विजयी प्रहार: कैसे खेल भारत की सॉफ्ट पावर और आर्थिक वृद्धि के नए द्वार खोल रहे हैं?

विजयी प्रहार: कैसे खेल भारत की सॉफ्ट पावर और आर्थिक वृद्धि के नए द्वार खोल रहे हैं?

चर्चा में क्यों? (Why in News?):**

हाल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच एक रोमांचक क्रिकेट मुकाबले ने सुर्खियाँ बटोरीं, जहाँ भारतीय टीम ने शुरुआती झटके देकर मैच पर अपनी पकड़ बनाई और नीतीश जैसे खिलाड़ियों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। स्कोरबोर्ड पर दर्ज ये अंक सिर्फ खेल के परिणाम नहीं, बल्कि एक व्यापक कहानी का हिस्सा हैं – कहानी राष्ट्रीय गौरव की, आर्थिक संभावनाओं की, और वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती साख की। यह घटना हमें इस बात पर विचार करने का अवसर देती है कि कैसे खेल, मात्र मनोरंजन की सीमाओं को पार कर, राष्ट्र निर्माण, सॉफ्ट पावर कूटनीति और आर्थिक विकास के एक शक्तिशाली माध्यम बन चुके हैं।

खेल: सिर्फ मनोरंजन से बढ़कर (Sports: More than just Entertainment)

सदियों से, खेल मानव समाज का अभिन्न अंग रहे हैं। प्राचीन ओलंपिक खेलों से लेकर आधुनिक क्रिकेट, फुटबॉल या हॉकी तक, खेलों ने न केवल शारीरिक दक्षता का प्रदर्शन किया है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और यहां तक कि राजनीतिक पहलुओं को भी आकार दिया है। आज, खेल केवल शारीरिक गतिविधियों या मनोरंजन का साधन नहीं रहे; वे राष्ट्रीय पहचान, आर्थिक उत्थान और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने वाले बहुआयामी उपकरण बन गए हैं।

“खेल हमें सिखाते हैं कि कैसे एक टीम के रूप में काम करें, कैसे चुनौतियों का सामना करें, और कैसे हार-जीत दोनों को गरिमा के साथ स्वीकार करें।” – एक अज्ञात खिलाड़ी

सॉफ्ट पावर के रूप में खेल कूटनीति (Sports Diplomacy as Soft Power)

सॉफ्ट पावर, किसी राष्ट्र की वह क्षमता है जिससे वह बल प्रयोग के बजाय आकर्षण के माध्यम से वांछित परिणाम प्राप्त करता है। खेल इस सॉफ्ट पावर का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

  • अंतर्राष्ट्रीय संबंध और सद्भावना: भारत और इंग्लैंड जैसे देशों के बीच क्रिकेट मैच सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मैत्रीपूर्ण संबंधों का एक मंच भी है। जब दो देशों के खिलाड़ी एक ही मैदान पर प्रतिस्पर्धा करते हैं, तो वे अपने राष्ट्रों के बीच एक अदृश्य पुल का निर्माण करते हैं, जो कूटनीतिक संवाद को सुगम बनाता है।
  • राष्ट्रीय ब्रांडिंग और छवि निर्माण: बड़े खेल आयोजनों की मेजबानी करना या उनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करना, एक देश को विश्व मंच पर अपनी क्षमता, संगठन कौशल और प्रगतिशील छवि को प्रदर्शित करने का अवसर देता है। भारत की क्रिकेट में बढ़ती ताकत और ओलंपिक जैसे आयोजनों में प्रदर्शन उसकी वैश्विक पहचान को मजबूत करता है।
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान: खेल सांस्कृतिक बाधाओं को तोड़ने में मदद करते हैं। खिलाड़ी, कोच और प्रशंसक विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और जीवन शैली से परिचित होते हैं, जिससे आपसी समझ और सम्मान बढ़ता है।
  • युवाओं को जोड़ना: खेल दुनिया भर के युवाओं को एक साझा जुनून के माध्यम से जोड़ते हैं, जिससे भविष्य के लिए सहयोगात्मक संबंध बनते हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था में खेल का योगदान (Contribution of Sports to Indian Economy)

भारत में खेल उद्योग, विशेषकर क्रिकेट, एक विशाल आर्थिक शक्ति बन चुका है। यह केवल एक जुनून नहीं, बल्कि एक अरबों डॉलर का उद्योग है।

  1. मीडिया अधिकार और विज्ञापन:
    • टेलिविज़न और डिजिटल स्ट्रीमिंग: खेल आयोजनों के प्रसारण अधिकार (Broadcast Rights) अरबों रुपये में बेचे जाते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मीडिया अधिकार इसका एक प्रमुख उदाहरण हैं, जिन्होंने रिकॉर्ड तोड़ राजस्व अर्जित किया है। ये अधिकार प्रसारकों और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के लिए राजस्व का एक बड़ा स्रोत हैं।
    • विज्ञापन और स्पॉन्सरशिप: खेल आयोजनों, टीमों और खिलाड़ियों को मिलने वाले विज्ञापन और स्पॉन्सरशिप (Sponsorships) से बड़ी आय होती है। कंपनियां अपनी ब्रांड पहचान बनाने के लिए खेलों का उपयोग करती हैं।
  2. खेल पर्यटन और आधारभूत संरचना:
    • खेल पर्यटन: बड़े टूर्नामेंट और मैच दर्शकों को आकर्षित करते हैं, जिससे होटल, परिवहन और स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलता है। उदाहरण के लिए, विश्व कप के दौरान लाखों पर्यटक भारत आते हैं, जिससे पर्यटन उद्योग को सीधा लाभ होता है।
    • आधारभूत संरचना विकास: नए स्टेडियम, खेल अकादमियां और प्रशिक्षण सुविधाएं बनाने में भारी निवेश होता है, जिससे निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलता है और आधुनिक खेल आधारभूत संरचना का विकास होता है।
  3. रोजगार सृजन:
    • प्रत्यक्ष रोजगार: खिलाड़ी, कोच, सपोर्ट स्टाफ (फिजियोथेरेपिस्ट, ट्रेनर), अंपायर, खेल पत्रकार, इवेंट मैनेजर और मार्केटिंग पेशेवर।
    • अप्रत्यक्ष रोजगार: उपकरण निर्माता, स्पोर्ट्स वियर ब्रांड, विज्ञापन एजेंसियां, सुरक्षा कर्मी, खानपान सेवाएँ।
  4. विनिर्माण और खुदरा व्यापार:
    • खेल उपकरण, परिधान और सहायक उपकरण का निर्माण और बिक्री एक बड़ा बाजार है। “मेड इन इंडिया” खेल उत्पादों को बढ़ावा देने से स्थानीय उद्योगों को बल मिलता है।
  5. निवेश और स्टार्टअप:
    • खेल प्रौद्योगिकी, डेटा एनालिटिक्स और फिटनेस समाधान में नए स्टार्टअप (Startups) उभर रहे हैं, जो निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं।

“IPL एक असाधारण सफलता की कहानी है, जिसने न केवल क्रिकेट को एक नया आयाम दिया है, बल्कि भारतीय खेल अर्थव्यवस्था के लिए एक मॉडल भी स्थापित किया है।”

राष्ट्र निर्माण और सामाजिक सामंजस्य में खेल की भूमिका (Role of Sports in Nation Building and Social Cohesion)

खेलों का प्रभाव केवल आर्थिक या कूटनीतिक नहीं है, बल्कि यह समाज के ताने-बाने को भी मजबूत करता है।

  1. राष्ट्रीय गौरव और एकता:
    • जब कोई राष्ट्रीय टीम जीतती है, तो पूरा देश एक साथ जश्न मनाता है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो। यह राष्ट्रीय एकता और गौरव की भावना को बढ़ावा देता है।
  2. युवा विकास, स्वास्थ्य और फिटनेस:
    • खेल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। यह मोटापे और गैर-संक्रामक रोगों से लड़ने में मदद करते हैं।
    • युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, टीम वर्क और दृढ़ संकल्प जैसे महत्त्वपूर्ण जीवन कौशल विकसित करते हैं।
  3. मूल्यों का संचार:
    • खेल ईमानदारी, खेल भावना (Sportsmanship), निष्पक्षता और सम्मान जैसे मूल्यों को सिखाते हैं।
    • हार को स्वीकार करना और जीत में विनम्र रहना सिखाते हैं।
  4. सामाजिक समावेश और सशक्तिकरण:
    • खेल लिंग, जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना सभी को समान अवसर प्रदान करते हैं।
    • दिव्यांग खिलाड़ियों को पैरा-खेलों के माध्यम से सशक्तिकरण का मंच मिलता है, जिससे समाज में उनकी स्वीकृति बढ़ती है।
    • सरकार की ‘खेलो इंडिया’ जैसी पहल जमीनी स्तर पर प्रतिभा की पहचान कर उसे पोषित करने का काम कर रही है।

खेल शासन और नैतिकता (Sports Governance and Ethics)

एक मजबूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सुशासन और नैतिक आचरण अनिवार्य है।

  • नियामक निकाय:
    • भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI): भारत में क्रिकेट का शासी निकाय, दुनिया के सबसे धनी खेल संगठनों में से एक।
    • भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI): भारत में खेल के विकास और संवर्धन के लिए नोडल सरकारी निकाय।
    • राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA): डोपिंग मुक्त खेल सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार।
    • विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA): अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डोपिंग रोधी नियमों को नियंत्रित करने वाली संस्था।
  • चुनौतियाँ:
    • डोपिंग: प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं का उपयोग, जो खेल भावना और एथलीटों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है।
    • मैच फिक्सिंग और भ्रष्टाचार: अवैध गतिविधियों के माध्यम से खेल के परिणाम को प्रभावित करना।
    • पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी: कुछ खेल संघों में पारदर्शिता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की कमी।
    • लैंगिक असमानता: महिलाओं के खेलों को पुरुषों के खेलों जितनी पहचान और संसाधन न मिलना।
    • खिलाड़ियों का शोषण: विशेषकर जमीनी स्तर पर युवा खिलाड़ियों का शोषण।
  • सरकारी पहल:
    • राष्ट्रीय खेल संहिता: खेल निकायों के लिए शासन के दिशानिर्देश।
    • खेलो इंडिया: जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं की पहचान और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए प्रशिक्षित करना।

खेलों में प्रौद्योगिकी का प्रभाव (Impact of Technology in Sports)

प्रौद्योगिकी ने खेलों को देखने, खेलने और विश्लेषण करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है।

  • प्रसारण और दर्शक अनुभव:
    • वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR): दर्शकों को अधिक इमर्सिव अनुभव प्रदान करना।
    • ड्रोन और हाई-डेफिनिशन कैमरे: खेल के हर कोण से बेहतर फुटेज प्रदान करना।
    • डीडी स्पोर्ट्स (DD Sports) और ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT Platforms): खेल को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाना।
  • प्रदर्शन विश्लेषण और प्रशिक्षण:
    • डेटा एनालिटिक्स (Data Analytics): खिलाड़ियों के प्रदर्शन, रणनीति और विपक्षी टीम की कमजोरियों का विश्लेषण।
    • स्मार्ट वियरेबल्स (Smart Wearables): खिलाड़ियों के शारीरिक डेटा (हृदय गति, गति, आदि) को ट्रैक करना।
    • सिमुलेशन सॉफ्टवेयर (Simulation Software): खिलाड़ियों को वास्तविक खेल स्थितियों का अनुभव कराना।
  • निर्णय लेने में सहायता:
    • डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS): क्रिकेट में अंपायरों के फैसलों की सटीकता बढ़ाना।
    • गोल-लाइन टेक्नोलॉजी (Goal-line Technology) और VAR: फुटबॉल में विवादित फैसलों को हल करना।
  • चुनौतियाँ:
    • लागत: नई तकनीकों को लागू करने की उच्च लागत।
    • डेटा सुरक्षा और निजता: खिलाड़ियों के व्यक्तिगत और प्रदर्शन डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • तकनीकी निर्भरता: अत्यधिक तकनीकी निर्भरता से खेल के मानवीय पहलू पर संभावित नकारात्मक प्रभाव।

चुनौतियाँ और आगे की राह (Challenges and Way Forward)

भारत में खेल के विकास के मार्ग में कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन सही दृष्टिकोण और रणनीतियों के साथ इन्हें दूर किया जा सकता है।

चुनौतियाँ:

  1. फंडिंग की कमी: क्रिकेट को छोड़कर अन्य खेलों को पर्याप्त वित्तीय सहायता न मिलना।
  2. आधारभूत संरचना का अभाव: ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में विश्वस्तरीय खेल सुविधाओं की कमी।
  3. जमीनी स्तर पर प्रतिभा की पहचान और पोषण: स्कूल स्तर पर खेल को गंभीरता से न लेना और प्रतिभाओं को उचित मार्गदर्शन न मिलना।
  4. अन्य खेलों की उपेक्षा: क्रिकेट के वर्चस्व के कारण अन्य खेलों (जैसे हॉकी, एथलेटिक्स, कुश्ती) को कम ध्यान मिलना।
  5. व्यावसायिकता का दबाव: प्रदर्शन और राजस्व के लिए अत्यधिक दबाव, जो खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
  6. सामाजिक-सांस्कृतिक बाधाएँ: विशेषकर लड़कियों और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए खेलों में भाग लेने में सामाजिक बाधाएँ।

आगे की राह (Way Forward):

  1. सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP): खेल आधारभूत संरचना के विकास और रखरखाव के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग को बढ़ावा देना।
  2. जमीनी स्तर पर निवेश: स्कूल और कॉलेज स्तर पर खेल शिक्षा को मजबूत करना, खेल अकादमियों की स्थापना करना और प्रतिभाशाली बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करना।
  3. खेल को पाठ्यक्रम में शामिल करना: शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य बनाना और खेल को एक व्यवहार्य करियर विकल्प के रूप में बढ़ावा देना।
  4. नैतिकता और सुशासन पर जोर: खेल संघों में पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को लागू करना। डोपिंग और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर नीतियां बनाना।
  5. प्रौद्योगिकी का सकारात्मक उपयोग: प्रदर्शन विश्लेषण, प्रशिक्षण और दर्शक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना, लेकिन मानवीय पहलू को बनाए रखना।
  6. खेल कूटनीति का विस्तार: द्विपक्षीय और बहुपक्षीय खेल आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग लेना और उन्हें कूटनीतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करना।
  7. अन्य खेलों को प्रोत्साहन: क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में भी निवेश और मीडिया कवरेज बढ़ाना, ताकि एक संतुलित खेल संस्कृति का विकास हो सके।

निष्कर्ष (Conclusion)

एक क्रिकेट मैच के स्कोरकार्ड से शुरू हुई यह यात्रा, हमें यह समझने पर मजबूर करती है कि खेल महज एक प्रतिस्पर्धा नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्र निर्माण के महत्त्वपूर्ण स्तंभ हैं। वे अर्थव्यवस्था को गति देते हैं, सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करते हैं, और वैश्विक मंच पर देश की सॉफ्ट पावर को बढ़ाते हैं। भारत के लिए, जिसका युवा वर्ग दुनिया में सबसे बड़ा है और जिसकी आर्थिक महत्वाकांक्षाएं बुलंद हैं, खेल एक अमूल्य संसाधन हैं। सही नीतियों, निवेश और दूरदृष्टि के साथ, खेल भारत को एक मजबूत, स्वस्थ और आत्मविश्वास से भरा राष्ट्र बनाने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे एक महत्वपूर्ण विकेट शुरुआती झटके देकर मैच पर पकड़ मजबूत कर सकता है। खेल एक शक्तिशाली प्रेरक बल हैं, जो हमें न केवल मैदान पर, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में ‘विजयी प्रहार’ करने के लिए प्रेरित करते हैं।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

(निम्नलिखित कथनों पर विचार करें और सही विकल्प का चयन करें)

1. खेल कूटनीति (Sports Diplomacy) के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह किसी देश की सॉफ्ट पावर को बढ़ाने का एक उपकरण है।
2. यह केवल द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने तक ही सीमित है, बहुपक्षीय मंचों पर इसका उपयोग नहीं होता।
3. सांस्कृतिक आदान-प्रदान इसका एक महत्वपूर्ण पहलू है।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)
व्याख्या: कथन 1 सही है क्योंकि खेल कूटनीति सॉफ्ट पावर का एक प्रमुख घटक है, जो किसी देश को आकर्षण के माध्यम से प्रभाव डालने में मदद करती है। कथन 3 भी सही है, क्योंकि खेल सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को बढ़ावा देते हैं। कथन 2 गलत है क्योंकि खेल कूटनीति द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों मंचों पर कार्यरत है (जैसे ओलंपिक, फीफा विश्व कप आदि)।

2. भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह भारत में खेल के विकास के लिए एक शीर्ष सरकारी निकाय है।
2. इसका मुख्य उद्देश्य खेल सुविधाओं का निर्माण और प्रबंधन करना है।
3. यह केवल अभिजात वर्ग के एथलीटों के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करता है, जमीनी स्तर के विकास पर नहीं।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)
व्याख्या: भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) भारत में खेल के विकास के लिए एक शीर्ष सरकारी निकाय है और खेल सुविधाओं के निर्माण और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, यह जमीनी स्तर पर प्रतिभा की पहचान और पोषण पर भी ध्यान केंद्रित करता है (जैसे कि ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम के माध्यम से), इसलिए कथन 3 गलत है।

3. भारतीय अर्थव्यवस्था में खेल उद्योग के योगदान के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?
(a) खेल प्रसारण अधिकार राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
(b) खेल उद्योग पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को बढ़ावा देता है।
(c) यह केवल खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिए रोजगार पैदा करता है, अन्य क्षेत्रों के लिए नहीं।
(d) खेल उपकरण निर्माण और बिक्री भी अर्थव्यवस्था में योगदान करती है।

उत्तर: (c)
व्याख्या: खेल उद्योग खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के अलावा, इवेंट मैनेजरों, खेल पत्रकारों, मार्केटिंग पेशेवरों, सुरक्षा कर्मियों, और उपकरण निर्माताओं सहित कई अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार पैदा करता है। इसलिए कथन (c) गलत है।

4. डोपिंग रोधी एजेंसियों के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
1. NADA: भारत में डोपिंग रोधी नियमन
2. WADA: अंतरराष्ट्रीय डोपिंग रोधी नियमन
3. BCCI: खिलाड़ियों के स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देश
उपरोक्त युग्मों में से कौन सा/से सही सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)
व्याख्या: NADA (National Anti-Doping Agency) भारत में डोपिंग रोधी नियमों को लागू करती है, जबकि WADA (World Anti-Doping Agency) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डोपिंग रोधी संहिता और दिशानिर्देशों को नियंत्रित करती है। BCCI (Board of Control for Cricket in India) भारत में क्रिकेट का शासी निकाय है, न कि प्राथमिक डोपिंग रोधी एजेंसी, हालांकि यह डोपिंग रोधी नियमों का पालन करवाता है। इसलिए, युग्म 3 सही सुमेलित नहीं है।

5. ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम के उद्देश्यों के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं की पहचान करना।
2. भारत को एक खेल महाशक्ति के रूप में बढ़ावा देना।
3. स्कूलों में खेल के बुनियादी ढांचे का विकास करना।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)
व्याख्या: ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम का उद्देश्य जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं की पहचान करना, भारत को एक खेल महाशक्ति के रूप में बढ़ावा देना, और देश भर में खेल के बुनियादी ढांचे का विकास करना है। इसलिए सभी कथन सही हैं।

6. खेलों में प्रौद्योगिकी के उपयोग के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) का उपयोग केवल क्रिकेट में किया जाता है।
2. वर्चुअल रियलिटी (VR) दर्शकों को अधिक इमर्सिव अनुभव प्रदान करने में मदद करती है।
3. स्मार्ट वियरेबल्स खिलाड़ियों के प्रदर्शन डेटा को ट्रैक करने में सहायक होते हैं।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)
व्याख्या: DRS मुख्य रूप से क्रिकेट में उपयोग किया जाता है, लेकिन VAR (Video Assistant Referee) जैसी समान समीक्षा प्रणालियाँ फुटबॉल जैसे अन्य खेलों में भी उपयोग की जाती हैं, हालांकि DRS शब्द विशेष रूप से क्रिकेट से जुड़ा है। VR दर्शकों को इमर्सिव अनुभव प्रदान करती है और स्मार्ट वियरेबल्स खिलाड़ियों के प्रदर्शन डेटा को ट्रैक करने में मदद करते हैं। इसलिए कथन 1 सटीक रूप से गलत है क्योंकि “केवल क्रिकेट” यह अतिशयोक्ति है, जबकि 2 और 3 सही हैं।

7. राष्ट्रीय खेल संहिता का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
(a) भारत में सभी खेल महासंघों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
(b) खेल निकायों में सुशासन और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करना।
(c) डोपिंग रोधी नियमों को लागू करना।
(d) केवल ओलंपिक खेलों में भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाना।

उत्तर: (b)
व्याख्या: राष्ट्रीय खेल संहिता का प्राथमिक उद्देश्य खेल निकायों में पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं सहित सुशासन को सुनिश्चित करना है।

8. भारतीय खेल परिदृश्य में ‘सॉफ्ट पावर’ की अवधारणा को सबसे अच्छे से कौन सा उदाहरण दर्शाता है?
(a) भारतीय क्रिकेट टीम का विदेशी दौरों पर जाना।
(b) भारत द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी करना।
(c) भारतीय एथलीटों का विदेशी लीगों में भाग लेना।
(d) उपरोक्त सभी।

उत्तर: (d)
व्याख्या: ये सभी उदाहरण भारतीय सॉफ्ट पावर को दर्शाते हैं। विदेशी दौरे द्विपक्षीय संबंध मजबूत करते हैं, मेजबानी से वैश्विक छवि सुधरती है, और विदेशी लीगों में एथलीटों की भागीदारी से भारत की खेल क्षमता और संस्कृति का प्रदर्शन होता है।

9. खेलों के माध्यम से सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. खेल लिंग या सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बावजूद समान अवसर प्रदान करते हैं।
2. पैरा-स्पोर्ट्स दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
3. ‘खेल’ को भारतीय संविधान की राज्य सूची के तहत रखा गया है।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)
व्याख्या: खेल लिंग या सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बावजूद समान अवसर प्रदान करके सामाजिक समावेश को बढ़ावा देते हैं। पैरा-स्पोर्ट्स दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सशक्तिकरण का एक शक्तिशाली माध्यम हैं। भारतीय संविधान के तहत ‘खेल’ को राज्य सूची का विषय माना गया है, जिसका अर्थ है कि राज्य सरकारों के पास इस पर कानून बनाने और नीतियां बनाने की प्राथमिक शक्ति है।

10. भारत में खेल क्षेत्र के सामने प्रमुख चुनौतियों में से एक ‘फंडिंग की कमी’ को कैसे दूर किया जा सकता है?
1. सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को बढ़ावा देकर।
2. कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) फंड का उपयोग करके।
3. केवल सरकार द्वारा सभी वित्तीय सहायता प्रदान करके।
4. अन्य खेलों की तुलना में क्रिकेट को अधिक धन आवंटित करके।
नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (a)
व्याख्या: फंडिंग की कमी को दूर करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी और CSR फंड का उपयोग महत्वपूर्ण है। केवल सरकार द्वारा सभी फंडिंग प्रदान करना टिकाऊ नहीं है और क्रिकेट को अधिक धन आवंटित करने से अन्य खेलों की उपेक्षा होगी, जो समस्या को और बढ़ाएगा।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. “खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण और सॉफ्ट पावर कूटनीति के शक्तिशाली उपकरण हैं।” इस कथन का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए और भारत के संदर्भ में इसके निहितार्थों की विवेचना कीजिए।

2. भारतीय अर्थव्यवस्था में खेल उद्योग के बढ़ते योगदान पर प्रकाश डालिए। इस क्षेत्र में सुशासन सुनिश्चित करने और डोपिंग व भ्रष्टाचार जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? विस्तार से चर्चा कीजिए।

3. ‘खेलो इंडिया’ जैसे कार्यक्रम भारत में खेल संस्कृति को कैसे बढ़ावा दे रहे हैं? भारतीय खेलों के जमीनी स्तर के विकास में आने वाली प्रमुख चुनौतियों का मूल्यांकन करें और इन चुनौतियों से निपटने के लिए व्यवहार्य समाधान सुझाएं।

4. प्रौद्योगिकी ने खेलों को देखने, खेलने और विश्लेषण करने के तरीके में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं। इस कथन के आलोक में, भारतीय खेल परिदृश्य पर प्रौद्योगिकी के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों का विश्लेषण कीजिए।

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