भारतीय राजव्यवस्था पर अचूक प्रहार: दैनिक चुनौती!
हमारे लोकतंत्र की नींव को और भी मजबूती से समझने के लिए तैयार हो जाइए! यह दैनिक प्रश्नोत्तरी आपकी संवैधानिक स्पष्टता को परखने और भारतीय राजव्यवस्था की गहरी समझ विकसित करने का एक अनूठा अवसर है। आइए, आज ही अपनी तैयारी को धार दें!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सी रिट, शाब्दिक अर्थ ‘हम आदेश देते हैं’ है, जिसका उपयोग किसी सार्वजनिक प्राधिकरण को उसके सार्वजनिक कर्तव्य को निभाने के लिए निर्देशित करने हेतु किया जाता है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- प्रतिषेध (Prohibition)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘परमादेश’ (Mandamus), जिसका शाब्दिक अर्थ ‘हम आदेश देते हैं’ है, एक उच्च न्यायालय द्वारा किसी निचली अदालत, न्यायाधिकरण या सार्वजनिक प्राधिकारी को एक सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य को निभाने के लिए जारी की जाती है। यह शक्ति संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय और अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालयों को प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: यह किसी निजी व्यक्ति या निकाय के विरुद्ध जारी नहीं की जा सकती। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी लोक प्राधिकारी अपने निर्धारित कर्तव्यों का पालन करे।
- गलत विकल्प: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ व्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है, ‘उत्प्रेषण’ किसी अधीनस्थ न्यायालय के निर्णय को रद्द करने के लिए जारी की जाती है, और ‘प्रतिषेध’ किसी अधीनस्थ न्यायालय को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 2: संसद के किसी सदस्य की, दलबदल के अतिरिक्त अन्य आधारों पर, सदस्यता समाप्त करने के संबंध में, राष्ट्रपति अपना निर्णय किस निकाय की सलाह पर लेता है?
- भारत का महान्यायवादी (Attorney General of India)
- लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker of the Lok Sabha)
- भारत का निर्वाचन आयोग (Election Commission of India)
- सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: संसद के किसी सदन का कोई सदस्य, जो अनुच्छेद 102 के खंड (1) के अधीन किसी भी अन्य आधार पर अयोग्य ठहराया गया है, ऐसे अयोग्यता के संबंध में निर्णय राष्ट्रपति द्वारा लिया जाएगा, जैसा कि अनुच्छेद 103 में वर्णित है। राष्ट्रपति इस मामले में भारत के निर्वाचन आयोग की राय लेगा।
- संदर्भ और विस्तार: निर्वाचन आयोग की सलाह राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं है, लेकिन उनकी राय को ध्यान में रखना होता है। दलबदल के आधार पर अयोग्यता का निर्णय दसवीं अनुसूची के तहत संबंधित सदन का अध्यक्ष (लोकसभा में अध्यक्ष, राज्यसभा में सभापति) करता है।
- गलत विकल्प: महान्यायवादी कानूनी सलाहकार होता है, अध्यक्ष दलबदल को छोड़कर अन्य मामलों पर सीधे निर्णय नहीं लेता, और सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका केवल राष्ट्रपति द्वारा मामला भेजे जाने पर सलाह देने की हो सकती है, न कि प्रारंभिक निर्णय की।
प्रश्न 3: भारतीय संविधान के निम्नलिखित किस अनुच्छेद में ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ (Residual Powers) संघ को प्रदान की गई हैं?
- अनुच्छेद 246
- अनुच्छेद 248
- अनुच्छेद 250
- अनुच्छेद 252
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 248 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि संसद को उन सभी विषयों के संबंध में विधि बनाने की शक्ति होगी जो संघ सूची या समवर्ती सूची में प्रगणित नहीं हैं। इन शक्तियों को ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: संघवाद के ढांचे में, शक्तियों का वितरण सातवीं अनुसूची की संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में किया गया है। जो विषय इन सूचियों में शामिल नहीं हैं, उन पर कानून बनाने का अधिकार संसद के पास है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 246 संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है, अनुच्छेद 250 कुछ दशाओं में विधायी शक्तियों के बारे में है, और अनुच्छेद 252 दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 4: संविधान संशोधन की प्रक्रिया का उल्लेख भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है?
- अनुच्छेद 350
- अनुच्छेद 368
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 370
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान में संशोधन की प्रक्रिया का प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 में दिया गया है, जो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 368 के तहत संसद साधारण बहुमत, विशेष बहुमत, या विशेष बहुमत के साथ-साथ आधे से अधिक राज्यों के विधानमंडलों के अनुसमर्थन द्वारा संविधान में संशोधन कर सकती है। यह मौलिक अधिकार, मूल ढांचा (Basic Structure) जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी लागू होता है, जिस पर केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण निर्णय दिया था।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 350 भाषा संबंधी विशेष प्रावधानों से, अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से, और अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर से संबंधित अस्थायी प्रावधानों (जो अब निरस्त हो गया है) से संबंधित था।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वाँ संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वाँ संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 ने प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ (Socialist), ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों को जोड़कर भारतीय संविधान की प्रस्तावना को संशोधित किया।
- संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन उस समय की कांग्रेस सरकार द्वारा लाया गया था और इसे ‘लघु संविधान’ (Mini-Constitution) भी कहा जाता है क्योंकि इसने अनेक महत्वपूर्ण परिवर्तन किए। इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत को एक सामाजिक-धर्मनिरपेक्ष और अविभाजित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना था।
- गलत विकल्प: 44वाँ संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया, 52वाँ संशोधन ने दल-बदल विरोधी कानून (दसवीं अनुसूची) को जोड़ा, और 61वाँ संशोधन ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की।
प्रश्न 6: राष्ट्रपति के क्षमादान की शक्ति का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 161
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 143
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमादान, लघुकरण, परिहार, प्रविलंबन या दंडादेश के निलंबन या परिहार की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति उन अपराधों के लिए है जो संघ के विधियों के विरुद्ध किए गए हों, या सभी मामलों में जहाँ दंडादेश मृत्यु दंडादेश हो, या उन सभी मामलों में जहाँ दंडादेश किसी न्यायालय, ट्रिब्यूनल या प्राधिकरण द्वारा दिया गया हो जो भारत के कानून के अधीन स्थापित हो। राज्यपाल के पास भी अनुच्छेद 161 के तहत ऐसी ही शक्तियाँ हैं, लेकिन उनकी सीमाएँ राष्ट्रपति से थोड़ी भिन्न हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 161 राज्यपाल की क्षमादान की शक्ति से संबंधित है, अनुच्छेद 123 अध्यादेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति से, और अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 7: भारत में लोकपाल की नियुक्ति के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सी संस्था या व्यक्ति जिम्मेदार है?
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- संसदीय समिति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत, लोकपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जो एक चयन समिति की सिफारिशों पर कार्य करते हैं। यह समिति प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता, भारत के मुख्य न्यायाधीश (या उनके द्वारा नामित उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश) और एक प्रख्यात विधिवेत्ता से मिलकर बनती है।
- संदर्भ और विस्तार: लोकपाल भारत सरकार के उच्च पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने के लिए एक स्वतंत्र निकाय है। इस निकाय का गठन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया था।
- गलत विकल्प: मुख्य न्यायाधीश या प्रधानमंत्री स्वयं नियुक्ति नहीं करते, बल्कि चयन समिति के सदस्य होते हैं। संसदीय समिति का गठन इस नियुक्ति प्रक्रिया के लिए प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार नहीं है।
प्रश्न 8: भारतीय संविधान की कौन सी अनुसूची पंचायती राज संस्थाओं को अधिकार और शक्ति प्रदान करती है?
- नौवीं अनुसूची
- दसवीं अनुसूची
- ग्यारहवीं अनुसूची
- बारहवीं अनुसूची
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची, जिसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था, पंचायती राज संस्थाओं (पंचायतों) से संबंधित है। इसमें 29 विषय शामिल हैं जो पंचायतों को सौंपे जा सकते हैं, जिससे वे स्थानीय शासन का संचालन कर सकें।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुसूची ने भारत में पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और इसे स्थानीय स्वशासन का एक मजबूत आधार मिला।
- गलत विकल्प: नौवीं अनुसूची भूमि सुधार कानूनों से संबंधित है, दसवीं अनुसूची दल-बदल विरोधी कानून से, और बारहवीं अनुसूची शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाओं) से संबंधित है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा एक संवैधानिक निकाय नहीं है?
- भारत का निर्वाचन आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
- नीति आयोग
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (National Institution for Transforming India) भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2015 को गठित एक ‘कार्यकारी निकाय’ (Executive Body) है, यह कोई संवैधानिक निकाय नहीं है। इसका गठन योजना आयोग के स्थान पर किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख संविधान में किया गया है और जिनके गठन, शक्तियों और कार्यों का वर्णन संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में मिलता है। नीति आयोग का उल्लेख संविधान में नहीं है, बल्कि इसका गठन एक प्रस्ताव के माध्यम से हुआ है।
- गलत विकल्प: भारत का निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (अनुच्छेद 148) सभी संवैधानिक निकाय हैं।
प्रश्न 10: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) को भारतीय संविधान के किस भाग में शामिल किया गया है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IV-A
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy – DPSP) भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल किए गए हैं।
- संदर्भ और विस्तार: इन तत्वों को आयरलैंड के संविधान से प्रेरित होकर शामिल किया गया है। ये तत्व न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय (enforceable) नहीं हैं, लेकिन देश के शासन के लिए मूलभूत माने जाते हैं और राज्यों को कानून बनाते समय इन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है। ये सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना का लक्ष्य रखते हैं।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से, भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से, और भाग V संघ की कार्यपालिका से संबंधित है।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को यह अधिकार है कि वह किसी भी राज्य को नए राज्य बनाने या उसके क्षेत्र, सीमाओं या नामों को बदलने का अधिकार है?
- अनुच्छेद 1
- अनुच्छेद 2
- अनुच्छेद 3
- अनुच्छेद 4
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 3 संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह नए राज्यों के गठन, राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन कर सकती है। यह कार्य संसद साधारण बहुमत से कर सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: किसी राज्य की सीमा बदलने या नया राज्य बनाने के लिए उस राज्य के विधानमंडल से परामर्श करना राष्ट्रपति के लिए अनिवार्य है, लेकिन उस विधानमंडल की राय को मानने के लिए संसद बाध्य नहीं है। अनुच्छेद 2 नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना से संबंधित है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 1 भारत को ‘राज्यों का संघ’ बताता है, अनुच्छेद 2 नए राज्यों के प्रवेश या स्थापना से संबंधित है, और अनुच्छेद 4 स्पष्ट करता है कि अनुच्छेद 2 और 3 के तहत किए गए संशोधन अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन नहीं माने जाएंगे।
प्रश्न 12: भारतीय संघ की कार्यपालिका का प्रमुख कौन होता है?
- प्रधानमंत्री
- भारत के राष्ट्रपति
- महान्यायवादी
- संसदीय कार्य मंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 53(1) के अनुसार, संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी और वह इसका प्रयोग संविधान के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से करेगा। अतः, राष्ट्रपति संघ की कार्यपालिका का प्रमुख होता है।
- संदर्भ और विस्तार: यद्यपि राष्ट्रपति औपचारिक प्रमुख (de jure head) है, वास्तविक कार्यपालिका शक्ति प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के पास होती है (de facto head)। राष्ट्रपति नाममात्र का कार्यकारी प्रमुख है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, महान्यायवादी सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है, और संसदीय कार्य मंत्री विधायी कार्यों का समन्वय करता है।
प्रश्न 13: भारतीय संविधान में ‘मौलिक अधिकार’ किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
- ब्रिटेन (UK)
- कनाडा (Canada)
- ऑस्ट्रेलिया (Australia)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) का प्रावधान संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के ‘बिल ऑफ राइट्स’ (Bill of Rights) से प्रेरित है। ये अधिकार संविधान के भाग III में अनुच्छेद 12 से 35 तक वर्णित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक अधिकार नागरिकों को राज्य के मनमाने हस्तक्षेप से सुरक्षा प्रदान करते हैं और उन्हें स्वतंत्रता, समानता, और न्याय सुनिश्चित करते हैं। इनमें समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार, और संवैधानिक उपचारों का अधिकार शामिल हैं।
- गलत विकल्प: ब्रिटेन से संसदीय प्रणाली और कानून का शासन, कनाडा से संघीय व्यवस्था और अवशिष्ट शक्तियाँ, तथा ऑस्ट्रेलिया से समवर्ती सूची और संयुक्त बैठक की व्यवस्था ली गई है।
प्रश्न 14: लोकसभा का सभापति (Speaker) अपना त्यागपत्र किसे संबोधित करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के उपराष्ट्रपति
- लोकसभा का उप-सभापति
- प्रधानमंत्री
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: लोकसभा का सभापति (Speaker) अपना त्यागपत्र लोकसभा के उप-सभापति (Deputy Speaker) को संबोधित करता है, जैसा कि अनुच्छेद 94 में उल्लेखित है। इसी प्रकार, उप-सभापति अपना त्यागपत्र सभापति को संबोधित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: सभापति और उप-सभापति का निर्वाचन लोकसभा के सदस्यों द्वारा अपने में से ही किया जाता है। वे लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का पद कार्यपालिका और संघ से संबंधित है, जबकि सभापति का पद लोकसभा की विधायिका से संबंधित है। प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है।
प्रश्न 15: केंद्र-राज्य विधायी संबंधों का उल्लेख संविधान के किस भाग में है?
- भाग XI
- भाग XII
- भाग XIII
- भाग XIV
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XI, अनुच्छेद 245 से 255 तक, केंद्र और राज्यों के बीच विधायी संबंधों की व्याख्या करता है। इसमें संसद की राज्य सूची के विषयों पर विधि बनाने की शक्ति (कुछ परिस्थितियों में) और समवर्ती सूची पर विधि बनाने की शक्ति का उल्लेख है।
- संदर्भ और विस्तार: सातवीं अनुसूची विधायी शक्तियों के वितरण को स्पष्ट करती है। अनुच्छेद 254 यह भी बताता है कि यदि समवर्ती सूची के किसी विषय पर केंद्र और राज्य दोनों कानून बनाते हैं, तो केंद्र का कानून प्रभावी होगा, जब तक कि राज्य का कानून राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त न कर ले और केंद्र द्वारा उसे बाद में संशोधित न किया जाए।
- गलत विकल्प: भाग XII वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद से, भाग XIII भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम से, और भाग XIV सेवाओं से संबंधित है।
प्रश्न 16: ‘एक राष्ट्र, एक नागरिकता’ का सिद्धांत भारतीय संविधान की किस विशेषता का प्रतिनिधित्व करता है?
- संघवाद (Federalism)
- एकात्मकता (Unitarianism)
- संघात्मक विशेषताएँ (Federal Features)
- संसदीय शासन (Parliamentary Government)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान एक ‘अर्ध-संघीय’ (Quasi-Federal) व्यवस्था प्रदान करता है, जिसमें मजबूत संघीय विशेषताओं के साथ-साथ एकात्मक विशेषताएँ भी शामिल हैं। ‘एक राष्ट्र, एक नागरिकता’ (Single Citizenship) भारतीय संविधान की एक एकात्मक विशेषता है, जो अनुच्छेद 9 में निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में, जहाँ अमेरिका जैसे देशों में दोहरी नागरिकता (संघीय और राज्य) होती है, वहीं भारत में केवल एकल नागरिकता का प्रावधान है। इसका अर्थ है कि भारत का प्रत्येक नागरिक, चाहे वह किसी भी राज्य में रहता हो, भारतीय नागरिक माना जाता है। यह राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत करता है।
- गलत विकल्प: संघवाद शक्तियों के द्वैत वितरण की बात करता है, एकात्मकता में सभी शक्तियाँ केंद्र के पास होती हैं। ‘एक नागरिकता’ भारत की एकात्मक प्रवृत्ति को दर्शाती है, जो संघात्मक व्यवस्था के भीतर एक महत्वपूर्ण विशेषता है। संसदीय शासन व्यवस्था सरकार के स्वरूप से संबंधित है।
प्रश्न 17: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- भारत के राष्ट्रपति
- लोकसभा का अध्यक्ष
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India – CAG) की नियुक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के अनुसार भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक वित्त का संरक्षक होता है। यह केंद्र और राज्य सरकारों के सभी खातों की लेखा-परीक्षा करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, जो इसे संसद के समक्ष रखते हैं। CAG अपने पद से 6 वर्ष की अवधि या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक बना रहता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका का प्रमुख होता है, और लोकसभा अध्यक्ष सदन का प्रमुख होता है। ये निकाय CAG की नियुक्ति प्रक्रिया में सीधे तौर पर शामिल नहीं होते।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सा मूल अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21A के अंतर्गत आता है?
- समानता का अधिकार
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
- शिक्षा का अधिकार
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21A के तहत ‘शिक्षा का अधिकार’ (Right to Education) एक मौलिक अधिकार है। यह अधिकार 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान करता है। यह शिक्षा को एक मौलिक अधिकार बनाकर भारतीय संविधान के भाग III में शामिल किया गया है।
- गलत विकल्प: समानता का अधिकार अनुच्छेद 14-18 में, जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 21 में, और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 25-28 में वर्णित है।
प्रश्न 19: भारत में त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की अनुशंसा किस समिति ने की थी?
- बलवंत राय मेहता समिति
- अशोक मेहता समिति
- एल.एम. सिंघवी समिति
- सरकारिया आयोग
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: बलवंत राय मेहता समिति (1957) ने पंचायती राज के लिए त्रि-स्तरीय (ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती स्तर पर पंचायत समिति और जिला स्तर पर जिला परिषद) व्यवस्था की सिफारिश की थी।
- संदर्भ और विस्तार: इस समिति की सिफारिशों को राजस्थान के नागौर जिले में 2 अक्टूबर 1959 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा पेश करके पंचायती राज को लागू किया गया था। यह भारत में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
- गलत विकल्प: अशोक मेहता समिति (1977) ने त्रि-स्तरीय व्यवस्था की जगह द्वि-स्तरीय व्यवस्था की सिफारिश की थी। एल.एम. सिंघवी समिति ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देने की बात कही थी। सरकारिया आयोग केंद्र-राज्य संबंधों से संबंधित था।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक कर्तव्य भारतीय संविधान में उल्लिखित नहीं है?
- संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना।
- भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना और उसे अक्षुण्ण रखना।
- पर्यावरण की रक्षा करना और उसका संवर्धन करना।
- लोकसभा का सदस्य बनना।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51A के तहत नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों का वर्णन है। ‘लोकसभा का सदस्य बनना’ कोई मौलिक कर्तव्य नहीं है, बल्कि यह एक नागरिक का अधिकार और एक प्रक्रिया का हिस्सा है।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्य नागरिकों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। जैसे, संविधान का पालन करना (51A(c)), भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना (51A(c)), और पर्यावरण की रक्षा करना (51A(g)) सभी उल्लिखित कर्तव्य हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) तीनों ही नागरिकों के मौलिक कर्तव्य हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 51A में वर्णित हैं।
प्रश्न 21: राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, निम्नलिखित में से कौन से मौलिक अधिकार स्वतः निलंबित नहीं होते हैं?
- अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण)
- अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार)
- अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता)
- (a) और (b) दोनों
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत घोषित राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, राष्ट्रपति अनुच्छेद 359 के तहत अनुच्छेद 20 (अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) को छोड़कर अन्य सभी मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन को निलंबित कर सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि आपातकाल के दौरान भी नागरिकों को इन दो महत्वपूर्ण अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता। 44वें संशोधन ने यह स्पष्ट कर दिया कि अनुच्छेद 20 और 21 को कभी भी निलंबित नहीं किया जा सकता।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, जो समानता का अधिकार देता है, को निलंबित किया जा सकता है, लेकिन अनुच्छेद 20 और 21 को नहीं। इसलिए, (a) और (b) दोनों वे अधिकार हैं जो स्वतः निलंबित नहीं होते।
प्रश्न 22: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘राज्य’ की परिभाषा दी गई है, जो मौलिक अधिकारों के संदर्भ में प्रासंगिक है?
- अनुच्छेद 12
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 12 मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के संबंध में ‘राज्य’ (State) की परिभाषा देता है। इसके अनुसार, ‘राज्य’ में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानमंडल, और भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन सभी स्थानीय और अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह परिभाषा महत्वपूर्ण है क्योंकि मौलिक अधिकार मुख्य रूप से राज्य के विरुद्ध लागू होते हैं। ‘अन्य प्राधिकारी’ (Other Authorities) की व्याख्या उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों (जैसे, यू.ओ.आई. बनाम रणजीत कुमार, 1962; सुखदेव सिंह बनाम भगवत सिंह, 1967) में की है, जिसके दायरे में सार्वजनिक उपक्रम और कुछ गैर-सरकारी संस्थाएं भी आ सकती हैं यदि वे राज्य के अभिकर्ता के रूप में कार्य करती हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 ‘विधियों को असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली’ बताता है, अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष समानता से संबंधित है, और अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है।
प्रश्न 23: संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) को किस रूप में सुनिश्चित किया गया है?
- केवल सामाजिक न्याय
- केवल आर्थिक न्याय
- केवल राजनीतिक न्याय
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने का संकल्प व्यक्त करती है और अपने सभी नागरिकों के लिए सुनिश्चित करती है: ‘न्याय’ (Justice), सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक।
- संदर्भ और विस्तार: यह दर्शाता है कि भारतीय राज्य अपने नागरिकों को केवल कानूनी या राजनीतिक अधिकार ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक समानता भी सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा। इसका अर्थ है कि किसी भी नागरिक के साथ जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव नहीं होगा और सभी को अपनी क्षमता के अनुसार उन्नति के समान अवसर प्राप्त होंगे।
- गलत विकल्प: प्रस्तावना में तीनों प्रकार के न्याय का उल्लेख है, न कि केवल किसी एक या दो प्रकार का।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सी विधायी प्रक्रिया है जो संसद के किसी भी सदन में शुरू की जा सकती है, सिवाय धन विधेयकों के?
- साधारण विधेयक
- वित्त विधेयक
- संविधान संशोधन विधेयक
- उपर्युक्त सभी
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संसद में कोई भी विधेयक, सिवाय धन विधेयक (अनुच्छेद 110) और वित्त विधेयक (अनुच्छेद 117) के कुछ प्रावधानों के, किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) में पेश किया जा सकता है। ऐसे विधेयकों को ‘साधारण विधेयक’ (Ordinary Bill) कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: साधारण विधेयकों को पारित करने की प्रक्रिया में दोनों सदनों से बहुमत से पास होना आवश्यक है। गतिरोध की स्थिति में, संयुक्त बैठक (अनुच्छेद 108) बुलाई जा सकती है। धन विधेयक केवल लोकसभा में ही पेश किए जा सकते हैं।
- गलत विकल्प: वित्त विधेयक (अनुच्छेद 117) की शुरुआत भी कुछ शर्तों के साथ लोकसभा में ही होती है। संविधान संशोधन विधेयक (अनुच्छेद 368) भी किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है, लेकिन उनकी पारित करने की प्रक्रिया साधारण विधेयकों से अधिक कठोर होती है।
प्रश्न 25: पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देने के लिए कौन सा संविधान संशोधन अधिनियम पारित किया गया था?
- 71वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1992
- 73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1993
- 65वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में एक नया भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं (पंचायतों) के बारे में प्रावधान शामिल हैं, और ग्यारहवीं अनुसूची भी जोड़ी गई।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं को अधिक शक्ति, अधिकार और विश्वसनीयता प्रदान करके उन्हें स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में मजबूत करना था। इसने ग्राम, मध्यवर्ती और जिला स्तर पर पंचायतों के गठन, उनकी संरचना, सदस्यों के चुनाव, शक्तियों, प्राधिकारों और उत्तरदायित्वों आदि को संवैधानिक रूप से परिभाषित किया।
- गलत विकल्प: 71वाँ संशोधन कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली भाषाओं को आठवीं अनुसूची में जोड़ा, 74वाँ संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाओं) से संबंधित है, और 65वाँ संशोधन मूलतः अनुसूचित क्षेत्रों के लिए एक आयोग की स्थापना से संबंधित था (जो बाद में 1995 के अधिनियम के तहत किया गया)।