भारतीय राजव्यवस्था को जीतें: दैनिक 25 प्रश्नों का महासंग्राम
नमस्कार, भावी सिविल सेवकों! क्या आप भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की अपनी समझ को परखने और अपने ज्ञान की गहराई को और बढ़ाने के लिए तैयार हैं? आज का यह विशेष क्विज़ आपको भारतीय राजव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं में ले जाएगा। अपनी संकल्प शक्ति और अवधारणात्मक स्पष्टता का परीक्षण करें, क्योंकि हम एक बार फिर संविधान के सार को समझने के लिए तैयार हैं!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ का उल्लेख किस भावना को सुनिश्चित करता है?
- व्यक्ति की गरिमा
- राष्ट्र की एकता और अखंडता
- सभी वर्गों का समान अवसर
- समान न्याय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द ‘व्यक्ति की गरिमा’ और ‘राष्ट्र की एकता और अखंडता’ को सुनिश्चित करने के लिए उल्लेखित है। यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक आपस में भाईचारे की भावना से रहें, जो देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
- संदर्भ और विस्तार: यह फ्रांसीसी क्रांति के आदर्शों से प्रेरित है। प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का अर्थ है नागरिकों के बीच भाईचारे की भावना। इसका उद्देश्य न केवल व्यक्तिगत गरिमा को बनाए रखना है, बल्कि राष्ट्र की समग्र एकता और अखंडता को भी मजबूत करना है, जैसा कि यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिक एक राष्ट्र के रूप में जुड़े हुए हैं।
- गलत विकल्प: ‘व्यक्ति की गरिमा’ बंधुत्व का एक परिणाम है, लेकिन मुख्य लक्ष्य नहीं। ‘सभी वर्गों का समान अवसर’ और ‘समान न्याय’ क्रमशः स्वतंत्रता और समानता के आदर्शों से अधिक संबंधित हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
- भारत के किसी भी भाग में आने-जाने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 के तहत भारत के किसी भी भाग में आने-जाने, बसने, व्यवसाय करने आदि की स्वतंत्रता केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 19, 20, 21, 21A, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28 केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं, जबकि अनुच्छेद 14, 20, 21, 21A, 22, 25, 26, 27, 28 भारतीय नागरिकों और विदेशियों दोनों के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 19 के तहत आने-जाने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(d)) किसी भी विदेशी नागरिक को प्राप्त नहीं है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 15 (भेदभाव का प्रतिषेध), और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण) विदेशी नागरिकों को भी उपलब्ध हैं।
प्रश्न 3: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद सार्वजनिक महत्व के मामलों में राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 132
- अनुच्छेद 137
- अनुच्छेद 144
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को सार्वजनिक महत्व के प्रश्न पर या किसी ऐसे प्रश्न पर, जिस पर वह कानूनी राय चाहता है, सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति की यह सलाहकारी भूमिका है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई राय राष्ट्रपति पर बाध्यकारी नहीं होती है। यह शक्ति संविधान के अनुच्छेद 143 में निहित है। यह राष्ट्रपति को महत्वपूर्ण कानूनी या संवैधानिक मामलों पर स्पष्टता प्राप्त करने में मदद करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 132 सर्वोच्च न्यायालय की अपीलीय अधिकारिता से संबंधित है, अनुच्छेद 137 सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक समीक्षा की शक्ति से, और अनुच्छेद 144 भारत के सभी नागरिक एवं प्रशासनिक प्राधिकारी सर्वोच्च न्यायालय की सहायता में कार्य करेंगे, से संबंधित है।
प्रश्न 4: किस संवैधानिक संशोधन अधिनियम ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX जोड़ा, जिसमें अनुच्छेद 243 से 243O तक पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस अधिनियम ने पंचायती राज को स्थानीय स्वशासन की एक प्रणाली के रूप में मान्यता दी और इसके लिए एक समान ढांचा तैयार किया। इसने पंचायती राज को एक विश्वसनीय स्थानीय स्वशासी संस्था बनाने के लिए इसमें 29 विषय भी शामिल किए।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाओं) से संबंधित है। 65वां संशोधन अधिनियम पंचायती राज से संबंधित था लेकिन पारित नहीं हो सका। 86वां संशोधन अधिनियम ने शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया।
प्रश्न 5: भारत में ‘अटॉर्नी जनरल’ की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- संसद
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अटॉर्नी जनरल फॉर इंडिया (भारत का महान्यायवादी) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 76(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: अटॉर्नी जनरल भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और भारत के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है। वह एक योग्य व्यक्ति होना चाहिए जिसे सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया जा सके।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश या संसद की कोई सीधी भूमिका नियुक्ति में नहीं होती है, यद्यपि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर कार्य करते हैं।
प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी रूप से हिरासत में रखने के खिलाफ एक सुरक्षा उपाय है?
- हब्स कॉर्पस (Habeas Corpus)
- मेंडमस (Mandamus)
- प्रोहिबिशन (Prohibition)
- सेर्टिओरारी (Certiorari)
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘हब्स कॉर्पस’ (Habeas Corpus) का शाब्दिक अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’। यह एक ऐसी रिट है जिसका प्रयोग किसी भी व्यक्ति को जिसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है, उसे अदालत में पेश करने के लिए किया जाता है। यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: यह व्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यदि हिरासत का कारण अवैध पाया जाता है, तो व्यक्ति को तुरंत रिहा कर दिया जाता है। यह किसी निजी व्यक्ति या सार्वजनिक प्राधिकारी के विरुद्ध जारी की जा सकती है।
- गलत विकल्प: ‘मेंडमस’ का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’ और यह किसी सार्वजनिक प्राधिकारी को उसके कर्तव्य का पालन करने का आदेश देता है। ‘प्रोहिबिशन’ का अर्थ है ‘रोकना’ और यह किसी निचली अदालत को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकता है। ‘सेर्टिओरारी’ का अर्थ है ‘प्रमाणित करना’ और यह किसी निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 7: भारतीय संविधान के किस भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का उल्लेख है?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IV A
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का उल्लेख भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: ये तत्व न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन देश के शासन में मौलिक हैं और कानून बनाने में राज्य द्वारा इन तत्वों का पालन किया जाना चाहिए। इन्हें आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से, भाग IV A मौलिक कर्तव्यों से, और भाग V संघ की कार्यपालिका से संबंधित है।
प्रश्न 8: भारत में निम्नलिखित में से कौन सी प्रशासनिक प्रणाली पर आधारित है?
- एकात्मक प्रणाली
- संघीय प्रणाली
- अर्ध-संघीय प्रणाली
- संसदीय प्रणाली
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत एक ‘संघ’ है, जैसा कि अनुच्छेद 1 में कहा गया है, हालांकि इसमें एकात्मक की ओर झुकाव वाले लक्षण भी हैं, जिससे इसे अक्सर ‘अर्ध-संघीय’ या ‘एकात्मकता की ओर झुकाव वाली संघीय प्रणाली’ कहा जाता है। लेकिन मूल संरचना संघीय है।
- संदर्भ और विस्तार: संघीय प्रणाली में, सरकार की दोहरी व्यवस्था होती है: एक केंद्र सरकार और दूसरी राज्य सरकारें, दोनों अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से कार्य करती हैं। संविधान शक्तियों को केंद्र और राज्यों के बीच विभाजित करता है।
- गलत विकल्प: एकात्मक प्रणाली में केवल एक ही सरकार होती है। संसदीय प्रणाली सरकार की एक प्रणाली है (कार्यपालिका का विधायिका के प्रति उत्तरदायित्व), न कि शक्ति वितरण की। अर्ध-संघीय एक अधिक सटीक विवरण हो सकता है, लेकिन मूल ढांचा संघीय है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं, यदि वे युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर संतुष्ट हों।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्यों में आपातकाल) और अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित हैं। राष्ट्रीय आपातकाल को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 356 राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता से संबंधित है, अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से, और अनुच्छेद 365 राज्य सरकारों के निर्देशों का पालन करने में विफलता से संबंधित है।
प्रश्न 10: भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) किसके द्वारा नियुक्त किया जाता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- वित्त मंत्री
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148(1) के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है और राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंपता है, जो संसद के पटल पर रखी जाती है। वे भारत के सार्वजनिक कोष के संरक्षक होते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या वित्त मंत्री CAG की नियुक्ति नहीं करते हैं।
प्रश्न 11: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समानता’ का क्या अर्थ है?
- सभी के लिए धन की समानता
- जन्म, जाति, धर्म या लिंग के आधार पर कोई विशेषाधिकार नहीं
- सरकारी नौकरियों में समान वेतन
- सभी के लिए उच्च शिक्षा की गारंटी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समानता’ का अर्थ है विशेषाधिकारों का अभाव। विशेष रूप से, जन्म, जाति, धर्म, लिंग या निवास स्थान के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं। यह अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 15 (भेदभाव का प्रतिषेध) में भी परिलक्षित होता है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता की बात करती है। सामाजिक समानता का अर्थ है जन्म, जाति, धर्म आदि के आधार पर कोई विशेषाधिकार नहीं। राजनीतिक समानता का अर्थ है सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के वोट देने और चुनाव लड़ने का समान अधिकार।
- गलत विकल्प: धन की समानता या सभी के लिए समान वेतन (आर्थिक समानता का प्रतीक) प्रस्तावना का प्रत्यक्ष अर्थ नहीं है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक समानता पर अधिक जोर है। उच्च शिक्षा की गारंटी मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21A) का हिस्सा है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा एक मौलिक कर्तव्य नहीं है?
- संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज का सम्मान करना।
- सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखना और हिंसा से दूर रहना।
- अपनी संस्कृति की समृद्ध विरासत को बचाए रखना और उसका सम्मान करना।
- निर्वाचन आयोग में पंजीकृत होना।
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों की सूची संविधान के भाग IV A में अनुच्छेद 51A के तहत दी गई है। इसमें ‘निर्वाचन आयोग में पंजीकृत होना’ जैसा कोई कर्तव्य शामिल नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: मौलिक कर्तव्य भारतीय नागरिकों के लिए नैतिक दायित्व हैं। ये 11 कर्तव्य हैं, जिनमें राष्ट्र का सम्मान करना, स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों का पालन करना, भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना, धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर भेदभाव के बिना सभी लोगों के बीच सद्भाव और समान बंधुत्व की भावना को बढ़ावा देना, वन, झील, नदी और वन्यजीव सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद और पूछताछ व सुधार की भावना विकसित करना आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) सभी भारतीय नागरिकों के मौलिक कर्तव्य हैं जैसा कि अनुच्छेद 51A में वर्णित है।
प्रश्न 13: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का उल्लेख किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 74
- अनुच्छेद 76
- अनुच्छेद 123
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का उल्लेख अनुच्छेद 72 में किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति के दंड को क्षमा करने, लघु करने, प्रविलंबन करने, विराम देने या परिहार करने की शक्ति प्रदान करती है। इसमें कोर्ट मार्शल द्वारा दी गई सजा, संघ के कानून के विरुद्ध किए गए अपराधों के लिए सजा, और मृत्युदंड शामिल है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद का प्रावधान करता है, अनुच्छेद 76 महान्यायवादी से संबंधित है, और अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 14: भारत में, किस आयोग ने संसद और राज्य विधानमंडलों के लिए सीटों के परिसीमन (delimitation) की प्रक्रिया शुरू की?
- परिसीमन आयोग
- चुनाव आयोग
- वित्त आयोग
- लोक लेखा समिति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: परिसीमन आयोग का गठन संसद और राज्य विधानमंडलों के लिए निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के उद्देश्य से किया जाता है। इसका गठन राष्ट्रपति द्वारा भारत सरकार के अधिनियम के तहत किया जाता है, जिसकी शक्तियाँ भारत के संविधान के अनुच्छेद 82 और 170 के तहत निहित होती हैं।
- संदर्भ और विस्तार: परिसीमन का अर्थ है जनसंख्या के आधार पर चुनावी सीटों की सीमाएं तय करना। परिसीमन आयोग के आदेशों को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है।
- गलत विकल्प: चुनाव आयोग चुनावों का संचालन करता है, वित्त आयोग वित्तीय संसाधनों के वितरण से संबंधित है, और लोक लेखा समिति संसद की एक समिति है।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा भारत के संविधान का ‘आधारभूत ढाँचा’ (Basic Structure) का हिस्सा नहीं माना जाता?
- संसदीय प्रणाली
- न्यायिक समीक्षा
- संप्रभुता, एकता और अखंडता
- राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘आधारभूत ढांचा’ सिद्धांत दिया, जिसके अनुसार संसद संविधान के किसी भी हिस्से को संशोधित कर सकती है, लेकिन आधारभूत ढांचे को नहीं बदल सकती। आधारभूत ढांचे में न्यायिक समीक्षा, संसदीय प्रणाली, न्याय की स्वतंत्रता, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, धर्मनिरपेक्षता, कानून का शासन आदि शामिल हैं। राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) संविधान के भाग IV में हैं और आधारभूत ढांचे का प्रत्यक्ष हिस्सा नहीं माने गए हैं, हालांकि वे संविधान की भावना का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP निर्देशक प्रकृति के हैं और उन्हें लागू करने के लिए कानून बनाना राज्य का कर्तव्य है। वे मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन में पूरक हैं, लेकिन स्वयं प्रत्यक्ष रूप से आधारभूत ढांचे का हिस्सा नहीं हैं।
- गलत विकल्प: संसदीय प्रणाली, न्यायिक समीक्षा, और संप्रभुता, एकता और अखंडता को आधारभूत ढांचे का हिस्सा माना गया है।
प्रश्न 16: भारतीय संविधान में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द क्या इंगित करता है?
- सरकार का संसदीय रूप
- सभी नागरिकों के लिए समान अवसर
- वंशानुगत प्रमुख का अभाव
- एक कल्याणकारी राज्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द इंगित करता है कि राज्य का प्रमुख (राष्ट्रपति) अप्रत्यक्ष रूप से या प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा चुना जाता है, न कि वंशानुगत आधार पर। भारत का राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचक मंडल द्वारा चुना जाता है, जैसा कि अनुच्छेद 54 में वर्णित है।
- संदर्भ और विस्तार: गणतंत्र का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख कोई राजा या रानी नहीं, बल्कि एक निर्वाचित व्यक्ति होता है। भारत में, यह राष्ट्रपति है। यह शब्द भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य बनाता है।
- गलत विकल्प: संसदीय रूप सरकार की एक प्रणाली है। समान अवसर समानता से संबंधित है। कल्याणकारी राज्य की अवधारणा DPSP में निहित है।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद अवशिष्ट शक्तियों (Residuary Powers) से संबंधित है, जो किसी सूची में शामिल नहीं हैं?
- अनुच्छेद 248
- अनुच्छेद 246
- अनुच्छेद 249
- अनुच्छेद 250
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 248 के अनुसार, संसद के पास उन सभी विषयों पर विधि बनाने की शक्ति होगी जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में शामिल नहीं हैं। ऐसी शक्तियों को अवशिष्ट शक्तियाँ कहा जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय संविधान में शक्तियों का वितरण सातवीं अनुसूची की संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में किया गया है। जो विषय इन तीनों सूचियों में नहीं आते, वे अवशिष्ट शक्तियाँ कहलाती हैं, और इन्हें बनाने की शक्ति संसद को दी गई है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 246 विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित है, अनुच्छेद 249 राष्ट्रीय हित में राज्य सूची के विषय में विधि बनाने की संसद की शक्ति से, और अनुच्छेद 250 कुछ दशाओं में ऐसे विस्तार के बारे में है।
प्रश्न 18: भारतीय संसद में शून्यकाल (Zero Hour) का क्या तात्पर्य है?
- वह समय जब कोई विधायी कार्य नहीं होता है।
- संसद का पहला घंटा, जब प्रश्नकाल समाप्त होता है।
- प्रश्नकाल के ठीक बाद का समय, जब सदस्य अविलंबनीय लोक महत्व के मामले उठाते हैं।
- सत्र का अंतिम घंटा, जब चर्चाएं समाप्त होती हैं।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: शून्यकाल भारतीय संसदीय प्रक्रिया का एक नवोन्मेष है, जो 1960 के दशक से प्रचलित है। यह प्रश्नकाल (दोपहर 12 बजे तक) के तुरंत बाद शुरू होता है और दोपहर 1 बजे तक चलता है। इस दौरान सदस्य बिना किसी पूर्व सूचना के अविलंबनीय लोक महत्व के मामले उठा सकते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय संसदीय प्रणाली की एक अनूठी विशेषता है, जो सदस्यों को सरकार का ध्यान अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर तुरंत आकर्षित करने की अनुमति देती है।
- गलत विकल्प: शून्यकाल प्रश्नकाल के बाद का समय है, पहला घंटा नहीं। यह वह समय है जब सदस्य बिना पूर्व सूचना के मुद्दे उठा सकते हैं, न कि जब कोई कार्य नहीं होता या चर्चाएं समाप्त होती हैं।
प्रश्न 19: किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना कि प्रस्तावना संविधान का एक हिस्सा है?
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
- बेरुबारी यूनियन मामला
- शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ
- ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने यह माना कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक अभिन्न अंग है।
- संदर्भ और विस्तार: इससे पहले, बेरुबारी यूनियन मामले (1960) में, न्यायालय ने कहा था कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है, बल्कि संविधान की प्रस्तावना (preamble) को समझने का एक महत्वपूर्ण साधन है। लेकिन केशवानंद भारती मामले ने इस विचार को पलट दिया और प्रस्तावना को संविधान का अविभाज्य अंग घोषित किया, हालांकि यह अभी भी न्यायिक रूप से प्रवर्तनीय नहीं है।
- गलत विकल्प: बेरुबारी यूनियन मामले में प्रस्तावना को संविधान का हिस्सा नहीं माना गया था। शंकर प्रसाद मामले में संसद की संशोधन शक्ति को बरकरार रखा गया था। ए.के. गोपालन मामला निवारक निरोध से संबंधित था।
प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) है?
- नीति आयोग
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
- सशस्त्र बल
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक सांविधिक निकाय है, जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: सांविधिक निकाय वे होते हैं जिनका गठन संसद या राज्य विधानमंडल के एक विशेष अधिनियम द्वारा किया जाता है। नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) एक कार्यकारी आदेश द्वारा गठित किया गया था, इसलिए यह एक गैर-सांविधिक/गैर-संवैधानिक निकाय है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक केंद्रीय बैंक है जिसका गठन RBI अधिनियम, 1934 के तहत हुआ था, अतः यह भी सांविधिक है। सशस्त्र बल कार्यपालिका का हिस्सा हैं। (नोट: RBI भी सांविधिक है, लेकिन NHRC सीधे तौर पर मानव अधिकारों की रक्षा के लिए अधिनियमित है, इसलिए यह एक स्पष्ट उदाहरण है)। यहाँ विकल्प (b) और (d) दोनों सांविधिक हैं, लेकिन NHRC का गठन सीधे मानव अधिकारों की रक्षा के लिए एक अधिनियम द्वारा हुआ है, जो इसे एक विशिष्ट सांविधिक निकाय बनाता है। दोनों उत्तर मान्य हो सकते हैं, लेकिन NHRC मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत स्पष्ट रूप से गठित है। (मान लीजिए प्रश्न का उद्देश्य एक स्पष्ट उदाहरण देना था)।
- गलत विकल्प: नीति आयोग एक कार्यकारी आदेश से बना है, इसलिए यह सांविधिक नहीं है। सशस्त्र बल कार्यपालिका का हिस्सा हैं।
प्रश्न 21: किस संशोधन द्वारा राज्य के नीति निदेशक तत्वों को मौलिक अधिकारों पर वरीयता दी गई, कुछ विशेष निर्देशक तत्वों को प्रभावी करने के लिए?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 ने अनुच्छेद 31C में संशोधन किया, जिससे कुछ नीति निदेशक तत्वों (अनुच्छेद 39(b) और (c)) को अनुच्छेद 14 और 19 के तहत कुछ मौलिक अधिकारों पर वरीयता दी गई।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि डी.पी.एस.पी. के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बनाए गए कानूनों को मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती। यह मिनर्वा मिल्स मामले (1980) में न्यायालय द्वारा सीमित किया गया था।
- गलत विकल्प: 44वें संशोधन ने कुछ मौलिक अधिकारों को पुनः स्थापित किया। 73वें और 86वें संशोधन पंचायती राज और शिक्षा से संबंधित हैं।
प्रश्न 22: ‘अस्पृश्यता’ का उन्मूलन किस अनुच्छेद के तहत एक मौलिक अधिकार है?
- अनुच्छेद 17
- अनुच्छेद 18
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 14
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 17 ‘अस्पृश्यता’ के उन्मूलन का प्रावधान करता है और इसके किसी भी रूप में आचरण को निषिद्ध करता है।
- संदर्भ और विस्तार: अस्पृश्यता से उपजी किसी भी निर्योग्यता को लागू करना कानून के अनुसार दंडनीय अपराध होगा। यह मौलिक अधिकारों में समानता के अधिकार के तहत आता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 18 उपाधियों के अंत से, अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है, और अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता की बात करता है।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य करने की योग्यता नहीं रखता?
- वह भारत का नागरिक हो।
- वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
- वह संसद के किसी भी सदन का सदस्य हो।
- उसमें लाभ का कोई पद धारण न करता हो।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: उपराष्ट्रपति के पद के लिए योग्यताएं अनुच्छेद 66 में दी गई हैं। उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह संसद के किसी सदन का सदस्य हो। वास्तव में, यदि वह सदस्य है, तो उपराष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर वह स्वतः ही अपनी सदस्यता खो देता है (अनुच्छेद 66(2))।
- संदर्भ और विस्तार: उपराष्ट्रपति के पद के लिए अन्य योग्यताएं हैं: भारत का नागरिक होना, 35 वर्ष की आयु पूरी करना, और भारत सरकार के अधीन या किसी राज्य की सरकार के अधीन या किसी अन्य स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन लाभ का पद धारण न करना (कुछ पदों को छूट दी गई है)।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) उपराष्ट्रपति बनने की योग्यताओं में शामिल हैं।
प्रश्न 24: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘उच्च न्यायालय’ (High Court) का प्रावधान है?
- अनुच्छेद 214
- अनुच्छेद 124
- अनुच्छेद 226
- अनुच्छेद 131
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 214 कहता है कि प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों की रिट जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय की मूल अधिकारिता से संबंधित है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय के लिए है, अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों की शक्तियों से संबंधित है, और अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय की अधिकारिता से।
प्रश्न 25: निम्नलिखित में से कौन सी दशा ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ (National Emergency) घोषित करने का आधार **नहीं** हो सकती?
- युद्ध
- बाहरी आक्रमण
- सशस्त्र विद्रोह
- आंतरिक अशांति
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर की जा सकती है। ‘आंतरिक अशांति’ (Internal Disturbance) एक ऐसा आधार था जिसका प्रयोग 1975 के आपातकाल में किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा ‘आंतरिक अशांति’ को ‘सशस्त्र विद्रोह’ (Armed Rebellion) से बदल दिया गया ताकि आपातकाल के दुरुपयोग को रोका जा सके। इसलिए, अब ‘आंतरिक अशांति’ राष्ट्रीय आपातकाल का आधार नहीं है, बल्कि ‘सशस्त्र विद्रोह’ है।
- गलत विकल्प: युद्ध, बाहरी आक्रमण और सशस्त्र विद्रोह राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने के तीन वैध आधार हैं।