राजव्यवस्था का महासंग्राम: आज ही परखें अपना ज्ञान!
नमस्कार, भावी राष्ट्र निर्माताओं! क्या आप भारतीय लोकतंत्र की नींव को गहराई से समझते हैं? आज का यह अभ्यास सत्र आपके संवैधानिक ज्ञान की परीक्षा लेने और आपकी वैचारिक स्पष्टता को परखने का एक अनूठा अवसर है। आइए, राजव्यवस्था के इस महासंग्राम में कूद पड़ें और देखें कि आप कितने तैयार हैं!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘संप्रभुता’, ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘लोकतंत्र’ जैसे शब्दों को किस संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?
- 24वां संशोधन अधिनियम
- 42वां संशोधन अधिनियम
- 44वां संशोधन अधिनियम
- 52वां संशोधन अधिनियम
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘अखंडता’ (पहले ‘एकीकृत’ शब्द था) शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। इसने प्रस्तावना में तीन नए शब्द जोड़े, जिससे भारतीय संविधान के समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंड चरित्र पर जोर दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान पारित किया गया था और इसे ‘लघु-संविधान’ भी कहा जाता है। हालाँकि, केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने माना था कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है और इसमें संशोधन किया जा सकता है, लेकिन इसकी मूल संरचना (basic structure) को नहीं बदला जा सकता।
- गलत विकल्प: 24वां संशोधन अधिनियम, 1971 ने संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन करने की शक्ति दी। 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया और आपातकालीन प्रावधानों में कुछ बदलाव किए। 52वां संशोधन अधिनियम, 1985 ने दलबदल विरोधी प्रावधानों को संविधान की दसवीं अनुसूची में जोड़ा।
प्रश्न 2: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद सर्वोच्च न्यायालय को उसकी अपनी अवमानना के लिए दंडित करने की शक्ति प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 129
- अनुच्छेद 131
- अनुच्छेद 132
- अनुच्छेद 134
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 129 स्पष्ट रूप से कहता है कि “सर्वोच्च न्यायालय अभिलेख न्यायालय होगा और ऐसी सभी शक्तियाँ निहित होंगी जो अभिलेख न्यायालय होने के कारण होती हैं, जिसमें अपनी अवमानना के लिए दंडित करने की शक्ति भी शामिल है।”
- संदर्भ और विस्तार: अभिलेख न्यायालय का अर्थ है कि इसके सभी कार्यवाहियों, निर्णयों और आदेशों का स्थायी रिकॉर्ड रखा जाता है, जो भविष्य के लिए साक्ष्य के रूप में कार्य करते हैं। यह न्यायालय अपनी प्रतिष्ठा और प्राधिकार बनाए रखने के लिए अपनी अवमानना को दंडित कर सकता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित है (केंद्र और राज्यों के बीच विवाद, या राज्यों के बीच विवाद)। अनुच्छेद 132 सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय क्षेत्राधिकार से संबंधित है (संवैधानिक मामलों में)। अनुच्छेद 134 सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय क्षेत्राधिकार से संबंधित है (दीवानी, आपराधिक और अन्य मामले)।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था भारत में वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है?
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
- वित्त मंत्रालय
- नीति आयोग
- उपर्युक्त सभी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: वित्तीय घाटे (fiscal deficit) को सीधे तौर पर नियंत्रित करने की प्राथमिक जिम्मेदारी भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की होती है। यह मंत्रालय राजस्व संग्रह और व्यय के माध्यम से राजकोषीय नीति (fiscal policy) बनाता है।
- संदर्भ और विस्तार: वित्तीय घाटा तब होता है जब सरकार का कुल व्यय उसके कुल राजस्व (गैर-ऋण प्राप्ति) से अधिक हो जाता है। वित्त मंत्रालय इस घाटे को कम करने के लिए कराधान, सब्सिडी में कटौती, और व्यय को युक्तिसंगत बनाने जैसे उपाय करता है।
- गलत विकल्प: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मौद्रिक नीति (monetary policy) के लिए जिम्मेदार है, जिसका उद्देश्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और वित्तीय स्थिरता बनाए रखना है, न कि सीधे वित्तीय घाटे को। नीति आयोग, योजना आयोग के स्थान पर आया है, और यह नीतिगत सिफारिशें करता है, लेकिन यह सीधे वित्तीय घाटे के नियंत्रण में शामिल नहीं है।
प्रश्न 4: भारत में ‘नागरिक अधिकार’ की अवधारणा किस देश के संविधान से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- ब्रिटेन
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारत में मौलिक अधिकार (Fundamental Rights), जिन्हें अक्सर नागरिक अधिकारों के रूप में भी जाना जाता है, की अवधारणा संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्रेरित है, विशेष रूप से वहां के ‘बिल ऑफ राइट्स’ (Bill of Rights) से।
- संदर्भ और विस्तार: अमेरिकी संविधान का पहला दस संशोधन ‘बिल ऑफ राइट्स’ के नाम से जाना जाता है, जिसमें नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों की गारंटी दी गई है। इसी तरह, भारतीय संविधान के भाग III में मौलिक अधिकारों का वर्णन है, जो सरकार की शक्ति को सीमित करते हैं और नागरिकों को स्वतंत्रता और समानता का आश्वासन देते हैं।
- गलत विकल्प: कनाडा से संघात्मक व्यवस्था (federal system) और अवशिष्ट शक्तियों (residual powers) का सिद्धांत लिया गया है। ब्रिटेन से संसदीय प्रणाली (parliamentary system) और विधि का शासन (rule of law) लिया गया है। ऑस्ट्रेलिया से समवर्ती सूची (concurrent list) और व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता ली गई है।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति को क्षमादान की शक्ति में क्या शामिल नहीं है?
- क्षमा (Pardon)
- लघुकरण (Commutation)
- निलंबन (Reprieve)
- सजा का पुनर्निर्धारण (Revision of Sentence)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ विशिष्ट मामलों में क्षमादान, लघुकरण, परिहार (remission), विराम (reprieve) और प्रविलंबन (commutation) की शक्ति प्रदान करता है। ‘सजा का पुनर्निर्धारण’ (Revision of Sentence) इस सूची में शामिल नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: क्षमादान (Pardon) अपराध को पूरी तरह से समाप्त कर देता है, जैसे कि व्यक्ति को कभी दोषी ठहराया ही न गया हो। लघुकरण (Commutation) एक प्रकार की सजा को दूसरी, हल्की सजा से बदल देता है। परिहार (Remission) सजा की अवधि को कम कर देता है। विराम (Reprieve) सजा के निष्पादन को अस्थायी रूप से रोक देता है। प्रविलंबन (Commutation) एक प्रकार की सजा को दूसरी, हल्की सजा से बदल देता है (जो लघुकरण के समान है, अक्सर इन्हें एक साथ प्रयोग किया जाता है)।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प (a, b, c) सीधे तौर पर राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति के अंतर्गत आते हैं, जैसा कि अनुच्छेद 72 में वर्णित है। ‘सजा का पुनर्निर्धारण’ न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह सीधे राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति का तत्व नहीं है।
प्रश्न 6: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के तहत कितने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का गठन किया गया था?
- 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश
- 17 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश
- 15 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश
- 16 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956, जो कि फ़ज़ल अली आयोग की सिफारिशों पर आधारित था, ने भारत के भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का मार्ग प्रशस्त किया। इसके परिणामस्वरूप, उस समय 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने ब्रिटिश भारत के प्रांतों और देशी रियासतों को समाप्त कर दिया और नए राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों का निर्माण किया। यह भारतीय संघवाद के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम था।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की उस समय की संख्या का गलत प्रतिनिधित्व करते हैं। समय के साथ, कई और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का गठन हुआ है।
प्रश्न 7: भारतीय संविधान के किस भाग में संघ और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय संबंधों का वर्णन है?
- भाग XI
- भाग XII
- भाग XIII
- भाग XIV
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XI (अनुच्छेद 245 से 293) केंद्र और राज्यों के बीच विधायी और प्रशासनिक संबंधों से संबंधित है। भाग XII (अनुच्छेद 264 से 300A) वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद से संबंधित है, जिसमें वित्तीय संबंध भी शामिल हैं, लेकिन विधायी और प्रशासनिक संबंध मुख्य रूप से भाग XI में हैं।
- संदर्भ और विस्तार: भाग XI के तहत, अनुच्छेद 245 संसद और राज्य विधानमंडलों द्वारा बनाई गई विधियों के विस्तार से संबंधित है। अनुच्छेद 256 से 263 प्रशासनिक संबंधों का वर्णन करते हैं। वित्तीय संबंधों का विस्तार से वर्णन भाग XII में किया गया है, जिसमें कराधान, ऋण और अनुदान शामिल हैं।
- गलत विकल्प: भाग XII वित्त से संबंधित है। भाग XIII व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता से संबंधित है। भाग XIV सेवाओं से संबंधित है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सी भारतीय संविधान की एक ‘अभूतपूर्व’ विशेषता है, जो किसी अन्य देश के संविधान में नहीं पाई जाती?
- मौलिक अधिकार
- संघात्मक व्यवस्था
- एकल नागरिकता
- संसदीय विशेषाधिकार
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: जबकि भारत में संघात्मक व्यवस्था (federal system) है, यह विशुद्ध रूप से अमेरिकी मॉडल की तरह नहीं है। भारतीय संघवाद में केंद्र की ओर झुकाव (strong centre) अधिक है, जिसे ‘अर्ध-संघात्मक’ (quasi-federal) या ‘एकात्मकता की ओर झुकाव वाली संघात्मक व्यवस्था’ (federal system with a unitary bias) कहा जाता है। यह भारतीय संविधान की एक अनूठी विशेषता है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान ने शक्तियों को केंद्र और राज्यों के बीच विभाजित किया है, लेकिन इसमें ऐसे प्रावधान भी हैं जो केंद्र को अधिक शक्तिशाली बनाते हैं, जैसे कि आपातकालीन शक्तियाँ, राज्यपाल की नियुक्ति, और समवर्ती सूची में कुछ मामले। यह मॉडल किसी अन्य देश के संविधान से सीधे लिया गया नहीं है, बल्कि यह भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है।
- गलत विकल्प: मौलिक अधिकार अमेरिका से प्रेरित हैं। संघात्मक व्यवस्था का विचार कनाडा से लिया गया है, लेकिन भारतीय मॉडल में विशिष्टता है। एकल नागरिकता ब्रिटेन से ली गई है। संसदीय विशेषाधिकार ब्रिटेन की संसदीय परंपरा से लिए गए हैं।
प्रश्न 9: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा निम्नलिखित में से किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वां संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा और पंचायती राज संस्थाओं (PRI) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। इसने संविधान में एक नई ग्यारहवीं अनुसूची भी जोड़ी, जिसमें पंचायतों के 29 कार्यों का उल्लेख है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायतों को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने के लिए सशक्त बनाया, जिसमें ग्राम सभा का गठन, तीन-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली (ग्राम, मध्यवर्ती और जिला स्तर पर), प्रत्यक्ष चुनाव, आरक्षण और वित्तीय स्वायत्तता शामिल है।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम, 1992 शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वां और 65वां संशोधन अधिनियम क्रमशः पंचायती राज और नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा देने के प्रयास थे, लेकिन वे संसद में पारित नहीं हो सके थे।
प्रश्न 10: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- भारत के विधि मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76(1) के तहत की जाती है। वे भारत सरकार के मुख्य विधि अधिकारी होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने की योग्यता पूरी करनी चाहिए। वे राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत (at the pleasure of the President) पद धारण करते हैं। महान्यायवादी का यह कर्तव्य होता है कि वे भारत सरकार को विधि संबंधी उन विषयों पर सलाह दें जिन पर उन्हें राष्ट्रपति द्वारा निर्देशित किया जाता है और उन विधिक कर्तव्यों का पालन करें जो राष्ट्रपति द्वारा सौंपे जाते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं लेकिन नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के प्रमुख हैं। विधि मंत्री सरकार के विधि संबंधी कार्यों में सहायता करते हैं, लेकिन महान्यायवादी की नियुक्ति सीधे तौर पर नहीं करते।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता’ का प्रावधान करता है?
- अनुच्छेद 39A
- अनुच्छेद 40
- अनुच्छेद 41
- अनुच्छेद 42
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39A, जो राज्य के नीति निर्देशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है, कहता है कि “राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि विधि का शासन इस प्रकार काम करे कि सभी को समान न्याय मिले और आर्थिक या अन्य निर्योग्यताओं के कारण किसी नागरिक को न्याय प्राप्त करने के अवसर से वंचित न किया जाए। राज्य, विशेष रूप से, निःशुल्क विधिक सहायता की व्यवस्था करने के लिए कदम उठाएगा।”
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को सस्ता और सुलभ न्याय प्रदान करना है। इसे 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 41 कुछ मामलों में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 42 काम की न्यायसंगत और मानवीय दशाओं तथा मातृत्व सहायता के उपबंध से संबंधित है।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान में ‘संसदीय प्रणाली’ किस देश के संविधान से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- ब्रिटेन
- कनाडा
- आयरलैंड
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: भारत की संसदीय प्रणाली (Parliamentary system) को ‘वेस्टमिंस्टर मॉडल’ के नाम से भी जाना जाता है, जो ब्रिटेन के संविधान से प्रेरित है।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रणाली की मुख्य विशेषताएं हैं – राष्ट्रपति (राज्य का प्रमुख) नाममात्र का होता है, जबकि प्रधानमंत्री (सरकार का प्रमुख) वास्तविक कार्यकारी शक्तियां रखता है। मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। यह अध्यक्षीय प्रणाली (presidential system) से भिन्न है, जहाँ राष्ट्रपित कार्यपालिका का प्रमुख होता है और विधायिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होता।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में अध्यक्षीय प्रणाली है। कनाडा से संघात्मक व्यवस्था और अवशिष्ट शक्तियाँ ली गई हैं। आयरलैंड से राज्य नीति निर्देशक तत्व और राष्ट्रपति के चुनाव की विधि ली गई है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखने से बचाने के लिए जारी की जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह एक न्यायिक आदेश है जो किसी ऐसे व्यक्ति के संबंध में जारी किया जाता है जिसे सार्वजनिक या निजी व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से हिरासत में रखा गया हो। यह व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश देता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह रिट मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए सबसे प्रभावी मानी जाती है। सर्वोच्च न्यायालय इसे अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालय इसे अनुच्छेद 226 के तहत जारी कर सकते हैं।
- गलत विकल्प: परमादेश (Mandamus) किसी अधिकारी को उसका कर्तव्य करने का आदेश देता है। उत्प्रेषण (Certiorari) किसी निम्न न्यायालय या न्यायाधिकरण के निर्णय को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है। अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) किसी व्यक्ति से उसके सार्वजनिक पद पर बने रहने के अधिकार के बारे में पूछताछ करने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 14: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) की अध्यक्षता कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- नीति आयोग के उपाध्यक्ष
- वित्त मंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council – NDC) की अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: NDC, भारत की पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम मंजूरी देने वाली सर्वोच्च संस्था है। इसमें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक/मुख्यमंत्री शामिल होते हैं। इसका गठन 1952 में योजना आयोग की सहायता के लिए एक सलाहकार निकाय के रूप में किया गया था।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति औपचारिक प्रमुख होते हैं, लेकिन NDC की अध्यक्षता नहीं करते। नीति आयोग के उपाध्यक्ष और वित्त मंत्री सदस्य हो सकते हैं, लेकिन अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।
प्रश्न 15: संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को किसी राज्य का नाम बदलने, उसकी सीमाएं बदलने या नया राज्य बनाने की शक्ति प्राप्त है?
- अनुच्छेद 3
- अनुच्छेद 4
- अनुच्छेद 2
- अनुच्छेद 5
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 3 संसद को निम्नलिखित के लिए शक्ति प्रदान करता है: (क) किसी राज्य में से उसका क्षेत्र अलग करके, या दो या अधिक राज्यों को या राज्यों के भागों को मिलाकर, या किसी राज्य क्षेत्र को किसी राज्य में मिलाकर; (ख) किसी राज्य की सीमाएँ बदलने; (ग) किसी राज्य का नाम बदलने।
- संदर्भ और विस्तार: इस प्रकार के विधेयक को संसद के किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है, लेकिन राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश के बिना नहीं। विधेयक को संबंधित राज्य विधानमंडल के विचार के लिए भेजने की राष्ट्रपति की शक्ति विवेकाधीन है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 4 में कहा गया है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बनाए गए कानून, अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन नहीं माने जाएंगे। अनुच्छेद 2 नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना से संबंधित है। अनुच्छेद 5 भारत के नागरिकता से संबंधित है।
प्रश्न 16: भारत में ‘नियंत्रक-महालेखापरीक्षक’ (Comptroller and Auditor General – CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- वित्त मंत्रालय
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सरकारी लेखाओं का परीक्षक और नियंत्रक होता है, और यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक धन का व्यय विधि और मितव्ययिता के अनुसार हो। CAG राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और पद की शपथ दिलाता है। वे 6 वर्ष की अवधि या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक पद धारण करते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं। लोकसभा अध्यक्ष विधायिका के प्रमुख हैं। वित्त मंत्रालय सरकारी वित्त का प्रबंधन करता है, लेकिन CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं।
प्रश्न 17: संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत, किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है?
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता के आधार पर राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रावधान अनुच्छेद 356 में है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि राज्यपाल रिपोर्ट करता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें राज्य का शासन संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है, या राष्ट्रपति स्वयं संतुष्ट हो जाएं, तो वे अनुच्छेद 356(1) के तहत उद्घोषणा जारी कर सकते हैं। इसके तहत राज्य सरकार की शक्तियाँ संसद या उसके द्वारा अधिकृत किसी निकाय को मिल जाती हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 कहता है कि यदि कोई राज्य संघ के निर्देशों का पालन करने में या अनुपालन करने में विफल रहता है, तो राष्ट्रपति यह मान सकते हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें राज्य का शासन संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता (और इस प्रकार अनुच्छेद 356 लागू हो सकता है)।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण से संबंधित है?
- पहली अनुसूची
- सातवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुसूची संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण से संबंधित है। इसमें तीन सूचियाँ हैं: संघ सूची (Union List), राज्य सूची (State List) और समवर्ती सूची (Concurrent List)।
- संदर्भ और विस्तार: संघ सूची में वे विषय शामिल हैं जिन पर केवल संसद कानून बना सकती है (जैसे रक्षा, विदेश मामले, रेलवे)। राज्य सूची में वे विषय शामिल हैं जिन पर मुख्य रूप से राज्य विधानमंडल कानून बना सकते हैं (जैसे पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था, कृषि)। समवर्ती सूची में वे विषय शामिल हैं जिन पर संसद और राज्य विधानमंडल दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन यदि किसी विषय पर दोनों के कानूनों में टकराव हो, तो संघ का कानून मान्य होगा (जैसे शिक्षा, वन, विवाह)।
- गलत विकल्प: पहली अनुसूची भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का उल्लेख करती है। नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन से संबंधित है। दसवीं अनुसूची दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है।
प्रश्न 19: ‘विधायक’ (Legislator) शब्द का प्रयोग भारतीय संविधान में किसके लिए किया गया है?
- केवल संसद सदस्य (MP)
- केवल राज्य विधानमंडल के सदस्य (MLA/MLC)
- संसद सदस्य और राज्य विधानमंडल के सदस्य दोनों
- केवल राष्ट्रपति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: ‘विधायक’ (Legislator) शब्द का प्रयोग भारतीय संविधान में उन सभी व्यक्तियों के लिए किया जाता है जो विधायिका के सदस्य हैं, चाहे वे केंद्र में संसद (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्य हों या राज्यों में विधानमंडल (विधानसभा और विधान परिषद) के सदस्य हों।
- संदर्भ और विस्तार: यह शब्द एक व्यापक श्रेणी को दर्शाता है जो भारत की विधायी निकायों में कार्य करते हैं। संसद सदस्यों को ‘सांसद’ (Member of Parliament – MP) कहा जाता है, जबकि राज्य विधानमंडल के सदस्यों को ‘विधायक’ (Member of Legislative Assembly – MLA) या ‘विधान परिषद सदस्य’ (Member of Legislative Council – MLC) कहा जाता है।
- गलत विकल्प: केवल संसद सदस्यों या केवल राज्य विधानमंडल के सदस्यों तक सीमित रखना गलत है। राष्ट्रपति विधायिका का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि कार्यपालिका के प्रमुख हैं (हालांकि वे कुछ विधायी शक्तियों का प्रयोग करते हैं)।
प्रश्न 20: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘राज्य के नीति निर्देशक तत्वों’ (Directive Principles of State Policy) से संबंधित है?
- भाग IV (अनुच्छेद 36-51)
- भाग III (अनुच्छेद 12-35)
- भाग V (अनुच्छेद 52-151)
- भाग VI (अनुच्छेद 152-237)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, जिसमें अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल हैं, राज्य के नीति निर्देशक तत्वों (DPSP) से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: ये तत्व सरकार के लिए एक दिशा-निर्देश के रूप में कार्य करते हैं, जिसका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है। ये गैर-न्यायसंगत (non-justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि इन्हें न्यायालय द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता, लेकिन ये देश के शासन के लिए मूलभूत सिद्धांत हैं।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है। भाग VI राज्यों की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।
प्रश्न 21: भारत में ‘लोकसभा अध्यक्ष’ (Speaker of the Lok Sabha) का चुनाव कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा के सभी सदस्य
- राज्यसभा के सदस्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव, लोकसभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत से, लोकसभा की पहली बैठक के बाद यथाशीघ्र किया जाता है, जैसा कि अनुच्छेद 93 में निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा के अपने सदस्यों में से होता है। अध्यक्ष का पद निष्पक्ष और गैर-पक्षपाती होता है। वे सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं, अनुशासन बनाए रखते हैं, और सदन के विशेषाधिकारों की रक्षा करते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री सीधे चुनाव नहीं करते। राज्यसभा के सदस्य लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव नहीं करते, क्योंकि वे एक अलग सदन के सदस्य होते हैं।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘अस्पृश्यता’ (Untouchability) के उन्मूलन का प्रावधान करता है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 16
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 17 ‘अस्पृश्यता’ को समाप्त करता है और किसी भी रूप में इसके आचरण को दंडनीय अपराध घोषित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह एक मौलिक अधिकार है जो सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देता है। इस अनुच्छेद के लागू होने के बाद, संसद ने अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 पारित किया, जिसे बाद में नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1976 के रूप में संशोधित किया गया।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों का समान संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता प्रदान करता है।
प्रश्न 23: भारत में ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ (Chief Election Commissioner) की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- मुख्य न्यायाधीश
- संसद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 324(2) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) होता है। चुनाव आयुक्तों को राष्ट्रपति, CEC की सिफारिश पर नियुक्त करते हैं। चुनाव आयोग एक स्वतंत्र निकाय है जो भारत में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों के संचालन के लिए जिम्मेदार है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति नियुक्ति करते हैं, लेकिन सीधे प्रधानमंत्री नहीं करते। मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के प्रमुख हैं। संसद केवल राष्ट्रपति को महाभियोग प्रक्रिया के माध्यम से हटाने में भूमिका निभा सकती है, नियुक्ति में नहीं।
प्रश्न 24: संविधान के किस संशोधन अधिनियम द्वारा ‘मूल कर्तव्यों’ (Fundamental Duties) को भारतीय संविधान में शामिल किया गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान में भाग IV-A जोड़ा गया, जिसमें अनुच्छेद 51A के तहत दस मूल कर्तव्यों को शामिल किया गया। बाद में, 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा ग्यारहवां मूल कर्तव्य जोड़ा गया।
- संदर्भ और विस्तार: मूल कर्तव्यों को सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर जोड़ा गया था। ये नागरिकों के प्रति उनके दायित्वों को रेखांकित करते हैं, जैसे राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना, स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय संघर्ष को प्रेरित करने वाले आदर्शों का पालन करना, आदि। ये गैर-न्यायसंगत हैं।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन अधिनियम, 1985 ने दलबदल विरोधी कानून (दसवीं अनुसूची) को जोड़ा। 61वां संशोधन अधिनियम, 1989 ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सी ‘संवैधानिक संस्था’ (Constitutional Body) नहीं है?
- चुनाव आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- नीति आयोग
- नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (CAG)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और संदर्भ: नीति आयोग (NITI Aayog) एक **कार्यकारी आदेश** (executive order) द्वारा 1 जनवरी 2015 को स्थापित एक **गैर-संवैधानिक संस्था** (non-constitutional body) है, जिसने योजना आयोग का स्थान लिया।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक संस्थाएं वे हैं जिनका उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में किया गया है और जिनके गठन, शक्तियों और कार्यों का वर्णन संविधान में होता है। चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (अनुच्छेद 148) सभी भारतीय संविधान में वर्णित संवैधानिक संस्थाएं हैं।
- गलत विकल्प: चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (अनुच्छेद 148) सभी स्पष्ट रूप से संविधान में वर्णित हैं, इसलिए वे संवैधानिक संस्थाएं हैं। नीति आयोग को संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित नहीं किया गया है, न ही इसका उल्लेख संविधान में है, इसलिए यह संवैधानिक संस्था नहीं है।
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