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संविधान की कसौटी: अपनी क्षमता पहचानें

संविधान की कसौटी: अपनी क्षमता पहचानें

नमस्कार, भारतीय राजव्यवस्था के जिज्ञासु मित्रों! हमारे जीवंत लोकतंत्र की नींव को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए अनिवार्य है। यह सिर्फ तथ्यों को याद रखना नहीं, बल्कि संवैधानिक सिद्धांतों की गहराई को समझने के बारे में है। आइए, आज के इस अभ्यास सत्र में अपनी अवधारणात्मक स्पष्टता को परखें और अपने ज्ञान को एक नई धार दें। यह 25 प्रश्नों का समूह आपकी तैयारी का एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगा।

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?

  1. राज्य का प्रमुख वंशानुगत होता है।
  2. राज्य का प्रमुख प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है।
  3. राज्य पर किसी विदेशी शक्ति का शासन होता है।
  4. सभी नागरिक समान होते हैं।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (अर्थात् राष्ट्रपति) वंशानुगत नहीं होता, बल्कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है। भारत में राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचक मंडल द्वारा चुने जाते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भारत को एक पूर्णतः संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है। गणराज्य का सिद्धांत सत्ता के किसी भी विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग के अभाव और सभी नागरिकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करता है।
  • गलत विकल्प: (a) वंशानुगत प्रमुखता राजशाही का संकेत है, गणराज्य का नहीं। (c) यह उपनिवेशवाद का संकेत है। (d) जबकि समानता महत्वपूर्ण है, ‘गणराज्य’ शब्द का मुख्य अर्थ निर्वाचित प्रमुख से है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
  3. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  4. विभिन्न आधारों पर विभेद के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 15)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, 16, 19, 29 और 30 केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी प्रकार के विभेद का प्रतिषेध करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) जैसे अधिकार सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) भी सभी व्यक्तियों के लिए है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) अनुच्छेद क्रमशः 14, 21, और 25 भारतीय नागरिकों और विदेशियों दोनों को प्राप्त हैं।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति किसी भी विधेयक को (संसदीय अनुमोदन के लिए) पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है?

  1. अनुच्छेद 111
  2. अनुच्छेद 108
  3. अनुच्छेद 112
  4. अनुच्छेद 113

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की विधायी शक्तियों से संबंधित है। इसके अनुसार, जब कोई विधेयक संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कर दिया जाता है, तो वह राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। राष्ट्रपति उस पर अपनी सहमति दे सकता है, सहमति रोक सकता है, या यदि वह धन विधेयक नहीं है, तो उसे (संसदीय अनुमोदन के लिए) पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यदि संसद विधेयक को राष्ट्रपति द्वारा लौटाए जाने के बाद पुनः (संशोधनों सहित या बिना संशोधनों के) पारित कर देती है और वह फिर से राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है, तो राष्ट्रपति उस पर अपनी सहमति देने के लिए बाध्य है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 108 संयुक्त बैठक से संबंधित है, अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से, और अनुच्छेद 113 संचित निधि से व्यय के लिए उपबंधों के संबंध में है।

  • प्रश्न 4: राज्यों में विधान परिषदों का उन्मूलन या सृजन भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अधीन किया जाता है?

    1. अनुच्छेद 169
    2. अनुच्छेद 170
    3. अनुच्छेद 171
    4. अनुच्छेद 172

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 169 राज्यों में विधान परिषदों के उत्सादन (उन्मूलन) या सृजन का प्रावधान करता है। यह संसद को अधिकार देता है कि वह किसी राज्य की विधान परिषद को समाप्त कर दे या उसका गठन करे, यदि संबंधित राज्य की विधान सभा ऐसा करने का संकल्प पारित करती है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह एक महत्वपूर्ण संघीय व्यवस्था का अंग है जहाँ राज्यों की इच्छा पर संसद उनके विधायी ढांचे में बदलाव कर सकती है। वर्तमान में भारत के छह राज्यों में विधान परिषदें हैं।
    • गलत विकल्प: अनुच्छेद 170 विधानसभा की संरचना, अनुच्छेद 171 विधान परिषदों की संरचना, और अनुच्छेद 172 राज्यों के विधानमंडलों की अवधि से संबंधित हैं।

    प्रश्न 5: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ (Judicial Review) की शक्ति को स्थापित करता है?

    1. अनुच्छेद 13
    2. अनुच्छेद 32
    3. अनुच्छेद 226
    4. उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ शब्द का प्रयोग स्पष्ट रूप से नहीं किया गया है, लेकिन यह कई अनुच्छेदों में निहित है। अनुच्छेद 13 घोषित करता है कि वे सभी कानून शून्य होंगे जो मौलिक अधिकारों से असंगत हैं। अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए रिट जारी करने की शक्ति देता है, जिसमें न्यायिक पुनर्विलोकन शामिल है। अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालयों की रिट संबंधी शक्ति) उच्च न्यायालयों को समान शक्ति प्रदान करता है।
    • संदर्भ और विस्तार: न्यायिक पुनर्विलोकन का अर्थ है कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय संसद या राज्य विधानमंडलों द्वारा पारित कानूनों और कार्यपालिका के आदेशों की संवैधानिकता की जांच कर सकते हैं और यदि वे संविधान के विपरीत पाए जाते हैं तो उन्हें रद्द कर सकते हैं।
    • गलत विकल्प: केवल एक अनुच्छेद न्यायिक पुनर्विलोकन का आधार नहीं है; यह विभिन्न अनुच्छेदों में निहित एक सिद्धांत है।

    प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक निकाय प्रत्यक्ष रूप से भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है?

    1. मुख्य चुनाव आयुक्त
    2. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
    3. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष
    4. नीति आयोग के उपाध्यक्ष

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 148 के अनुसार, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
    • संदर्भ और विस्तार: CAG एक महत्वपूर्ण संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है।
    • गलत विकल्प: मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है, लेकिन यह अनुच्छेद 324 के तहत होता है। UPSC के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति करते हैं (अनुच्छेद 316)। नीति आयोग एक गैर-संवैधानिक निकाय है, और इसके उपाध्यक्ष की नियुक्ति कैबिनेट की नियुक्ति समिति (CCPA) द्वारा की जाती है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।

    प्रश्न 7: भारतीय संविधान के किस भाग में पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित प्रावधान हैं?

    1. भाग IX
    2. भाग VII
    3. भाग VIII
    4. भाग X

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, जिसे 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था, पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) से संबंधित प्रावधानों को समाहित करता है। इसमें अनुच्छेद 243 से 243-O शामिल हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: इस भाग में पंचायतों के गठन, संरचना, सीटों के आरक्षण, अवधि, शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्वों का विस्तृत विवरण है, जिससे स्थानीय स्वशासन को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ।
    • गलत विकल्प: भाग VII को समाप्त कर दिया गया है। भाग VIII संघ राज्य क्षेत्रों से, और भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है।

    प्रश्न 8: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की प्रकृति क्या है?

    1. यह एक संवैधानिक निकाय है।
    2. यह एक वैधानिक निकाय है।
    3. यह एक कार्यकारी निकाय है।
    4. यह एक अर्द्ध-न्यायिक निकाय है।

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक वैधानिक निकाय है। इसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था।
    • संदर्भ और विस्तार: अधिनियम में संशोधन करके, 2006 और 2019 में, आयोग को अधिक शक्तियां और बेहतर ढांचा प्रदान किया गया। एक वैधानिक निकाय संसद द्वारा पारित कानून के तहत स्थापित होता है, जबकि एक संवैधानिक निकाय सीधे संविधान द्वारा स्थापित होता है।
    • गलत विकल्प: NHRC संविधान में सीधे वर्णित नहीं है, इसलिए यह संवैधानिक नहीं है। यह किसी कार्यकारी आदेश से नहीं बना है, इसलिए कार्यकारी नहीं है। हालांकि इसके पास कुछ न्यायिक शक्तियां हैं, इसे पूर्णतः अर्द्ध-न्यायिक निकाय कहना इसकी वैधानिक प्रकृति को कम कर देगा।

    प्रश्न 9: भारतीय संविधान के तहत ‘संसद’ शब्द में क्या शामिल है?

    1. केवल लोकसभा
    2. केवल राज्यसभा
    3. राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा
    4. राष्ट्रपति और दोनों सदन

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 79 के अनुसार, भारत की संसद राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा से मिलकर बनेगी।
    • संदर्भ और विस्तार: संसद भारत की सर्वोच्च विधायी संस्था है। कोई भी विधेयक केवल तभी कानून बन सकता है जब वह राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा दोनों द्वारा पारित कर दिया गया हो और राष्ट्रपति ने उस पर अपनी सहमति दे दी हो।
    • गलत विकल्प: संसद में राष्ट्रपति एक अविभाज्य अंग हैं, न कि केवल एक बाहरी व्यक्ति।

    प्रश्न 10: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा किस अनुच्छेद के तहत की जा सकती है?

    1. अनुच्छेद 352
    2. अनुच्छेद 356
    3. अनुच्छेद 360
    4. अनुच्छेद 365

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा कर सकते हैं यदि वे ‘युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह’ के आधार पर भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा को खतरा मानते हैं।
    • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना आवश्यक है (44वें संशोधन के बाद)। यह देश की संपूर्ण या किसी भाग पर लागू हो सकता है।
    • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता (राष्ट्रपति शासन), और अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित हैं। अनुच्छेद 365 का प्रयोग राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए किया जाता है जब राज्य केंद्र के निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है।

    प्रश्न 11: मौलिक कर्तव्यों को भारतीय संविधान में किस वर्ष जोड़ा गया?

    1. 1976
    2. 1978
    3. 1986
    4. 1992

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों को 1976 में 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51A के रूप में जोड़ा गया था।
    • संदर्भ और विस्तार: ये कर्तव्य नागरिकों के लिए हैं और उन्हें राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारियों की याद दिलाते हैं। स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर इन्हें शामिल किया गया था। 2002 में 86वें संशोधन द्वारा एक और कर्तव्य जोड़ा गया।
    • गलत विकल्प: 1978 में 44वां संशोधन हुआ, जिसमें कुछ अन्य महत्वपूर्ण बदलाव किए गए।

    प्रश्न 12: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को क्षमादान की शक्ति प्रदान करता है?

    1. अनुच्छेद 72
    2. अनुच्छेद 161
    3. अनुच्छेद 123
    4. अनुच्छेद 143

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमा, दंड विराम, लघुकरण, परिहार या प्रविलंबन करने की शक्ति देता है।
    • संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति संघ के विधि के विरुद्ध किसी अपराध के लिए, या दंड आदेश के संबंध में है। यह राज्यपाल की क्षमादान शक्ति (अनुच्छेद 161) से व्यापक है, जो केवल राज्य के कानूनों के विरुद्ध अपराधों पर लागू होती है।
    • गलत विकल्प: अनुच्छेद 161 राज्यपाल की क्षमादान शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश जारी करने की शक्ति से, और अनुच्छेद 143 सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति से संबंधित है।

    प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संसदीय विशेषाधिकार’ नहीं है?

    1. संसद की कार्यवाही को प्रकाशित करने का अधिकार
    2. संसद के सदस्यों को कुछ मामलों में गिरफ्तारी से छूट
    3. संसद की कार्यवाही के संचालन पर न्यायालयों द्वारा हस्तक्षेप का निषेध
    4. किसी भी विधेयक पर अपनी राय बनाने का अधिकार

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संसदीय विशेषाधिकार वे विशेष अधिकार, छूट और उन्मुक्तियाँ हैं जो संसद सदस्यों को प्रभावी ढंग से अपना कार्य करने में सक्षम बनाती हैं। अनुच्छेद 105 सामूहिक और व्यक्तिगत विशेषाधिकारों का प्रावधान करता है।
    • संदर्भ और विस्तार: (a), (b), और (c) सभी संसदीय विशेषाधिकार के तत्व हैं। अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत प्रेस की स्वतंत्रता को अनुच्छेद 19(2) के तहत दी गई सीमाओं के अधीन रहते हुए, संसद की कार्यवाही के प्रकाशन पर भी लागू माना जाता है, लेकिन विशेषाधिकारों के साथ इसका संबंध जटिल है। सदस्यों को गिरफ्तारी से छूट (अनुच्छेद 105 के तहत) सत्र के दौरान और सत्र शुरू होने से 40 दिन पहले तथा सत्र समाप्त होने के 40 दिन बाद तक लागू होती है। न्यायालय संसद की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
    • गलत विकल्प: (d) ‘किसी भी विधेयक पर अपनी राय बनाने का अधिकार’ यह विशेषाधिकार नहीं है, बल्कि संसद का विधायी कार्य है। विशेषाधिकार वे अधिकार हैं जो विधायी कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक हैं।

    प्रश्न 14: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

    1. भारत के राष्ट्रपति
    2. भारत के प्रधानमंत्री
    3. लोकसभा के अध्यक्ष
    4. संघीय गृह मंत्री

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 316(1) के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
    • संदर्भ और विस्तार: UPSC भारत की केंद्रीय भर्ती एजेंसी है जो सिविल सेवाओं और अन्य सरकारी पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन करती है। राष्ट्रपति उनकी सेवा शर्तों का भी निर्धारण करते हैं।
    • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री या अन्य किसी मंत्री की भूमिका सीधे तौर पर नियुक्ति में नहीं होती, हालांकि वे राष्ट्रपति को सलाह दे सकते हैं।

    प्रश्न 15: भारतीय संविधान के ‘राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत’ (DPSP) की प्रकृति क्या है?

    1. ये न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय हैं।
    2. ये संविधान का मूल आधार हैं लेकिन न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं।
    3. ये केवल सरकारी नीति के लिए दिशानिर्देश हैं।
    4. ये राजनीतिक रूप से प्रवर्तनीय हैं।

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का भाग IV, जिसमें राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत (DPSP) शामिल हैं, स्पष्ट रूप से कहता है कि इस भाग में अंतर्विष्ट बातें किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगी (अनुच्छेद 37)।
    • संदर्भ और विस्तार: DPSP देश के शासन के लिए मौलिक हैं और नीति बनाने में राज्य (सरकार) पर ये सिद्धांत लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा। हालांकि ये न्यायोचित (justiciable) नहीं हैं, फिर भी ये मौलिक अधिकार (Part III) के पूरक हैं और संविधान की आत्मा का प्रतिनिधित्व करते हैं। केशवानंद भारती मामले (1973) जैसे कई निर्णयों में सर्वोच्च न्यायालय ने DPSP के महत्व को रेखांकित किया है।
    • गलत विकल्प: (a) यह गलत है क्योंकि वे न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं। (c) यद्यपि वे दिशानिर्देश हैं, उनकी प्रकृति केवल ‘सरकारी नीति के लिए’ कहने से अधिक है; वे शासन के मूल सिद्धांत हैं। (d) ‘राजनीतिक रूप से प्रवर्तनीय’ कहना उनकी कानूनी प्रवर्तनीयता की कमी को दर्शाता है, लेकिन यह उनकी शक्ति को कम आंकता है; वे शासन के लिए अनिवार्य हैं, चाहे वे राजनीतिक रूप से ही क्यों न हो।

    प्रश्न 16: भारतीय संविधान में ‘आपातकालीन प्रावधान’ किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?

    1. जर्मनी
    2. संयुक्त राज्य अमेरिका
    3. कनाडा
    4. ऑस्ट्रेलिया

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधानों (भाग XVIII, अनुच्छेद 352-360) को विशेष रूप से ‘वीमर गणराज्य’ (Weimar Republic) के संविधान, यानी जर्मनी से लिया गया है।
    • संदर्भ और विस्तार: जर्मनी के संविधान ने राष्ट्रपति को नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित करने की शक्ति दी थी जब देश में आपातकाल हो। इसी तरह, भारतीय संविधान भी राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों को निलंबित करने की शक्ति देता है (हालांकि कुछ अधिकार कभी निलंबित नहीं किए जा सकते)।
    • गलत विकल्प: अमेरिका से मौलिक अधिकार, ब्रिटेन से संसदीय प्रणाली, और कनाडा से संघीय व्यवस्था ली गई है।

    प्रश्न 17: किसी राज्य के राज्यपाल को पद की शपथ कौन दिलाता है?

    1. भारत के राष्ट्रपति
    2. संबंधित राज्य का उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
    3. संबंधित राज्य का मुख्यमंत्री
    4. संबंधित राज्य का विधान सभा अध्यक्ष

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 159 के अनुसार, प्रत्येक राज्य के राज्यपाल अपने पद ग्रहण करने से पहले उस राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या, उनकी अनुपस्थिति में, उस उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश द्वारा दिलाई गई शपथ या प्रतिज्ञान लेंगे।
    • संदर्भ और विस्तार: राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है और उसे राज्य के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाई जाती है।
    • गलत विकल्प: राष्ट्रपति राज्यपाल को नियुक्त करते हैं, लेकिन शपथ नहीं दिलाते। मुख्यमंत्री या विधानसभा अध्यक्ष का इस प्रक्रिया में कोई प्रत्यक्ष संवैधानिक प्रावधान नहीं है।

    प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘कानूनी अधिकार’ (Legal Right) के संबंध में सत्य है?

    1. इसे मौलिक अधिकार के समान सुरक्षा प्राप्त है।
    2. इसे केवल वैधानिक संशोधन द्वारा ही छीना जा सकता है।
    3. यह मौलिक अधिकार की तरह संविधान द्वारा स्वतः संरक्षित नहीं है।
    4. यह हमेशा मौलिक अधिकार से अधिक महत्वपूर्ण होता है।

    उत्तर: (c)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक अधिकार (भाग III) संविधान द्वारा प्रदत्त हैं और उनकी रक्षा के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) या उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226) जाया जा सकता है। कानूनी अधिकार वे अधिकार हैं जो सामान्य कानूनों द्वारा बनाए या संशोधित किए जाते हैं, और उनकी सुरक्षा या प्रवर्तन के लिए सामान्य कानूनी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है।
    • संदर्भ और विस्तार: कानूनी अधिकार, जैसे कि संपत्ति का अधिकार (जो अब मौलिक अधिकार नहीं है), कानून द्वारा बनाए या छीने जा सकते हैं, जबकि मौलिक अधिकारों को छीनने या सीमित करने के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता होती है और वह भी कुछ सीमाओं के अधीन।
    • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि मौलिक अधिकार की तुलना में इन्हें कम सुरक्षा प्राप्त है। (b) इन्हें केवल वैधानिक संशोधन से ही नहीं, बल्कि अन्य कानूनों द्वारा भी बदला जा सकता है, और इनकी प्रवर्तनीयता सीमित हो सकती है। (d) मौलिक अधिकार सामान्यतः कानूनी अधिकारों से अधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं क्योंकि वे व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता के लिए आधारभूत हैं।

    प्रश्न 19: भारत के उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए प्रस्ताव सर्वप्रथम किस सदन में पेश किया जाना चाहिए?

    1. लोकसभा
    2. राज्यसभा
    3. दोनों सदनों में एक साथ
    4. किसी भी सदन में

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 67 (ख) के अनुसार, उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटाने के लिए कोई संकल्प केवल राज्यसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है।
    • संदर्भ और विस्तार: इस संकल्प को कम से कम 14 दिन की पूर्व सूचना देकर पेश किया जाना चाहिए और इसे राज्यसभा में उपस्थित सदस्यों के बहुसंख्यक द्वारा पारित किया जाना चाहिए। तत्पश्चात, इसे लोकसभा द्वारा भी साधारण बहुमत से पारित करना होता है। हालाँकि, उपराष्ट्रपति के रूप में, वह राज्यसभा के सभापति होते हैं, इसलिए उन्हें हटाने का प्रस्ताव पहले उसी सदन में पेश होता है।
    • गलत विकल्प: चूंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं, उनके पद से हटाने का प्रस्ताव पहले राज्यसभा में ही पेश होता है, न कि लोकसभा या किसी भी सदन में।

    प्रश्न 20: कौन सा संवैधानिक संशोधन ‘शिक्षा’ को समवर्ती सूची में लाया?

    1. 42वां संशोधन, 1976
    2. 44वां संशोधन, 1978
    3. 52वां संशोधन, 1985
    4. 86वां संशोधन, 2002

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा, शिक्षा को राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची (सातवीं अनुसूची की सूची III) में स्थानांतरित कर दिया गया।
    • संदर्भ और विस्तार: इसके तहत, राज्य सूची की प्रविष्टि 11 (शिक्षा, विश्वविद्यालय छोड़कर) और प्रविष्टि 12 (वन्यजीव संरक्षण, पशु संरक्षण) के साथ-साथ समवर्ती सूची की प्रविष्टि 17 (वन) भी स्थानांतरित की गई। इसने केंद्र को शिक्षा के क्षेत्र में अधिक भूमिका निभाने का अधिकार दिया।
    • गलत विकल्प: 44वां संशोधन संपत्ति के अधिकार से संबंधित है। 52वां संशोधन दल-बदल कानून से संबंधित है। 86वां संशोधन शिक्षा को 6-14 वर्ष के बच्चों के लिए मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21A) बनाने से संबंधित है।

    प्रश्न 21: संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) शब्द क्या सुनिश्चित करने का आश्वासन देता है?

    1. व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता व अखंडता
    2. सभी नागरिकों के लिए समान आर्थिक अवसर
    3. सभी के लिए न्याय और स्वतंत्रता
    4. सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का उल्लेख है जो ‘व्यक्ति की गरिमा’ और ‘राष्ट्र की एकता और अखंडता’ को सुनिश्चित करने का आश्वासन देता है।
    • संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि ऐसे भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना जो व्यक्तिगत गरिमा और राष्ट्र के सभी सदस्यों के बीच एकता को बनाए रखे। यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक एक-दूसरे के साथ बंधुत्व का व्यवहार करें।
    • गलत विकल्प: (b) आर्थिक अवसर, (c) न्याय और स्वतंत्रता, और (d) समानता, ये प्रस्तावना के अन्य आदर्श हैं, लेकिन ‘बंधुत्व’ विशेष रूप से व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता से जुड़ा है।

    प्रश्न 22: संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत संसद को नए राज्यों का गठन करने या वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन करने की शक्ति प्राप्त है?

    1. अनुच्छेद 3
    2. अनुच्छेद 1
    3. अनुच्छेद 2
    4. अनुच्छेद 4

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 3 संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह किसी भी राज्य में से उस राज्य का क्षेत्र कम करके, या दो या अधिक राज्यों को मिलाकर, या राज्यों के भागों को मिलाकर नए राज्यों का निर्माण कर सकेगी, अथवा किसी राज्य के क्षेत्र में वृद्धि कर सकेगी, अथवा किसी राज्य की सीमाओं में परिवर्तन कर सकेगी, अथवा किसी राज्य का नाम परिवर्तन कर सकेगी।
    • संदर्भ और विस्तार: यह एक महत्वपूर्ण शक्ति है जो भारत की संघीय संरचना को लचीलापन प्रदान करती है। हालाँकि, ऐसा करने के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश और प्रभावित राज्यों की विधान सभाओं की राय (जो बाध्यकारी नहीं है) आवश्यक है।
    • गलत विकल्प: अनुच्छेद 1 भारत को ‘राज्यों का संघ’ बताता है। अनुच्छेद 2 नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना से संबंधित है। अनुच्छेद 4 स्पष्ट करता है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बनाए गए कानून अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन नहीं माने जाएंगे।

    प्रश्न 23: भारत में ‘संविधान की सर्वोच्चता’ का सिद्धांत किस पर आधारित है?

    1. यह अमेरिका के संविधान से प्रेरित है।
    2. यह भारतीय संविधान की प्रस्तावना में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है।
    3. यह संसद की विधायी शक्ति को सीमित करता है।
    4. उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की सर्वोच्चता का सिद्धांत कई अनुच्छेदों में निहित है, विशेष रूप से अनुच्छेद 13 (मौलिक अधिकारों के असंगत कानून शून्य) और अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता)।
    • संदर्भ और विस्तार: (a) यह सिद्धांत अमेरिका से काफी हद तक प्रेरित है, जहां इसे ‘Judicial Review’ के माध्यम से स्थापित किया गया था। (b) हालांकि ‘सर्वोच्चता’ शब्द सीधे प्रस्तावना में नहीं है, यह ‘हम, भारत के लोग’ से प्राप्त लोकप्रिय संप्रभुता और संविधान की श्रेष्ठता को दर्शाता है। (c) यह सिद्धांत संसद की विधायी शक्ति को असीमित नहीं रहने देता, क्योंकि कोई भी कानून संविधान के प्रावधानों के विरुद्ध नहीं हो सकता। ‘केशवानंद भारती मामले’ (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘संविधान के मूल ढांचे’ के सिद्धांत को प्रतिपादित किया, जिसमें संविधान की सर्वोच्चता भी शामिल है।
    • गलत विकल्प: तीनों कथन भारतीय संविधान की सर्वोच्चता के सिद्धांत के संदर्भ में सही हैं।

    प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा भारत का ‘सर्वोच्च सिविल सेवक’ माना जाता है?

    1. भारत का महान्यायवादी (Attorney General)
    2. कैबिनेट सचिव
    3. भारत का प्रधान न्यायाधीश (Chief Justice of India)
    4. भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)

    उत्तर: (b)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: कैबिनेट सचिव, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का एक वरिष्ठ अधिकारी होता है, भारत का सर्वोच्च सिविल सेवक होता है। वह कैबिनेट सचिवालय का प्रमुख और भारत सरकार का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होता है।
    • संदर्भ और विस्तार: कैबिनेट सचिव सरकार की सभी प्रमुख नियुक्तियों, नीतियों के निर्माण और निर्णय लेने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह प्रधानमंत्री और कैबिनेट के लिए मुख्य संपर्क अधिकारी होता है।
    • गलत विकल्प: महान्यायवादी एक विधिवेत्ता है, प्रधान न्यायाधीश न्यायपालिका का प्रमुख है, और CAG एक स्वतंत्र लेखा-परीक्षा प्राधिकरण का प्रमुख है। ये सभी महत्वपूर्ण पद हैं, लेकिन वे सिविल सेवक की श्रेणी में नहीं आते, बल्कि कार्यकारी और न्यायिक प्रमुख हैं।

    प्रश्न 25: संविधान के किस अनुच्छेद में ग्राम सभा के गठन का प्रावधान है?

    1. अनुच्छेद 243A
    2. अनुच्छेद 243
    3. अनुच्छेद 243B
    4. अनुच्छेद 243C

    उत्तर: (a)

    विस्तृत स्पष्टीकरण:

    • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243A में ग्राम सभा का प्रावधान है। इसमें कहा गया है कि “ग्राम सभा नामक एक निकाय, संविधान के उपबंधों के अनुसार, राज्य के विधानमंडल द्वारा अधिनियमित किसी विधि द्वारा, किसी ग्राम पंचायत के संबंध में स्थापित की जा सकेगी।”
    • संदर्भ और विस्तार: ग्राम सभा को पंचायत की स्थानीय स्वशासन की भावना का प्रतीक माना जाता है। यह पंचायत के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले पंजीकृत मतदाताओं से बनी होती है और वर्ष में कम से कम दो बार बैठक करती है। यह पंचायत के कार्यों की निगरानी करती है और विकास योजनाएँ सुझाती है।
    • गलत विकल्प: अनुच्छेद 243 परिभाषाओं से संबंधित है। अनुच्छेद 243B पंचायतों का गठन, और अनुच्छेद 243C पंचायतों की संरचना से संबंधित है।

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