भारतीय संविधान: रोज़ाना 25 सवालों का महासंग्राम
नमस्ते, संविधान के जिज्ञासुओं! भारतीय लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना आपकी सफलता की कुंजी है। आज हम आपके ज्ञान की गहराई को परखने के लिए लाए हैं, राजव्यवस्था के 25 बहुमूल्य प्रश्न। आइए, अपनी संवैधानिक समझ को धार दें और आगामी परीक्षाओं के लिए तैयार हों!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ (Secular) शब्द का क्या अर्थ है?
- सभी नागरिकों को किसी भी धर्म को मानने, उसका पालन करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता।
- राज्य सभी धर्मों को समान आदर देगा और किसी विशेष धर्म को राजकीय धर्म के रूप में नहीं मानेगा।
- नागरिकों को धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने की स्वतंत्रता।
- राज्य सभी धार्मिक समूहों के लिए समान अवसर प्रदान करेगा।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द का अर्थ है कि राज्य सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करेगा और किसी भी धर्म को विशेष संरक्षण या वरीयता नहीं देगा। यह नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करता है, लेकिन राज्य स्वयं किसी धर्म का पक्षधर नहीं होगा। यह भारतीय संविधान की प्रस्तावना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे 42वें संशोधन, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ एवं विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय ने कई निर्णयों, जैसे एस. आर. बोम्मई बनाम भारत संघ (1994), में स्पष्ट किया है कि धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान का मूल ढाँचा है। राज्य किसी भी धर्म को बढ़ावा नहीं देगा, बल्कि सभी धर्मों का सम्मान करेगा और नागरिकों को अपनी पसंद के धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता देगा (अनुच्छेद 25)।
- गलत विकल्प: (a) और (c) व्यक्तिगत धार्मिक स्वतंत्रता के पहलू हैं, जबकि (d) एक व्यापक कथन है। ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द का मुख्य तात्पर्य राज्य के तटस्थ रवैये से है, न कि केवल समान अवसर प्रदान करने से।
प्रश्न 2: संविधान निर्मात्री सभा (Constituent Assembly) की पहली बैठक कब आयोजित की गई थी?
- 9 दिसंबर, 1946
- 15 अगस्त, 1947
- 26 जनवरी, 1950
- 26 नवंबर, 1949
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान निर्मात्री सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को नई दिल्ली के संविधान हॉल (अब संसद का केंद्रीय कक्ष) में आयोजित की गई थी। डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया था।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस सभा का गठन ब्रिटिश कैबिनेट मिशन योजना के तहत हुआ था, जिसका उद्देश्य भारत के लिए एक संविधान का मसौदा तैयार करना था। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था।
- गलत विकल्प: (b) भारत की स्वतंत्रता का दिन था, (c) वह दिन जब संविधान लागू हुआ, और (d) वह दिन जब संविधान को अपनाया गया था।
प्रश्न 3: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘जीवन के अधिकार’ (Right to Life) को विस्तारित करता है, जिसमें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार भी शामिल है?
- अनुच्छेद 19
- अनुच्छेद 20
- अनुच्छेद 21
- अनुच्छेद 22
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा प्रदान करता है। सर्वोच्च न्यायालय ने अनेक निर्णयों में इस अधिकार को व्यापक अर्थ दिया है, जिसमें गरिमापूर्ण जीवन, स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, एकांतता का अधिकार (Right to Privacy – के. एस. पुट्टस्वामी बनाम भारत संघ, 2017) आदि शामिल हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह मौलिक अधिकार भारतीय नागरिकों को राज्य की मनमानी कार्रवाई से बचाता है। इसके अंतर्गत “विधि की सम्यक प्रक्रिया” (due process of law) का सिद्धांत लागू होता है, जिसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति को उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से केवल कानून में स्थापित प्रक्रिया का पालन करके ही वंचित किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि से संबंधित है, अनुच्छेद 20 दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण प्रदान करता है, और अनुच्छेद 22 निवारक निरोध से संबंधित है।
प्रश्न 4: ‘समान नागरिक संहिता’ (Uniform Civil Code) को लागू करने का निर्देश भारतीय संविधान के किस भाग में दिया गया है?
- मौलिक अधिकार
- राज्य के नीति निदेशक तत्व
- मौलिक कर्तव्य
- प्रस्तावना
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: समान नागरिक संहिता लागू करने का निर्देश राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) के तहत अनुच्छेद 44 में दिया गया है। यह बताता है कि राज्य भारत के संपूर्ण क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता प्राप्त करने का प्रयास करेगा।
- संदर्भ एवं विस्तार: DPSP संविधान के भाग IV में निहित हैं और इन्हें अदालतों द्वारा लागू नहीं किया जा सकता, लेकिन ये देश के शासन में मूलभूत माने जाते हैं। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी धर्मों के व्यक्तिगत कानूनों को एक सामान्य कानून के तहत लाना है।
- गलत विकल्प: मौलिक अधिकार (भाग III) प्रवर्तनीय हैं, प्रस्तावना (भाग IV का हिस्सा नहीं) संविधान का परिचय है, और मौलिक कर्तव्य (भाग IV-A) नागरिकों के कर्तव्य हैं।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन एक मौलिक कर्तव्य है?
- न्यायपालिका को कार्यपालिका से पृथक करना।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना विकसित करना।
- लोक सेवाओं में समान अवसर सुनिश्चित करना।
- सभी अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद की शिक्षा संस्थाएं स्थापित करने और चलाने का अधिकार।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A (भाग IV-A) के तहत नागरिकों के लिए मौलिक कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं। इसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना विकसित करना एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह कर्तव्य नागरिकों को अपने बौद्धिक विकास और आधुनिक सोच को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसे 42वें संविधान संशोधन, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
- गलत विकल्प: (a) राज्य के नीति निदेशक तत्व (अनुच्छेद 50) का भाग है, (c) यह भी DPSP (अनुच्छेद 16) से संबंधित है, और (d) यह मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 30) है।
प्रश्न 6: राष्ट्रपति, राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता के आधार पर, किस अनुच्छेद के तहत आपातकाल की घोषणा कर सकता है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति, अनुच्छेद 356 के तहत, किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने पर या उस राज्य की सरकार को संविधान के उपबंधों के अनुसार न चला सकने की स्थिति में, आपातकाल की घोषणा कर सकता है। इसे ‘राष्ट्रपति शासन’ भी कहा जाता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह आपातकाल राज्य सरकार के निलंबन या उसे निलंबित करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 365 यह भी प्रावधान करता है कि यदि कोई राज्य केंद्र के निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है, तो राष्ट्रपति उस राज्य में अनुच्छेद 356 लागू कर सकते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है, और अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है।
प्रश्न 7: भारतीय संविधान के अनुसार, राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव कैसे किया जाता है?
- प्रत्यक्ष मतदान द्वारा
- राज्य विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा
- राज्य विधानमंडलों के सभी सदस्यों द्वारा
- राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राज्यसभा (राज्यों की परिषद) एक स्थायी सदन है, जिसके एक-तिहाई सदस्य हर दो साल में सेवानिवृत्त होते हैं। इसके सदस्यों का चुनाव राज्यों की विधान परिषदों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत पद्धति से किया जाता है (अनुच्छेद 80)।
- संदर्भ एवं विस्तार: इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति कला, साहित्य, विज्ञान और समाज सेवा के क्षेत्र में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले 12 सदस्यों को मनोनीत करते हैं।
- गलत विकल्प: (a) यह लोकसभा सदस्यों के लिए है। (c) विधान परिषदों के नामांकित सदस्य मतदान नहीं करते। (d) यह केवल मनोनीत सदस्यों के लिए सत्य है, जो कुल सदस्यों का एक छोटा हिस्सा हैं।
प्रश्न 8: ‘संविधान के मूल ढाँचे’ (Basic Structure) का सिद्धांत किस ऐतिहासिक मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिपादित किया गया था?
- शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ
- सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है, लेकिन संविधान के ‘मूल ढाँचे’ को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस निर्णय ने संविधान की सर्वोच्चता और संसद की संशोधन शक्ति पर महत्वपूर्ण प्रतिबंध लगाए। इसके अनुसार, न्यायपालिका के पास यह शक्ति है कि वह यह तय कर सके कि कोई संशोधन मूल ढाँचे को प्रभावित करता है या नहीं।
- गलत विकल्प: शंकर प्रसाद (1951) और सज्जन सिंह (1965) के मामलों में न्यायालय ने कहा था कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है। गोलकनाथ (1967) में न्यायालय ने कहा कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती, लेकिन केशवानंद मामले ने इस पर अंतिम मुहर लगाई और ‘मूल ढाँचे’ का सिद्धांत दिया।
प्रश्न 9: भारतीय संविधान की कौन सी सूची केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है?
- पहली अनुसूची
- सातवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: सातवीं अनुसूची (Seventh Schedule) संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची के रूप में विधायी शक्तियों के वितरण का प्रावधान करती है। यह संविधान के अनुच्छेद 246 में वर्णित है।
- संदर्भ एवं विस्तार: संघ सूची के विषयों पर संसद कानून बना सकती है, राज्य सूची के विषयों पर राज्य विधानमंडल कानून बना सकते हैं (कुछ अपवादों को छोड़कर), और समवर्ती सूची के विषयों पर संसद और राज्य विधानमंडल दोनों कानून बना सकते हैं। यदि किसी विषय पर दोनों के कानून में विरोध हो, तो संसद का कानून प्रभावी होगा (अनुच्छेद 254)।
- गलत विकल्प: पहली अनुसूची राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नाम बताती है, नौवीं अनुसूची भूमि सुधार कानूनों को अमान्य करने के खिलाफ संरक्षण देती है, और दसवीं अनुसूची दल-बदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है।
प्रश्न 10: भारत का महान्यायवादी (Attorney General of India) किस अनुच्छेद के तहत नियुक्त किया जाता है?
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 148
- अनुच्छेद 165
- अनुच्छेद 324
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत का महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76 के तहत की जाती है। वह भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: महान्यायवादी को संसद के दोनों सदनों में बोलने का अधिकार है, लेकिन वह किसी भी सदन में मतदान नहीं कर सकता। वह पद पर तब तक बना रहता है जब तक राष्ट्रपति का विश्वास प्राप्त हो।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) से, अनुच्छेद 165 राज्य के महाधिवक्ता (Advocate General) से, और अनुच्छेद 324 भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) से संबंधित है।
प्रश्न 11: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission – NHRC) किस प्रकार का निकाय है?
- संवैधानिक निकाय
- संसदीय अधिनियम द्वारा गठित वैधानिक निकाय
- कार्यकारी आदेश द्वारा गठित एक अतिरिक्त-संवैधानिक निकाय
- अंतर्राष्ट्रीय संधि का परिणाम
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक वैधानिक निकाय है, जिसका गठन संसद द्वारा पारित ‘मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993’ (Protection of Human Rights Act, 1993) के तहत किया गया था। यह कोई संवैधानिक निकाय नहीं है क्योंकि इसका उल्लेख सीधे संविधान में नहीं है।
- संदर्भ एवं विस्तार: NHRC मानव अधिकारों का प्रहरी है और इसका मुख्य कार्य जनता के अधिकारों की रक्षा करना और सरकार को मानवाधिकारों के प्रति जवाबदेह बनाना है।
- गलत विकल्प: (a) यह संवैधानिक नहीं है। (c) यह कार्यकारी आदेश से नहीं, बल्कि एक अधिनियम से बना है। (d) यह किसी अंतरराष्ट्रीय संधि का सीधा परिणाम नहीं है, हालांकि यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों से प्रेरित है।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है?
- भाग V
- भाग VI
- भाग IX
- भाग IX-A
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है। इसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।
- संदर्भ एवं विस्तार: भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं के गठन, शक्तियों, उत्तरदायित्वों और वित्त से संबंधित प्रावधान शामिल हैं। यह पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: भाग V संघ सरकार से, भाग VI राज्य सरकारों से, और भाग IX-A नगर पालिकाओं से संबंधित है।
प्रश्न 13: राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा किन आधारों पर की जा सकती है?
- युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह
- राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता
- वित्तीय स्थायित्व या साख को खतरा
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर की जा सकती है। (नोट: 44वें संशोधन से पहले ‘आंतरिक गड़बड़ी’ शब्द का प्रयोग होता था, जिसे बदलकर ‘सशस्त्र विद्रोह’ कर दिया गया)।
- संदर्भ एवं विस्तार: इस प्रकार के आपातकाल में, केंद्र सरकार को राज्य सरकारों को किसी भी मामले में निर्देश देने की शक्ति प्राप्त हो जाती है, और कुछ मौलिक अधिकार निलंबित हो सकते हैं।
- गलत विकल्प: (b) अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) के लिए आधार है, और (c) अनुच्छेद 360 (वित्तीय आपातकाल) के लिए आधार है।
प्रश्न 14: भारतीय संविधान में संशोधन की प्रक्रिया किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 368
- अनुच्छेद 370
- अनुच्छेद 371
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 में संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति और उसकी प्रक्रिया का उल्लेख है।
- संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 368 के तहत तीन प्रकार से संशोधन किया जा सकता है: साधारण बहुमत से, विशेष बहुमत से, और विशेष बहुमत व आधे राज्यों के अनुसमर्थन से।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल, अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर से संबंधित विशेष प्रावधान (अब काफी हद तक निरस्त), और अनुच्छेद 371 कुछ राज्यों को विशेष उपबंधों से संबंधित है।
प्रश्न 15: भारत में मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) किसके प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है?
- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- लोकसभा
- राज्यसभा
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75(3) के अनुसार, मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है।
- संदर्भ एवं विस्तार: इसका मतलब है कि यदि लोकसभा मंत्रिपरिषद में अविश्वास व्यक्त करती है (जैसे अविश्वास प्रस्ताव पारित करके), तो पूरी मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है। यह संसदीय शासन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद के प्रमुख होते हैं, लेकिन मंत्रिपरिषद उनके प्रति व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होती है, सामूहिक रूप से नहीं। प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद के प्रमुख होते हैं। राज्यसभा का मंत्रिपरिषद के प्रति कोई सामूहिक उत्तरदायित्व नहीं होता।
प्रश्न 16: लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker) अपना त्यागपत्र किसे संबोधित करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के उपराष्ट्रपति
- लोकसभा के उपाध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: लोकसभा का अध्यक्ष अपना त्यागपत्र लोकसभा के उपाध्यक्ष को संबोधित करता है, और उपाध्यक्ष अध्यक्ष को। यह प्रावधान अनुच्छेद 94 में अप्रत्यक्ष रूप से निहित है।
- संदर्भ एवं विस्तार: लोकसभा का अध्यक्ष सदन की कार्यवाही का संचालन करता है और सदन के अनुशासन को बनाए रखता है।
- गलत विकल्प: अध्यक्ष को राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति द्वारा नहीं, बल्कि लोकसभा के अपने ही सदस्य (उपाध्यक्ष) को त्यागपत्र देना होता है।
प्रश्न 17: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद सर्वोच्च न्यायालय को सलाहकारी क्षेत्राधिकार (Advisory Jurisdiction) प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 131
- अनुच्छेद 137
- अनुच्छेद 142
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को सार्वजनिक महत्व के किसी भी प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: हालांकि, राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई सलाह से बंधे नहीं होते हैं। यह क्षेत्राधिकार विवादों के बजाय कानूनी प्रश्नों पर स्पष्टता प्राप्त करने के लिए है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार (original jurisdiction) से, अनुच्छेद 137 न्यायिक पुनरावलोकन (review of judgments) से, और अनुच्छेद 142 पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों से संबंधित है।
प्रश्न 18: अंतर्राज्यीय परिषदों (Inter-State Councils) की स्थापना का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 262
- अनुच्छेद 263
- अनुच्छेद 275
- अनुच्छेद 280
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 263 अंतर्राज्यीय परिषदों की स्थापना का प्रावधान करता है। यह एक ऐसी संस्था है जो राज्यों के बीच विवादों को सुलझाने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए स्थापित की गई है।
- संदर्भ एवं विस्तार: राष्ट्रपति ऐसी परिषद की स्थापना कर सकते हैं ताकि संघ और राज्यों के बीच या विभिन्न राज्यों के बीच लोकहित के विषयों पर जांच की जा सके और सलाह दी जा सके।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 262 अंतर्राज्यीय नदियों या नदी घाटियों के संबंध में विवादों के न्यायनिर्णयन से संबंधित है, अनुच्छेद 275 कुछ राज्यों को सहायता अनुदान प्रदान करता है, और अनुच्छेद 280 वित्त आयोग के गठन से संबंधित है।
प्रश्न 19: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India – CAG) की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है?
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के राष्ट्रपति
- वित्त मंत्री
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ एवं विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है और केंद्र तथा राज्य सरकारों के सभी खर्चों की लेखा-परीक्षा करता है। इसका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) होता है।
- गलत विकल्प: CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, न कि प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या मुख्य न्यायाधीश द्वारा।
प्रश्न 20: वित्त आयोग (Finance Commission) का गठन भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत किया जाता है?
- अनुच्छेद 270
- अनुच्छेद 275
- अनुच्छेद 280
- अनुच्छेद 281
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: वित्त आयोग का गठन अनुच्छेद 280 के तहत किया जाता है। राष्ट्रपति प्रत्येक पांचवें वर्ष या आवश्यकतानुसार पहले, वित्त आयोग का गठन करते हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच करों के शुद्ध आय के वितरण और राज्यों को सहायता अनुदान के सिद्धांतों पर सिफारिशें करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 270 करों के वितरण से संबंधित है, अनुच्छेद 275 कुछ राज्यों को सहायता अनुदान प्रदान करता है, और अनुच्छेद 281 वित्त आयोग की सिफारिशों पर आधारित राष्ट्रपति के निर्णयों से संबंधित है।
प्रश्न 21: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19(1)(a) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर किन आधारों पर ‘उचित निर्बंधन’ (Reasonable Restrictions) लगा सकता है?
- भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, शिष्टाचार या नैतिकता।
- मानहानि, न्यायालय की अवमानना, या किसी अपराध के लिए उकसाना।
- ये निर्बंधन केवल संसद द्वारा लगाए जा सकते हैं।
- उपरोक्त सभी।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19(2) में प्रावधान है कि अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर “भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, मित्र राष्ट्रों से मैत्रीपूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता, या न्यायालय की अवमानना, मानहानि या अपराध के लिए दुष्प्रेरण” के आधार पर उचित निर्बंधन लगाए जा सकते हैं।
- संदर्भ एवं विस्तार: ये निर्बंधन संसद या राज्य विधानमंडलों द्वारा कानून बनाकर लगाए जा सकते हैं, और इनकी वैधता का निर्धारण न्यायालय द्वारा किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: सभी सूचीबद्ध आधार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उचित निर्बंधन के वैध कारण हैं, और ये निर्बंधन केवल संसद द्वारा ही नहीं, बल्कि उचित आधारों पर राज्य द्वारा भी कानून बनाकर लगाए जा सकते हैं (हालांकि, सभी संभावित कारण अनुच्छेद 19(2) में सूचीबद्ध हैं)।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान का कौन सा नीति निदेशक तत्व बालकों के लिए मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा का उपबंध करता है, और इसे 86वें संविधान संशोधन, 2002 द्वारा मौलिक अधिकार भी बनाया गया?
- अनुच्छेद 44
- अनुच्छेद 45
- अनुच्छेद 46
- अनुच्छेद 47
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 45 राज्य को यह निर्देश देता है कि संविधान लागू होने के दस वर्ष के भीतर सभी बालकों को, जब तक वे छह वर्ष की आयु पूरी नहीं कर लेते, तब तक, उनकी देखरेख और शिक्षा की व्यवस्था करने का प्रयास करेगा। 86वें संशोधन, 2002 द्वारा इसे संशोधित कर 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा को मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21A) बनाया गया, और अनुच्छेद 45 में “छह वर्ष की आयु तक” तक सीमित कर दिया गया, जिसमें राज्य बालकों की देखभाल पर अधिक ध्यान देगा।
- संदर्भ एवं विस्तार: यह राज्य के नीति निदेशक तत्वों का एक महत्वपूर्ण भाग है जो बच्चों के कल्याण और शिक्षा के महत्व को दर्शाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 44 समान नागरिक संहिता, अनुच्छेद 46 शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने (विशेषकर SC, ST और अन्य कमजोर वर्गों के लिए) और अनुच्छेद 47 लोक स्वास्थ्य में सुधार के लिए राज्य के कर्तव्य से संबंधित है।
प्रश्न 23: संविधान सभा में ‘प्रारूप समिति’ (Drafting Committee) के अध्यक्ष कौन थे?
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- पंडित जवाहरलाल नेहरू
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
- सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. बी. आर. अम्बेडकर थे। इस समिति का गठन 29 अगस्त, 1947 को हुआ था।
- संदर्भ एवं विस्तार: प्रारूप समिति ने भारतीय संविधान के मसौदे को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसे ‘संविधान का वास्तुकार’ भी कहा जाता है।
- गलत विकल्प: डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे, पंडित नेहरू संघ संविधान समिति के अध्यक्ष थे, और सरदार पटेल प्रांतीय संविधान समिति के अध्यक्ष थे।
प्रश्न 24: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) के संबंध में कौन सा कथन सही नहीं है?
- इसे पारित करने के लिए न्यूनतम 50 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है।
- इसे पारित होने पर मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है।
- यह केवल मंत्रिपरिषद के खिलाफ ही पेश किया जा सकता है।
- यह केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है।
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: लोकसभा की प्रक्रिया के नियम 198(4) के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है, लेकिन प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए अध्यक्ष को इसकी अनुमति देनी होती है, जिसके लिए 50 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है। प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद, अध्यक्ष उस पर चर्चा के लिए एक दिन निर्धारित करता है।
- संदर्भ एवं विस्तार: अविश्वास प्रस्ताव केवल मंत्रिपरिषद के खिलाफ ही पेश किया जा सकता है, न कि किसी एक मंत्री के खिलाफ। यदि यह पारित हो जाता है, तो पूरी मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना पड़ता है। यह केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है क्योंकि मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति ही सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है।
- गलत विकल्प: (a) कथन गलत है। अविश्वास प्रस्ताव की सूचना देते समय कम से कम 50 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित होनी चाहिए, लेकिन प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए अध्यक्ष की अनुमति और 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है। यह 50 के समर्थन की *आवश्यकता* से अधिक एक प्रक्रियात्मक कदम है, और यह सीधे तौर पर प्रस्ताव को “पारित” करने के लिए न्यूनतम संख्या नहीं है। हालांकि, यदि प्रश्न का आशय प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए प्रारंभिक समर्थन से है, तो यह 50 ही है। लेकिन यदि प्रश्न यह पूछता है कि ‘पारित’ होने के लिए क्या चाहिए, तो वह बहुमत है। सबसे सही गलत कथन यह है कि इसे *पारित* करने के लिए न्यूनतम 50 सदस्यों की आवश्यकता होती है। यह सही है कि अविश्वास प्रस्ताव की सूचना के लिए 50 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता है, पर अविश्वास प्रस्ताव को पारित करने के लिए सदन के बहुमत का समर्थन चाहिए, न कि केवल 50 सदस्यों का। इसलिए, ‘पारित करने के लिए न्यूनतम 50 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है’ यह कथन इस अर्थ में गलत है कि 50 सदस्य केवल प्रारंभिक चरण के लिए हैं, अंतिम पारित होने के लिए कुल सदस्यों के बहुमत की आवश्यकता है।
प्रश्न 25: भारतीय संविधान के 42वें संशोधन, 1976 को प्रायः क्या कहा जाता है?
- ‘मिनी-संविधान’
- ‘लोकतंत्र का आधार’
- ‘मौलिक अधिकारों का चार्टर’
- ‘संविधान का परिचय’
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सत्यता एवं अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 को अक्सर ‘मिनी-संविधान’ कहा जाता है क्योंकि इसने भारतीय संविधान में व्यापक और महत्वपूर्ण परिवर्तन किए थे।
- संदर्भ एवं विस्तार: इसने प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ जैसे शब्द जोड़े, मौलिक कर्तव्यों को शामिल किया, राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की सलाह मानने के लिए बाध्य किया, और लोकसभा व राज्य विधानसभाओं की अवधि को 5 से 6 साल तक बढ़ाया (जिसे बाद में 44वें संशोधन द्वारा वापस 5 साल कर दिया गया)।
- गलत विकल्प: ‘लोकतंत्र का आधार’ या ‘मौलिक अधिकारों का चार्टर’ जैसे शब्द संविधान के कुछ हिस्सों के लिए प्रयोग हो सकते हैं, लेकिन 42वें संशोधन की व्यापकता को देखते हुए ‘मिनी-संविधान’ सर्वाधिक उपयुक्त है। ‘संविधान का परिचय’ प्रस्तावना के लिए प्रयोग होता है।
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