्रभुता का अर्थ यह नहीं है कि राज्य की कोई सीमा नहीं है (राज्यों की निश्चित क्षेत्रीय सीमा होती है)। न ही इसका मतलब यह है कि राज्य की अपनी सेना नहीं हो सकती; वास्तव में, संप्रभुता के लिए अपनी रक्षा क्षमता बनाए रखना आवश्यक है।
प्रश्न 4: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘समानता के अधिकार’ के अंतर्गत ‘कानून के समक्ष समानता’ का उपबंध करता है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 14 में कहा गया है कि “राज्य किसी भी व्यक्ति को कानून के समक्ष समानता या भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा।”
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद कानून के समक्ष समानता (Rule of Law) और विधियों के समान संरक्षण (Equal Protection of Laws) दोनों की गारंटी देता है। ‘कानून के समक्ष समानता’ एक ब्रिटिश मूल का सिद्धांत है, जिसका अर्थ है कि सभी व्यक्ति कानून के अधीन समान हैं। ‘विधियों का समान संरक्षण’ अमेरिकी मूल का सिद्धांत है, जिसका अर्थ है कि समान परिस्थितियों में सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता की बात करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के अंत से संबंधित है।
प्रश्न 5: भारतीय संसद में ‘शून्यकाल’ (Zero Hour) का क्या अर्थ है?
- जब सदन में कोई सदस्य प्रश्न पूछ सकता है।
- जब सरकारी कामकाज के एजेंडे में सूचीबद्ध सभी मामले स्थगित कर दिए जाते हैं।
- जब प्रश्नकाल और एजेंडा के बीच का समय होता है, जहाँ सदस्य महत्वपूर्ण मामले उठा सकते हैं।
- जब सत्र समाप्त हो जाता है।
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: शून्यकाल भारतीय संसदीय प्रणाली का एक अनूठा आविष्कार है, जो भारत के लिए विशिष्ट है। यह प्रश्नकाल (दोपहर 12 बजे तक) और दिन के सरकारी एजेंडे के आरंभ (लगभग 1 बजे) के बीच का समय (12 बजे से 1 बजे तक) होता है। इस दौरान, सदस्य बिना पूर्व सूचना के महत्वपूर्ण सार्वजनिक महत्व के मामले उठा सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह सबसे पहले 1962 में संसदीय प्रक्रिया में पेश किया गया था। यह सार्वजनिक महत्व के तत्काल मामलों को उठाने का एक प्रभावी तरीका है, जिन पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) प्रश्नकाल का वर्णन करता है, जहाँ सदस्य पूर्व-लिखित प्रश्न पूछते हैं। विकल्प (b) गलत है क्योंकि एजेंडा स्थगित नहीं किया जाता, बल्कि शून्यकाल प्रश्नकाल और एजेंडा के बीच का अंतराल है। विकल्प (d) गलत है क्योंकि यह सत्र समाप्ति का संकेत नहीं है।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से किस रीट का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: परमादेश (Mandamus) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’। यह रीट किसी वरिष्ठ न्यायालय द्वारा किसी निम्न न्यायालय, न्यायाधिकरण या सार्वजनिक प्राधिकारी को कोई सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य करने के लिए जारी की जाती है। यह शक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उपयोग तब किया जाता है जब कोई सार्वजनिक अधिकारी अपने कानूनी कर्तव्य को करने से इनकार करता है या उसे करने में विफल रहता है। यह रीट किसी निजी व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध जारी नहीं की जा सकती, जब तक कि वह सार्वजनिक प्राधिकारी के रूप में कार्य न कर रहा हो।
- गलत विकल्प: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’ (to have the body) और यह अवैध रूप से हिरासत में लिए गए व्यक्ति को अदालत में पेश करने का आदेश है। ‘प्रतिषेध’ का अर्थ है ‘रोकना’ (to prohibit) और यह एक उच्च न्यायालय द्वारा निम्न न्यायालय को किसी मामले में कार्यवाही जारी रखने से रोकने के लिए जारी की जाती है। ‘उत्प्रेषण’ का अर्थ है ‘प्रमाणित करना’ (to be certified) और यह एक उच्च न्यायालय द्वारा निम्न न्यायालय के किसी मामले को अपने पास मंगाने या उसके आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 7: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है?
- सातवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
- ग्यारहवीं अनुसूची
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ग्यारहवीं अनुसूची (Eleventh Schedule) को 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था। इसमें पंचायती राज संस्थाओं को 29 कार्यात्मक मदें प्रदान की गई हैं, जो उन्हें अपने स्तर पर योजना बनाने और अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम बनाती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुसूची भारतीय संविधान के भाग IX के साथ मिलकर पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान करती है, जिससे यह ग्रामीण स्थानीय स्वशासन की एक मजबूत प्रणाली बन जाती है।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है। नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन से संबंधित है, जिन्हें न्यायिक समीक्षा से छूट दी गई है। दसवीं अनुसूची दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन ‘आकस्मिकता निधि’ (Contingency Fund) का संरक्षक होता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधान मंत्री
- भारत के वित्त मंत्री
- भारत के राष्ट्रपति, भारत सरकार की ओर से
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत की आकस्मिकता निधि, जिसका प्रावधान अनुच्छेद 267(1) में है, राष्ट्रपति के अधिकार में होती है। इसका अर्थ है कि राष्ट्रपति, संसद की पूर्व अनुमति के बिना, इस निधि से अग्रिम धन निकाल सकते हैं, ताकि अप्रत्याशित व्यय को पूरा किया जा सके।
- संदर्भ और विस्तार: यह निधि भारत सरकार के लिए एक निश्चित राशि के साथ स्थापित की जाती है। वर्तमान में, यह राशि ₹500 करोड़ है। जब इस निधि से कोई राशि निकाली जाती है, तो बाद में संसद की मंजूरी से इसे पुनः भरा जाता है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति अकेले (बिना भारत सरकार की ओर से) कार्य नहीं करते; यह शक्ति भारत सरकार की ओर से राष्ट्रपति के नाम पर प्रयोग की जाती है। प्रधान मंत्री या वित्त मंत्री व्यक्तिगत रूप से संरक्षक नहीं होते।
प्रश्न 9: किस संविधान संशोधन अधिनियम ने ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ के रूप में भारत का वर्णन करने वाले शब्दों को प्रस्तावना में जोड़ा?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 97वां संशोधन अधिनियम, 2011
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय प्रस्तावना में तीन नए शब्द – ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ – जोड़े गए थे। इसके परिणामस्वरूप, भारत को ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ के रूप में वर्णित किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान किया गया था और इसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है। इन शब्दों को जोड़कर प्रस्तावना की मूल भावना और देश के राजनीतिक दर्शन को और अधिक स्पष्ट किया गया।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया। 73वां संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा दिया। 97वां संशोधन अधिनियम, 2011 ने सहकारी समितियों को संवैधानिक दर्जा दिया।
प्रश्न 10: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के पद का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 148
- अनुच्छेद 165
- अनुच्छेद 267
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के पद की व्यवस्था करता है। महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति उस व्यक्ति को नियुक्त करते हैं जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त होने के योग्य हो। महान्यायवादी को भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार प्राप्त है और वह संसद की किसी भी बैठक में बोल सकता है, लेकिन मतदान का अधिकार नहीं रखता।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) से संबंधित है। अनुच्छेद 165 राज्यों के महाधिवक्ता (Advocate General) से संबंधित है। अनुच्छेद 267 आकस्मिकता निधि से संबंधित है।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान के निम्नलिखित अनुच्छेदों में से कौन सा प्रत्यक्ष रूप से राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है?
- अनुच्छेद 12-35
- अनुच्छेद 36-51
- अनुच्छेद 52-78
- अनुच्छेद 79-105
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, जिसमें अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल हैं, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है। ये तत्व सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत प्रदान करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP प्रकृति में गैर-न्यायिक (non-justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि उनके उल्लंघन पर किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। हालांकि, सरकारें अपने शासन में इन सिद्धांतों को लागू करने के लिए बाध्य हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 12-35 मौलिक अधिकारों से संबंधित हैं। अनुच्छेद 52-78 संघ की कार्यपालिका से संबंधित हैं। अनुच्छेद 79-105 संसद के गठन और कार्यों से संबंधित हैं।
प्रश्न 12: ‘राज्य’ को परिभाषित करने वाले संविधान के अनुच्छेद का चयन करें, जिसमें मौलिक अधिकारों के संदर्भ में राज्य की कार्यकारी और विधायी अंग शामिल हैं।
- अनुच्छेद 12
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 मौलिक अधिकारों के उद्देश्य के लिए ‘राज्य’ शब्द को परिभाषित करता है। इसमें भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह परिभाषा महत्वपूर्ण है क्योंकि मौलिक अधिकार राज्य के विरुद्ध गारंटीकृत हैं। इसलिए, यह जानना आवश्यक है कि ‘राज्य’ में कौन-कौन शामिल हैं। इसमें गैर-संवैधानिक निकाय भी शामिल हो सकते हैं यदि वे सार्वजनिक कार्यों के लिए राज्य के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हों।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 ‘विधियों’ को परिभाषित करता है जो मौलिक अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करती हैं, उन्हें शून्य घोषित करता है। अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष समानता से संबंधित है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद के प्रतिषेध से संबंधित है।
प्रश्न 13: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) शब्द का क्या अर्थ है?
- सभी नागरिकों के बीच राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देना।
- सभी नागरिकों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करना।
- सभी नागरिकों के लिए विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता।
- सभी नागरिकों के लिए प्रतिष्ठा और अवसर की समानता।
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का अर्थ भाईचारे से है, और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि भारत के लोग एकता और अखंडता में रहें। यह व्यक्तिगत गरिमा और राष्ट्र की एकता व अखंडता दोनों को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।
- संदर्भ और विस्तार: बंधुत्व का आदर्श भारत जैसे विविध देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहाँ विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोग एक साथ रहते हैं। यह आपसी सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (b) न्याय (Justice) से संबंधित है। विकल्प (c) स्वतंत्रता (Liberty) से संबंधित है। विकल्प (d) समानता (Equality) से संबंधित है।
प्रश्न 14: कौन सी समिति ‘पंचायती राज’ व्यवस्था के त्रि-स्तरीय ढाँचे की सिफारिश के लिए प्रसिद्ध है?
- बलवंत राय मेहता समिति
- अशोक मेहता समिति
- एल. एम. सिंघवी समिति
- जीवी. के. राव समिति
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: बलवंत राय मेहता समिति (1957) ने पंचायती राज के लिए ‘ग्राम पंचायत’, ‘पंचायत समिति’ और ‘जिला परिषद’ के त्रि-स्तरीय ढाँचे की सिफारिश की थी, जिसे बाद में संवैधानिक मान्यता मिली।
- संदर्भ और विस्तार: इस समिति की सिफारिशों को भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम (Community Development Programme) को पुनर्जीवित करने और विकेंद्रीकृत स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण माना गया। राजस्थान पहला राज्य था जिसने 2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज को लागू किया।
- गलत विकल्प: अशोक मेहता समिति (1977) ने द्वि-स्तरीय पंचायती राज (मंडल पंचायत और जिला परिषद) की सिफारिश की थी। एल. एम. सिंघवी समिति (1986) ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देने की वकालत की। जीवी. के. राव समिति (1985) ने पंचायती राज को ‘गरीबी उन्मूलन’ कार्यक्रमों से जोड़ने की सिफारिश की।
प्रश्न 15: भारत के संविधान के अनुसार, मौलिक कर्तव्य किस अनुच्छेद के अंतर्गत आते हैं?
- अनुच्छेद 51A
- अनुच्छेद 51
- अनुच्छेद 42
- अनुच्छेद 43A
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties) संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51A के तहत सूचीबद्ध हैं। ये 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर जोड़े गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: ये कर्तव्य नागरिकों के लिए अपने देश के प्रति कुछ दायित्वों को परिभाषित करते हैं, जैसे राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना, देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखना, आदि। यह नागरिकों के अधिकारों के साथ-साथ उनके कर्तव्यों पर भी जोर देता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 51 अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने से संबंधित है। अनुच्छेद 42 काम की न्यायसंगत और मानवीय परिस्थितियों तथा मातृत्व सहायता के उपबंध से संबंधित है। अनुच्छेद 43A कर्मकारों की किसी उपक्रम की बाबत उसमें भागीदारी से संबंधित है।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक’ (Constitutional) है?
- नीति आयोग
- राष्ट्रीय महिला आयोग
- निर्वाचन आयोग
- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) एक संवैधानिक निकाय है, जिसका उल्लेख संविधान के भाग XV के अनुच्छेद 324 में किया गया है। यह भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है।
- संदर्भ और विस्तार: एक संवैधानिक निकाय वह होता है जिसका प्रावधान सीधे संविधान में किया गया हो। इसके विपरीत, सांविधिक निकाय संसद के एक अधिनियम द्वारा बनाए जाते हैं, और गैर-संवैधानिक/कार्यकारी निकाय एक सरकारी प्रस्ताव या आदेश से स्थापित होते हैं।
- गलत विकल्प: नीति आयोग एक कार्यकारी आदेश द्वारा गठित एक गैर-संवैधानिक निकाय है (योजना आयोग का स्थान लिया)। राष्ट्रीय महिला आयोग एक सांविधिक निकाय है, जिसे राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत स्थापित किया गया था। सीबीआई एक कार्यकारी आदेश से गठित एक जांच एजेंसी है।
प्रश्न 17: भारत के राष्ट्रपति के महाभियोग (Impeachment) की प्रक्रिया का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 61
- अनुच्छेद 56
- अनुच्छेद 74
- अनुच्छेद 75
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 61 भारत के राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया का वर्णन करता है। राष्ट्रपति पर संविधान के उल्लंघन के आरोप में महाभियोग चलाया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: महाभियोग का आरोप किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) के एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित लिखित सूचना के बाद लाया जा सकता है। इस आरोप पर उस सदन के दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित होने के बाद, दूसरा सदन आरोपों की जांच करता है। यदि दूसरा सदन भी आरोप की पुष्टि करता है, तो राष्ट्रपति को पद से हटा दिया जाता है। यह प्रक्रिया अर्द्ध-न्यायिक प्रकृति की होती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के कार्यकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद से संबंधित है। अनुच्छेद 75 मंत्रियों की नियुक्ति, शपथ आदि से संबंधित है।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार ‘व्यक्तिगत स्वतंत्रता’ की गारंटी देता है?
- अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण)
- अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण)
- अनुच्छेद 22 (कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण)
- अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि)
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21 ‘प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण’ प्रदान करता है। यह सबसे व्यापक मौलिक अधिकारों में से एक है और इसमें जीवन जीने का अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता शामिल है। सर्वोच्च न्यायालय ने ‘जीवन’ शब्द की व्याख्या में गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, आश्रय का अधिकार, स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, आदि को शामिल किया है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 21 यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही उसके प्राण या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित किया जाए। यह किसी भी मनमानी गिरफ्तारी या नजरबंदी के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण देता है। अनुच्छेद 22 कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण देता है। अनुच्छेद 19 भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित कई स्वतंत्रताएं देता है, लेकिन अनुच्छेद 21 व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मूल अधिकार का व्यापक रूप से संरक्षण करता है।
प्रश्न 19: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?
- राज्य का प्रमुख वंशानुगत होता है।
- राज्य का प्रमुख अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है।
- राज्य का प्रमुख प्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है।
- राज्य का प्रमुख नाममात्र का प्रमुख होता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख, जो राष्ट्रपति होता है, अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है, न कि वंशानुगत। यह भारत के विपरीत है जहाँ राजा वंशानुगत होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जहाँ राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से एक निर्वाचक मंडल द्वारा चुने जाते हैं। इसका मतलब है कि सर्वोच्च राजनीतिक सत्ता लोगों के हाथों में निहित है, न कि किसी एक व्यक्ति या वंश के पास।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) राजशाही (Monarchy) का वर्णन करता है। विकल्प (c) प्रत्यक्ष लोकतंत्र (Direct Democracy) का वर्णन कर सकता है, लेकिन भारत में राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष होता है। विकल्प (d) एक संवैधानिक राजशाही की विशेषता हो सकती है, जहाँ राजा केवल नाममात्र का प्रमुख होता है।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार ‘धर्म की स्वतंत्रता’ के अंतर्गत नहीं आता है?
- किसी भी धर्म को मानने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता
- धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता
- अस्पृश्यता का उन्मूलन
- अल्पसंख्यकों को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति को बनाए रखने का अधिकार
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अस्पृश्यता का उन्मूलन अनुच्छेद 17 के तहत एक मौलिक अधिकार है, जो ‘समानता के अधिकार’ (अनुच्छेद 14-18) के अंतर्गत आता है। यह धर्म की स्वतंत्रता से संबंधित नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 25 से 28 तक प्रदान किया गया है। अनुच्छेद 25 सभी व्यक्तियों को किसी भी धर्म को मानने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है। अनुच्छेद 26 धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता देता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) अनुच्छेद 25 से संबंधित है। विकल्प (b) अनुच्छेद 26 से संबंधित है। विकल्प (d) अल्पसंख्यकों के अधिकारों से संबंधित है (अनुच्छेद 29), जो धर्म की स्वतंत्रता से भिन्न है।
प्रश्न 21: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) निम्नलिखित में से किसे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है?
- प्रधानमंत्री
- भारत के राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अपनी रिपोर्ट भारत के राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है (अनुच्छेद 148, 151)। राष्ट्रपति इन रिपोर्टों को संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: CAG केंद्र सरकार के खातों से संबंधित अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को, और राज्य सरकार के खातों से संबंधित अपनी रिपोर्ट संबंधित राज्यों के राज्यपालों को प्रस्तुत करता है। CAG का मुख्य कार्य सरकार के व्यय पर वित्तीय नियंत्रण रखना है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं, न कि CAG की रिपोर्ट प्राप्तकर्ता। लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति विधायी प्रक्रिया में भूमिका निभाते हैं, लेकिन CAG की रिपोर्ट सीधे राष्ट्रपति को प्रस्तुत की जाती है।
प्रश्न 22: भारत में ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ (National Emergency) की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जा सकती है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत, यदि भारत की सुरक्षा, युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से गंभीर रूप से खतरा है, तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए। यदि यह एक बार अनुमोदित हो जाती है, तो यह छह महीने तक प्रभावी रहती है। राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) को निलंबित किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 कुछ राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने का आधार हो सकता है यदि वे संघ के निर्देशों का पालन नहीं करते हैं।
प्रश्न 23: भारतीय संविधान की कौन सी विशेषता ‘एकल नागरिकता’ (Single Citizenship) को बढ़ावा देती है?
- संघीय प्रणाली
- संसदीय प्रणाली
- मौलिक अधिकार
- भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में एकल नागरिकता की व्यवस्था है, जिसका अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति केवल भारतीय नागरिक होता है, न कि किसी विशेष राज्य का। यह भारत की संघीय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो देश की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करता है। भारतीय नागरिकता का प्रावधान भाग II (अनुच्छेद 5-11) में है, और नागरिकता अधिनियम, 1955 नागरिकता प्राप्त करने और समाप्त करने के तरीके निर्धारित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: अमेरिका जैसी संघीय व्यवस्थाओं के विपरीत, जहाँ दोहरी नागरिकता (संघीय और राज्य) होती है, भारत में एकल नागरिकता व्यवस्था है। यह राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करती है।
- गलत विकल्प: संसदीय प्रणाली सरकार के स्वरूप से संबंधित है। मौलिक अधिकार नागरिकों के अधिकार हैं। नागरिकता अधिनियम, 1955 नागरिकता के नियम बताता है, लेकिन एकल नागरिकता की अवधारणा भारत की संघीय संरचना का परिणाम है, जो संविधान में निहित है।
प्रश्न 24: ‘विधायिका’ (Legislature) का मुख्य कार्य क्या है?
- कानूनों को लागू करना।
- देश के लिए कानून बनाना।
- कानूनों की व्याख्या करना।
- न्यायिक निर्णयों की समीक्षा करना।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सरकार की विधायी शाखा (Legislature) का प्राथमिक कार्य देश के लिए कानून बनाना है। भारत में, यह संसद (लोकसभा और राज्यसभा) द्वारा किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: विधायिका जनता के प्रतिनिधियों से बनी होती है और विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आवश्यकताओं को पूरा करने वाले कानून बनाती है। यह कानूनों में संशोधन भी कर सकती है या उन्हें निरस्त भी कर सकती है।
- गलत विकल्प: कानूनों को लागू करना कार्यपालिका (Executive) का कार्य है। कानूनों की व्याख्या करना न्यायपालिका (Judiciary) का कार्य है। न्यायिक निर्णयों की समीक्षा करना भी न्यायपालिका का कार्य है, जिसे न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) कहते हैं।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सा आयोग ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है?
- वित्त आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
- अनु,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,*(एक नया शब्द, लेकिन यह भी “संवैधानिक” की श्रेणी में नहीं आता है)*।
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission – NHRC) एक सांविधिक निकाय है, जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था। यह एक संवैधानिक निकाय नहीं है क्योंकि इसका उल्लेख सीधे संविधान में नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका प्रावधान सीधे संविधान में किया गया हो (जैसे वित्त आयोग, संघ लोक सेवा आयोग, निर्वाचन आयोग)। सांविधिक निकाय संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित होते हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नागरिकों के मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य करता है।
- गलत विकल्प: वित्त आयोग (अनुच्छेद 280), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324) सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि इनका उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में किया गया है।