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भारत-फिलीपींस संबंध: मोदी-मार्कोस वार्ता से मजबूत होते द्विपक्षीय कूटनीतिक धागे

भारत-फिलीपींस संबंध: मोदी-मार्कोस वार्ता से मजबूत होते द्विपक्षीय कूटनीतिक धागे

चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड “बोंगबोंग” मार्कोस जूनियर के बीच हैदराबाद हाउस में एक बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस मुलाकात का महत्व न केवल दोनों देशों के बीच मौजूदा संबंधों को सुदृढ़ करने में है, बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भू-राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित करता है। यह वार्ता दोनों देशों के साझा हितों, जैसे कि समुद्री सुरक्षा, रक्षा सहयोग, आर्थिक साझेदारी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के अवसरों पर केंद्रित थी।

यह ब्लॉग पोस्ट UPSC उम्मीदवारों के लिए भारत-फिलीपींस संबंधों के विभिन्न पहलुओं का एक विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करता है। हम इस द्विपक्षीय वार्ता के महत्व, इसके पीछे के ऐतिहासिक संदर्भ, रक्षा और सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, पीपल-टू-पीपल (P2P) संपर्क, और भविष्य में इन संबंधों को मजबूत करने की दिशा में उठाए जा सकने वाले कदमों पर गहराई से चर्चा करेंगे।

भारत-फिलीपींस संबंध: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (Historical Perspective of India-Philippines Relations)

भारत और फिलीपींस के बीच संबंध आधुनिक कूटनीति से कहीं अधिक पुराने हैं। सदियों से, दोनों देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के तार जुड़े हुए थे। हालाँकि, औपचारिक राजनयिक संबंध 1949 में स्थापित किए गए थे, लेकिन संबंधों को गहरा करने में कुछ समय लगा। 1990 के दशक से, विशेष रूप से ‘लुक ईस्ट’ नीति (अब ‘एक्ट ईस्ट’ नीति) के शुभारंभ के बाद, भारत ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता दी, और फिलीपींस इस रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।

“भारत और फिलीपींस के बीच संबंध केवल कूटनीतिक समझौतों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह एक साझा इतिहास और भविष्य की आकांक्षाओं पर आधारित हैं।”

दोनों देशों ने समय के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया है, जिसमें रक्षा, व्यापार, निवेश, पर्यटन, और शिक्षा शामिल हैं। राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर की यह यात्रा भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

हालिया वार्ता का महत्व और एजेंडा (Significance and Agenda of the Recent Summit)

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर के बीच हैदराबाद हाउस में हुई मुलाकात कई मायनों में महत्वपूर्ण थी। इस वार्ता का प्राथमिक उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना था। एजेंडे में प्रमुख रूप से निम्नलिखित बिंदु शामिल थे:

  • रक्षा और समुद्री सुरक्षा: दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मुक्त, खुले और समावेशी समुद्री व्यवस्था को बनाए रखने की साझा चिंता दोनों देशों के लिए रक्षा सहयोग को प्राथमिकता देती है।
  • आर्थिक सहयोग और व्यापार: दोनों देश व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करना शामिल हो सकता है।
  • पीपल-टू-पीपल (P2P) संपर्क: पर्यटन, शिक्षा, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर दोनों देशों के नागरिकों के बीच जुड़ाव बढ़ाना।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था और नवाचार: सूचना प्रौद्योगिकी, फिनटेक और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग के अवसर तलाशना।
  • क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, और आतंकवाद जैसे साझा चिंताओं वाले मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान।

इस तरह की उच्च-स्तरीय बातचीत द्विपक्षीय संबंधों को दिशा देने और भविष्य की सहयोग पहलों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

रक्षा और सुरक्षा सहयोग: एक सामरिक साझेदारी (Defense and Security Cooperation: A Strategic Partnership)

भारत और फिलीपींस के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। फिलीपींस, दक्षिण चीन सागर में अपनी संप्रभुता और समुद्री अधिकारों की रक्षा के लिए प्रयासरत है, और इस संदर्भ में भारत एक मूल्यवान भागीदार के रूप में उभरा है।

प्रमुख सहयोग के क्षेत्र:

  • रक्षा उपकरण की आपूर्ति: भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की बिक्री की है, जो इस सहयोग का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह न केवल फिलीपींस की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करता है, बल्कि भारत के रक्षा निर्यात के लिए भी एक बड़ी सफलता है।
  • नौसैनिक अभ्यास: दोनों देशों की नौसेनाएं संयुक्त समुद्री अभ्यासों में भाग ले सकती हैं, जो अंतर-संचालनीयता (interoperability) को बढ़ाते हैं और समुद्री डोमेन जागरूकता (Maritime Domain Awareness) को बेहतर बनाते हैं।
  • प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: भारत फिलीपींस के रक्षा कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान कर सकता है, जिससे उनकी क्षमताओं का विकास हो सके।
  • खुला, स्थिर और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक: दोनों देश एक ऐसे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं जो अंतरराष्ट्रीय कानून, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों पर आधारित हो।

यह रक्षा साझेदारी दोनों देशों के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है, खासकर जब क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखा जा रहा है।

आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध: एक विकासोन्मुख साझेदारी (Economic and Commercial Relations: A Growth-Oriented Partnership)

भारत और फिलीपींस के बीच आर्थिक संबंध लगातार बढ़ रहे हैं, हालांकि अभी भी पर्याप्त क्षमता है। दोनों देश अपने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और निवेश के अवसरों का विस्तार करने के लिए उत्सुक हैं।

आर्थिक सहयोग के प्रमुख पहलू:

  • द्विपक्षीय व्यापार: 2022 में, द्विपक्षीय व्यापार का आंकड़ा काफी बढ़ा है, जिसमें भारत मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, मशीनरी और प्लास्टिक का निर्यात करता है, जबकि फिलीपींस से इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, ऑर्गेनिक रसायन और फल आयात करता है।
  • निवेश: भारतीय कंपनियां फिलीपींस में आईटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोटिव जैसे क्षेत्रों में निवेश कर रही हैं। इसी तरह, फिलीपींस की कंपनियां भी भारत में अवसर तलाश रही हैं।
  • साझा आर्थिक हित: दोनों देश आसियान (ASEAN) के सदस्य के रूप में एक्ट ईस्ट नीति के माध्यम से आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देते हैं।
  • संभावित विकास क्षेत्र: डिजिटल अर्थव्यवस्था, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि-प्रसंस्करण और पर्यटन जैसे क्षेत्र भविष्य में द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और मजबूत कर सकते हैं।

हैदराबाद हाउस में हुई वार्ता में आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए नई पहलों पर चर्चा हुई होगी, जो दोनों देशों के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘फिलीपींस की विकास की ओर यात्रा’ दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

पीपल-टू-पीपल (P2P) संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान (People-to-People (P2P) Connectivity and Cultural Exchange)

किसी भी द्विपक्षीय संबंध की दीर्घकालिक सफलता के लिए लोगों के बीच सीधा संपर्क और सांस्कृतिक समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत और फिलीपींस के बीच मजबूत P2P संबंध दोनों देशों की संस्कृतियों की विविधता और समानता को दर्शाते हैं।

  • पर्यटन: दोनों देशों में आकर्षक पर्यटन स्थल हैं, और वीजा प्रक्रियाओं को सरल बनाने और सीधी उड़ानें शुरू करने से पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है।
  • शिक्षा: छात्र विनिमय कार्यक्रम, संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं और विश्वविद्यालयों के बीच साझेदारी शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ा सकती है।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: भारत और फिलीपींस दोनों देशों में विविध सांस्कृतिक विरासत है। सांस्कृतिक महोत्सव, कला प्रदर्शनियां और पारंपरिक खेलों का आदान-प्रदान दोनों समाजों के बीच समझ को गहरा कर सकता है।
  • समुदाय: फिलीपींस में भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या और भारत में फिलीपींस के लोगों की उपस्थिति भी सांस्कृतिक सेतु का काम करती है।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस के बीच इस तरह की मुलाकातें न केवल कूटनीतिक स्तर पर बल्कि लोगों के स्तर पर भी संबंधों को मजबूती प्रदान करती हैं।

चुनौतियाँ और अवसर (Challenges and Opportunities)

किसी भी द्विपक्षीय संबंध की तरह, भारत-फिलीपींस संबंधों में भी कुछ चुनौतियाँ और अपार अवसर मौजूद हैं।

चुनौतियाँ:

  • भौगोलिक दूरी: दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण भौगोलिक दूरी द्विपक्षीय व्यापार और यात्रा को प्रभावित कर सकती है।
  • आर्थिक प्रतिस्पर्धा: कुछ क्षेत्रों में, विशेष रूप से वैश्विक बाजार में, दोनों देशों के बीच अप्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धा हो सकती है।
  • सूचना का प्रसार: दोनों देशों के बीच संबंधों की पूर्ण क्षमता के बारे में आम जनता में जागरूकता का अभाव हो सकता है।
  • क्षेत्रीय भू-राजनीतिक तनाव: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अस्थिरता, विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर में, संबंधों को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकती है।

अवसर:

  • रक्षा आधुनिकीकरण: भारत फिलीपींस के रक्षा आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
  • डिजिटल सहयोग: सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग के अपार अवसर हैं।
  • नवीकरणीय ऊर्जा: स्वच्छ ऊर्जा समाधानों की बढ़ती मांग दोनों देशों के लिए सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र प्रदान करती है।
  • कृषि और खाद्य सुरक्षा: कृषि तकनीकों और खाद्य प्रसंस्करण में सहयोग दोनों देशों की खाद्य सुरक्षा को मजबूत कर सकता है।
  • पर्यटन क्षमता: दोनों देशों की पर्यटन क्षमता का पूर्ण रूप से दोहन करने से आर्थिक लाभ होगा।

इन चुनौतियों का सामना करते हुए अवसरों का लाभ उठाना दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण होगा।

भविष्य की राह: एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी (The Way Forward: A Stronger Strategic Partnership)

भारत और फिलीपींस के बीच संबंध एक ऐसे मुकाम पर हैं जहाँ वे और अधिक मजबूत और विस्तृत हो सकते हैं। भविष्य में, दोनों देशों को निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए:

  1. रणनीतिक संवाद को निरंतरता: नियमित उच्च-स्तरीय वार्ताएं और रणनीतिक संवाद भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण होंगे।
  2. रक्षा सहयोग का विस्तार: संयुक्त अनुसंधान और विकास, रक्षा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना।
  3. आर्थिक संबंधों का विविधीकरण: विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) में भारतीय निवेश को प्रोत्साहित करना और फिलीपींस के लिए व्यापार बाधाओं को कम करना।
  4. डिजिटल इंडिया और डिजिटल फिलीपींस: संयुक्त डिजिटल पहलों, डेटा सुरक्षा और साइबर सहयोग पर काम करना।
  5. जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन: जलवायु परिवर्तन से निपटने और आपदाओं के प्रति लचीलापन बढ़ाने के लिए सहयोग करना।
  6. सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा: दोनों देशों के युवाओं को जोड़ने के लिए मंच प्रदान करना।

हैदराबाद हाउस में हुई वार्ता इन प्रयासों को गति प्रदान करती है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इन वार्ताओं के परिणामस्वरूप ठोस कार्रवाई और दीर्घकालिक परिणाम सामने आएं, जो दोनों देशों के लोगों के लिए समृद्धि और सुरक्षा लाएं।

निष्कर्ष (Conclusion)

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस के बीच हालिया द्विपक्षीय वार्ता भारत और फिलीपींस के बीच बढ़ते सामरिक महत्व को रेखांकित करती है। यह संबंध न केवल दोनों देशों के आर्थिक विकास और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में भी योगदान देता है। रक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करके, दोनों देश एक मजबूत और अधिक समृद्ध भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। यह बैठक कूटनीति के महत्व का एक ज्वलंत उदाहरण है, जो राष्ट्रों को साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ लाती है।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. प्रश्न 1: हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता का आयोजन किस स्थान पर हुआ था?

    (a) राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली

    (b) इंडिया गेट, नई दिल्ली

    (c) हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली

    (d) संसद भवन, नई दिल्ली

    उत्तर: (c) हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली

    व्याख्या: समाचार के अनुसार, द्विपक्षीय वार्ता हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली में आयोजित हुई थी।
  2. प्रश्न 2: भारत द्वारा हाल ही में फिलीपींस को आपूर्ति की गई महत्वपूर्ण रक्षा प्रणाली कौन सी है?

    (a) तेजस लड़ाकू विमान

    (b) ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल

    (c) INS विक्रांत

    (d) पिनाक मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर

    उत्तर: (b) ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल

    व्याख्या: भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की बिक्री की है, जो एक महत्वपूर्ण रक्षा निर्यात सौदा है।
  3. प्रश्न 3: भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?

    (a) पश्चिमी देशों के साथ आर्थिक संबंध मजबूत करना।

    (b) दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को प्राथमिकता देना।

    (c) मध्य एशियाई देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाना।

    (d) अफ्रीका के साथ व्यापार बढ़ाना।

    उत्तर: (b) दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को प्राथमिकता देना।

    व्याख्या: ‘एक्ट ईस्ट’ नीति (पूर्व में ‘लुक ईस्ट’ नीति) भारत की दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और आसियान क्षेत्र के साथ कूटनीतिक, आर्थिक और सामरिक संबंधों को मजबूत करने की नीति है।
  4. प्रश्न 4: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत और फिलीपींस के बीच सहयोग का एक प्रमुख सामरिक कारण क्या है?

    (a) हिंद महासागर में नौसैनिक उपस्थिति बढ़ाना।

    (b) दक्षिण चीन सागर में समुद्री सुरक्षा और मुक्त आवागमन सुनिश्चित करना।

    (c) अटलांटिक महासागर में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करना।

    (d) भूमध्य सागर में व्यापार मार्गों की रक्षा करना।

    उत्तर: (b) दक्षिण चीन सागर में समुद्री सुरक्षा और मुक्त आवागमन सुनिश्चित करना।

    व्याख्या: दोनों देश इंडो-पैसिफिक में नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखने और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें दक्षिण चीन सागर का मामला प्रमुख है।
  5. प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सा क्षेत्र भारत और फिलीपींस के बीच आर्थिक सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है?

    (a) कोयला खनन

    (b) नवीकरणीय ऊर्जा

    (c) भारी उद्योग

    (d) ऑटोमोबाइल निर्माण

    उत्तर: (b) नवीकरणीय ऊर्जा

    व्याख्या: स्वच्छ ऊर्जा समाधानों की बढ़ती वैश्विक मांग के मद्देनजर, नवीकरणीय ऊर्जा दोनों देशों के लिए सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र है।
  6. प्रश्न 6: भारत और फिलीपींस के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध किस वर्ष स्थापित हुए थे?

    (a) 1947

    (b) 1949

    (c) 1962

    (d) 1971

    उत्तर: (b) 1949

    व्याख्या: भारत और फिलीपींस के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध 1949 में स्थापित किए गए थे।
  7. प्रश्न 7: पीपल-टू-पीपल (P2P) संपर्क को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच कौन सा क्षेत्र महत्वपूर्ण है?

    (a) खेल प्रतियोगिताएं

    (b) फिल्म महोत्सव

    (c) छात्र विनिमय कार्यक्रम

    (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d) उपरोक्त सभी

    व्याख्या: खेल, फिल्म और छात्र विनिमय कार्यक्रम सभी P2P संपर्क को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो सांस्कृतिक समझ को बढ़ाते हैं।
  8. प्रश्न 8: भारत से फिलीपींस को निर्यात होने वाली प्रमुख वस्तुएं कौन सी हैं?

    (a) कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पाद

    (b) फार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोबाइल पार्ट्स

    (c) कपड़ा और परिधान

    (d) मशीनरी और उपकरण

    उत्तर: (b) फार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोबाइल पार्ट्स

    व्याख्या: भारत फिलीपींस को फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, मशीनरी और प्लास्टिक जैसे उत्पादों का निर्यात करता है।
  9. प्रश्न 9: फिलीपींस, भारत के लिए आसियान (ASEAN) क्षेत्र में किस प्रकार की भूमिका निभाता है?

    (a) एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार

    (b) एक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ

    (c) क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए रणनीतिक साझेदार

    (d) उपरोक्त सभी

    उत्तर: (d) उपरोक्त सभी

    व्याख्या: फिलीपींस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार, एक्ट ईस्ट नीति का एक स्तंभ और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक रणनीतिक साझेदार है।
  10. प्रश्न 10: दक्षिण चीन सागर में हाल की घटनाओं को देखते हुए, भारत-फिलीपींस रक्षा सहयोग का सबसे महत्वपूर्ण पहलू क्या है?

    (a) संयुक्त हवाई अभ्यास

    (b) पनडुब्बी विरोधी युद्ध प्रशिक्षण

    (c) समुद्री डोमेन जागरूकता (MDA) बढ़ाना और नौसैनिक अंतर-संचालनीयता

    (d) जमीनी सैनिक प्रशिक्षण

    उत्तर: (c) समुद्री डोमेन जागरूकता (MDA) बढ़ाना और नौसैनिक अंतर-संचालनीयता

    व्याख्या: दक्षिण चीन सागर में चुनौतियों के मद्देनजर, समुद्री डोमेन जागरूकता बढ़ाना और नौसैनिकों के बीच समन्वय (अंतर-संचालनीयता) स्थापित करना महत्वपूर्ण है।

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. प्रश्न 1: हालिया भारत-फिलीपींस द्विपक्षीय वार्ता के आलोक में, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के महत्व का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। रक्षा, आर्थिक और भू-राजनीतिक आयामों पर विशेष ध्यान दें।
  2. प्रश्न 2: भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के संदर्भ में फिलीपींस के साथ भारत के संबंधों का विश्लेषण करें। फिलीपींस के साथ द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए भारत द्वारा उठाए जा सकने वाले कदमों का सुझाव दें।
  3. प्रश्न 3: दक्षिण चीन सागर में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और समुद्री सुरक्षा की चुनौतियों के बीच, भारत और फिलीपींस के बीच रक्षा सहयोग किस प्रकार एक-दूसरे के लिए लाभकारी है? इस सहयोग को गहरा करने के लिए किन क्षेत्रों में अधिक प्रयासों की आवश्यकता है?
  4. प्रश्न 4: भारत और फिलीपींस के बीच पीपल-टू-पीपल (P2P) संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कितना महत्वपूर्ण है? इस संबंध को और गहरा करने के लिए आप क्या उपाय सुझा सकते हैं?

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