राजव्यवस्था की कसौटी: आज का महामॉक
लोकतंत्र के मूल स्तंभों को समझना किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्या आप भारतीय संविधान और राजव्यवस्था की अपनी समझ की गहराई को परखने के लिए तैयार हैं? आइए, आज के इस विशेष अभ्यास सत्र में अपनी वैचारिक स्पष्टता को चुनौती दें और ज्ञान की नई ऊंचाइयों को छुएं!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (secular) और ‘अखंडता’ (integrity) शब्द 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे। यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान हुआ था और इसे ‘लघु संविधान’ के रूप में भी जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान के उद्देश्यों को दर्शाती है। इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारतीय राज्य के समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष चरित्र को मजबूत करना था। सुप्रीम कोर्ट ने केशवानंद भारती मामले (1973) में कहा था कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है और इसमें संशोधन किया जा सकता है, बशर्ते कि इसके मूल ढांचे (basic structure) को नुकसान न पहुंचे।
- अincorrect विकल्प: 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 73वां और 74वां संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा दिया। 86वां संशोधन अधिनियम, 2002 ने शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘कानूनी अधिकार’ है, न कि ‘मौलिक अधिकार’?
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14)
- संपत्ति का अधिकार (अनुच्छेद 300A)
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संपत्ति का अधिकार मूल रूप से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 31 के तहत एक मौलिक अधिकार था। हालाँकि, 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा इसे मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया और संविधान के भाग XII में अनुच्छेद 300A के तहत एक ‘कानूनी अधिकार’ (legal right) या ‘संवैधानिक अधिकार’ (constitutional right) के रूप में शामिल किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस बदलाव का उद्देश्य भूमि सुधारों को सुगम बनाना और व्यक्तिगत संपत्ति के अधिकार पर कुछ हद तक प्रतिबंध लगाना था, ताकि सामाजिक-आर्थिक न्याय सुनिश्चित किया जा सके। अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता), अनुच्छेद 14 (समानता) और अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) मौलिक अधिकार बने हुए हैं, जो संविधान के भाग III में वर्णित हैं।
- अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 21, 14 और 25 सभी मौलिक अधिकार हैं और संविधान के भाग III में शामिल हैं, जबकि अनुच्छेद 300A एक कानूनी या संवैधानिक अधिकार है जो भाग XII में आता है।
प्रश्न 3: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति किस अनुच्छेद के तहत वर्णित है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 108
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमा, लघुकरण, परिहार, प्रविलंबन या दंडादेश के निलंबन या कम करने की शक्ति प्रदान करता है। यह शक्ति उन्हें मृत्युदंड को क्षमा करने या ऐसे अपराधों के लिए सजा कम करने की शक्ति देती है जो सेना विधि के विरुद्ध हों या जो संघ के कार्य-कलाप से संबंधित हों।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति विवेक पर आधारित नहीं है, बल्कि राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करना होता है। यह शक्ति न्यायपालिका के निर्णयों पर एक अंतिम जाँच के रूप में कार्य करती है। सुप्रीम कोर्ट ने कई बार इस शक्ति के प्रयोग की सीमाएं भी निर्धारित की हैं।
- अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति के अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की वीटो शक्ति (सहमति देना, रोकना या पुनर्विचार के लिए लौटाना) से संबंधित है। अनुच्छेद 108 दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाने से संबंधित है।
प्रश्न 4: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- संसदीय समिति
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के अनुसार, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। CAG का पद एक स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकरण है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों के अंकेक्षण (audit) के लिए जिम्मेदार होता है और संसद के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। CAG को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समान ही पदच्युत किया जा सकता है, जो इसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
- अincorrect विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं लेकिन नियुक्ति का अधिकार राष्ट्रपति के पास है। संसदीय समिति जांच करती है, लेकिन नियुक्ति सीधे उनकी नहीं होती। मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के प्रमुख हैं, उनकी नियुक्ति CAG से सीधे संबंधित नहीं है।
प्रश्न 5: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने वाला संशोधन अधिनियम कौन सा है?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 69वां संशोधन अधिनियम, 1991
- 80वां संशोधन अधिनियम, 2000
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को भारतीय संविधान में भाग IX (अनुच्छेद 243 से 243O तक) के माध्यम से एक संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। इसने संविधान में एक नई ग्यारहवीं अनुसूची भी जोड़ी, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं के 29 विषय शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज को अधिक प्रभावी और सशक्त बनाना था, जिससे स्थानीय स्तर पर स्व-शासन को बढ़ावा मिले। इसने ग्राम स्तर, मध्यवर्ती स्तर और जिला स्तर पर पंचायतों के लिए प्रावधान किए।
- अincorrect विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम, 1992 ने शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा दिया। 69वां संशोधन अधिनियम, 1991 ने दिल्ली को विशेष दर्जा दिया। 80वां संशोधन अधिनियम, 2000 ने करों के वितरण के संबंध में एक नया अनुच्छेद 270A पेश किया।
प्रश्न 6: भारतीय संविधान का कौन सा भाग ‘राज्य के नीति निदेशक तत्वों’ (DPSP) से संबंधित है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
- भाग VI
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, अनुच्छेद 36 से 51 तक, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (Directive Principles of State Policy – DPSP) का वर्णन करता है। ये तत्व सरकार के लिए मार्गदर्शन के रूप में कार्य करते हैं ताकि वे कानून बनाते समय इन्हें ध्यान में रख सकें।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP को आयरलैंड के संविधान से लिया गया है। ये तत्व गैर-न्यायिक (non-justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि अदालतें इन्हें लागू नहीं कर सकतीं, लेकिन ये देश के शासन में मूलभूत हैं और राज्यों का कर्तव्य है कि वे शासन में इन सिद्धांतों को लागू करें। उदाहरणों में समान नागरिक संहिता (अनुच्छेद 44), काम का अधिकार, शिक्षा का अधिकार आदि शामिल हैं।
- अincorrect विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और संसद से संबंधित है। भाग VI राज्यों की कार्यपालिका और विधानमंडल से संबंधित है।
प्रश्न 7: ‘प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स एक्ट, 1955’ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- अस्पृश्यता का उन्मूलन
- महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा
- बाल श्रम की रोकथाम
- पर्यावरण संरक्षण
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स एक्ट, 1955’ (Protection of Civil Rights Act, 1955) का प्राथमिक उद्देश्य अस्पृश्यता (untouchability) के आचरण को समाप्त करना है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 द्वारा भी निषिद्ध है।
- संदर्भ और विस्तार: यह कानून उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान करता है जो अस्पृश्यता को बढ़ावा देते हैं या उसका अभ्यास करते हैं। यह कानून अस्पृश्यता के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को दंडनीय बनाता है। यह अनुच्छेद 17 के प्रवर्तन को मजबूत करता है।
- अincorrect विकल्प: अन्य विकल्प भिन्न कानूनों और संवैधानिक प्रावधानों से संबंधित हैं। उदाहरण के लिए, महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अलग कानून हैं, बाल श्रम की रोकथाम के लिए ‘चाइल्ड लेबर (प्रोहिबिशन एंड रेगुलेशन) एक्ट’ है, और पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘एनवायरनमेंट (प्रोटेक्शन) एक्ट’ है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सी स्थिति में राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं?
- युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह
- राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता
- वित्तीय आपातकाल
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 352 राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने की शक्ति देता है, जो ‘युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह’ (जिसे पहले ‘आंतरिक अशांति’ कहा जाता था) की स्थिति में लागू होता है। ‘सशस्त्र विद्रोह’ शब्द 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, केंद्र सरकार को राज्यों को निर्देश देने की व्यापक शक्तियां प्राप्त हो जाती हैं, और कुछ मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर) को निलंबित किया जा सकता है।
- अincorrect विकल्प: राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के आधार पर राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) लागू होता है। वित्तीय आपातकाल अनुच्छेद 360 के तहत घोषित किया जाता है। इसलिए, विकल्प (d) गलत है क्योंकि इसमें उन स्थितियों को शामिल किया गया है जो राष्ट्रीय आपातकाल के दायरे में नहीं आतीं।
प्रश्न 9: लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission – UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- संसद
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 316 (1) स्पष्ट रूप से कहता है कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और राज्य लोक सेवा आयोग (SPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति क्रमशः भारत के राष्ट्रपति और संबंधित राज्यों के राज्यपाल करेंगे।
- संदर्भ और विस्तार: UPSC भारत की केंद्रीय भर्ती एजेंसी है जो अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्रीय सेवाओं और केंद्रीय संवर्ग सेवाओं के लिए परीक्षाओं का संचालन करती है। इसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए, सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और उन्हें राष्ट्रपति द्वारा ही पद से हटाया जा सकता है (कुछ निर्धारित प्रक्रियाओं के बाद)।
- अincorrect विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं लेकिन नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। संसद कानून बनाती है लेकिन प्रत्यक्ष नियुक्ति नहीं। मुख्य न्यायाधीश की भूमिका न्यायपालिका तक सीमित है।
प्रश्न 10: ‘अनुच्छेद 370’ का संबंध किस राज्य से था?
- पंजाब
- जम्मू और कश्मीर
- नागालैंड
- सिक्किम
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370, अस्थायी प्रावधान के रूप में, जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता था। इसने जम्मू और कश्मीर को अपना संविधान रखने और भारत के संविधान के कुछ प्रावधानों को उन पर लागू करने की अनुमति दी।
- संदर्भ और विस्तार: 5 अगस्त 2019 को, राष्ट्रपति के आदेश द्वारा अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया गया, जिससे राज्य का विशेष दर्जा समाप्त हो गया। बाद में, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत, राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख – में विभाजित कर दिया गया।
- अincorrect विकल्प: पंजाब, नागालैंड और सिक्किम के पास ऐसा विशेष दर्जा नहीं था। इन राज्यों के संबंध में विशेष प्रावधान अलग-अलग अनुच्छेदों में वर्णित थे।
प्रश्न 11: संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ (Right to Constitutional Remedies) प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 19
- अनुच्छेद 21
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 226
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 32, जिसे डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा था, नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय में जाने का अधिकार देता है। यह अधिकार स्वयं एक मौलिक अधिकार है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 32 के तहत, सर्वोच्च न्यायालय पांच प्रकार के रिट (Habeas Corpus, Mandamus, Prohibition, Certiorari, Quo Warranto) जारी कर सकता है। अनुच्छेद 226 के तहत, उच्च न्यायालयों को भी समान अधिकार प्राप्त है, हालांकि यह मौलिक अधिकारों के साथ-साथ अन्य कानूनी अधिकारों के प्रवर्तन के लिए भी रिट जारी कर सकते हैं।
- अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 19 स्वतंत्रता के अधिकारों से संबंधित है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों की रिट अधिकारिता से संबंधित है।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान की ‘प्रस्तावना’ को कितनी बार संशोधित किया गया है?
- एक बार
- दो बार
- कभी नहीं
- तीन बार
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना को अब तक केवल एक बार, 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संशोधित किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन के माध्यम से प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ (Socialist), ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular), और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों को जोड़ा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने केशवानंद भारती मामले (1973) में निर्णय दिया था कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है और इसमें संशोधन किया जा सकता है, बशर्ते कि मूल ढांचा (basic structure) अपरिवर्तित रहे।
- अincorrect विकल्प: प्रस्तावना में संशोधन का इतिहास केवल एक ही है।
प्रश्न 13: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का वार्षिक प्रतिवेदन किसे प्रस्तुत किया जाता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- संसद की एक विशेष समिति
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 323 (1) के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अपने वार्षिक प्रतिवेदन को भारत के राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति इस प्रतिवेदन को संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाते हैं, साथ में एक स्पष्टीकरण भी देते हैं कि आयोग की किन सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया गया है और क्यों। यह प्रक्रिया UPSC की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करती है।
- अincorrect विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं, लेकिन राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख के रूप में प्रतिवेदन प्राप्त करते हैं। लोकसभा अध्यक्ष सदन के संचालन के लिए जिम्मेदार हैं। संसद की समिति प्रत्यक्ष रूप से प्रतिवेदन प्राप्त नहीं करती।
प्रश्न 14: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- केंद्रीय विधि मंत्री
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 76 (1) यह प्रावधान करता है कि भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है। वह सरकार का पक्ष रखता है और उसे संसद की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है, लेकिन मत देने का नहीं। वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है।
- अincorrect विकल्प: प्रधानमंत्री की सलाह राष्ट्रपति लेते हैं, लेकिन नियुक्ति स्वयं राष्ट्रपति करते हैं। केंद्रीय विधि मंत्री इस नियुक्ति में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं निभाते। मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के प्रमुख हैं।
प्रश्न 15: ‘संविधान संशोधन’ की प्रक्रिया किस देश के संविधान से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- दक्षिण अफ्रीका
- कनाडा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में संशोधन की प्रक्रिया (विशेषकर अनुच्छेद 368 में वर्णित) दक्षिण अफ्रीका के संविधान से प्रेरित है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में संविधान संशोधन के तीन मुख्य तरीके हैं: साधारण बहुमत से, विशेष बहुमत से, और विशेष बहुमत के साथ-साथ आधे से अधिक राज्यों के अनुसमर्थन से। दक्षिण अफ्रीका का संविधान भी अपने आप में एक मजबूत संशोधन प्रक्रिया के लिए जाना जाता है।
- अincorrect विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान कठोर है और संशोधन प्रक्रिया जटिल है। यूनाइटेड किंगडम में अलिखित संविधान है। कनाडा का संविधान भी संशोधन के लिए अपनी अनूठी प्रणाली रखता है।
प्रश्न 16: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची ‘राज्यों की सूची’ और ‘संघ राज्यक्षेत्रों की सूची’ तथा उनके लिए अधिकारों का विवरण करती है?
- पहली अनुसूची
- दूसरी अनुसूची
- तीसरी अनुसूची
- चौथी अनुसूची
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की पहली अनुसूची (First Schedule) भारत के राज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों के नाम और उनके न्यायिक क्षेत्र का विवरण देती है।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची है जो वर्तमान में भारतीय संघ का हिस्सा हैं। भारत के नए राज्य या संघ राज्यक्षेत्र बनने पर इस अनुसूची में संशोधन की आवश्यकता होती है।
- अincorrect विकल्प: दूसरी अनुसूची में राष्ट्रपति, राज्यपालों, न्यायाधीशों आदि के वेतन-भत्ते दिए गए हैं। तीसरी अनुसूची में विभिन्न पदाधिकारियों द्वारा ली जाने वाली शपथ या प्रतिज्ञान के प्रारूप हैं। चौथी अनुसूची में राज्यसभा में सीटों के आवंटन का विवरण है।
प्रश्न 17: ‘धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार’ संविधान के किन अनुच्छेदों के अंतर्गत आता है?
- अनुच्छेद 14-18
- अनुच्छेद 19-22
- अनुच्छेद 23-24
- अनुच्छेद 25-28
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग III में वर्णित मौलिक अधिकारों में, अनुच्छेद 25 से 28 तक ‘धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार’ (Right to Freedom of Religion) प्रदान किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें अंतःकरण की स्वतंत्रता, अपने धर्म को मानने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25), धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 26), किसी विशिष्ट धर्म की वृद्धि के लिए करों के भुगतान से स्वतंत्रता (अनुच्छेद 27), और शैक्षिक संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या पूजा में भाग लेने से स्वतंत्रता (अनुच्छेद 28) शामिल हैं।
- अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 14-18 समानता के अधिकार से संबंधित हैं। अनुच्छेद 19-22 स्वतंत्रता के अधिकारों से संबंधित हैं (जैसे वाक् और अभिव्यक्ति, सभा, संघ, आदि)। अनुच्छेद 23-24 शोषण के विरुद्ध अधिकार से संबंधित हैं।
प्रश्न 18: भारत के राष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
- 4 वर्ष
- 5 वर्ष
- 6 वर्ष
- आजीवन
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 56 (1) के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेंगे।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद भी पद पर बने रह सकते हैं, जब तक कि उनका उत्तराधिकारी पद ग्रहण न कर ले। वे पुनः चुनाव के लिए भी पात्र होते हैं, जब तक कि वे संविधान के प्रावधानों के अनुसार योग्य हों।
- अincorrect विकल्प: अन्य विकल्प राष्ट्रपति के कार्यकाल से मेल नहीं खाते।
प्रश्न 19: ‘अस्पृश्यता’ का अंत किस अनुच्छेद के तहत किया गया है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) को समाप्त करता है और किसी भी रूप में इसके आचरण को प्रतिबंधित करता है। अस्पृश्यता से उत्पन्न किसी भी विकलांगता को लागू करना कानून के अनुसार दंडनीय होगा।
- संदर्भ और विस्तार: यह मौलिक अधिकारों में से एक है जो सामाजिक समानता की स्थापना पर जोर देता है। संसद ने इस अनुच्छेद को प्रभावी बनाने के लिए ‘प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स एक्ट, 1955’ जैसे कानून पारित किए हैं।
- अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता प्रदान करता है, अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है, और अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता प्रदान करता है।
प्रश्न 20: भारत में ‘वित्तीय आपातकाल’ की घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जा सकती है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 360 राष्ट्रपति को वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) की घोषणा करने की शक्ति प्रदान करता है, यदि वह संतुष्ट हो कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें भारत की वित्तीय स्थिरता या साख संकट में है।
- संदर्भ और विस्तार: वित्तीय आपातकाल की घोषणा के बाद, केंद्र सरकार राज्यों को वित्तीय औचित्य के उपायों को अपनाने का निर्देश दे सकती है, और संघ या राज्यों के लिए सेवारत सभी या किसी भी वर्ग के व्यक्तियों के वेतन और भत्ते कम किए जा सकते हैं। भारत में आज तक कभी भी वित्तीय आपातकाल घोषित नहीं किया गया है।
- अincorrect विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 356 राज्य में राष्ट्रपति शासन से संबंधित है। अनुच्छेद 365 राज्यों को संघ के निर्देशों का पालन न करने पर लागू होता है।
प्रश्न 21: लोकसभा के अध्यक्ष (Speaker) का चुनाव कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद
- लोकसभा के सदस्य
- राज्यसभा के सदस्य
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार, लोकसभा अपने सदस्यों में से किसी एक को अध्यक्ष (Speaker) के रूप में और किसी दूसरे को उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) के रूप में चुनेगी।
- संदर्भ और विस्तार: अध्यक्ष सदन के कामकाज का संचालन करता है, कार्यवाही का क्रम बनाए रखता है, और सदन के विशेषाधिकारों का संरक्षक होता है। अध्यक्ष का चुनाव नई लोकसभा के गठन के तुरंत बाद किया जाता है।
- अincorrect विकल्प: राष्ट्रपति अध्यक्ष को मनोनीत नहीं करते। प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन प्रत्यक्ष चुनाव लोकसभा के सदस्यों द्वारा ही होता है। राज्यसभा के सदस्यों को इसमें कोई भूमिका नहीं होती।
प्रश्न 22: ‘लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण’ (Democratic Decentralisation) की अवधारणा का संबंध किससे है?
- केंद्र सरकार की शक्तियों का विस्तार
- पंचायती राज संस्थाएँ
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता
- संसदीय प्रणाली
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: ‘लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण’ की अवधारणा का सीधा संबंध भारत में पंचायती राज संस्थाओं की स्थापना से है। इसका अर्थ है सत्ता को स्थानीय स्तर तक विकेंद्रीकृत करना ताकि निर्णय प्रक्रिया में जनभागीदारी बढ़ सके।
- संदर्भ और विस्तार: बलवंत राय मेहता समिति (1957) ने लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की सिफारिश की थी, जो पंचायती राज के त्रि-स्तरीय ढांचे (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद) की नींव बनी। इसका उद्देश्य ग्रामीण समुदायों को स्व-शासन की शक्ति देना था।
- अincorrect विकल्प: केंद्र सरकार की शक्तियों का विस्तार केन्द्रीकरण को दर्शाता है। न्यायपालिका की स्वतंत्रता और संसदीय प्रणाली शासन के अन्य महत्वपूर्ण पहलू हैं, लेकिन सीधे तौर पर लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण से संबंधित नहीं हैं।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- चुनाव आयोग (Election Commission of India)
- वित्त आयोग (Finance Commission)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- लोक सेवा आयोग (Public Service Commission)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (NITI Aayog) एक ‘कार्यकारी आदेश’ (executive order) के माध्यम से गठित एक निकाय है, न कि संविधान के किसी अनुच्छेद के तहत। इसे योजना आयोग के स्थान पर 1 जनवरी 2015 को स्थापित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इसके विपरीत, चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), वित्त आयोग (अनुच्छेद 280), और संघ/राज्य लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिनके अपने-अपने अनुच्छेद हैं और शक्तियां संविधान में वर्णित हैं।
- अincorrect विकल्प: चुनाव आयोग, वित्त आयोग और लोक सेवा आयोग सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि वे संविधान के विशिष्ट अनुच्छेदों द्वारा स्थापित किए गए हैं।
प्रश्न 24: भारत के उपराष्ट्रपति की अनुपस्थिति में, उनकी जगह कौन कार्य करता है?
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
- राज्यसभा का वरिष्ठतम सदस्य
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: हालाँकि संविधान सीधे तौर पर उपराष्ट्रपति की अनुपस्थिति में किसी अन्य व्यक्ति को उनकी जगह कार्य करने के लिए नामित नहीं करता है, लेकिन सामान्य प्रथा और कानून की व्याख्या के अनुसार, जब उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं (अनुच्छेद 65), तो उनकी अनुपस्थिति में, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकते हैं, जैसा कि 1969 में आर. वेंकटरमन के मामले में हुआ था। यदि मुख्य न्यायाधीश भी अनुपस्थित हों, तो सर्वोच्च न्यायालय का वरिष्ठतम न्यायाधीश यह भूमिका निभा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने के अतिरिक्त, राज्यसभा के पदेन सभापति (Ex-officio Chairman) के रूप में भी कार्य करते हैं। यदि वे राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हों, तो राज्यसभा के सभापति के रूप में उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन संवैधानिक संकट की स्थिति में न्यायाधीशों ने यह भूमिका निभाई है। (ध्यान दें: यह प्रश्न थोड़ा जटिल है और प्रश्न की शब्दावली “उनकी जगह” (i.e., उपराष्ट्रपति के रूप में) से अधिक “उनके कर्तव्यों के निर्वहन” से संबंधित है।) *यह प्रश्न अप्रत्यक्ष रूप से अनुच्छेद 65 और 1969 की प्रथा पर आधारित है।*
- अincorrect विकल्प: राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन कर सकते हैं, न कि इसके विपरीत। लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका कार्यकारी से संबंधित है, न कि उपराष्ट्रपति के कर्तव्यों के निर्वहन से। राज्यसभा का वरिष्ठतम सदस्य सभापति के कर्तव्यों को नहीं निभाता।
प्रश्न 25: ‘अनुच्छेद 19(1)(a)’ के तहत नागरिकों को कौन सा मौलिक अधिकार प्राप्त है?
- संगठन बनाने की स्वतंत्रता
- शांतिपूर्वक एकत्र होने की स्वतंत्रता
- प्रेस की स्वतंत्रता
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(a) के तहत नागरिकों को ‘वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ (Freedom of Speech and Expression) का अधिकार प्राप्त है। ‘प्रेस की स्वतंत्रता’ (Freedom of the Press) इसी अधिकार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती है, हालांकि इसे सीधे तौर पर अलग से उल्लेखित नहीं किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न निर्णयों (जैसे – भारतीय एक्सप्रेस समाचार पत्र बनाम भारत संघ, 1986) में स्पष्ट किया है कि प्रेस की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत संरक्षित है। इस स्वतंत्रता पर उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जो अनुच्छेद 19(2) में वर्णित हैं (जैसे – भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, आदि)।
- अincorrect विकल्प: संगठन बनाने की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19(1)(c) में है। शांतिपूर्वक एकत्र होने की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19(1)(b) में है। जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत आता है, अनुच्छेद 19 के तहत नहीं।
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