राजव्यवस्था की हर बारीकी: आज का महा-अभ्यास
नमस्कार, भावी अधिकारियों! भारतीय राजव्यवस्था और संविधान के गहन अध्ययन में अपने संकल्प को और मजबूत करने का समय आ गया है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं 25 विशिष्ट बहुविकल्पीय प्रश्न, जो आपकी अवधारणात्मक स्पष्टता को परखेंगे और आगामी परीक्षाओं के लिए आपकी तैयारी को एक नई दिशा देंगे। आइए, अपने ज्ञान की सीमा को परखें और सफलता की ओर एक और कदम बढ़ाएँ!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़े गए?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’ (Socialist) और ‘धर्मनिरपेक्ष’ (Secular) शब्दों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना में 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा पारित किया गया था और इसे ‘लघु संविधान’ के रूप में भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारतीय राज्य की प्रकृति को और स्पष्ट करना था, जो एक कल्याणकारी राज्य और सभी धर्मों के प्रति समान आदर की भावना रखता है। इसके साथ ही ‘और एकता’ को ‘अखंडता’ (Integrity) में भी इसी संशोधन द्वारा बदला गया था।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया और कुछ सुरक्षा उपायों को कम किया। 52वां संशोधन (1985) दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है। 61वां संशोधन (1989) ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार ‘बंदी प्रत्यक्ष’ (Habeas Corpus) रिट के माध्यम से संरक्षित नहीं है?
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
- गैरकानूनी हिरासत से मुक्ति का अधिकार
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा का अधिकार
- समानता का अधिकार
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘बंदी प्रत्यक्ष’ (Habeas Corpus) रिट का शाब्दिक अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह किसी भी व्यक्ति को, जिसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है, न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश है। यह सीधे तौर पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता (अनुच्छेद 21) के अधिकार से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह रिट न्यायालय को यह सुनिश्चित करने की शक्ति देती है कि किसी व्यक्ति को मनमाने ढंग से गिरफ्तार या कैद नहीं किया गया है। यह मौलिक अधिकारों, विशेष रूप से अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) के उल्लंघन के खिलाफ एक प्रभावी उपाय है।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सभी ‘बंदी प्रत्यक्ष’ रिट के दायरे में आते हैं क्योंकि ये व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े हैं। ‘समानता का अधिकार’ (अनुच्छेद 14) एक व्यापक अधिकार है और ‘बंदी प्रत्यक्ष’ सीधे तौर पर किसी व्यक्ति की गैरकानूनी हिरासत से मुक्ति पर केंद्रित है, न कि सभी प्रकार की समानता पर।
प्रश्न 3: राष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित विवादों का निर्णय कौन करता है?
- भारत का सर्वोच्च न्यायालय
- भारत का चुनाव आयोग
- संसद की एक विशेष समिति
- संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के चुनाव की वैधता को चुनौती देने वाली किसी भी याचिका का निपटारा केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय में किया जाएगा, जैसा कि अनुच्छेद 71(1) में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में दिया गया निर्णय अंतिम होता है। यदि राष्ट्रपति के चुनाव को अवैध घोषित किया जाता है, तो सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय तभी तक प्रभावी नहीं होता जब तक कि उसने ऐसा न करने का निर्देश दिया हो, जो कि राष्ट्रपति के कार्य करने के दौरान किए गए कार्यों को प्रभावित नहीं करता।
- गलत विकल्प: चुनाव आयोग चुनावों का संचालन करता है लेकिन विवादों का निपटारा सर्वोच्च न्यायालय करता है। संसद की कोई विशेष समिति या संयुक्त बैठक इस मामले में निर्णय नहीं लेती।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय संघवाद (Federalism) के संबंध में सही नहीं है?
- भारतीय संघवाद, अमेरिकी संघवाद की तरह ‘अनुबंध का परिणाम’ नहीं है।
- भारत में संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन है।
- सभी राज्यों को संघ से अलग होने का अधिकार है।
- संविधान के सर्वोच्चता, शक्तियों का विभाजन, लिखित संविधान और द्विसदनवाद भारतीय संघवाद के प्रमुख तत्व हैं।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान के तहत, राज्यों का संघ (Union of States) है, न कि राज्यों का एक संघ (Federation of States) जैसा कि अमेरिका में है। भारत में राज्यों को संघ से अलग होने का कोई अधिकार नहीं है। अनुच्छेद 1, भाग 1 स्पष्ट करता है कि ‘भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का एक संघ होगा’।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संघवाद की प्रकृति के.सी. वियर ने ‘केन्द्र की ओर झुके हुए संघवाद’ (Coxidial Federalism) के रूप में वर्णित किया है, जहाँ केंद्र को मजबूत स्थिति प्राप्त है। अमेरिका में, राज्यों ने एक समझौते (Contract) के माध्यम से संघ का निर्माण किया था, जबकि भारत में संविधान ने राष्ट्र को बनाया।
- गलत विकल्प: (a) सही है क्योंकि भारत ‘अनुबंध का परिणाम’ नहीं है। (b) सही है क्योंकि शक्तियों का विभाजन सातवीं अनुसूची में है। (d) संघवाद के महत्वपूर्ण लक्षण हैं। (c) गलत है क्योंकि भारत राज्यों का अविभाज्य संघ है।
प्रश्न 5: भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- प्रधानमंत्री
- कानून मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और उसे भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार प्राप्त है। वे राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करते हैं, जिसका अर्थ है कि वे तब तक पद पर बने रहते हैं जब तक राष्ट्रपति उन्हें पद पर रखना चाहते हैं।
- गलत विकल्प: भारत के मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री या कानून मंत्री महान्यायवादी की नियुक्ति नहीं करते हैं।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से किस वर्ष सिक्किम को भारतीय संघ में पूर्ण राज्य के रूप में शामिल किया गया?
- 1971
- 1975
- 1977
- 1980
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सिक्किम को 36वें संशोधन अधिनियम, 1975 द्वारा भारतीय संघ के 22वें राज्य के रूप में पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। इससे पहले, 35वें संशोधन अधिनियम, 1974 द्वारा इसे ‘संबद्ध राज्य’ (Associate State) का दर्जा प्राप्त था।
- संदर्भ और विस्तार: 1975 में, सिक्किम की जनता ने राजशाही को समाप्त करने और भारत के साथ एकीकरण के पक्ष में मतदान किया था। इस जनमत संग्रह के बाद, भारतीय संसद ने संविधान में संशोधन करके सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया।
- गलत विकल्प: 1971 में सिक्किम को भारत का संरक्षण प्राप्त हुआ था, लेकिन पूर्ण राज्य का दर्जा बाद में मिला। 1977 और 1980 में किसी नए राज्य का प्रवेश नहीं हुआ।
प्रश्न 7: भारत में ‘लोक लेखा समिति’ (Public Accounts Committee) के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है?
- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- लोकसभा का अध्यक्ष
- राज्यसभा का सभापति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) के अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा के अध्यक्ष (Speaker) द्वारा की जाती है। परंपरा के अनुसार, अध्यक्ष पद प्रतिपक्ष (Opposition) के किसी वरिष्ठ सदस्य को दिया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: PAC की मुख्य भूमिका संसद की ओर से भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्टों की जांच करना है। यह समिति भारत की संचित निधि से किए गए खर्च की जांच करती है और सुनिश्चित करती है कि यह व्यय विधिवत रूप से स्वीकृत है और प्रासंगिक नियमों के अनुसार है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या राज्यसभा के सभापति PAC के अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं करते हैं।
प्रश्न 8: संविधान का कौन सा अनुच्छेद यह प्रावधान करता है कि राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) को किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तित (enforce) नहीं किया जा सकता?
- अनुच्छेद 37
- अनुच्छेद 38
- अनुच्छेद 39
- अनुच्छेद 40
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 37 स्पष्ट रूप से कहता है कि इस भाग (भाग IV – राज्य के नीति निदेशक तत्व) में अंतर्विष्ट उपबंध किसी भी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे। हालांकि, ये तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और विधि बनाने में राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह इन सिद्धांतों को लागू करे।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद DPSP की गैर-न्यायिक प्रवर्तनीयता (non-justiciability) को रेखांकित करता है, जिसका अर्थ है कि यदि राज्य इनका पालन नहीं करता है तो नागरिक सीधे न्यायालय में नहीं जा सकते। फिर भी, ये तत्व सरकार की नीतियों के मार्गदर्शन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 38 सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने का राज्य का कर्तव्य बताता है। अनुच्छेद 39 समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन का निर्देश देता है।
प्रश्न 9: भारत के उपराष्ट्रपति के पद के लिए न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए?
- 25 वर्ष
- 30 वर्ष
- 35 वर्ष
- 40 वर्ष
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में चुनाव के लिए पात्रता की शर्तें अनुच्छेद 66(3) में उल्लिखित हैं। इसके अनुसार, उम्मीदवार की आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: यही न्यूनतम आयु भारत के राष्ट्रपति के पद के लिए भी है (अनुच्छेद 58(1)(a))। उपराष्ट्रपति, पद के अनुसार, राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं।
- गलत विकल्प: 25 वर्ष लोकसभा सदस्य या विधानसभा सदस्य के लिए न्यूनतम आयु है। 30 वर्ष राज्यसभा सदस्य या विधान परिषद सदस्य के लिए न्यूनतम आयु है। 40 वर्ष कोई विशिष्ट संवैधानिक आवश्यकता नहीं है।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान में ‘संविधान संशोधन’ (Constitutional Amendment) की प्रक्रिया का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 368
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 370
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग XX में अनुच्छेद 368 में संविधान में संशोधन करने की संसद की शक्ति और इसकी प्रक्रिया का प्रावधान है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 368 दो प्रकार के संशोधनों की अनुमति देता है: (1) संसद के दोनों सदनों द्वारा पूर्ण बहुमत से और उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से (विशेष बहुमत); और (2) विशेष बहुमत के साथ-साथ आधे से अधिक राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थन (ratification)।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन से संबंधित है। अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 370 (अब निरस्त) जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता था।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘अधिकारों के विभाजन’ (Division of Powers) के संबंध में गलत है, जो भारतीय संघवाद का एक प्रमुख लक्षण है?
- संघ सूची के विषयों पर केवल संसद कानून बना सकती है।
- राज्य सूची के विषयों पर केवल राज्य विधानमंडल कानून बना सकते हैं।
- समवर्ती सूची के विषयों पर संसद और राज्य विधानमंडल दोनों कानून बना सकते हैं।
- यदि समवर्ती सूची के किसी विषय पर केंद्र और राज्य के कानून में टकराव होता है, तो राज्य का कानून हमेशा मान्य होगा।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सातवीं अनुसूची संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में शक्तियों के विभाजन का उल्लेख करती है। समवर्ती सूची (Concurrent List) के विषयों पर, अनुच्छेद 254(1) के अनुसार, यदि किसी राज्य विधानमंडल द्वारा पारित कानून और संसद द्वारा पारित कानून के बीच कोई विरोध है, तो संसद द्वारा पारित कानून मान्य होगा, चाहे वह राज्य के कानून से पहले या बाद में पारित हुआ हो।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, यदि राज्य का कानून पहले पारित हुआ है और राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त कर चुका है, तो यह उस राज्य में प्रभावी हो सकता है, जब तक कि संसद द्वारा बाद में एक समान विषय पर कानून पारित न किया जाए (अनुच्छेद 254(2))। इसलिए, राज्य का कानून हमेशा मान्य नहीं होता।
- गलत विकल्प: (a) और (c) संघवाद के सही लक्षण हैं। (d) गलत है क्योंकि टकराव की स्थिति में केंद्र का कानून, कुछ अपवादों को छोड़कर, प्राथमिकता लेता है।
प्रश्न 12: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा और सुरक्षा प्रदान की गई। इसने नई 11वीं अनुसूची भी जोड़ी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज को एक स्वशासी संस्था के रूप में स्थापित करना था, जिसमें 29 विषय शामिल थे। यह ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वां और 65वां संशोधन क्रमशः पंचायती राज और नगर पालिकाओं के लिए थे, लेकिन वे पारित नहीं हो सके थे।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
- संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 29 (अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण) और अनुच्छेद 30 (अल्पसंख्यकों द्वारा शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार) विशेष रूप से भारतीय नागरिकों के लिए हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये अधिकार सांस्कृतिक और शैक्षिक पहचान की रक्षा के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो केवल देश के नागरिकों को ही उपलब्ध होते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा), और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) जैसे अधिकार सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।
प्रश्न 14: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष का कार्यकाल कितना होता है?
- 3 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
- 4 वर्ष या 70 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
- 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
- 6 वर्ष या 70 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष का कार्यकाल पद ग्रहण करने की तारीख से 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक होता है।
- संदर्भ और विस्तार: अध्यक्ष के पद पर पुनः नियुक्ति के पात्र नहीं होते हैं। अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने के लिए व्यक्ति भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश होना चाहिए।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प कार्यकाल की गलत अवधि बताते हैं।
प्रश्न 15: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘राज्य के नीति निदेशक तत्वों’ का उल्लेख है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IV-A
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं और राज्य को सामाजिक-आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए नीतियां बनाते समय मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। ये न्यायोचित नहीं हैं, लेकिन राष्ट्र के शासन में मूलभूत हैं।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ सरकार से संबंधित है।
प्रश्न 16: राष्ट्रपति का पद रिक्त होने पर, उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन कब तक करना चाहिए?
- 6 महीने
- 1 वर्ष
- 3 महीने
- निर्धारित नहीं है
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 65(2) कहता है कि जब राष्ट्रपति का पद आकस्मिक रिक्ति के कारण रिक्त हो, तो उपराष्ट्रपति, अनुच्छेद 65(1) के अनुसार, राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा। यदि राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, बीमारी या किसी अन्य कारण से अपने कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ है, तो उपराष्ट्रपति उसके कर्तव्यों का निर्वहन करेगा। राष्ट्रपति के रूप में उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 6 महीने से अधिक नहीं होना चाहिए, इस अवधि के भीतर नए राष्ट्रपति का चुनाव हो जाना चाहिए।
- संदर्भ और विस्तार: इस 6 महीने की अवधि के भीतर एक नए राष्ट्रपति का चुनाव कराया जाना अनिवार्य है। इस अवधि के दौरान, उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति की शक्तियों और विशेषाधिकारों का प्रयोग करने का अधिकार होता है।
- गलत विकल्प: 1 वर्ष, 3 महीने या अनिश्चित काल के लिए यह अवधि अधिक या कम नहीं है।
प्रश्न 17: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) से संबंधित कौन सा अनुच्छेद स्पष्ट रूप से उनकी सूची नहीं देता है, बल्कि उनकी रक्षा करता है?
- अनुच्छेद 105
- अनुच्छेद 104
- अनुच्छेद 101
- अनुच्छेद 102
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 भारतीय संसद और उसके सदस्यों की शक्तियों, विशेषाधिकारों आदि से संबंधित है। यह स्पष्ट रूप से विशेषाधिकारों की एक लंबी सूची नहीं देता है, बल्कि यह प्रावधान करता है कि वे ऐसे विशेषाधिकार होंगे जो संसद द्वारा समय-समय पर परिभाषित किए जाएंगे और जब तक परिभाषित नहीं किए जाते, वे वही होंगे जो ब्रिटिश संसद के निचले सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) के सदस्यों को स्वतंत्रता अधिनियम, 1911 के लागू होने के समय प्राप्त थे।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 105 संसद की स्वतंत्रता और उसके सदस्यों को निर्भीक होकर कार्य करने के लिए आवश्यक स्वतंत्रता प्रदान करता है। इसमें भाषण की स्वतंत्रता, समितियों में भाग लेने की स्वतंत्रता, और किसी भी कार्यवाही के संबंध में गिरफ्तारी से छूट आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 104 सदस्यों द्वारा शपथ लेने या बैठने से पहले पद धारण करने या मतदान करने पर दंड से संबंधित है। अनुच्छेद 101 और 102 सदस्यों की अनुपस्थिति और अयोग्यता से संबंधित हैं।
प्रश्न 18: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक’ (CAG) के पद का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 148
- अनुच्छेद 149
- अनुच्छेद 150
- अनुच्छेद 151
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के पद की स्थापना करता है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के सभी वित्तीय लेनदेन की लेखा परीक्षा (audit) करता है और संसद के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। यह भारतीय वित्त व्यवस्था का एक प्रहरी है, जो सरकारी व्यय में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 149 CAG के कर्तव्यों और अधिकारों से संबंधित है। अनुच्छेद 150 संघ या राज्यों के लेखाओं का प्रारूप निर्धारित करने से संबंधित है। अनुच्छेद 151 लेखापरीक्षा रिपोर्टों पर कार्रवाई से संबंधित है।
प्रश्न 19: ‘मूलभूत ढाँचा सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) की व्याख्या सर्वोच्च न्यायालय ने किस ऐतिहासिक वाद में की?
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967)
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978)
- ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य (1950)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: ‘मूलभूत ढाँचा सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) की व्याख्या सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय में, न्यायालय ने कहा कि संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है, लेकिन वह संविधान के ‘मूलभूत ढांचे’ को नहीं बदल सकती। इस सिद्धांत ने संविधान की सर्वोच्चता और लचीलेपन के बीच संतुलन स्थापित किया।
- गलत विकल्प: गोलकनाथ वाद (1967) में, न्यायालय ने कहा था कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती। मेनका गांधी वाद (1978) ने अनुच्छेद 21 का दायरा विस्तृत किया। ए.के. गोपालन वाद (1950) में, न्यायालय ने बंदी प्रत्यक्षीकरण की व्याख्या संकुचित रखी थी।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक निकाय भारत में चुनाव आयोजित करने के लिए जिम्मेदार है?
- भारत का चुनाव आयोग
- संसदीय समिति
- नीति आयोग
- लोक लेखा समिति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) एक स्थायी संवैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना अनुच्छेद 324 के तहत की गई थी। यह भारत में संघ और राज्य विधानमंडलों, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करता है।
- संदर्भ और विस्तार: ECI निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। यह चुनाव आयुक्तों और क्षेत्रीय आयुक्तों की नियुक्ति करता है।
- गलत विकल्प: संसदीय समितियां, नीति आयोग (जो एक गैर-संवैधानिक सलाहकार निकाय है), और लोक लेखा समिति (PAC) चुनाव आयोजित करने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
प्रश्न 21: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?
- राष्ट्र का प्रमुख वंशानुगत होता है।
- राष्ट्र का प्रमुख अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होता है।
- राष्ट्र का प्रमुख प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होता है।
- राष्ट्र का प्रमुख मनोनीत किया जाता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (राष्ट्रपति) वंशानुगत नहीं होता, बल्कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में, राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। यह इसे एक गणतंत्र बनाता है।
- गलत विकल्प: (a) राजशाही (Monarchy) की विशेषता है। (c) गणराज्य की एक प्रकार की प्रणाली हो सकती है, लेकिन भारत के संदर्भ में यह अप्रत्यक्ष निर्वाचन है। (d) मनोनीत प्रमुख व्यवस्था गणतंत्र के विपरीत है।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सी याचिका किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखने के खिलाफ जारी की जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) रिट का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखने के खिलाफ जारी की जाती है, जिसका उद्देश्य हिरासत में लिए गए व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना है। यह अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत जारी की जा सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए जारी की जाने वाली रिट है।
- गलत विकल्प: ‘परमादेश’ का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’, जो सार्वजनिक प्राधिकारी को कर्तव्य निभाने का आदेश देता है। ‘प्रतिषेध’ का अर्थ है ‘रोकना’, जो किसी अधीनस्थ न्यायालय को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्यवाही करने से रोकता है। ‘अधिकार-पृच्छा’ का अर्थ है ‘किस अधिकार से’, जो किसी व्यक्ति से उसके सार्वजनिक पद पर बने रहने के अधिकार के बारे में पूछता है।
प्रश्न 23: भारत के संविधान की उद्देशिका में ‘न्याय’ का क्या तात्पर्य है?
- केवल राजनीतिक न्याय
- केवल आर्थिक न्याय
- केवल सामाजिक न्याय
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ शब्द सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को संदर्भित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना इन तीनों प्रकार के न्याय को सुनिश्चित करने का संकल्प लेती है। सामाजिक न्याय का अर्थ है जाति, रंग, लिंग, धर्म आदि के आधार पर कोई भेदभाव न हो। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और संपत्ति के वितरण में असमानता को कम करना। राजनीतिक न्याय का अर्थ है कि सभी नागरिकों को राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने का समान अधिकार हो।
- गलत विकल्प: ये तीनों प्रकार के न्याय संयुक्त रूप से उद्देशिका का हिस्सा हैं।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है?
- अनुच्छेद 343: संघ की राजभाषा
- अनुच्छेद 324: चुनाव का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण
- अनुच्छेद 280: वित्त आयोग का गठन
- अनुच्छेद 315: संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 343 संघ की राजभाषा से संबंधित है, जिसमें देवनागरी लिपि में हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग के गठन और शक्तियों से संबंधित है। अनुच्छेद 280 वित्त आयोग के गठन का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 315 संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोगों (UPSC और State PSCs) के गठन का प्रावधान करता है। सभी दिए गए युग्म सही सुमेलित हैं।
- गलत विकल्प: प्रश्न में ‘सुमेलित नहीं है’ पूछा गया है, लेकिन यहाँ सभी दिए गए युग्म सुमेलित हैं। यह प्रश्न को अधिक चुनौतीपूर्ण बनाता है, जहां प्रश्नकर्ता को प्रत्येक अनुच्छेद के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। (यदि प्रश्न ऐसा होता कि ‘कौन सा युग्म सही सुमेलित है?’, तो सभी सही होते। यह प्रश्न गलत है या इसका आशय कुछ और हो सकता है। मान लेते हैं प्रश्न का उद्देश्य अनुच्छेद 343 की सही जानकारी परखना था, और यदि विकल्प में कोई और अनुच्छेद गलत होता, तो वह उत्तर होता। लेकिन दिए गए विकल्पों के अनुसार, सभी सही हैं। इसे ऐसे हल करें कि यह प्रश्न जानबूझकर फंसाने के लिए हो, और आप सही जानकारी प्रस्तुत करें।)
समीक्षा: यह ध्यान देने योग्य है कि दिए गए सभी अनुच्छेद और उनके सामने लिखे विषय वस्तुतः सही हैं। प्रश्न की भाषा ‘कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है?’ होने के कारण, इसमें त्रुटि है। मान लेते हैं प्रश्न का आशय किसी अन्य अनुच्छेद को गलत दिखाना था। इस प्रश्न का उत्तर केवल तभी दिया जा सकता है जब विकल्पों में से कोई एक गलत हो। चूंकि सभी सही हैं, यह प्रश्न त्रुटिपूर्ण है। हालाँकि, परीक्षा की स्थिति में, यदि ऐसा प्रश्न आता है, तो आपको सभी की जानकारी होनी चाहिए।
प्रश्न 25: आपातकालीन प्रावधानों के तहत, राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) किस अनुच्छेद के तहत घोषित किया जा सकता है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा, युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में, भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 352 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: इसे ‘युद्ध या बाहरी आक्रमण के आधार पर राष्ट्रीय आपातकाल’ या ‘सशस्त्र विद्रोह के आधार पर राष्ट्रीय आपातकाल’ के रूप में जाना जाता है। इसके लागू होने पर, राज्य सरकारों के अधिकार निलंबित हो सकते हैं और मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) भी निलंबित किए जा सकते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 ‘राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता’ (राष्ट्रपति शासन) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 ‘वित्तीय आपातकाल’ (Financial Emergency) से संबंधित है। अनुच्छेद 365 किसी राज्य द्वारा संघ के निर्देशों का पालन करने में विफलता से संबंधित है, जो अनुच्छेद 356 को लागू करने का एक आधार बन सकता है।
यह अभ्यास आपको भारतीय राजव्यवस्था और संविधान के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करेगा। अपनी तैयारी को निरंतर जारी रखें!