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भारतीय राजव्यवस्था की कसौटी: क्या आप तैयार हैं?

भारतीय राजव्यवस्था की कसौटी: क्या आप तैयार हैं?

नमस्कार, भावी सिविल सेवकों! भारतीय लोकतंत्र के आधारभूत स्तंभों को समझना सफलता की कुंजी है। आज का अभ्यास सत्र आपके संवैधानिक ज्ञान की गहराई को परखने और वैचारिक स्पष्टता को धार देने का एक बेहतरीन अवसर है। आइए, इस यात्रा में स्वयं को चुनौती दें और अपनी तैयारी को एक नया आयाम प्रदान करें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ शब्द को किस संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवाद’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (Secular) और ‘अखंडता’ (Integrity) तीन नए शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे। इसने प्रस्तावना को भारतीय गणराज्य के समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रीय एकता के लक्ष्यों को स्पष्ट करने के लिए संशोधित किया।
  • संदर्भ और विस्तार: हालाँकि ये शब्द जोड़े गए थे, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती मामले (1973) में व्यवस्था दी थी कि प्रस्तावना संविधान का अंग है और इसे संशोधित किया जा सकता है। समाजवाद का अर्थ है कि राज्य उत्पादन और वितरण के साधनों पर सामूहिक स्वामित्व या नियंत्रण रखता है, जिससे धन का समान वितरण सुनिश्चित हो सके।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर एक सामान्य कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन अधिनियम, 1985 ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को शामिल किया। 73वां संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सी रिट (Writ) का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’?

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. प्रतिषेध (Prohibition)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: ‘परमादेश’ (Mandamus) लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’। यह एक उच्च न्यायालय द्वारा किसी निचली अदालत, न्यायाधिकरण, या किसी लोक प्राधिकारी को कोई सार्वजनिक या वैधानिक कर्तव्य करने का निर्देश देने वाली रिट है। यह शक्ति संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय को और अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालयों को प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस रिट का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई लोक प्राधिकारी अपने कानूनी या सार्वजनिक कर्तव्य का पालन नहीं कर रहा हो। यह किसी निजी व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध जारी नहीं की जा सकती।
  • गलत विकल्प: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’, जो अवैध हिरासत से किसी व्यक्ति की रिहाई के लिए होती है। ‘उत्प्रेषण’ का अर्थ है ‘प्रमाणित करना’, जो किसी निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए होती है। ‘प्रतिषेध’ का अर्थ है ‘रोकना’, जो किसी निचली अदालत को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकने के लिए होती है।

प्रश्न 3: भारत में संसदीय प्रणाली किस देश के मॉडल पर आधारित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. यूनाइटेड किंगडम

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत की संसदीय प्रणाली, जिसमें कार्यपालिका का विधायिका के प्रति उत्तरदायी होना शामिल है, मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के मॉडल से प्रेरित है। यद्यपि अमेरिकी प्रणाली में शक्तियों का पृथक्करण है, भारत ने संसदीय सरकार की व्यवस्था को अपनाया है।
  • संदर्भ और विस्तार: भारत में, राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है और मंत्रिपरिषद के साथ मिलकर कार्यपालिका का वास्तविक प्रमुख होता है, जो सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। यह व्यवस्था अनुच्छेद 75(3) में निहित है।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में अध्यक्षात्मक प्रणाली है जहाँ राष्ट्रपति राज्य और सरकार दोनों का प्रमुख होता है और विधायिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होता। कनाडा में अर्ध-संसदीय प्रणाली और ऑस्ट्रेलिया में भी संसदीय प्रणाली है, लेकिन भारतीय मॉडल का सबसे प्रमुख प्रभाव ब्रिटेन का रहा है।

प्रश्न 4: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद को मौलिक अधिकारों पर युक्तियुक्त निर्बंधन (Reasonable Restrictions) लगाने की शक्ति प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 14
  2. अनुच्छेद 19
  3. अनुच्छेद 21
  4. अनुच्छेद 25

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 (2) संसद को कुछ विशेष परिस्थितियों में, जैसे भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, लोक व्यवस्था, शिष्टाचार या नैतिकता, या न्यायालय की अवमानना, मानहानि या अपराध के लिए उकसाना, के आधार पर अनुच्छेद 19 (1) में दिए गए वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे कुछ अधिकारों पर ‘युक्तियुक्त निर्बंधन’ लगाने की शक्ति देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये निर्बंधन ‘युक्तियुक्त’ होने चाहिए, जिसका अर्थ है कि वे मनमाने या अत्यधिक नहीं हो सकते, और यह निर्धारण न्यायपालिका द्वारा किया जाता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष समानता की बात करता है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा की बात करता है। अनुच्छेद 25 धर्म की स्वतंत्रता की बात करता है, जिस पर भी सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के आधार पर निर्बंधन लगाए जा सकते हैं, लेकिन अनुच्छेद 19 (2) विशेष रूप से वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर निर्बंधनों को परिभाषित करता है।

प्रश्न 5: संविधान के किस भाग में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) का उल्लेख है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IV-A
  4. भाग V

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (Directive Principles of State Policy – DPSP) का उल्लेख भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक किया गया है। ये सिद्धांत सरकार के लिए एक मार्गदर्शन के रूप में कार्य करते हैं, जिनका उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत न्यायोचित नहीं हैं, जिसका अर्थ है कि इनके उल्लंघन पर कोई नागरिक किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दे सकता। हालांकि, इन्हें देश के शासन में मूलभूत माना गया है और राज्य का यह कर्तव्य है कि विधि निर्माण में इन सिद्धांतों को लागू करे (अनुच्छेद 37)।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ के बारे में है।

प्रश्न 6: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में निहित है?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 108
  3. अनुच्छेद 112
  4. अनुच्छेद 123

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमा, प्रविलंबन, विराम या परिहार करने की अथवा दंडादेश के निलंबन या लघुकरण की शक्ति प्रदान करता है। यह शक्ति मृत्युदंड के मामलों में भी लागू होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति इस शक्ति का प्रयोग मंत्रिपरिषद की सलाह पर करता है। यह शक्ति न्यायपालिका द्वारा दिए गए दंड को कम करने या माफ करने के लिए है, न कि नए सिरे से मुकदमा चलाने के लिए।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 108 संयुक्त बैठक से संबंधित है। अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है। अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है।

प्रश्न 7: भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
  4. लोकसभा के अध्यक्ष

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 76 के अनुसार, भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी बनने के लिए वही योग्यताएं होनी चाहिए जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की होती हैं। वह भारत सरकार का पक्ष रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में सुनवाई कर सकता है। उसे संसद के दोनों सदनों में बोलने का अधिकार है, लेकिन मतदान का नहीं।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री नीतिगत निर्णय लेते हैं, लेकिन नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायिक प्रमुख होते हैं। लोकसभा के अध्यक्ष सदन के कामकाज का संचालन करते हैं।

प्रश्न 8: संसद का सत्र अवसान (Adjournment Sine Die) कौन करता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. अध्यक्ष (लोकसभा) या सभापति (राज्यसभा)
  3. राष्ट्रपति
  4. मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: संसद का सत्र अवसान (Adjournment Sine Die) का अर्थ है किसी बैठक को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करना, जिसका अर्थ है कि अगली बैठक की कोई निश्चित तारीख या समय तय नहीं किया गया है। यह कार्य लोकसभा के अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति द्वारा किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह स्थगन सत्र की समाप्ति का संकेत नहीं देता, बल्कि केवल बैठक को अनिश्चित काल के लिए रोकता है। राष्ट्रपति ही सत्र बुलाने या सत्रावसान (Prorogation) करने की शक्ति रखते हैं, जो सत्र का अंतिम समापन होता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं। राष्ट्रपति सत्र बुलाते और समाप्त करते हैं (प्रोरोगेशन)। मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख हैं।

प्रश्न 9: भारतीय संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से किस एक को छोड़कर सभी मौलिक अधिकार हैं?

  1. जीवन का अधिकार
  2. समानता का अधिकार
  3. शिक्षा का अधिकार
  4. संपत्ति का अधिकार

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: संपत्ति का अधिकार (Right to Property) मूल रूप से भारतीय संविधान के भाग III में अनुच्छेद 31 के तहत एक मौलिक अधिकार था। लेकिन 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा इसे मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया और अनुच्छेद 300-A के तहत एक कानूनी अधिकार (Legal Right) बना दिया गया।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन संपत्ति के अधिकार को कम महत्वपूर्ण नहीं बनाता, लेकिन यह सुनिश्चित करता है कि राज्य सार्वजनिक उद्देश्य के लिए संपत्ति का अधिग्रहण कर सके, जबकि उचित मुआवजा भी प्रदान करे।
  • गलत विकल्प: जीवन का अधिकार (अनुच्छेद 21), समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14), और शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 21A, 86वें संशोधन, 2002 द्वारा जोड़ा गया) वर्तमान में भी मौलिक अधिकार हैं।

प्रश्न 10: भारत में चुनाव आयोग (Election Commission of India) का गठन किस अनुच्छेद के तहत किया जाता है?

  1. अनुच्छेद 324
  2. अनुच्छेद 315
  3. अनुच्छेद 280
  4. अनुच्छेद 338

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 324 भारत में एक ‘चुनाव आयोग’ की स्थापना का प्रावधान करता है, जो भारत में सभी चुनावों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार है।
  • संदर्भ और विस्तार: चुनाव आयोग एक स्थायी संवैधानिक संस्था है। इसमें एक मुख्य चुनाव आयुक्त और आवश्यकतानुसार अन्य चुनाव आयुक्त शामिल होते हैं। भारत के राष्ट्रपति मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 315 संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोगों (UPSC/State PSCs) की स्थापना का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 280 वित्त आयोग (Finance Commission) के गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 338 राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) से संबंधित है।

प्रश्न 11: भारतीय संविधान के निर्माता (Architect) के रूप में किसे जाना जाता है?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. सरदार वल्लभभाई पटेल
  3. डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
  4. डॉ. राजेंद्र प्रसाद

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को भारतीय संविधान का ‘शिल्पकार’ या ‘निर्माता’ कहा जाता है क्योंकि वे संविधान सभा की प्रारूप समिति (Drafting Committee) के अध्यक्ष थे और भारतीय संविधान के मसौदे को तैयार करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
  • संदर्भ और विस्तार: उन्होंने संविधान के निर्माण में गहन अध्ययन, विचार-विमर्श और महत्वपूर्ण योगदान दिया। संविधान सभा की बहस में उनके विचार विशेष रूप से प्रभावशाली थे, खासकर मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यक अधिकारों और राज्य की संरचना से संबंधित।
  • गलत विकल्प: जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और उन्होंने उद्देश्य प्रस्ताव (Objective Resolution) पेश किया था। सरदार पटेल उप-प्रधानमंत्री थे और उन्होंने रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे।

प्रश्न 12: राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चुनाव से संबंधित विवादों का निर्णय करने की शक्ति किसमें निहित है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. संसद
  3. सर्वोच्च न्यायालय
  4. चुनाव आयोग

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित सभी शंकाओं और विवादों का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है और उसका निर्णय अंतिम होता है (अनुच्छेद 71)। प्रधानमंत्री का चुनाव सीधे तौर पर विवादों के अधीन नहीं होता, बल्कि उनके निर्वाचन क्षेत्र या दल-बदल से संबंधित विवादों का निर्णय संसद या न्यायालय द्वारा होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय के पास इन चुनावों में उत्पन्न होने वाले विवादों को हल करने का विशेष अधिकार है। यह सुनिश्चित करता है कि उच्च पदों के चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हों।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति सरकार के प्रमुख हैं, न्यायालय नहीं। संसद कानून बनाती है। चुनाव आयोग चुनावों का संचालन करता है, लेकिन विवादों का अंतिम निर्णय सर्वोच्च न्यायालय करता है।

प्रश्न 13: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
  4. 97वां संशोधन अधिनियम, 2011

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: 73वां संशोधन अधिनियम, 1992 ने भारतीय संविधान में भाग IX को जोड़ा और पंचायती राज संस्थाओं (Gram Panchayats, Block Panchayats, Zila Panchayats) को संवैधानिक दर्जा दिया। इसने अनुच्छेद 243 से 243-O तक पंचायती राज से संबंधित प्रावधान जोड़े।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन भारत में विकेन्द्रीकृत शासन की दिशा में एक मील का पत्थर था, जिसने जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत किया। इसने पंचायती राज संस्थाओं को स्व-शासन की इकाइयां बनाने का प्रावधान किया।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम, 1992 शहरी स्थानीय निकायों (नगरपालिकाएं) से संबंधित है। 86वां संशोधन अधिनियम, 2002 ने शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया। 97वां संशोधन अधिनियम, 2011 ने सहकारी समितियों को संवैधानिक दर्जा दिया।

प्रश्न 14: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council – NDC) का पदेन अध्यक्ष कौन होता है?

  1. राष्ट्रपति
  2. प्रधानमंत्री
  3. गृह मंत्री
  4. योजना आयोग के उपाध्यक्ष

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक गैर-संवैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना 1952 में हुई थी। इसके पदेन अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: NDC भारत में पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देने और राष्ट्रीय विकास से संबंधित महत्वपूर्ण नीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए सर्वोच्च निकाय है। इसमें केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति राज्य के प्रमुख हैं। गृह मंत्री आंतरिक सुरक्षा के प्रभारी होते हैं। योजना आयोग (जो अब नीति आयोग बन गया है) के उपाध्यक्ष एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन अध्यक्ष पद प्रधानमंत्री के पास होता है।

प्रश्न 15: किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. यह अनुच्छेद 356 के तहत लगाया जा सकता है।
2. यह अधिकतम 3 वर्ष तक लागू रह सकता है, जिसके बाद इसे विशेष बहुमत से बढ़ाया जा सकता है।
3. इसे संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
सही कथन चुनिए:

  1. केवल 1 और 3
  2. केवल 1 और 2
  3. केवल 2 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: कथन 1 और 3 सही हैं। राष्ट्रपति शासन, किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता की स्थिति में, अनुच्छेद 356 के तहत लगाया जा सकता है। इसे संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है (अनुच्छेद 356(4))।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति शासन की प्रारंभिक अवधि 2 वर्ष होती है। यदि इसे 2 वर्ष से अधिक समय तक जारी रखना हो, तो इसके लिए संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत (कुल सदस्यों के बहुमत और उपस्थित तथा मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई) से अनुमोदन की आवश्यकता होती है। यह 3 वर्ष के बाद भी जारी रखने के लिए, राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान या छह महीने के भीतर, अनुच्छेद 352 के तहत प्रस्ताव पारित होने पर ही संभव है। इसलिए, कथन 2 गलत है क्योंकि 3 साल के बाद स्वतः विस्तार नहीं होता और विशेष बहुमत का नियम 2 साल के बाद लागू होता है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) केवल 1 और 3 को सही मानता है, जो कि सही व्याख्या है।

प्रश्न 16: ‘विधि के समक्ष समानता’ (Equality before law) किस अनुच्छेद में वर्णित है?

  1. अनुच्छेद 13
  2. अनुच्छेद 14
  3. अनुच्छेद 15
  4. अनुच्छेद 16

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 “विधि के समक्ष समानता” और “विधियों का समान संरक्षण” की गारंटी देता है। इसका अर्थ है कि राज्य किसी भी व्यक्ति को कानून के सामने समान मानने से इनकार नहीं करेगा।
  • संदर्भ और विस्तार: ‘विधि के समक्ष समानता’ ब्रिटिश मूल का है और इसका अर्थ है कि सभी व्यक्ति, चाहे वे किसी भी पद पर हों, कानून के अधीन हैं और कानून के अनुसार समान रूप से दंडित होंगे। ‘विधियों का समान संरक्षण’ अमेरिकी संविधान से लिया गया है और इसका अर्थ है कि समान परिस्थितियों में समान व्यवहार किया जाएगा।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 ‘विधि’ को परिभाषित करता है और बताता है कि मौलिक अधिकारों से असंगत विधियाँ शून्य होंगी। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 16 लोक नियोजन के विषयों में अवसर की समानता की बात करता है।

प्रश्न 17: भारतीय संविधान में ‘एकीकृत न्यायपालिका’ (Integrated Judiciary) की अवधारणा किस देश से ली गई है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. ऑस्ट्रेलिया
  4. यूनाइटेड किंगडम

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में एक एकीकृत न्यायपालिका की अवधारणा, जहां सर्वोच्च न्यायालय के शीर्ष पर उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों की एक पदानुक्रमित संरचना है, संयुक्त राज्य अमेरिका से प्रभावित है। हालाँकि, भारत की एकीकृत न्यायपालिका में कुछ भिन्नताएँ हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: भारतीय न्यायपालिका की यह एकीकृत संरचना अनुच्छेद 124 (सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना) से लेकर अनुच्छेद 235 (अधीनस्थ न्यायालयों पर उच्च न्यायालयों का नियंत्रण) तक देखी जा सकती है। यह प्रणाली न्याय की एक समान पहुंच सुनिश्चित करने में मदद करती है।
  • गलत विकल्प: ब्रिटेन में एक अलग सर्वोच्च न्यायालय नहीं है (पहले हाउस ऑफ लॉर्ड्स अंतिम अपीलीय प्राधिकारी था)। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी अपनी न्यायिक प्रणालियाँ हैं, लेकिन भारतीय एकीकृत न्यायपालिका की अवधारणा में अमेरिकी प्रभाव अधिक स्पष्ट है।

प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?

  1. भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
  2. वित्त आयोग (Finance Commission)
  3. नीति आयोग (NITI Aayog)
  4. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (National Institution for Transforming India) एक कार्यकारी आदेश द्वारा 1 जनवरी 2015 को स्थापित एक गैर-संवैधानिक निकाय है। यह थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: नीति आयोग भारत सरकार के लिए नीति-निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन इसका कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है। इसके विपरीत, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) अनुच्छेद 148 के तहत, वित्त आयोग (Finance Commission) अनुच्छेद 280 के तहत, और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) अनुच्छेद 315 के तहत संवैधानिक संस्थाएं हैं।
  • गलत विकल्प: CAG, वित्त आयोग और UPSC सभी संवैधानिक निकाय हैं क्योंकि उनके प्रावधान संविधान में स्पष्ट रूप से दिए गए हैं।

प्रश्न 19: मौलिक कर्तव्यों को किस संशोधन द्वारा भारतीय संविधान में शामिल किया गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान के भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के रूप में जोड़ा गया था। यह संशोधन सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर आधारित था।
  • संदर्भ और विस्तार: इन कर्तव्यों को नागरिकों के लिए एक नैतिक अनुस्मारक के रूप में पेश किया गया था ताकि वे राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों को समझें, जैसे कि संविधान का पालन करना, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना, देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखना आदि।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन संपत्ति के अधिकार से संबंधित था। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित था। 61वां संशोधन मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करने से संबंधित था।

प्रश्न 20: संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति को किसी भी मामले पर सर्वोच्च न्यायालय से सलाह मांगने का अधिकार है?

  1. अनुच्छेद 123
  2. अनुच्छेद 143
  3. अनुच्छेद 147
  4. अनुच्छेद 149

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को कुछ विशिष्ट प्रकार के प्रश्नों पर सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श या सलाह मांगने की शक्ति देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद राष्ट्रपति को सार्वजनिक महत्व के किसी भी प्रश्न या किसी ऐसे प्रश्न के बारे में सलाह मांगने की अनुमति देता है, जो कानून या तथ्य के ऐसे प्रश्न से संबंधित है या प्रतीत होता है, और जिस पर सर्वोच्च न्यायालय की राय लेना आवश्यक है। हालाँकि, राष्ट्रपति इस सलाह को मानने के लिए बाध्य नहीं हैं, और सर्वोच्च न्यायालय भी सलाह देने से इनकार कर सकता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 147 व्याख्या से संबंधित है। अनुच्छेद 149 CAG के कर्तव्यों से संबंधित है।

प्रश्न 21: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘न्याय’ (Justice) के प्रकार शामिल हैं:

  1. सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक
  2. सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक
  3. राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक
  4. सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना तीन प्रकार के न्याय का आश्वासन देती है: सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक। ये आदर्श फ्रांसीसी क्रांति से प्रभावित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: सामाजिक न्याय का अर्थ है किसी भी प्रकार के भेदभाव के बिना सभी नागरिकों को समान व्यवहार। राजनीतिक न्याय का अर्थ है सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार, जैसे कि वोट देने का अधिकार और सार्वजनिक पदों को धारण करने का अधिकार। आर्थिक न्याय का अर्थ है धन और संपत्ति का समान वितरण, ताकि सभी नागरिकों के लिए उचित जीवन स्तर सुनिश्चित किया जा सके।
  • गलत विकल्प: प्रस्तावना में धार्मिक या सांस्कृतिक न्याय का सीधे तौर पर उल्लेख नहीं है, हालाँकि ये स्वतंत्रता के अधिकार के तहत अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं।

प्रश्न 22: किस वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है?

  1. ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
  2. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
  3. मेनका गांधी बनाम भारत संघ
  4. शंकर प्रसाद बनाम भारत सरकार

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक वाद में, सर्वोच्च न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक अभिन्न अंग है। इसने यह भी व्यवस्था दी कि प्रस्तावना में संशोधन किया जा सकता है, लेकिन इसके ‘मूल ढांचे’ (Basic Structure) को नहीं बदला जा सकता।
  • संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने भारतीय संविधानवाद में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया और संसद की संशोधन शक्ति को न्यायपालिका द्वारा समीक्षा के अधीन लाया। प्रस्तावना संविधान का सार और आत्मा है।
  • गलत विकल्प: ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य (1950) में प्रस्तावना को संविधान का अंग नहीं माना गया था। मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978) ने अनुच्छेद 21 का विस्तार किया। शंकर प्रसाद बनाम भारत सरकार (1951) में प्रस्तावना को संविधान का अंग नहीं माना गया था, लेकिन मौलिक अधिकारों को संशोधित करने की संसद की शक्ति को मान्यता दी गई थी।

प्रश्न 23: किसी विधेयक के धन विधेयक (Money Bill) होने या न होने का अंतिम निर्णय कौन करता है?

  1. राष्ट्रपति
  2. वित्त मंत्री
  3. लोकसभा के अध्यक्ष
  4. राज्यसभा के सभापति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 110(3) के अनुसार, कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं, इस प्रश्न पर लोकसभा के अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: धन विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है। राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश की आवश्यकता होती है। राज्यसभा धन विधेयकों में संशोधन नहीं कर सकती, केवल सिफ़ारिशें कर सकती है, और उन्हें 14 दिनों के भीतर वापस करना होता है। यदि लोकसभा अध्यक्ष का निर्णय अंतिम है, तो इसका अर्थ है कि न्यायिक पुनरीक्षण (Judicial Review) भी उस पर लागू नहीं होता, हालाँकि बाद में न्यायालयों ने इस पर कुछ सीमाएं लगाई हैं।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति विधेयक पर हस्ताक्षर करते हैं या वीटो कर सकते हैं। वित्त मंत्री इस पर राय दे सकते हैं। राज्यसभा के सभापति राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करते हैं।

प्रश्न 24: भारत में ‘नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक’ (CAG) की नियुक्ति कौन करता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. राष्ट्रपति
  3. संसद
  4. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India – CAG) की नियुक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के सभी वित्तीय लेन-देन की लेखा-परीक्षा करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक धन का उपयोग कुशलतापूर्वक और विधिवत किया जाए। CAG संसद की लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee – PAC) के लिए एक मार्गदर्शक, मित्र और दार्शनिक के रूप में कार्य करता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं। संसद कानून बनाती है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायिक प्रमुख हैं।

प्रश्न 25: भारतीय संविधान का कौन सा भाग ‘आपातकालीन उपबंधों’ (Emergency Provisions) से संबंधित है?

  1. भाग XIV
  2. भाग XV
  3. भाग XVIII
  4. भाग XX

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सही उत्तर और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग XVIII, अनुच्छेद 352 से 360 तक, आपातकालीन उपबंधों से संबंधित है। इसमें राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता (राष्ट्रपति शासन – अनुच्छेद 356) और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: ये उपबंध संघ को असाधारण परिस्थितियों में देश की सुरक्षा, अखंडता और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सशक्त बनाते हैं। आपातकाल के दौरान, संघ की कार्यकारी शक्ति का विस्तार होता है और मौलिक अधिकारों को निलंबित किया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: भाग XIV सेवाओं से संबंधित है। भाग XV निर्वाचन (Elections) से संबंधित है। भाग XX संशोधन की प्रक्रिया से संबंधित है।

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