संकल्प समाजशास्त्र: आज की परीक्षा, कल की सफलता!
समाजशास्त्र की दुनिया में आपका स्वागत है, जहाँ हर दिन एक नई बौद्धिक चुनौती लेकर आता है! अपनी अवधारणात्मक स्पष्टता और विश्लेषणात्मक कौशल को परखने के लिए तैयार हो जाइए। आज के 25 प्रश्नों के साथ अपने ज्ञान की सीमा का विस्तार करें और आगामी परीक्षाओं के लिए अपनी तैयारी को सुदृढ़ करें। आइए, इस दैनिक अभ्यास सत्र में गहराई से उतरें!
समाजशास्त्र अभ्यास प्रश्नोत्तरी
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: ‘वर्स्टेहेन’ (Verstehen) की अवधारणा, जो समाजशास्त्र में व्यक्तियों के कार्यों को समझने के लिए व्यक्तिपरक अर्थों पर जोर देती है, किस प्रमुख समाजशास्त्री द्वारा प्रस्तुत की गई थी?
- एमिल दुर्खीम
- कार्ल मार्क्स
- मैक्स वेबर
- जॉर्ज हर्बर्ट मीड
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मैक्स वेबर ने ‘वर्स्टेहेन’ की अवधारणा प्रस्तुत की, जिसका अर्थ है ‘समझना’। यह समाजशास्त्रियों के लिए व्यक्तिपरक अर्थों को समझने की आवश्यकता पर बल देता है जो लोग अपने कार्यों से जोड़ते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह अवधारणा उनके व्याख्यात्मक समाजशास्त्र (interpretive sociology) का केंद्रीय बिंदु है और इसे उनकी कृति ‘अर्थशास्त्र और समाज’ (Economy and Society) में विस्तार से बताया गया है। यह दुर्खीम के प्रत्यक्षवादी (positivist) दृष्टिकोण के विपरीत है।
- गलत विकल्प: ‘एनोमी’ (Anomie) एमिल दुर्खीम द्वारा विकसित एक अवधारणा है, वेबर द्वारा नहीं। ‘वर्ग संघर्ष’ (Class conflict) कार्ल मार्क्स का एक केंद्रीय विचार है।
प्रश्न 2: एम.एन. श्रीनिवास द्वारा गढ़ा गया ‘संस्कृतीकरण’ (Sanskritization) शब्द, भारतीय समाज में किस प्रक्रिया को संदर्भित करता है?
- पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण
- निम्न जाति द्वारा उच्च जाति के रीति-रिवाजों और मान्यताओं को अपनाना
- आधुनिकीकरण की प्रक्रिया
- शहरीकरण का परिणाम
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: संस्कृतीकरण, जिसे एम.एन. श्रीनिवास ने गढ़ा था, उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसके द्वारा एक निम्न जाति या जनजाति उच्च जाति के रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और विश्वासों को अपनाकर जाति पदानुक्रम में उच्चतर स्थिति प्राप्त करती है।
- संदर्भ और विस्तार: श्रीनिवास ने पहली बार इस अवधारणा को अपनी पुस्तक ‘धर्म और दक्षिण भारत के कूर्गों के बीच समाज’ (Religion and Society Among the Coorgs of South India) में प्रस्तावित किया था। यह संरचनात्मक गतिशीलता के बजाय सांस्कृतिक गतिशीलता का एक रूप है।
- गलत विकल्प: ‘पश्चिमीकरण’ (Westernization) पश्चिमी सांस्कृतिक लक्षणों को अपनाने को संदर्भित करता है। ‘आधुनिकीकरण’ (Modernization) तकनीकी और संस्थागत परिवर्तनों से संबंधित एक व्यापक अवधारणा है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सी समाजशास्त्रीय अवधारणा ‘कार्यात्मकता’ (Functionalism) सिद्धांत से गहराई से जुड़ी हुई है?
- संघर्ष
- सामाजिक तथ्य
- सामाजिक व्यवस्था और सामंजस्य
- प्रतीकात्मक अंतःक्रिया
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कार्यात्मकता सिद्धांत समाज को एक जटिल प्रणाली के रूप में देखता है जिसके विभिन्न भाग (जैसे संस्थाएँ) एक साथ मिलकर काम करते हैं ताकि समाज में स्थिरता और सामंजस्य बना रहे।
- संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम, पार्सन्स, मर्टन जैसे समाजशास्त्री इस दृष्टिकोण से जुड़े हैं। वे समाज के विभिन्न अंगों के ‘कार्य’ (function) पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो समग्र व्यवस्था को बनाए रखने में योगदान करते हैं।
- गलत विकल्प: ‘संघर्ष’ (Conflict) संघर्ष सिद्धांत (Conflict theory) का मूल है। ‘सामाजिक तथ्य’ (Social facts) दुर्खीम के प्रत्यक्षवादी दृष्टिकोण से जुड़े हैं। ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रिया’ (Symbolic interactionism) एक सूक्ष्म-स्तरीय सिद्धांत है।
प्रश्न 4: ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ (Symbolic Interactionism) के प्रमुख प्रवर्तकों में से एक किसे माना जाता है?
- रेडक्लिफ-ब्राउन
- हरबर्ट ब्लूमर
- अगस्त कॉम्टे
- अल्बर्ट बंडुरा
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी अवधारणा कार्ल मार्क्स के ‘अलगाव’ (Alienation) के सिद्धांत का हिस्सा नहीं है?
- उत्पाद से अलगाव
- उत्पादन की प्रक्रिया से अलगाव
- अन्य मनुष्यों से अलगाव
- पूंजीवादी वर्ग से अलगाव
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: कार्ल मार्क्स ने अपने ‘अलगाव’ सिद्धांत में चार मुख्य प्रकार बताए हैं: उत्पाद से अलगाव, उत्पादन की प्रक्रिया से अलगाव, स्वयं की प्रजाति-प्रकृति (species-being) से अलगाव, और अन्य मनुष्यों से अलगाव। पूंजीवादी वर्ग से अलगाव सीधे तौर पर इस सूची का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह इन अलगावों का कारण या परिणाम है।
- संदर्भ और विस्तार: मार्क्स के अनुसार, पूंजीवाद के तहत श्रमिक अपने श्रम के उत्पाद, स्वयं श्रम की क्रिया, अपनी मानवीय क्षमता और अपने साथी मनुष्यों से अलग-थलग महसूस करते हैं।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) मार्क्स के अलगाव सिद्धांत के प्रत्यक्ष घटक हैं।
प्रश्न 6: भारत में ‘हरित क्रांति’ (Green Revolution) का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव क्या रहा?
- सभी किसानों की आर्थिक स्थिति में समान सुधार
- भूमिहीन मजदूरों की स्थिति में गिरावट
- कृषि के मशीनीकरण में वृद्धि
- छोटे किसानों के बीच असंतोष में वृद्धि
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: हरित क्रांति ने उच्च-उपज वाली किस्मों, उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप कृषि के मशीनीकरण (mechanization) में वृद्धि हुई।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि इससे उत्पादन बढ़ा, लेकिन इसके लाभों का वितरण असमान था। बड़े किसानों को अधिक लाभ हुआ, जिससे भूमिहीन मजदूरों की स्थिति में गिरावट आई और छोटे किसानों के लिए चुनौतियां बढ़ीं। इसलिए, (a) और (b) और (d) आंशिक रूप से सही हो सकते हैं, लेकिन (c) सबसे प्रत्यक्ष और व्यापक प्रभाव था।
- गलत विकल्प: सभी किसानों की आर्थिक स्थिति में समान सुधार नहीं हुआ; छोटे और सीमांत किसानों को अक्सर नुकसान हुआ। भूमिहीन मजदूरों की स्थिति में हमेशा गिरावट नहीं आई, लेकिन उनकी निर्भरता बढ़ी। छोटे किसानों के बीच असंतोष बढ़ा, लेकिन मशीनीकरण प्रत्यक्ष परिणाम था।
प्रश्न 7: समाजशास्त्र में ‘सामाजिक स्तरीकरण’ (Social Stratification) का अर्थ क्या है?
- समाज में लोगों का एक-दूसरे से संवाद करने का तरीका
- समाज में व्यक्तियों और समूहों को उनकी स्थिति के आधार पर विभिन्न स्तरों या परतों में व्यवस्थित करना
- समाज में प्रचलित विभिन्न संस्कृतियों का अध्ययन
- समाज में होने वाले सामाजिक परिवर्तनों का विश्लेषण
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सामाजिक स्तरीकरण एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें समाज अपने सदस्यों को सामाजिक प्रतिष्ठा, धन, शक्ति और अन्य संसाधनों के आधार पर एक पदानुक्रमित तरीके से वर्गीकृत करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह व्यवस्था स्थायी हो सकती है (जैसे जाति) या परिवर्तनशील (जैसे वर्ग)। इसके अध्ययन में विभिन्न सिद्धांत जैसे कार्यात्मकता, संघर्ष सिद्धांत और मार्क्सवादी दृष्टिकोण शामिल हैं।
- गलत विकल्प: (a) सामाजिक संपर्क, (c) सांस्कृतिक विविधता, और (d) सामाजिक परिवर्तन अलग-अलग अवधारणाएँ हैं।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा एमिल दुर्खीम का ‘सामाजिक तथ्य’ (Social Fact) का सबसे अच्छा उदाहरण है?
- किसी व्यक्ति की निजी भावनाएँ
- व्यक्तिगत विचार
- कानून, नैतिकता और रीति-रिवाज
- व्यक्तिगत सपने
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: दुर्खीम के अनुसार, सामाजिक तथ्य वे तरीके हैं जिनसे समाज में व्यवहार करने, सोचने और महसूस करने के लिए सामूहिक रूप से दबाव डाला जाता है। वे व्यक्ति पर बाहरी होते हैं और मजबूर करने की शक्ति रखते हैं। कानून, नैतिकता और रीति-रिवाज इसके उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
- संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने अपनी पुस्तक ‘समाजशास्त्रीय पद्धति के नियम’ (The Rules of Sociological Method) में इस अवधारणा को समझाया। उन्होंने सामाजिक तथ्यों को ‘वस्तु’ की तरह अध्ययन करने पर जोर दिया।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) व्यक्तिगत या मनोवैज्ञानिक हैं, न कि समाजशास्त्रीय तथ्य जो बाहरी दबाव डालते हैं।
प्रश्न 9: भारत में ‘धार्मिक सहिष्णुता’ (Religious Tolerance) की अवधारणा के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
I. भारतीय संविधान धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देता है।
II. भारतीय समाज में विभिन्न धर्मों के बीच सह-अस्तित्व रहा है।
III. सामाजिक सुधार आंदोलनों ने धार्मिक सहिष्णुता को कमजोर किया है।
- केवल I और II
- केवल II और III
- केवल I और III
- I, II और III
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारतीय संविधान सभी नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार देता है और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देता है। ऐतिहासिक रूप से, भारतीय समाज ने विभिन्न धर्मों के बीच सह-अस्तित्व देखा है।
- संदर्भ और विस्तार: सामाजिक सुधार आंदोलनों ने अक्सर धार्मिक कट्टरता के खिलाफ आवाज उठाई और सहिष्णुता को बढ़ावा दिया, न कि कमजोर किया। इसलिए, कथन III गलत है।
- गलत विकल्प: कथन III के गलत होने के कारण, (b), (c), और (d) गलत हैं।
प्रश्न 10: ‘सामाजिक गतिशीलता’ (Social Mobility) से क्या तात्पर्य है?
- समाज में व्यक्तियों की बढ़ती या घटती जनसंख्या
- लोगों का एक सामाजिक समूह से दूसरे में जाना
- समाज में सत्ता का वितरण
- समाज में सामाजिक समस्याओं का समाधान
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सामाजिक गतिशीलता एक व्यक्ति या समूह के एक सामाजिक स्तर से दूसरे स्तर पर ऊपर या नीचे जाने की प्रक्रिया है।
- संदर्भ और विस्तार: यह क्षैतिज (समान स्तर पर) या ऊर्ध्वाधर (ऊपर या नीचे) हो सकती है। यह व्यक्तिगत उपलब्धि (जैसे शिक्षा) या समूह की स्थिति में परिवर्तन (जैसे जाति के उत्थान) के कारण हो सकती है।
- गलत विकल्प: (a) जनसंख्या वृद्धि, (c) सत्ता वितरण, और (d) समस्या समाधान सामाजिक गतिशीलता से भिन्न अवधारणाएँ हैं।
प्रश्न 11: ‘सबल्टरन अध्ययन’ (Subaltern Studies) समूह किस पर ध्यान केंद्रित करता है?
- शासक वर्ग का इतिहास
- शक्तिशाली अभिजात वर्ग का समाजशास्त्र
- शोषित, वंचित और हाशिए पर पड़े समूहों का इतिहास और अनुभव
- आर्थिक विकास का अध्ययन
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सबल्टरन अध्ययन समूह उन लोगों के इतिहास और अनुभवों पर ध्यान केंद्रित करता है जो शक्ति संरचनाओं में हाशिए पर रहे हैं, जैसे किसान, आदिवासी, दलित और महिलाएं।
- संदर्भ और विस्तार: यह समूह ज्ञान को ‘ऊपर से नीचे’ (top-down) के बजाय ‘नीचे से ऊपर’ (bottom-up) के दृष्टिकोण से देखने का प्रयास करता है। इटली के महान्स्की (Gramsci) के ‘सबल्टरन’ विचार से यह प्रेरित है।
- गलत विकल्प: (a), (b) और (d) सबल्टरन अध्ययन के फोकस के विपरीत हैं।
प्रश्न 12: पैट्रीसिया हिल कॉलिन्स (Patricia Hill Collins) द्वारा विकसित ‘इंटरसेक्शनैलिटी’ (Intersectionality) की अवधारणा का क्या अर्थ है?
- विभिन्न सामाजिक वर्गों का आपस में मिलना
- जाति, लिंग, वर्ग, नस्ल आदि जैसे विभिन्न सामाजिक पहचानों का एक दूसरे को कैसे काटती हैं और कैसे वे उत्पीड़न या विशेषाधिकार के अनूठे अनुभव बनाती हैं
- विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण
- सामाजिक आंदोलनों का एकीकरण
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: इंटरसेक्शनैलिटी का सिद्धांत बताता है कि जाति, वर्ग, लिंग, यौन अभिविन्यास, विकलांगता, धर्म आदि जैसी विभिन्न सामाजिक श्रेणियां अलग-थलग काम नहीं करतीं, बल्कि एक-दूसरे को काटती हैं और जटिल तरीके से व्यक्तिगत और समूह के अनुभवों को प्रभावित करती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: कॉलिन्स ने विशेष रूप से अश्वेत महिलाओं के अनुभवों के संदर्भ में इस अवधारणा को विकसित किया, यह दर्शाने के लिए कि वे नस्लवाद, लिंगवाद और वर्गवाद के संयुक्त उत्पीड़न का अनुभव करती हैं।
- गलत विकल्प: (a), (c), और (d) आंशिक रूप से संबंधित हो सकते हैं, लेकिन इंटरसेक्शनैलिटी की विशिष्टता विभिन्न श्रेणियों के अंतर्संबंध को समझना है।
प्रश्न 13: एमिल दुर्खीम के अनुसार, ‘सामाजिक एकता’ (Social Solidarity) का सबसे महत्वपूर्ण निर्धारक क्या है?
- आर्थिक विकास
- धर्म और नैतिकता
- श्रम विभाजन
- राजनीतिक व्यवस्था
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: दुर्खीम ने अपनी पुस्तक ‘समाज में श्रम का विभाजन’ (The Division of Labour in Society) में बताया कि कैसे श्रम विभाजन, विशेष रूप से आधुनिक समाजों में, ‘यांत्रिक एकता’ (mechanical solidarity) से ‘साव्यवी एकता’ (organic solidarity) में परिवर्तन का कारण बनता है।
- संदर्भ और विस्तार: साव्यवी एकता में, लोग अपनी भिन्न विशिष्टताओं और परस्पर निर्भरता के कारण एक-दूसरे से जुड़ते हैं, जैसे शरीर के विभिन्न अंग मिलकर एक पूर्ण जीव बनाते हैं।
- गलत विकल्प: धर्म और नैतिकता (b) सामाजिक एकता में योगदान करते हैं, लेकिन दुर्खीम ने श्रम विभाजन को आधुनिक समाजों के लिए मुख्य निर्धारक माना। आर्थिक विकास (a) और राजनीतिक व्यवस्था (d) अप्रत्यक्ष कारक हैं।
प्रश्न 14: भारत में ‘भूमि सुधार’ (Land Reforms) का मुख्य उद्देश्य क्या रहा है?
- खेती के तहत कुल भूमि क्षेत्र को बढ़ाना
- भूमि का पुनर्वितरण और किसानों को भूमि का स्वामित्व प्रदान करना
- कृषि उत्पादन को पूरी तरह से निजी हाथों में सौंपना
- ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी को पूरी तरह से समाप्त करना
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: भारत में भूमि सुधारों का प्राथमिक लक्ष्य भूमिहीन किसानों और छोटे किसानों के बीच भूमि का पुनर्वितरण करना, जमींदारी प्रथा को समाप्त करना और कृषि उत्पादन तथा ग्रामीण असमानता में सुधार करना था।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें मध्यवर्ती उन्मूलन, किराएदारी सुधार, और काश्तकारी पर सीमाएँ लगाना शामिल था। हालांकि, इसके क्रियान्वयन में कई चुनौतियाँ आईं और पूर्ण सफलता नहीं मिली।
- गलत विकल्प: (a) भूमि सुधारों का सीधा उद्देश्य भूमि क्षेत्र बढ़ाना नहीं था। (c) यह निजी हाथों में सौंपने के बजाय पुनर्वितरण पर केंद्रित था। (d) गरीबी को पूरी तरह से समाप्त करना एक लक्ष्य था, लेकिन मुख्य उद्देश्य भूमि का पुनर्वितरण था।
प्रश्न 15: ‘संस्कृति’ (Culture) की समाजशास्त्रीय परिभाषा के अनुसार, इसमें क्या शामिल है?
- केवल कला और साहित्य
- लोगों के व्यवहार, विश्वास, मूल्य, ज्ञान, कला, कानून, रीति-रिवाज और सभी क्षमताएं और आदतें जो समाज के सदस्य के रूप में प्राप्त की जाती हैं
- केवल प्राकृतिक पर्यावरण
- सिर्फ एक पीढ़ी द्वारा अर्जित ज्ञान
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: संस्कृति में वे सभी सीखे हुए व्यवहार, विश्वास, मूल्य, ज्ञान, कला, कानून, रीति-रिवाज और अन्य क्षमताएं और आदतें शामिल होती हैं जिन्हें समाज का सदस्य होने के नाते व्यक्ति अर्जित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह वह समग्र जीवन शैली है जो एक समाज के सदस्यों को साझा करते हैं। यह सीखी जाती है, साझा की जाती है और पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती है।
- गलत विकल्प: (a), (c), और (d) संस्कृति के केवल आंशिक या गलत प्रतिनिधित्व हैं।
प्रश्न 16: ‘अभिजन सिद्धांत’ (Elite Theory) का मुख्य प्रतिपादक कौन है?
- रॉबर्ट पैटन
- सी. राइट मिल्स
- विलफ्रेडो पैरेटो
- ए. एल. क्रोएबर
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: विलफ्रेडो पैरेटो, गाएतानो मोस्का और रॉबर्ट मिशेल को अभिजन सिद्धांत के प्रमुख प्रतिपादकों में गिना जाता है। पैरेटो ने ‘अभिजन के परिभ्रमण’ (circulation of elites) का सिद्धांत दिया।
- संदर्भ और विस्तार: अभिजन सिद्धांत यह मानता है कि समाज हमेशा एक छोटे, प्रभावशाली समूह (अभिजन) द्वारा शासित होता है, और शक्ति का हस्तांतरण इन अभिजातों के बीच होता है।
- गलत विकल्प: रॉबर्ट पैटन (b) का जन्म 1910 में हुआ था, वे इस सिद्धांत के मूल प्रस्तावक नहीं थे। सी. राइट मिल्स ‘पावर एलिट’ (Power Elite) के लिए जाने जाते हैं, जो अभिजन सिद्धांत का एक रूप है, लेकिन पैरेटो मूल प्रतिपादक थे। ए. एल. क्रोएबर संस्कृति के मानवशास्त्री थे।
प्रश्न 17: ‘जाति व्यवस्था’ (Caste System) की निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता भारतीय समाजशास्त्रीय विमर्श में प्रमुख रही है?
- खुला स्तरीकरण
- पेशा की निश्चितता
- गतिशीलता की उच्च संभावना
- अंतर्विवाह (Endogamy)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: जाति व्यवस्था की सबसे प्रमुख विशेषताओं में से एक ‘अंतर्विवाह’ है, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति केवल अपनी जाति के भीतर ही विवाह कर सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह विशेषता जाति को एक बंद स्तरीकरण व्यवस्था बनाती है और जाति पहचान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पेशा की निश्चितता (b) भी एक महत्वपूर्ण विशेषता है, लेकिन अंतर्विवाह अधिक मौलिक है। गतिशीलता की उच्च संभावना (c) जाति व्यवस्था के विपरीत है, और खुला स्तरीकरण (a) भी इसके विपरीत है।
- गलत विकल्प: जाति एक बंद स्तरीकरण है, इसलिए (a) गलत है। इसमें पेशा की निश्चितता (b) थी, लेकिन अंतर्विवाह (d) अधिक मूलभूत है। गतिशीलता की संभावना बहुत कम थी, इसलिए (c) गलत है।
प्रश्न 18: ‘सामाजिक पूंजी’ (Social Capital) की अवधारणा को सबसे अच्छे से कौन परिभाषित करता है?
- किसी व्यक्ति की वित्तीय संपत्ति
- किसी व्यक्ति या समूह के सामाजिक नेटवर्क, विश्वास और पारस्परिक संबंध जिनके माध्यम से वे संसाधनों तक पहुँच सकते हैं
- किसी व्यक्ति की शिक्षा और कौशल
- समाज में राजनीतिक शक्ति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: सामाजिक पूंजी से तात्पर्य उन सामाजिक नेटवर्क, विश्वास, सहयोग और संबंधों से है जो व्यक्तियों या समूहों को लाभ पहुँचाते हैं और उन्हें संसाधनों या अवसरों तक पहुँचने में सक्षम बनाते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: पियरे बॉर्डियू (Pierre Bourdieu), जेम्स कोलमैन (James Coleman) और रॉबर्ट पटनम (Robert Putnam) जैसे समाजशास्त्रियों ने इस अवधारणा को विकसित किया है।
- गलत विकल्प: (a) वित्तीय पूंजी, (c) मानव पूंजी (human capital), और (d) राजनीतिक शक्ति, सामाजिक पूंजी से भिन्न हैं।
प्रश्न 19: ‘आधुनिकीकरण सिद्धांत’ (Modernization Theory) के अनुसार, समाज का विकास किस ओर अग्रसर होता है?
- पारंपरिक, कृषि-आधारित समाजों से औद्योगिक, शहरी समाजों की ओर
- आदिम साम्यवाद की ओर
- उत्तर-औद्योगिक समाज से सूचना समाज की ओर
- अभिजात्य वर्ग द्वारा शासित समाजों की ओर
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: आधुनिकीकरण सिद्धांत मानता है कि समाज एक रैखिक प्रक्रिया से गुजरते हैं, जो पारंपरिक, रूढ़िवादी और कृषि-आधारित अवस्था से शुरू होकर, औद्योगीकरण, शहरीकरण, मानकीकरण और लोकतांत्रिक समाजों के रूप में विकसित होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत पश्चिमी समाजों के विकास पथ को एक मॉडल के रूप में देखता है।
- गलत विकल्प: (b) आदिम साम्यवाद मार्क्स के सिद्धांत से संबंधित है। (c) उत्तर-औद्योगिक समाज एक बाद का चरण है। (d) अभिजात्य वर्ग शासन इस सिद्धांत का मुख्य फोकस नहीं है।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सी सामाजिक संस्था ‘परिवार’ (Family) की विशेषता नहीं है?
- यह जैविक पुनरुत्पादन को नियंत्रित करती है।
- यह समाज की मूल इकाई है।
- यह भावनात्मक समर्थन प्रदान करती है।
- यह सामाजिक स्तरीकरण का निर्धारण करती है।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: जबकि परिवार जैविक पुनरुत्पादन (a), भावनात्मक समर्थन (c) और समाज की मूल इकाई (b) होने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करता है, यह सीधे तौर पर सामाजिक स्तरीकरण का निर्धारण नहीं करता है। स्तरीकरण के निर्धारक अक्सर वर्ग, जाति, धन आदि होते हैं, जो परिवार को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन परिवार स्वयं इसका प्रत्यक्ष निर्धारक नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: परिवार बच्चों का समाजीकरण करता है और उन्हें अपनी सामाजिक स्थिति हस्तांतरित करता है, लेकिन यह स्वयं स्तरीकरण का आधार नहीं है।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) परिवार के मुख्य कार्य हैं।
प्रश्न 21: ‘प्रतिमान विचलन’ (Deviance) की समाजशास्त्रीय समझ के अनुसार, यह क्या है?
- एक व्यक्ति का व्यक्तिगत चरित्र दोष
- समाज द्वारा स्वीकृत मानदंडों और अपेक्षाओं का उल्लंघन
- केवल कानूनी अपराध
- एक दुर्लभ मनोवैज्ञानिक स्थिति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: समाजशास्त्र में, प्रतिमान विचलन (Deviance) का अर्थ है उन सामाजिक मानदंडों (नियमों, मूल्यों, अपेक्षाओं) का उल्लंघन करना जिन्हें समाज स्वीकार करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह केवल अपराध तक सीमित नहीं है, बल्कि अनौपचारिक नियमों का उल्लंघन भी हो सकता है। विभिन्न सिद्धांत (जैसे लेबलिंग सिद्धांत, संरचनात्मक तनाव सिद्धांत) विचलन की व्याख्या करते हैं।
- गलत विकल्प: (a) और (d) विचलन को व्यक्तिगत या मनोवैज्ञानिक समस्या के रूप में देखते हैं, जबकि समाजशास्त्र इसे सामाजिक संदर्भ में देखता है। (c) केवल कानूनी अपराध प्रतिमान विचलन का एक छोटा सा हिस्सा है।
प्रश्न 22: ‘मानव पूंजी’ (Human Capital) की अवधारणा से क्या अभिप्राय है?
- समाज में मानव संसाधनों का कुल भंडार
- किसी व्यक्ति के ज्ञान, कौशल, अनुभव और स्वास्थ्य के माध्यम से प्राप्त आर्थिक मूल्य
- मानव अधिकारों का संग्रह
- जनसंख्या की कुल संख्या
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: मानव पूंजी, एक आर्थिक और समाजशास्त्रीय अवधारणा है, जो किसी व्यक्ति के ज्ञान, कौशल, शिक्षा, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य जैसे गुणों को संदर्भित करती है, जो उसकी उत्पादकता को बढ़ाते हैं और आर्थिक मूल्य उत्पन्न करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक निवेश का रूप है जिसे व्यक्ति या समाज अपनी उत्पादकता बढ़ाने के लिए कर सकता है।
- गलत विकल्प: (a) मानव संसाधन कुल भंडार है, मानव पूंजी वह मूल्य है जो इसमें निहित है। (c) मानव अधिकार और (d) जनसंख्या अलग अवधारणाएँ हैं।
प्रश्न 23: ‘पलायन’ (Migration) का ‘पुश फैक्टर’ (Push Factor) क्या होता है?
- आकर्षण के कारण जो लोगों को नए स्थान की ओर खींचते हैं
- प्रतिकर्षण के कारण जो लोगों को उनके मूल स्थान से दूर जाने के लिए मजबूर करते हैं
- प्रवासी श्रमिकों की संख्या
- आप्रवासन के लिए सरकारी नीतियां
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: पलायन के पुश फैक्टर वे प्रतिकूल स्थितियाँ या कारण होते हैं जो लोगों को उनके वर्तमान स्थान को छोड़ने के लिए मजबूर करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: उदाहरणों में गरीबी, बेरोजगारी, राजनीतिक उत्पीड़न, युद्ध, प्राकृतिक आपदाएँ आदि शामिल हैं। इसके विपरीत, पुल फैक्टर (pull factors) वे आकर्षण होते हैं जो लोगों को नए स्थान की ओर खींचते हैं, जैसे बेहतर रोजगार के अवसर, स्वतंत्रता, या बेहतर जीवन स्तर।
- गलत विकल्प: (a) पुल फैक्टर का वर्णन करता है। (c) और (d) पलायन से संबंधित अन्य पहलू हैं।
प्रश्न 24: ‘औद्योगीकरण’ (Industrialization) के कारण भारतीय समाज में निम्नलिखित में से कौन सा परिवर्तन देखा गया?
- पारंपरिक ग्रामीण जीवन का सुदृढ़ीकरण
- संयुक्त परिवार प्रणाली का कमजोर पड़ना
- जाति व्यवस्था का पूर्ण उन्मूलन
- धार्मिक प्रथाओं में वृद्धि
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: औद्योगीकरण ने शहरीकरण, नौकरी के अवसरों के लिए प्रवास और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया, जिससे पारंपरिक संयुक्त परिवार प्रणाली कमजोर हुई और एकाकी परिवार (nuclear family) प्रणाली को बढ़ावा मिला।
- संदर्भ और विस्तार: औद्योगीकरण ने सामाजिक गतिशीलता को भी बढ़ाया और जाति की भूमिका को कुछ हद तक बदला, लेकिन इसका पूर्ण उन्मूलन नहीं हुआ। इसने धार्मिक प्रथाओं को भी प्रभावित किया, लेकिन वृद्धि के बजाय परिवर्तन या कमी देखी गई।
- गलत विकल्प: (a) औद्योगीकरण ने पारंपरिक ग्रामीण जीवन को कमजोर किया। (c) जाति का पूर्ण उन्मूलन नहीं हुआ, हालांकि इसकी भूमिका बदली। (d) धार्मिक प्रथाओं में परिवर्तन हुआ, जरूरी नहीं कि वृद्धि हुई हो।
प्रश्न 25: ‘पतन’ (Anomie) की अवधारणा, जिसका अर्थ सामाजिक मानदंडों की कमी या दुर्बलता है, किस समाजशास्त्रीय सिद्धांत से जुड़ी है?
- कार्ल मार्क्स
- मैक्स वेबर
- एमिल दुर्खीम
- जॉर्ज हर्बर्ट मीड
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता: एमिल दुर्खीम ने ‘एनोमी’ शब्द का प्रयोग उन समाजों या स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जहाँ सामाजिक मानदंड या तो अनुपस्थित होते हैं या कमजोर हो जाते हैं, जिससे व्यक्तियों में दिशाहीनता और अनिश्चितता की भावना पैदा होती है।
- संदर्भ और विस्तार: दुर्खीम ने विशेष रूप से आत्महत्या पर अपने अध्ययन में एनोमी की भूमिका का विश्लेषण किया, जिसमें उन्होंने दिखाया कि कैसे सामाजिक परिवर्तन या संकट की अवधि में एनोमी आत्महत्या की दर बढ़ा सकती है।
- गलत विकल्प: कार्ल मार्क्स ‘अलगाव’ (alienation) और ‘वर्ग संघर्ष’ (class conflict) से जुड़े हैं। मैक्स वेबर ‘वर्स्टेहेन’ (Verstehen) और ‘तर्कसंगतता’ (rationality) के लिए जाने जाते हैं। जॉर्ज हर्बर्ट मीड ‘प्रतीकात्मक अंतःक्रियावाद’ (symbolic interactionism) के जनक माने जाते हैं।