लोकतंत्र का आधार: आज का भारतीय राजनीति महा-अभ्यास
नमस्कार, भविष्य के कर्णधारों! भारतीय संविधान और राजव्यवस्था के महासागर में गोता लगाने और अपने ज्ञान की गहराई को मापने का समय आ गया है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं 25 चुनिंदा प्रश्न, जो आपकी वैचारिक स्पष्टता को परखेंगे और आपको आगामी परीक्षाओं के लिए और भी मजबूत बनाएंगे। आइए, इस दैनिक अभ्यास सत्र की शुरुआत करें!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (secular) और ‘अखंडता’ (integrity) शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन को ‘लघु-संविधान’ भी कहा जाता है। इन शब्दों को जोड़कर प्रस्तावना का उद्देश्य भारतीय गणराज्य के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्वरूप को और अधिक स्पष्ट करना था।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वें संशोधन ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को जोड़ा। 73वें संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया।
प्रश्न 2: भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से कौन से अनुच्छेद भारत के राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान करते हैं?
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 213
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 124
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 123 भारतीय संविधान के तहत भारत के राष्ट्रपति को संसद के स्थगन (recess) के दौरान अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है।
- संदर्भ और विस्तार: अध्यादेश का वही बल और प्रभाव होता है जो संसद द्वारा पारित अधिनियम का होता है। यह केवल संसद के सत्र में आने के छह सप्ताह के भीतर संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित होना चाहिए, अन्यथा यह निष्क्रिय हो जाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 213 राज्यपाल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की वीटो शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना से संबंधित है।
प्रश्न 3: किस संवैधानिक संशोधन अधिनियम ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा और सुरक्षा प्रदान की?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वां संशोधन अधिनियम, 1992, जिसने संविधान में भाग IX और 11वीं अनुसूची जोड़ी, ने पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा दिया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने PRIs को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में मान्यता दी और उनकी संरचना, शक्तियों और वित्त से संबंधित प्रावधानों को अनिवार्य किया।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वां और 65वां संशोधन विधेयक पंचायती राज से संबंधित थे लेकिन पारित नहीं हुए थे।
प्रश्न 4: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (CAG) के पद का प्रावधान संविधान के किस भाग में है?
- भाग XIV
- भाग V
- भाग XI
- भाग XII
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग का प्रमुख होता है। इसका पद और कार्य भारतीय संविधान के भाग XIV (सेवाएँ जो संघ और राज्यों के अधीन हैं) के तहत अनुच्छेद 148 में निर्धारित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के सभी खातों का ऑडिट करता है और राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है, जिसे संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखा जाता है। CAG की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए इसे हटाने की प्रक्रिया उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान है।
- गलत विकल्प: भाग V संघ कार्यपालिका और संसद से संबंधित है। भाग XI संघ और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय संबंधों से संबंधित है। भाग XII वित्त, संपत्ति, अनुबंध और मुकदमेबाजी से संबंधित है, लेकिन CAG की नियुक्ति और पद का उल्लेख विशेष रूप से भाग XIV में है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
- भारत में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 (भारत के क्षेत्र के भीतर कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता, निवास करने और बसने की स्वतंत्रता, आदि) केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14, 15, 16, 20, 21, 21A, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30 कुछ ऐसे मौलिक अधिकार हैं जो सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) को प्राप्त हैं, जबकि कुछ (जैसे 19) केवल नागरिकों को ही मिलते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों) को प्राप्त हैं। अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) भी सभी को उपलब्ध है।
प्रश्न 6: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जा सकती है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा, जो युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में लागू होती है, राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 352 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: इस उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक माह के भीतर अनुमोदित किया जाना आवश्यक है। 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 के बाद, यह आवश्यक कर दिया गया कि उद्घोषणा केवल लिखित सिफारिश पर की जाए जो मंत्रिमंडल (प्रधानमंत्री सहित) द्वारा राष्ट्रपति को दी गई हो।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राज्यों में राष्ट्रपति शासन से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 कुछ स्थितियों में अनुपालन न होने पर राष्ट्रपति शासन लगाने का आधार प्रदान करता है।
प्रश्न 7: भारतीय संविधान का कौन सा भाग राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) से संबंधित है?
- भाग IV
- भाग III
- भाग IV-A
- भाग V
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) का वर्णन करता है।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए सरकार के मार्गदर्शन के लिए हैं। ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं (अनुच्छेद 37), लेकिन राष्ट्र के शासन में मूलभूत हैं।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।
प्रश्न 8: ‘महान्यायवादी’ (Attorney General) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- विधि मंत्री
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 76 के अनुसार की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है। वह भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करता है।
- गलत विकल्प: महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, न कि प्रधानमंत्री, विधि मंत्री या सीजेआई द्वारा।
प्रश्न 9: किसी राज्य की विधानसभा में, अध्यक्ष की अनुपस्थिति में, बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?
- उपाध्यक्ष
- सदन का सबसे वरिष्ठ सदस्य
- राज्यपाल द्वारा नामित कोई व्यक्ति
- विधान परिषद का सभापति (यदि लागू हो)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य विधानमंडल के संबंध में, अनुच्छेद 178 (विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष) और अनुच्छेद 180 (अध्यक्ष के कर्तव्यों का निर्वहन) के तहत, विधानसभा का उपाध्यक्ष अध्यक्ष की अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों अनुपस्थित हों, तो अनुच्छेद 180 (2) के तहत, विधानसभा का कोई अन्य सदस्य, जिसे राष्ट्रपति द्वारा या राज्यपाल द्वारा इस प्रयोजन के लिए नियुक्त किया गया है, बैठक की अध्यक्षता कर सकता है। यदि ऐसा कोई सदस्य भी अनुपस्थित है, तो सदन तय करेगा कि कौन अध्यक्षता करेगा।
- गलत विकल्प: सदन का सबसे वरिष्ठ सदस्य या राज्यपाल द्वारा नामित व्यक्ति सामान्य नियम नहीं हैं, बल्कि उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में विशिष्ट परिस्थितियों के लिए प्रावधान हैं। विधान परिषद का सभापति राज्य विधानसभा की बैठक की अध्यक्षता नहीं करता।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान के अनुसार, राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत:
- न्यायालय द्वारा लागू किए जा सकते हैं।
- न्यायालय द्वारा लागू नहीं किए जा सकते।
- कुछ हद तक न्यायालय द्वारा लागू किए जा सकते हैं।
- यह केवल केंद्र सरकार के लिए बाध्यकारी हैं।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 37 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भाग IV में निहित सिद्धांत किसी भी न्यायालय द्वारा लागू करने योग्य नहीं होंगे।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, इन सिद्धांतों को देश के शासन में मौलिक माना गया है और कानून बनाने में राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह इन सिद्धांतों को लागू करे। मौलिक अधिकारों और नीति निदेशक तत्वों के बीच संतुलन महत्वपूर्ण है, जैसा कि कई न्यायिक फैसलों (जैसे मिनर्वा मिल्स केस) में स्पष्ट किया गया है।
- गलत विकल्प: DPSP को सीधे तौर पर लागू नहीं किया जा सकता, वे प्रवर्तनीय नहीं हैं। वे केंद्र सरकार के लिए ही नहीं, बल्कि राज्य सरकारों और अन्य सार्वजनिक प्राधिकरणों के लिए भी मार्गदर्शक हैं।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा एक संवैधानिक निकाय है?
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
- चुनाव आयोग (Election Commission)
- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का चुनाव आयोग (Election Commission of India) एक संवैधानिक निकाय है, जिसका उल्लेख संविधान के भाग XV में अनुच्छेद 324 के तहत किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: चुनाव आयोग भारत में लोक सभा, राज्य सभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों के संचालन का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करता है।
- गलत विकल्प: नीति आयोग एक कार्यकारी आदेश द्वारा गठित एक गैर-संवैधानिक (या सलाहकारी) निकाय है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक वैधानिक निकाय है, जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) एक कार्यकारी एजेंसी है जिसका गठन दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के तहत किया गया है।
प्रश्न 12: संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र की अध्यक्षता कौन करता है?
- लोक सभा का अध्यक्ष
- राज्य सभा का सभापति
- भारत का राष्ट्रपति
- भारत का उपराष्ट्रपति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 108 के अनुसार, संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोक सभा का अध्यक्ष (Speaker) करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि अध्यक्ष अनुपस्थित हो, तो लोक सभा का उपाध्यक्ष अध्यक्षता करता है। यदि उपाध्यक्ष भी अनुपस्थित हो, तो राज्य सभा का सभापति, लेकिन यदि वह किसी कारण से अनुपस्थित है, तो उस बैठक में उपस्थित लोक सभा का कोई अन्य सदस्य, जिसे अध्यक्ष या उपाध्यक्ष ने नियुक्त किया हो, अध्यक्षता कर सकता है।
- गलत विकल्प: राज्य सभा का सभापति (जो भारत का उपराष्ट्रपति होता है) संयुक्त सत्र की अध्यक्षता नहीं करता। भारत का राष्ट्रपति संयुक्त सत्र बुलाता है (अनुच्छेद 108)।
प्रश्न 13: वित्तीय आपातकाल की घोषणा निम्नलिखित में से किसके द्वारा की जा सकती है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: वित्तीय आपातकाल की घोषणा भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: ऐसी उद्घोषणा तब की जा सकती है जब राष्ट्रपति को यह विश्वास हो कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिससे भारत की वित्तीय स्थिरता या साख खतरे में है। इसे संसद के दोनों सदनों द्वारा दो महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए।
- गलत विकल्प: वित्तीय आपातकाल की घोषणा का अधिकार केवल राष्ट्रपति को है, न कि प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या RBI को।
प्रश्न 14: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया का उल्लेख किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 124 (4)
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 131
- अनुच्छेद 217
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को कदाचार या अक्षमता के आधार पर केवल सिद्ध कदाचार या अक्षमता के आधार पर संसद के दोनों सदनों द्वारा एक विशेष बहुमत से पारित प्रस्ताव के बाद ही हटाया जा सकता है। यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 124 (4) में उल्लिखित है।
- संदर्भ और विस्तार: हटाने की प्रक्रिया में एक सदन द्वारा आरोप का प्रस्ताव पारित होना, फिर दूसरे सदन द्वारा उस आरोप की जाँच करना और यदि आरोप सिद्ध हो जाता है, तो दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से प्रस्ताव पारित किया जाना आवश्यक है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति की सलाहकार क्षेत्राधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 217 उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति और कुछ शर्तों से संबंधित है।
प्रश्न 15: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची राजनीतिक दलबदल से संबंधित प्रावधानों को निर्दिष्ट करती है?
- दसवीं अनुसूची
- सातवीं अनुसूची
- नवी अनुसूची
- बारहवीं अनुसूची
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची (52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा जोड़ा गया) राजनीतिक दलबदल (anti-defection) से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुसूची संसद और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों की दलबदल के आधार पर अयोग्यता के संबंध में प्रावधान करती है।
- गलत विकल्प: सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण से संबंधित है। नवी अनुसूची भूमि सुधारों और राज्य द्वारा अधिग्रहण से संबंधित अधिनियमों और विनियमों को प्रदान करती है। बारहवीं अनुसूची नगर पालिकाओं की शक्तियों, प्राधिकार और उत्तरदायित्वों से संबंधित है।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत के उपराष्ट्रपति के पद के बारे में सत्य है?
- वह राज्य सभा का पदेन अध्यक्ष होता है।
- उसकी नियुक्ति भारतीय संसद के एक विशेष बहुमत द्वारा की जाती है।
- वह राष्ट्रपति द्वारा सीधे तौर पर नियुक्त किया जाता है।
- उसका कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 64 के अनुसार, भारत का उपराष्ट्रपति, राज्यों की परिषद (राज्य सभा) का पदेन (ex-officio) अध्यक्ष होता है।
- संदर्भ और विस्तार: उपराष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल द्वारा एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है (अनुच्छेद 66)। उसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है (अनुच्छेद 67)।
- गलत विकल्प: उपराष्ट्रपति को संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा चुना जाता है, न कि विशेष बहुमत से नियुक्ति, न ही सीधे राष्ट्रपति द्वारा। हालांकि उसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, यह केवल एक सत्य कथन है, जबकि (a) उसका प्राथमिक कार्य और संवैधानिक भूमिका बताता है। प्रश्न “कौन सा कथन सत्य है” पूछता है, और (a) एक मौलिक सत्य है।
प्रश्न 17: ‘अनुच्छेद 370’ का संबंध किस राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से था?
- जम्मू और कश्मीर
- लद्दाख
- हिमाचल प्रदेश
- उत्तराखंड
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान में एक अस्थायी प्रावधान था जो जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता था। इसे 5 अगस्त 2019 को राष्ट्रपति के आदेश से रद्द कर दिया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद के तहत, जम्मू और कश्मीर को अपना संविधान बनाने और अपने विधायी शक्तियों का प्रयोग करने की अधिक स्वतंत्रता थी, जबकि भारत के संविधान के कुछ प्रावधान उस पर सीधे लागू नहीं होते थे।
- गलत विकल्प: लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड कभी भी अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा प्राप्त राज्य नहीं थे।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति में शामिल नहीं है?
- मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदलना
- लघुकरण (Sentence commuted)
- निलंबन (Reprieve)
- संविधान की व्याख्या करना
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत क्षमादान की शक्ति प्राप्त है, जिसमें सजा को कम करना, लघुकरण करना, विराम देना, प्रविलंबन देना और क्षमा करना शामिल है। मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदलना, लघुकरण (एक प्रकार की सजा को दूसरी में बदलना), और निलंबन (सजा के निष्पादन को अस्थायी रूप से रोकना) सभी इस शक्ति में शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का उद्देश्य न्याय की कठोरता को दूर करना और उन मामलों में दया दिखाना है जहाँ यह उचित हो।
- गलत विकल्प: संविधान की व्याख्या करना राष्ट्रपति की शक्ति में शामिल नहीं है; यह शक्ति मुख्य रूप से सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के पास है।
प्रश्न 19: राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission), 1953 के अध्यक्ष कौन थे?
- फजल अली
- एस. आर. दास
- के. एम. पणिक्कर
- सभी उपरोक्त
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission) का गठन 1953 में हुआ था, जिसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति फजल अली थे। आयोग के अन्य दो सदस्य एस. आर. दास और के. एम. पणिक्कर थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस आयोग ने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की सिफारिश की, जिसके परिणामस्वरूप 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम पारित हुआ।
- गलत विकल्प: फजल अली आयोग के अध्यक्ष थे, जबकि एस. आर. दास और के. एम. पणिक्कर सदस्य थे। इसलिए, केवल (a) सही उत्तर नहीं है यदि प्रश्न ‘आयोग का अध्यक्ष’ के बजाय ‘सदस्य’ भी पूछता। प्रश्न ‘अध्यक्ष’ के बारे में है, इसलिए (a) सही है। (d) केवल तब सही होता जब प्रश्न ‘सदस्य’ भी पूछता।
प्रश्न 20: भारत में ‘लोकपाल’ की अवधारणा किस देश से प्रेरित है?
- स्वीडन
- न्यूजीलैंड
- ऑस्ट्रेलिया
- कनाडा
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: लोकपाल की संस्था की अवधारणा स्वीडन से प्रेरित है, जहाँ इसे ‘Ombudsman’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: लोकपाल सार्वजनिक पदाधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायतों की जाँच करने वाली एक संस्था है। भारत में लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के माध्यम से इसे स्थापित किया गया है।
- गलत विकल्प: जबकि न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में भी भ्रष्टाचार विरोधी तंत्र हैं, लोकपाल की मूल अवधारणा विशेष रूप से स्वीडन की है।
प्रश्न 21: भारतीय संविधान के किस संशोधन ने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी?
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 61वें संशोधन अधिनियम, 1989 ने संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन करके मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प अन्य महत्वपूर्ण संवैधानिक परिवर्तनों से संबंधित हैं, जैसे 42वें संशोधन द्वारा प्रस्तावना में समाजवाद, पंथनिरपेक्षता और अखंडता शब्दों को जोड़ना, 44वें संशोधन द्वारा संपत्ति के अधिकार में परिवर्तन, और 73वें संशोधन द्वारा पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक संशोधन’ (Constitutional Amendment) को वर्गीकृत करता है?
- अनुच्छेद 368
- अनुच्छेद 370
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 123
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में संशोधन की प्रक्रिया का उल्लेख संविधान के भाग XX के अनुच्छेद 368 में किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद बताता है कि कैसे संसद संविधान के विभिन्न प्रावधानों में संशोधन कर सकती है, जिसमें साधारण बहुमत, विशेष बहुमत और विशेष बहुमत के साथ-साथ राज्यों के आधे से अधिक विधायी निकायों का अनुसमर्थन शामिल है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा से संबंधित था। अनुच्छेद 356 राज्यों में राष्ट्रपति शासन से संबंधित है। अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति के अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 23: भारत के ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (CAG) की नियुक्ति का कार्यकाल कितना होता है?
- 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो
- 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो
- 6 वर्ष या 60 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो
- 5 वर्ष या 60 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का कार्यकाल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148(3) के तहत 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, निर्धारित किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG एक स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकारी है जो भारत सरकार और राज्यों के खातों का ऑडिट करता है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प CAG के कार्यकाल की गलत अवधि बताते हैं। 5 वर्ष का कार्यकाल सामान्यतः राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों का होता है, जबकि CAG का कार्यकाल लंबा होता है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ (Right to Constitutional Remedies) के अंतर्गत आता है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 32, जिसे डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा है, नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों को लागू करवाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है। इस अधिकार के तहत सर्वोच्च न्यायालय (और उच्च न्यायालय अनुच्छेद 226 के तहत) पांच प्रकार की रिट जारी कर सकता है: बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध (Prohibition), उत्प्रेषण और अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)।
- संदर्भ और विस्तार: ये सभी रिटें नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए शक्तिशाली साधन हैं।
- गलत विकल्प: क्योंकि सभी सूचीबद्ध विकल्प (बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, उत्प्रेषण) संवैधानिक उपचारों के अधिकार के तहत जारी की जा सकने वाली रिटें हैं, इसलिए (d) सही उत्तर है।
प्रश्न 25: संविधान सभा की प्रारूप समिति (Drafting Committee) के अध्यक्ष कौन थे?
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- जवाहरलाल नेहरू
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. बी. आर. अम्बेडकर थे। इस समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ था।
- संदर्भ और विस्तार: प्रारूप समिति का मुख्य कार्य भारत के नए संविधान का मसौदा तैयार करना था। डॉ. अम्बेडकर का योगदान भारतीय संविधान के निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।
- गलत विकल्प: डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे। सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहरलाल नेहरू जैसे प्रमुख नेता भी संविधान सभा के सदस्य थे और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन वे प्रारूप समिति के अध्यक्ष नहीं थे।