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संविधान का महारथी: 25 प्रश्नों के साथ अपनी पकड़ मजबूत करें!

संविधान का महारथी: 25 प्रश्नों के साथ अपनी पकड़ मजबूत करें!

नमस्कार, भावी प्रशासकों! आज की इस विशेष प्रश्नोत्तरी के साथ भारतीय राजव्यवस्था की अपनी समझ को एक नई ऊँचाई दें। यह अभ्यास सत्र आपको संविधान के उन बारीक पहलुओं से परिचित कराएगा जो परीक्षाओं में आपकी सफलता की कुंजी साबित हो सकते हैं। आइए, अपने लोकतांत्रिक ढांचे की अपनी पकड़ को परखें और अपनी अवधारणात्मक स्पष्टता को और निखारें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपने ज्ञान का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान के किस संशोधन ने प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को जोड़ा?

  1. 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
  2. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  3. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  4. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह एक महत्वपूर्ण संशोधन था जिसने भारतीय संविधान की दिशा को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन को ‘लघु-संविधान’ भी कहा जाता है। इसने न केवल प्रस्तावना में बल्कि मौलिक अधिकारों और राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) में भी कई बदलाव किए। इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत को एक सामाजिक-आर्थिक क्रांति के माध्यम से एक कल्याणकारी राज्य बनाना था।
  • गलत विकल्प: 24वां संशोधन ने संसद की संशोधन शक्ति को सुरक्षित किया; 44वां संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया; 52वां संशोधन दलबदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है।

प्रश्न 2: भारत के राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 112
  3. अनुच्छेद 123
  4. अनुच्छेद 143

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत क्षमादान (pardon), लघुकरण (commutation), विराम (remission), परिहार (reprieve) और प्रतिलंबन (commutation) की शक्ति प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति उन अपराधों के संबंध में है जो संघ के कानून के अधीन हैं, सभी दंड न्यायालयों के निर्णय के विरुद्ध, और उन सभी अपराधों के लिए जिनमें मृत्युदंड की सज़ा दी गई है। राष्ट्रपति की यह शक्ति न केवल उपचारात्मक है, बल्कि न्यायपालिका के निर्णयों पर एक द्वितीयक जाँच का भी कार्य करती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है; अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है; अनुच्छेद 143 उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल नागरिकों को उपलब्ध है, विदेशियों को नहीं?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
  3. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  4. भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र आवागमन की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 के तहत स्वतंत्रता का अधिकार (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक और बिना हथियारों के एकत्र होने की स्वतंत्रता, संघ बनाने की स्वतंत्रता, भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र आने-जाने की स्वतंत्रता, भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भाग में निवास करने और बस जाने की स्वतंत्रता, और कोई वृत्ति, उपजीविका, व्यापार या कारबार करने की स्वतंत्रता) केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये अधिकार भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा, राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, अवकर अवमान, मानहानि, किसी अपराध के लिए उकसाना या अपराध का कार्य करने से संबंधित हैं, जिन पर उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता), और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।

प्रश्न 4: राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) भारतीय संविधान के किस भाग में वर्णित हैं?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IV-A
  4. भाग V

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) भारतीय संविधान के भाग IV में, अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ये तत्व कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए राज्य के लिए मार्गदर्शन के रूप में कार्य करते हैं। ये वाद योग्य नहीं हैं, अर्थात इन्हें न्यायालय द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता, लेकिन राष्ट्र के शासन में ये मौलिक हैं। इन्हें आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकार, भाग IV-A मौलिक कर्तव्य और भाग V संघ के कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका से संबंधित है।

प्रश्न 5: भारतीय संसद की सबसे बड़ी समिति कौन सी है?

  1. लोक लेखा समिति
  2. प्राक्कलन समिति
  3. सरकारी आश्वासन समिति
  4. याचिका समिति

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) भारतीय संसद की सबसे बड़ी वित्तीय समिति है। इसमें लोकसभा के 30 सदस्य होते हैं, जिनका चयन आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय मत प्रणाली द्वारा होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस समिति का मुख्य कार्य सरकार द्वारा प्रस्तुत अनुमानों की जाँच करना और संसद के समक्ष ऐसी बचत की सिफारिश करना है जो संभव हो। इसके सदस्य एक वर्ष के लिए चुने जाते हैं।
  • गलत विकल्प: लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) में 22 सदस्य होते हैं (15 लोकसभा से, 7 राज्यसभा से), सरकारी आश्वासन समिति (Committee on Government Assurances) में 15 सदस्य होते हैं (10 लोकसभा से, 5 राज्यसभा से), और याचिका समिति (Committee on Petitions) में 15 सदस्य होते हैं (10 लोकसभा से, 5 राज्यसभा से)।

प्रश्न 6: किस वाद में उच्चतम न्यायालय ने यह कहा कि प्रस्तावना संविधान का मूल ढांचा (Basic Structure) है?

  1. ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
  2. शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ
  3. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
  4. मेनका गांधी बनाम भारत संघ

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और वाद का संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक वाद में, उच्चतम न्यायालय ने यह निर्णय दिया कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है और यह संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने संसद की संशोधन शक्ति को सीमित कर दिया, यह कहते हुए कि संसद संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदल सकती। यह निर्णय भारतीय संवैधानिक इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
  • गलत विकल्प: ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य (1950) में व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संबंध में निर्णय आया; शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ (1951) में मौलिक अधिकारों पर संशोधन की शक्ति पर निर्णय था; मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978) में जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21) के दायरे का विस्तार किया गया।

प्रश्न 7: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राज्यों के लिए एक समान सिविल संहिता (Uniform Civil Code) का प्रावधान करता है?

  1. अनुच्छेद 42
  2. अनुच्छेद 43
  3. अनुच्छेद 44
  4. अनुच्छेद 45

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 44, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) में शामिल है, जो पूरे भारत के नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता को प्राप्त करने का प्रयास करने का निर्देश देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: समान सिविल संहिता का उद्देश्य विभिन्न व्यक्तिगत कानूनों (जैसे विवाह, तलाक, गोद लेना, विरासत) को एक ही कानून के तहत लाना है। यह भारत में एक विवादास्पद और महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दा बना हुआ है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 42 मातृत्व सहायता के लिए प्रावधान से संबंधित है; अनुच्छेद 43 कामगारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि से संबंधित है; अनुच्छेद 45 बच्चों की प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा का प्रावधान करता है।

प्रश्न 8: भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  4. केंद्रीय मंत्रिमंडल

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 76 के तहत की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है। वह उन सभी कर्तव्यों का पालन करता है जो राष्ट्रपति द्वारा उसे सौंपे जाते हैं। वह संसद के दोनों सदनों में बोल सकता है, लेकिन मतदान का अधिकार नहीं रखता।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री केवल सलाह देते हैं, नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं; मुख्य न्यायाधीश का नियुक्ति प्रक्रिया से कोई सीधा संबंध नहीं है; केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह राष्ट्रपति के निर्णय को प्रभावित करती है, लेकिन अंतिम निर्णयकर्ता राष्ट्रपति हैं।

प्रश्न 9: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 64वां संशोधन अधिनियम, 1990
  4. 65वां संशोधन अधिनियम, 1990

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को भारतीय संविधान में भाग IX के रूप में जोड़ा गया और एक नया अनुच्छेद 243 से 243-O तक जोड़ा गया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को संवैधानिक मान्यता दी, जिससे ये संस्थाएं स्व-शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने लगीं। इसने ग्राम स्तर, मध्यवर्ती स्तर और जिला स्तर पर पंचायतों के लिए प्रावधान किए।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित है; 64वां और 65वां संशोधन पंचायती राज से संबंधित थे लेकिन वे पारित नहीं हो सके थे।

प्रश्न 10: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. भारत के गृह मंत्री
  4. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अधिनियम संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा तीन-सदस्यीय समिति की सिफारिश पर की जाती है। इस समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं, और इसमें केंद्रीय गृह मंत्री और लोकसभा/राज्यसभा के विपक्ष के नेता भी शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC एक वैधानिक निकाय है जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया है। यह मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामलों में जाँच करता है।
  • गलत विकल्प: हालांकि नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं, वे एक समिति की सिफारिश पर करते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जैसे महत्वपूर्ण लोग शामिल होते हैं। मुख्य न्यायाधीश का सीधा नियुक्ति में कोई भूमिका नहीं है, हालांकि चयन समिति में एक अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश शामिल हो सकते हैं।

प्रश्न 11: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की जा सकती है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत की जा सकती है, जब युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति उत्पन्न होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, लेकिन यह केवल केंद्रीय मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश पर ही की जा सकती है। पहली बार इसे 1962 में चीन के आक्रमण के समय, 1971 में पाकिस्तान युद्ध के दौरान और 1975 में आंतरिक आपातकाल के रूप में लागू किया गया था।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है; अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है; अनुच्छेद 365 राज्यों को संघ के निर्देशों का पालन करने में विफलता के संबंध में है।

प्रश्न 12: भारतीय संविधान में ‘मूल अधिकार’ (Fundamental Rights) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. यूनाइटेड किंगडम
  3. कनाडा
  4. आयरलैंड

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और स्रोत: भारतीय संविधान में मूल अधिकारों की अवधारणा संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्रेरित है, जिसे ‘बिल ऑफ राइट्स’ (Bill of Rights) कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान के भाग III में मौलिक अधिकारों का वर्णन है, जो नागरिकों के स्वतंत्र विकास के लिए आवश्यक माने जाते हैं। ये अधिकार न्यायोचित (justiciable) होते हैं, जिसका अर्थ है कि इनका उल्लंघन होने पर व्यक्ति सीधे उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय की शरण ले सकता है।
  • गलत विकल्प: यूनाइटेड किंगडम से संसदीय प्रणाली, विधि का शासन आदि लिए गए हैं; कनाडा से संघात्मक व्यवस्था और अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत लिया गया है; आयरलैंड से राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) लिए गए हैं।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी जोड़ी सही सुमेलित नहीं है?

  1. भाग IX-A : नगर पालिकाएँ
  2. भाग IV : राज्य के नीति निदेशक तत्व
  3. भाग IV-A : मौलिक कर्तव्य
  4. भाग VII : राज्यों के बारे में भाग B

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भाग IX-A नगर पालिकाओं से, भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों से, और भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। ये सभी सही सुमेलित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: भाग VII, जिसमें राज्यों के बारे में भाग B का उल्लेख था, सातवें संशोधन अधिनियम, 1956 द्वारा निरस्त कर दिया गया था। इसलिए, यह जोड़ी सही सुमेलित नहीं है।
  • गलत विकल्प: भाग VII राज्यों के बारे में भाग B से संबंधित था, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है। अन्य सभी भाग अपने संबंधित विषयों के साथ सही ढंग से सुमेलित हैं।

प्रश्न 14: किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता पर राष्ट्रपति शासन किस अनुच्छेद के तहत लगाया जाता है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 355
  3. अनुच्छेद 356
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता या राज्य सरकार द्वारा संघ के निर्देशों का पालन करने में विफलता की स्थिति में, अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 355 संघ का यह कर्तव्य बताता है कि वह प्रत्येक राज्य को बाहरी आक्रमण और आंतरिक अशांति से बचाए और यह सुनिश्चित करे कि प्रत्येक राज्य की सरकार इस संविधान के उपबंधों के अनुसार चले। अनुच्छेद 356 इसी कर्तव्य के लागू न होने की स्थिति से संबंधित है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है; अनुच्छेद 355 संघ का कर्तव्य बताता है; अनुच्छेद 365 राज्यों द्वारा संघ के निर्देशों का पालन करने में विफलता के संबंध में है, जिसके आधार पर अनुच्छेद 356 लागू किया जा सकता है।

प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा राज्य का एक अनिवार्य तत्व नहीं है?

  1. जनसंख्या
  2. सरकार
  3. सशस्त्र बल
  4. निश्चित भूभाग

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और राज्य की परिभाषा: एक राज्य के चार अनिवार्य तत्व होते हैं: जनसंख्या, निश्चित भूभाग, सरकार और संप्रभुता।
  • संदर्भ और विस्तार: ये तत्व किसी भी राजनीतिक इकाई को एक ‘राज्य’ के रूप में परिभाषित करने के लिए आवश्यक हैं, चाहे वह छोटा हो या बड़ा। सशस्त्र बल सरकार का एक हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह स्वयं राज्य का एक अनिवार्य तत्व नहीं है, बल्कि सरकार के माध्यम से अपनी संप्रभुता को बनाए रखने और लागू करने का एक साधन है।
  • गलत विकल्प: जनसंख्या, निश्चित भूभाग और सरकार राज्य के मूलभूत तत्व हैं। सशस्त्र बल सरकार के अधिकार क्षेत्र का प्रतीक हो सकता है, लेकिन यह स्वयं एक स्वतंत्र अनिवार्य तत्व नहीं है।

प्रश्न 16: भारत में **’कठोर संविधान’ (Rigid Constitution)** का क्या अर्थ है?

  1. संविधान में आसानी से संशोधन किया जा सकता है।
  2. संविधान में संशोधन की प्रक्रिया जटिल और लंबी है।
  3. संविधान अलिखित है।
  4. संविधान के कुछ ही हिस्सों को संशोधित किया जा सकता है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अवधारणा: एक ‘कठोर संविधान’ वह होता है जिसमें संशोधन की प्रक्रिया अपेक्षाकृत जटिल और लंबी होती है, जिसमें विशेष विधायी प्रक्रियाएं और अक्सर राज्यों की सहमति की आवश्यकता होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान को कुछ हद तक कठोर माना जाता है क्योंकि इसके कुछ प्रावधानों (जैसे मौलिक अधिकार, संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों का वितरण) को संशोधित करने के लिए विशेष बहुमत के साथ-साथ आधे से अधिक राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता होती है। यह लचीले संविधान (जैसे यूके का संविधान) के विपरीत है, जिसमें साधारण विधायी प्रक्रिया द्वारा संशोधन किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: आसानी से संशोधन (a) लचीले संविधान का द्योतक है; अलिखित संविधान (c) यूके का संविधान है; केवल कुछ हिस्सों में संशोधन (d) पूर्णतः सही नहीं है, क्योंकि संशोधन की प्रक्रिया की जटिलता ही कठोरता का मापदंड है।

प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद **’बिना कारण बताए गिरफ्तारी और निरोध’ (Arrest and Detention in certain cases)** से संरक्षण प्रदान करता है?

  1. अनुच्छेद 20
  2. अनुच्छेद 21
  3. अनुच्छेद 22
  4. अनुच्छेद 23

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 22 भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों में से एक है जो कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद दो प्रकार की सुरक्षा प्रदान करता है: (1) किसी भी व्यक्ति को, जिसे गिरफ्तार किया गया है, उस गिरफ्तारी के कारण से यथाशीघ्र अवगमित किए बिना अभिरक्षा में नहीं रखा जाएगा और विधि व्यवसायी द्वारा परामर्श और बचाव करने का अधिकार होगा। (2) प्रत्येक गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर निकटतम मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। हालाँकि, यह सुरक्षा शत्रु देश के नागरिक या निवारक निरोध कानून के तहत गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को लागू नहीं होती।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 20 दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण प्रदान करता है; अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा से संबंधित है; अनुच्छेद 23 मनुष्यों के क्रय-विक्रय और बेगार का प्रतिषेध करता है।

प्रश्न 18: राष्ट्रपति, **’ऑर्डिनेंस’ (Ordinance)** की शक्ति का प्रयोग किस अनुच्छेद के तहत करते हैं?

  1. अनुच्छेद 123
  2. अनुच्छेद 213
  3. अनुच्छेद 143
  4. अनुच्छेद 105

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति, जब संसद का सत्र नहीं चल रहा हो और ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाए कि तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता हो, तो वे अनुच्छेद 123 के तहत अध्यादेश जारी कर सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अध्यादेश का प्रभाव संसद द्वारा पारित अधिनियम के समान होता है। इसे संसद के पुनःसत्र में आने के छह सप्ताह के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए, अन्यथा यह अप्रवर्तित हो जाता है। यह शक्ति विधायी शक्तियों के अस्थायी उपयोग के लिए है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 213 राज्यपाल द्वारा अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है; अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति की उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की शक्ति है; अनुच्छेद 105 संसद सदस्यों के विशेषाधिकारों से संबंधित है।

प्रश्न 19: भारत के संविधान की प्रस्तावना में **’न्याय’** के किस रूप का उल्लेख नहीं है?

  1. सामाजिक
  2. आर्थिक
  3. राजनीतिक
  4. धार्मिक

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और प्रस्तावना के शब्द: भारतीय संविधान की प्रस्तावना नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने का आश्वासन देती है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना इन तीन प्रकार के न्याय के अलावा स्वतंत्रता (विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की) और समानता ( प्रतिष्ठा और अवसर की) तथा बंधुत्व की बात करती है। ‘धार्मिक न्याय’ शब्द का प्रयोग प्रत्यक्ष रूप से नहीं किया गया है, हालांकि धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार (अनुच्छेद 25-28) के माध्यम से धार्मिक न्याय की अवधारणा अंतर्निहित है।
  • गलत विकल्प: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय प्रस्तावना में स्पष्ट रूप से उल्लिखित हैं। धार्मिक न्याय शब्द का प्रयोग प्रस्तावना में नहीं हुआ है।

प्रश्न 20: किसी विधेयक को **’धन विधेयक’ (Money Bill)** घोषित करने का अंतिम अधिकार किसे प्राप्त है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोकसभा का अध्यक्ष
  4. राज्यसभा का सभापति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 110 (3) के अनुसार, किसी विधेयक को धन विधेयक घोषित करने के संबंध में किसी भी प्रश्न का विनिश्चय, लोक सभा के अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा और उसका विनिश्चय अंतिम होगा।
  • संदर्भ और विस्तार: धन विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है। यह विधेयक राज्यसभा में पारित होने या पुनर्विचार के लिए भेजे जाने पर अधिक शक्तिशाली नहीं होता, क्योंकि राज्यसभा इसे अस्वीकार या संशोधित नहीं कर सकती, केवल 14 दिनों के भीतर सिफारिशों के साथ लौटा सकती है, जिन्हें लोकसभा स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति विधेयक को प्रमाणित करते हैं, लेकिन निर्णय अध्यक्ष का होता है; प्रधानमंत्री और राज्यसभा के सभापति के पास यह अधिकार नहीं है।

प्रश्न 21: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है?

  1. संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
  2. संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य
  3. राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य
  4. लोकसभा के निर्वाचित सदस्य

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों (निर्वाचित और मनोनीत) से मिलकर बनने वाले एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जैसा कि अनुच्छेद 66 में वर्णित है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह राष्ट्रपति के चुनाव से भिन्न है, जहाँ केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं और राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य भी शामिल होते हैं। उपराष्ट्रपति के चुनाव में मनोनीत सदस्यों की भागीदारी उपराष्ट्रपति को संसद से अलग और स्वतंत्र बनाती है।
  • गलत विकल्प: केवल निर्वाचित सदस्यों (a) को शामिल करना गलत है; केवल राज्यों की विधानसभाओं (c) का भाग लेना गलत है; केवल लोकसभा (d) का भाग लेना भी गलत है।

प्रश्न 22: **’संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges)** की अवधारणा को संविधान के किस अनुच्छेद में निहित किया गया है?

  1. अनुच्छेद 102 (2)
  2. अनुच्छेद 105
  3. अनुच्छेद 118
  4. अनुच्छेद 122

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 भारतीय संसद के सदनों और उनके सदस्यों की शक्तियों, विशेषाधिकारों आदि का प्रावधान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसमें प्रत्येक सदन के सदस्यों को कुछ विशेषाधिकार और छूटें प्राप्त हैं जो संसदीय प्रणाली की कार्यकुशलता और स्वतंत्रता के लिए आवश्यक हैं। ये विशेषाधिकार संविधान के अनुच्छेद 105 और 194 (राज्यों की विधानमंडलों के लिए) में निहित हैं, और संसद के अधिनियमों द्वारा निर्धारित किए जा सकते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 102 (2) सदस्यों की निरर्हता से संबंधित है; अनुच्छेद 118 प्रक्रिया के नियम बनाने की शक्ति से संबंधित है; अनुच्छेद 122 न्यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाही की जाँच न किया जाना से संबंधित है।

प्रश्न 23: भारत का **’नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (CAG)** अपनी रिपोर्ट किसे सौंपता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. संसद
  4. वित्त मंत्रालय

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अपनी ऑडिट रिपोर्टें भारत के राष्ट्रपति को सौंपता है, जो उन्हें संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखता है (अनुच्छेद 151)।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के समेकित निधि (Consolidated Fund of India) से संबंधित सभी व्यय की लेखा परीक्षा करता है। उसकी रिपोर्टें संसद की लोक लेखा समिति द्वारा जाँची जाती हैं, जो सार्वजनिक धन के दुरुपयोग या अपव्यय को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • गलत विकल्प: रिपोर्टें राष्ट्रपति को सौंपी जाती हैं, लेकिन राष्ट्रपति उन्हें संसद के समक्ष रखते हैं, इसलिए संसद अंतिम गंतव्य है। प्रधानमंत्री या वित्त मंत्रालय सीधे तौर पर रिपोर्ट प्राप्तकर्ता नहीं होते।

प्रश्न 24: **’डॉक्ट्रिन ऑफ जुडिशियल एक्टिविज्म’ (Doctrine of Judicial Activism)** का क्या तात्पर्य है?

  1. न्यायपालिका का सक्रिय भूमिका निभाना
  2. न्यायपालिका का विधायिका के फैसलों को स्वतः रद्द करना
  3. विधायिका का न्यायिक फैसलों को पलट देना
  4. कार्यपालिका का न्यायपालिका के मामलों में हस्तक्षेप

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अवधारणा: ‘जुडिशियल एक्टिविज्म’ से तात्पर्य न्यायपालिका की उस भूमिका से है जिसमें वह सार्वजनिक महत्व के मामलों में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करती है और नीति-निर्माण में भी अपनी भूमिका निभाती है, खासकर तब जब विधायिका या कार्यपालिका अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से न कर रही हो।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अक्सर जनहित याचिकाओं (PIL) के माध्यम से देखा जाता है, जहाँ न्यायपालिका सार्वजनिक हित में सरकार को दिशा-निर्देश जारी करती है। इसका उद्देश्य अधिकारों की सुरक्षा और सार्वजनिक कल्याण को सुनिश्चित करना है।
  • गलत विकल्प: न्यायपालिका का विधायिका के फैसलों को स्वतः रद्द करना (b) ‘जुडिशियल ओवररीच’ (Judicial Overreach) कहलाता है; विधायिका का न्यायिक फैसलों को पलटना (c) शक्ति पृथक्करण के सिद्धांत के विरुद्ध है; कार्यपालिका का न्यायपालिका में हस्तक्षेप (d) लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।

प्रश्न 25: भारत में **’सांप्रदायिक निर्वाचन’ (Communal Electorate)** की व्यवस्था का प्रारम्भ किस अधिनियम से हुआ?

  1. भारतीय परिषद अधिनियम, 1892
  2. भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 (मॉर्ले-मिंटो सुधार)
  3. भारत सरकार अधिनियम, 1919 (मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार)
  4. भारत सरकार अधिनियम, 1935

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अधिनियम संदर्भ: भारत में सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली की शुरुआत भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 (मॉर्ले-मिंटो सुधार) द्वारा हुई, जिसने मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचक मंडल की व्यवस्था की।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने मुसलमानों के लिए अलग प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया, जहाँ मुसलमान मतदाता केवल मुस्लिम उम्मीदवार को ही वोट दे सकते थे। इसने ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति को बढ़ावा दिया और भारत के विभाजन का मार्ग प्रशस्त किया।
  • गलत विकल्प: 1892 का अधिनियम अप्रत्यक्ष चुनाव और बजट पर बहस की अनुमति देता था; 1919 का अधिनियम द्वैध शासन (dyarchy) और सिख, ईसाई, एंग्लो-इंडियन आदि के लिए भी अलग निर्वाचन मंडल लाया; 1935 का अधिनियम भारत को एक संघ बनाने का प्रयास था, लेकिन सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली को और विस्तृत किया।

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