भारतीय राजव्यवस्था: 25 प्रश्न, दैनिक चुनौती!
नमस्कार, संवैधानिक योद्धाओं! भारतीय लोकतंत्र की जटिलताओं और शक्तियों को आत्मसात करने का आज आपका अवसर है। अपनी वैचारिक स्पष्टता को परखें, हर प्रश्न में गहराई उतरें और जानें कि आप इस महत्वपूर्ण विषय पर कितने मज़बूत हैं। आइए, आज की इस विशेष प्रश्नोत्तरी के साथ अपने ज्ञान को और धारदार बनाएं!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद भारतीय संविधान के तहत ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 21
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 44
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32, जिसे डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा है, नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है। यह अधिकार स्वयं में एक मौलिक अधिकार है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए रिट (जैसे बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार पृच्छा, और उत्प्रेषण) जारी करने की शक्ति प्रदान करता है। अनुच्छेद 226 इसी तरह की शक्ति उच्च न्यायालयों को प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता और विधियों का समान संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा से संबंधित है। अनुच्छेद 44 समान नागरिक संहिता की बात करता है, जो राज्य के नीति निदेशक तत्वों का हिस्सा है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा कथन भारत की संसदीय प्रणाली के बारे में सत्य नहीं है?
- कार्यपालिका, विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है।
- मंत्रिमंडल के सदस्यों को विधायिका का सदस्य होना आवश्यक है।
- यह प्रणाली द्विसदनीय विधायिका पर आधारित है।
- न्यायपालिका कार्यपालिका से पृथक होती है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत की संसदीय प्रणाली की एक विशेषता द्विसदनीय विधायिका (लोकसभा और राज्यसभा) हो सकती है, लेकिन यह प्रणाली का मूलभूत सिद्धांत नहीं है। संसदीय प्रणाली का मूल तत्व कार्यपालिका का विधायिका के प्रति उत्तरदायित्व है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में, केंद्र स्तर पर लोकसभा और राज्यसभा द्विसदनीय विधायिका का प्रतिनिधित्व करते हैं। हालांकि, कुछ देश संसदीय प्रणाली अपनाते हैं लेकिन उनकी विधायिका एकसदनीय होती है। भारत में, प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों को संसद का सदस्य होना आवश्यक है, और वे सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होते हैं (अनुच्छेद 75(3))। न्यायपालिका का कार्यपालिका से पृथक्करण (अनुच्छेद 50) भी भारतीय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) भारतीय संसदीय प्रणाली की सही विशेषताएँ हैं। कार्यपालिका (सरकार) विधायिका (संसद) को जवाबदेह होती है। मंत्रियों को विधायिका का सदस्य होना होता है। न्यायपालिका स्वतंत्र है।
प्रश्न 3: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
- 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (अब ‘धर्मनिरपेक्ष’ अधिक प्रचलित है) और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान पारित किया गया था और इसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है। इसने प्रस्तावना के आदर्शों को और अधिक स्पष्ट किया। प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है, यद्यपि यह न्यायोचित नहीं है (केशवानंद भारती मामले में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय)।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 73वें संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया। 52वें संशोधन ने दलबदल विरोधी कानून को संविधान में शामिल किया।
प्रश्न 4: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को किस आधार पर महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है?
- सिद्ध कदाचार या असमर्थता
- जनता का विश्वास खो देना
- न्यायालय का असंतोषजनक प्रदर्शन
- किसी भी कारण से जिसे संसद उचित समझे
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(4) के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को केवल ‘सिद्ध कदाचार’ (proven misbehaviour) या ‘असमर्थता’ (incapacity) के आधार पर ही हटाया जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: महाभियोग की प्रक्रिया संसद के दोनों सदनों द्वारा एक विशेष बहुमत से पारित एक पटल के माध्यम से शुरू की जाती है। इसके लिए एक जांच समिति का गठन किया जाता है। यह प्रक्रिया राष्ट्रपति द्वारा उस न्यायाधीश को हटाने के आदेश के बाद प्रभावी होती है।
- गलत विकल्प: ‘जनता का विश्वास खो देना’, ‘न्यायालय का असंतोषजनक प्रदर्शन’, या ‘किसी भी कारण से जिसे संसद उचित समझे’ जैसे आधार महाभियोग के लिए संवैधानिक रूप से मान्य नहीं हैं।
प्रश्न 5: भारत में निम्नलिखित में से कौन सी ‘नियोजित अर्थव्यवस्था’ का एक लक्षण है?
- बाजार शक्तियों द्वारा उत्पादन का निर्धारण
- निजी स्वामित्व पर अधिकतम जोर
- राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार संसाधनों का आवंटन
- उपभोक्ता की संप्रभुता
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत ने पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से एक नियोजित अर्थव्यवस्था का मार्ग अपनाया, जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार संसाधनों का आवंटन करना था। यह राज्य के नीति निदेशक तत्वों, विशेष रूप से अनुच्छेद 39 (जो राज्य को सार्वजनिक हित के लिए भौतिक संसाधनों के स्वामित्व और नियंत्रण की व्यवस्था करने का निर्देश देता है) में भी परिलक्षित होता है।
- संदर्भ और विस्तार: नियोजित अर्थव्यवस्था में, सरकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और उत्पादन, वितरण और मूल्य निर्धारण जैसे आर्थिक निर्णयों को निर्देशित करती है। इसका उद्देश्य आर्थिक असमानता को कम करना और समाज कल्याण को बढ़ावा देना होता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) और (d) पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की विशेषताएं हैं। विकल्प (b) भी पूंजीवाद का एक मुख्य सिद्धांत है, जबकि नियोजित अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
- भेदभाव के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 15)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, 16, 19, 29 और 30 में उल्लिखित मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं। इनमें अनुच्छेद 15 (धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध) शामिल है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा), और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) जैसे अधिकार सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 21 और 25 सभी व्यक्तियों के लिए हैं, न कि केवल नागरिकों के लिए।
प्रश्न 7: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग लेता है?
- केवल लोकसभा के सदस्य
- केवल राज्यसभा के सदस्य
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
- संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 54 के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें संसद के मनोनीत सदस्य (nominated members) भाग नहीं लेते हैं। इसी प्रकार, राज्यों की विधान परिषदों के सदस्य भी राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) और (b) अधूरे हैं। विकल्प (d) गलत है क्योंकि इसमें मनोनीत सदस्य शामिल नहीं होते।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘राज्य के नीति निदेशक तत्वों’ (DPSP) के अंतर्गत आती है?
- राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
- सूचना का अधिकार
- ग्राम पंचायतों का संगठन
- अस्पृश्यता का अंत
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 40, जो राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है, ग्राम पंचायतों के संगठन का प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को साकार करने के लिए सरकार को मार्गदर्शन देते हैं। ग्राम पंचायतों का संगठन स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण DPSP है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एक सांविधिक निकाय है (मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993)। सूचना का अधिकार (RTI) एक मौलिक अधिकार है (अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत प्राप्त)। अस्पृश्यता का अंत (अनुच्छेद 17) एक मौलिक अधिकार है।
प्रश्न 9: भारत के संविधान के किस संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?
- 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वाँ संशोधन अधिनियम, 1990
- 65वाँ संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में भाग IX जोड़ा और अनुच्छेद 243 से 243-O तक के प्रावधानों के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायतों को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक शक्तियां और प्राधिकार प्रदान किए।
- गलत विकल्प: 74वें संशोधन ने शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा दिया। 64वें और 65वें संशोधन पंचायती राज से संबंधित थे लेकिन पारित नहीं हो सके थे।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान का कौन सा भाग ‘नागरिकता’ से संबंधित है?
- भाग I
- भाग II
- भाग III
- भाग IV
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग II, अनुच्छेद 5 से 11 तक, भारत की नागरिकता के प्रावधानों से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता, संसद द्वारा नागरिकता के अर्जन और समाप्ति का प्रावधान (नागरिकता अधिनियम, 1955) शामिल है।
- गलत विकल्प: भाग I संघ और उसके क्षेत्र (अनुच्छेद 1-4) से संबंधित है। भाग III मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12-35) से संबंधित है। भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों (अनुच्छेद 36-51) से संबंधित है।
प्रश्न 11: ‘अधिकार पृच्छा’ (Quo Warranto) रिट का क्या अर्थ है?
- किसी व्यक्ति को रिहा करो
- किसी सार्वजनिक प्राधिकरण को उसका कर्तव्य करने का आदेश
- हम प्रमाणित करते हैं कि आप क्या आदेश देते हैं
- किस अधिकार से?
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘अधिकार पृच्छा’ (Quo Warranto) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है “किस अधिकार से?”। यह रिट किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ जारी की जाती है जो सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से आसीन है, यह जानने के लिए कि वह किस अधिकार से उस पद पर बना हुआ है।
- संदर्भ और विस्तार: यह रिट सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों द्वारा अनुच्छेद 226 के तहत जारी की जा सकती है। यदि व्यक्ति अवैध रूप से पद पर पाया जाता है, तो उसे पद से हटा दिया जाता है।
- गलत विकल्प: ‘हमारा आदेश है’ (Mandamus), ‘हम प्रमाणित करते हैं’ (Certiorari) और ‘तुम्हें शरीर प्रस्तुत करना चाहिए’ (Habeas Corpus) अन्य प्रमुख रिटें हैं जिनके अर्थ भिन्न हैं।
प्रश्न 12: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल (Article 352) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है?
- इसे केवल युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर घोषित किया जा सकता है।
- इसे संसद के दोनों सदनों द्वारा उद्घोषणा के एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए।
- एक बार अनुमोदित होने पर, यह छह महीने तक लागू रहता है।
- इसे किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा एक नई उद्घोषणा द्वारा वापस लिया जा सकता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) की उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा उद्घोषणा की मूल तिथि से एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए (44वें संशोधन के बाद)। पहले यह अवधि दो महीने थी।
- संदर्भ और विस्तार: उद्घोषणा का अनुमोदन होने के बाद, यह अनिश्चित काल तक जारी रह सकती है, बशर्ते कि इसे छह महीने के बाद आगे जारी रखने के लिए हर बार संसद के प्रत्येक सदन का अनुमोदन प्राप्त होता रहे। राष्ट्रपति किसी भी समय उद्घोषणा को वापस ले सकते हैं, इसके लिए संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती।
- गलत विकल्प: विकल्प (b) गलत है क्योंकि अनुमोदन की अवधि एक महीने है, न कि दो महीने जैसा कि पहले था, और यह ‘उद्घोषणा की मूल तिथि’ से गिनी जाती है।
प्रश्न 13: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) किसके द्वारा नियुक्त किया जाता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- वित्त मंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है। वह केंद्र और राज्यों के खातों का ऑडिट करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है, जो उसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखवाता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या वित्त मंत्री CAG की नियुक्ति नहीं करते हैं।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सी जोड़ी सही सुमेलित है?
- भाग IV: मौलिक अधिकार
- भाग VI: राज्य सरकारें
- भाग IX: नागरिकता
- भाग XI: पंचायतें
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भाग VI भारतीय संविधान में राज्य सरकारों से संबंधित है, जो अनुच्छेद 152 से 237 तक विस्तृत है।
- संदर्भ और विस्तार: भाग IV मौलिक कर्तव्य (कर्तव्य भाग IV-A में हैं) या राज्य के नीति निदेशक तत्वों (भाग IV) से संबंधित है। भाग IX पंचायतों से संबंधित है। नागरिकता भाग II में है।
- गलत विकल्प: भाग IV मौलिक अधिकार (भाग III) या राज्य के नीति निदेशक तत्वों (भाग IV) से संबंधित है। भाग IX पंचायतों से संबंधित है, न कि नागरिकता से। भाग XI संघ और राज्यों के बीच विधायी और प्रशासनिक संबंधों से संबंधित है।
प्रश्न 15: भारत में ‘सर्वोच्च न्यायालय’ किस प्रकार का न्यायालय है?
- केवल अपील न्यायालय
- केवल मूल अधिकार क्षेत्र वाला न्यायालय
- अपीलीय और मूल अधिकार क्षेत्र वाला न्यायालय
- कानूनी सलाह देने वाला न्यायालय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय के पास मूल अधिकार क्षेत्र (अनुच्छेद 131), अपीलीय अधिकार क्षेत्र (अनुच्छेद 132, 133, 134) और सलाहकार अधिकार क्षेत्र (अनुच्छेद 143) है।
- संदर्भ और विस्तार: मूल अधिकार क्षेत्र के तहत, यह केंद्र-राज्यों और राज्यों-राज्यों के बीच विवादों का निपटारा करता है। अपीलीय अधिकार क्षेत्र में यह विभिन्न अदालतों से की गई अपीलों पर सुनवाई करता है। सलाहकार अधिकार क्षेत्र के तहत, यह राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित महत्वपूर्ण कानूनी या तथ्यात्मक मामलों पर राय देता है।
- गलत विकल्प: यह केवल अपील न्यायालय या केवल मूल अधिकार क्षेत्र वाला न्यायालय नहीं है। यह केवल कानूनी सलाह नहीं देता, बल्कि उसके पास महत्वपूर्ण न्यायिक शक्तियां हैं।
प्रश्न 16: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?
- भारत का राष्ट्राध्यक्ष वंशानुगत होता है।
- भारत का राष्ट्राध्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होता है।
- भारत में कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति बन सकता है।
- सरकार का प्रमुख जनता द्वारा चुना जाता है।
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘गणराज्य’ का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (राष्ट्रपति) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होता है, न कि वंशानुगत। भारत में राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह वंशानुगत राजतंत्र के विपरीत है। भारतीय राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 54 और 55 के तहत निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) गणराज्य के विपरीत है। विकल्प (c) थोड़ा अस्पष्ट है, जबकि (b) सटीक अर्थ बताता है। विकल्प (d) ‘लोकतंत्र’ को अधिक परिभाषित करता है, जबकि ‘गणराज्य’ राज्य के प्रमुख की प्रकृति को परिभाषित करता है।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत राज्य को यह निर्देश दिया गया है कि वह कृषि और पशुपालन को आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों से संगठित करे?
- अनुच्छेद 47
- अनुच्छेद 48
- अनुच्छेद 49
- अनुच्छेद 50
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 48 राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का हिस्सा है, जो कृषि और पशुपालन को आधुनिक और वैज्ञानिक प्रणालियों में संगठित करने का निर्देश देता है, और विशेष रूप से गायों, बछड़ों और अन्य दुधारू पशुओं की नस्लों के संरक्षण और सुधार के लिए कदम उठाने की बात करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह प्रावधान भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए महत्वपूर्ण है ताकि उत्पादकता बढ़ाई जा सके और पशु कल्याण सुनिश्चित किया जा सके।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 47 जन स्वास्थ्य में सुधार और पोषण का स्तर बढ़ाने की बात करता है। अनुच्छेद 49 राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों, स्थानों और वस्तुओं के संरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 50 कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण सुनिश्चित करता है।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) का अध्यक्ष कौन होता है?
- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
- योजना आयोग के उपाध्यक्ष
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक कार्यकारी निकाय है, जो 1952 में स्थापित की गई थी। इसका अध्यक्ष भारत का प्रधानमंत्री होता है। संविधान में इसका कोई विशेष उल्लेख नहीं है, बल्कि यह एक सरकारी प्रस्ताव द्वारा गठित की गई है।
- संदर्भ और विस्तार: NDC पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम मंजूरी देती है और राष्ट्रीय विकास से संबंधित नीतियों पर विचार-विमर्श करती है। इसमें प्रधानमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक सदस्य होते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति, वित्त मंत्री या योजना आयोग (अब नीति आयोग) के उपाध्यक्ष NDC के पदेन अध्यक्ष नहीं होते हैं।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘राज्य के नीति निदेशक तत्वों’ (DPSP) के बारे में सही है?
- ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय हैं।
- ये भारतीय संविधान के भाग III में पाए जाते हैं।
- ये कल्याणकारी राज्य की स्थापना में सहायक हैं।
- इनका उद्देश्य राजनीतिक लोकतंत्र की स्थापना करना है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) भारतीय संविधान के भाग IV (अनुच्छेद 36-51) में दिए गए हैं। ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं (अनुच्छेद 37)।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP का उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है, जो सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करे। ये मौलिक अधिकारों के पूरक हैं, जो राजनीतिक लोकतंत्र स्थापित करते हैं, जबकि DPSP सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना का लक्ष्य रखते हैं।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) गलत है क्योंकि DPSP न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं। विकल्प (b) गलत है क्योंकि DPSP भाग IV में हैं, भाग III में नहीं। विकल्प (d) गलत है क्योंकि मौलिक अधिकार राजनीतिक लोकतंत्र स्थापित करते हैं, जबकि DPSP सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना पर जोर देते हैं।
प्रश्न 20: भारतीय संसद में निम्नलिखित में से कौन शामिल हैं?
- राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा
- केवल लोकसभा और राज्यसभा
- राष्ट्रपति और लोकसभा
- राष्ट्रपति और राज्यसभा
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार, संघ के लिए एक संसद होगी जिसमें राष्ट्रपति, लोक सभा और राज्य सभा शामिल होंगे।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति संसद का एक अभिन्न अंग है, भले ही वह किसी भी सदन का सदस्य न हो। किसी भी विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की सहमति आवश्यक है (अनुच्छेद 111)।
- गलत विकल्प: विकल्प (b) गलत है क्योंकि राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग हैं। विकल्प (c) और (d) भी अधूरे हैं क्योंकि वे राज्यसभा या लोकसभा में से किसी एक को छोड़ देते हैं।
प्रश्न 21: संविधान का कौन सा अनुच्छेद संसद को यह शक्ति देता है कि वह नागरिकता के संबंध में कानून बना सके?
- अनुच्छेद 9
- अनुच्छेद 10
- अनुच्छेद 11
- अनुच्छेद 12
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 11 के अनुसार, संसद को नागरिकता के अर्जन और समाप्ति तथा नागरिकता से संबंधित अन्य सभी विषयों के संबंध में विधि बनाने की शक्ति होगी।
- संदर्भ और विस्तार: इसी शक्ति का प्रयोग करते हुए संसद ने नागरिकता अधिनियम, 1955 पारित किया, जिसने नागरिकता प्राप्त करने और खोने के विभिन्न तरीकों को निर्धारित किया।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 9 कहता है कि विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से प्राप्त करने वाले व्यक्ति अब भारतीय नागरिक नहीं माने जाएंगे। अनुच्छेद 10 नागरिकता के अधिकारों का बना रहना बताता है। अनुच्छेद 12 ‘राज्य’ की परिभाषा से संबंधित है।
प्रश्न 22: किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है?
- बेरूबारी संघ मामला
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामला
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य मामला
- मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ मामला
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले (1973) में, सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय दिया कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक अभिन्न अंग है।
- संदर्भ और विस्तार: इस फैसले ने संसद की संशोधन शक्ति की सीमा तय की, यह कहते हुए कि संसद संविधान के ‘मूल ढांचे’ (basic structure) को संशोधित नहीं कर सकती। इस मामले ने प्रस्तावना के महत्व को और भी बढ़ा दिया। पहले बेरूबारी संघ मामले (1960) में न्यायालय ने कहा था कि प्रस्तावना संविधान का अंग नहीं है, लेकिन बाद में केशवानंद मामले में इस मत को पलट दिया गया।
- गलत विकल्प: बेरूबारी संघ मामले ने प्रस्तावना को संविधान का अंग नहीं माना था। गोलकनाथ मामले ने मौलिक अधिकारों में संशोधन को प्रतिबंधित किया था। मिनर्वा मिल्स मामले ने मूल ढांचे की अवधारणा को सुदृढ़ किया।
प्रश्न 23: भारतीय संविधान के तहत, ‘राज्य’ (State) की परिभाषा किस अनुच्छेद में दी गई है?
- अनुच्छेद 12
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 में ‘राज्य’ (State) की परिभाषा दी गई है।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद के अनुसार, ‘राज्य’ में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और सभी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी शामिल हैं जो भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन हैं। यह परिभाषा मौलिक अधिकारों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये अधिकार राज्य की कार्रवाइयों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 मौलिक अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियों को शून्य घोषित करता है। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता की बात करता है। अनुच्छेद 15 भेदभाव का निषेध करता है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा मूल कर्तव्य भारतीय संविधान में मूल रूप से शामिल थे?
- सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना
- सभी धर्मों का सम्मान करना
- राष्ट्रगान का सम्मान करना
- कोई भी मूल कर्तव्य मूल रूप से शामिल नहीं था।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में मूल रूप से कोई भी मौलिक कर्तव्य शामिल नहीं थे। मौलिक कर्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भाग IV-A (अनुच्छेद 51-A) के तहत जोड़ा गया था, जो सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर आधारित था।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें नागरिकों के लिए 10 मौलिक कर्तव्य शामिल किए गए थे। बाद में, 86वें संशोधन, 2002 द्वारा एक और (11वां) मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया।
- गलत विकल्प: सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना, सभी धर्मों का सम्मान करना और राष्ट्रगान का सम्मान करना जैसे सभी विकल्प मौलिक कर्तव्य हैं, लेकिन ये मूल संविधान का हिस्सा नहीं थे, बल्कि बाद में जोड़े गए।
प्रश्न 25: भारत में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) से संबंधित प्रावधान किस अनुच्छेद में उल्लिखित है?
- अनुच्छेद 101
- अनुच्छेद 105
- अनुच्छेद 110
- अनुच्छेद 112
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 105 के अनुसार, संसद और उसके सदस्यों को कुछ विशेषाधिकार और छूटें प्राप्त हैं, जो उनके कार्यों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इन विशेषाधिकारों में भाषण की स्वतंत्रता (सदन के अंदर), सदनों के प्रकाशनों को प्रकाशित करने का अधिकार, और कुछ मामलों में गिरफ्तारी से छूट शामिल है। विशेषाधिकार स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं हैं और संसदीय समितियों द्वारा उनका समय-समय पर अध्ययन किया जाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 101 सदस्यों की निरर्हता से संबंधित है। अनुच्छेद 110 धन विधेयकों को परिभाषित करता है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है।