भारतीय राजव्यवस्था का महासंग्राम: आज की चुनौती
नमस्कार, भविष्य के राष्ट्र निर्माताओं! भारतीय लोकतंत्र की नींव को समझना और अपने संवैधानिक ज्ञान को पैना करना सफलता की कुंजी है। आज हम आपके लिए लाए हैं भारतीय राजव्यवस्था और संविधान पर आधारित 25 सटीक प्रश्न, जो आपकी वैचारिक स्पष्टता को परखेंगे और आपकी तैयारी को एक नई धार देंगे। आइए, इस दैनिक चुनौती के लिए तैयार हो जाइए!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) शब्द का क्या अर्थ है? यह किस आदर्श को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है?
- सभी नागरिकों के बीच एकता और सामंजस्य
- व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता व अखंडता
- राज्य की सत्ता पर अंकुश
- सभी के लिए न्याय
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का उल्लेख यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि ‘व्यक्ति की गरिमा’ बनी रहे और साथ ही ‘राष्ट्र की एकता और अखंडता’ भी अक्षुण्ण रहे। यह भारत के संविधान की प्रस्तावना (Preamble) का एक अभिन्न अंग है, जो स्वतंत्रता, समानता और न्याय के आदर्शों के साथ-साथ हमारे सामाजिक ताने-बाने को मजबूती प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: बंधुत्व का अर्थ है भाईचारे की भावना। यह न केवल व्यक्तिगत गरिमा को बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि राष्ट्र की एकता और अखंडता को भी सुदृढ़ करता है। यदि नागरिकों में भाईचारे की भावना नहीं होगी, तो राष्ट्रीय एकता खतरे में पड़ सकती है।
- गलत विकल्प: (a) एकता और सामंजस्य बंधुत्व का परिणाम हो सकता है, लेकिन इसका प्राथमिक संवैधानिक उद्देश्य व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता व अखंडता को सुनिश्चित करना है। (c) राज्य की सत्ता पर अंकुश विधायी या कार्यकारी शक्तियों से संबंधित है, बंधुत्व से नहीं। (d) सभी के लिए न्याय एक अलग आदर्श है, जो प्रस्तावना में भी उल्लेखित है, लेकिन यह बंधुत्व का सीधा अर्थ नहीं है।
प्रश्न 2: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?
- CAG की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- CAG का वेतन और भत्ते संसद द्वारा निर्धारित किए जाते हैं और वे भारत की संचित निधि पर भारित होते हैं।
- CAG किसी भी व्यक्ति के पद पर बने रहने के लिए पात्र नहीं है, जब तक कि वह 65 वर्ष की आयु पूरी न कर ले।
- CAG केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों द्वारा खर्च किए गए धन की लेखापरीक्षा करता है।
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 148 के तहत की जाती है। CAG का वेतन और भत्ते संसद द्वारा तय किए जाते हैं और वे भारत की संचित निधि पर भारित होते हैं (अनुच्छेद 112(3)(g))। CAG की पदावधि 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक होती है (अनुच्छेद 148(3))। अतः, यह कहना गलत है कि वे ‘तब तक’ पद पर बने रहने के पात्र हैं जब तक 65 वर्ष पूरी न कर लें; यह अधिकतम सीमा है, न कि न्यूनतम।
- संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के लोक निधि का संरक्षक है। यह केंद्र और राज्यों के सभी खातों की लेखापरीक्षा करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, जो इसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखते हैं।
- गलत विकल्प: (a) सही है। (b) सही है। (d) सही है, CAG केंद्र और राज्यों के खातों की जांच करता है। (c) इसलिए असत्य है क्योंकि पदावधि 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, है।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सी रिट (Writ) का अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’?
- हेबियस कॉर्पस
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: ‘परमादेश’ (Mandamus) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘हम आदेश देते हैं’। यह रिट तब जारी की जाती है जब कोई सार्वजनिक प्राधिकारी अपने सार्वजनिक कर्तव्य को करने में विफल रहता है। यह अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 32 के तहत और उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 226 के तहत प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: परमादेश रिट किसी भी सार्वजनिक निकाय, सरकार, निगम, निचली अदालत या किसी प्राधिकारी को उनके कर्तव्य का पालन करने का आदेश देने के लिए जारी की जा सकती है। यह किसी निजी व्यक्ति या निकाय के विरुद्ध जारी नहीं की जा सकती।
- गलत विकल्प: (a) हेबियस कॉर्पस का अर्थ है ‘शरीर प्रस्तुत करो’, यह अवैध हिरासत से मुक्ति के लिए है। (c) प्रतिषेध (Prohibition) का अर्थ है ‘रोकना’, यह एक उच्च न्यायालय द्वारा निचली अदालत को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकने के लिए जारी की जाती है। (d) उत्प्रेषण (Certiorari) का अर्थ है ‘प्रमाणित होना’, यह किसी निर्णय को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 4: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत संसद के प्रत्येक सदन को अपनी प्रक्रिया के अनुसार कार्य संचालन करने की शक्ति प्रदान की गई है?
- अनुच्छेद 109
- अनुच्छेद 110
- अनुच्छेद 118
- अनुच्छेद 112
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: अनुच्छेद 118 (1) के अनुसार, प्रत्येक सदन अपनी प्रक्रिया के लिए नियम बना सकता है। यह शक्ति संसद को उसके कामकाज को सुचारू रूप से चलाने और व्यवस्थित रखने में सक्षम बनाती है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद संसद को अपने स्वयं के नियम बनाने की शक्ति देता है, जिसमें संयुक्त सत्रों की प्रक्रियाएं भी शामिल हैं। ये नियम सदन के कामकाज, सदस्यों के आचरण, प्रश्नों की प्रक्रिया आदि को नियंत्रित करते हैं।
- गलत विकल्प: (a) अनुच्छेद 109 धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया से संबंधित है। (b) अनुच्छेद 110 धन विधेयक की परिभाषा बताता है। (d) अनुच्छेद 112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) से संबंधित है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता भारतीय संविधान की एकात्मक (Unitary) प्रकृति को दर्शाती है?
- संसदीय संप्रभुता
- शक्तियों का विभाजन
- दोहरी नागरिकता
- एकल नागरिकता
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: भारतीय संविधान में एकल नागरिकता (Single Citizenship) की व्यवस्था है, जो अनुच्छेद 9 में निहित है (हालांकि अनुच्छेद 9 सीधे नागरिकता का उल्लेख नहीं करता, यह अन्य देशों की नागरिकता प्राप्त करने पर भारतीय नागरिकता के स्वत: समाप्त होने की बात करता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से एकल नागरिकता को बल देता है)। यह विशेषता संविधान की एकात्मक प्रकृति को दर्शाती है, क्योंकि एकात्मक व्यवस्था में आमतौर पर एकल नागरिकता होती है, जबकि संघात्मक व्यवस्था में अक्सर दोहरी नागरिकता (जैसे अमेरिका में) पाई जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: एकल नागरिकता का अर्थ है कि पूरे भारत में एक ही प्रकार की नागरिकता है, चाहे व्यक्ति किसी भी राज्य का निवासी हो। इसके विपरीत, अमेरिका जैसे देशों में नागरिकों के पास संघीय नागरिकता के साथ-साथ राज्य की नागरिकता भी होती है।
- गलत विकल्प: (a) संसदीय संप्रभुता (Parliamentary Sovereignty) ब्रिटिश व्यवस्था की विशेषता है, भारत में संसद की संप्रभुता सीमित है। (b) शक्तियों का विभाजन (Separation of Powers) और (c) दोहरी नागरिकता (Dual Citizenship) क्रमशः संघात्मक (Federal) प्रकृति की विशेषताएं हैं, न कि एकात्मक।
प्रश्न 6: भारत के संविधान में ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ (Directive Principles of State Policy) किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- आयरलैंड
- कनाडा
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) की अवधारणा को आयरलैंड के संविधान से लिया गया है। ये तत्व भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक विस्तृत हैं।
- संदर्भ और विस्तार: DPSP सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए राज्य को निर्देशित करते हैं। हालांकि ये अदालतों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन देश के शासन में ये मौलिक हैं और कानून बनाने में राज्य का कर्तव्य है कि वे इन सिद्धांतों को लागू करें।
- गलत विकल्प: (a) यूके से विधायी प्रक्रिया और एकात्मक लक्षण लिए गए हैं। (b) अमेरिका से मौलिक अधिकार, उपराष्ट्रपति का पद और सर्वोच्च न्यायालय की स्वतंत्रता ली गई है। (d) कनाडा से संघवाद (संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का वितरण) और अवशिष्ट शक्तियां ली गई हैं।
प्रश्न 7: संविधान के किस संशोधन ने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी?
- 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1988
- 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: 61वें संशोधन अधिनियम, 1988 ने संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन किया, जिससे लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनावों के लिए वयस्क मताधिकार की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई। यह संशोधन 28 मार्च, 1989 से प्रभावी हुआ।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने का अवसर प्रदान करना था, क्योंकि 18 वर्ष की आयु में व्यक्ति को वयस्क माना जाता है।
- गलत विकल्प: (a) 42वें संशोधन ने प्रस्तावना में ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द जोड़े। (b) 44वें संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा दिया। (d) 52वें संशोधन ने दल-बदल विरोधी प्रावधानों को जोड़ा।
प्रश्न 8: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को किसी भी ऐसे मामले पर, जिसमें संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है, किसी राज्य सरकार से जानकारी मांगने की शक्ति देता है?
- अनुच्छेद 256
- अनुच्छेद 257
- अनुच्छेद 260
- अनुच्छेद 261
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: अनुच्छेद 256 कहता है कि प्रत्येक राज्य अपनी कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग इस प्रकार करेगा कि वह संसद द्वारा पारित किसी अधिनियम या उसके अधीन बनाई गई किसी विधि में उपबंधित उपबंधों का अनुपालन सुनिश्चित करे, और संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है, ऐसे मामले में जो उसे उस अधिनियम या विधि के संबंध में निर्देश देने की शक्ति देता हो। अप्रत्यक्ष रूप से, यह राष्ट्रपति (संघ की कार्यपालिका) को राज्यों से संबंधित जानकारी मांगने का अधिकार देता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद केंद्र-राज्य संबंधों को नियंत्रित करता है और संघ को राज्यों को कुछ निर्देश देने की शक्ति प्रदान करता है। यह सूचना मांगने की शक्ति का आधार बनता है।
- गलत विकल्प: (b) अनुच्छेद 257 कुछ राज्यों के संबंध में संघ के नियंत्रण से संबंधित है। (c) अनुच्छेद 260 भारत के बाहर के क्षेत्रों पर संघ की अधिकारिता से संबंधित है। (d) अनुच्छेद 261 सार्वजनिक कार्यों, अभिलेखों और न्यायिक कार्यवाहियों की आपसी स्वीकार्यता और प्रवर्तन से संबंधित है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय संविधान के ‘मौलिक अधिकारों’ (Fundamental Rights) के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी से संबंधित है?
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
- शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग III में मौलिक अधिकारों का वर्णन है। अनुच्छेद 19-22 विशेष रूप से व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं। अनुच्छेद 19 वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सभा करने की स्वतंत्रता आदि प्रदान करता है। अनुच्छेद 20, 21 और 22 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा, दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण और गिरफ्तारी व निरोध से संरक्षण प्रदान करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: स्वतंत्रता का अधिकार भारतीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो नागरिकों को मनमानी गिरफ्तारी और गतिविधियों से बचाता है। अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) को सर्वोच्च न्यायालय ने अत्यंत व्यापक अर्थ दिया है, जिसमें गरिमापूर्ण जीवन, निजता का अधिकार आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: (a) समानता का अधिकार कानून के समक्ष समानता और भेदभाव का निषेध सुनिश्चित करता है। (c) शोषण के विरुद्ध अधिकार दास प्रथा और जबरन श्रम को प्रतिबंधित करता है। (d) धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार धार्मिक गतिविधियों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
प्रश्न 10: भारत में ‘लोकसभा’ (Lok Sabha) के अध्यक्ष के चुनाव के संबंध में कौन सा कथन सत्य है?
- अध्यक्ष का चुनाव राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
- अध्यक्ष का चुनाव उपराष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
- अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा के तत्कालीन सभी सदस्यों के बहुमत से होता है।
- अध्यक्ष का चुनाव प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: भारत के संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार, लोकसभा अपने सदस्यों में से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करती है। यह चुनाव तब होता है जब लोकसभा का पहला सत्र आयोजित होता है। अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा के तत्कालीन सभी सदस्यों के बहुमत से होता है, हालांकि, इसे पारित करने के लिए उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत की आवश्यकता होती है।
- संदर्भ और विस्तार: लोकसभा अध्यक्ष सदन की कार्यवाही का संचालन करता है, व्यवस्था बनाए रखता है और सदन के विशेषाधिकारों की रक्षा करता है। उसका चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होता है।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (d) असत्य हैं क्योंकि अध्यक्ष का चुनाव राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति द्वारा नहीं, बल्कि स्वयं लोकसभा सदस्यों द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद भारत में ‘कानून के शासन’ (Rule of Law) को सुनिश्चित करता है?
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 17
- अनुच्छेद 21
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: कानून का शासन (Rule of Law) एक व्यापक अवधारणा है जो भारतीय संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में अंतर्निहित है। अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) कानून के समक्ष समानता और कानूनों का समान संरक्षण सुनिश्चित करता है। अनुच्छेद 17 (अस्पृश्यता का अंत) किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त कर कानून के शासन को बल देता है। अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के बिना उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित न किया जाए। ये सभी मिलकर कानून के शासन को मजबूत करते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: कानून का शासन यह सिद्धांत है कि हर कोई, जिसमें सरकार भी शामिल है, कानून के अधीन है और कानून के अनुसार कार्य करना चाहिए। यह मनमानी शक्ति पर अंकुश लगाता है और निष्पक्षता को बढ़ावा देता है।
- गलत विकल्प: (a), (b), और (c) अकेले-अकेले सही होने के बावजूद, कानून के शासन की पूर्ण गारंटी के लिए सभी का एक साथ होना आवश्यक है, इसलिए (d) सबसे सटीक उत्तर है।
प्रश्न 12: किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति राष्ट्रीय महत्व के किसी भी प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय से सलाह ले सकते हैं?
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 142
- अनुच्छेद 137
- अनुच्छेद 145
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: अनुच्छेद 143, राष्ट्रपति को लोक महत्व के किसी भी प्रश्न पर या किसी भी ऐसे अधिकार-क्षेत्र के उद्भूत होने या उद्भूत होने की संभावना वाले तथ्य के बारे में, जहाँ वह या उसकी सरकार, विधि या तथ्य का कोई विवाद पक्षकार है, उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह राष्ट्रपति को संवैधानिक व्याख्याओं या महत्वपूर्ण सार्वजनिक मामलों पर उच्चतम न्यायालय का मार्गदर्शन प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, हालांकि न्यायालय की सलाह राष्ट्रपति पर बाध्यकारी नहीं होती।
- गलत विकल्प: (b) अनुच्छेद 142 उच्चतम न्यायालय की सभी की सभी न्यायालयों पर प्रर्वतनीय आज्ञप्तियों के आदेशों की व्याप्ति से संबंधित है। (c) अनुच्छेद 137 उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्णय या आदेशों का पुनर्विलोकन (Review) करने की शक्ति से संबंधित है। (d) अनुच्छेद 145 उच्चतम न्यायालय के नियमों आदि से संबंधित है।
प्रश्न 13: भारतीय संविधान के भाग IX-A में किसका प्रावधान है?
- पंचायती राज संस्थाएँ
- नगरपालिकाएँ
- सहकारी समितियाँ
- जंगल और वन्यजीव संरक्षण
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX-A (9A) नगरपालिकाओं से संबंधित है, जिसे 74वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था। इसमें अनुच्छेद 243P से 243ZG तक शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह भाग शहरी स्थानीय स्व-शासन के लिए संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है, जिसमें नगर पंचायत, नगरपालिका परिषद और नगर निगम जैसे विभिन्न प्रकार के शहरी निकायों की स्थापना और उनके कार्यों का वर्णन है।
- गलत विकल्प: (a) पंचायती राज संस्थाएँ भाग IX में अनुच्छेद 243 से 243O तक वर्णित हैं। (c) सहकारी समितियाँ भाग IX-B में अनुच्छेद 243ZH से 243ZT तक वर्णित हैं। (d) जंगल और वन्यजीव संरक्षण से संबंधित प्रावधान समवर्ती सूची (Concurrent List) में आते हैं और विभिन्न अनुच्छेदों में बिखरे हुए हैं।
प्रश्न 14: राष्ट्रपति के महाभियोग (Impeachment) की प्रक्रिया संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- अनुच्छेद 61
- अनुच्छेद 56
- अनुच्छेद 74
- अनुच्छेद 60
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 61 में किया गया है। यह प्रक्रिया संविधान के उल्लंघन के आधार पर राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए है।
- संदर्भ और विस्तार: महाभियोग का प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) में एक-चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर के साथ लाया जा सकता है। प्रस्ताव पारित करने के लिए दोनों सदनों द्वारा दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। यह एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया है।
- गलत विकल्प: (b) अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति के कार्यकाल की अवधि से संबंधित है। (c) अनुच्छेद 74 मंत्रिपरिषद द्वारा राष्ट्रपति को सलाह देने से संबंधित है। (d) अनुच्छेद 60 राष्ट्रपति द्वारा शपथ लेने से संबंधित है।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सा निकाय, भारतीय संविधान के भाग XIV-A के तहत स्थापित एक ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) है?
- नीति आयोग (NITI Aayog)
- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भारतीय संविधान के भाग XIV-A के तहत अनुच्छेद 315 से 323 तक वर्णित एक संवैधानिक निकाय है। यह भारत सरकार के अधीन सेवाओं के लिए नियुक्तियों की परीक्षा आयोजित करने के लिए जिम्मेदार है।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनका उल्लेख सीधे भारतीय संविधान में होता है और जिनकी संरचना, शक्तियां व कार्य संविधान द्वारा परिभाषित होते हैं। UPSC निष्पक्ष भर्ती सुनिश्चित करता है।
- गलत विकल्प: (a) नीति आयोग एक कार्यकारी आदेश द्वारा गठित एक गैर-संवैधानिक (सलाहकार) निकाय है। (b) CBI एक वैधानिक निकाय है जो सीबीआई अधिनियम, 1946 के तहत कार्य करता है। (c) NHRC एक वैधानिक निकाय है जो मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत स्थापित है।
प्रश्न 16: भारत में ‘आपातकालीन प्रावधान’ (Emergency Provisions) संविधान के किस भाग में वर्णित हैं?
- भाग XIII
- भाग XIV
- भाग XVIII
- भाग XV
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: भारतीय संविधान के भाग XVIII में अनुच्छेद 352 से 360 तक आपातकालीन प्रावधानों का वर्णन है। इनमें राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), राज्यों में राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356), और वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) शामिल हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये प्रावधान भारत की संप्रभुता, एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए, साथ ही सामान्य परिस्थितियों में देश के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए आपातकाल के दौरान केंद्र को असाधारण शक्तियां प्रदान करते हैं।
- गलत विकल्प: (a) भाग XIII व्यापार, वाणिज्य और अंतःसमुदाय के संबंध में है। (b) भाग XIV सेवाओं से संबंधित है। (d) भाग XV निर्वाचन (Election) से संबंधित है।
प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘संविधानवाद’ (Constitutionalism) का अर्थ स्पष्ट करता है?
- किसी एक व्यक्ति या संस्था के द्वारा असीमित शक्ति का प्रयोग।
- सरकार की शक्तियों पर कानूनी और संवैधानिक सीमाएँ लगाना।
- लोकतंत्र की सर्वोच्चता।
- सभी नागरिकों के लिए समानता।
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: संविधानवाद (Constitutionalism) वह सिद्धांत है जिसके अनुसार सरकार की शक्ति सीमित होनी चाहिए और इस सीमा को एक लिखित संविधान या स्थापित परंपराओं द्वारा परिभाषित किया जाना चाहिए। यह सरकार की निरंकुशता को रोकने और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए है। यह विचार संविधान के समग्र ढांचे और विभिन्न अंगों के बीच शक्तियों के पृथक्करण (Separation of Powers) में निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: संविधानवाद का अर्थ केवल एक संविधान का होना नहीं है, बल्कि ऐसा संविधान होना जो सरकार की शक्तियों को सीमित करता हो और स्वतंत्रता की रक्षा करता हो।
- गलत विकल्प: (a) यह निरंकुशता (Absolutism) का वर्णन करता है, संविधानवाद का नहीं। (c) लोकतंत्र संविधानवाद का एक रूप हो सकता है, लेकिन यह उसका एकमात्र या पूर्ण अर्थ नहीं है। (d) समानता संविधानवाद का एक लक्ष्य हो सकता है, लेकिन संविधानवाद का मूल अर्थ शक्तियों का सीमांकन है।
प्रश्न 18: भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग लेता है?
- केवल लोकसभा के सदस्य
- केवल राज्यसभा के सदस्य
- लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य
- लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्यों से मिलकर बनने वाले एक निर्वाचकगण द्वारा किया जाता है। इसका मतलब है कि लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत दोनों) इस चुनाव में भाग लेते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: उपराष्ट्रपति का चुनाव राष्ट्रपति के चुनाव से भिन्न होता है, जहाँ मनोनीत सदस्य भाग नहीं लेते। उपराष्ट्रपति संसद का पद सभापति भी होता है, इसलिए संसद के दोनों सदनों के सदस्यों का इसमें शामिल होना महत्वपूर्ण है।
- गलत विकल्प: (a) और (b) केवल एक सदन के सदस्यों को शामिल करते हैं। (c) निर्वाचित सदस्यों को शामिल करता है, लेकिन मनोनीत सदस्यों को छोड़ देता है, जो कि गलत है।
प्रश्न 19: यदि संसद किसी राज्य को विशेष दर्जा (Special Status) प्रदान करती है, तो यह किस अनुच्छेद के तहत किया जा सकता है?
- अनुच्छेद 371
- अनुच्छेद 275
- अनुच्छेद 280
- अनुच्छेद 301
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: अनुच्छेद 371 भारतीय संविधान में विशेष प्रावधानों से संबंधित है, जो विशेष राज्यों के लिए कुछ अधिकार प्रदान करता है। अनुच्छेद 371A नागालैंड, 371B असम, 371C मणिपुर, 371D आंध्र प्रदेश, 371E आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय, 371F सिक्किम, 371G मिजोरम, 371H अरुणाचल प्रदेश, और 371I गोवा जैसे राज्यों के लिए विशेष प्रावधान करते हैं। हालाँकि, ‘विशेष दर्जा’ शब्द संविधान में स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं है, लेकिन अनुच्छेद 371 के तहत दिए गए विशेष प्रावधान अक्सर ‘विशेष दर्जा’ के रूप में संदर्भित किए जाते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: ये प्रावधान ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक कारणों से इन राज्यों की विशिष्टताओं को बनाए रखने के लिए हैं।
- गलत विकल्प: (b) अनुच्छेद 275 कुछ राज्यों को अनुदान सहायता (Grants-in-Aid) प्रदान करने से संबंधित है। (c) अनुच्छेद 280 वित्त आयोग की स्थापना से संबंधित है। (d) अनुच्छेद 301 व्यापार, वाणिज्य और अंतःसमुदाय की स्वतंत्रता से संबंधित है।
प्रश्न 20: भारत के संविधान की उद्देशिका (Preamble) में ‘न्याय’ (Justice) शब्द किन-किन रूपों में उल्लेखित है?
- सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक
- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक
- सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय
- आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक
उत्तर: (b)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: भारतीय संविधान की उद्देशिका स्पष्ट रूप से ‘सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय’ सुनिश्चित करने का संकल्प लेती है। यह स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों के साथ हमारे संवैधानिक व्यवस्था का आधार है।
- संदर्भ और विस्तार: यह न्याय सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के समान अवसर मिलें और उनकी सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक स्थिति सुदृढ़ हो।
- गलत विकल्प: (a), (c) और (d) में उल्लिखित अन्य रूप (जैसे धार्मिक, राष्ट्रीय, सांस्कृतिक) उद्देशिका में न्याय के सीधे उल्लिखित रूपों में शामिल नहीं हैं, हालाँकि वे अप्रत्यक्ष रूप से स्वतंत्रता और समानता के माध्यम से प्राप्त हो सकते हैं।
प्रश्न 21: भारत में ‘अवशिष्ट शक्तियां’ (Residuary Powers) किसके पास निहित हैं?
- भारत की संसद
- राष्ट्रपति
- सर्वोच्च न्यायालय
- राज्य विधानमंडल
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची (Seventh Schedule) संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में विधायी शक्तियों के वितरण का वर्णन करती है। जो विषय इन तीनों सूचियों में शामिल नहीं हैं, उन्हें अवशिष्ट शक्तियां (Residuary Powers) कहा जाता है। अनुच्छेद 248 के अनुसार, अवशिष्ट शक्तियों के संबंध में कानून बनाने का अनन्य अधिकार संसद को प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय संघवाद की एक विशेषता है, जहाँ केंद्र को नई या उभरती हुई शक्तियों पर कानून बनाने का अधिकार दिया गया है।
- गलत विकल्प: (b) राष्ट्रपति एक कार्यकारी प्रमुख हैं, विधायी शक्तियां उनके पास नहीं हैं। (c) सर्वोच्च न्यायालय एक न्यायिक निकाय है। (d) राज्य विधानमंडलों को केवल राज्य सूची के विषयों पर और समवर्ती सूची के विषयों पर (संसद के कानून को छोड़कर) कानून बनाने की शक्ति है।
प्रश्न 22: संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति केंद्रीय सरकार को किसी भी सार्वजनिक महत्व के मामले पर सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद को कह सकते हैं?
- अनुच्छेद 77
- अनुच्छेद 78
- अनुच्छेद 75
- अनुच्छेद 74
उत्तर: (d)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: अनुच्छेद 74 (1) के अनुसार, राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा। राष्ट्रपति, ऐसे मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का प्रयोग करेगा। अनुच्छेद 74 (1) के संशोधन के अनुसार, राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद से ऐसी सलाह पर, सामान्यतः या अन्यथा, पुनर्विचार करने के लिए कह सकता है, और राष्ट्रपति ऐसी पुनर्विचार के पश्चात् दी गई सलाह के अनुसार कार्य करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच संबंध को परिभाषित करता है, यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति के कार्यपालिका से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही लिए जाएं, और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रपति उस सलाह पर पुनर्विचार भी करवा सकते हैं।
- गलत विकल्प: (a) अनुच्छेद 77 भारत सरकार के कार्यों के संचालन से संबंधित है। (b) अनुच्छेद 78 राष्ट्रपति को जानकारी देने के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्यों का वर्णन करता है। (c) अनुच्छेद 75 मंत्रियों की नियुक्ति, शपथ और उत्तरदायित्व से संबंधित है।
प्रश्न 23: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘संविधान की प्रस्तावना’ (Preamble) के संबंध में सत्य नहीं है?
- यह संविधान का भाग है, लेकिन मौलिक अधिकारों को लागू करने में इसका कोई कानूनी प्रभाव नहीं है।
- इसमें भारतीय संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का सार निहित है।
- इसमें स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय जैसे आदर्शों का उल्लेख है।
- इसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ‘बेरुबाड़ी यूनियन’ मामले में संविधान का भाग नहीं माना गया था।
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) मामले में व्यवस्था दी कि प्रस्तावना संविधान का एक अभिन्न अंग है। इस फैसले ने बेरुबाड़ी यूनियन (1960) मामले के अपने पूर्व फैसले को पलट दिया, जिसमें प्रस्तावना को संविधान का भाग नहीं माना गया था। प्रस्तावना संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का सार है और इसमें वर्णित आदर्श (स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, न्याय) मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये मौलिक अधिकार इन आदर्शों को प्राप्त करने के साधन हैं। प्रस्तावना को संशोधित भी किया जा सकता है (42वां संशोधन)। इसलिए, यह कहना कि प्रस्तावना का मौलिक अधिकारों को लागू करने में कोई कानूनी प्रभाव नहीं है, गलत है; यह व्याख्या में सहायक है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान की आत्मा है और यह उसकी व्याख्या में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करती है।
- गलत विकल्प: (b), (c) और (d) सभी सत्य कथन हैं। (a) असत्य है क्योंकि प्रस्तावना न केवल संविधान का भाग है, बल्कि यह मौलिक अधिकारों की व्याख्या और प्रवर्तन में भी सहायक है और इन आदर्शों को प्राप्त करने का एक मार्ग प्रशस्त करती है।
प्रश्न 24: राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?
- यह एक संवैधानिक निकाय है।
- इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।
- इसमें सभी केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होते हैं।
- यह पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देने वाली सर्वोच्च संस्था है।
उत्तर: (a)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक संवैधानिक निकाय **नहीं** है। इसे 1952 में कार्यकारी आदेश द्वारा स्थापित किया गया था। यह एक गैर-संवैधानिक निकाय है। इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं, और इसमें सभी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री तथा सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होते हैं। यह पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देने वाली सर्वोच्च संस्था है।
- संदर्भ और विस्तार: NDC का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय विकास योजनाओं के निर्माण में राज्यों की भागीदारी सुनिश्चित करना और केंद्र-राज्य समन्वय को बढ़ावा देना है।
- गलत विकल्प: (a) असत्य है क्योंकि NDC एक संवैधानिक निकाय नहीं है। (b), (c), और (d) सभी सत्य कथन हैं।
प्रश्न 25: भारत में ‘सार्वजनिक उपक्रमों’ (Public Undertakings) की जांच करने वाली संसदीय समिति कौन सी है?
- सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति
- आभार समिति
- सार्वजनिक उपक्रमों पर समिति
- प्राक्कलन समिति
उत्तर: (c)
विस्तृत व्याख्या:
- सटीकता और अनुच्छेद/भाग संदर्भ: सार्वजनिक उपक्रमों पर समिति (Committee on Public Undertakings) एक संसदीय समिति है जिसकी स्थापना 1964 में हुई थी (1964 के अधिनियम द्वारा)। इसका मुख्य कार्य भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के कामकाज की जांच करना और उन पर रिपोर्ट देना है। यह समिति लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों से मिलकर बनती है।
- संदर्भ और विस्तार: इस समिति का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की दक्षता, वित्तीय प्रबंधन और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
- गलत विकल्प: (a) सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति (Committee on Government Assurances) सरकारी आश्वासनों के क्रियान्वयन की जांच करती है। (b) आभार समिति (Committee of Privileges) विशेषाधिकारों के हनन की जांच करती है। (d) प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) व्यय की प्राक्कलन (अनुमान) की जांच करती है।