भारतीय संविधान: दैनिक अभ्यास से पाएं अचूक ज्ञान
लोकतंत्र के आधार स्तंभों को समझना हर जागरूक नागरिक और परीक्षा अभ्यर्थी का परम कर्तव्य है! अपनी संवैधानिक समझ को पैना करने और कांसेप्चुअल क्लेरिटी को परखने का यह एक अनूठा अवसर है। आइए, आज के इस विस्तृत अभ्यास सत्र में डूबकी लगाएं और देखें कि आप भारतीय राजव्यवस्था के कितने बड़े ज्ञाता हैं!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘संप्रभु’, ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘लोकतांत्रिक’ शब्दों का सही क्रम क्या है, जैसा कि मूल प्रस्तावना में उल्लेखित था?
- लोकतांत्रिक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, संप्रभु
- संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक
- समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, संप्रभु, लोकतांत्रिक
- धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, संप्रभु, समाजवादी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में उल्लिखित शब्दों का मूल क्रम ‘संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ है। ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे। प्रस्तावना संविधान का परिचय है और यह बताता है कि भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों को दर्शाती है। यह संविधान का एक अभिन्न अंग है, जैसा कि केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने माना था, लेकिन यह प्रत्यक्ष रूप से प्रवर्तनीय नहीं है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प शब्दों के क्रम को गलत दर्शाते हैं, जिससे प्रस्तावना के मूल स्वरूप और संशोधन के प्रभाव के बारे में भ्रम पैदा होता है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त है?
- विधि के समक्ष समानता का अधिकार
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
- जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता का अधिकार
- भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र संचार की स्वतंत्रता
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र संचार की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(d)) का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है। अन्य विकल्प, जैसे कि विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14), धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15), और जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21), भारत में निवास करने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) को प्राप्त हैं।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान मौलिक अधिकारों को दो श्रेणियों में विभाजित करता है: वे जो केवल नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं (अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, 30), और वे जो सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं (अनुच्छेद 14, 20, 21, 22, 25, 26, 27, 28)।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) संविधान के अनुच्छेद 14, 15, और 21 के तहत आते हैं, जो भारतीय नागरिकों के साथ-साथ भारत में रहने वाले विदेशियों को भी प्राप्त हैं।
प्रश्न 3: राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति का वर्णन संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है?
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 108
- अनुच्छेद 72
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के अध्यादेश जारी करने की शक्ति का वर्णन **अनुच्छेद 123** में किया गया है। यह शक्ति तब प्रयोग की जाती है जब संसद के दोनों सदन सत्र में न हों और राष्ट्रपति को यह विश्वास हो जाए कि ऐसी कार्रवाई करना आवश्यक है।
- संदर्भ और विस्तार: अध्यादेश का संसद के सत्र शुरू होने के छह सप्ताह के भीतर अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक होता है, अन्यथा यह समाप्त हो जाता है। यह शक्ति विधायी शक्ति का एक हिस्सा है और इसे संसद द्वारा पारित एक अधिनियम के समान दर्जा प्राप्त है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की विधायी शक्तियों (विधेयकों पर अनुमति) से संबंधित है, अनुच्छेद 108 दोनों सदनों की संयुक्त बैठक से संबंधित है, और अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारतीय संसद की वितीय शक्तियों के संबंध में असत्य है?
- संसद को भारत की संचित निधि से धन निकालने का अधिकार है।
- वित्त विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है।
- संसद किसी भी कर को लगाने, संशोधित करने या समाप्त करने के लिए अधिकृत है।
- अनुमोदित बजट, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ही लागू होता है।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: कथन (d) असत्य है। बजट (वार्षिक वित्तीय विवरण) संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित होने के बाद लागू होता है; राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह अधिनियम का रूप ले लेता है, लेकिन राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बिना यह लागू नहीं होता, यह कहना पूरी तरह सही नहीं है। मुख्य रूप से, बजट पर अंतिम निर्णय संसद का होता है। धन निकालने के लिए विनियोग विधेयक (Appropriation Bill) का पारित होना आवश्यक है, जिस पर राष्ट्रपति की स्वीकृति आवश्यक है, लेकिन ‘अनुमोदित बजट’ का राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ही लागू होना गलत है। यह विनियोग विधेयक या वित्त विधेयक के संदर्भ में अधिक सटीक बैठता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है। अनुच्छेद 114 विनियोग विधेयक (Appropriation Bill) से संबंधित है, जिसके पारित होने पर ही संचित निधि से धन निकाला जा सकता है। वित्त विधेयक (Money Bill) अनुच्छेद 110 में परिभाषित है और इसे केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है (अनुच्छेद 109)। संसद की कर लगाने की शक्ति अनुच्छेद 265 में अंतर्निहित है।
- गलत विकल्प: (a) सही है (अनुच्छेद 114)। (b) सही है (अनुच्छेद 109)। (c) सही है (अनुच्छेद 265)। (d) गलत है क्योंकि बजट के लागू होने की प्रक्रिया संसदीय अनुमोदन पर आधारित है, न कि केवल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर पर।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान में ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ (Judicial Review) की शक्ति किस देश के संविधान से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- यूनाइटेड किंगडम
- कनाडा
- आयरलैंड
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘न्यायिक पुनर्विलोकन’ की शक्ति, जो विधायिका द्वारा पारित कानूनों और कार्यपालिका के कार्यों की संवैधानिकता का न्यायपालिका द्वारा मूल्यांकन करने की शक्ति है, **संयुक्त राज्य अमेरिका** के संविधान से प्रेरित है। भारतीय संविधान में इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं है, लेकिन यह अनुच्छेद 13, 32, 226 आदि में निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: न्यायिक पुनर्विलोकन भारतीय न्यायपालिका का एक महत्वपूर्ण कार्य है, जो शक्तियों के पृथक्करण और कानून के शासन को बनाए रखने में मदद करता है। मार्बरी बनाम मैडिसन (Marbury v. Madison) अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय था जिसने न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति स्थापित की।
- गलत विकल्प: यूनाइटेड किंगडम में संसदीय सर्वोच्चता है, कनाडा में संघीय व्यवस्था और अवशिष्ट शक्तियां केंद्र के पास हैं, और आयरलैंड से नीति निदेशक तत्व (DPSP) लिए गए हैं।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा एक संवैधानिक निकाय नहीं है?
- भारत का निर्वाचन आयोग (Election Commission of India)
- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission)
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- वित्त आयोग (Finance Commission)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: **नीति आयोग** एक संवैधानिक निकाय नहीं है। इसका गठन 1 जनवरी 2015 को एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) द्वारा योजना आयोग के स्थान पर किया गया था। यह एक थिंक टैंक है और इसका मुख्य कार्य केंद्र और राज्यों के लिए नीतिगत इनपुट प्रदान करना है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत का निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) भारतीय संविधान के तहत स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिन्हें संविधान में विशिष्ट अनुच्छेद प्राप्त हैं और उनके कार्य तथा शक्तियां परिभाषित हैं।
- गलत विकल्प: निर्वाचन आयोग, संघ लोक सेवा आयोग और वित्त आयोग सभी संवैधानिक निकाय हैं, जिनके प्रावधान संविधान में दिए गए हैं।
प्रश्न 7: पंचायती राज व्यवस्था को भारतीय संविधान की किस अनुसूची में शामिल किया गया है?
- दसवीं अनुसूची
- ग्यारहवीं अनुसूची
- बारहवीं अनुसूची
- सातवीं अनुसूची
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: पंचायती राज संस्थाओं को **ग्यारहवीं अनुसूची** में शामिल किया गया है, जिसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था। इस अनुसूची में पंचायती राज संस्थाओं को 29 विषय सौंपे गए हैं।
- संदर्भ और विस्तार: 73वें संविधान संशोधन ने भाग IX को संविधान में जोड़ा, जिसमें पंचायतों के लिए प्रावधान हैं। यह ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को संवैधानिक मान्यता प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: दसवीं अनुसूची दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है, बारहवीं अनुसूची शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है (74वें संशोधन द्वारा जोड़ी गई), और सातवीं अनुसूची केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन से संबंधित है।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार आपातकालीन उद्घोषणा के दौरान भी निलंबित नहीं किया जा सकता?
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता और जीवन का अधिकार
- सभा करने की स्वतंत्रता
- हथियार न रखने की स्वतंत्रता
- निवास करने की स्वतंत्रता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: **व्यक्तिगत स्वतंत्रता और जीवन का अधिकार (अनुच्छेद 21)**, और **विधि के समक्ष क्षमता और विधियों का समान संरक्षण (अनुच्छेद 20)** आपातकाल (चाहे राष्ट्रीय हो या अन्य) के दौरान भी निलंबित नहीं किए जा सकते। यह 44वें संविधान संशोधन, 1978 द्वारा सुनिश्चित किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के दौरान, राष्ट्रपति अनुच्छेद 359 के तहत मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन को निलंबित कर सकते हैं, सिवाय अनुच्छेद 20 और 21 के। पहले, अनुच्छेद 19 को भी निलंबित किया जा सकता था, लेकिन 44वें संशोधन ने इसे केवल तभी निलंबित करने की अनुमति दी जब राष्ट्रीय आपातकाल युद्ध या बाहरी आक्रमण के आधार पर लगाया गया हो, न कि सशस्त्र विद्रोह के आधार पर।
- गलत विकल्प: सभा करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(b)), हथियार न रखने की स्वतंत्रता (जो अनुच्छेद 19 का हिस्सा नहीं है, बल्कि सामान्य अधिकार है), और निवास करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(d)) को आपातकाल के दौरान निलंबित किया जा सकता है (कुछ शर्तों के अधीन)।
प्रश्न 9: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा के अध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति **भारत के राष्ट्रपति** द्वारा की जाती है, जैसा कि **संविधान के अनुच्छेद 316(1)** में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: UPSC के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होता है। उन्हें केवल राष्ट्रपति द्वारा कुछ विशेष परिस्थितियों में हटाया जा सकता है, जैसे कि कदाचार या अक्षमता।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति की नियुक्ति करने या आयोग के सदस्यों को नियुक्त करने में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती है।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान में ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत’ (Directive Principles of State Policy) किस भाग में वर्णित हैं?
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
- भाग VI
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (DPSP) **संविधान के भाग IV** में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत संविधान के शासन में राज्य के लिए निर्देशात्मक हैं और सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना का लक्ष्य रखते हैं। ये गैर-प्रवर्तनीय (non-justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि इनके उल्लंघन पर कोई भी व्यक्ति न्यायालय की शरण नहीं ले सकता।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है, भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है, और भाग VI राज्यों की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा विषय ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) के अंतर्गत आता है?
- रेलवे
- बैंकिंग
- वन
- जन स्वास्थ्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘वन’ (Forests) **समवर्ती सूची** की प्रविष्टि 17A के तहत आता है, जैसा कि 42वें संविधान संशोधन, 1976 द्वारा जोड़ा गया। इसका अर्थ है कि केंद्र और राज्य दोनों इस विषय पर कानून बना सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: समवर्ती सूची में वे विषय शामिल हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं। यदि किसी विषय पर केंद्र और राज्य के कानूनों में टकराव होता है, तो केंद्र का कानून प्रभावी होता है।
- गलत विकल्प: रेलवे (प्रविष्टि 22, संघ सूची), बैंकिंग (प्रविष्टि 45, संघ सूची), और जन स्वास्थ्य (प्रविष्टि 6, राज्य सूची) क्रमशः संघ सूची और राज्य सूची के अंतर्गत आते हैं।
प्रश्न 12: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग नहीं लेता है?
- लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
- राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
- दिल्ली और पुदुचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
- राज्य विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में **राज्य विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य** भाग नहीं लेते हैं। राष्ट्रपति के चुनाव में केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। यह **संविधान के अनुच्छेद 54** के अनुसार है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधानसभाओं (और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली तथा पुदुचेरी के केंद्रशासित प्रदेश की विधानसभाओं) के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य (a, b) और दिल्ली व पुदुचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य (c) राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं।
प्रश्न 13: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राज्य को पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रावधान करने की शक्ति देता है?
- अनुच्छेद 15(4)
- अनुच्छेद 16(4)
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 17
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: **अनुच्छेद 15(4)** राज्य को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष उपबंध बनाने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद 1951 में पहले संशोधन द्वारा जोड़ा गया था। अनुच्छेद 16(4) लोक नियोजन के मामलों में अवसरों की समानता के संबंध में पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रावधान की बात करता है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता की बात करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के उन्मूलन से संबंधित है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 16(4) लोक नियोजन से संबंधित है, न कि शिक्षा या अन्य सामाजिक प्रावधानों से। अनुच्छेद 14 और 17 सामान्य अधिकार हैं जो सीधे तौर पर पिछड़े वर्गों के लिए विशेष प्रावधान से नहीं जुड़े हैं।
प्रश्न 14: ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ (Public Order), ‘पुलिस’ और ‘भूमि’ जैसे विषय भारतीय संविधान की किस सूची में शामिल हैं?
- संघ सूची
- राज्य सूची
- समवर्ती सूची
- अवशिष्ट सूची
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘पुलिस’ (प्रविष्टि 8), ‘जन स्वास्थ्य और स्वच्छता’ (प्रविष्टि 6), ‘भूमि’ (प्रविष्टि 18) और ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ (प्रविष्टि 1) भारतीय संविधान की **सातवीं अनुसूची की राज्य सूची** में शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: राज्य सूची में वे विषय शामिल हैं जिन पर मुख्य रूप से राज्य सरकारें कानून बना सकती हैं। सार्वजनिक व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी का एक प्रमुख पहलू है।
- गलत विकल्प: संघ सूची में राष्ट्रीय महत्व के विषय होते हैं, समवर्ती सूची में वे विषय होते हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, और अवशिष्ट सूची में वे विषय होते हैं जो तीनों सूचियों में शामिल नहीं होते (जिन्हें केंद्र के पास रखा जाता है)।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा पद भारतीय संविधान के तहत ‘पदासीन’ (Ex-officio) होता है?
- भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
- भारत के महान्यायवादी (Attorney General)
- राज्यसभा का सभापति (Chairman of Rajya Sabha)
- लोकपाल
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: **राज्यसभा का सभापति** (Vice-President of India) पदेन (Ex-officio) होता है, जैसा कि **संविधान के अनुच्छेद 64** में कहा गया है। इसका अर्थ है कि भारत का उपराष्ट्रपति स्वतः ही राज्यसभा का सभापति बन जाता है, उसे अलग से नियुक्त नहीं किया जाता।
- संदर्भ और विस्तार: ‘पदासीन’ (Ex-officio) का अर्थ है ‘पद के कारण’। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति के रूप में कार्य करता है और इसके लिए उसे अतिरिक्त वेतन या विशेषाधिकार नहीं मिलते, बल्कि उसके उपराष्ट्रपति के वेतन और भत्ते ही उसके लिए पर्याप्त होते हैं।
- गलत विकल्प: CAG, महान्यायवादी और लोकपाल अपने-अपने पद पर नियुक्त होते हैं और उन्हें ‘पदासीन’ नहीं माना जाता।
प्रश्न 16: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की सिफारिशें कैसी होती हैं?
- कानूनी रूप से बाध्यकारी
- सरकार पर विचार के लिए बाध्यकारी
- केवल सलाहकार प्रकृति की
- लागू करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी आवश्यक
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा की गई सिफारिशें **केवल सलाहकार प्रकृति की** होती हैं। आयोग सरकार को सिफारिशें करता है, लेकिन सरकार इन सिफारिशों को मानने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है। हालांकि, यदि सिफारिशों को नहीं माना जाता है, तो आयोग को इसके कारणों को सार्वजनिक करना होता है। NHRC का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत हुआ है।
- संदर्भ और विस्तार: आयोग की भूमिका मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच करना और सरकार को सुधार हेतु सुझाव देना है। उनकी सिफारिशों का सरकार पर नैतिक और राजनीतिक दबाव तो होता है, लेकिन कानूनी बाध्यता नहीं।
- गलत विकल्प: सिफारिशें कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होतीं (a)। ये सरकार पर विचार करने के लिए बाध्यकारी नहीं होतीं, बल्कि वे इन पर विचार कर सकती हैं (b)। राष्ट्रपति की मंजूरी आवश्यक नहीं है, बल्कि सरकार को सिफारिशों पर जवाब देना होता है (d)।
प्रश्न 17: ‘स्वतंत्रता का अधिकार’ संविधान के किस भाग में वर्णित है?
- भाग II
- भाग III
- भाग IV
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘स्वतंत्रता का अधिकार’ (Right to Freedom) भारतीय संविधान के **भाग III** में वर्णित **मौलिक अधिकारों** के तहत आता है। विशेष रूप से, यह अनुच्छेद 19 से 22 तक विस्तृत है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 19 वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सम्मेलन, संघ बनाने, भारत में कहीं भी आने-जाने, कहीं भी बसने और कोई भी पेशा अपनाने की स्वतंत्रता देता है। अनुच्छेद 20, 21, और 22 अन्य व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित हैं।
- गलत विकल्प: भाग II नागरिकता से संबंधित है, भाग IV राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों से संबंधित है, और भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान में ‘आकस्मिकता निधि’ (Contingency Fund) का प्रावधान किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 267
- अनुच्छेद 280
- अनुच्छेद 275
- अनुच्छेद 112
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में **अनुच्छेद 267** के तहत संसद को ‘भारत की आकस्मिकता निधि’ की स्थापना का प्रावधान है।
- संदर्भ और विस्तार: यह निधि अप्रत्याशित व्यय को पूरा करने के लिए बनाई जाती है, और राष्ट्रपति इसके लिए धन निकाल सकते हैं। इस निधि का प्रबंधन राष्ट्रपति के अनुमोदन से होता है, और बाद में संसद द्वारा इसकी पूर्ति की जाती है। राज्यों के लिए भी ऐसी निधि का प्रावधान है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 280 वित्त आयोग से, अनुच्छेद 275 कुछ राज्यों को अनुदान से, और अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है।
प्रश्न 19: भारत में निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘योजना निर्माण’ (Planning) का कार्य करती है?
- वित्त मंत्रालय
- नीति आयोग
- भारतीय रिजर्व बैंक
- भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: **नीति आयोग** (National Institution for Transforming India) भारत में योजना निर्माण और नीतिगत इनपुट का मुख्य निकाय है। इसका गठन 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग के स्थान पर किया गया था। यह संवैधानिक निकाय नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: नीति आयोग केंद्र और राज्य सरकारों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है, जिसमें रणनीतिक और दीर्घकालिक नीतिगत अनुसंधान शामिल है।
- गलत विकल्प: वित्त मंत्रालय वित्तीय नीतियों का प्रबंधन करता है, RBI मौद्रिक नीति का, और SEBI पूंजी बाजार को नियंत्रित करता है। ये संस्थाएं प्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रीय योजना निर्माण नहीं करतीं।
प्रश्न 20: यदि किसी राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में कोई विधेयक पारित हो जाता है, तो वह किसके हस्ताक्षर के बाद अधिनियम बनता है?
- मुख्यमंत्री
- विधान परिषद के सभापति
- राज्यपाल
- राज्य विधानमंडल का सबसे वरिष्ठ सदस्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक **राज्यपाल के हस्ताक्षर** के बाद अधिनियम बनता है, जैसा कि **संविधान के अनुच्छेद 200** में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: राज्यपाल विधेयक पर अपनी सहमति दे सकता है, सहमति रोके रख सकता है (जिस स्थिति में विधेयक राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित हो जाता है), या (यह एक धन विधेयक न हो तो) विधेयक को पुनर्विलोकन के लिए विधानमंडल को वापस भेज सकता है।
- गलत विकल्प: मुख्यमंत्री सरकार का मुखिया होता है लेकिन विधेयक को अधिनियम बनाने में उसकी भूमिका राज्यपाल की सहमति के समान नहीं होती। विधान परिषद का सभापति केवल विधायी प्रक्रिया का हिस्सा है।
प्रश्न 21: भारत का महान्यायवादी (Attorney General of India) किसके प्रसादपर्यंत पद धारण करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का महान्यायवादी **भारत के राष्ट्रपति** के प्रसादपर्यंत (at the pleasure of the President) पद धारण करता है, जैसा कि **संविधान के अनुच्छेद 76(2)** में कहा गया है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है। उसे राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और वह तब तक पद पर रहता है जब तक राष्ट्रपति उसे बनाए रखना चाहते हैं। हालांकि, सामान्यतः वह प्रधानमंत्री की सलाह पर नियुक्त होता है और वही उसे हटाने की सलाह भी दे सकता है।
- गलत विकल्प: महान्यायवादी प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश या UPSC अध्यक्ष के प्रसादपर्यंत पद धारण नहीं करता।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक संशोधन’ (Constitutional Amendment) के लिए संसद के एक विशेष बहुमत (Special Majority) की आवश्यकता का उदाहरण नहीं है?
- मौलिक अधिकारों में संशोधन
- संसद में राज्यों के प्रतिनिधित्व में परिवर्तन
- उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि
- भाग III के तहत स्वतंत्रता के अधिकार का विस्तार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि (जो एक साधारण विधायी कार्य है) के लिए **साधारण बहुमत** (Simple Majority) की आवश्यकता होती है, न कि विशेष बहुमत की। विशेष बहुमत की आवश्यकता संविधान के **अनुच्छेद 368** के तहत संविधान में संशोधन के लिए होती है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 368 के तहत, संविधान संशोधन के लिए विधेयक को संसद के प्रत्येक सदन में कुल सदस्यता के बहुमत द्वारा तथा सदन की कुल सदस्य संख्या के कम से कम दो-तिहाई सदस्यों के बहुमत द्वारा पारित होना आवश्यक है। विकल्प (a), (b), और (d) में विशेष बहुमत (अनुच्छेद 368) या विशेष बहुमत और राज्यों का अनुसमर्थन (जैसे कि राज्यों के प्रतिनिधित्व में परिवर्तन) की आवश्यकता होती है।
- गलत विकल्प: मौलिक अधिकारों में संशोधन (a) अनुच्छेद 368 के तहत आता है। संसद में राज्यों के प्रतिनिधित्व में परिवर्तन (b) एक महत्वपूर्ण संवैधानिक मामला है जिसके लिए विशेष बहुमत और अनुसमर्थन की आवश्यकता होती है। स्वतंत्रता के अधिकार का विस्तार (d) भी मौलिक अधिकार से संबंधित होने के कारण अनुच्छेद 368 के तहत आएगा।
प्रश्न 23: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘नागरिकता’ (Citizenship) से संबंधित प्रावधान हैं?
- भाग I
- भाग II
- भाग III
- भाग IV
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के **भाग II** में **अनुच्छेद 5 से 11** तक नागरिकता से संबंधित प्रावधान दिए गए हैं।
- संदर्भ और विस्तार: भाग II संविधान की शुरुआत में नागरिकता के अधिग्रहण और समाप्ति के नियमों को परिभाषित करता है। नागरिकता अधिनियम, 1955, इन प्रावधानों को और विस्तृत करता है।
- गलत विकल्प: भाग I संघ और उसके राज्यक्षेत्र से संबंधित है, भाग III मौलिक अधिकारों से, और भाग IV राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों से संबंधित है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी रिट **’शरीर प्रस्तुत करो’** का अर्थ रखती है और किसी व्यक्ति को अवैध हिरासत से मुक्त कराने के लिए जारी की जाती है?
- परमादेश (Mandamus)
- अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: **बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)**, जिसका लैटिन में अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’, एक ऐसी रिट है जो किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखने के मामलों में जारी की जाती है। यह रिट जारी करने वाले न्यायालय को बंदी बनाए गए व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश देती है। यह **अनुच्छेद 32** (सर्वोच्च न्यायालय) और **अनुच्छेद 226** (उच्च न्यायालय) के तहत उपलब्ध है।
- संदर्भ और विस्तार: यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है।
- गलत विकल्प: परमादेश (Mandamus) किसी लोक प्राधिकारी को उसका सार्वजनिक कर्तव्य करने का आदेश देने के लिए है। अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) किसी व्यक्ति को यह बताने का आदेश देती है कि वह किस अधिकार से कोई पद धारण किए हुए है। उत्प्रेषण (Certiorari) किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण को किसी मामले को अपने पास भेजने का आदेश देती है।
प्रश्न 25: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) का उल्लेख किस रूप में किया गया है?
- केवल सामाजिक और राजनीतिक
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
- सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक
- सभी प्रकार का न्याय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में **सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक** न्याय का उल्लेख किया गया है। यह आकांक्षाएं संविधान निर्माताओं के दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है जाति, रंग, लिंग, धर्म आदि के आधार पर कोई भेदभाव न हो। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और आय का समान वितरण। राजनीतिक न्याय का अर्थ है कि सभी नागरिकों को राजनीतिक प्रक्रिया में समान अवसर प्राप्त हो।
- गलत विकल्प: प्रस्तावना में धार्मिक न्याय का विशेष रूप से उल्लेख नहीं है, हालांकि धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत से यह निहित होता है। ‘सभी प्रकार का न्याय’ एक अतिव्यापी कथन है; प्रस्तावना में विशेष रूप से उल्लिखित न्याय के तीन प्रकार हैं।
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