वोटर आईडी से चॉकलेट तक: पहलगाम मामले में पाकिस्तान का पर्दाफाश
चर्चा में क्यों? (Why in News?):**
हाल ही में, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकवादी मुठभेड़ में भारतीय सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की। इस मुठभेड़ के दौरान, सुरक्षा बलों ने कई आतंकवादियों को मार गिराया और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामग्री बरामद की। इस घटना के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि बरामद की गई सामग्री, विशेष रूप से आतंकवादियों के पास से मिले भारतीय वोटर आईडी कार्ड और चॉकलेट, इस बात का पुख्ता सबूत हैं कि ये आतंकवादी पाकिस्तान से प्रायोजित थे और भारत में घुसपैठ करने के इरादे से आए थे। गृह मंत्री के इस बयान ने सीमा पार आतंकवाद, पाकिस्तान की भूमिका और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को फिर से चर्चा के केंद्र में ला दिया है।
यह घटना भारत के लिए एक बार फिर यह उजागर करती है कि आतंकवाद का खतरा कितना गंभीर और बहुआयामी है। यह सिर्फ गोलियों और बमों का मामला नहीं है, बल्कि इसमें घुसपैठ, प्रशिक्षण, वित्तपोषण और वैचारिक समर्थन जैसे कई पहलू शामिल हैं, जो अक्सर सीमा पार से संचालित होते हैं। आइए, इस मामले को गहराई से समझें और UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से इसके विभिन्न आयामों का विश्लेषण करें।
पहलगाम मुठभेड़: घटना का विवरण और प्रारंभिक साक्ष्य
जम्मू-कश्मीर पुलिस और राष्ट्रीय राइफल्स (RR) की संयुक्त कार्रवाई में, अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके के पास पहलगाम के एक जंगल में छिपे आतंकवादियों को निशाना बनाया गया। सुरक्षा बलों को आतंकवादियों के एक समूह के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद एक घेराबंदी और तलाशी अभियान (CASO) शुरू किया गया। इस अभियान के दौरान, आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की, जिसके जवाब में मुठभेड़ शुरू हुई।
सुरक्षा बलों द्वारा बरामद की गई प्रमुख वस्तुएं:
- भारतीय वोटर आईडी कार्ड: यह सबसे चौंकाने वाला सुराग था। आतंकवादियों के पास से मिले भारतीय वोटर आईडी कार्ड उनकी पहचान छिपाने और स्थानीय आबादी के बीच घुसपैठ करने के इरादे को स्पष्ट करते हैं। यह इस बात का भी संकेत देता है कि पाकिस्तान उन्हें भारतीय पहचान देकर भारत में लाने की कोशिश कर रहा है।
- चॉकलेट और अन्य खाद्य सामग्री: आतंकवादियों के पास से चॉकलेट, सूखे मेवे और अन्य विदेशी ब्रांड की खाद्य सामग्री भी बरामद हुई। यह सामग्री अक्सर सीमा पार से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के लिए आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा होती है, ताकि उन्हें लंबे समय तक निगरानी से बचा जा सके।
- हथियार और गोला-बारूद: मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों के पास से अमेरिकी और चीनी निर्मित एके-47 राइफलें, मैगज़ीन, ग्रेनेड और अन्य युद्धोपयोगी सामग्री मिली। यह सामग्री अक्सर आतंकवादियों को बाहरी तत्वों द्वारा प्रदान की जाती है।
- संचार उपकरण: कुछ मामलों में, आतंकवादियों के पास से एन्क्रिप्टेड संचार उपकरण भी मिलते हैं, जो उन्हें पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से संवाद करने में मदद करते हैं।
इन साक्ष्यों का विश्लेषण करते हुए, गृह मंत्री अमित शाह ने दृढ़ता से कहा कि ये वस्तुएं इस बात का अकाट्य प्रमाण हैं कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे। उनका यह कहना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के उस रुख को और मजबूत करता है कि पाकिस्तान अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकवादी समूहों पर लगाम लगाने में विफल रहा है।
सीमा पार आतंकवाद: एक स्थायी खतरा
“सीमा पार आतंकवाद” (Cross-border Terrorism) एक ऐसी रणनीति है जिसमें एक देश दूसरे देश में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता है, उनका समर्थन करता है, या उन्हें सीधे तौर पर संचालित करता है। पाकिस्तान पर लंबे समय से भारत में आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगता रहा है, जिसमें आतंकवादी समूहों को धन, प्रशिक्षण, हथियार और सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करना शामिल है।
यह क्यों एक स्थायी खतरा है?
- राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव: यह देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए सीधा खतरा पैदा करता है। आतंकवादी हमले न केवल जान-माल का नुकसान करते हैं, बल्कि लोगों में भय और अनिश्चितता का माहौल भी पैदा करते हैं।
- आर्थिक परिणाम: आतंकवादी घटनाओं से पर्यटन, निवेश और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था कमजोर होती है।
- अंतर्राष्ट्रीय संबंध: यह पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ाता है और क्षेत्रीय स्थिरता को बाधित करता है।
- मानवाधिकार उल्लंघन: अक्सर, आतंकवाद के नाम पर निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया जाता है, जो मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है।
पहलगाम जैसे मामले हमें याद दिलाते हैं कि आतंकवादियों के पास भारतीय वोटर आईडी का होना या विदेशी सामग्री का मिलना कोई नई बात नहीं है। यह पाकिस्तान की उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत वे भारत में अस्थिरता फैलाने के लिए अपनी धरती से आतंकवादियों को भेजते हैं।
पाकिस्तान की भूमिका: दावों और खंडनों का चक्र
भारत लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि पाकिस्तान अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकवादी समूहों को सक्रिय रूप से समर्थन देता है। जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे समूह, जो भारत में कई बड़े आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं, पाकिस्तान में ही स्थित हैं।
पाकिस्तान का पक्ष:
- पाकिस्तान आमतौर पर भारत के इन आरोपों का खंडन करता है। वह कहता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ है और उसके यहाँ कोई आतंकवादी अड्डा नहीं है।
- वह कश्मीर मुद्दे को भारत के भीतर का मामला बताता है और अपनी भूमिका से इनकार करता है।
- वह अक्सर भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा की जाने वाली जवाबी कार्रवाईयों को “मानवाधिकारों का उल्लंघन” बताता है।
भारत का पक्ष (साक्ष्यों के आधार पर):
- 26/11 मुंबई आतंकवादी हमला: इस हमले के बाद, पाकिस्तान में अजमल कसाब नामक आतंकवादी को पकड़ा गया था, जिसने पाकिस्तान से आए होने की बात स्वीकार की थी।
- पुलवामा हमला (2019): इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, जिसके सरगना मसूद अजहर को पाकिस्तान ने वर्षों तक पनाह दी।
- नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठ के प्रयास: भारतीय सेना नियमित रूप से नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों की घुसपैठ को नाकाम करती है, जिनके पास पाकिस्तान की सीमा से आने के सबूत मिलते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सबूत: भारत ने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देने के ठोस सबूत पेश किए हैं।
पहलगाम मामले में बरामद वोटर आईडी और अन्य वस्तुएं इस निरंतर पैटर्न का एक और उदाहरण हैं। ये भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने पाकिस्तान की करतूतों को उजागर करने का एक और अवसर प्रदान करते हैं।
“वोटर आईडी और चॉकलेट जैसे सामान आतंकवादियों के पास मिलना यह दिखाता है कि वे न केवल घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, बल्कि अपनी पहचान छिपाने और संभवतः स्थानीय समर्थन जुटाने के लिए भी योजना बना रहे थे। यह पाकिस्तान की उस गहरी साजिश का हिस्सा है जिसका उद्देश्य भारत में अशांति फैलाना है।” – सुरक्षा विशेषज्ञ
UPSC परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: विभिन्न आयाम
यह मामला UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से निम्नलिखित विषयों के संदर्भ में:
1. राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security)
- आंतरिक सुरक्षा (Internal Security): सीमा पार आतंकवाद, आतंकवाद विरोधी उपाय, सुरक्षा बलों की भूमिका, घुसपैठ को रोकना, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे।
- रक्षा नीति (Defence Policy): सीमा प्रबंधन, निगरानी प्रणाली, सैन्य अभियान, खुफिया तंत्र की भूमिका।
- सीमावर्ती राज्य: जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति, अलगाववाद, आतंकवाद का प्रभाव।
2. विदेश नीति (Foreign Policy)
- भारत-पाकिस्तान संबंध: द्विपक्षीय संबंध, सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा, अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कूटनीति, पाकिस्तान पर दबाव बनाने की रणनीति।
- पड़ोसी देशों के साथ संबंध: क्षेत्रीय स्थिरता, आतंकवाद के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग।
- कूटनीतिक जीत: पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने के भारत के प्रयास।
3. शासन (Governance)
- सुरक्षा तंत्र: खुफिया एजेंसियों, पुलिस और सेना के बीच समन्वय।
- आपदा प्रबंधन और कानून व्यवस्था: आतंकवादी हमलों के बाद की प्रतिक्रिया।
4. अर्थव्यवस्था (Economy)
- आतंकवाद का आर्थिक प्रभाव: निवेश, पर्यटन, व्यापार पर असर।
चुनौतियाँ और भारत की प्रतिक्रिया
भारत को सीमा पार आतंकवाद से निपटने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है:
- नियंत्रण रेखा (LoC) का लंबा और कठिन इलाका: पहाड़ी और दुर्गम इलाकों से घुसपैठ को रोकना बेहद मुश्किल होता है।
- पाकिस्तान द्वारा द्वेषपूर्ण कूटनीति: पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करता है और आतंकवाद को “स्वायत्तता के लिए संघर्ष” बताकर सही ठहराने की कोशिश करता है।
- घुसपैठ के नए तरीके: आतंकवादी अपनी रणनीति बदलते रहते हैं, जिसमें ड्रोन का इस्तेमाल कर हथियार और मादक पदार्थ गिराना भी शामिल है।
- अलगाववादी तत्वों का समर्थन: कभी-कभी स्थानीय अलगाववादी तत्व भी आतंकवादियों को अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से मदद करते हैं।
भारत की प्रतिक्रियाएं:
- कड़ा सैन्य जवाब: भारतीय सुरक्षा बल आतंकवादी घुसपैठ को नाकाम करने और आतंकवादियों को मार गिराने में पूरी तरह सक्षम हैं।
- खुफिया तंत्र को मजबूत करना: सरकार खुफिया जानकारी जुटाने और उसका विश्लेषण करने के लिए अपनी क्षमताओं को लगातार बढ़ा रही है।
- अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति: भारत वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करता रहता है और आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की वकालत करता है।
- सीमा प्रबंधन: सीमा पर बाड़बंदी, गश्त और निगरानी को और बेहतर बनाया जा रहा है।
- नक्सलवाद और आतंकवाद विरोधी कानून: सख्त कानून बनाए गए हैं ताकि आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
भविष्य की राह: समाधान और आगे के कदम
पहलगाम की घटना भारत को अपनी आतंकवाद विरोधी रणनीतियों की समीक्षा करने और उन्हें और मजबूत करने के लिए प्रेरित करती है। भविष्य में, कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:
- खुफिया जानकारी का बेहतर आदान-प्रदान: विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचनाओं का निर्बाध आदान-प्रदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- प्रौद्योगिकी का उन्नत उपयोग: ड्रोन, उपग्रह इमेजरी, और AI-आधारित निगरानी प्रणालियों का उपयोग सीमा पार गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए किया जाना चाहिए।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना: आतंकवाद को वित्तपोषित करने वाले नेटवर्कों को तोड़ने के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम करना आवश्यक है।
- आतंकवाद के मूल कारणों का समाधान: हालांकि सीमा पार आतंकवाद मुख्य समस्या है, लेकिन भारत के भीतर भी उन कारणों को संबोधित करना महत्वपूर्ण है जो युवाओं को कट्टरपंथी विचारधाराओं की ओर आकर्षित कर सकते हैं।
- जन-भागीदारी: स्थानीय समुदायों को आतंकवाद विरोधी प्रयासों में शामिल करना और उन्हें सुरक्षित रहने के लिए सशक्त बनाना।
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा उजागर किए गए सबूत, जैसे वोटर आईडी और चॉकलेट, सिर्फ एक मामले के बिंदु नहीं हैं; वे एक व्यापक भू-राजनीतिक खेल का हिस्सा हैं। यह भारत के लिए एक निरंतर लड़ाई है, जिसमें कूटनीतिक, सैन्य और खुफिया प्रयासों का एक सुविचारित संयोजन आवश्यक है। पहलगाम में मिली सफलता इस लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पाकिस्तान की दोहरी नीतियों को एक बार फिर दुनिया के सामने लाती है। UPSC उम्मीदवारों को इस घटना का विश्लेषण राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और भारत की आंतरिक स्थिरता के व्यापक संदर्भ में करना चाहिए।
UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)
प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs
- प्रश्न 1: पहलगाम मुठभेड़ के संदर्भ में, आतंकवादियों के पास से बरामद भारतीय वोटर आईडी कार्ड किस बात का संकेत देते हैं?
(a) आतंकवादियों की भारतीय नागरिकता
(b) पहचान छिपाने और घुसपैठ की कोशिश
(c) आतंकवादी गतिविधियों में स्थानीय समर्थन
(d) सुरक्षा बलों द्वारा गलत पहचान
उत्तर: (b)
व्याख्या: आतंकवादियों के पास भारतीय वोटर आईडी मिलने का मुख्य उद्देश्य पहचान छिपाना और स्थानीय आबादी के बीच घुसपैठ करना होता है, ताकि वे सुरक्षा बलों की नजरों से बच सकें। - प्रश्न 2: “सीमा पार आतंकवाद” (Cross-border Terrorism) का तात्पर्य निम्नलिखित में से किससे है?
(a) किसी देश द्वारा अपने आंतरिक आतंकवादी समूहों को बढ़ावा देना।
(b) किसी देश द्वारा दूसरे देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन, वित्तपोषण या संचालन करना।
(c) आतंकवाद के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का अभाव।
(d) केवल सीमा पर गोलीबारी की घटनाएं।
उत्तर: (b)
व्याख्या: सीमा पार आतंकवाद का सीधा अर्थ है कि एक राष्ट्र अपनी सीमाओं के बाहर, दूसरे राष्ट्र को लक्षित करके, आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता है या उनका समर्थन करता है। - प्रश्न 3: हालिया पहलगाम घटना में, केंद्रीय गृह मंत्री ने आतंकवादियों के पास से मिले किन वस्तुओं को पाकिस्तान से उनके संबंध का “पुख्ता सबूत” बताया?
(a) केवल हथियार और गोला-बारूद
(b) केवल संचार उपकरण
(c) वोटर आईडी कार्ड और चॉकलेट
(d) केवल नक्शे और दिशा-निर्देश
उत्तर: (c)
व्याख्या: गृह मंत्री श्री अमित शाह ने विशेष रूप से वोटर आईडी कार्ड और चॉकलेट जैसी विदेशी सामग्री को पाकिस्तान से उनके संबंध का सबूत बताया। - प्रश्न 4: भारत के अनुसार, पाकिस्तान पर भारत में आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप किस रूप में लगाया जाता है?
(a) केवल राजनीतिक बयानबाजी
(b) आतंकवादी समूहों को धन, प्रशिक्षण और सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करना
(c) सीधे तौर पर अपने सैनिकों को भेजना
(d) भारत की आंतरिक नीतियों में हस्तक्षेप करना
उत्तर: (b)
व्याख्या: भारत का आरोप है कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों को सक्रिय रूप से समर्थन देता है। - प्रश्न 5: पहलगाम जैसे मामलों में बरामद विदेशी ब्रांड की खाद्य सामग्री (जैसे चॉकलेट) निम्नलिखित में से किस बात का संकेत देती है?
(a) आतंकवादियों की विलासितापूर्ण जीवनशैली
(b) सीमा पार से आपूर्ति श्रृंखला और लंबी अवधि की घुसपैठ योजना
(c) स्थानीय लोगों द्वारा समर्थन
(d) अंतर्राष्ट्रीय सहायता का प्रमाण
उत्तर: (b)
व्याख्या: ऐसी सामग्री अक्सर आतंकवादियों द्वारा उपयोग की जाती है जिन्हें लंबी अवधि तक निगरानी से बचना होता है और यह सीमा पार से प्राप्त आपूर्ति का हिस्सा होती है। - प्रश्न 6: जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित में से कौन सा उपाय सबसे प्रभावी हो सकता है?
(a) केवल सीमा पर बाड़बंदी बढ़ाना
(b) खुफिया तंत्र को मजबूत करना और पड़ोसी देशों के साथ समन्वय
(c) केवल राजनीतिक समाधान पर ध्यान केंद्रित करना
(d) स्थानीय विद्रोहियों के साथ बातचीत
उत्तर: (b)
व्याख्या: एक मजबूत खुफिया तंत्र और प्रभावी समन्वय आतंकवाद को रोकने और उससे निपटने के लिए महत्वपूर्ण हैं। - प्रश्न 7: 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के संदर्भ में, पकड़ा गया एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब, किस देश का नागरिक था?
(a) भारत
(b) अफगानिस्तान
(c) पाकिस्तान
(d) बांग्लादेश
उत्तर: (c)
व्याख्या: अजमल कसाब पाकिस्तान का नागरिक था और उसने अपनी स्वीकारोक्ति में पाकिस्तान से आए होने की बात कही थी। - प्रश्न 8: भारत अक्सर किस अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के प्रायोजन के मुद्दे को उठाता है?
(a) विश्व व्यापार संगठन (WTO)
(b) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)
(c) संयुक्त राष्ट्र (UN)
(d) विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
उत्तर: (c)
व्याख्या: भारत संयुक्त राष्ट्र और उसके विभिन्न मंचों का उपयोग पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीतियों को उजागर करने के लिए करता है। - प्रश्न 9: भारत में आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए निम्नलिखित में से कौन सी संस्थाएं मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं?
(a) केवल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
(b) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) और वित्तीय आसूचना इकाई (FIU)
(c) केवल सीमा सुरक्षा बल (BSF)
(d) कर्मचारी चयन आयोग (SSC)
उत्तर: (b)
व्याख्या: NIA जांच करती है और FIU वित्तीय लेनदेन की निगरानी करती है जो आतंकवाद के वित्तपोषण से जुड़े हो सकते हैं। - प्रश्न 10: आतंकवाद का किसी देश की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(a) निवेश और पर्यटन में वृद्धि
(b) व्यापार में सुधार
(c) वित्तीय बाजारों में अस्थिरता और आर्थिक विकास में बाधा
(d) केवल रोजगार के नए अवसर
उत्तर: (c)
व्याख्या: आतंकवाद आर्थिक गतिविधियों को बाधित करता है, अनिश्चितता पैदा करता है, और दीर्घकालिक आर्थिक विकास को प्रभावित करता है।
मुख्य परीक्षा (Mains)
- प्रश्न 1: पहलगाम मुठभेड़ में बरामद वोटर आईडी कार्ड और चॉकलेट जैसी वस्तुएं सीमा पार आतंकवाद के संबंध में भारत के दावों को कैसे मजबूत करती हैं? भारत को इस निरंतर खतरे से निपटने के लिए अपनी वर्तमान सुरक्षा और कूटनीतिक रणनीतियों का विश्लेषण करें। (250 शब्द)
- प्रश्न 2: “सीमा पार आतंकवाद” भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है। इस कथन का विश्लेषण करते हुए, भारत द्वारा आतंकवाद के वित्तपोषण और प्रसार के विरुद्ध उठाए गए कदमों और उनके प्रभाव पर प्रकाश डालें। (150 शब्द)
- प्रश्न 3: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं को कम करने और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की भूमिका का समालोचनात्मक मूल्यांकन करें। (150 शब्द)
- प्रश्न 4: भारत-पाकिस्तान संबंधों के संदर्भ में, सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को संबोधित करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कितना प्रभावी रहा है? भारत की कूटनीतिक रणनीति की समीक्षा करें। (250 शब्द)