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राजव्यवस्था की धार: प्रतिदिन 25 सवाल, ज्ञान की परख

राजव्यवस्था की धार: प्रतिदिन 25 सवाल, ज्ञान की परख

नमस्कार, भावी प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को मज़बूत बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाएँ। आज की यह प्रश्नोत्तरी आपके संवैधानिक ज्ञान को पैना करने और अवधारणाओं की स्पष्टता परखने का एक बेहतरीन अवसर है। आइए, अपने ज्ञान को चुनौती दें और सफलता की ओर बढ़ें!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: संविधान सभा की पहली बैठक कब हुई थी?

  1. 9 दिसंबर, 1946
  2. 15 अगस्त, 1947
  3. 26 जनवरी, 1950
  4. 26 नवंबर, 1949

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। यह भारत की स्वतंत्रता के लिए एक ऐतिहासिक कदम था, जिसका उद्देश्य एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य स्थापित करना था।
  • संदर्भ और विस्तार: डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थायी अध्यक्ष चुना गया था। इस बैठक में मुस्लिम लीग ने भाग नहीं लिया था, जो बाद में भारत के विभाजन का एक कारण बना।
  • गलत विकल्प: 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ। 26 नवंबर, 1949 को संविधान पारित हुआ था।

प्रश्न 2: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 97वां संशोधन अधिनियम, 2011

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’, और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया था। यह संशोधन भारत के संवैधानिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने प्रस्तावना के स्वरूप को बदल दिया और इसे संविधान की मूल भावना के अनुरूप और अधिक समावेशी बनाया। यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान हुआ था।
  • गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा दिया। 73वें संशोधन ने पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा दिया। 97वें संशोधन ने सहकारी समितियों को संवैधानिक दर्जा दिया।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘राज्य’ की परिभाषा दी गई है?

  1. अनुच्छेद 12
  2. अनुच्छेद 13
  3. अनुच्छेद 14
  4. अनुच्छेद 15

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 भारतीय संविधान में ‘राज्य’ शब्द को परिभाषित करता है। यह परिभाषा मौलिक अधिकारों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये अधिकार राज्य के विरुद्ध लागू होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 12 के अनुसार, ‘राज्य’ में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन सभी स्थानीय और अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 ‘विधियों को शून्य घोषित करने की शक्ति’ से संबंधित है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों के समान संरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
  3. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  4. भेदभाव के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 15)

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव के विरुद्ध संरक्षण प्रदान करता है, केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14, 21, और 25 जैसे अधिकार भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं। यह भारतीय संविधान की एक महत्वपूर्ण विशेषता है जो समावेशिता को दर्शाती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 21, और 25 सभी व्यक्तियों को प्राप्त हैं, न कि केवल नागरिकों को। इसलिए, ये सही उत्तर नहीं हैं।

प्रश्न 5: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) को भारतीय संविधान के किस भाग में शामिल किया गया है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IV-A
  4. भाग V

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) को भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल किया गया है। ये सिद्धांत आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: DPSP देश के शासन में मूलभूत हैं और कानून बनाने में राज्य इन सिद्धांतों को लागू करने का प्रयास करेगा। ये सिद्धांत सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए हैं, हालांकि इन्हें अदालतों द्वारा लागू नहीं किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: भाग III में मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12-35) हैं। भाग IV-A में मौलिक कर्तव्य (अनुच्छेद 51A) हैं। भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।

प्रश्न 6: राष्ट्रपति को उनके पद से हटाने की महाभियोग प्रक्रिया का उल्लेख किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 56
  2. अनुच्छेद 61
  3. अनुच्छेद 72
  4. अनुच्छेद 76

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति को संविधान के उल्लंघन के आधार पर महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है। इस प्रक्रिया का उल्लेख अनुच्छेद 61 में किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: महाभियोग प्रक्रिया संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) द्वारा शुरू की जा सकती है। आरोप पत्र पर सदन के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए और 14 दिन का नोटिस देना आवश्यक है। आरोप को सिद्ध करने के लिए सदन की कुल सदस्यता के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। यह एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति की पदावधि से संबंधित है। अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 76 भारत के महान्यायवादी (Attorney General) से संबंधित है।

प्रश्न 7: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है?

  1. केवल लोकसभा के सदस्य
  2. केवल राज्यसभा के सदस्य
  3. संसद के दोनों सदनों के सदस्य
  4. संसद के दोनों सदनों और राज्य विधानसभाओं के सदस्य

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा गठित एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। यह अनुच्छेद 66 में उल्लिखित है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के केवल निर्वाचित सदस्य शामिल नहीं होते, बल्कि इसके सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत दोनों) भाग लेते हैं, जैसा कि 11वें संशोधन अधिनियम, 1961 द्वारा स्पष्ट किया गया था।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति का चुनाव संसद के निर्वाचित सदस्यों और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा होता है। उपराष्ट्रपति के चुनाव में मनोनीत सदस्य भी भाग लेते हैं, और राज्य विधानसभाओं के सदस्य नहीं।

प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में कार्य करने के लिए संसद का सदस्य होना आवश्यक नहीं है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. राज्य मंत्री
  3. उप-प्रधानमंत्री
  4. संविधान के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति 6 महीने तक संसद का सदस्य नहीं रहता है, तो वह मंत्री पद पर नहीं रह सकता।

उत्तर: (d)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो किसी भी सदन का सदस्य नहीं है, उसे मंत्री नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन उसे नियुक्ति के 6 महीने की अवधि के भीतर संसद के किसी भी सदन का सदस्य बनना होगा (अनुच्छेद 75(5))।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि शुरू में मंत्री बनने के लिए संसद का सदस्य होना अनिवार्य नहीं है, लेकिन 6 महीने के बाद यह अनिवार्य हो जाता है। उप-प्रधानमंत्री का पद संवैधानिक नहीं है, बल्कि एक राजनीतिक पद है। प्रधानमंत्री और राज्य मंत्री दोनों को मंत्री परिषद में शामिल होने के लिए संसद का सदस्य होना आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री और राज्य मंत्री सीधे तौर पर कार्यपालिका का हिस्सा हैं और उन्हें मंत्री के रूप में कार्य करने के लिए, जैसा कि प्रश्न में पूछा गया है, 6 महीने के भीतर संसद का सदस्य बनना होगा। उप-प्रधानमंत्री का पद संवैधानिक रूप से परिभाषित नहीं है, लेकिन वे आमतौर पर संसद सदस्य होते हैं। विकल्प (d) सही स्थिति को स्पष्ट करता है।

प्रश्न 9: लोकसभा का कार्यकाल सामान्यतः कितने वर्ष का होता है?

  1. 3 वर्ष
  2. 4 वर्ष
  3. 5 वर्ष
  4. 6 वर्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लोकसभा, जो भारत की संसद का निम्न सदन है, का सामान्य कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, जैसा कि अनुच्छेद 83(2) में उल्लेखित है।
  • संदर्भ और विस्तार: 5 वर्ष की अवधि के बाद, लोकसभा स्वतः विघटित हो जाती है। हालांकि, राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में, संसद कानून द्वारा लोकसभा के कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष के लिए बढ़ा सकती है, और यह वृद्धि आपातकाल समाप्त होने के 6 महीने बाद तक लागू रह सकती है।
  • गलत विकल्प: 3 वर्ष राज्यसभा का कार्यकाल होता है (यह भंग नहीं होती)। 6 वर्ष राष्ट्रपति या राज्यपाल का कार्यकाल होता है। 4 वर्ष किसी भी सदन का कार्यकाल नहीं होता।

प्रश्न 10: भारत में निम्नलिखित में से किसे ‘न्यायिक समीक्षा’ की शक्ति प्राप्त है?

  1. केवल सर्वोच्च न्यायालय
  2. केवल उच्च न्यायालय
  3. सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय दोनों
  4. सभी अधीनस्थ न्यायालय

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: न्यायिक समीक्षा की शक्ति, जिसके तहत न्यायालय संसद या राज्य विधानमंडलों द्वारा पारित कानूनों को संविधान के प्रावधानों के विरुद्ध होने पर असंवैधानिक घोषित कर सकते हैं, सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 13 और 32) और उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 13 और 226) दोनों को प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: न्यायिक समीक्षा भारतीय संविधान के ‘विधि के शासन’ और ‘संविधान की सर्वोच्चता’ के सिद्धांत को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह केशवानंद भारती मामले (1973) जैसे कई ऐतिहासिक निर्णयों में स्थापित हुआ है।
  • गलत विकल्प: अधीनस्थ न्यायालय सीधे तौर पर न्यायिक समीक्षा नहीं कर सकते, हालांकि वे उच्च न्यायालयों के निर्णयों से प्रभावित होते हैं।

प्रश्न 11: किस अनुच्छेद के तहत सर्वोच्च न्यायालय को ‘अपीलीय क्षेत्राधिकार’ प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 131
  2. अनुच्छेद 132, 133, 134
  3. अनुच्छेद 136
  4. अनुच्छेद 137

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय को अपीलीय क्षेत्राधिकार का अर्थ है कि वह विभिन्न न्यायालयों और अधिकरणों के निर्णयों के विरुद्ध की गई अपीलों की सुनवाई कर सकता है। इसका प्रावधान अनुच्छेद 132 (सिविल, आपराधिक और संवैधानिक मामले), 133 (सिविल मामले), और 134 (आपराधिक मामले) में है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 136 (विशेष अनुमति द्वारा अपील) सर्वोच्च न्यायालय को एक व्यापक अपीलीय शक्ति प्रदान करता है, लेकिन अनुच्छेद 132-134 इसके मुख्य अपीलीय क्षेत्राधिकार को परिभाषित करते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 136 विशेष अनुमति से अपील है, और अनुच्छेद 137 न्यायिक पुनर्विचार (review) की शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 12: केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण का उल्लेख संविधान के किस अनुसूची में किया गया है?

  1. पांचवी अनुसूची
  2. सातवीं अनुसूची
  3. आठवीं अनुसूची
  4. नौवीं अनुसूची

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सातवीं अनुसूची संघ और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियों के वितरण से संबंधित है। इसमें तीन सूचियां हैं: संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची।
  • संदर्भ और विस्तार: संघ सूची में उन विषयों को शामिल किया गया है जिन पर केवल संसद कानून बना सकती है। राज्य सूची में उन विषयों को शामिल किया गया है जिन पर राज्य विधानमंडल कानून बना सकते हैं (कुछ अपवादों को छोड़कर)। समवर्ती सूची में उन विषयों को शामिल किया गया है जिन पर संसद और राज्य विधानमंडल दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन यदि कोई विरोधाभास हो तो संसद का कानून मान्य होगा।
  • गलत विकल्प: पांचवी अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन से संबंधित है। आठवीं अनुसूची भाषाओं से संबंधित है। नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों के मान्यकरण से संबंधित है।

प्रश्न 13: अंतर-राज्यीय परिषद (Inter-State Council) के गठन का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 262
  2. अनुच्छेद 263
  3. अनुच्छेद 280
  4. अनुच्छेद 302

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 263 राष्ट्रपति को एक अंतर-राज्यीय परिषद की स्थापना का अधिकार देता है, जिसका कार्य संघ और राज्यों के बीच या राज्यों के बीच सामान्य हित के विषयों पर सलाह देना है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस परिषद का गठन केंद्र-राज्य संबंधों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया गया था। भारत में पहली अंतर-राज्यीय परिषद का गठन 1990 में राष्ट्रपति के आदेश द्वारा किया गया था।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 262 अंतर-राज्यीय जल विवादों के न्यायनिर्णयन से संबंधित है। अनुच्छेद 280 वित्त आयोग के गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 302 व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता पर युक्तियुक्त निर्बंधन अधिरोपित करने की संसद की शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 14: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) किसके द्वारा नियुक्त किया जाता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  3. भारत के राष्ट्रपति
  4. लोकसभा के अध्यक्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) अनुच्छेद 148 के तहत राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है और केंद्र तथा राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है। वह अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, जो उसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका का प्रमुख होता है, और लोकसभा अध्यक्ष सदन का प्रमुख होता है। CAG की नियुक्ति की प्रक्रिया राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

प्रश्न 15: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) किस प्रकार का निकाय है?

  1. संवैधानिक निकाय
  2. संवैधानिक (Statutory) निकाय
  3. न तो संवैधानिक और न ही संवैधानिक (Non-Constitutional)
  4. सलाहकार निकाय

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक संवैधानिक (Statutory) निकाय है। इसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के तहत किया गया था, न कि सीधे संविधान के किसी अनुच्छेद के तहत।
  • संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख संविधान में होता है, जबकि संवैधानिक (Statutory) निकाय संसद द्वारा पारित विशेष अधिनियम के तहत बनाए जाते हैं। NHRC का कार्य भारत में मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्धन करना है।
  • गलत विकल्प: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे संविधान में होता है (जैसे UPSC, ECI)। NHRC का उल्लेख संविधान में नहीं है, बल्कि एक अधिनियम में है। सलाहकार निकाय के रूप में यह सरकार को सलाह देता है, लेकिन इसकी मुख्य पहचान एक वैधानिक संस्था के रूप में है।

प्रश्न 16: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में कौन सी अनुसूची जोड़ी?

  1. नौवीं अनुसूची
  2. दसवीं अनुसूची
  3. ग्यारहवीं अनुसूची
  4. बारहवीं अनुसूची

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में ग्यारहवीं अनुसूची जोड़ी, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित 29 विषय शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने संविधान के भाग IX को भी जोड़ा, जो पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है। इसका उद्देश्य ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को मजबूत करना था।
  • गलत विकल्प: नौवीं अनुसूची पहले संशोधन द्वारा जोड़ी गई थी। दसवीं अनुसूची दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है। बारहवीं अनुसूची 74वें संशोधन द्वारा जोड़ी गई और शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित है।

प्रश्न 17: आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों के निलंबन का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 358 और 359
  4. अनुच्छेद 360

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों के निलंबन का प्रावधान अनुच्छेद 358 और 359 में है। अनुच्छेद 358 युद्ध या बाहरी आक्रमण के आधार पर राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त अधिकारों का स्वतः निलंबन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 359 राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान अन्य मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) को निलंबित करने की शक्ति देता है। 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा यह सुनिश्चित किया गया कि अनुच्छेद 20 और 21 को कभी भी निलंबित नहीं किया जा सकता।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा से संबंधित है। अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है।

प्रश्न 18: कौन सा संविधान संशोधन ‘मिनी संविधान’ के रूप में जाना जाता है?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वां संशोधन अधिनियम, 1976 को ‘मिनी संविधान’ कहा जाता है क्योंकि इसने भारतीय संविधान में व्यापक परिवर्तन किए थे, जिसमें प्रस्तावना में संशोधन, मौलिक कर्तव्यों को शामिल करना, और संसद की शक्तियों को बढ़ाना शामिल था।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन के माध्यम से संविधान में तीन नए शब्द (समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, अखंडता) जोड़े गए, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल 5 से 6 वर्ष कर दिया गया (जिसे बाद में 44वें संशोधन द्वारा ठीक किया गया), और न्यायिक समीक्षा की शक्ति को सीमित करने का प्रयास किया गया।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन ने 42वें संशोधन द्वारा किए गए कुछ परिवर्तनों को वापस लिया। 52वां संशोधन दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है। 61वां संशोधन ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।

प्रश्न 19: मूल संविधान में कितने मौलिक अधिकार थे?

  1. 6
  2. 7
  3. 8
  4. 9

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मूल संविधान में सात मौलिक अधिकार थे: समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार, संपत्ति का अधिकार, और संवैधानिक उपचारों का अधिकार।
  • संदर्भ और विस्तार: 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा संपत्ति के अधिकार (अनुच्छेद 31) को मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया और इसे अनुच्छेद 300A के तहत एक कानूनी अधिकार बना दिया गया। वर्तमान में छह मौलिक अधिकार हैं।
  • गलत विकल्प: 6 वर्तमान में मौलिक अधिकारों की संख्या है। 8 और 9 कभी भी मौलिक अधिकारों की संख्या नहीं रही।

प्रश्न 20: भारत के राष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया को किस देश के संविधान से लिया गया है?

  1. यूनाइटेड किंगडम (UK)
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
  3. आयरलैंड
  4. कनाडा

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया, विशेष रूप से अप्रत्यक्ष चुनाव की प्रणाली, संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्रेरित है।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि, अमेरिकी राष्ट्रपति के विपरीत, भारतीय राष्ट्रपति के चुनाव में निर्वाचक मंडल की एक अनूठी प्रणाली है जिसमें संसद के सदस्य और राज्य विधानसभाओं के सदस्य (केवल निर्वाचित) शामिल होते हैं।
  • गलत विकल्प: UK से संसदीय प्रणाली ली गई है। आयरलैंड से राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत लिए गए हैं। कनाडा से संघवाद की अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत लिया गया है।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित बिल को राष्ट्रपति द्वारा पुनर्विचार के लिए वापस भेजने की शक्ति रखता है?

  1. पॉकेट वीटो
  2. निलंबनकारी वीटो
  3. पूर्ण वीटो
  4. कोई वीटो शक्ति नहीं

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के पास एक ‘निलंबनकारी वीटो’ (Suspensive Veto) शक्ति होती है, जिसके तहत वह किसी साधारण विधेयक (धन विधेयक को छोड़कर) को संसद को पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है। यह शक्ति अनुच्छेद 111 के तहत आती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यदि संसद विधेयक को राष्ट्रपति द्वारा सुझाए गए संशोधनों के साथ या बिना संशोधनों के दोबारा पारित कर देती है, तो राष्ट्रपति के लिए उस पर अपनी सहमति देना बाध्यकारी होता है। पॉकेट वीटो तब होता है जब राष्ट्रपति विधेयक पर कोई निर्णय नहीं लेते, और पूर्ण वीटो तब होता है जब राष्ट्रपति विधेयक पर अपनी सहमति देने से इनकार कर देते हैं।
  • गलत विकल्प: पॉकेट वीटो में विधेयक को लंबित रखा जाता है। पूर्ण वीटो में विधेयक को स्पष्ट रूप से अस्वीकार किया जाता है। राष्ट्रपति के पास विधेयक को पुनर्विचार के लिए वापस भेजने की शक्ति है, जो निलंबनकारी वीटो का एक रूप है।

प्रश्न 22: किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए संविधान का कौन सा अनुच्छेद अधिकृत है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 256

उत्तर: (b)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति को यह घोषित करने की शक्ति देता है कि राज्य में संवैधानिक मशीनरी का कामकाज विफल हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 356 के तहत लागू राष्ट्रपति शासन की अवधि को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए। बाद में, इसे 6-6 महीने के अंतराल पर, अधिकतम 3 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। रामेश्वर प्रसाद बनाम भारत संघ (2005) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रपति शासन के दुरुपयोग पर कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 256 राज्यों को केंद्र के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य करता है।

प्रश्न 23: वित्त आयोग (Finance Commission) का गठन कितने वर्षों के अंतराल पर किया जाता है?

  1. 3 वर्ष
  2. 4 वर्ष
  3. 5 वर्ष
  4. 6 वर्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 280 के अनुसार, राष्ट्रपति प्रत्येक पांचवें वर्ष या उससे पहले एक वित्त आयोग का गठन करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच करों के शुद्ध आय के वितरण और राज्यों के बीच उस आय के आवंटन के सिद्धांतों की सिफारिश करता है। यह वित्तीय संघवाद को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • गलत विकल्प: 3, 4, और 6 वर्षों के अंतराल पर वित्त आयोग का गठन नहीं किया जाता है।

प्रश्न 24: भारत में पंचायती राज व्यवस्था का ढांचा क्या है?

  1. एक स्तरीय
  2. द्वि-स्तरीय
  3. त्रि-स्तरीय
  4. चार-स्तरीय

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में पंचायती राज व्यवस्था मुख्य रूप से त्रि-स्तरीय ढांचा अपनाती है: ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती स्तर पर पंचायत समिति, और जिला स्तर पर जिला परिषद। यह व्यवस्था 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संवैधानिक रूप से समर्थित है।
  • संदर्भ और विस्तार: संविधान के भाग IX और ग्यारहवीं अनुसूची में इसका विस्तार से उल्लेख है। हालाँकि, कुछ राज्यों में, जैसे कि सिक्किम और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में, जहां जनसंख्या कम है, द्वि-स्तरीय या एकल-स्तरीय व्यवस्था भी हो सकती है।
  • गलत विकल्प: द्वि-स्तरीय या एक-स्तरीय व्यवस्था कुछ अपवादों को छोड़कर, राष्ट्रव्यापी मानक नहीं है। चार-स्तरीय व्यवस्था का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है।

प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है?

  1. संविधान संशोधन: अनुच्छेद 368
  2. राज्य लोक सेवा आयोग: अनुच्छेद 315
  3. राष्ट्रीय आपातकाल: अनुच्छेद 356
  4. वित्त आयोग: अनुच्छेद 280

उत्तर: (c)

विस्तृत व्याख्या:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (c) गलत है क्योंकि राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित अनुच्छेद 352 है, जबकि अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) से संबंधित है।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 368 संविधान में संशोधन की प्रक्रिया से संबंधित है। अनुच्छेद 315 संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोगों की स्थापना से संबंधित है। अनुच्छेद 280 वित्त आयोग के गठन से संबंधित है।
  • गलत विकल्प: अन्य सभी युग्म सही सुमेलित हैं।

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