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भारतीय राजव्यवस्था की कसौटी: आज की अग्निपरीक्षा!

भारतीय राजव्यवस्था की कसौटी: आज की अग्निपरीक्षा!

नमस्कार, भावी प्रशासकों! भारतीय लोकतंत्र के स्तंभों और संवैधानिक ढांचे की अपनी समझ को पैना करने का समय आ गया है। हर दिन, हम आपके ज्ञान की गहराई और अवधारणाओं की स्पष्टता को परखने के लिए एक नई चुनौती लेकर आते हैं। क्या आप आज के 25 गहन प्रश्नों के लिए तैयार हैं जो आपको भारत की राजव्यवस्था की जटिलताओं से रूबरू कराएंगे?

भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान के किस भाग में नागरिकता से संबंधित प्रावधान हैं?

  1. भाग I
  2. भाग II
  3. भाग III
  4. भाग IV

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग II, अनुच्छेद 5 से 11 तक, नागरिकता के अधिग्रहण और समाप्ति से संबंधित प्रावधानों का वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भाग विशेष रूप से भारतीय डोमिनियन के भीतर नागरिकता के बारे में है, जिसमें संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता, और पाकिस्तान से भारत को प्रवासन करने वाले व्यक्तियों की नागरिकता शामिल है। संसद को नागरिकता पर आगे कानून बनाने की शक्ति अनुच्छेद 11 के तहत दी गई है।
  • गलत विकल्प: भाग I संघ और उसके क्षेत्र से संबंधित है (अनुच्छेद 1-4)। भाग III मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 12-35) से संबंधित है। भाग IV राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (अनुच्छेद 36-51) से संबंधित है।

प्रश्न 2: ‘राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत’ (DPSP) भारतीय संविधान में कहाँ से प्रेरित हैं?

  1. ब्रिटिश संविधान
  2. अमेरिकी संविधान
  3. आयरिश संविधान
  4. कनाडाई संविधान

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) को भारतीय संविधान में आयरिश संविधान (Ireland) से प्रेरित होकर शामिल किया गया है। ये सिद्धांत संविधान के भाग IV (अनुच्छेद 36-51) में वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: आयरिश संविधान में इन सिद्धांतों को “निर्देश” (Directives) कहा गया है, और भारतीय संविधान निर्माताओं ने इसे कल्याणकारी राज्य की स्थापना के उद्देश्य से अपनाया। ये सिद्धांत न्यायोचित नहीं हैं, अर्थात इन्हें न्यायालयों द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता, लेकिन देश के शासन में मूलभूत हैं।
  • गलत विकल्प: ब्रिटिश संविधान ने संसदीय सरकार की प्रणाली और कानून के शासन की प्रेरणा दी। अमेरिकी संविधान ने मौलिक अधिकार, राष्ट्रपति पद, और न्यायिक पुनरावलोकन की अवधारणाएं दीं। कनाडाई संविधान ने संघात्मक प्रणाली और अवशिष्ट शक्तियों की अवधारणा दी।

प्रश्न 3: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद ग्राम पंचायतों के गठन का प्रावधान करता है?

  1. अनुच्छेद 40
  2. अनुच्छेद 44
  3. अनुच्छेद 51A
  4. अनुच्छेद 243

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 40, जो राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (भाग IV) का हिस्सा है, ग्राम पंचायतों के संगठन के लिए राज्य को कदम उठाने का निर्देश देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद गांधीवादी सिद्धांतों से प्रेरित है और पंचायत राज संस्थाओं को स्थानीय स्वशासन की इकाइयों के रूप में स्थापित करने पर जोर देता है। हालाँकि, अनुच्छेद 243 (73वें संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया) ग्राम पंचायतों को संवैधानिक दर्जा और विस्तृत प्रावधान प्रदान करता है, लेकिन अनुच्छेद 40 एक मूल सिद्धांत के रूप में इसके गठन का निर्देश देता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 44 समान नागरिक संहिता से संबंधित है। अनुच्छेद 51A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। अनुच्छेद 243 पंचायतों से संबंधित है, लेकिन वह इस प्रश्न के संदर्भ में एक विशिष्ट कार्यान्वयन प्रावधान है, जबकि अनुच्छेद 40 मूल गठन का निर्देश है।

प्रश्न 4: राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया किस सदन से प्रारंभ हो सकती है?

  1. केवल लोकसभा
  2. केवल राज्यसभा
  3. लोकसभा या राज्यसभा किसी भी सदन से
  4. यह प्रक्रिया किसी भी सदन से शुरू नहीं की जा सकती

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया, जो संविधान के अनुच्छेद 61 में वर्णित है, लोकसभा या राज्यसभा में से किसी भी सदन द्वारा शुरू की जा सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: आरोप लगाने वाला प्रस्ताव किसी भी सदन के एक-चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिए और सदन के कम से कम एक-चौथाई सदस्यों द्वारा अनुमोदित होना चाहिए। इसके बाद, उस सदन द्वारा गठित एक जांच समिति आरोप की जांच करती है। यदि आरोप सही पाया जाता है, तो दूसरा सदन उस पर विचार करता है। महाभियोग के प्रस्ताव को उस सदन की कुल सदस्यता के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना आवश्यक है जिसमें आरोप शुरू किया गया था, और फिर दूसरे सदन के कुल सदस्यता के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना आवश्यक है।
  • गलत विकल्प: किसी भी सदन से शुरू किया जा सकता है, न कि केवल एक विशेष सदन से।

प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के बारे में सत्य नहीं है?

  1. उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  2. उन्हें केवल राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
  3. उनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है।
  4. वे भारत की संचित निधि से वेतन प्राप्त करते हैं।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है। उनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक होता है। CAG को संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से पारित संकल्प के आधार पर उसी आधार पर हटाया जा सकता है जिस पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है (अनुच्छेद 148(1) और 124(4) का संदर्भ)। इसलिए, यह कहना कि उन्हें केवल राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है, असत्य है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग के प्रमुख होते हैं और केंद्र व राज्य सरकारों के खातों की लेखापरीक्षा करते हैं। उनके वेतन और भत्ते भारत की संचित निधि पर भारित होते हैं, जिस पर मतदान नहीं होता।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b) असत्य है क्योंकि CAG को संसद के प्रस्ताव पर हटाया जाता है, केवल राष्ट्रपति द्वारा नहीं। विकल्प (a), (c), और (d) सत्य हैं।

प्रश्न 6: भारतीय संविधान का कौन सा संशोधन ‘मिनी-कॉन्स्टीट्यूशन’ के रूप में जाना जाता है?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  4. 86वां संशोधन अधिनियम, 2002

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 42वां संशोधन अधिनियम, 1976 को ‘मिनी-कॉन्स्टीट्यूशन’ कहा जाता है क्योंकि इसने संविधान के अनेक महत्वपूर्ण हिस्सों में बड़े पैमाने पर परिवर्तन किए, जिनमें प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्यों को जोड़ना (भाग IVA), राष्ट्रपति पर मंत्रिपरिषद की सलाह को बाध्यकारी बनाना (अनुच्छेद 74), और संसद की विधायी शक्तियों का विस्तार शामिल है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह संशोधन तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा आपातकाल के दौरान पारित किया गया था और इसने भारतीय राजनीति और संविधान पर गहरा प्रभाव डाला। हालाँकि, इनमें से कुछ प्रावधानों को 44वें संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा निरस्त या संशोधित किया गया।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन, 1978 ने 42वें संशोधन के कुछ प्रावधानों को पूर्ववत किया। 73वां और 86वां संशोधन क्रमशः पंचायती राज और शिक्षा के अधिकार से संबंधित हैं।

प्रश्न 7: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को सार्वजनिक पद पर बने रहने के अधिकार की वैधता की जांच करने के लिए जारी की जाती है?

  1. हैबियस कॉर्पस
  2. मेंडमस
  3. प्रोहिबिशन
  4. को-वारंटो (अधिकार-पृच्छा)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘को-वारंटो’ (Quo Warranto) या अधिकार-पृच्छा, एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘किस अधिकार से’। यह रिट किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक पद के अवैध उपयोग को रोकने के लिए जारी की जाती है। यह उच्चतम न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) द्वारा जारी की जा सकती है।
  • संदर्भ और विस्तार: यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे सार्वजनिक पद पर कार्य कर रहा है जिसके लिए वह योग्य नहीं है, तो न्यायालय इस रिट के माध्यम से उससे उस पद पर बने रहने के अधिकार का स्पष्टीकरण मांग सकता है।
  • गलत विकल्प: ‘हैबियस कॉर्पस’ का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’ और यह अवैध हिरासत से व्यक्ति की रिहाई के लिए है। ‘मेंडमस’ का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’ और यह किसी सार्वजनिक अधिकारी को उसके कर्तव्य करने के लिए जारी किया जाता है। ‘प्रोहिबिशन’ का अर्थ है ‘प्रतिषेध’ और यह किसी निचली अदालत या न्यायाधिकरण को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी किया जाता है।

प्रश्न 8: भारतीय संविधान में ‘संघवाद’ (Federalism) की अवधारणा किस देश के संविधान से प्रेरित है?

  1. ऑस्ट्रेलिया
  2. कनाडा
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका
  4. ग्रेट ब्रिटेन

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में संघवाद की अवधारणा, विशेष रूप से एक मजबूत केंद्र के साथ, कनाडा के संविधान से प्रेरित है। अनुच्छेद 1 में भारत को “राज्यों का एक संघ” कहा गया है, जो एकात्मक झुकाव वाले संघवाद का संकेत देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: कनाडा के संघवाद में, केंद्र सरकार राज्यों की तुलना में अधिक शक्तिशाली होती है। अवशिष्ट शक्तियाँ (residual powers) भी केंद्र के पास होती हैं, जैसा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 248 में भी है। अमेरिका का संघवाद राज्यों को अधिक स्वायत्तता देता है और अवशिष्ट शक्तियाँ राज्यों के पास होती हैं।
  • गलत विकल्प: अमेरिका में संघवाद की प्रकृति भिन्न है। ऑस्ट्रेलिया से ‘समवर्ती सूची’ (Concurrent List) की अवधारणा ली गई है। ग्रेट ब्रिटेन से संसदीय प्रणाली ली गई है।

प्रश्न 9: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति, जिसे ‘क्षमा’ (Pardon) कहते हैं, संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित है?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 123
  3. अनुच्छेद 111
  4. अनुच्छेद 108

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमादान, दंड को रोकना, या दंड को कम करना या परिवर्तित करना की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति राष्ट्रपति को उन व्यक्तियों के प्रति दया दिखाने की अनुमति देती है जिन्हें मृत्युदंड दिया गया है, या जो सशस्त्र बल न्यायालयों द्वारा दोषी ठहराए गए हैं, या ऐसे मामलों में जहाँ अपराध संघ के कानून के विरुद्ध हो। उच्चतम न्यायालय ने ‘ज्ञात बनाम भारत संघ (2014)’ मामले में इस शक्ति के प्रयोग की कुछ सीमाओं और प्रक्रिया पर प्रकाश डाला है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की विधायी शक्तियों (जैसे विधेयक पर सहमति देना) से संबंधित है। अनुच्छेद 108 संयुक्त बैठक से संबंधित है।

प्रश्न 10: भारत के संविधान के अनुसार, मौलिक अधिकार क्या हैं?

  1. न्यायोचित (Justiciable)
  2. अन्यायोचित (Non-justiciable)
  3. कुछ न्यायोचित और कुछ अन्यायोचित
  4. संसद की इच्छा पर निर्भर

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग III में वर्णित मौलिक अधिकार न्यायोचित (justiciable) हैं। इसका मतलब है कि यदि किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो वह सीधे उच्चतम न्यायालय (अनुच्छेद 32) या उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) में जा सकता है और न्याय मांग सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: न्यायालय इन अधिकारों को लागू करने के लिए रिट जारी कर सकते हैं। यह उन्हें राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) से अलग करता है, जो अन्यायोजित हैं।
  • गलत विकल्प: DPSP अन्यायोजित होते हैं। मौलिक अधिकार पूरी तरह से न्यायोचित हैं।

प्रश्न 11: संसद के सत्रों के मध्य अधिकतम कितना अंतराल हो सकता है?

  1. 3 महीने
  2. 4 महीने
  3. 6 महीने
  4. 12 महीने

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 85(2)(a) कहता है कि राष्ट्रपति समय-समय पर, प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर सत्र के लिए आहूत करेगा जैसा वह उचित समझे, लेकिन किसी सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के बीच छह महीने से अधिक का अंतराल नहीं होना चाहिए।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका तात्पर्य यह है कि संसद के दो सत्रों के बीच अधिकतम अंतराल छह महीने का हो सकता है। सामान्यतः, संसद के तीन सत्र होते हैं: बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र।
  • गलत विकल्प: तीन, चार या बारह महीने का कोई निश्चित अधिकतम अंतराल निर्धारित नहीं है; यह छह महीने की सीमा महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 12: किस अनुच्छेद के तहत, भारतीय संविधान में ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा’ का अधिकार प्रदान किया गया है?

  1. अनुच्छेद 19
  2. अनुच्छेद 20
  3. अनुच्छेद 21
  4. अनुच्छेद 22

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21 कहता है कि “किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा।” यह मौलिक अधिकारों में से एक है।
  • संदर्भ और विस्तार: उच्चतम न्यायालय ने मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978) मामले में इस अनुच्छेद की व्याख्या का विस्तार किया, जिसमें जीवन के अधिकार में गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, निजता का अधिकार, और त्वरित सुनवाई का अधिकार जैसे कई अन्य अधिकार शामिल हो गए हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि के संबंध में कुछ अधिकारों की गारंटी देता है। अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 22 कुछ मामलों में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण प्रदान करता है।

प्रश्न 13: भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा कौन कर सकता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. रक्षा मंत्री
  3. भारत के राष्ट्रपति
  4. लोकसभा का अध्यक्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 352 राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा करने की शक्ति प्रदान करता है, यदि वह इस बात से संतुष्ट हो कि युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत की सुरक्षा को खतरा है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह उद्घोषणा संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित होनी चाहिए। मूल रूप से यह अवधि दो महीने थी, जिसे 44वें संशोधन, 1978 द्वारा बदलकर एक महीना कर दिया गया।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री या अन्य मंत्री राष्ट्रपति को सलाह दे सकते हैं, लेकिन अंतिम उद्घोषणा राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। लोकसभा अध्यक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं होती।

प्रश्न 14: भारतीय संविधान में ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ किस प्रकार का अधिकार है?

  1. मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 14 के तहत)
  2. मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 39(d) के तहत, जो DPSP है)
  3. कानूनी अधिकार
  4. संवैधानिक अधिकार, लेकिन न्यायोचित नहीं

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) का एक हिस्सा है, जो संविधान के अनुच्छेद 39(d) में वर्णित है। यह एक मौलिक अधिकार नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: यद्यपि यह सीधे तौर पर न्यायोचित नहीं है, उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न निर्णयों में इसे अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) के सहायक सिद्धांत के रूप में व्याख्यायित किया है, जिससे इसे कुछ हद तक प्रवर्तनीयता मिली है। उदाहरण के लिए, रणधीर सिंह बनाम भारत संघ (1982) का मामला।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार प्रदान करता है, लेकिन ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ विशेष रूप से अनुच्छेद 39(d) के तहत DPSP है। यह एक कानूनी अधिकार नहीं है और न ही यह मौलिक अधिकार होने के नाते न्यायोचित है।

प्रश्न 15: भारत में संसद की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के उपराष्ट्रपति
  3. लोकसभा का अध्यक्ष
  4. राज्यसभा का सभापति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 108 के अनुसार, जब संसद की संयुक्त बैठक बुलाई जाती है, तो उसकी अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यदि अध्यक्ष अनुपस्थित हों, तो लोकसभा के उपाध्यक्ष और उनकी अनुपस्थिति में, राज्यसभा के उपाध्यक्ष (जो उप-सभापति भी हो सकते हैं) अध्यक्षता करते हैं। राज्यसभा का सभापति (जो उपराष्ट्रपति होते हैं) संयुक्त बैठक की अध्यक्षता नहीं करते।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति केवल बैठक बुलाते हैं, अध्यक्षता नहीं करते। उपराष्ट्रपति (राज्यसभा के सभापति) इस बैठक की अध्यक्षता नहीं करते।

प्रश्न 16: भारतीय संविधान के किस भाग में ‘पंचायती राज’ से संबंधित प्रावधानों को विस्तृत रूप से शामिल किया गया है?

  1. भाग IX
  2. भाग IX-A
  3. भाग X
  4. भाग XI

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, जिसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था, पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) से संबंधित है। यह अनुच्छेद 243 से 243-O तक फैला हुआ है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस भाग में पंचायतों की संरचना, कार्यकाल, आरक्षण, वित्तीय प्रावधान और चुनाव आदि से संबंधित विस्तृत प्रावधान हैं, जो स्थानीय स्वशासन को मजबूत करते हैं।
  • गलत विकल्प: भाग IX-A नगरपालिकाओं से संबंधित है। भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है। भाग XI केंद्र और राज्यों के बीच विधायी और कार्यकारी संबंधों से संबंधित है।

प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है?

  1. संथाली
  2. कश्मीरी
  3. राजस्थानी
  4. डोगरी

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। राजस्थानी इन 22 भाषाओं में शामिल नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: संथाली (92वें संशोधन, 2003 द्वारा जोड़ी गई), कश्मीरी, और डोगरी (52वें संशोधन, 2003 द्वारा जोड़ी गई) आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग लंबे समय से चली आ रही है।
  • गलत विकल्प: संथाली, कश्मीरी और डोगरी संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। राजस्थानी शामिल नहीं है।

प्रश्न 18: ‘न्यायिक पुनरावलोकन’ (Judicial Review) की शक्ति का स्रोत क्या है?

  1. संविधान का स्पष्ट प्रावधान
  2. संसद का अधिनियम
  3. सुप्रीम कोर्ट की व्याख्या और परंपरा
  4. विदेशी संविधान

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में ‘न्यायिक पुनरावलोकन’ (Judicial Review) की शक्ति का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं है, लेकिन यह संविधान के बुनियादी ढांचे (basic structure) का हिस्सा है, जैसा कि केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने माना था। यह शक्ति अनुच्छेद 13 (जो मौलिक अधिकारों के असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाले कानूनों को शून्य घोषित करता है), अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचारों का अधिकार), अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालयों की रिट अधिकारिता) आदि से अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: न्यायिक पुनरावलोकन का अर्थ है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट, संसद या राज्य विधानमंडलों द्वारा बनाए गए कानूनों की संवैधानिकता की जाँच कर सकते हैं और यदि वे संविधान के विरुद्ध पाए जाते हैं तो उन्हें रद्द कर सकते हैं।
  • गलत विकल्प: यद्यपि अमेरिकी संविधान से प्रेरणा मिली है, भारत में यह शक्ति संविधान के अंतर्गत स्पष्ट रूप से न होकर अप्रत्यक्ष प्रावधानों से विकसित हुई है और सुप्रीम कोर्ट की व्याख्या का परिणाम है, जिसे मौलिक अधिकार के रूप में स्थापित किया गया है। इसे किसी अधिनियम से नहीं, बल्कि संविधान की व्याख्या से प्राप्त शक्ति माना जाता है।

प्रश्न 19: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. केंद्रीय गृह मंत्री
  4. मानव संसाधन विकास मंत्री

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) की स्थापना मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत हुई थी। इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस समिति में प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), गृह मंत्री, लोकसभा के अध्यक्ष, राज्यसभा के उप-सभापति, लोकसभा और राज्यसभा के विपक्ष के नेता, और केंद्रीय गृह सचिव शामिल होते हैं। नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
  • गलत विकल्प: नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, न कि प्रधानमंत्री या किसी अन्य मंत्री द्वारा।

प्रश्न 20: निम्नलिखित में से किस मामले में उच्चतम न्यायालय ने ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) पर महत्वपूर्ण निर्णय दिया?

  1. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
  2. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
  3. एस. आर. बोम्मई बनाम भारत संघ
  4. एम. एस. एम. शर्मा बनाम श्री कृष्ण सिन्हा

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: एम. एस. एम. शर्मा बनाम श्री कृष्ण सिन्हा (1959) का मामला संसदीय विशेषाधिकार से संबंधित एक महत्वपूर्ण निर्णय है। इसमें यह माना गया कि पूर्ण स्वतंत्रता नहीं है और मौलिक अधिकार, विशेषकर अनुच्छेद 19(1)(a) (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता), संसदीय विशेषाधिकारों पर प्रभावी हो सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इस मामले में, एक पत्रकार पर विशेषाधिकार हनन का आरोप था। न्यायालय ने कहा कि संसद के सदस्यों को वे विशेषाधिकार प्राप्त हैं जो ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स को प्राप्त हैं, लेकिन ये विशेषाधिकार मौलिक अधिकारों के अधीन हैं।
  • गलत विकल्प: गोलकनाथ मामला मौलिक अधिकारों की संशोधन क्षमता से संबंधित था। केशवानंद भारती मामला संविधान की मूल संरचना से संबंधित था। एस. आर. बोम्मई मामला राष्ट्रपति शासन के प्रयोग से संबंधित था।

प्रश्न 21: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद भारत के महान्यायवादी (Attorney General) की नियुक्ति और कार्यों से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 76
  2. अनुच्छेद 165
  3. अनुच्छेद 148
  4. अनुच्छेद 131

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76 भारतीय संविधान में भारत के महान्यायवादी (Attorney General for India) की नियुक्ति, पद और कर्तव्यों से संबंधित है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति, जो भारत सरकार के विधायी और अन्य मामलों में सलाह देने के लिए महान्यायवादी की नियुक्ति करते हैं, ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करते हैं जो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त होने की योग्यता रखता हो। महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और उसे संसद के दोनों सदनों में बोलने का अधिकार होता है (अनुच्छेद 88)।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 165 राज्य के महाधिवक्ता (Advocate General) से संबंधित है। अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) से संबंधित है। अनुच्छेद 131 उच्चतम न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित है।

प्रश्न 22: निम्नलिखित में से कौन ‘राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत’ (DPSP) का एक उदाहरण है?

  1. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
  2. कानून के समक्ष समानता
  3. सार्वजनिक स्वास्थ्य का सुधार
  4. किसी भी रूप में अस्पृश्यता का अंत

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: सार्वजनिक स्वास्थ्य का सुधार, बीमारी की रोकथाम सहित, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) का हिस्सा है, विशेष रूप से अनुच्छेद 47 के तहत।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 47 कहता है कि राज्य पोषाहार के स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के सुधार को अपना प्राथमिक कर्तव्य मानेगा।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b) और (d) मौलिक अधिकार हैं। अनुच्छेद 15(1) धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष समानता और कानूनों के समान संरक्षण की गारंटी देता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत करता है।

प्रश्न 23: भारतीय संविधान में ‘संसद की सर्वोच्चता’ (Supremacy of Parliament) के सिद्धांत पर किससे अधिक बल दिया गया है?

  1. अमेरिकी मॉडल
  2. ब्रिटिश मॉडल
  3. आयरिश मॉडल
  4. कनाडाई मॉडल

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संसदीय प्रणाली मुख्य रूप से ब्रिटिश मॉडल से प्रेरित है, जिसमें ‘संसद की सर्वोच्चता’ का सिद्धांत निहित है। हालांकि, भारतीय संदर्भ में यह सर्वोच्चता पूर्ण नहीं है क्योंकि यह संविधान के अधीन है और न्यायिक पुनरावलोकन के अधीन है।
  • संदर्भ और विस्तार: ब्रिटिश मॉडल में, संसद कोई भी कानून बना सकती है या उसे रद्द कर सकती है, और उसकी कोई भी सत्ता से ऊपर नहीं है। भारत में, सुप्रीम कोर्ट के पास न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति है, जो संसद की सर्वोच्चता को कुछ हद तक सीमित करती है, लेकिन फिर भी, विधायी शक्तियों के मामले में संसद को काफी महत्व दिया गया है।
  • गलत विकल्प: अमेरिकी मॉडल में ‘न्यायपालिका की सर्वोच्चता’ (Supremacy of Judiciary) का सिद्धांत अधिक प्रमुख है, जहाँ सर्वोच्च न्यायालय कानूनों की संवैधानिकता की जाँच करता है और संसद की शक्ति को सीमित करता है। आयरिश और कनाडाई मॉडल की अपनी विशिष्टताएं हैं जो संसद की पूर्ण सर्वोच्चता पर बल नहीं देतीं।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव में मतदान नहीं करता?

  1. लोकसभा के सदस्य
  2. राज्यसभा के सदस्य
  3. राज्य विधानमंडलों के सदस्य
  4. दिल्ली और पुडुचेरी विधानसभाओं के सदस्य

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव, अनुच्छेद 66 के अनुसार, संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका मतलब है कि केवल संसद के सदस्य (लोकसभा और राज्यसभा दोनों) उपराष्ट्रपति के चुनाव में मतदान करते हैं। राज्य विधानमंडलों के सदस्यों (चाहे वे निर्वाचित हों या मनोनीत) को इस चुनाव में भाग लेने का अधिकार नहीं है। दिल्ली और पुडुचेरी विधानसभाओं के सदस्य लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य होते हैं (या उनके प्रतिनिधित्व के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित होते हैं), लेकिन वे स्वयं प्रत्यक्ष रूप से उपराष्ट्रपति के चुनाव में मतदान नहीं करते; केवल संसद के सदस्य करते हैं। प्रश्न में ‘राज्य विधानमंडलों के सदस्य’ का अर्थ सीधे तौर पर राज्यों की विधानसभाओं और परिषदों के सदस्यों से है।
  • गलत विकल्प: लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मतदान करते हैं। दिल्ली और पुडुचेरी के सदस्य (यदि संसद के सदस्य के रूप में नहीं) मतदान नहीं करते। इसलिए, राज्य विधानमंडलों के सदस्य (राज्य विधानसभाओं और परिषदों के सदस्य) उपराष्ट्रपति के चुनाव में स्पष्ट रूप से मतदान नहीं करते।

प्रश्न 25: भारतीय संविधान में ‘मौलिक कर्तव्य’ (Fundamental Duties) किस संशोधन द्वारा जोड़े गए?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 61वां संशोधन अधिनियम, 1989

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान में जोड़ा गया। ये कर्तव्य संविधान के भाग IV-A (अनुच्छेद 51A) में वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों के आधार पर इन कर्तव्यों को जोड़ा गया था, जिसका उद्देश्य नागरिकों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना था। यह भारतीय संविधान में एक नया अध्याय था, क्योंकि मूल संविधान में नागरिकों के लिए कोई कर्तव्य निर्दिष्ट नहीं थे।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन, 1978 ने कुछ अन्य महत्वपूर्ण बदलाव किए। 52वां संशोधन दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित है। 61वां संशोधन मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष करना से संबंधित है।

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