संविधान की कसौटी: अपनी तैयारी को परखें
नमस्कार, भावी प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र की नींव और हमारे संविधान की गहराई को समझना आपकी यात्रा का एक अभिन्न अंग है। आज, आइए आपकी वैचारिक स्पष्टता और ज्ञान की धार को तेज करने के लिए राजव्यवस्था और संविधान के 25 चुनिंदा प्रश्नों के साथ अपने अभ्यास को एक नए स्तर पर ले चलें। तैयार हो जाइए, यह आपकी तैयारी को परखने का दिन है!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे। यह अब तक का सबसे व्यापक संशोधन था, जिसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़कर, प्रस्तावना ने भारत के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक चरित्र को और अधिक परिभाषित किया, जिसका उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना था।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन (1985) दलबदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है। 73वां संशोधन (1992) ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया।
प्रश्न 2: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी किए जाने वाले रिटों में से कौन सा रिट किसी व्यक्ति को उस पद को धारण करने की वैधता को चुनौती देता है जिस पर वह बैठा है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘अधिकार पृच्छा’ (Quo Warranto), जिसका अर्थ है ‘किस अधिकार से’, एक ऐसा रिट है जो किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से धारण करने को चुनौती देने के लिए जारी किया जाता है। यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों द्वारा अनुच्छेद 226 के तहत जारी किया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह रिट यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक पद केवल योग्य व्यक्तियों द्वारा ही धारण किए जाएं।
- गलत विकल्प: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ अवैध गिरफ्तारी से रिहाई के लिए है। ‘परमादेश’ किसी अधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्य का पालन करने का आदेश देता है। ‘उत्प्रेषण’ किसी निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए है।
प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?
- यह अनुच्छेद 72 के तहत प्रदान की गई है।
- यह पूर्णतः विवेकाधीन शक्ति है।
- इसके तहत राष्ट्रपति मृत्युदंड को लघुकरण (commute) कर सकते हैं।
- यह न्यायिक निर्णय की समीक्षा नहीं है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति अनुच्छेद 72 में निहित है। इसमें क्षमा (pardon), लघुकरण (commutation), विराम (reprieve), प्रविलंबन (respite) और परिहार (remission) शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति की यह शक्ति पूर्णतः विवेकाधीन नहीं है। यह सलाह पर की जाती है, आमतौर पर केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा, और इसमें एक न्यायिक प्रक्रिया शामिल होती है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार इस शक्ति के प्रयोग की समीक्षा की है (जैसे, शंकर बाग बनाम महाराष्ट्र राज्य)। इसलिए, यह कहना कि यह ‘पूर्णतः विवेकाधीन’ है, गलत है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति अनुच्छेद 72 के तहत मृत्युदंड को भी क्षमा, लघुकरण, विराम, प्रविलंबन या परिहार कर सकते हैं। राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति, यद्यपि विवेकाधीन है, न्यायिक निर्णय की समीक्षा नहीं है, बल्कि यह एक क्षीणकारी शक्ति (curial power) है।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता भारतीय संविधान द्वारा ब्रिटेन के संविधान से नहीं अपनाई गई है?
- संसदीय शासन प्रणाली
- विधि का शासन (Rule of Law)
- मौलिक अधिकार
- मंत्रिमंडलीय उत्तरदायित्व
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) भारतीय संविधान की एक प्रमुख विशेषता है, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्रेरित होकर भाग III में शामिल किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: संसदीय शासन प्रणाली, विधि का शासन, और मंत्रिमंडलीय उत्तरदायित्व (Cabinet responsibility) जैसी विशेषताएं ब्रिटेन के संविधान से ली गई हैं।
- गलत विकल्प: संसदीय शासन प्रणाली, विधि का शासन (अनुच्छेद 14 में निहित), और मंत्रिमंडलीय उत्तरदायित्व (जो संसदीय प्रणाली का एक हिस्सा है) सभी ब्रिटेन के संविधान से प्रेरित हैं।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान की ‘शक्तियों का पृथक्करण’ (Separation of Powers) का सिद्धांत किस हद तक स्वीकार किया गया है?
- पूरी तरह से, जैसा कि अमेरिकी संविधान में है
- कुछ हद तक, विभिन्न अंगों की स्वतंत्रताओं को बनाए रखते हुए
- बिल्कुल नहीं, तीनों अंग एक-दूसरे में निहित हैं
- केवल न्यायपालिका के लिए, कार्यपालिका और विधायिका से अलग
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान ‘शक्तियों के पूर्ण पृथक्करण’ का पालन नहीं करता है, जैसा कि अमेरिकी संविधान में है। भारतीय प्रणाली नियंत्रण और संतुलन (checks and balances) के साथ अर्ध-पृथक्करण (semi-separation) का अनुसरण करती है। उदाहरण के लिए, अनुच्छेद 50 नीति निदेशक तत्वों में न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग करने की बात करता है, लेकिन यह पूर्णतः लागू नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय व्यवस्था में, विधायिका (Parliament/State Legislatures), कार्यपालिका (Executive), और न्यायपालिका (Judiciary) तीनों के बीच कुछ अतिव्यापन (overlap) और अंतर्संबंध (interrelation) हैं। उदाहरण के लिए, राष्ट्रपति (कार्यपालिका) संसद (विधायिका) का अभिन्न अंग हैं। संसद कानूनों का निर्माण करती है, जबकि न्यायपालिका उनकी व्याख्या करती है और न्यायिक समीक्षा (judicial review) करती है।
- गलत विकल्प: अमेरिकी संविधान में शक्तियों का पृथक्करण अधिक कठोर है। भारत में, तीनों अंग पूरी तरह से अलग नहीं हैं, बल्कि एक-दूसरे पर नियंत्रण रखते हैं।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा कथन लोकपाल (Lokpal) के संबंध में सही है?
- यह एक संवैधानिक निकाय है।
- इसका गठन भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत किया गया है।
- इसका मुख्य कार्य लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना है।
- इसके अध्यक्ष की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा की जाती है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लोकपाल एक वैधानिक निकाय (statutory body) है, जिसे लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत स्थापित किया गया है, न कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत। यह संवैधानिक निकाय नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: लोकपाल का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार के लोक सेवकों (प्रधानमंत्री, मंत्रियों और सांसदों सहित, कुछ अपवादों के साथ) के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करना है।
- गलत विकल्प: लोकपाल एक वैधानिक निकाय है, संवैधानिक नहीं। यह लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत बना है। लोकपाल के अध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश शामिल होते हैं।
प्रश्न 7: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राजभाषा (Official Language) से संबंधित है?
- अनुच्छेद 343
- अनुच्छेद 348
- अनुच्छेद 350A
- अनुच्छेद 351
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 343(1) घोषित करता है कि संघ की राजभाषा हिंदी होगी और देवनागरी लिपि में होगी।
- संदर्भ और विस्तार: भाग XVII (भाग 17) राजभाषा से संबंधित है। अनुच्छेद 343 संघ की राजभाषा से संबंधित है। अनुच्छेद 348 उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय की भाषा और अधिनियमों, विधियों आदि के बारे में है। अनुच्छेद 350A अल्पसंख्यकों की भाषा में प्राथमिक शिक्षा की सुविधाओं से संबंधित है। अनुच्छेद 351 हिंदी भाषा के विकास के लिए निर्देशों से संबंधित है।
- गलत विकल्प: अन्य अनुच्छेद राजभाषा से संबंधित हैं, लेकिन अनुच्छेद 343 संघ की राजभाषा के बारे में प्राथमिक प्रावधान करता है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘केशवानंद भारती मामले’ (Kesavananda Bharati case) में ‘संविधान के मूल ढांचे’ (Basic Structure) के सिद्धांत को प्रतिपादित किया?
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ
- एस.आर. बोम्मई बनाम भारत संघ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 1973 में केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक ऐतिहासिक 13-न्यायाधीशों की पीठ ने यह निर्णय दिया कि संसद संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है, लेकिन ‘संविधान के मूल ढांचे’ को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत ने संसद की संशोधन शक्ति पर अंकुश लगाया और संविधान की सर्वोच्चता तथा उसके मूल सिद्धांतों की रक्षा की। इस मामले ने ‘संसदीय संप्रभुता’ (parliamentary sovereignty) पर ‘न्यायिक सर्वोच्चता’ (judicial supremacy) को प्राथमिकता दी।
- गलत विकल्प: गोलकनाथ मामले (1967) ने कहा था कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती। मेनका गांधी मामले (1978) ने अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का विस्तार किया। एस.आर. बोम्मई मामला (1994) राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) के दुरुपयोग से संबंधित था।
प्रश्न 9: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज से संबंधित है?
- भाग IX
- भाग IX-A
- भाग X
- भाग XI
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX (नौ) पंचायती राज से संबंधित है। यह 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: भाग IX पंचायती राज संस्थाओं (Gram Panchayats) की संरचना, शक्तियाँ, और कार्यप्रणाली को परिभाषित करता है। इसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक शामिल हैं।
- गलत विकल्प: भाग IX-A नगर पालिकाओं से संबंधित है। भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है। भाग XI केंद्र और राज्यों के बीच विधायी और प्रशासनिक संबंधों से संबंधित है।
प्रश्न 10: किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) किस अनुच्छेद के तहत लगाया जा सकता है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 256
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: किसी राज्य में संवैधानिक मशीनरी की विफलता के आधार पर राष्ट्रपति शासन अनुच्छेद 356 के तहत लगाया जाता है। इसे ‘राज्य आपातकाल’ (State Emergency) भी कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 356 के तहत, यदि किसी राज्य का राज्यपाल संतुष्ट है कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें सरकार संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाई जा सकती, तो वह राष्ट्रपति को ऐसी घोषणा करने की सलाह दे सकता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 256 राज्यों को निर्देश देने के संबंध में केंद्र के अधिकार से संबंधित है।
प्रश्न 11: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का उल्लेख निम्नलिखित में से किस रूप में किया गया है?
- सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक
- सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक
- राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक
- सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने का संकल्प व्यक्त करती है, और अपने सभी नागरिकों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करती है।
- संदर्भ और विस्तार: ये तीनों प्रकार के न्याय, जो फ्रांसीसी क्रांति से प्रेरित हैं, नागरिकों के जीवन के विभिन्न पहलुओं में समानता और निष्पक्षता स्थापित करने के लिए हैं।
- गलत विकल्प: प्रस्तावना में ‘धार्मिक’ या ‘राष्ट्रीय’ न्याय का प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं है, बल्कि ‘सामाजिक’, ‘आर्थिक’ और ‘राजनीतिक’ न्याय का उल्लेख है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा एक मौलिक कर्तव्य नहीं है?
- संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना।
- भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना और उसे बनाए रखना।
- समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित करना।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करना।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ एक राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (Directive Principle of State Policy) है, जिसका उल्लेख अनुच्छेद 39(d) में किया गया है। यह मौलिक कर्तव्य नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्य भाग IV-A (अनुच्छेद 51A) में सूचीबद्ध हैं, जो 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। अन्य सभी विकल्प नागरिकों के मौलिक कर्तव्य हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) सभी नागरिकों के मौलिक कर्तव्य हैं जैसा कि अनुच्छेद 51A में बताया गया है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति को पद से हटा सकता है?
- केवल संसद
- केवल सर्वोच्च न्यायालय
- केवल प्रधानमंत्री
- संसद और सर्वोच्च न्यायालय मिलकर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति को केवल संसद द्वारा महाभियोग (impeachment) की प्रक्रिया द्वारा ही पद से हटाया जा सकता है। यह प्रक्रिया अनुच्छेद 61 में वर्णित है।
- संदर्भ और विस्तार: महाभियोग का आरोप संसद के किसी भी सदन द्वारा लगाया जा सकता है, लेकिन उस सदन के सदस्यों की कुल संख्या के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिए और उस सदन के कुल सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित होना चाहिए।
- गलत विकल्प: सर्वोच्च न्यायालय या प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को सीधे तौर पर पद से नहीं हटा सकते।
प्रश्न 14: भारत में ‘नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक’ (Comptroller and Auditor General of India – CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- भारत के राष्ट्रपति
- लोकसभा के अध्यक्ष
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सभी सार्वजनिक व्ययों का लेखा-परीक्षण करता है और भारत की संचित निधि, लोक वित्त लेखाओं और सभी सरकारी कंपनियों के खातों का लेखा-परीक्षण करने का अधिकार रखता है। वह अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, जिसे संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखा जाता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश या लोकसभा अध्यक्ष CAG की नियुक्ति नहीं करते हैं।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत में ‘संसद की संप्रभुता’ (Sovereignty of Parliament) के संबंध में सबसे सटीक है?
- संसद कोई भी कानून बना सकती है, चाहे वह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता हो।
- संसद कोई भी कानून बना सकती है, लेकिन यह संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदल सकती।
- संसद के कानून न्यायिक समीक्षा के अधीन नहीं हैं।
- संसद के बनाए कानूनों को राष्ट्रपति की सहमति आवश्यक नहीं है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती मामले (1973) के बाद, यह स्थापित हो गया है कि भारतीय संसद की संप्रभुता पूर्ण नहीं है। संसद संविधान में संशोधन कर सकती है, लेकिन ‘संविधान के मूल ढांचे’ को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत न्यायिक समीक्षा (judicial review) के माध्यम से लागू किया जाता है, जिसके तहत न्यायालय संसद द्वारा पारित किसी भी कानून की वैधता को चुनौती दे सकते हैं, यदि वह संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है।
- गलत विकल्प: संसद मौलिक अधिकारों सहित कानूनों में संशोधन कर सकती है, जब तक कि वे मूल ढांचे का उल्लंघन न करें। संसद के कानून निश्चित रूप से न्यायिक समीक्षा के अधीन हैं। राष्ट्रपति की सहमति विधायी प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा है।
प्रश्न 16: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission – NHRC) के अध्यक्ष का कार्यकाल कितना होता है?
- 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो
- 3 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो
- 4 वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो
- 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया है। इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक होता है, जो भी पहले हो।
- संदर्भ और विस्तार: NHRC भारत में मानवाधिकारों का प्रहरी है और इसका उद्देश्य मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन करना है।
- गलत विकल्प: आयोग के सदस्यों का कार्यकाल भी 5 वर्ष या 70 वर्ष होता है। अन्य विकल्प गलत कार्यकाल अवधि बताते हैं।
प्रश्न 17: भारतीय संविधान में ‘आपातकालीन उपबंध’ (Emergency Provisions) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- अमेरिका
- ब्रिटेन
- कनाडा
- जर्मनी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में आपातकालीन उपबंध (राष्ट्रीय आपातकाल, राज्य आपातकाल और वित्तीय आपातकाल) जर्मनी के ‘वाइमर गणराज्य’ के संविधान (Weimar Republic Constitution) से प्रेरित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इन उपबंधों को संविधान के भाग XVIII में अनुच्छेद 352, 356 और 360 में शामिल किया गया है, जो देश को असाधारण परिस्थितियों से निपटने में सक्षम बनाते हैं।
- गलत विकल्प: अमेरिका आपातकाल के संबंध में एकात्मक विशेषताएं रखता है। ब्रिटेन में ऐसी कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। कनाडा का संघवाद मजबूत है।
प्रश्न 18: संसद के संयुक्त अधिवेशन (Joint Sitting of Parliament) की अध्यक्षता कौन करता है?
- भारत का राष्ट्रपति
- भारत का उपराष्ट्रपति
- लोकसभा का अध्यक्ष
- राज्यसभा का उपसभापति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker) करता है। ऐसा अधिवेशन केवल सामान्य विधेयकों (ordinary bills) के गतिरोध की स्थिति में बुलाया जाता है, जिसकी सूचना अनुच्छेद 108 में दी गई है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता करता है, लेकिन अध्यक्ष की अनुपस्थिति में, लोकसभा का उपाध्यक्ष और फिर राज्यसभा का सभापति (जो भारत का उपराष्ट्रपति होता है) या राज्यसभा का उपसभापति, आदि अध्यक्षता करते हैं।
- गलत विकल्प: भारत का राष्ट्रपति संयुक्त अधिवेशन बुलाता है, अध्यक्षता नहीं करता। भारत का उपराष्ट्रपति (जो राज्यसभा का पदेन सभापति होता है) संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता नहीं करता।
प्रश्न 19: ‘विधायिका द्वारा प्रत्ययोजन’ (Delegated Legislation) से आप क्या समझते हैं?
- विधायिका द्वारा स्वयं कानून बनाना।
- कार्यपालिका को कानून बनाने की शक्ति सौंपना।
- न्यायपालिका द्वारा कानूनों की व्याख्या करना।
- जनता द्वारा सीधे कानून बनाना।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘विधायिका द्वारा प्रत्ययोजन’ का अर्थ है कि विधायिका (संसद या राज्य विधानमंडल) अपनी कानून बनाने की शक्ति का कुछ हिस्सा कार्यपालिका (सरकार या कार्यकारी प्राधिकरण) को सौंप देती है। यह एक आवश्यक प्रक्रिया है क्योंकि आधुनिक राज्यों में कानून अत्यधिक जटिल हो गए हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसके द्वारा कार्यकारी को विस्तृत नियम (rules), उप-नियम (by-laws), और विनियम (regulations) बनाने की शक्ति दी जाती है, जो विधायिका द्वारा बनाए गए मूल अधिनियम को लागू करने के लिए आवश्यक होते हैं।
- गलत विकल्प: (a) यह प्रत्यक्ष कानून निर्माण है। (c) यह न्यायिक कार्य है। (d) यह प्रत्यक्ष लोकतंत्र का रूप है।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956’ के बाद भारतीय संघ में एक ‘भाग-बी’ राज्य का उदाहरण थी?
- दिल्ली
- लक्षद्वीप
- सौराष्ट्र
- पटियाला और पूर्वी पंजाब राज्य संघ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 से पहले, राज्यों को चार श्रेणियों (भाग-ए, भाग-बी, भाग-सी, भाग-डी) में बांटा गया था। भाग-बी राज्यों में पूर्व रियासतें या उनके समूह शामिल थे, जिनका शासन राज्यपाल द्वारा होता था। सौराष्ट्र (Saurashtra) ऐसे ही एक भाग-बी राज्य का उदाहरण था।
- संदर्भ और विस्तार: 1956 के अधिनियम के बाद, भाग-बी राज्यों को समाप्त कर दिया गया और राज्यों को पुनर्गठित किया गया।
- गलत विकल्प: दिल्ली एक भाग-सी राज्य थी जिसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। लक्षद्वीप भी एक केंद्र शासित प्रदेश है। पटियाला और पूर्वी पंजाब राज्य संघ (PEPSU) एक भाग-बी राज्य था, लेकिन सौराष्ट्र भी एक प्रमुख भाग-बी राज्य था। प्रश्न में “एक उदाहरण” पूछा गया है।
प्रश्न 21: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council – NDC) का अध्यक्ष कौन होता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
- नीति आयोग का उपाध्यक्ष
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक गैर-संवैधानिक, गैर-वैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना 1952 में हुई थी। इसका अध्यक्ष भारत का प्रधानमंत्री होता है।
- संदर्भ और विस्तार: NDC पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देने और राष्ट्रीय विकास से संबंधित महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति, वित्त मंत्री या नीति आयोग का उपाध्यक्ष NDC का पदेन अध्यक्ष नहीं होता है।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत उच्च न्यायालयों को रिट जारी करने की शक्ति प्राप्त है?
- अनुच्छेद 226
- अनुच्छेद 124
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 256
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र के तहत किसी भी व्यक्ति या प्राधिकरण को, और सरकारी के प्रति, मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए या किसी अन्य उद्देश्य के लिए रिट जारी करने की शक्ति प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालयों की रिट जारी करने की शक्ति, अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति से व्यापक है, क्योंकि यह मौलिक अधिकारों के अलावा अन्य कानूनी अधिकारों को लागू करने के लिए भी जारी की जा सकती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 32 सर्वोच्च न्यायालय को रिट जारी करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 256 केंद्र के निर्देशों से संबंधित है।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘मौलिक अधिकारों’ (Fundamental Rights) के संबंध में गलत है?
- ये न्यायोचित (justiciable) हैं।
- इनके उल्लंघन पर व्यक्ति सीधे न्यायालय जा सकता है।
- ये पूर्ण (absolute) अधिकार हैं।
- इन पर युक्तिसंगत निर्बंधन (reasonable restrictions) लगाए जा सकते हैं।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक अधिकार न्यायोचित हैं (अनुच्छेद 32 और 226)। इनके उल्लंघन पर व्यक्ति सीधे न्यायालय जा सकता है। इन अधिकारों पर राज्य द्वारा युक्तिसंगत निर्बंधन (reasonable restrictions) लगाए जा सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक अधिकार पूर्ण या निरपेक्ष (absolute) नहीं हैं। उदाहरण के लिए, अनुच्छेद 19 के तहत बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
- गलत विकल्प: मौलिक अधिकार पूर्ण नहीं हैं। अन्य सभी कथन मौलिक अधिकारों के बारे में सही हैं।
प्रश्न 24: भारत में ‘संसदीय प्रणाली’ (Parliamentary System) को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है?
- अध्यक्षीय प्रणाली
- वेस्टमिंस्टर मॉडल
- एकात्मक प्रणाली
- संघीय प्रणाली
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में अपनाई गई संसदीय शासन प्रणाली को ‘वेस्टमिंस्टर मॉडल’ के नाम से भी जाना जाता है, जो ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली पर आधारित है।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली की मुख्य विशेषताएं कार्यपालिका का विधायिका के प्रति उत्तरदायित्व, सामूहिक उत्तरदायित्व, प्रधानमंत्री का प्रमुख होना, और राष्ट्रपति का नाममात्र का प्रमुख होना है।
- गलत विकल्प: अध्यक्षीय प्रणाली में राष्ट्रपति राज्य और सरकार दोनों का प्रमुख होता है और विधायिका से स्वतंत्र होता है (जैसे अमेरिका)। एकात्मक और संघीय प्रणालियाँ सरकार के स्वरूप को दर्शाती हैं, न कि कार्यपालिका-विधायिका के संबंध को।
प्रश्न 25: किसी भी राज्य में ‘विधान परिषद’ (Legislative Council) का गठन या उन्मूलन किस अनुच्छेद के तहत किया जा सकता है?
- अनुच्छेद 169
- अनुच्छेद 170
- अनुच्छेद 171
- अनुच्छेद 172
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 169 विधान परिषद के सृजन या उत्सादन (abolition) से संबंधित है। यह शक्ति संसद को प्रदान की गई है।
- संदर्भ और विस्तार: विधान परिषद का सृजन या उत्सादन उस राज्य की विधान सभा द्वारा ऐसा करने के आशय का संकल्प पारित करके किया जाता है, जिसे तत्पश्चात संसद द्वारा साधारण बहुमत से विधि द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 170 विधान सभा के गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 171 विधान परिषदों की संरचना से संबंधित है। अनुच्छेद 172 राज्यों के विधानमंडलों की अवधि से संबंधित है।