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लाल किले की सुरक्षा चूक: 7 पुलिसकर्मी निलंबित, क्या यह मॉक ड्रिल के पीछे का सच है?

लाल किले की सुरक्षा चूक: 7 पुलिसकर्मी निलंबित, क्या यह मॉक ड्रिल के पीछे का सच है?

चर्चा में क्यों? (Why in News?):**
भारत के सबसे प्रतिष्ठित प्रतीकों में से एक, लाल किले की सुरक्षा में एक अभूतपूर्व चूक की खबर ने देश को झकझोर कर रख दिया है। स्वतंत्रता दिवस समारोह से ठीक पहले, एक मॉक ड्रिल के दौरान, सात पुलिसकर्मियों को सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन न करने और संभावित खतरे का पता लगाने में विफलता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह घटना न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि क्या देश के सबसे संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा पर्याप्त है, खासकर ऐसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आयोजनों के दौरान। खबर यह भी है कि इस मॉक ड्रिल में स्पेशल टीम ने आम नागरिकों के भेष में भाग लिया था, जो इस घटना को और अधिक जटिल बना देता है।

यह घटना UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल वर्तमान मामलों (Current Affairs) के दृष्टिकोण से प्रासंगिक है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, शासन, सार्वजनिक प्रशासन, सुरक्षा तंत्र और खुफिया एजेंसियों की कार्यप्रणाली जैसे जीएस पेपर के विभिन्न पहलुओं को भी छूती है। आइए, इस घटना का गहराई से विश्लेषण करें और UPSC परीक्षा के लिए इसकी प्रासंगिकता को समझें।

घटना का विवरण: पर्दे के पीछे क्या हुआ?

स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त, भारत के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन लाल किले से प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं, और यह राष्ट्र के गौरव का प्रतीक है। ऐसे अवसर पर, सुरक्षा व्यवस्था सर्वोपरि होती है। इसी पृष्ठभूमि में, स्वतंत्रता दिवस से कुछ दिन पहले, लाल किले पर एक मॉक ड्रिल (Mock Drill) का आयोजन किया गया था। मॉक ड्रिल का उद्देश्य यह जांचना होता है कि आपातकालीन स्थिति में सुरक्षा बल कितनी प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करते हैं, क्या वे निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हैं, और कहीं कोई चूक तो नहीं है।

इस विशेष मॉक ड्रिल में, यह पाया गया कि सात पुलिसकर्मी, जो सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थे, एक कथित “बम” का पता लगाने में विफल रहे। यह “बम” वास्तव में मॉक ड्रिल का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता और प्रतिक्रिया समय का परीक्षण करना था। रिपोर्टों के अनुसार, यह पता लगाने के लिए कि क्या वे अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं, एक स्पेशल टीम को सामान्य नागरिकों के भेष में भेजा गया था। इस टीम का कार्य सुरक्षा घेरे को भेदकर या किसी भी अन्य तरीके से “खतरे” का पता लगाना और देखना था कि क्या मौजूद सुरक्षाकर्मी इसे पहचान पाते हैं।

परिणाम संतोषजनक नहीं थे। सात पुलिसकर्मी, जो इस “खतरे” का पता लगाने के लिए जिम्मेदार थे, अपनी भूमिका निभाने में असफल रहे। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया। यह निलंबन सुरक्षा तंत्र में एक बड़ी चूक का संकेत देता है, खासकर जब देश के सबसे संवेदनशील स्थानों में से एक पर इतनी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय event होने जा रहा हो।

विश्लेषण: क्यों हुई यह चूक और इसके निहितार्थ क्या हैं?

यह घटना कई महत्वपूर्ण सवालों को जन्म देती है, जिन पर UPSC उम्मीदवारों को विचार करना चाहिए:

  • प्रशिक्षण की कमी या अति-आत्मविश्वास?: क्या निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों को पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं मिला था? या वे अपनी नियमित ड्यूटी के कारण अति-आत्मविश्वासी हो गए थे और उन्होंने मॉक ड्रिल को गंभीरता से नहीं लिया?
  • मानव कारक (Human Factor): सुरक्षा में मानव कारक हमेशा एक महत्वपूर्ण तत्व होता है। थकान, विचलित होना, या ड्यूटी के प्रति उदासीनता जैसी चीजें गंभीर चूक का कारण बन सकती हैं।
  • प्रोटोकॉल का पालन: क्या मानक संचालन प्रक्रियाएं (Standard Operating Procedures – SOPs) स्पष्ट थीं? क्या उनका पालन सुनिश्चित करने के लिए कोई तंत्र था?
  • खुफिया जानकारी का अभाव: क्या स्पेशल टीम द्वारा आम नागरिकों के भेष में आने की जानकारी प्रभावी ढंग से प्रसारित की गई थी? या यह ऑपरेशन गुप्त रखा गया था? यदि गुप्त था, तो भी क्या सुरक्षा कर्मियों को किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए?
  • डिटेक्शन टेक्नोलॉजी की भूमिका: क्या केवल मानवीय निगरानी पर निर्भर रहना पर्याप्त है, या उन्नत डिटेक्शन तकनीकों (जैसे बम डिटेक्टर, मेटल डिटेक्टर, एक्स-रे स्कैनर) का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए?

निहितार्थ (Implications):

  • राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न: ऐसी घटनाएं राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जनता के विश्वास को कम कर सकती हैं।
  • सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा की आवश्यकता: यह घटना सुरक्षा एजेंसियों को अपने वर्तमान प्रोटोकॉल की समीक्षा करने और उनमें सुधार करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
  • जवानों का मनोबल: इस तरह के निलंबन से ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे सुरक्षा कर्मियों का मनोबल प्रभावित हो सकता है।
  • शासन और जवाबदेही: यह घटना प्रशासन और जवाबदेही के मुद्दों को भी उजागर करती है।

UPSC परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: एक व्यापक मार्गदर्शिका

यह घटना UPSC परीक्षा के विभिन्न चरणों और विभिन्न विषयों के लिए अत्यंत प्रासंगिक है।

1.GS पेपर I: भारतीय समाज (Indian Society)

विषय: सामाजिक मुद्दे, सार्वजनिक सुरक्षा।

प्रासंगिकता:

  • यह घटना सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा से संबंधित सामाजिक चिंता को दर्शाती है।
  • सुरक्षा कर्मियों द्वारा कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही सामाजिक अव्यवस्था का कारण बन सकती है।
  • आम नागरिकों की भेस में स्पेशल टीम का उपयोग सुरक्षा में नवीन दृष्टिकोणों को समझने में मदद करता है।

2.GS पेपर II: शासन (Governance), राजनीति (Polity), सामाजिक न्याय (Social Justice)

विषय: सरकारी नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के मुद्दे, सुरक्षा बल और उनकी भूमिका, सार्वजनिक प्रशासन।

प्रासंगिकता:

  • शासन: यह घटना प्रभावी शासन की आवश्यकता को उजागर करती है, विशेष रूप से सार्वजनिक सुरक्षा के क्षेत्र में। सुरक्षा तंत्र का कुशल संचालन शासन का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
  • सुरक्षा बल और उनकी भूमिका: सुरक्षा बलों का प्रशिक्षण, उनकी तत्परता, और आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताएं इस पेपर के लिए महत्वपूर्ण हैं। निलंबित किए गए पुलिसकर्मी इस संदर्भ में अध्ययन का विषय बनते हैं।
  • जवाबदेही: प्रशासन में जवाबदेही कैसे सुनिश्चित की जाए? यह घटना इस प्रश्न का एक उदाहरण प्रस्तुत करती है।
  • सार्वजनिक प्रशासन: सार्वजनिक प्रशासन में SOPs का पालन, मानव संसाधन प्रबंधन (कर्मचारियों का प्रशिक्षण, प्रदर्शन मूल्यांकन), और संकट प्रबंधन (Crisis Management) जैसे विषय सीधे तौर पर इस घटना से जुड़े हैं।

“सुरक्षा सिर्फ नियमों का पालन करना नहीं है, बल्कि सतर्कता और जिम्मेदारी का निरंतर अभ्यास है। जब सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय प्रतीकों की सुरक्षा दांव पर हो, तो कोई भी चूक अस्वीकार्य है।”

3.GS पेपर III: सुरक्षा (Security), पर्यावरण (Environment), अर्थव्यवस्था (Economy), विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Science and Technology)

विषय: विभिन्न सुरक्षा बल और उनकी कमान संरचना, सीमा प्रबंधन, आतंकवाद का मुकाबला, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विकास और उनका दैनिक जीवन में उपयोग, सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, बायोटेक्नोलॉजी, पर्यावरण।

प्रासंगिकता:

  • आंतरिक सुरक्षा: लाल किला जैसे ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण स्थल भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस तरह की चूक से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
  • आतंकवाद का मुकाबला: स्वतंत्रता दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर आतंकवादी हमले की आशंका बनी रहती है। सुरक्षा में कोई भी ढिलाई आतंकवादियों को अवसर प्रदान कर सकती है।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी: क्या नई प्रौद्योगिकियों (जैसे AI-आधारित निगरानी, उन्नत सेंसर) का उपयोग सुरक्षा में इन चूकों को रोकने में मदद कर सकता है? यह विषय सुरक्षा के तकनीकी पहलू को छूता है।
  • सीमा प्रबंधन: हालांकि यह घटना सीमा प्रबंधन से सीधे तौर पर संबंधित नहीं है, लेकिन यह देश की समग्र सुरक्षा अवसंरचना की मजबूती पर सवाल उठाती है।

4.GS पेपर IV: नैतिकता (Ethics), सत्यनिष्ठा (Integrity), अभिवृत्ति (Attitude)

विषय: लोक प्रशासन में मूल्य, नैतिकता के सिद्धांत, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, शासन में सत्यनिष्ठा, सार्वजनिक जीवन में नैतिक दुविधाएं।

प्रासंगिकता:

  • कर्तव्य के प्रति निष्ठा: पुलिसकर्मियों का प्राथमिक कर्तव्य जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस घटना में, वे इस कर्तव्य को पूरा करने में असफल रहे।
  • सतर्कता और जिम्मेदारी: सुरक्षा कर्मियों के लिए सतर्कता और अपनी जिम्मेदारी को समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • नैतिक दुविधाएं: क्या एक आम नागरिक बनकर स्पेशल टीम का इस्तेमाल नैतिक रूप से सही है, खासकर जब यह उन सुरक्षाकर्मियों के लिए अप्रत्याशित हो? हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से, ऐसे उपाय आवश्यक हो सकते हैं।
  • जवाबदेही और दंड: जब कोई चूक होती है, तो जवाबदेही तय करना और उचित दंड देना नैतिक शासन का हिस्सा है।

सुरक्षा मॉक ड्रिल: उद्देश्य और कार्यप्रणाली

किसी भी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आयोजन से पहले, विशेष रूप से लाल किले जैसे संवेदनशील स्थान पर, सुरक्षा का व्यापक मूल्यांकन किया जाता है। मॉक ड्रिल इसका एक अभिन्न अंग है।

मॉक ड्रिल के उद्देश्य:

  • प्रतिक्रिया समय का परीक्षण: आपात स्थिति में, प्रत्येक सेकंड महत्वपूर्ण होता है। मॉक ड्रिल यह सुनिश्चित करती है कि सुरक्षा दल कितनी तेज़ी से प्रतिक्रिया कर सकता है।
  • समन्वय का मूल्यांकन: विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों (पुलिस, विशेष सुरक्षा बल, खुफिया एजेंसियां) के बीच समन्वय कितना प्रभावी है, इसका परीक्षण किया जाता है।
  • प्रोटोकॉल का अनुपालन: क्या सुरक्षा कर्मी निर्धारित SOPs का पालन कर रहे हैं?
  • कमजोरियों की पहचान: मॉक ड्रिल सुरक्षा तंत्र में मौजूद खामियों और कमजोरियों को उजागर करने का एक तरीका है।
  • प्रशिक्षण की प्रभावशीलता: यह जांचने का एक तरीका है कि प्राप्त प्रशिक्षण कितना प्रभावी है।

कार्यप्रणाली:

आमतौर पर, मॉक ड्रिल में वास्तविक या कृत्रिम (Simulated) खतरों का उपयोग किया जाता है। इस मामले में, “बम” का इस्तेमाल एक कृत्रिम खतरा था। स्पेशल टीम द्वारा आम नागरिकों के भेष में प्रवेश करने का तरीका एक “अंडरकवर” या “सतर्कता” अभ्यास का हिस्सा हो सकता है। इसका उद्देश्य यह देखना था कि क्या सुरक्षा दल सामान्य भीड़ के बीच किसी असामान्य गतिविधि को पहचान पाता है, या क्या कोई अनधिकृत व्यक्ति संवेदनशील क्षेत्र तक पहुँचने में सक्षम है।

आगे की राह: सुरक्षा को मजबूत करने के उपाय

इस घटना से सबक लेते हुए, सुरक्षा एजेंसियों को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  1. निरंतर प्रशिक्षण और पुनश्चर्या (Refresher) पाठ्यक्रम: सुरक्षा कर्मियों को न केवल प्रारंभिक प्रशिक्षण बल्कि नियमित अंतराल पर उन्नत प्रशिक्षण और पुनश्चर्या पाठ्यक्रम भी प्रदान किए जाने चाहिए। इसमें नई तकनीकों और खतरों से निपटना शामिल होना चाहिए।
  2. तकनीकी उन्नयन: केवल मानवीय निगरानी पर निर्भर न रहें। उन्नत निगरानी प्रणाली, AI-आधारित वीडियो विश्लेषण, ड्रोन, मेटल डिटेक्टर, और अन्य सुरक्षा प्रौद्योगिकियों का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए।
  3. खुफिया जानकारी का बेहतर उपयोग: खुफिया एजेंसियों और ज़मीनी स्तर के सुरक्षा कर्मियों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान और समन्वय बेहतर होना चाहिए।
  4. प्रदर्शन मूल्यांकन और जवाबदेही: सुरक्षा कर्मियों के प्रदर्शन का नियमित मूल्यांकन किया जाना चाहिए, और लापरवाही बरतने पर उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
  5. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य: सुरक्षा कर्मियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी सतर्कता को प्रभावित कर सकता है।
  6. जोखिम मूल्यांकन (Risk Assessment) में सुधार: संभावित खतरों और कमजोरियों के नियमित और व्यापक जोखिम मूल्यांकन की आवश्यकता है।
  7. “आम नागरिक” के भेष में अभ्यास: इस तरह के अभ्यासों को भविष्य में भी जारी रखा जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी संबंधित एजेंसियों को आवश्यक जानकारी हो ताकि भ्रम की स्थिति न बने, या फिर यह पूरी तरह अप्रत्याशित रखा जाए और इसके परिणाम तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई के रूप में सामने आएं।

निष्कर्ष

लाल किले पर सात पुलिसकर्मियों का निलंबन एक गंभीर घटना है जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करती है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि सुरक्षा एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें निरंतर निगरानी, प्रशिक्षण, तकनीकी उन्नयन और जवाबदेही की आवश्यकता होती है। UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह केवल एक समाचार का टुकड़ा नहीं है, बल्कि शासन, सुरक्षा, नैतिकता और सार्वजनिक प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण विषयों के गहन अध्ययन का अवसर है। इस घटना का विश्लेषण करते हुए, हमें न केवल वर्तमान चूक पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मजबूत और प्रभावी उपायों पर भी विचार करना चाहिए। देश की सुरक्षा हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, और इसमें किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

1. लाल किले पर हुई हालिया सुरक्षा चूक की घटना के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
I. घटना स्वतंत्रता दिवस से कुछ दिन पहले एक मॉक ड्रिल के दौरान हुई।
II. सात पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर बम का पता लगाने में विफलता के कारण निलंबित किया गया।
III. स्पेशल टीम ने आम नागरिकों के भेष में भाग लिया था।
उपरोक्त कथनों में से कौन से सही हैं?
(a) केवल I
(b) I और II दोनों
(c) I और III दोनों
(d) I, II और III तीनों

उत्तर: (d)
व्याख्या: तीनों कथन दी गई समाचार रिपोर्ट के अनुसार सही हैं। घटना स्वतंत्रता दिवस से पहले एक मॉक ड्रिल का हिस्सा थी, जहाँ सात पुलिसकर्मी कथित तौर पर “बम” का पता लगाने में विफल रहे, जिसके चलते उनका निलंबन हुआ। यह भी बताया गया कि स्पेशल टीम आम नागरिकों के भेष में थी।

2. सुरक्षा मॉक ड्रिल का प्राथमिक उद्देश्य निम्नलिखित में से क्या है?
(a) सुरक्षा कर्मियों को आराम देने के लिए
(b) आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया समय और समन्वय का परीक्षण करना
(c) केवल नई तकनीकों का प्रदर्शन करना
(d) जनता का ध्यान आकर्षित करना

उत्तर: (b)
व्याख्या: मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह जांचना है कि सुरक्षा बल आपातकालीन स्थितियों में कितनी तेज़ी से और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करते हैं, तथा विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय कैसा है।

3. “आम नागरिक” के भेष में स्पेशल टीम का उपयोग सुरक्षा अभ्यास के किस पहलू से संबंधित है?
(a) केवल सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना
(b) प्रशिक्षण की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना
(c) सतर्कता और घुसपैठ का पता लगाने की क्षमता का परीक्षण करना
(d) मीडिया का ध्यान खींचना

उत्तर: (c)
व्याख्या: आम नागरिकों के भेष में टीम का उपयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि क्या सुरक्षा तंत्र आम जनता के बीच छुपे या असामान्य रूप से व्यवहार करने वाले व्यक्तियों या खतरों का पता लगा पाता है। यह सतर्कता और घुसपैठ का पता लगाने की क्षमता का परीक्षण है।

4. GS पेपर III के संदर्भ में, लाल किला जैसी महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा निम्नलिखित में से किस क्षेत्र से संबंधित है?
(a) सीमा प्रबंधन
(b) आतंकवाद का मुकाबला
(c) आंतरिक सुरक्षा
(d) आर्थिक सुरक्षा

उत्तर: (c)
व्याख्या: लाल किला जैसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा भारत की ‘आंतरिक सुरक्षा’ के दायरे में आती है, जो देश के भीतर शांति और व्यवस्था बनाए रखने से संबंधित है।

5. GS पेपर IV (नैतिकता) के दृष्टिकोण से, एक सुरक्षा कर्मी की सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक क्या है?
(a) निजी लाभ प्राप्त करना
(b) जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना
(c) केवल अपनी ड्यूटी पूरी करना
(d) वरिष्ठ अधिकारियों की चापलूसी करना

उत्तर: (b)
व्याख्या: एक सुरक्षा कर्मी का प्राथमिक और सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना है।

6. निम्नलिखित में से कौन सी स्थिति सुरक्षा में “मानव कारक” (Human Factor) से संबंधित है?
(a) उन्नत सुरक्षा सॉफ्टवेयर का उपयोग
(b) सुरक्षा कर्मियों में थकान या विचलित होना
(c) नवीनतम बम डिटेक्टरों की स्थापना
(d) ड्रोन-आधारित निगरानी प्रणाली

उत्तर: (b)
व्याख्या: मानव कारक में वे सभी पहलू शामिल होते हैं जो व्यक्ति के व्यवहार, मानसिक स्थिति या शारीरिक क्षमता से संबंधित होते हैं, जैसे थकान, ध्यान भटकना, या काम के प्रति उदासीनता।

7. GS पेपर II के तहत, सार्वजनिक प्रशासन में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए क्या आवश्यक है?
(a) मनमानी शक्तियों का प्रयोग
(b) स्पष्ट नियमों और प्रदर्शन मूल्यांकन का अभाव
(c) स्थापित प्रोटोकॉल का पालन और उल्लंघन पर कार्रवाई
(d) केवल व्यक्तिगत निर्णयों पर निर्भरता

उत्तर: (c)
व्याख्या: सार्वजनिक प्रशासन में जवाबदेही के लिए स्पष्ट नियमों, प्रक्रियाओं के पालन, प्रदर्शन के नियमित मूल्यांकन और किसी भी उल्लंघन के लिए उचित कार्रवाई की व्यवस्था आवश्यक है।

8. हाल की घटना के आलोक में, सुरक्षा एजेंसियों को निम्नलिखित में से किस पर अधिक ध्यान देना चाहिए?
(a) केवल SOPs को बनाना
(b) प्रशिक्षण और तकनीकी उन्नयन को कम करना
(c) निरंतर प्रशिक्षण, तकनीकी उन्नयन और प्रभावी सूचना प्रसार
(d) सार्वजनिक प्रदर्शन को कम करना

उत्तर: (c)
व्याख्या: सुरक्षा को प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रशिक्षण, नई तकनीकों को अपनाना और विभिन्न एजेंसियों के बीच सूचनाओं का सुचारू प्रवाह अत्यंत महत्वपूर्ण है।

9. “स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOPs)” का क्या अर्थ है?
(a) केवल असाधारण परिस्थितियों के लिए दिशानिर्देश
(b) किसी विशेष कार्य को करने के लिए निर्धारित, चरण-दर-चरण प्रक्रियाएँ
(c) नई तकनीकों के लिए बीटा परीक्षण
(d) केवल आपातकालीन सेवाओं के लिए नियम

उत्तर: (b)
व्याख्या: SOPs किसी विशेष कार्य या प्रक्रिया को करने के लिए सबसे प्रभावी और सुरक्षित तरीके से निष्पादित करने के लिए विस्तृत, लिखित निर्देश होते हैं।

10. GS पेपर III के तहत, भारत में सुरक्षा के संदर्भ में “आंतरिक सुरक्षा” का क्या अर्थ है?
(a) केवल अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा
(b) देश के भीतर कानून और व्यवस्था बनाए रखना, और राज्य की संप्रभुता की रक्षा करना
(c) केवल आतंकवादियों से निपटना
(d) केवल सेना की ताकत बढ़ाना

उत्तर: (b)
व्याख्या: आंतरिक सुरक्षा का व्यापक अर्थ है देश के भीतर कानून और व्यवस्था बनाए रखना, समाज में शांति सुनिश्चित करना, आंतरिक खतरों (जैसे आतंकवाद, उग्रवाद, अपराध) से निपटना और राज्य की संप्रभुता की रक्षा करना।

मुख्य परीक्षा (Mains)

1. लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस से पहले हुई सुरक्षा चूक की घटना का विश्लेषण करें। राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में, इस घटना ने सुरक्षा प्रोटोकॉल, प्रशिक्षण और जवाबदेही के किन पहलुओं को उजागर किया है? (लगभग 250 शब्द)
(संकेत: घटना के विवरण, मॉक ड्रिल का उद्देश्य, मानव कारक, SOPs, प्रशिक्षण, जवाबदेही, और भविष्य के लिए आवश्यक सुधारों पर चर्चा करें।)

2. GS पेपर II के संदर्भ में, भारत में सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में शासन की भूमिका की विवेचना करें। लाल किले की घटना के उदाहरण का उपयोग करते हुए, आप प्रभावी सुरक्षा प्रबंधन के लिए क्या उपाय सुझाएंगे? (लगभग 250 शब्द)
(संकेत: शासन की परिभाषा, सुरक्षा में शासन की भूमिका, SOPs का महत्व, तकनीकी उन्नयन, जनशक्ति प्रबंधन, खुफिया समन्वय, और घटना-विशिष्ट सुधारों पर ध्यान केंद्रित करें।)

3. GS पेपर III के अंतर्गत, भारत में आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कितना प्रभावी हो सकता है? लाल किले की घटना जैसे सुरक्षा उल्लंघनों को रोकने में AI, IoT और अन्य उन्नत तकनीकों की भूमिका पर चर्चा करें। (लगभग 250 शब्द)
(संकेत: आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियाँ, प्रौद्योगिकी के प्रकार (AI, IoT, ड्रोन, सेंसर), उनकी अनुप्रयोगिता (निगरानी, ​​पहचान, विश्लेषण), सीमाएँ, और कार्यान्वयन की चुनौतियाँ।)

4. GS पेपर IV के दृष्टिकोण से, एक सुरक्षा कर्मी के पेशेवर आचरण में सतर्कता, जिम्मेदारी और कर्तव्यनिष्ठा के महत्व का विश्लेषण करें। लाल किले की घटना से प्राप्त सीखों के आधार पर, इन मूल्यों को बनाए रखने के लिए संस्थानों को क्या कदम उठाने चाहिए? (लगभग 150 शब्द)
(संकेत: इन मूल्यों की परिभाषा, सुरक्षा पेशेवर के लिए उनका महत्व, घटना से इनका संबंध, और संस्थानों द्वारा प्रशिक्षण, प्रदर्शन मूल्यांकन और नैतिक संवर्धन के माध्यम से इन मूल्यों को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है।)

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