भारतीय राजव्यवस्था की पैनी नज़र: आज का टेस्ट
आइए, भारतीय संविधान और राजव्यवस्था की अपनी समझ को और गहरा करें! आज हम लाए हैं 25 चुनिंदा प्रश्न जो आपके ज्ञान की परीक्षा लेंगे और लोकतंत्र के इस आधार स्तंभ की बारीकियों से आपको अवगत कराएंगे। अपनी तैयारी को दें एक नई धार और देखें कि आप इस महासागर में कितनी गहराई तक उतर पाते हैं!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द किस संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘धर्मनिरपेक्ष’ (Secular) शब्द, ‘समाजवादी’ (Socialist) और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों के साथ, 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन को ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है क्योंकि इसने प्रस्तावना सहित संविधान के कई हिस्सों में महत्वपूर्ण बदलाव किए। प्रस्तावना को भारत के संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य के चरित्र को स्पष्ट करने के लिए संशोधित किया गया था।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर विधिक अधिकार बनाया। 52वां संशोधन (1985) दलबदल विरोधी प्रावधानों (10वीं अनुसूची) से संबंधित है। 61वां संशोधन (1989) ने मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल नागरिकों को उपलब्ध है, विदेशियों को नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है, केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: इसी प्रकार, अनुच्छेद 16 (सार्वजनिक रोजगार के मामलों में अवसर की समानता), अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सभा, संघ, आंदोलन, निवास और पेशा), अनुच्छेद 29 (अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण) और अनुच्छेद 30 (अल्पसंख्यकों द्वारा शिक्षण संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन) भी केवल नागरिकों के लिए हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता का संरक्षण) और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) जैसे अधिकार सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।
प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति के पद की रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन कितने समय के भीतर होना चाहिए?
- 6 महीने
- 1 वर्ष
- 2 वर्ष
- तत्काल
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 62(2) के अनुसार, राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति (मृत्यु, त्यागपत्र या पद से हटाए जाने के कारण) को भरने के लिए निर्वाचन, रिक्ति होने की तारीख के बाद यथासंभव शीघ्र, और हर स्थिति में, पद ग्रहण करने के लिए पात्र व्यक्ति द्वारा पद ग्रहण किए जाने के लिए छह महीने के भीतर पूरा किया जाएगा।
- संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति का पद खाली न रहे। यदि राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने के कारण पद रिक्त होता है, तो कार्यकाल की समाप्ति से पहले ही निर्वाचन करा लिया जाता है।
- गलत विकल्प: जबकि रिक्ति को ‘यथासंभव शीघ्र’ भरना होता है, संविधान में ‘छह महीने’ की अधिकतम समय सीमा निर्धारित की गई है। एक वर्ष, दो वर्ष या तत्काल की कोई निश्चित समय-सीमा संविधान में नहीं है, सिवाय इसके कि यह छह महीने के भीतर हो जाना चाहिए।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन एक ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है?
- निर्वाचन आयोग
- लोक सेवा आयोग
- वित्त आयोग
- नीति आयोग
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) एक संवैधानिक निकाय नहीं है। इसका गठन कार्यकारी आदेश (Cabinet Resolution) द्वारा किया गया था।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में किया गया है और जिनके गठन, शक्तियों और कार्यों का वर्णन संविधान में ही है। नीति आयोग भारत सरकार का एक नीति थिंक-टैंक है।
- गलत विकल्प: निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315), और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) तीनों ही भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं।
प्रश्न 5: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘राज्य’ को परिभाषित करता है, जिसमें विभिन्न प्रकार की संस्थाएं शामिल हैं?
- अनुच्छेद 12
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 12 ‘राज्य’ को परिभाषित करता है। यह परिभाषा मौलिक अधिकारों के संबंध में महत्वपूर्ण है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 12 के अनुसार, ‘राज्य’ में भारत की सरकार और संसद, प्रत्येक राज्य की सरकार और विधान-मंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार-क्षेत्र के अधीन सभी स्थानीय और अन्य प्राधिकारी (जैसे नगर पालिकाएं, पंचायती, पंचायतें, अधिसूचित क्षेत्र समितियां, आदि) शामिल हैं। यह सुनिश्चित करता है कि मौलिक अधिकार केवल सरकारी कार्यों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि राज्य के नियंत्रण वाली संस्थाओं के खिलाफ भी लागू हों।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 ‘मौलिक अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियाँ’ को शून्य घोषित करता है। अनुच्छेद 14 ‘विधि के समक्ष समानता’ और अनुच्छेद 15 ‘भेदभाव का प्रतिषेध’ से संबंधित हैं।
प्रश्न 6: किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 256
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 356, ‘राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता’ के बारे में है, जिसे आमतौर पर राष्ट्रपति शासन के रूप में जाना जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: यदि किसी राज्य का राज्यपाल राष्ट्रपति को यह सूचित करता है कि राज्य की सरकार संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाई जा सकती है, तो राष्ट्रपति उस राज्य में अनुच्छेद 356 के तहत अपने अधिकार का प्रयोग करके राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 256 केंद्र को राज्यों के संबंध में कुछ निर्देश जारी करने की शक्ति देता है।
प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को लोक पद धारण करने के लिए चुनौती देने हेतु जारी की जाती है?
- हेबियस कॉर्पस
- मैन्डेमस
- प्रोहिबिशन
- को-वॉरंटो (C.W.)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘को-वॉरंटो’ (C.W.) का अर्थ है ‘किस वारंट से’। यह एक उच्च न्यायालय द्वारा किसी व्यक्ति को उस सार्वजनिक पद को छोड़ने का आदेश देने के लिए जारी की जाती है, जिसे वह अवैध रूप से धारण कर रहा हो। यह अधिकारिता अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत आती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह रिट उस व्यक्ति के लिए है जो किसी सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से बैठ गया हो, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक पद केवल योग्य व्यक्तियों द्वारा ही धारण किए जाएं।
- गलत विकल्प: ‘हेबियस कॉर्पस’ का अर्थ है ‘आपके पास शरीर हो’ और यह अवैध हिरासत से मुक्ति के लिए है। ‘मैन्डेमस’ का अर्थ है ‘हम आज्ञा देते हैं’ और यह किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसका कर्तव्य निभाने के लिए जारी की जाती है। ‘प्रोहिबिशन’ का अर्थ है ‘रोकना’ और यह निचली अदालतों को उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 8: लोकसभा में **एंग्लो-इंडियन** समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा कितने सदस्यों को नामित किया जा सकता है, यदि उनका पर्याप्त प्रतिनिधित्व न हो?
- 1
- 2
- 3
- 4
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 334 के अनुसार, राष्ट्रपति लोकसभा में दो एंग्लो-इंडियन सदस्यों को नामित कर सकते थे, बशर्ते कि इस समुदाय का लोकसभा में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न हो।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, 104वें संशोधन अधिनियम, 2019 ने अनुच्छेद 334 में संशोधन कर दिया है, जिससे लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण की अवधि 25 जनवरी, 2020 तक बढ़ा दी गई है, लेकिन एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए नामांकन की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। यह प्रश्न संशोधन से पहले की व्यवस्था पर आधारित है।
- गलत विकल्प: 1, 3, या 4 सदस्यों का नामांकन कभी भी प्रावधान में नहीं था।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता करता है?
- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- उपराष्ट्रपति
- संसदीय कार्य मंत्री
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद के निर्णयों के बारे में सूचित करने के लिए बाध्य है (अनुच्छेद 78), लेकिन मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता करना प्रधानमंत्री का एक स्थापित अभ्यास और विशेषाधिकार है, यद्यपि संविधान में सीधे तौर पर इसके लिए कोई अनुच्छेद नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं और मंत्रिपरिषद के नेता के रूप में, वे बैठकों का एजेंडा तय करते हैं, चर्चाओं का मार्गदर्शन करते हैं, और मंत्रिपरिषद के कार्यों का समन्वय करते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति राज्य के प्रमुख हैं, सरकार के प्रमुख नहीं। उपराष्ट्रपति का कार्य संसद के सदनों की अध्यक्षता करना और राष्ट्रपति के कार्यों का निर्वहन करना है। संसदीय कार्य मंत्री नीतियों के कार्यान्वयन से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन वे बैठकों की अध्यक्षता नहीं करते।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान में ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत’ (DPSP) किस भाग में उल्लिखित हैं?
- भाग III
- भाग IV
- भाग IVA
- भाग V
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (Directive Principles of State Policy – DPSP) भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक में उल्लिखित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत आयरिश संविधान से प्रेरित हैं और राज्य को शासन के लिए मार्गदर्शन के रूप में कार्य करते हैं, जिसका उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है। हालांकि, ये गैर-न्यायिक (non-justiciable) हैं, जिसका अर्थ है कि न्यायालय इन्हें लागू नहीं करवा सकते।
- गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IVA मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ के बारे में है।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सी संसदीय समिति ‘सार्वजनिक धन का संरक्षक’ कहलाती है?
- प्राक्कलन समिति
- लोक लेखा समिति
- सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति
- याचिका समिति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee – PAC) को ‘सार्वजनिक धन का संरक्षक’ कहा जाता है। इसका गठन लोक लेखा समिति अधिनियम के तहत किया जाता है (हालांकि इसका आधार परंपरा है)।
- संदर्भ और विस्तार: इस समिति का मुख्य कार्य भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्टों की जांच करना है, जिसमें सरकार के व्यय का विवरण होता है। यह सुनिश्चित करती है कि सार्वजनिक धन का उपयोग कुशलतापूर्वक और विधिवत रूप से किया गया है।
- गलत विकल्प: प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) बजट की मांगों की जांच करती है। सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति सरकारी आश्वासनों के कार्यान्वयन की निगरानी करती है। याचिका समिति नागरिकों की याचिकाओं से संबंधित है।
प्रश्न 12: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ का कौन सा रूप शामिल नहीं है?
- सामाजिक
- आर्थिक
- राजनीतिक
- धार्मिक
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का आश्वासन देती है। ‘धार्मिक न्याय’ का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया है, हालांकि धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28) अप्रत्यक्ष रूप से धार्मिक स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करता है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना भारत के नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का संकल्प दिलाती है। यह न्याय विभिन्न रूपों में सुनिश्चित किया जाता है, जैसे कि आरक्षण (सामाजिक), न्यूनतम मजदूरी (आर्थिक), और सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार (राजनीतिक)।
- गलत विकल्प: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय प्रस्तावना के अभिन्न अंग हैं। धार्मिक न्याय का उल्लेख सीधे तौर पर नहीं है।
प्रश्न 13: भारतीय संविधान के किस संशोधन ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को भारतीय संविधान का भाग IX जोड़कर और एक नया अनुच्छेद 243 से 243O तक जोड़कर संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायती राज को एक स्वायत्त संस्था के रूप में स्थापित किया, जिसमें ग्राम सभा, पंचायतों की संरचना, आरक्षण, कार्यकाल और वित्तीय अधिकार जैसे प्रावधान शामिल हैं।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वां संशोधन पंचायती राज पर एक पूर्व प्रयास था जो पारित नहीं हुआ। 42वां संशोधन प्रस्तावना और आपातकाल से संबंधित था।
प्रश्न 14: ‘संविधान की आत्मा’ किसे कहा गया है?
- प्रस्तावना
- मौलिक अधिकार
- नीति निदेशक तत्व
- संघीय व्यवस्था
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना को अक्सर ‘संविधान की आत्मा’, ‘कुंजी’ या ‘आभूषण’ कहा जाता है। हालांकि, डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार) को ‘संविधान की आत्मा और हृदय’ कहा था।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान के उद्देश्यों, सिद्धांतों और दर्शन का सार प्रस्तुत करती है। यह बताती है कि भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य है और सभी नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुनिश्चित करता है।
- गलत विकल्प: मौलिक अधिकार नागरिकों के अधिकारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन प्रस्तावना व्यापक है। नीति निदेशक तत्व भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन ये राज्य के लिए मार्गदर्शन हैं। संघीय व्यवस्था शासन का एक स्वरूप है।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा कथन सर्वोच्च न्यायालय के ‘सलाहकार क्षेत्राधिकार’ के बारे में सही है?
- सर्वोच्च न्यायालय राष्ट्रपति को सलाह दे सकता है, लेकिन राष्ट्रपति उस सलाह को मानने के लिए बाध्य नहीं है।
- सर्वोच्च न्यायालय केवल उन मामलों पर सलाह दे सकता है जिनका संबंध सार्वजनिक महत्व के विधि या तथ्य के प्रश्न से है।
- सर्वोच्च न्यायालय की सलाह बाध्यकारी होती है।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 143 सर्वोच्च न्यायालय के सलाहकार क्षेत्राधिकार (Advisory Jurisdiction) से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 143 के तहत, राष्ट्रपति सार्वजनिक महत्व के विधि या तथ्य के किसी प्रश्न पर, या किसी ऐसे प्रश्न पर जो वह किसी संधि, या लिखित अभिसमय, या यह प्रश्न कि क्या वह विधि या अभिसमय, या उसका कोई उपबंध, उन विषयों में से किसी के बारे में, जो भारत के राज्यक्षेत्र में, किसी विधि द्वारा, या उसके अधीन, किसी घोषित या घोषित नहीं की गई शक्तियों के प्रयोग के लिए, उसके संबंध में, इस प्रकार के या इतने प्रभावी हों कि वे किसी भी प्रकार से, ऐसे उपबंधों के किसी भी प्रकार के, इस प्रकार की शक्तियों के प्रयोग के बारे में, या संबंधित हो, उच्चतम न्यायालय की राय मांग सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय अपनी राय दे सकता है, लेकिन यह राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं होती है, और न ही राष्ट्रपति उस राय को मानने के लिए बाध्य होते हैं।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) सभी सलाहकार क्षेत्राधिकार के महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाते हैं। सर्वोच्च न्यायालय की राय बाध्यकारी नहीं है, लेकिन यह सार्वजनिक महत्व के विधि या तथ्य के प्रश्न पर ही दी जाती है, और राष्ट्रपति इसे मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। इसलिए, सभी कथन सही हैं।
प्रश्न 16: भारतीय संविधान में ‘मौलिक कर्तव्य’ किस संशोधन द्वारा जोड़े गए?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान के भाग IV-A (अनुच्छेद 51A) में जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: ये कर्तव्य स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर आधारित थे। यह पहला अवसर था जब संविधान ने नागरिकों के कर्तव्यों का उल्लेख किया। ये कर्तव्य राज्य को नागरिकों को प्रेरित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
- गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) संपत्ति के अधिकार से संबंधित था। 52वां संशोधन (1985) दलबदल विरोधी कानून से संबंधित था। 61वां संशोधन (1989) मतदान की आयु से संबंधित था।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार संसद को राज्य सूची के किसी विषय पर कानून बनाने की शक्ति प्रदान करता है?
- अनुच्छेद 249
- अनुच्छेद 250
- अनुच्छेद 252
- अनुच्छेद 253
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 249 संसद को राष्ट्रीय हित में राज्य सूची के किसी भी विषय पर कानून बनाने की शक्ति देता है, यदि राज्यसभा राष्ट्रीय हित में ऐसा करने का प्रस्ताव पारित करे।
- संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद के तहत, राज्यसभा अपने उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से संकल्प पारित कर सकती है कि राष्ट्रीय हित में यह आवश्यक है कि संसद राज्य सूची के किसी भी विषय के संबंध में कानून बनाए। इस तरह के संकल्प के पारित होने के बाद, संसद उस विषय पर एक वर्ष के लिए कानून बना सकती है, जिसे प्रत्येक वर्ष एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 250 आपातकाल के दौरान राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 252 दो या दो से अधिक राज्यों के लिए विधान बनाने हेतु सहमति की शक्ति देता है। अनुच्छेद 253 अंतरराष्ट्रीय करारो को लागू करने के लिए विधान बनाने की शक्ति देता है।
प्रश्न 18: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?
- प्रधानमंत्री
- राष्ट्रपति
- सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
- लोकसभा का अध्यक्ष
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सभी वित्तीय मामलों का लेखा-जोखा रखता है और संसद की लोक लेखा समिति (PAC) को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण संवैधानिक पद है जो सरकार के वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने में मदद करता है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं, लेकिन नियुक्तिकर्ता नहीं। सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका का प्रमुख है। लोकसभा का अध्यक्ष सदन का प्रमुख है।
प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
- भाग III: मौलिक अधिकार
- भाग IV: राज्य के नीति निदेशक तत्व
- भाग IVA: मौलिक कर्तव्य
- भाग IXA: सहकारी समितियाँ
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भाग III मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 12-35) से संबंधित है। भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों (अनुच्छेद 36-51) से संबंधित है। भाग IVA मौलिक कर्तव्यों (अनुच्छेद 51A) से संबंधित है। भाग IXA सहकारी समितियों से संबंधित है, जिसे 97वें संशोधन अधिनियम, 2011 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: भाग IV-A को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था, न कि 97वें संशोधन द्वारा, जैसा कि यह अन्य भागों के लिए लागू होता है। प्रश्न में युग्मों को उनकी सामग्री के अनुसार जांचना है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) सही सुमेलित हैं। भाग IVA मौलिक कर्तव्यों को समाहित करता है, जिसे 42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया था। इसलिए, यह युग्म सही है। (यहां प्रश्न में थोड़ा सा भ्रम हो सकता है, लेकिन सबसे सीधा अर्थ यह है कि क्या भाग IVA में मौलिक कर्तव्य हैं, जो कि सही है। यदि प्रश्न ‘किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया’ पूछता तो (a) सही उत्तर होता। लेकिन प्रश्न ‘क्या समाहित है’ पूछ रहा है, जो सही है।)
प्रश्न 20: भारतीय संविधान के तहत, ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ (Residuary Powers) किसके पास हैं?
- केंद्र सरकार
- राज्य सरकारें
- केंद्र और राज्य दोनों
- किसी के पास नहीं
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 248 के अनुसार, अवशिष्ट शक्तियाँ (अर्थात वे शक्तियाँ जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में शामिल नहीं हैं) संघ सरकार (केंद्र सरकार) के पास निहित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में, शक्तियों का वितरण संविधान की सातवीं अनुसूची में संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में किया गया है। अवशिष्ट शक्तियाँ उन विषयों पर कानून बनाने की शक्ति हैं जो इन सूचियों में स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध नहीं हैं। भारत ने यह मॉडल कनाडा के संविधान से लिया है।
- गलत विकल्प: राज्य सरकारों के पास केवल राज्य सूची के विषय में कानून बनाने की शक्ति है। केंद्र और राज्य दोनों के पास साझा शक्तियाँ समवर्ती सूची में हैं।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ (Right to Constitutional Remedies) के तहत रिट जारी कर सकती है?
- केवल सर्वोच्च न्यायालय
- केवल उच्च न्यायालय
- सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय दोनों
- जिला न्यायालय
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संवैधानिक उपचारों का अधिकार, जो अनुच्छेद 32 के तहत मौलिक अधिकार है, सर्वोच्च न्यायालय को रिट जारी करने की शक्ति देता है। वहीं, अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालयों को भी यह शक्ति प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 32 मौलिक अधिकारों को लागू कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय को पांच प्रकार की रिट (हेबियस कॉर्पस, मैंडामस, प्रोहिबिशन, सर्टिओरारी और को-वॉरंटो) जारी करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 226 के तहत, उच्च न्यायालयों को मौलिक अधिकारों के साथ-साथ अन्य कानूनी अधिकारों को लागू कराने के लिए भी ऐसी रिट जारी करने की शक्ति प्राप्त है, और उनका क्षेत्राधिकार सर्वोच्च न्यायालय की तुलना में व्यापक हो सकता है।
- गलत विकल्प: केवल सर्वोच्च न्यायालय या केवल उच्च न्यायालय का कथन गलत है। जिला न्यायालयों को रिट जारी करने की शक्ति नहीं है।
प्रश्न 22: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ का उल्लंघन करने पर किसी सदस्य को सदन से निष्कासित किया जा सकता है। यह अधिकार संविधान के किस अनुच्छेद से प्राप्त होता है?
- अनुच्छेद 105
- अनुच्छेद 194
- अनुच्छेद 122
- अनुच्छेद 118
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 भारतीय संसद के सदस्यों को कुछ विशेषाधिकार और उन्मुक्तियाँ प्रदान करता है। इसी प्रकार, अनुच्छेद 194 राज्य विधानमंडलों के सदस्यों के लिए समान प्रावधान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 105 के तहत, संसद और उसके सदस्यों को भाषण की स्वतंत्रता, समितियों में कार्यवाही की स्वतंत्रता, और अन्य विशेषाधिकार प्राप्त हैं। यदि कोई सदस्य इन विशेषाधिकारों का उल्लंघन करता है, तो सदन (अध्यक्ष या सभापति के माध्यम से) उसे अनुशासित कर सकता है, जिसमें निष्कासन भी शामिल है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 194 राज्य विधानमंडलों से संबंधित है। अनुच्छेद 122 कहता है कि संसद में की गई कार्यवाही की विधि-मान्यता को किसी भी न्यायिक प्रक्रिया में चुनौती नहीं दी जाएगी। अनुच्छेद 118 संसद को अपनी प्रक्रिया के लिए नियम बनाने की शक्ति देता है।
प्रश्न 23: अनुच्छेद 370, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देता था, को भारतीय संविधान से **हटाने** के लिए किस संविधान संशोधन अधिनियम का प्रयोग किया गया?
- 101वां संशोधन अधिनियम, 2016
- 102वां संशोधन अधिनियम, 2018
- 103वां संशोधन अधिनियम, 2019
- 104वां संशोधन अधिनियम, 2019
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के एक संवैधानिक आदेश, **संविधान (जम्मू और कश्मीर पर लागू) आदेश, 2019** के माध्यम से, जो अनुच्छेद 370 के खंड (3) के तहत जारी किया गया था, अनुच्छेद 370 को प्रभावी रूप से हटाया गया। इसे 103वें संशोधन अधिनियम, 2019 (जो सामान्यतः ईडब्ल्यूएस आरक्षण से जुड़ा है) के बजाय, एक **संवैधानिक आदेश** के माध्यम से किया गया था। हालांकि, अक्सर प्रश्न पत्र में इसे 2019 के संशोधन से जोड़ा जाता है। यदि प्रश्न संशोधन अधिनियम के बजाय वर्ष पूछता, तो 2019 होता। चूंकि विकल्पों में अधिनियमों का वर्ष दिया है, तो हमें सबसे प्रासंगिक वर्ष देखना होगा।
- संदर्भ और विस्तार: 103वां संशोधन अधिनियम 2019 में पारित हुआ और इसने अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करके आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए 10% आरक्षण प्रदान किया। अनुच्छेद 370 को हटाने की प्रक्रिया एक विधायी प्रक्रिया नहीं बल्कि एक राष्ट्रपति आदेश के माध्यम से हुई, जिसके बाद संसद ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 पारित किया। हालांकि, यह अधिनियम 103वें संशोधन से पहले आया था। प्रश्न की संरचना को देखते हुए, यह सबसे सटीक उत्तर है क्योंकि संशोधन 2019 में हुए और राष्ट्रपति आदेश भी 2019 में ही आया।
- गलत विकल्प: 101वां संशोधन जीएसटी से, 102वां संशोधन ओबीसी आयोग से, और 104वां संशोधन एंग्लो-इंडियन नामांकन की समाप्ति और एससी/एसटी आरक्षण की अवधि बढ़ाने से संबंधित है।
प्रश्न 24: भारतीय संविधान में ‘समान नागरिक संहिता’ (Uniform Civil Code) का उल्लेख किस अनुच्छेद में किया गया है?
- अनुच्छेद 40
- अनुच्छेद 42
- अनुच्छेद 44
- अनुच्छेद 45
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: समान नागरिक संहिता का उल्लेख भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 44 के तहत एक राज्य नीति निदेशक सिद्धांत के रूप में किया गया है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 44 राज्य को निर्देश देता है कि वह भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता प्राप्त करने का प्रयास करे। यह व्यक्तिगत कानूनों (जैसे विवाह, तलाक, उत्तराधिकार) को सभी नागरिकों के लिए एक जैसा बनाने का लक्ष्य रखता है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन से, अनुच्छेद 42 काम की न्यायसंगत और मानवीय स्थितियों और मातृत्व राहत से, और अनुच्छेद 45 छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा के प्रावधान से संबंधित हैं।
प्रश्न 25: संविधान का कौन सा संशोधन अधिनियम ‘दलबदल’ के आधार पर किसी सदस्य की अयोग्यता को निर्धारित करता है?
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 52वें संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा संविधान की 10वीं अनुसूची को जोड़ा गया, जो दलबदल के आधार पर संसद और राज्य विधानमंडलों के सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य विधायकों द्वारा राजनीतिक दल बदलने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना था, जिसने सरकार की स्थिरता को प्रभावित किया था। दसवीं अनुसूची के तहत, किसी सदस्य को अयोग्य घोषित किया जा सकता है यदि वह स्वेच्छा से अपने राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ देता है, या यदि वह अपने दल या उसके द्वारा निर्देशित किसी भी सदस्य के निर्देशों का उल्लंघन करके मतदान करता है।
- गलत विकल्प: 61वां संशोधन मतदान की आयु को 21 से घटाकर 18 वर्ष करने से संबंधित है। 73वां संशोधन पंचायती राज से और 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित है।