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भारतीय राजव्यवस्था: दैनिक संविधानिक परख

भारतीय राजव्यवस्था: दैनिक संविधानिक परख

नमस्कार, संवैधानिक योद्धाओं! आज फिर से आपके ज्ञान और सूझबूझ को परखने का समय आ गया है। भारतीय लोकतंत्र की जटिलताओं और इसके आधारभूत सिद्धांतों की आपकी समझ कितनी गहरी है, यह जानने के लिए तैयार हो जाइए। आइए, इस दैनिक अभ्यास के माध्यम से अपने संवैधानिक ज्ञान को एक नई धार दें!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों को हल करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द किस संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्दों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह मिनी-संविधान भी कहलाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इन शब्दों को जोड़ने का उद्देश्य भारत के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को मजबूत करना और राष्ट्र की एकता को बढ़ावा देना था। ये संशोधन प्रस्तावना की मूलभूत संरचना का हिस्सा बन गए हैं।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाने और कुछ अन्य सुरक्षा उपायों से संबंधित था। 52वां संशोधन (1985) दलबदल विरोधी कानून (दसवीं अनुसूची) से संबंधित है। 61वां संशोधन (1989) मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करने से संबंधित है।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सी रिट केवल सार्वजनिक पद धारण करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध जारी की जा सकती है, न कि किसी निजी व्यक्ति के विरुद्ध?

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. प्रतिषेध (Prohibition)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: परमादेश (Mandamus) का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’। यह एक उच्च न्यायालय द्वारा किसी निचली अदालत, न्यायाधिकरण या सार्वजनिक प्राधिकारी को उसका सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य निभाने का आदेश देने के लिए जारी की जाती है। यह किसी निजी व्यक्ति या निकाय के विरुद्ध जारी नहीं की जा सकती। यह अधिकार संविधान के अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सार्वजनिक अधिकारियों को उनके अनिवार्य कर्तव्यों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है।
  • गलत विकल्प: बंदी प्रत्यक्षीकरण किसी ऐसे व्यक्ति को अदालत में पेश करने के लिए जारी की जाती है जिसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया हो, और यह निजी व्यक्तियों सहित किसी के भी विरुद्ध जारी की जा सकती है। उत्प्रेषण और प्रतिषेध निम्न अदालतों या निकायों के न्यायिक या अर्ध-न्यायिक कार्यों से संबंधित हैं, लेकिन ये भी मुख्य रूप से सार्वजनिक/अर्ध-सार्वजनिक निकायों पर लागू होते हैं; हालांकि, परमादेश का सबसे सीधा संबंध सार्वजनिक पद धारक के सार्वजनिक कर्तव्य से है।

प्रश्न 3: भारत में वित्तीय आपातकाल के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?

  1. यह पहली बार 1991 में घोषित किया गया था।
  2. इसे घोषित करने के लिए संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है।
  3. यह जारी रह सकता है जब तक कि इसे समाप्त नहीं कर दिया जाता, और इसके लिए समय-समय पर संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती।
  4. इसे अनुच्छेद 360 के तहत घोषित किया जाता है और यह अधिकतम दो साल तक लागू रह सकता है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: वित्तीय आपातकाल की घोषणा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत की जाती है। एक बार घोषित होने के बाद, यह तब तक जारी रहता है जब तक कि इसे राष्ट्रपति द्वारा वापस नहीं ले लिया जाता। इसे जारी रखने के लिए संसदीय अनुमोदन की आवधिक आवश्यकता नहीं होती है (जैसे राष्ट्रीय आपातकाल के मामले में)।
  • संदर्भ और विस्तार: वित्तीय आपातकाल तब घोषित किया जाता है जब भारत की वित्तीय स्थिरता या साख खतरे में हो। अब तक, भारत में कभी भी वित्तीय आपातकाल लागू नहीं किया गया है।
  • गलत विकल्प: (a) यह कभी घोषित नहीं किया गया है। (b) इसे घोषित करने के लिए संसद के दोनों सदनों द्वारा साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है, न कि विशेष बहुमत की। (d) यह अधिकतम दो साल तक सीमित नहीं है; यह तब तक जारी रह सकता है जब तक राष्ट्रपति इसे समाप्त न कर दें, और इसके लिए निरंतर संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है।

प्रश्न 4: संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए एक विधानमंडल और कार्यपालिका बनाने की शक्ति दी गई है?

  1. अनुच्छेद 239AA
  2. अनुच्छेद 239AB
  3. अनुच्छेद 240
  4. अनुच्छेद 240A

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के 69वें संशोधन अधिनियम, 1991 द्वारा जोड़ा गया अनुच्छेद 239AA, दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) का विशेष दर्जा प्रदान करता है और इसके लिए एक विधानमंडल (विधान सभा) और मंत्रिपरिषद की व्यवस्था करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद दिल्ली के लिए एक अनूठी राजनीतिक व्यवस्था की स्थापना करता है, जो एक पूर्ण राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश के बीच की स्थिति को दर्शाती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 239AB राष्ट्रपति को किसी क्षेत्र में संवैधानिक तंत्र की विफलता के मामले में उस क्षेत्र के संबंध में कुछ प्रावधान करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 240 राष्ट्रपति को कुछ केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विनियम बनाने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 240A जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 से संबंधित है।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संसद के एक अंग के रूप में कार्य करता है, लेकिन दोनों में से किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता है?

  1. भारत का महान्यायवादी (Attorney General)
  2. भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General)
  3. मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner)
  4. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का महान्यायवादी (AG) संविधान के अनुच्छेद 76 के तहत नियुक्त किया जाता है। अनुच्छेद 88 के अनुसार, AG को संसद की किसी भी बैठक में बोलने और कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है, लेकिन मत देने का अधिकार नहीं है। वह संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: AG भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और संसद की कार्यवाही में भाग लेने की उसकी शक्ति विधायी चर्चाओं में महत्वपूर्ण इनपुट प्रदान करती है।
  • गलत विकल्प: CAG (अनुच्छेद 148), मुख्य निर्वाचन आयुक्त (अनुच्छेद 324) और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष (अनुच्छेद 338) संवैधानिक पद तो धारण करते हैं, लेकिन उन्हें संसद की कार्यवाही में भाग लेने का विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है।

प्रश्न 6: भारतीय संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन से मौलिक अधिकार भारत के नागरिकों को ही प्राप्त हैं?

  1. कानून के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
  3. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
  4. सभी अल्पसंख्यकों को अपनी रुचि की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार (अनुच्छेद 30)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 30 (अल्पसंख्यकों के अधिकारों से संबंधित) विशेष रूप से भारत के नागरिकों को प्राप्त है, जो धर्म या भाषा के आधार पर अपनी पसंद की शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रावधान भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को संरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता), अनुच्छेद 15 (भेदभाव का प्रतिषेध) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) भारत के क्षेत्र में रहने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन भारत के उपराष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव में भाग ले सकते हैं?

  1. संसद के दोनों सदनों के केवल निर्वाचित सदस्य
  2. संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य
  3. लोकसभा के सभी सदस्य और राज्य सभा के निर्वाचित सदस्य
  4. लोकसभा के निर्वाचित सदस्य और राज्य सभा के सभी सदस्य

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: उपराष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 66 के तहत एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह राष्ट्रपति के चुनाव से भिन्न है, जहाँ केवल निर्वाचित सदस्य ही भाग लेते हैं। उपराष्ट्रपति का पद, देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद होने के नाते, राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व को प्रतिबिंबित करता है।
  • गलत विकल्प: (a), (c), और (d) गलत हैं क्योंकि वे निर्वाचित या मनोनीत सदस्यों को बाहर करते हैं, जबकि उपराष्ट्रपति के चुनाव में दोनों सदनों के सभी सदस्य भाग लेते हैं।

प्रश्न 8: भारत में केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

  1. यह एक संवैधानिक निकाय है।
  2. इसमें एक मुख्य सूचना आयुक्त और अधिकतम दस सूचना आयुक्त हो सकते हैं।
  3. इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है।
  4. यह प्रत्यक्ष रूप से केवल सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत काम करता है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) एक **सांविधिक निकाय** है, न कि संवैधानिक। इसका गठन सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत किया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक स्वतंत्र निकाय है जो सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के कार्यान्वयन की निगरानी करता है।
  • गलत विकल्प: (a) गलत है क्योंकि CIC संवैधानिक नहीं, बल्कि सांविधिक है। (b) CIC की संरचना (एक मुख्य सूचना आयुक्त और अधिकतम दस सूचना आयुक्त) सही है। (c) इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता की बनी समिति की सिफारिश पर की जाती है, यह भी सही है। (d) यह प्रत्यक्ष रूप से केवल RTI अधिनियम, 2005 के तहत काम करता है, यह कथन भी सही है क्योंकि इसके गठन का आधार ही यही अधिनियम है।

प्रश्न 9: भारत में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित में से कौन सा संवैधानिक संशोधन अधिनियम महत्वपूर्ण है?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
  4. 97वां संशोधन अधिनियम, 2011

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा और पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया, साथ ही अनुच्छेद 243 से 243O तक को शामिल किया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने पंचायती राज को स्व-शासन की एक संस्था के रूप में स्थापित किया, जिसमें ग्राम सभा, पंचायत और जिला परिषद जैसी त्रि-स्तरीय संरचना का प्रावधान है।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 86वां संशोधन शिक्षा के अधिकार (अनुच्छेद 21A) से संबंधित है। 97वां संशोधन सहकारी समितियों से संबंधित है।

प्रश्न 10: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत, सर्वोच्च न्यायालय निम्नलिखित में से कौन सी रिट जारी कर सकता है?

  1. केवल बंदी प्रत्यक्षीकरण
  2. केवल परमादेश
  3. उत्प्रेषण और प्रतिषेध
  4. ऊपर दिए गए सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए पांच प्रकार की रिट जारी करने की शक्ति देता है: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus), परमादेश (Mandamus), प्रतिषेध (Prohibition), उत्प्रेषण (Certiorari) और अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 32 को डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा था, क्योंकि यह मौलिक अधिकारों को प्रभावी बनाने की गारंटी देता है।
  • गलत विकल्प: चूंकि अनुच्छेद 32 सभी पांचों रिट जारी करने की शक्ति देता है, इसलिए केवल कुछ को चुनने वाले विकल्प (a), (b), और (c) गलत हैं।

प्रश्न 11: भारतीय संविधान की कौन सी विशेषता ‘एकल नागरिकता’ पर जोर देती है?

  1. संघ की प्रकृति
  2. सरकार का संसदीय स्वरूप
  3. संवैधानिक संशोधन की प्रक्रिया
  4. वित्तीय आपातकाल की घोषणा

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान ‘एकल नागरिकता’ की अवधारणा को अपनाता है, जिसका अर्थ है कि सभी व्यक्ति, चाहे वे किसी भी राज्य में रहते हों, केवल भारत के नागरिक हैं। यह संघवाद की प्रकृति के बावजूद एकता को बढ़ावा देता है। नागरिकता से संबंधित प्रावधान भाग II में अनुच्छेद 5 से 11 तक हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे कुछ संघवाद वाले देशों के विपरीत, जहाँ दोहरी नागरिकता (संघ और राज्य) होती है, भारत में केवल एक राष्ट्रीय नागरिकता है।
  • गलत विकल्प: सरकार का संसदीय स्वरूप (कार्यपालिका की व्यवस्था), संवैधानिक संशोधन की प्रक्रिया (भाग XX), और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) नागरिकता के एकल स्वरूप से सीधे संबंधित नहीं हैं।

प्रश्न 12: राष्ट्रपति, राज्य सभा में कितने सदस्यों को मनोनीत कर सकता है?

  1. 10
  2. 12
  3. 15
  4. 20

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 80 (1) (a) के अनुसार, राष्ट्रपति राज्य सभा में ऐसे 12 सदस्यों को मनोनीत कर सकता है, जिन्होंने साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा के क्षेत्र में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया हो।
  • संदर्भ और विस्तार: यह राष्ट्रपति को उन व्यक्तियों को उच्च सदन में स्थान देने की अनुमति देता है जो प्रत्यक्ष चुनाव में सफल नहीं हो सकते थे, लेकिन जिनके योगदान राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • गलत विकल्प: 10, 15, या 20 की संख्याएँ गलत हैं; यह संख्या निश्चित रूप से 12 है।

प्रश्न 13: किसी विधेयक के धन विधेयक या वित्त विधेयक होने का अंतिम निर्णय कौन करता है?

  1. भारत का राष्ट्रपति
  2. राज्य सभा का सभापति
  3. लोकसभा का अध्यक्ष
  4. संसद का कोई भी सदन

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 110 (3) के अनुसार, किसी विधेयक के धन विधेयक (Money Bill) होने या न होने के संबंध में लोकसभा के अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति लोकसभा अध्यक्ष को दी गई है ताकि धन विधेयकों पर शीघ्रता और कुशलता से निर्णय लिया जा सके, क्योंकि ऐसे विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किए जा सकते हैं और राज्य सभा के पास उन्हें अस्वीकृत करने या संशोधित करने की सीमित शक्तियाँ होती हैं।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति को यह अधिकार नहीं है, वे केवल विधेयक पर हस्ताक्षर करते हैं या पुनर्विचार के लिए भेजते हैं (यदि यह धन विधेयक नहीं है)। राज्य सभा का सभापति (जो उपराष्ट्रपति होता है) धन विधेयक के रूप में प्रमाणित करने का अधिकार नहीं रखता। संसद का कोई भी सदन भी यह निर्णय नहीं ले सकता, अंतिम निर्णय अध्यक्ष का होता है।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक कर्तव्य भारत के नागरिकों के लिए अनिवार्य नहीं है?

  1. संवैधानिक आदर्शों, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय गान का सम्मान करना।
  2. अमीर-गरीब के बीच के अंतर को कम करने का प्रयास करना।
  3. सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना और हिंसा से दूर रहना।
  4. भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना और उसे बनाए रखना।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नागरिकों के लिए मौलिक कर्तव्य संविधान के भाग IV-A (अनुच्छेद 51A) में वर्णित हैं। इसमें “सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना और हिंसा से दूर रहना” (51A (i)), “संवैधानिक आदर्शों, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय गान का सम्मान करना” (51A (a)), और “संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना” (51A (c)) शामिल हैं। ‘अमीर-गरीब के बीच अंतर को कम करने का प्रयास करना’ राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का उद्देश्य है, न कि नागरिक का मौलिक कर्तव्य।
  • संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्य नागरिकों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करते हैं, जबकि DPSP राज्य के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।
  • गलत विकल्प: (a), (c), और (d) स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 51A में सूचीबद्ध मौलिक कर्तव्य हैं। (b) एक DPSP का लक्ष्य है, जो सामाजिक-आर्थिक समानता लाने का प्रयास करता है।

प्रश्न 15: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की स्थापना किस वर्ष की गई थी?

  1. 1956
  2. 1964
  3. 1971
  4. 1985

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की स्थापना 1964 में हुई थी। यह केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए गठित एक सर्वोच्च सरकारी संस्था है। यह एक सांविधिक निकाय है, लेकिन इसकी शक्तियां 2003 में CVC अधिनियम के पारित होने के बाद मिलीं।
  • संदर्भ और विस्तार: CVC की स्थापना भ्रष्टाचार निवारण पर संथानम समिति की सिफारिशों के आधार पर की गई थी।
  • गलत विकल्प: 1956, 1971 और 1985 गलत वर्ष हैं।

प्रश्न 16: ‘धर्मनिरपेक्षता’ शब्द का अर्थ है?

  1. सभी धर्मों का सम्मान और राज्य का किसी भी धर्म से विशेष जुड़ाव न होना।
  2. केवल एक विशेष धर्म को बढ़ावा देना।
  3. धर्म को राजनीति से पूरी तरह अलग रखना, भले ही वह व्यक्तिगत हो।
  4. राज्य द्वारा सभी धर्मों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है कि राज्य सभी धर्मों को समान सम्मान देता है और किसी भी धर्म को आधिकारिक धर्म के रूप में नहीं अपनाता। भारतीय संदर्भ में, यह ‘सर्व धर्म समभाव’ के सिद्धांत पर आधारित है। यह शब्द प्रस्तावना में 42वें संशोधन (1976) द्वारा जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी मॉडल से भिन्न है; यह राज्य को धर्म से दूर रखने के बजाय सभी धर्मों को समान व्यवहार करने पर केंद्रित है।
  • गलत विकल्प: (b) और (d) धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध हैं। (c) एक अतिवादी व्याख्या है; राज्य व्यक्तिगत धर्म को प्रतिबंधित नहीं करता, बल्कि स्वयं किसी विशेष धर्म का पक्षधर नहीं होता।

प्रश्न 17: संविधान का कौन सा भाग पंचायत और नगर पालिकाओं से संबंधित है?

  1. भाग IX
  2. भाग IXA
  3. भाग X
  4. भाग XI

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का भाग IX (अनुच्छेद 243 से 243O) पंचायतों से संबंधित है, जिसे 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था। भाग IXA (अनुच्छेद 243P से 243ZG) नगर पालिकाओं से संबंधित है, जिसे 74वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: ये दोनों भाग भारत में स्थानीय स्वशासन के महत्वपूर्ण संवैधानिक आधार हैं।
  • गलत विकल्प: भाग IX पंचायतों से संबंधित है, इसलिए इसे नहीं चुना जा सकता। भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है। भाग XI संघ और राज्यों के बीच विधायी और प्रशासनिक संबंधों से संबंधित है।

प्रश्न 18: अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन की घोषणा ______ के प्रस्ताव पर की जा सकती है।

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के महान्यायवादी
  3. राज्यपाल
  4. संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन की घोषणा सामान्यतः राज्य के राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर की जाती है, या यदि राष्ट्रपति को अन्यथा संतुष्टि हो जाए कि राज्य का शासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता।
  • संदर्भ और विस्तार: यह प्रावधान राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता की स्थिति में केंद्र को हस्तक्षेप करने की शक्ति देता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति शासन की घोषणा भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, लेकिन आमतौर पर यह राज्यपाल की रिपोर्ट पर या राज्यपाल की रिपोर्ट के बिना भी हो सकती है यदि राष्ट्रपति को स्वयं जानकारी हो। महान्यायवादी या उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की रिपोर्ट आवश्यक नहीं होती।

प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सी स्थिति उच्चतम न्यायालय को ‘सर्वोच्च न्यायालय’ बनाती है?

  1. सभी अपीलों का अंतिम न्यायालय होना।
  2. भारतीय संविधान का संरक्षक होना।
  3. नागरिकों के मौलिक अधिकारों का गारंटर होना।
  4. उपरोक्त सभी।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) कई कारणों से ‘सर्वोच्च’ है। यह अनुच्छेद 136 के तहत सभी अपीलों का अंतिम न्यायालय है (अपीलीय क्षेत्राधिकार)। यह अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र-राज्य और अंतः-राज्य विवादों का मूल क्षेत्राधिकार रखता है। यह अनुच्छेद 132, 133, 134 के तहत अपीलीय क्षेत्राधिकार और अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अवकाश अपीलीय क्षेत्राधिकार रखता है। यह अनुच्छेद 13 (मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करने वाले कानूनों को शून्य घोषित करने की शक्ति) के तहत भारतीय संविधान का संरक्षक है और अनुच्छेद 32 के तहत नागरिकों के मौलिक अधिकारों का गारंटर है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये सभी भूमिकाएँ मिलकर सर्वोच्च न्यायालय को न्यायपालिका का शिखर बनाती हैं।
  • गलत विकल्प: चूंकि (a), (b), और (c) सभी सही हैं, इसलिए (d) सही उत्तर है।

प्रश्न 20: भारत के किस राज्य में पहली बार पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई थी?

  1. राजस्थान
  2. उत्तर प्रदेश
  3. बिहार
  4. महाराष्ट्र

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और ऐतिहासिक संदर्भ: पंचायती राज का उद्घाटन 2 अक्टूबर 1959 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा राजस्थान के नागौर जिले के बगदरी गांव में किया गया था। यह बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिशों के अनुरूप था।
  • संदर्भ और विस्तार: राजस्थान के बाद, आंध्र प्रदेश दूसरा राज्य बना जिसने पंचायती राज व्यवस्था लागू की।
  • गलत विकल्प: उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र बाद में या अलग-अलग समय पर इस व्यवस्था को लागू करने वाले राज्यों में से थे।

प्रश्न 21: भारत के राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति का उल्लेख किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 76
  3. अनुच्छेद 123
  4. अनुच्छेद 161

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमा, दंड विराम, प्रविलंबन, लघुकरण या परिहार करने की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति को न्याय के कठोर अनुप्रयोग को कुछ मानवीय आधारों पर कम करने की अनुमति देती है। इसी प्रकार, राज्यपाल के पास भी अनुच्छेद 161 के तहत क्षमादान की शक्ति है, जो राष्ट्रपति की शक्ति से थोड़ी भिन्न है (जैसे मृत्युदंड को क्षमा करने की शक्ति राज्यपाल के पास नहीं है)।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 76 महान्यायवादी से संबंधित है। अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 161 राज्यपाल की क्षमादान शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 22: ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ (DPSP) संविधान के किस भाग में वर्णित हैं?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग V
  4. भाग VI

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत देश के शासन में मौलिक हैं और यह राज्य का कर्तव्य है कि वह कानून बनाते समय इन सिद्धांतों को लागू करे। ये न्यायोचित नहीं हैं, अर्थात इन्हें अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका से संबंधित है। भाग VI राज्यों की कार्यपालिका से संबंधित है।

प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है?

  1. सिंधी
  2. कोंकणी
  3. डोगरी
  4. राजस्थानी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुसूची संदर्भ: भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त है। सिंधी (1967, 21वां संशोधन), कोंकणी और मणिपुरी (1992, 71वां संशोधन), और डोगरी, बोडो, मैथिली और संथाली (2003, 92वां संशोधन) बाद में जोड़ी गईं। राजस्थानी एक प्रमुख भारतीय भाषा है, लेकिन इसे वर्तमान में 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं को सरकारी सहायता और प्रतिनिधित्व मिलता है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल हैं। (d) राजस्थानी वर्तमान में इसमें शामिल नहीं है।

प्रश्न 24: भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोकसभा का अध्यक्ष
  4. भारत का मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का महान्यायवादी (Attorney General of India) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 76 के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का प्रतिनिधित्व करता है। नियुक्ति के लिए वही योग्यताएँ होनी चाहिए जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के लिए आवश्यक हैं।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा का अध्यक्ष या भारत का मुख्य न्यायाधीश महान्यायवादी की नियुक्ति नहीं करते हैं; यह शक्ति राष्ट्रपति के पास है।

प्रश्न 25: किस संशोधन के द्वारा ‘संपत्ति के अधिकार’ को मौलिक अधिकार की सूची से हटाकर अनुच्छेद 300A के तहत एक कानूनी अधिकार बना दिया गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 31) की सूची से हटा दिया और इसे संविधान के भाग XII में एक नए अनुच्छेद 300A के तहत एक कानूनी या विधिक अधिकार बना दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य संपत्ति के अधिकार के संबंध में अनिश्चितताओं को दूर करना और विकास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण को सुगम बनाना था।
  • गलत विकल्प: 42वां संशोधन (1976) ने प्रस्तावना में समाजवाद, पंथनिरपेक्षता, अखंडता जैसे शब्द जोड़े। 52वां संशोधन (1985) दलबदल विरोधी कानून से संबंधित है। 61वां संशोधन (1989) ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी।

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