भारतीय राजव्यवस्था में महारत: आज की चुनौती
नमस्कार, भावी लोक सेवकों! भारत के जीवंत लोकतांत्रिक ढांचे की अपनी समझ को और गहरा करने का समय आ गया है। आज के इस विशेष क्विज़ में, हम संविधान के विभिन्न पहलुओं पर आपकी अवधारणात्मक स्पष्टता का परीक्षण करेंगे। तैयार हो जाइए, क्योंकि यह अभ्यास आपको परीक्षा की अगली सीढ़ी चढ़ने में मदद करेगा!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान की गई विस्तृत व्याख्याओं के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्दों को किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह एक महत्वपूर्ण संशोधन था जिसने प्रस्तावना में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए।
- संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारतीय राज्य के धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी चरित्र को और अधिक स्पष्ट करना था। केशवानंद भारती मामले (1973) के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने माना कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है और इसमें संशोधन किया जा सकता है, लेकिन इसके मूल ढांचे को नहीं बदला जा सकता।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया। 73वां और 74वां संशोधन क्रमशः पंचायती राज संस्थाओं और नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करते हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा एक मौलिक अधिकार नहीं है?
- समानता का अधिकार
- स्वतंत्रता का अधिकार
- शोषण के विरुद्ध अधिकार
- संपत्ति का अधिकार
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संपत्ति का अधिकार मूल रूप से मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 19(1)(f) और 31) था, लेकिन 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा इसे मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया और संविधान के भाग XII में एक नए अनुच्छेद 300-A के तहत एक कानूनी अधिकार बना दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18), स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22), और शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24) अभी भी संविधान के भाग III में मौलिक अधिकार के रूप में मौजूद हैं।
- गलत विकल्प: अन्य तीन विकल्प (a), (b), और (c) क्रमशः संविधान के अनुच्छेद 14-18, 19-22, और 23-24 के अंतर्गत वर्णित मौलिक अधिकार हैं।
प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति को किस अनुच्छेद के तहत क्षमादान की शक्ति प्राप्त है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 112
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में, मृत्युदंड को क्षमा करने, उसका प्रविलंबन, विराम या परिहार करने या दंडादेश के निलंबन या लघुकरण की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति संघ के विधि के विरुद्ध अपराधों के लिए, सभी दंडों के संबंध में, उसी तरह लागू होती है जैसे वह संघ की कार्यपालिका शक्ति के विस्तार के अंतर्गत आते हैं। यह शक्ति कुछ न्यायिक मामलों में राहत प्रदान करती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की विधायी शक्ति, जैसे कि विधेयकों पर अनुमति देना, से संबंधित है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता आयरलैंड के संविधान से भारतीय संविधान में ली गई है?
- राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत
- संघ की अवशिष्ट शक्तियाँ
- संसदीय विशेषाधिकार
- आपातकालीन उपबंध
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IV में वर्णित राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (DPSP) आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं। ये सिद्धांत सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP का उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है। ये सिद्धांत न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन राष्ट्र के शासन में मौलिक हैं।
- गलत विकल्प: संघ की अवशिष्ट शक्तियाँ कनाडा के संविधान से ली गई हैं। संसदीय विशेषाधिकार ब्रिटिश परंपराओं से प्रभावित हैं। आपातकालीन उपबंध मुख्य रूप से भारत सरकार अधिनियम, 1935 और जर्मनी के वाइमर संविधान से लिए गए हैं।
प्रश्न 5: भारतीय संसद के दो सत्रों के बीच अधिकतम अंतराल कितना हो सकता है?
- तीन महीने
- चार महीने
- छह महीने
- एक वर्ष
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 85(1) के अनुसार, राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर आहूत करेगा जो वह उचित समझे, परन्तु एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तारीख के बीच छह मास के अंतराल से अधिक नहीं होगा।
- संदर्भ और विस्तार: इसका मतलब है कि संसद के दो सत्रों के बीच अधिकतम छह महीने का अंतराल हो सकता है। आमतौर पर, बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र आयोजित किए जाते हैं।
- गलत विकल्प: संविधान में तीन, चार या एक वर्ष के अंतराल का कोई प्रावधान नहीं है; केवल अधिकतम छह महीने का अंतराल अनिवार्य है।
प्रश्न 6: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- प्रधानमंत्री
- कानून मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124(2) के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा, कॉलेजियम प्रणाली की सलाह पर की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: कॉलेजियम प्रणाली में भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति में भी राष्ट्रपति संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और राज्यपाल की सलाह लेते हैं।
- गलत विकल्प: मुख्य न्यायाधीश और अन्य संवैधानिक पद धारण करने वाले व्यक्ति सीधे नियुक्ति नहीं करते; वे नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय और वारंट राष्ट्रपति के होते हैं।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद राज्य सरकार को ग्राम पंचायतों के गठन का निर्देश देता है?
- अनुच्छेद 40
- अनुच्छेद 43
- अनुच्छेद 44
- अनुच्छेद 51
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 40, राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) का हिस्सा है, जो पंचायतों के संगठन से संबंधित है। यह कहता है कि ‘राज्य, ग्राम पंचायतों के संगठन के लिए कदम उठाएगा और उन्हें ऐसी शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान करेगा जो वे स्वायत्त शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक समझे।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद भारत में विकेन्द्रीकृत शासन और पंचायती राज प्रणाली की नींव रखता है। 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 ने इसे और मजबूत किया।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 43 मजदूरों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि से संबंधित है। अनुच्छेद 44 समान नागरिक संहिता से संबंधित है, और अनुच्छेद 51 अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने से संबंधित है।
प्रश्न 8: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा किस अनुच्छेद के तहत की जाती है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 352 राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा करने की शक्ति देता है, यदि उसे यह समाधान हो जाए कि युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत की या उसके किसी भाग की सुरक्षा को गंभीर संकट है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित होनी चाहिए। इसके लागू रहने पर मूलतः 6 माह का प्रावधान था, जिसे बाद में बढ़ाया गया।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 365 कुछ निर्देशों के अनुपालन में विफलता के प्रभाव से संबंधित है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक’ है?
- नीति आयोग
- राष्ट्रीय महिला आयोग
- चुनाव आयोग
- केंद्रीय सूचना आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) एक संवैधानिक निकाय है, जिसका उल्लेख संविधान के भाग XV में अनुच्छेद 324 में किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: ECI भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। यह एक स्थायी निकाय है।
- गलत विकल्प: नीति आयोग एक कार्यकारी आदेश द्वारा गठित एक गैर-संवैधानिक, गैर-वैधानिक निकाय है। राष्ट्रीय महिला आयोग और केंद्रीय सूचना आयोग वैधानिक निकाय हैं, जिनका गठन क्रमशः राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 और सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत किया गया था।
प्रश्न 10: प्रस्तावना के अनुसार, भारत का सर्वोच्च प्राधिकारी कौन है?
- भारत की जनता
- संसद
- सर्वोच्च न्यायालय
- राष्ट्रपति
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना ‘हम, भारत के लोग…’ से शुरू होती है, यह दर्शाता है कि संविधान की अंतिम संप्रभुता भारत की जनता में निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना यह भी बताती है कि भारत एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य है। जनता इस संप्रभुता का प्रयोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से करती है।
- गलत विकल्प: संसद, सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रपति सत्ता के महत्वपूर्ण अंग हैं, लेकिन वे जनता द्वारा प्रदत्त प्राधिकार के तहत कार्य करते हैं, न कि स्वयं सर्वोच्च प्राधिकारी के रूप में।
प्रश्न 11: केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किस अनुसूची में किया गया है?
- सातवीं अनुसूची
- आठवीं अनुसूची
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान की सातवीं अनुसूची केंद्र और राज्यों के बीच विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियों के वितरण से संबंधित है। इसमें तीन सूचियां हैं: संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची।
- संदर्भ और विस्तार: संघ सूची में राष्ट्रीय महत्व के विषय शामिल हैं जिन पर केवल संसद कानून बना सकती है। राज्य सूची में ऐसे विषय हैं जिन पर मुख्य रूप से राज्य विधानमंडल कानून बना सकते हैं, लेकिन कुछ आपातकालीन स्थितियों में संसद भी कानून बना सकती है। समवर्ती सूची में ऐसे विषय हैं जिन पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, लेकिन यदि कोई टकराव होता है तो केंद्र का कानून मान्य होता है।
- गलत विकल्प: आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त भाषाएं हैं, नौवीं अनुसूची में भूमि सुधारों से संबंधित अधिनियम शामिल हैं, और दसवीं अनुसूची दलबदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार “प्राण और दैहिक स्वतंत्रता के संरक्षण” से संबंधित है?
- अनुच्छेद 20
- अनुच्छेद 21
- अनुच्छेद 22
- अनुच्छेद 19
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है कि “किसी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता का विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही छीना जाएगा, अन्यथा नहीं।”
- संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 की व्याख्या बहुत व्यापक रूप से की है, जिसमें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, आजीविका का अधिकार, निजता का अधिकार, स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार आदि शामिल हैं। इसे संविधान का सबसे महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार माना जाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण से संबंधित है। अनुच्छेद 22 कुछ मामलों में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 19 स्वतंत्रता के अधिकार (भाषण और अभिव्यक्ति, आदि) से संबंधित है।
प्रश्न 13: भारत में “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” (Minimum Government, Maximum Governance) का नारा किस पंचवर्षीय योजना से जुड़ा है?
- 11वीं पंचवर्षीय योजना
- 12वीं पंचवर्षीय योजना
- 10वीं पंचवर्षीय योजना
- 9वीं पंचवर्षीय योजना
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” का नारा 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017) के प्रमुख उद्देश्यों में से एक था, जो कुशल, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित शासन पर जोर देता था।
- संदर्भ और विस्तार: इस नारे का उद्देश्य सरकारी हस्तक्षेप को कम करना, प्रक्रियाओं को सरल बनाना और नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना था। यह सुशासन (Good Governance) की अवधारणा से गहराई से जुड़ा हुआ है।
- गलत विकल्प: अन्य पंचवर्षीय योजनाएं विकास के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित थीं, लेकिन इस विशिष्ट नारे का प्रमुखता से उल्लेख 12वीं योजना में किया गया था।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के बारे में सत्य नहीं है?
- वह भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है।
- उसकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- वह संसद की किसी भी कार्यवाही में भाग ले सकता है।
- वह किसी भी संसदीय समिति का सदस्य हो सकता है।
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का महान्यायवादी, अनुच्छेद 76 के तहत, भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। वह संसद की किसी भी कार्यवाही में भाग ले सकता है और उस पर बोल सकता है, लेकिन मतदान का अधिकार उसे नहीं है (अनुच्छेद 88)।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, वह किसी भी संसदीय समिति का सदस्य होने के लिए बाध्य नहीं है और आम तौर पर नियुक्त नहीं किया जाता है, जब तक कि वह इसके लिए विशेष रूप से चुना न गया हो (जैसे विशेषाधिकार समिति आदि)। अनुच्छेद 88 के अनुसार, उसे संसद के दोनों सदनों और उनकी किसी भी समिति में बोलने का अधिकार है, लेकिन वह मतदान नहीं कर सकता। ‘सदस्य’ होना एक अलग स्थिति है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a) और (b) सही हैं। विकल्प (c) भी सही है, वह कार्यवाही में भाग ले सकता है। विकल्प (d) गलत है क्योंकि वह स्वतः किसी समिति का सदस्य नहीं होता, बल्कि उसे विशेष रूप से नियुक्त किया जा सकता है।
प्रश्न 15: ‘क्विड प्रो क्वो’ (Quid Pro Quo) की अवधारणा निम्नलिखित में से किससे संबंधित है?
- समानता का अधिकार
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
- अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता)
- अनुच्छेद 15 (भेदभाव का निषेध)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘क्विड प्रो क्वो’ (लैटिन में ‘एक के बदले एक’) की अवधारणा अक्सर प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों से जुड़ी होती है। कानून के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14) के संदर्भ में, यह समानता और तर्कसंगतता सुनिश्चित करता है। हालांकि, यह शब्द अक्सर सार्वजनिक और निजी जीवन में भ्रष्टाचार या अनुचित व्यवहार के संदर्भ में भी प्रयोग किया जाता है, जहां कुछ लाभ के बदले कुछ कार्य किया जाता है। विशुद्ध रूप से संवैधानिक संदर्भ में, अनुच्छेद 14 के व्यापक सिद्धांत के तहत, इसे अनुचित भेदभाव या पक्षपात के रूप में देखा जा सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 14 कानून के शासन और तर्कसंगतता पर जोर देता है। ‘क्विड प्रो क्वो’ के भ्रष्ट रूप का निषेध परोक्ष रूप से अनुच्छेद 14 के दायरे में आ सकता है।
- गलत विकल्प: समानता के अन्य अधिकार (जैसे अनुच्छेद 15) और धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28) सीधे तौर पर इस शब्द से संबंधित नहीं हैं, हालांकि व्यापक न्याय के सिद्धांत सभी मौलिक अधिकारों पर लागू हो सकते हैं।
प्रश्न 16: भारत में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 किससे संबंधित है?
- संसद की प्रक्रिया
- चुनावों का संचालन
- महान्यायवादी की नियुक्ति
- वित्तीय आपातकाल
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (Representation of the People Act, 1951) भारत में चुनावों के संचालन, चुनाव लड़ने के लिए पात्रता, चुनाव अपराधों और विवादों आदि से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम भारतीय लोकतंत्र की चुनावी प्रक्रिया को विनियमित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कानून है। यह चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में सहायता करता है।
- गलत विकल्प: संसद की प्रक्रिया के लिए, नियम और संविधान के अनुच्छेद हैं। महान्यायवादी की नियुक्ति अनुच्छेद 76 के तहत होती है। वित्तीय आपातकाल अनुच्छेद 360 से संबंधित है।
प्रश्न 17: राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission), 1953 के अध्यक्ष कौन थे?
- सरदार पटेल
- पंडित जवाहरलाल नेहरू
- न्यायमूर्ति फजल अली
- डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: राज्य पुनर्गठन आयोग, 1953 का गठन भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए किया गया था। इसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति फजल अली थे, और अन्य दो सदस्य के.एम. पणिक्कर और हृदयनाथ कुंजरू थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम पारित किया गया, जिसने भारत में भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया।
- गलत विकल्प: सरदार पटेल, नेहरू और अम्बेडकर स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण के प्रमुख नेता थे, लेकिन आयोग के अध्यक्ष नहीं थे।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन भारत के संविधान की ‘प्रस्तावना’ का अंग नहीं है?
- न्याय (सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक)
- स्वतंत्रता (विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म, उपासना)
- अधिकार (मौलिक अधिकार)
- समानता (दर्जा और अवसर की)
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना न्याय (सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक), स्वतंत्रता (विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म, उपासना), समानता (दर्जा और अवसर की) और बंधुत्व (व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता) को सुनिश्चित करने का संकल्प लेती है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान का सार है और बताता है कि भारत के लोग अपने देश को कैसे बनाना चाहते हैं। मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) प्रस्तावना में वर्णित लक्ष्यों को प्राप्त करने के साधन हैं, न कि प्रस्तावना का प्रत्यक्ष अंग।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (d) स्पष्ट रूप से प्रस्तावना में उल्लिखित प्रमुख लक्ष्य हैं।
प्रश्न 19: संविधान का कौन सा संशोधन शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 69वां संशोधन अधिनियम, 1991
- 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 74वां संशोधन अधिनियम, 1992, संविधान में भाग IX-A जोड़कर शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है। यह अनुच्छेद 243-P से 243-ZG तक है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य शहरी स्थानीय स्व-शासन को मजबूत करना और उन्हें अधिक स्वायत्तता और शक्तियाँ प्रदान करना है।
- गलत विकल्प: 73वां संशोधन पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है। 69वां संशोधन दिल्ली से संबंधित है। 86वां संशोधन शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाता है।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सा भारत के संविधान का संरक्षक (Guardian of the Constitution) कहलाता है?
- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- संसद
- सर्वोच्च न्यायालय
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का संरक्षक सर्वोच्च न्यायालय है। यह अपनी न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) की शक्ति के माध्यम से संविधान की व्याख्या करता है और यह सुनिश्चित करता है कि विधायिका और कार्यपालिका दोनों संविधान के प्रावधानों के भीतर कार्य करें।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 32 के तहत, सर्वोच्च न्यायालय मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए रिट जारी कर सकता है, जो इसे संविधान का रक्षक बनाता है। कोई भी कानून जो संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है, उसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अमान्य घोषित किया जा सकता है।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद तीनों ही संवैधानिक संस्थाएं हैं, लेकिन वे भी संविधान के अधीन काम करते हैं। इसलिए, वे स्वयं संविधान के संरक्षक नहीं माने जाते।
प्रश्न 21: भारत में ‘ parliamentary system’ की उत्पत्ति किस अधिनियम से मानी जाती है?
- भारत सरकार अधिनियम, 1909
- भारत सरकार अधिनियम, 1919
- भारत सरकार अधिनियम, 1935
- भारत स्वतंत्रता अधिनियम, 1947
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: भारत में संसदीय प्रणाली की नींव भारत सरकार अधिनियम, 1919 (मॉन्टagu-चेम्सफोर्ड सुधार) द्वारा रखी गई थी। इस अधिनियम ने केंद्रीय विधानमंडल में द्विसदनीय व्यवस्था की शुरुआत की और कार्यकारी परिषद के सदस्यों को विधानमंडल के प्रति उत्तरदायी बनाया।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, भारत सरकार अधिनियम, 1935 ने प्रांतीय स्तर पर उत्तरदायी सरकारों की स्थापना करके संसदीय प्रणाली के विकास को और मजबूत किया। लेकिन संसदीय व्यवस्था के प्रारंभिक तत्व 1919 अधिनियम में अधिक स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं।
- गलत विकल्प: 1909 का अधिनियम सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व लाया। 1935 का अधिनियम एक परिसंघीय ढांचा और प्रांतीय स्वायत्तता लाया। 1947 का अधिनियम भारत को स्वतंत्र करता है और विभाजन करता है, लेकिन संसदीय व्यवस्था पहले से ही विकसित हो रही थी।
प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक कर्तव्य नहीं है?
- संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना।
- भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना और उसे अक्षुण्ण रखना।
- सभी धर्मों का समान आदर करना।
- बच्चों को शिक्षा का समान अवसर प्रदान करना।
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्य संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के तहत सूचीबद्ध हैं। इनमें से (a) और (b) सीधे तौर पर अनुच्छेद 51-A (c) और (d) से मेल खाते हैं। अनुच्छेद 51-A (e) सभी धर्मों का समान आदर करना सिखाता है।
- संदर्भ और विस्तार: विकल्प (d) “बच्चों को शिक्षा का समान अवसर प्रदान करना” हालांकि एक महत्वपूर्ण सामाजिक उद्देश्य है, लेकिन यह सीधे तौर पर संविधान में सूचीबद्ध 11 मौलिक कर्तव्यों में से एक नहीं है। हालांकि, 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 ने अनुच्छेद 51-A (k) जोड़ा, जिसमें माता-पिता/अभिभावकों को 6 से 14 वर्ष की आयु के अपने बच्चे/संरक्षित को शिक्षा के अवसर प्रदान करने का कर्तव्य बताया गया है। परंतु, ‘सभी धर्मों का समान आदर करना’ (c) एक मौलिक कर्तव्य है।
- गलत विकल्प: (a), (b) और (c) स्पष्ट रूप से मौलिक कर्तव्यों में शामिल हैं। (d) बच्चों को शिक्षा का अवसर प्रदान करना एक अभिभावकीय कर्तव्य के रूप में बाद में जोड़ा गया, न कि सामान्य रूप से ‘सभी को समान अवसर’।
प्रश्न 23: संविधान का कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को किसी विधेयक को पुनर्विचार के लिए वापस भेजने की शक्ति देता है?
- अनुच्छेद 111
- अनुच्छेद 108
- अनुच्छेद 112
- अनुच्छेद 110
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की विधायी शक्ति से संबंधित है। इसके अनुसार, राष्ट्रपति किसी विधेयक (जो संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित हो चुका हो) पर अपनी सहमति दे सकता है, या अपनी सहमति रोक सकता है, या यदि विधेयक धन विधेयक नहीं है, तो विधेयक (संशोधन सहित या बिना संशोधन के) पर पुनर्विचार के लिए संसद को वापस भेज सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: पुनर्विचार के लिए वापस भेजने की शक्ति को ‘निलंबनकारी वीटो’ (Suspensive Veto) कहा जाता है। यदि संसद उस विधेयक को पुनः पारित कर देती है और राष्ट्रपति को भेजती है, तो राष्ट्रपति को उस पर सहमति देनी ही पड़ती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 108 संयुक्त बैठक से संबंधित है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है। अनुच्छेद 110 धन विधेयकों की परिभाषा देता है।
प्रश्न 24: नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- लोकसभा अध्यक्ष
- राज्यसभा सभापति
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (Comptroller and Auditor General of India – CAG) की नियुक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षा करता है और राष्ट्रपति को रिपोर्ट प्रस्तुत करता है, जो फिर संसद के पटल पर रखी जाती है। यह भारत के सार्वजनिक वित्त का संरक्षक होता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति (जो उपराष्ट्रपति होते हैं) CAG की नियुक्ति नहीं करते, हालांकि राष्ट्रपति इन पदों से भी सलाह ले सकते हैं।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘मूल ढांचे के सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) को प्रतिपादित किया?
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967)
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973)
- मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978)
- एस. आर. बोम्मई बनाम भारत संघ (1994)
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक पूर्ण पीठ ने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है, लेकिन वह संविधान के ‘मूल ढांचे’ (Basic Structure) को नहीं बदल सकती।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत ने संसद की संशोधन शक्ति पर एक महत्वपूर्ण सीमा लगाई और संविधान की सर्वोच्चता और उसके लचीलेपन को बनाए रखा। इस मामले ने प्रस्तावना को भी संविधान का अभिन्न अंग माना।
- गलत विकल्प: गोलकनाथ मामले ने संसद की संशोधन शक्ति को सीमित करने का प्रयास किया था (लेकिन मूल ढांचा सिद्धांत नहीं दिया)। मेनका गांधी मामले ने अनुच्छेद 21 के दायरे का विस्तार किया। एस. आर. बोम्मई मामले ने अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन के दुरुपयोग पर अंकुश लगाया।