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भारतीय राजव्यवस्था की परख

भारतीय राजव्यवस्था की परख

देश के लोकतांत्रिक ढांचे की अपनी समझ को गहरा करने के लिए तैयार हो जाइए! आज का यह अभ्यास सत्र आपको भारतीय संविधान और राजव्यवस्था के जटिल लेकिन महत्वपूर्ण पहलुओं में ले जाएगा। अपनी वैचारिक स्पष्टता को परखें और अपनी तैयारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं!

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल नागरिकों को प्राप्त है, विदेशियों को नहीं?

  1. कानून के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  3. प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
  4. भेदभाव के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 15)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, और 30 केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 15 विशेष रूप से धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है, जो केवल नागरिकों पर लागू होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये अधिकार भारतीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांत हैं जो राष्ट्रीय पहचान से जुड़े हैं। विदेशियों को अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) और अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता) जैसे मौलिक अधिकार प्राप्त हैं, लेकिन नागरिकता से जुड़े कुछ विशेष अधिकार केवल नागरिकों को ही मिलते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) भारत में रहने वाले सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।

प्रश्न 2: भारत के संविधान की प्रस्तावना में ‘संप्रभुता, समाजवाद, पंथ-निरपेक्षता और अखंडता’ शब्दों को किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘पंथ-निरपेक्ष’ (Secular) और ‘अखंडता’ (Integrity) शब्दों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। इसने ‘संप्रभु गणराज्य’ को ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ में बदल दिया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान हुआ था और इसे ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है। इसने संविधान के कई हिस्सों में महत्वपूर्ण बदलाव किए। ‘संप्रभुता’ शब्द पहले से ही प्रस्तावना में था, लेकिन 42वें संशोधन ने इन तीन महत्वपूर्ण समाजवादी और राष्ट्रीय एकता से संबंधित शब्दों को जोड़कर इसकी व्याख्या को विस्तृत किया।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन (1978) ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन (1985) ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को जोड़ा। 73वां संशोधन (1992) ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा दिया।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा निकाय, भारत सरकार के लिए वित्तीय प्रशासन का पर्यवेक्षक है?

  1. वित्त मंत्रालय
  2. भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG)
  3. नीति आयोग
  4. राष्ट्रीय वित्तीय प्राधिकरण

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) अनुच्छेद 148 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। यह भारत सरकार और राज्य सरकारों के खातों का लेखा-जोखा रखता है और सार्वजनिक धन के व्यय पर एक प्रहरी के रूप में कार्य करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG अपनी रिपोर्ट संसद (लोक लेखा समिति और अनुमान समिति) को प्रस्तुत करता है, जो सरकार के वित्तीय प्रशासन की जांच करती है। CAG का मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी खर्च कानून के अनुसार हों और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग न हो।
  • गलत विकल्प: वित्त मंत्रालय वित्तीय नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है, न कि पर्यवेक्षण के लिए। नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) एक गैर-संवैधानिक निकाय है जो नीतिगत सलाह देता है। राष्ट्रीय वित्तीय प्राधिकरण (National Finance Commission) भारतीय संविधान में उल्लिखित कोई निकाय नहीं है; यह संभवतः वित्त आयोग (Finance Commission – अनुच्छेद 280) या इसी तरह के नाम वाले किसी अन्य संस्था को इंगित कर रहा है, जिसका कार्य वित्तीय प्रशासन का पर्यवेक्षण करना नहीं है।

प्रश्न 4: उच्चतम न्यायालय द्वारा किस मामले में यह निर्णय दिया गया कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती?

  1. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
  2. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
  3. शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ
  4. सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य (1967) के मामले में, उच्चतम न्यायालय की 11 जजों की पीठ ने फैसला सुनाया कि संसद संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) में संशोधन नहीं कर सकती। न्यायालय ने कहा कि संशोधन की शक्ति अनुच्छेद 368 के तहत दी गई है, लेकिन यह शक्ति असीमित नहीं है और मौलिक अधिकारों को छीन या कम नहीं कर सकती।
  • संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय के परिणामस्वरूप, संसद ने 24वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1971 पारित किया, जिसने अनुच्छेद 13 और 368 को संशोधित कर यह स्पष्ट किया कि संसद संविधान के किसी भी भाग, जिसमें मौलिक अधिकार भी शामिल हैं, में संशोधन कर सकती है। हालाँकि, केशवानंद भारती मामले (1973) ने संसद की संशोधन शक्ति पर ‘मूल संरचना सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) लागू कर दिया।
  • गलत विकल्प: केशवानंद भारती (1973) ने मूल संरचना सिद्धांत दिया, न कि यह कि मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं किया जा सकता। शंकर प्रसाद (1951) और सज्जन सिंह (1965) के मामलों में न्यायालय ने माना था कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है।

प्रश्न 5: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  3. गृह मंत्रालय
  4. संसद

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है। यह समिति प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय गृह मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय के एक नामित न्यायाधीश से मिलकर बनती है।
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC का गठन मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत किया गया था। अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को नियुक्त किया जाता है।
  • गलत विकल्प: जबकि समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश (या उनके नामित) की भागीदारी होती है, अंतिम नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। गृह मंत्रालय या संसद सीधे नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं होते।

प्रश्न 6: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है?

  1. भाग IV
  2. भाग V
  3. भाग IX
  4. भाग IX-A

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है। इसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज संस्थाओं की संरचना, शक्तियाँ, कार्यकाल आदि का प्रावधान है। यह अनुच्छेद 40 के तहत राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) में उल्लिखित ग्राम पंचायतों के गठन को व्यावहारिक रूप देता है।
  • गलत विकल्प: भाग IV में राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) हैं। भाग V संघ की कार्यपालिका और संसद से संबंधित है। भाग IX-A शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है, जिसे 74वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया था।

प्रश्न 7: धन विधेयक के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?

  1. यह केवल लोकसभा में पेश किया जा सकता है।
  2. राज्यसभा इसे अस्वीकार कर सकती है।
  3. इसे अस्वीकार या संशोधित करने की शक्ति राष्ट्रपति के पास है।
  4. यह किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 110 के अनुसार, धन विधेयक केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है, वह भी राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति से।
  • संदर्भ और विस्तार: धन विधेयक को राष्ट्रपति द्वारा पुनर्विचार के लिए वापस नहीं भेजा जा सकता। राज्यसभा के पास धन विधेयकों को स्वीकार या अस्वीकार करने की शक्ति नहीं होती, वे केवल 14 दिनों के भीतर सुझाव दे सकते हैं, जिसे लोकसभा मानने या न मानने के लिए स्वतंत्र है। 14 दिनों के भीतर वापस न आने पर विधेयक दोनों सदनों द्वारा पारित माना जाता है।
  • गलत विकल्प: राज्यसभा इसे अस्वीकार नहीं कर सकती, केवल सुझाव दे सकती है। राष्ट्रपति के पास इसे अस्वीकार या संशोधित करने की शक्ति नहीं है, केवल अनुमति देने या न देने की (शुरुआत में)। इसे किसी भी सदन में पेश नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 8: ‘याचिका’ (Writ) के संबंध में, ‘क्यू वारंटो’ (Quo Warranto) का क्या अर्थ है?

  1. यह एक उच्च न्यायालय द्वारा निचली अदालत को किसी मामले को स्थानांतरित करने का आदेश है।
  2. यह किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने या हिरासत में रखने के आधार को प्रस्तुत करने का आदेश है।
  3. यह किसी सार्वजनिक पद पर किसी व्यक्ति के अधिकार का दावा करने का आदेश है।
  4. यह किसी निचले न्यायालय या न्यायाधिकरण को किसी विशेष मामले में अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने से रोकने का आदेश है।

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘क्यू वारंटो’ (Quo Warranto) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘किस अधिकार से’। यह याचिका किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक पद पर बने रहने के अधिकार को चुनौती देने के लिए जारी की जाती है। उच्चतम न्यायालय इसे अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालय अनुच्छेद 226 के तहत जारी कर सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सुनिश्चित करता है कि कोई व्यक्ति उस पद पर न रहे जिसके लिए वह कानूनी रूप से योग्य नहीं है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति ऐसे पद पर नियुक्त हो जाता है जिसके लिए वह पात्र नहीं है, तो यह याचिका दायर की जा सकती है।
  • गलत विकल्प: (a) ‘सर्टिओरारी’ (Certiorari) या ‘प्रोहिबिशन’ (Prohibition) में मामले स्थानांतरित या रोके जाते हैं। (b) ‘हेबियस कॉर्पस’ (Habeas Corpus) किसी व्यक्ति को अदालत में पेश करने का आदेश है। (d) ‘प्रोहिबिशन’ (Prohibition) किसी को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकता है।

प्रश्न 9: कौन सी आपातकालीन व्यवस्था, किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता की स्थिति में लागू की जा सकती है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता की स्थिति में, राष्ट्रपति अनुच्छेद 356 के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। इसे ‘राज्य आपातकाल’ भी कहा जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह तब लागू होता है जब राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार कार्य नहीं कर पाती है, या यदि राज्य सरकार केंद्र के निर्देशों का पालन करने में विफल रहती है। इस घोषणा के बाद, राज्य की कार्यपालिका शक्तियाँ राष्ट्रपति में निहित हो जाती हैं, और वह राज्य विधानमंडल की शक्तियों को भी अपने अधीन कर सकता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल (युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में) से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है।

प्रश्न 10: भारत में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ को किस संविधान से प्रेरित होकर अपनाया गया है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन)
  4. ऑस्ट्रेलिया

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में संसदीय विशेषाधिकारों की अवधारणा मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) की संसदीय प्रणाली से प्रेरित है। हालाँकि, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 105 (संसद सदस्यों के विशेषाधिकार) और अनुच्छेद 194 (राज्यों के विधानमंडल के सदस्यों के विशेषाधिकार) स्पष्ट रूप से इन विशेषाधिकारों को परिभाषित करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 105 में कहा गया है कि संसद और उसके सदस्यों को वे विशेषाधिकार और छूटें प्राप्त होंगी जो संसद द्वारा समय-समय पर परिभाषित की जाती हैं और जो अनुच्छेद 19(2) में उल्लिखित वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लागू होने वाले प्रतिबंधों के अधीन होंगी।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति प्रणाली है और वहाँ संसदीय विशेषाधिकारों की अवधारणा भारत से भिन्न है। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की संसदीय प्रणालियाँ भी ब्रिटिश प्रणाली से प्रभावित हैं, लेकिन भारत ने सीधे ब्रिटिश मॉडल को अधिक अपनाया है।

प्रश्न 11: भारत के राष्ट्रपति के कार्यकाल की अधिकतम अवधि क्या है, यदि वह पुनः चुनाव के लिए योग्य हो?

  1. 5 वर्ष
  2. 10 वर्ष
  3. कोई सीमा नहीं
  4. 70 वर्ष की आयु तक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 57 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो राष्ट्रपति के रूप में पद धारण कर चुका है, वह पुनः चुनाव के लिए तब तक योग्य होगा जब तक कि वह इस पद के लिए अन्यथा योग्य हो। इसका मतलब है कि राष्ट्रपति के कार्यकाल की कोई अधिकतम सीमा नहीं है, वे जितनी बार चाहें चुनाव लड़ सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत में, संयुक्त राज्य अमेरिका के विपरीत, जहाँ राष्ट्रपति केवल दो कार्यकाल तक सीमित हैं, भारत में ऐसी कोई सीमा नहीं है। हालांकि, व्यवहार में, किसी भी राष्ट्रपति ने कभी भी दो से अधिक कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है (अनुच्छेद 56), लेकिन यह अधिकतम अवधि नहीं है जो वे पद पर रह सकते हैं। 70 वर्ष की आयु कोई सीमा नहीं है; केवल यह आवश्यक है कि वे पद धारण करने के लिए योग्य हों।

प्रश्न 12: किस संविधान संशोधन अधिनियम ने शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
  4. 86वां संशोधन अधिनियम, 2002

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारत के संविधान में भाग IX-A जोड़ा, जो शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। इसमें अनुच्छेद 243P से 243-ZG तक शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने नगर पालिकाओं के विभिन्न प्रकारों (जैसे नगर पंचायत, नगरपालिका परिषद, नगर निगम) की स्थापना, उनके सदस्यों के चुनाव, उनके कार्यों और शक्तियों को परिभाषित किया। इसका उद्देश्य शहरी शासन को अधिक लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाना था।
  • गलत विकल्प: 73वां संशोधन (1992) पंचायती राज से संबंधित है। 65वां संशोधन (1990) अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग के गठन से संबंधित था। 86वां संशोधन (2002) ने शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया।

प्रश्न 13: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ का सिद्धांत निहित है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 15
  3. अनुच्छेद 16
  4. अनुच्छेद 39(घ)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39(घ) में राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) के तहत यह प्रावधान है कि राज्य यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान कार्य का समान वेतन हो।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक अधिकार है जिसका उद्देश्य लिंग आधारित मजदूरी भेदभाव को समाप्त करना है। हालांकि यह एक मौलिक अधिकार नहीं है, अनुच्छेद 37 के अनुसार, राज्य के नीति निदेशक तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और कानून बनाने में राज्य इनका उपयोग करेगा। उच्चतम न्यायालय ने अपने विभिन्न निर्णयों में इस सिद्धांत को लागू किया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष समानता और कानूनों का समान संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है। अनुच्छेद 16 सार्वजनिक रोजगार के मामलों में अवसर की समानता की गारंटी देता है। जबकि ये अनुच्छेद लिंग समानता को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा देते हैं, ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ का प्रत्यक्ष प्रावधान अनुच्छेद 39(घ) में है।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन भारत की ‘लोक लेखा समिति’ (Public Accounts Committee) का सदस्य नहीं हो सकता?

  1. लोकसभा का सदस्य
  2. राज्यसभा का सदस्य
  3. केंद्रीय मंत्री
  4. कोई भी व्यक्ति जो सार्वजनिक जीवन में ख्याति रखता हो

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) के सदस्य संसद के दोनों सदनों से चुने जाते हैं, लेकिन कोई भी केंद्रीय मंत्री इस समिति का सदस्य नहीं हो सकता। यह संसदीय समितियों के सामान्य नियमों के अनुरूप है।
  • संदर्भ और विस्तार: PAC वित्तीय नियंत्रण की एक महत्वपूर्ण समिति है। इसके सदस्यों में 15 लोकसभा सदस्य और 7 राज्यसभा सदस्य होते हैं। समिति का मुख्य कार्य CAG की रिपोर्टों की जांच करना है, जो सरकारी व्यय की लेखा-परीक्षा से संबंधित होती है।
  • गलत विकल्प: लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य PAC में चुने जाते हैं। सार्वजनिक जीवन में ख्याति रखने वाला व्यक्ति, यदि संसद सदस्य है, तो समिति का सदस्य हो सकता है। मुख्य बात यह है कि वह वर्तमान में कोई मंत्री न हो।

प्रश्न 15: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति (अनुच्छेद 72) के अंतर्गत, निम्नलिखित में से कौन सा एक गलत है?

  1. यह दंड को कम कर सकता है।
  2. यह दंड के स्वरूप को बदल सकता है।
  3. यह अपराध को पूरी तरह से माफ कर सकता है।
  4. यह क्षमादान के अनुरोध को सीधे अस्वीकृत कर सकता है बिना कोई कारण बताए।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति, जो अनुच्छेद 72 में वर्णित है, में दंड को कम करना (Commutation), उसके स्वरूप को बदलना (Remission), कुछ निश्चित अवधि के लिए स्थगन (Reprieve) और ऐसे दंड या दंडादेश को माफ करना (Pardon) शामिल है। यद्यपि राष्ट्रपति अपने विवेक से निर्णय ले सकते हैं, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों (जैसे, शमशेर सिंह बनाम पंजाब राज्य, 1974) में स्पष्ट किया है कि क्षमादान का निर्णय मनमाना नहीं हो सकता। राष्ट्रपति को क्षमादान के अनुरोध को अस्वीकृत करने के लिए भी उचित आधार प्रस्तुत करना पड़ सकता है, या कम से कम यह प्रक्रिया न्यायसंगत होनी चाहिए। वे इसे बिना कारण बताए मनमाने ढंग से अस्वीकृत नहीं कर सकते।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति मंत्रिपरिषद की सलाह पर की जाती है, हालांकि निर्णय राष्ट्रपति का होता है। यह न्यायिक निर्णय का पूरक है, न कि प्रतिस्थापन।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति के अंतर्गत आते हैं। (d) गलत है क्योंकि क्षमादान का निर्णय मनमाना नहीं हो सकता, भले ही कारण स्पष्ट रूप से बताना आवश्यक न हो।

प्रश्न 16: संघवाद (Federalism) के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

  1. यह शक्तियों के विभाजन पर आधारित है।
  2. दोनों स्तरों की सरकारें अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में स्वतंत्र होती हैं।
  3. सशक्त केंद्र भारत की संघीय व्यवस्था की विशेषता है।
  4. सभी राज्यों को समान विधायी अधिकार प्राप्त हैं।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संघवाद में, हालांकि शक्तियों का विभाजन है (जैसे कि अनुसूची VII में संघ, राज्य और समवर्ती सूची), सभी राज्यों को समान विधायी अधिकार प्राप्त नहीं हैं। कुछ मामलों में, संसद राज्यों के लिए कानून बना सकती है (जैसे, अनुच्छेद 249, 250)।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय संघवाद को ‘सहकारी संघवाद’ (Cooperative Federalism) और ‘चतुष्कोणिक संघवाद’ (Quasi-Federalism) के रूप में वर्णित किया गया है, जहाँ केंद्र की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण है। शक्तियों का विभाजन (a) और दोनों स्तरों की स्वतंत्रता (b) संघीय व्यवस्था के मूल सिद्धांत हैं। एक सशक्त केंद्र (c) भी भारतीय मॉडल की एक प्रमुख विशेषता है।
  • गलत विकल्प: (d) गलत है क्योंकि कुछ राज्यों के पास विशेष दर्जा (जैसे अनुच्छेद 371 के तहत) या अलग विधायी शक्तियाँ हो सकती हैं, और संसद की भी कुछ विशेष शक्तियाँ हैं जो सभी राज्यों पर समान रूप से लागू नहीं होतीं।

प्रश्न 17: भारतीय संविधान में ‘आपातकालीन उपबंध’ (Emergency Provisions) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. यूनाइटेड किंगडम
  3. जर्मनी का वाइमर गणराज्य
  4. कनाडा

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में आपातकालीन उपबंध, विशेष रूप से अनुच्छेद 352, 356 और 360, जर्मनी के वाइमर गणराज्य के संविधान (Government of India Act, 1935 में भी कुछ प्रावधान थे) से प्रेरित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इन प्रावधानों ने भारत को राष्ट्रीय आपातकाल, राज्य आपातकाल और वित्तीय आपातकाल की स्थिति में मजबूत केंद्रीय शक्ति प्रदान की है, जिससे देश की संप्रभुता, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी आपातकालीन व्यवस्थाएं हैं लेकिन भारतीय मॉडल सीधे उनसे नहीं लिया गया। यूके एक संसदीय प्रणाली है, लेकिन आपातकालीन उपबंधों का सीधा प्रभाव भारतीय मॉडल पर नहीं है। कनाडा का संविधान भी एक मजबूत केंद्र प्रदान करता है, लेकिन आपातकालीन उपबंधों के लिए जर्मनी मुख्य प्रेरणा स्रोत है।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन ‘राज्य के नीति निदेशक तत्वों’ (DPSP) का एक लक्ष्य नहीं है?

  1. सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना
  2. आय, स्थिति, सुविधा और अवसर की असमानताओं को कम करना
  3. गरीबी को समाप्त करना
  4. सभी नागरिकों के लिए न्यायपूर्ण और समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करना

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 44 एक समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की बात करता है, लेकिन इसका मुख्य लक्ष्य ‘सभी नागरिकों के लिए न्यायपूर्ण और समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करना’ नहीं है, बल्कि ‘राज्य अपने अधिकार क्षेत्र में सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता स्थापित करने का प्रयास करेगा’। यह एक लक्ष्य है, लेकिन अन्य विकल्प DPSP के अधिक व्यापक और मूलभूत लक्ष्य हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: DPSP का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र को बढ़ावा देना (a), असमानताओं को कम करना (b), और सामाजिक-न्याय सुनिश्चित करना है। गरीबी उन्मूलन (c) भी एक प्रमुख लक्ष्य है। जबकि समान नागरिक संहिता का लक्ष्य सामाजिक न्याय से जुड़ा है, यह सीधे तौर पर ‘सभी नागरिकों के लिए न्यायपूर्ण और समान’ जैसे व्यापक वाक्यांश के तहत DPSP का सर्वोपरि लक्ष्य नहीं है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) निश्चित रूप से DPSP के प्रमुख लक्ष्य हैं। (d) आंशिक रूप से सही है क्योंकि अनुच्छेद 44 इसका उल्लेख करता है, लेकिन यह DPSP का सर्वोपरि, व्यापक लक्ष्य नहीं है जैसे कि अन्य विकल्प हैं। DPSP का मुख्य फोकस कल्याणकारी राज्य की स्थापना और सामाजिक-आर्थिक समानता को बढ़ावा देना है।

प्रश्न 19: भारत के किस प्रधान मंत्री ने ‘पंचशील’ के सिद्धांत प्रस्तुत किए?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. इंदिरा गांधी
  3. मोरारजी देसाई
  4. राजीव गांधी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के प्रथम प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में चीन के साथ पंचशील के सिद्धांतों पर हस्ताक्षर किए थे। ये सिद्धांत भारत की विदेश नीति के आधार बने।
  • संदर्भ और विस्तार: पंचशील के पांच सिद्धांत हैं: 1. एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान। 2. पारस्परि अनाक्रमण। 3. एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में अहस्तक्षेप। 4. समानता और पारस्परिक लाभ। 5. शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व। ये सिद्धांत भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • गलत विकल्प: अन्य प्रधानमंत्रियों की अपनी विदेश नीति की पहलें रही हैं, लेकिन पंचशील के सिद्धांत नेहरू काल से जुड़े हैं।

प्रश्न 20: भारतीय संविधान की प्रस्तावना को ‘संविधान की कुंजी’ (Key to the Constitution) किसने कहा है?

  1. बी. आर. अम्बेडकर
  2. सर आइजैक न्यूटन
  3. अर्नेस्ट बार्कर
  4. एम. सी. सीतलवाड

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अर्नेस्ट बार्कर, जो एक प्रसिद्ध राजनीतिक वैज्ञानिक थे, ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना को ‘संविधान की कुंजी’ (Key to the Constitution) और ‘संविधान का रत्नागार’ (Jewel of the Constitution) कहा है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान के उद्देश्यों, सिद्धांतों और दर्शन को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करती है, इसलिए इसे संविधान को समझने की एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जाता है।
  • गलत विकल्प: बी. आर. अम्बेडकर भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे और उन्होंने प्रस्तावना को ‘संविधान की आत्मा’ कहा है। सर आइजैक न्यूटन एक वैज्ञानिक थे। एम. सी. सीतलवाड भारत के प्रथम महान्यायवादी थे।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन भारत का ‘आयरन मैन’ (Iron Man of India) कहलाता है?

  1. महात्मा गांधी
  2. जवाहरलाल नेहरू
  3. सरदार वल्लभभाई पटेल
  4. सुभाष चंद्र बोस

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: सरदार वल्लभभाई पटेल को ‘भारत का लौह पुरुष’ (Iron Man of India) कहा जाता है। यह उपाधि उनके दृढ़ संकल्प, राजनीतिक कौशल और भारत के एकीकरण में उनकी निर्णायक भूमिका के कारण दी गई थी।
  • संदर्भ और विस्तार: स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने लगभग 560 रियासतों को भारतीय संघ में एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी दूरदर्शिता और कूटनीति ने भारत को एक राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • गलत विकल्प: महात्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं। जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। सुभाष चंद्र बोस एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है?

  1. संथाली
  2. डोगरी
  3. कश्मीरी
  4. राजस्थानी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को शामिल किया गया है। राजस्थानी इनमें से एक नहीं है। संथाली, डोगरी और कश्मीरी इस सूची में शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: संथाली (92वां संशोधन, 2004), डोगरी (92वां संशोधन, 2004) और कश्मीरी (मूल सूची में) आठवीं अनुसूची का हिस्सा हैं। राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग वर्षों से की जा रही है।
  • गलत विकल्प: (a), (b), और (c) आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। (d) राजस्थानी शामिल नहीं है।

प्रश्न 23: भारत में ‘अ.वि.ध.य.’ (P.C.A. – Public Contract Act) का संबंध किससे है?

  1. सार्वजनिक खरीद और अनुबंध
  2. नागरिकों के अधिकार
  3. आपातकालीन शक्तियाँ
  4. चुनाव प्रक्रिया

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘अ.वि.ध.य.’ (P.C.A.) का फुल फॉर्म ‘सार्वजनिक खरीद और अनुबंध अधिनियम’ (Public Contract Act) हो सकता है, हालांकि भारत में विशेष रूप से एक केंद्रीय ‘Public Contract Act’ नहीं है। सामान्यतः, सार्वजनिक खरीद और अनुबंधों का विनियमन ‘सरकारी खरीद’ (Government Procurement) के नियमों और प्रक्रियाओं के तहत किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक धन का उपयोग पारदर्शी और कुशल तरीके से हो।
  • संदर्भ और विस्तार: विभिन्न सरकारी विभाग और PSUs खरीद के लिए अपनी नीतियों और नियमों का पालन करते हैं। ‘Public Contract Act’ आमतौर पर उन कानूनों को संदर्भित करता है जो सरकारी संस्थाओं और बाहरी आपूर्तिकर्ताओं या ठेकेदारों के बीच अनुबंधों को नियंत्रित करते हैं।
  • गलत विकल्प: (b) नागरिकों के अधिकार मौलिक अधिकारों (भाग III) और अन्य सामान्य कानूनों द्वारा शासित होते हैं। (c) आपातकालीन शक्तियाँ अनुच्छेद 352, 356, 360 के तहत आती हैं। (d) चुनाव प्रक्रिया जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और 1951 द्वारा नियंत्रित होती है।

प्रश्न 24: संसद को नागरिकता के संबंध में कानून बनाने की शक्ति किस अनुच्छेद के तहत प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 9
  2. अनुच्छेद 10
  3. अनुच्छेद 11
  4. अनुच्छेद 12

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 11 संसद को नागरिकता के अधिग्रहण और समाप्ति और नागरिकता से संबंधित अन्य सभी मामलों के संबंध में कानून बनाने की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस अनुच्छेद की शक्ति का प्रयोग करते हुए, संसद ने नागरिकता अधिनियम, 1955 पारित किया, जिसमें नागरिकता प्राप्त करने और खोने के विभिन्न तरीके बताए गए हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 9 कहता है कि दोहरी नागरिकता रखने वाले व्यक्ति भारत के नागरिक नहीं माने जाएंगे। अनुच्छेद 10 कहता है कि नागरिकता का प्रत्येक व्यक्ति, जो नागरिकता अधिनियम, 1955 के प्रावधानों के अधीन, नागरिक बना रहेगा। अनुच्छेद 12 ‘राज्य’ की परिभाषा देता है।

प्रश्न 25: भारत में ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) किस सिद्धांत पर आधारित है?

  1. कानून की सर्वोच्चता
  2. कानून के समक्ष सभी समान हैं
  3. नौकरशाही की सर्वोच्चता
  4. न्यायपालिका की निरंकुश शक्ति

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘विधि का शासन’ (Rule of Law) का अर्थ है कि देश का शासन किसी व्यक्ति या समूह के बजाय कानून द्वारा चलाया जाएगा। इसके मूल सिद्धांत में ‘कानून की सर्वोच्चता’ (Supremacy of Law) शामिल है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 इस सिद्धांत को दोहराता है, जिसमें कहा गया है कि राज्य किसी भी व्यक्ति को कानून के समक्ष समानता या भारत के क्षेत्र के भीतर कानूनों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: यह सिद्धांत सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे उसकी स्थिति कुछ भी हो, कानून से ऊपर नहीं है। यह मनमानी शक्ति पर अंकुश लगाता है और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है।
  • गलत विकल्प: (b) ‘कानून के समक्ष सभी समान हैं’ विधि के शासन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यह उसका पूरा अर्थ नहीं है। (a) ‘कानून की सर्वोच्चता’ अधिक व्यापक है जो पूरी व्यवस्था को नियंत्रित करती है। (c) नौकरशाही की सर्वोच्चता विधि के शासन के विपरीत है। (d) न्यायपालिका की निरंकुश शक्ति भी इसके विपरीत है; न्यायपालिका को संविधान और कानूनों के तहत ही कार्य करना होता है।

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