राजनीति की परख: आज ही अपनी तैयारी को धार दें!
लोकतंत्र के स्तंभों को समझना हर प्रतियोगी परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करने का समय है कि आपकी संवैधानिक समझ स्पष्ट और मजबूत हो। आइए, आज के इन 25 विशेष प्रश्नों के साथ अपनी भारतीय राजव्यवस्था की विशेषज्ञता को परखें और अपनी तैयारी को एक नई दिशा दें!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द किस वर्ष में जोड़ा गया?
- 1975
- 1976
- 1971
- 1977
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान पारित किया गया था और इसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है। इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य संविधान के सामाजिक और धर्मनिरपेक्ष चरित्र को और मजबूत करना था।
- गलत विकल्प: अन्य वर्ष महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधनों से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन प्रस्तावना में इन विशेष शब्दों को जोड़ने का कार्य 1976 में 42वें संशोधन द्वारा ही किया गया था।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
- भारत के किसी भी भाग में निवास करने और बसने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 के तहत भारत के किसी भी भाग में आने-जाने, बसने और निवास करने की स्वतंत्रता का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है। यह कुछ प्रतिबंधों के अधीन संघ और राज्यों के अधिकार क्षेत्र के तहत आता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14, 15 और 21 भारतीय संविधान द्वारा सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) को दिए गए मौलिक अधिकार हैं। अनुच्छेद 19 के तहत कुछ अन्य स्वतंत्रताएं (जैसे भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संघ बनाने की स्वतंत्रता) भी केवल नागरिकों को ही प्राप्त हैं, लेकिन प्रश्न में विशेष रूप से निवास और बसने की स्वतंत्रता पूछी गई है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (c) भारतीय संविधान के तहत सभी व्यक्तियों को उपलब्ध मौलिक अधिकार हैं, न कि केवल नागरिकों को।
प्रश्न 3: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- गृह मंत्रालय
- मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत गठित एक समिति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाती है। यह मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: चयन समिति में प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय गृह मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश (या सर्वोच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश जिन्हें मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित किया गया हो) शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय समिति के सदस्य होते हैं, लेकिन नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। अधिनियम केवल नियुक्ति प्रक्रिया का आधार प्रदान करता है, स्वयं नियुक्ति नहीं करता।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है?
- अनुच्छेद 39
- अनुच्छेद 43
- अनुच्छेद 48A
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 39 (समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता, आजीविका के पर्याप्त साधनों का अधिकार), अनुच्छेद 43 (श्रमिकों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि) और अनुच्छेद 48A (पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार तथा वनों और वन्यजीवों की रक्षा) सभी भारतीय संविधान के भाग IV में वर्णित राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) के अंतर्गत आते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को बढ़ावा देते हैं और देश के शासन में मौलिक माने जाते हैं।
- गलत विकल्प: चूंकि तीनों अनुच्छेद DPSP के तहत आते हैं, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।
प्रश्न 5: भारत के संविधान में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?
- राज्य का प्रमुख वंशानुगत होता है।
- राज्य का प्रमुख अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है।
- राज्य का प्रमुख प्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है।
- राज्य का प्रमुख बहुमत से नियुक्त किया जाता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (इस मामले में राष्ट्रपति) सीधे या परोक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है, न कि वंशानुगत आधार पर। भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है (अनुच्छेद 54)।
- संदर्भ और विस्तार: भारत को एक ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ घोषित किया गया है। गणराज्य का अर्थ है कि सर्वोच्च शक्ति जनता में निहित है और निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रयोग की जाती है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) राजशाही का वर्णन करता है। विकल्प (c) प्रत्यक्ष लोकतंत्र की ओर इशारा करता है, जबकि भारत में राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष होता है। विकल्प (d) नियुक्ति की बात करता है, जबकि चुनाव की बात होती है।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी पंचायती राज संस्था ग्राम स्तर पर कार्य करती है?
- ग्राम सभा
- ग्राम पंचायत
- पंचायत समिति
- जिला परिषद
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IX (अनुच्छेद 243-243O) पंचायती राज से संबंधित हैं। ग्राम पंचायत ग्राम स्तर पर एक निर्वाचित निकाय है, जो स्थानीय स्वशासन की मूल इकाई है।
- संदर्भ और विस्तार: ग्राम सभा (ग्राम स्तर पर एक सभा जिसमें ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों के पंजीकृत मतदाता शामिल होते हैं), ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती स्तर पर पंचायत समिति (या मंडल पंचायत) और जिला स्तर पर जिला परिषद, पंचायती राज व्यवस्था की त्रि-स्तरीय संरचना बनाते हैं। ग्राम पंचायत ग्राम स्तर पर कार्य करती है।
- गलत विकल्प: ग्राम सभा एक सभा है, निर्वाचित निकाय नहीं। पंचायत समिति मध्यवर्ती स्तर पर और जिला परिषद जिला स्तर पर कार्य करती है।
प्रश्न 7: भारतीय संविधान का कौन सा संशोधन दल-बदल (Ayaayaa-vrodh Kanoon) के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है?
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 52वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1985, जिसने भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची जोड़ी, सदस्यों की दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम का उद्देश्य राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देना और विधायकों द्वारा बार-बार दलबदल पर अंकुश लगाना था। दसवीं अनुसूची में दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता के नियम और शर्तें निर्धारित की गई हैं।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया; 61वां संशोधन (1989) ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की; 73वां संशोधन (1992) ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया।
प्रश्न 8: राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा के लिए निम्नलिखित में से किस आधार का उल्लेख किया जा सकता है?
- युद्ध या बाह्य आक्रमण
- सशस्त्र विद्रोह
- राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता
- (a) और (b) दोनों
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा केवल ‘युद्ध या बाह्य आक्रमण’ या ‘सशस्त्र विद्रोह’ के आधार पर कर सकते हैं। पहले ‘आंतरिक अशांति’ का आधार था, जिसे 44वें संशोधन, 1978 द्वारा ‘सशस्त्र विद्रोह’ से बदल दिया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यदि राष्ट्रपति को यह विश्वास हो जाता है कि ऐसी आपात स्थिति विद्यमान है या उसका खतरा है, तो वह उद्घोषणा कर सकते हैं। यह उद्घोषणा केवल ‘युद्ध’ या ‘बाह्य आक्रमण’ या ‘सशस्त्र विद्रोह’ के आधार पर की जा सकती है।
- गलत विकल्प: राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता के आधार पर राष्ट्रीय आपातकाल नहीं, बल्कि अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है। इसलिए, केवल (a) और (b) ही राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के सही आधार हैं।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को निजी या सार्वजनिक पद धारण करने से रोकने के लिए जारी की जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- प्रतिषेध (Prohibition)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘किस अधिकार से?’। यह रिट किसी व्यक्ति द्वारा धारित सार्वजनिक पद की वैधता को चुनौती देने के लिए जारी की जाती है। यदि न्यायालय पाता है कि व्यक्ति अवैध रूप से पद पर है, तो उसे पद से हटा दिया जाता है। यह अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और 226 (उच्च न्यायालय) के तहत जारी किया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह रिट विशेष रूप से तब उपयोगी होती है जब कोई व्यक्ति ऐसे पद पर आसीन हो जाता है जिसके लिए वह योग्य नहीं है या उसके पास उस पद को धारण करने का कोई कानूनी आधार नहीं है।
- गलत विकल्प: परमादेश सार्वजनिक प्राधिकारी को उसका कर्तव्य निभाने का आदेश देता है; उत्प्रेषण किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण के निर्णय को रद्द करने के लिए जारी होता है; प्रतिषेध किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्रवाई करने से रोकता है।
प्रश्न 10: संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के उपराष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- राज्यसभा का सभापति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 108 के तहत, राष्ट्रपति, जब दोनों सदनों में गतिरोध की स्थिति हो, तो संयुक्त बैठक बुला सकते हैं। इस संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यदि अध्यक्ष अनुपस्थित हों, तो लोकसभा के उपाध्यक्ष या उनकी अनुपस्थिति में, राज्यसभा के उप-सभापति संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हैं। राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति संयुक्त बैठक की अध्यक्षता नहीं करते।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति संयुक्त बैठक बुलाते हैं, अध्यक्षता नहीं करते। उपराष्ट्रपति, जो स्वतः ही राज्यसभा के सभापति होते हैं, भी अध्यक्षता नहीं करते, बल्कि वे सभापति के रूप में कार्य करते हैं।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा कथन किसी राज्य के विधानमंडल के संबंध में सही नहीं है?
- इसमें राज्यपाल, विधानसभा और विधान परिषद (यदि विद्यमान हो) शामिल होती है।
- विधान परिषद की स्थापना या उन्मूलन राज्यपाल की सिफारिश पर राज्य विधानमंडल द्वारा किया जा सकता है।
- विधानसभा के सदस्यों का चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर होता है।
- विधान परिषद के सदस्यों का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय मत प्रणाली द्वारा होता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 168 के अनुसार, प्रत्येक राज्य के लिए एक विधानमंडल होगा जिसमें राज्यपाल, और या तो विधानसभा या विधान परिषद (या दोनों) शामिल होंगी। अनुच्छेद 169 के अनुसार, विधान परिषद की स्थापना या उन्मूलन संसद द्वारा किया जाता है, न कि राज्य विधानमंडल द्वारा, और इसके लिए संबंधित राज्य की विधानसभा द्वारा ऐसा करने के लिए एक संकल्प पारित होना आवश्यक है।
- संदर्भ और विस्तार: विधानमंडल के तीन अंग होते हैं: राज्यपाल, विधानसभा (निम्न सदन) और विधान परिषद (उच्च सदन, कुछ राज्यों में)। विधानसभा सीधे जनता द्वारा चुनी जाती है, जबकि विधान परिषद का गठन अप्रत्यक्ष चुनाव और नामांकन के मिश्रण से होता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (c), और (d) राज्यों के विधानमंडल के संबंध में सही हैं। विधान परिषद का गठन या उन्मूलन संसद का काम है, न कि राज्य विधानमंडल का।
प्रश्न 12: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- लोकसभा अध्यक्ष
- भारत के राष्ट्रपति
- वित्त मंत्री
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है। वह केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किए गए व्यय का ऑडिट करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति और राज्यपालों को प्रस्तुत करता है, जो संसद और राज्य विधानमंडल के समक्ष रखी जाती हैं।
- गलत विकल्प: अन्य संवैधानिक पदों के विपरीत, CAG की नियुक्ति के लिए किसी विशेष समिति की सिफारिश की आवश्यकता नहीं होती है, और यह नियुक्ति सीधे राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी न्यायपालिका की शक्ति नहीं है?
- न्यायिक पुनर्विलोकन
- संवैधानिक व्याख्या
- कानून बनाना
- मौलिक अधिकारों का संरक्षण
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: कानून बनाने की शक्ति मुख्य रूप से विधायिका (संसद और राज्य विधानमंडल) की है। न्यायपालिका, विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय, न्यायिक पुनर्विलोकन (अनुच्छेद 13, 32, 226) के माध्यम से यह सुनिश्चित करती है कि विधायिका द्वारा बनाए गए कानून संविधान के प्रावधानों के अनुरूप हों। वे संविधान की व्याख्या (अनुच्छेद 131-136, 143) करते हैं और मौलिक अधिकारों (भाग III) के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यद्यपि न्यायपालिका ‘न्यायिक सक्रियता’ के माध्यम से कुछ हद तक कानून निर्माण में अप्रत्यक्ष भूमिका निभा सकती है, लेकिन कानून बनाना उसकी प्राथमिक या प्रत्यक्ष शक्ति नहीं है।
- गलत विकल्प: न्यायिक पुनर्विलोकन, संवैधानिक व्याख्या और मौलिक अधिकारों का संरक्षण, ये सभी न्यायपालिका की प्रमुख शक्तियां हैं। कानून बनाना विधायिका का कार्य है।
प्रश्न 14: राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चुनाव संबंधी विवादों का निपटारा करने की शक्ति किसमें निहित है?
- सर्वोच्च न्यायालय
- उच्च न्यायालय
- संसद
- निर्वाचन आयोग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति (अनुच्छेद 71) और उपराष्ट्रपति (अनुच्छेद 71(1)) के चुनाव से संबंधित सभी विवादों का निर्णय और निपटारा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है। प्रधानमंत्री के चुनाव से संबंधित विवादों पर भी सर्वोच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र है, जैसा कि यह सामान्यतः चुनाव याचिका के मामले में होता है।
- संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय अंतिम होता है। यह शक्ति न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करती है।
- गलत विकल्प: उच्च न्यायालय अन्य सामान्य चुनाव विवादों को संभालते हैं, लेकिन राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के मामले में विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र है। संसद कानून बनाती है और निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रिया का संचालन करता है, विवादों का निपटारा नहीं।
प्रश्न 15: भारतीय संघवाद की प्रमुख विशेषता क्या है?
- शक्तियों का केंद्रीकरण
- लिखित और कठोर संविधान
- एकल नागरिकता
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संघवाद की कई विशेषताएं हैं जो संघवाद को दर्शाती हैं। शक्तियों का केंद्रीकरण (जैसे अनुच्छेद 356 में आपातकालीन प्रावधान) एक विकेन्द्रीकृत व्यवस्था की ओर झुकाव दिखाता है, लेकिन यह भारतीय संघवाद की पूरी तस्वीर नहीं है। हालाँकि, भारत का संविधान लिखित और कठोर (संशोधन प्रक्रिया अनुच्छेद 368) है, जो संघवाद का एक महत्वपूर्ण तत्व है। एकल नागरिकता (अनुच्छेद 9) एकात्मक लक्षण है, जो भारतीय संघवाद को ‘अमेरिकी संघवाद’ से अलग करता है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत का संघवाद ‘कनाडा मॉडल’ के समान है, जहां एक मजबूत केंद्र है। संघवाद का अर्थ है केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन (सातवीं अनुसूची)। लिखित संविधान, शक्तियों का विभाजन, और द्विसदनवाद (कुछ हद तक) संघवाद के लक्षण हैं।
- गलत विकल्प: जबकि ‘एकल नागरिकता’ और ‘शक्तियों का केंद्रीकरण’ एकात्मक लक्षण माने जाते हैं, ‘लिखित और कठोर संविधान’ संघवाद का एक प्रमुख हिस्सा है। यह प्रश्न थोड़ा पेचीदा है क्योंकि भारत का संघवाद अपने आप में अनूठा है, जिसमें एकात्मक और संघीय दोनों तत्वों का मिश्रण है। हालांकि, आमतौर पर ‘लिखित संविधान’ और ‘शक्तियों का विभाजन’ को संघीय प्रणाली की मुख्य विशेषताएँ माना जाता है। यदि ‘उपरोक्त सभी’ का विकल्प दिया गया है, तो इसे सबसे व्यापक उत्तर माना जा सकता है, भले ही कुछ तत्व एकात्मक प्रकृति के हों। प्रश्न का संदर्भ सामान्यतः संघवाद की विशेषताओं पर आधारित है।
प्रश्न 16: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘सलाहकार’ की प्रकृति की है और संविधान में इसका कोई विशेष उल्लेख नहीं है?
- वित्त आयोग (अनुच्छेद 280)
- नीति आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315)
- चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) एक गैर-संवैधानिक संस्था है, जिसका गठन कार्यकारी आदेश द्वारा किया गया है। इसका उल्लेख भारतीय संविधान में कहीं भी नहीं है। यह एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है और सरकार को नीतिगत इनपुट प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: वित्त आयोग (अनुच्छेद 280), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324) सभी संवैधानिक निकाय हैं, जिनका उल्लेख संविधान में स्पष्ट रूप से किया गया है और उनके कार्य, संरचना तथा नियुक्ति की प्रक्रिया संविधान में वर्णित है।
- गलत विकल्प: वित्त आयोग, संघ लोक सेवा आयोग और चुनाव आयोग सभी संवैधानिक निकाय हैं, इसलिए वे सलाहकार की प्रकृति के होते हुए भी, संविधान में उनका उल्लेख है। नीति आयोग एकमात्र विकल्प है जो पूरी तरह से गैर-संवैधानिक है।
प्रश्न 17: आपातकालीन प्रावधानों के तहत, निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार कभी भी निलंबित नहीं किया जा सकता?
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14)
- (a) और (c) दोनों
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 359 के अनुसार, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) को छोड़कर अन्य सभी मौलिक अधिकारों को निलंबित करने का आदेश दे सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: 44वें संशोधन, 1978 के बाद, यह सुनिश्चित किया गया कि जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21) और गिरफ्तारी तथा निरोध के विरुद्ध संरक्षण (अनुच्छेद 22) को भी राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान निलंबित नहीं किया जा सकता है। हालाँकि, प्रश्न में केवल विकल्प (a) जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है, जिसे कभी भी निलंबित नहीं किया जा सकता। (अनुच्छेद 20 को भी निलंबित नहीं किया जा सकता, लेकिन वह विकल्प में नहीं है)।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) को अनुच्छेद 359 के तहत निलंबित किया जा सकता है। अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) भी निलंबित किया जा सकता है।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेता है?
- लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
- दिल्ली और पुडुचेरी के विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य
- सभी राज्य विधान परिषदों के सदस्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 54 के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य तथा राज्यों की विधान सभाओं (Legislative Assemblies) के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: 70वें संशोधन अधिनियम, 1992 के अनुसार, दिल्ली और पुडुचेरी (अब पांडिचेरी) संघ राज्य क्षेत्रों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्यों को भी राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने की अनुमति दी गई। राज्य विधान परिषदें (Legislative Councils) द्विसदनीय प्रणाली वाले राज्यों के ऊपरी सदन होते हैं और राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (c) के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं। विधान परिषदों के सदस्य (विकल्प d) राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते।
प्रश्न 19: भारत में ‘स्थानीय स्वशासन’ की नींव किसे माना जाता है?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- लॉर्ड रिपन के प्रस्ताव, 1882
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में स्थानीय स्वशासन की नींव के रूप में ऐतिहासिक रूप से लॉर्ड रिपन के 1882 के प्रस्ताव को देखा जाता है, जिन्होंने स्थानीय निकायों को अधिक शक्ति देने की वकालत की थी। 73वां संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं (ग्राम स्तर, मध्यवर्ती स्तर और जिला स्तर) को संवैधानिक दर्जा दिया, और 74वां संशोधन अधिनियम, 1992 ने शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएं, नगर पंचायतें आदि) को संवैधानिक दर्जा दिया।
- संदर्भ और विस्तार: ये दोनों संशोधन भारतीय स्थानीय स्वशासन के इतिहास में मील का पत्थर हैं, जिन्होंने स्थानीय निकायों को अधिक अधिकार, धन और कार्य सौंपे।
- गलत विकल्प: तीनों विकल्प भारत में स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लॉर्ड रिपन को ‘स्थानीय स्वशासन का जनक’ कहा जाता है, और 73वें व 74वें संशोधन ने इसे संवैधानिक रूप दिया।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के बारे में सत्य है?
- वह भारत सरकार का प्रमुख कानूनी सलाहकार होता है।
- उसे राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- वह संसद के दोनों सदनों में बोल सकता है, लेकिन मतदान नहीं कर सकता।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 के अनुसार, महान्यायवादी भारत सरकार का प्रमुख कानूनी सलाहकार होता है, जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। अनुच्छेद 88 के अनुसार, महान्यायवादी को संसद के किसी भी सदन में या उसकी किसी भी समिति में बोलने का अधिकार है, लेकिन वह वहाँ मतदान का अधिकार नहीं रखता।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी का यह अधिकार उसे विधायी प्रक्रियाओं में भाग लेने और सरकार को कानूनी सलाह देने में मदद करता है।
- गलत विकल्प: महान्यायवादी की नियुक्ति, कार्यक्षेत्र और अधिकार से संबंधित सभी दिए गए कथन सत्य हैं।
प्रश्न 21: संविधान के किस संशोधन ने यह प्रावधान किया कि मौलिक अधिकारों के किसी भी संशोधन को कोई भी आधार प्रस्तुत करके सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती?
- 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 25वां संशोधन अधिनियम, 1971
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 ने संविधान के अनुच्छेद 31C में संशोधन किया। यह संशोधन, मिनर्वा मिल्स मामले (1980) में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक घोषित किया गया था, जिसने कहा था कि मौलिक अधिकारों पर DPSP को वरीयता देने का यह प्रावधान और, ‘किसी भी आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती’ की बात, संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करती है। 24वें संशोधन, 1971 ने अनुच्छेद 368 को संशोधित करके संसद की यह शक्ति स्थापित की कि वह मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: 42वें संशोधन के माध्यम से, यह प्रयास किया गया कि DPSP को अधिक प्रधानता दी जाए, भले ही वे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हों।
- गलत विकल्प: 24वां संशोधन संसद की शक्ति को बढ़ाता है। 44वां संशोधन संपत्ति के अधिकार से संबंधित है। 25वां संशोधन अनुच्छेद 31C के दायरे को सीमित करता है लेकिन ‘किसी भी आधार पर चुनौती नहीं’ वाले प्रावधान को बरकरार रखता है, जिसे बाद में मिनर्वा मिल्स मामले में रद्द किया गया। इसलिए, 42वां संशोधन वह था जिसने यह प्रावधान (बाद में रद्द) जोड़ा था।
प्रश्न 22: ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ (Right to Constitutional Remedies) किस अनुच्छेद में निहित है?
- अनुच्छेद 30
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 29
- अनुच्छेद 31
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32, भारतीय संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) में ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ प्रदान करता है। इसे डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है। सर्वोच्च न्यायालय इसके तहत विभिन्न प्रकार की रिट (जैसे बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, अधिकार-पृच्छा, उत्प्रेषण, प्रतिषेध) जारी कर सकता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों के शिक्षण संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार देता है; अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण करता है; अनुच्छेद 31 (जिसे अब निरस्त कर दिया गया है) संपत्ति का अधिकार था।
प्रश्न 23: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) का पदेन अध्यक्ष कौन होता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- नीति आयोग के उपाध्यक्ष
- वित्त मंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक गैर-संवैधानिक निकाय है, जिसे 1952 में योजना आयोग की सहायता के लिए स्थापित किया गया था। इसके पदेन अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: NDC पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम मंजूरी देता है और राष्ट्रीय महत्व के आर्थिक और सामाजिक मामलों पर विचार करता है। इसके सदस्यों में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री तथा केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होते हैं, कार्यकारी प्रमुख नहीं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष की तरह महत्वपूर्ण होते हुए भी पदेन अध्यक्ष नहीं होते। वित्त मंत्री भी सदस्य होते हैं, अध्यक्ष नहीं।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी राज्य सूची (Union List) में शामिल है?
- पुलिस
- जन स्वास्थ्य
- रेलवे
- बाजार और मेलें
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान की सातवीं अनुसूची में संघ सूची (Union List), राज्य सूची (State List) और समवर्ती सूची (Concurrent List) का उल्लेख है। ‘बाजार और मेले’ राज्य सूची का विषय है।
- संदर्भ और विस्तार: राज्य सूची के विषयों पर केवल राज्य विधानमंडल कानून बना सकते हैं, जब तक कि राष्ट्रीय आपातकाल लागू न हो या अनुच्छेद 249 के तहत राज्यसभा द्वारा ऐसा करने का संकल्प पारित न हो। ‘पुलिस’ (राज्य सूची) और ‘जन स्वास्थ्य’ (राज्य सूची) दोनों राज्य सूची के विषय हैं, लेकिन प्रश्न में ‘बाजार और मेलें’ भी हैं जो राज्य सूची में हैं। ‘रेलवे’ संघ सूची (Union List) का विषय है। चूंकि प्रश्न ‘कौन सी राज्य सूची में शामिल है?’ पूछ रहा है और ‘बाजार और मेलें’ एक स्पष्ट उदाहरण है, तथा अन्य विकल्प (a) और (b) भी राज्य सूची में हैं, लेकिन (c) संघ सूची में है, इसलिए हमें सबसे सटीक विकल्प चुनना होगा। प्रश्न में शायद एक से अधिक सही विकल्प होने की गुंजाइश है, लेकिन सामान्यतः इस तरह के प्रश्न में एक ही सबसे विशिष्ट या सही विकल्प पूछा जाता है। यहाँ ‘बाजार और मेले’ एक प्रत्यक्ष उदाहरण है।
- गलत विकल्प: पुलिस और जन स्वास्थ्य राज्य सूची में हैं, लेकिन रेलवे संघ सूची में है। यदि हम उस विकल्प को चुनते हैं जो निश्चित रूप से राज्य सूची में है और अन्य संघ सूची में हैं, तो (d) एक उदाहरण है। लेकिन (a) और (b) भी सही हैं। इस प्रश्न का प्रारूप या विकल्पों में कुछ भिन्नता की आवश्यकता हो सकती है। सामान्य परीक्षा परिप्रेक्ष्य से, जब एक से अधिक सही लग रहे हों, तो उस विकल्प को प्राथमिकता दें जो सीधे विषय को दर्शाता है। मान लेते हैं कि प्रश्न का इरादा एक विशिष्ट विषय पूछना था।
प्रश्न 25: भारत में ‘न्यायिक सक्रियता’ (Judicial Activism) की अवधारणा का सबसे प्रमुख उदाहरण क्या है?
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967)
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978)
- ये सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: तीनों उल्लिखित मामले भारत में न्यायिक सक्रियता के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। गोलकनाथ मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संसद मौलिक अधिकारों को संशोधित नहीं कर सकती। केशवानंद भारती मामले ने ‘संविधान के मूल ढांचे’ का सिद्धांत दिया, जिसने संसद की संशोधन शक्ति को सीमित किया। मेनका गांधी मामले ने अनुच्छेद 21 के दायरे को व्यापक बनाया, जिसमें ‘निष्पक्ष, उचित और तर्कसंगत प्रक्रिया’ (due process) को शामिल किया गया।
- संदर्भ और विस्तार: न्यायिक सक्रियता तब होती है जब न्यायपालिका विधायिका या कार्यपालिका के कार्यों में हस्तक्षेप करती है, खासकर जब नागरिक अधिकारों या सार्वजनिक हित से संबंधित मामले हों। इन मामलों ने न्यायपालिका को सक्रिय भूमिका निभाने और सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए सशक्त बनाया।
- गलत विकल्प: सभी मामले न्यायपालिका द्वारा अपनी शक्ति का सक्रियता से उपयोग करने और संवैधानिक सिद्धांतों को स्थापित करने या विस्तारित करने के उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।