लोकतंत्र की बुनियाद: संविधान के हर पहलू पर आपकी पकड़ का इम्तिहान
नमस्कार, भारत के जीवंत लोकतंत्र के निर्माताओं! आज हम भारतीय राजव्यवस्था और संविधान की गहराइयों में उतरेंगे। अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट करने और परीक्षा के लिए पूरी तरह तैयार होने का यह आपका दैनिक अवसर है। आइए, अपनी विशेषज्ञता को परखें और ज्ञान की ज्योति जलाएं!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन को ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है क्योंकि इसने प्रस्तावना सहित संविधान के कई प्रावधानों में महत्वपूर्ण बदलाव किए। ये शब्द भारत की संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य की प्रकृति को और अधिक स्पष्ट करते हैं।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन 1978 में मौलिक अधिकारों से संबंधित था (जैसे संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाना)। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी प्रावधानों (10वीं अनुसूची) से संबंधित है। 61वां संशोधन मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करने से संबंधित है।
प्रश्न 2: किस अनुच्छेद के तहत संसद को नए राज्यों के गठन या राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन करने की शक्ति प्राप्त है?
- अनुच्छेद 1
- अनुच्छेद 2
- अनुच्छेद 3
- अनुच्छेद 4
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 3 संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह नए राज्यों का निर्माण कर सकती है, मौजूदा राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन कर सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह किसी भी राज्य से क्षेत्र अलग करके या दो या अधिक राज्यों या उनके भागों को मिलाकर नया राज्य बना सकती है। यह शक्ति संसद के पास है, लेकिन संबंधित राज्य विधानमंडल की राय जानने की प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है, हालांकि संसद इस राय से बाध्य नहीं होती।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 1 भारत को ‘राज्यों का संघ’ घोषित करता है। अनुच्छेद 2 संसद को ऐसे नए राज्यों को संघ में प्रवेश या स्थापना करने की शक्ति देता है, जो पहले भारतीय संघ का हिस्सा नहीं थे। अनुच्छेद 4 कहता है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बनाए गए कानून अनुच्छेद 368 के तहत संशोधन नहीं माने जाएंगे।
प्रश्न 3: भारत में ‘न्यायिक सक्रियता’ (Judicial Activism) की अवधारणा किस देश के संविधान से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: ‘न्यायिक सक्रियता’ की अवधारणा, जिसमें न्यायपालिका जनहित में सक्रिय भूमिका निभाती है और विधायिका व कार्यपालिका के कार्यों पर निगरानी रखती है, संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्रेरित है।
- संदर्भ और विस्तार: अमेरिकी संविधान में ‘उचित प्रक्रिया’ (Due Process) और ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ (Judicial Review) की अवधारणाएं न्यायिक सक्रियता के लिए आधार प्रदान करती हैं। भारत में भी जनहित याचिकाओं (PILs) के माध्यम से न्यायपालिका ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- गलत विकल्प: यूनाइटेड किंगडम में ‘संसदीय सर्वोच्चता’ (Parliamentary Sovereignty) का सिद्धांत है, जहां संसद के कानून अंतिम होते हैं। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के संविधानों में भी न्यायिक पुनर्विलोकन है, लेकिन ‘न्यायिक सक्रियता’ का विशिष्ट संदर्भ अमेरिका से अधिक जुड़ा है।
प्रश्न 4: अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी किए जाने वाले पांच प्रकार के रिटों में से कौन सा रिट किसी व्यक्ति को उस पद से हटाने के लिए जारी किया जाता है जिस पर वह अवैध रूप से कब्जा करता है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto) रिट किसी व्यक्ति को उस सार्वजनिक पद को छोड़ने का आदेश देने के लिए जारी किया जाता है, जिसे वह अवैध रूप से धारण करता है। सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालय अनुच्छेद 226 के तहत इसका प्रयोग करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह रिट यह सुनिश्चित करता है कि कोई व्यक्ति केवल उसी पद पर बना रहे जिसके लिए वह विधिवत रूप से योग्य है।
- गलत विकल्प: बंदी प्रत्यक्षीकरण किसी अवैध रूप से हिरासत में रखे गए व्यक्ति को अदालत में पेश करने का आदेश है। परमादेश किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसका विधायी कर्तव्य निभाने का आदेश है। प्रतिषेध किसी उच्च न्यायालय द्वारा निचली अदालत को कार्यवाही रोकने का आदेश है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता भारतीय संविधान की एकल नागरिकता को इंगित करती है?
- संविधान में नागरिकता के बारे में केवल केंद्र सरकार को कानून बनाने का अधिकार है।
- सभी नागरिकों को देश भर में समान अधिकार और विशेषाधिकार प्राप्त हैं।
- संविधान नागरिकता के संबंध में राज्यों को कोई विशेष दर्जा नहीं देता है।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान ‘एकल नागरिकता’ का प्रावधान करता है, जिसका अर्थ है कि भारत का प्रत्येक नागरिक, चाहे वह कहीं भी रहता हो, केवल भारतीय नागरिक है। यह विशेषता उपरोक्त सभी बिंदुओं में निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 11 के अनुसार, नागरिकता से संबंधित कानून बनाने की शक्ति केवल संसद के पास है। इसके अलावा, पूरे देश के नागरिकों के लिए समान नागरिक अधिकार हैं, और किसी भी राज्य को नागरिकता के संबंध में कोई विशेष अधिकार या विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है। यह अमेरिकी दोहरी नागरिकता (संघीय और राज्य) के विपरीत है।
- गलत विकल्प: सभी विकल्प एकल नागरिकता के सिद्धांत को सही ढंग से दर्शाते हैं, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।
प्रश्न 6: भारतीय संविधान के किस भाग में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) का उल्लेख है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IV-A
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) का वर्णन करता है।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत न्यायोचित नहीं हैं, लेकिन देश के शासन के लिए मौलिक हैं और कानून बनाने में राज्य द्वारा लागू किए जाने चाहिए। इनका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।
प्रश्न 7: भारत के राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया किस अनुच्छेद में उल्लिखित है?
- अनुच्छेद 56
- अनुच्छेद 61
- अनुच्छेद 62
- अनुच्छेद 74
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया अनुच्छेद 61 में उल्लिखित है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति पर संविधान के अतिक्रमण के आधार पर महाभियोग चलाया जा सकता है। यह एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया है जो संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) द्वारा शुरू की जा सकती है। महाभियोग चलाने के लिए सदन के कुल सदस्यों के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक लिखित आरोप का प्रस्तावना आवश्यक है, और इस प्रस्ताव को सदन की कुल सदस्यता के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना चाहिए।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के कार्यकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 62 राष्ट्रपति पद की रिक्ति को भरने के लिए चुनाव कराने के समय से संबंधित है। अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद के बारे में है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सी एक विशेषता भारतीय संविधान की ‘कल्याणकारी राज्य’ की अवधारणा से सबसे अधिक निकटता से जुड़ी है?
- मौलिक अधिकार
- राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत
- मौलिक कर्तव्य
- नागरिकता
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (DPSP) भारतीय संविधान में ‘कल्याणकारी राज्य’ की अवधारणा को साकार करने का प्रयास करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने, नागरिकों के कल्याण को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए सरकार को दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं। अनुच्छेद 38, 39, 41, 42 आदि स्पष्ट रूप से कल्याणकारी राज्य के उद्देश्यों को दर्शाते हैं।
- गलत विकल्प: मौलिक अधिकार नागरिकों के स्वतंत्रता और गरिमा की रक्षा करते हैं, लेकिन वे सरकार पर सकारात्मक दायित्व के बजाय नकारात्मक प्रतिबंध लगाते हैं। मौलिक कर्तव्य नागरिकों के नागरिक कर्तव्य हैं। नागरिकता एक कानूनी स्थिति है।
प्रश्न 9: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है और केंद्र तथा राज्य सरकारों के लेखाओं का लेखा-परीक्षण करता है। वह अपनी ऑडिट रिपोर्ट संसद और राज्य विधानमंडलों के समक्ष प्रस्तुत करता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं, लेकिन CAG की नियुक्ति नहीं करते। लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति क्रमशः संसद के सदनों के पीठासीन अधिकारी होते हैं।
प्रश्न 10: पंचायती राज व्यवस्था को भारतीय संविधान की किस अनुसूची में शामिल किया गया है?
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- नवीं अनुसूची
- ग्यारहवीं अनुसूची
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संशोधन संदर्भ: पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुसूची में 29 विषय शामिल हैं जिन पर पंचायती राज संस्थाओं को कानून बनाने और लागू करने का अधिकार है। यह स्थानीय स्वशासन को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों से संबंधित है। आठवीं अनुसूची मान्यता प्राप्त भाषाओं से संबंधित है। नौवीं अनुसूची भूमि सुधारों से संबंधित कानूनों की सूची है।
प्रश्न 11: किस संविधान संशोधन द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार की श्रेणी से हटाकर एक विधिक अधिकार बना दिया गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संशोधन संदर्भ: 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 31) से हटाकर संविधान के भाग XII में एक नया अनुच्छेद 300-A जोड़कर एक सामान्य विधिक अधिकार बना दिया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य संपत्ति के अधिकार को निजी संपत्ति के अधिकार तक सीमित करना था, ताकि सरकार के लिए सामाजिक-आर्थिक नीतियों को लागू करना आसान हो सके, जो सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता हो सकती है।
- गलत विकल्प: 42वां संशोधन (1976) ने प्रस्तावना में शब्द जोड़े और मौलिक कर्तव्यों को शामिल किया। 52वां संशोधन (1985) दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित है। 61वां संशोधन (1989) मतदान की आयु कम करने से संबंधित है।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता की गारंटी देता है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समानता की गारंटी देता है।
- संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के संबंध में धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या निवास के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। हालांकि, संसद कानून द्वारा निवास की शर्त निर्धारित कर सकती है (अनुच्छेद 16(3))।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण की गारंटी देता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के अंत से संबंधित है।
प्रश्न 13: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) की उद्घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?
- अनुच्छेद 350
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के तहत भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा की जाती है, जो युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लागू हो सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना आवश्यक है, और यह छह महीने तक लागू रह सकती है जब तक कि इसे आगे बढ़ाया न जाए। इस दौरान, अनुच्छेद 19 के तहत दिए गए मौलिक अधिकार निलंबित हो जाते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 350 भाषा अल्पसंख्यकों के लिए विशेष अधिकारी से संबंधित है। अनुच्छेद 356 राज्यों में राष्ट्रपति शासन से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा निकाय भारत में ‘नीति आयोग’ (NITI Aayog) के पदेन अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
- गृह मंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: भारत के प्रधानमंत्री नीति आयोग के पदेन अध्यक्ष होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: नीति आयोग, जिसे 2015 में योजना आयोग के स्थान पर स्थापित किया गया था, एक थिंक-टैंक के रूप में कार्य करता है और केंद्र सरकार के लिए नीतिगत इनपुट प्रदान करता है। प्रधानमंत्री के अलावा, इसमें एक पूर्णकालिक उपाध्यक्ष और सदस्य, एक शासी परिषद (सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल) और एक क्षेत्रीय परिषद भी होती है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति, वित्त मंत्री या गृह मंत्री नीति आयोग के पदेन अध्यक्ष नहीं होते हैं।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को उपलब्ध है, विदेशियों को नहीं?
- कानून के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
- भारत के किसी भी भाग में आने-जाने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 के तहत भारत के किसी भी भाग में आने-जाने की स्वतंत्रता, निवास करने की स्वतंत्रता, व्यवसाय करने की स्वतंत्रता आदि अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14, 15, 20, 21, 21-A, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28 सभी नागरिकों और विदेशियों दोनों को उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 19 को केवल नागरिकों को प्रदान किया गया है, क्योंकि ये स्वतंत्रताएं राज्य की सदस्यता से जुड़ी हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 15, और 21 सभी के लिए लागू हैं, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
प्रश्न 16: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राज्यों को ग्राम पंचायतों के गठन के लिए कदम उठाने का निर्देश देता है?
- अनुच्छेद 39
- अनुच्छेद 40
- अनुच्छेद 41
- अनुच्छेद 43
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 40 राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा है और राज्यों को ग्राम पंचायतों के गठन के लिए कदम उठाने का निर्देश देता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद स्थानीय स्वशासन की अवधारणा को बढ़ावा देता है, जिसे बाद में 73वें संविधान संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के रूप में संवैधानिक दर्जा दिया गया।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 39 (आजीविका के पर्याप्त साधन, समान कार्य के लिए समान वेतन), अनुच्छेद 41 (काम, शिक्षा और सार्वजनिक सहायता का अधिकार), और अनुच्छेद 43 (कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी) भी DPSP के अंतर्गत आते हैं, लेकिन ग्राम पंचायतों के गठन से सीधे संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 17: भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग लेता है?
- केवल लोकसभा के सदस्य
- केवल राज्यसभा के सदस्य
- लोकसभा और राज्यसभा दोनों के निर्वाचित सदस्य
- लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों की विधानसभाओं के सभी सदस्य
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 66 के अनुसार, संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस निर्वाचक मंडल में केवल निर्वाचित सदस्य ही नहीं, बल्कि मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं। यह राष्ट्रपति के चुनाव से भिन्न है, जिसमें केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं और विधानसभाओं के सदस्य भी शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: उपराष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य, चाहे वे निर्वाचित हों या मनोनीत, भाग लेते हैं। विधानसभा सदस्यों को इसमें शामिल नहीं किया जाता।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान का कौन सा संशोधन ‘सामुदायिक चुनाव’ (Panchayat Elections) को अनिवार्य बनाने से संबंधित है?
- 70वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 80वां संशोधन अधिनियम, 2000
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संशोधन संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया और पंचायत चुनावों को अनिवार्य बनाया, साथ ही पंचायतों के कार्यकाल, सीटों के आरक्षण आदि को भी निर्धारित किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने संविधान में भाग IX और ग्यारहवीं अनुसूची को जोड़ा, जिसने पंचायती राज को ग्रामीण स्थानीय स्वशासन के रूप में स्थापित किया।
- गलत विकल्प: 70वां संशोधन दिल्ली से संबंधित है। 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाओं) से संबंधित है। 80वां संशोधन करों के वितरण से संबंधित है।
प्रश्न 19: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- कानून मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जैसा कि अनुच्छेद 124 में उल्लिखित है।
- संदर्भ और विस्तार: नियुक्ति के मामले में, राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से और सर्वोच्च न्यायालय व राज्यों के उच्च न्यायालयों के ऐसे अन्य न्यायाधीशों से परामर्श करता है, जिन्हें वह आवश्यक समझे। हालांकि, कॉलेजियम प्रणाली के तहत, CJI और चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों की सिफारिश राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी होती है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश या कानून मंत्री नियुक्ति प्रक्रिया में भूमिका निभाते हैं, लेकिन अंतिम नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा ही की जाती है।
प्रश्न 20: मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान भारतीय संविधान के किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 38वां संशोधन अधिनियम, 1975
- 40वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संशोधन संदर्भ: 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा मौलिक कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर, भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के तहत दस मौलिक कर्तव्यों को शामिल किया गया था। बाद में, 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा ग्यारहवां मौलिक कर्तव्य भी जोड़ा गया।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प मौलिक कर्तव्यों को जोड़ने से संबंधित नहीं हैं। 38वें संशोधन ने कुछ आपातकालीन शक्तियों को बढ़ाया, 40वें ने भूमि अधिग्रहण को विनियमित किया, और 44वें ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाया।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सी ‘संवैधानिक संस्था’ (Constitutional Body) नहीं है?
- चुनाव आयोग (Election Commission)
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) (अनुच्छेद 148) संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि इनका उल्लेख सीधे संविधान में है और ये संवैधानिक प्रावधानों के तहत स्थापित किए गए हैं।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक ‘संसदीय अधिनियम’ (Protection of Human Rights Act, 1993) द्वारा स्थापित एक ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) है, न कि संवैधानिक निकाय।
- गलत विकल्प: चुनाव आयोग, UPSC और CAG तीनों संवैधानिक निकाय हैं।
प्रश्न 22: किस अनुच्छेद के तहत राज्य को यह निर्देश दिया गया है कि वह देश भर में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने का प्रयास करे?
- अनुच्छेद 42
- अनुच्छेद 43
- अनुच्छेद 44
- अनुच्छेद 45
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 44 राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा है और यह निर्देश देता है कि राज्य भारत के सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने का प्रयास करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: UCC का उद्देश्य व्यक्तिगत कानूनों (जैसे विवाह, तलाक, गोद लेना, उत्तराधिकार) में धर्म-आधारित भिन्नताओं को समाप्त करना है। हालांकि, यह अभी तक देश भर में पूरी तरह से लागू नहीं हुआ है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 42 मातृत्व लाभ और काम की उचित परिस्थितियों से संबंधित है। अनुच्छेद 43 कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी से संबंधित है। अनुच्छेद 45 बालकों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा से संबंधित है।
प्रश्न 23: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) की नियुक्ति किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 77
- अनुच्छेद 78
- अनुच्छेद 79
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 76 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी अधिकारी होता है। वह उन सभी कर्तव्यों का पालन करता है जो राष्ट्रपति द्वारा उसे सौंपे जाते हैं। वह संसद की कार्यवाही में भाग ले सकता है, लेकिन मत नहीं दे सकता।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 77 भारत सरकार के कार्यों के संचालन से संबंधित है। अनुच्छेद 78 राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्यों से संबंधित है। अनुच्छेद 79 संसद के गठन का प्रावधान करता है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता भारतीय संविधान को ‘अर्थ-संघीय’ (Quasi-Federal) बनाती है?
- शक्ति का विभाजन (केंद्र और राज्यों के बीच)
- लिखित संविधान
- एकल नागरिकता
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान में ‘एकल नागरिकता’ की व्यवस्था इसे ‘अर्थ-संघीय’ बनाती है।
- संदर्भ और विस्तार: जबकि भारत में शक्तियों का विभाजन (संघ सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची) और एक लिखित संविधान है, जो संघीय प्रणाली के लक्षण हैं, लेकिन एकल नागरिकता, एकीकृत न्यायपालिका, और राज्यपाल की नियुक्ति जैसी कुछ विशेषताएं एकात्मक प्रणाली की ओर झुकाव दर्शाती हैं। इसलिए, इसे अक्सर ‘अर्थ-संघीय’ या ‘एकात्मकता की ओर झुकाव वाला संघीय’ कहा जाता है।
- गलत विकल्प: शक्ति का विभाजन और लिखित संविधान संघीय प्रणाली की विशेषताएँ हैं। एकल नागरिकता, इसके विपरीत, एकात्मकता को दर्शाती है और भारतीय संविधान की ‘अर्थ-संघीय’ प्रकृति को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रश्न 25: किस आयोग ने पंचायती राज संस्थाओं के लिए वित्तीय संसाधनों में सुधार हेतु सिफारिशें की थीं?
- बलवंत राय मेहता समिति
- अशोक मेहता समिति
- एल. एम. सिंघवी समिति
- एस. के. राव समिति
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: जी. वी. के. राव समिति (1985) ने पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन और उन्हें अधिक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने के संबंध में महत्वपूर्ण सिफारिशें की थीं।
- संदर्भ और विस्तार: इस समिति ने पंचायती राज को ‘जिला योजना’ (District Planning) का मुख्य आधार बनाने का सुझाव दिया था और जिला विकास आयुक्त (District Development Commissioner) को जिला परिषद का मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाने की सिफारिश की थी।
- गलत विकल्प: बलवंत राय मेहता समिति (1957) ने त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की सिफारिश की। अशोक मेहता समिति (1977) ने द्वि-स्तरीय व्यवस्था का सुझाव दिया। एल. एम. सिंघवी समिति (1986) ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देने की सिफारिश की थी।