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भारतीय राजव्यवस्था का दैनिक रण: 25 चुनिंदा प्रश्न

भारतीय राजव्यवस्था का दैनिक रण: 25 चुनिंदा प्रश्न

नमस्कार, भारत के संविधान और राजव्यवस्था के जिज्ञासुओं! आज का दिन आपकी वैचारिक स्पष्टता को और गहरा करने का है। हमारे जीवंत लोकतंत्र के आधार स्तंभों को कितनी गहराई से आपने समझा है, इसकी पड़ताल के लिए हम लाए हैं 25 महत्वपूर्ण प्रश्न। आइए, इस ज्ञान-संग्राम में उतरें और अपनी तैयारी को नई धार दें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘संप्रभुता’, ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’, ‘लोकतांत्रिक’, ‘गणराज्य’ शब्दों का सही क्रम क्या है?

  1. लोकतांत्रिक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, संप्रभु, गणराज्य
  2. संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य
  3. समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, संप्रभु, लोकतांत्रिक, गणराज्य
  4. धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, समाजवादी, संप्रभु, गणराज्य

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना, जिसे जवाहरलाल नेहरू द्वारा ‘उद्देशिका’ के रूप में प्रस्तुत किया गया था, भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य घोषित करती है। ये शब्द संविधान की मूल भावना को दर्शाते हैं। ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ शब्द 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़े गए थे।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान का परिचय और सार है। यह भारत की राजनीतिक, नैतिक और वैचारिक विरासत का प्रतिनिधित्व करती है। यह न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों को स्थापित करती है।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प शब्दों के क्रम को गलत ढंग से प्रस्तुत करते हैं, जबकि प्रस्तावना में उल्लिखित क्रम देश की राजनीतिक प्रकृति को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 2: किस अनुच्छेद के तहत सर्वोच्च न्यायालय को रिट जारी करने की शक्ति प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 226
  2. अनुच्छेद 32
  3. अनुच्छेद 143
  4. अनुच्छेद 131

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 32, जिसे डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा है, सर्वोच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों को लागू कराने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus), परमादेश (Mandamus), प्रतिषेध (Prohibition), उत्प्रेषण (Certiorari) और अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto) जैसे रिट जारी करने की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद स्वयं एक मौलिक अधिकार है, जो नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाने का अधिकार देता है। अनुच्छेद 226 इसी तरह की शक्ति उच्च न्यायालयों को भी देता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र से संबंधित है।

प्रश्न 3: भारतीय संसद के दो सदनों द्वारा पारित विधेयक को राष्ट्रपति द्वारा कब तक अपनी स्वीकृति के लिए रोका जा सकता है?

  1. अनिश्चित काल तक (पॉकेट वीटो)
  2. केवल एक वर्ष तक
  3. जब तक संसद दोबारा पारित न कर दे
  4. जब तक वह इसे पुनर्विचार के लिए वापस न भेजें

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति के पास किसी विधेयक को, चाहे वह साधारण हो या वित्तीय, अपनी स्वीकृति के लिए अनिश्चित काल तक रोके रखने की शक्ति है। इस शक्ति को ‘पॉकेट वीटो’ कहा जाता है, जिसका प्रावधान अनुच्छेद 111 में निहित है, जो विधेयकों पर अपनी सहमति देने या रोकने के संबंध में राष्ट्रपति की शक्तियों का वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति विधेयक को या तो अपनी सहमति दे सकता है, या अपनी सहमति रोक सकता है, या (यदि यह धन विधेयक नहीं है) इसे संसद के पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है। यदि राष्ट्रपति पॉकेट वीटो का प्रयोग करता है, तो विधेयक निष्क्रिय हो जाता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति विधेयक को एक निश्चित अवधि के लिए नहीं, बल्कि अनिश्चित काल तक रोक सकता है। पुनर्विचार के लिए वापस भेजना एक अलग शक्ति है, और यदि संसद इसे फिर से बिना संशोधन के पारित कर देती है, तो राष्ट्रपति को उस पर हस्ताक्षर करने पड़ सकते हैं, लेकिन पॉकेट वीटो में वह कोई कार्रवाई नहीं करता।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा निकाय, संवैधानिक रूप से स्थापित नहीं है?

  1. वित्त आयोग
  2. चुनाव आयोग
  3. नीति आयोग
  4. संघ लोक सेवा आयोग

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (पूर्व में योजना आयोग) एक गैर-संवैधानिक निकाय है, जिसे भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2015 को एक कार्यकारी प्रस्ताव के माध्यम से स्थापित किया गया था। इसका कोई भी प्रावधान भारतीय संविधान में नहीं है।
  • संदर्भ और विस्तार: वित्त आयोग (अनुच्छेद 280), चुनाव आयोग (अनुच्छेद 324) और संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) भारतीय संविधान द्वारा स्थापित संवैधानिक निकाय हैं, जिनके गठन, शक्तियां और कार्य संविधान में वर्णित हैं।
  • गलत विकल्प: वित्त आयोग, चुनाव आयोग और संघ लोक सेवा आयोग तीनों ही संवैधानिक निकाय हैं, जिनके लिए संविधान में विशेष प्रावधान किए गए हैं।

प्रश्न 5: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है?

  1. भाग VI
  2. भाग VII
  3. भाग IX
  4. भाग IX-A

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, जिसे 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया था, पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) से संबंधित है। इसमें अनुच्छेद 243 से 243-O तक शामिल हैं, जो ग्राम सभा, पंचायतों के गठन, संरचना, कार्यकाल, सीटों के आरक्षण, शक्तियों, प्राधिकरणों और निधियों का प्रावधान करते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह भाग पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है, जिससे यह स्थानीय स्वशासन का एक महत्वपूर्ण अंग बन गया है।
  • गलत विकल्प: भाग VI राज्यों की कार्यपालिका और विधानमंडल से संबंधित है। भाग VII को सातवें संशोधन द्वारा निरस्त कर दिया गया था। भाग IX-A नगर पालिकाओं से संबंधित है।

प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
  3. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
  4. भारत में कहीं भी आने-जाने और निवास करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 19 के तहत वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक और बिना हथियारों के एकत्र होने, संघ बनाने, भारत में कहीं भी आने-जाने, निवास करने और कोई भी पेशा, व्यवसाय या कारोबार करने की स्वतंत्रता केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये अधिकार स्वतंत्र और लोकतांत्रिक समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इन्हें विदेशी नागरिकों को प्रदान नहीं किया गया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) जैसे अधिकार सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों दोनों) के लिए उपलब्ध हैं।

प्रश्न 7: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति का वर्णन संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 123
  3. अनुच्छेद 111
  4. अनुच्छेद 137

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमा, लघुकरण, परिहार, प्रविलंबन या दंडादेश के निलंबन की शक्ति प्रदान करता है। यह शक्ति मृत्युदंड के मामलों में भी लागू होती है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति की यह क्षमादान शक्ति न्याय की प्रणाली को सही करने का एक माध्यम है, न कि न्याय प्रक्रिया का पुनर्मूल्यांकन। यह शक्ति सर्वोच्च न्यायालय द्वारा न्यायिक समीक्षा के अधीन हो सकती है यदि यह मनमाने ढंग से या दुर्भावनापूर्ण इरादे से प्रयोग की जाए।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 111 राष्ट्रपति की विधायी शक्तियों (सहमति) से संबंधित है। अनुच्छेद 137 सर्वोच्च न्यायालय की अपनी निर्णय पर पुनर्विचार की शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 8: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के पद का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 148
  2. अनुच्छेद 149
  3. अनुच्छेद 150
  4. अनुच्छेद 151

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 148 भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के पद के प्रावधान से संबंधित है। यह अनुच्छेद CAG की नियुक्ति, शपथ और सेवा की शर्तों का भी वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत के सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है और केंद्र व राज्य सरकारों के खातों का लेखा-परीक्षण करता है। वह अपनी रिपोर्ट संसद और राज्य विधानमंडलों के समक्ष प्रस्तुत करता है, जिसकी जांच लोक लेखा समिति (PAC) द्वारा की जाती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 149 CAG के कर्तव्यों और शक्तियों का वर्णन करता है, अनुच्छेद 150 खातों के प्रारूप से संबंधित है, और अनुच्छेद 151 लेखा-परीक्षा रिपोर्टों से संबंधित है।

प्रश्न 9: भारतीय संविधान के निम्नलिखित अनुच्छेदों में से कौन सा जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 15
  2. अनुच्छेद 17
  3. अनुच्छेद 19
  4. अनुच्छेद 21

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21 कहता है कि “किसी व्यक्ति को उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही छीना जाएगा, अन्यथा नहीं।” यह जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 के दायरे का विस्तार किया है, जिसमें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार, स्वच्छ वातावरण का अधिकार, निजता का अधिकार, एकांतवास का अधिकार आदि शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के उन्मूलन से संबंधित है। अनुच्छेद 19 वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि से संबंधित है।

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सी भाषा को 71वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया था?

  1. बोडो, डोगरी, मैथिली, संथाली
  2. सिंधी
  3. कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली
  4. संथाली

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 71वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ा। इससे अनुसूची में भाषाओं की कुल संख्या 18 हो गई।
  • संदर्भ और विस्तार: मूल संविधान में 14 भाषाएँ थीं। 21वें संशोधन (1967) ने सिंधी को जोड़ा। 71वें संशोधन ने कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली को जोड़ा। 92वें संशोधन (2003) ने बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को जोड़ा, जिससे कुल 22 भाषाएँ हो गईं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) 92वें संशोधन द्वारा जोड़ी गई भाषाओं का उल्लेख करता है। विकल्प (b) 21वें संशोधन से संबंधित है। विकल्प (d) 92वें संशोधन का हिस्सा है।

प्रश्न 11: वित्तीय आपातकाल की घोषणा कितनी अवधि के लिए प्रवर्तित रह सकती है, जब तक कि संसद द्वारा इसका अनुमोदन न कर दिया जाए?

  1. दो माह
  2. छह माह
  3. एक वर्ष
  4. अनिश्चित काल तक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपातकाल की उद्घोषणा को दो महीने की अवधि के बाद तब तक लागू नहीं माना जाएगा जब तक कि इसे दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाता। यदि इसे दो महीने के भीतर अनुमोदित कर दिया जाता है, तो यह छह महीने तक लागू रह सकती है, जब तक कि इसे आगे संसद द्वारा अनुमोदित न किया जाए।
  • संदर्भ और विस्तार: वित्तीय आपातकाल की घोषणा को हर छह महीने के बाद संसद के अनुमोदन की आवश्यकता होती है, जब तक कि इसे वापस नहीं लिया जाता। अभी तक भारत में वित्तीय आपातकाल कभी भी घोषित नहीं किया गया है।
  • गलत विकल्प: छह माह का प्रावधान तब होता है जब अनुमोदन प्राप्त हो जाता है, लेकिन प्रारंभिक अप्रमाणित अवधि दो माह की है।

प्रश्न 12: लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत, लोकपाल की नियुक्ति के लिए निम्नलिखित में से कौन सी समिति सिफारिश करती है?

  1. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति
  2. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली चयन समिति
  3. अध्यक्ष और सदस्यों के चयन के लिए एक समिति जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित न्यायाधीश, और एक प्रख्यात न्यायविद शामिल होते हैं।
  4. राष्ट्रपति की अध्यक्षता वाली चयन समिति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013, के तहत, लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों के चयन के लिए एक चयन समिति होती है। इस समिति में प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष का नेता, भारत के मुख्य न्यायाधीश (या उनके द्वारा नामित न्यायाधीश), और एक प्रख्यात न्यायविद (राष्ट्रपति द्वारा नामित) शामिल होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम भ्रष्टाचार से लड़ने और सार्वजनिक पदाधिकारियों को जवाबदेह ठहराने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प चयन प्रक्रिया का गलत प्रतिनिधित्व करते हैं; प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, विपक्ष के नेता आदि की उपस्थिति चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 13: भारतीय संविधान की ‘प्रस्तावना’ में ‘न्याय’ के कितने रूप सुनिश्चित किए गए हैं?

  1. दो
  2. तीन
  3. चार
  4. पाँच

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: प्रस्तावना में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया है। यह न्याय नागरिकों को समान रूप से उपलब्ध कराने का वादा करती है।
  • संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना संविधान के आदर्शों को व्यक्त करती है, जिसमें न्याय एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के समान अवसर और व्यवहार मिले।
  • गलत विकल्प: प्रस्तावना में केवल तीन प्रकार के न्याय (सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक) का उल्लेख है, न कि दो, चार या पाँच का।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सी रिट केवल न्यायिक या अर्ध-न्यायिक प्राधिकरणों के विरुद्ध जारी की जा सकती है, न कि प्रशासनिक प्राधिकरणों के विरुद्ध?

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. प्रतिषेध (Prohibition)
  4. अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘प्रतिषेध’ (Prohibition) रिट केवल न्यायिक या अर्ध-न्यायिक प्राधिकारियों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करने से रोकने के लिए जारी की जाती है। इसे आमतौर पर एक उच्च न्यायालय द्वारा एक निचली अदालत को अपने क्षेत्राधिकार से बाहर कदम रखने से रोकने के लिए जारी किया जाता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह रिट सुनिश्चित करती है कि प्राधिकारी केवल उन्हीं मामलों पर निर्णय लें जो उनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
  • गलत विकल्प: बंदी प्रत्यक्षीकरण किसी व्यक्ति को अदालत में पेश करने के लिए, परमादेश किसी सार्वजनिक अधिकारी को अपना कर्तव्य निभाने के लिए, और अधिकार-पृच्छा किसी व्यक्ति को उस पद से हटाने के लिए जारी किया जाता है जिस पर वह अवैध रूप से बैठा है; ये सभी प्रशासनिक और न्यायिक दोनों प्राधिकरणों पर लागू हो सकते हैं।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान में ‘राज्य’ की परिभाषा किस अनुच्छेद के अंतर्गत दी गई है, जो मौलिक अधिकारों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है?

  1. अनुच्छेद 12
  2. अनुच्छेद 13
  3. अनुच्छेद 14
  4. अनुच्छेद 15

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 12 भारतीय संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) के प्रयोजनों के लिए ‘राज्य’ की परिभाषा प्रदान करता है। इसके अनुसार, ‘राज्य’ में भारत सरकार और संसद, राज्यों की सरकारें और विधानमंडल, और भारत के क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में सभी स्थानीय और अन्य प्राधिकारी शामिल हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह परिभाषा महत्वपूर्ण है क्योंकि मौलिक अधिकार राज्य के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करते हैं। ‘अन्य प्राधिकारी’ की व्यापक व्याख्या में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और कुछ निजी संस्थाएं भी शामिल हो सकती हैं यदि वे सार्वजनिक कार्यों का निर्वहन करती हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 ‘विधि’ की परिभाषा देता है और कहता है कि मौलिक अधिकारों से असंगत विधियाँ शून्य होंगी। अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता से संबंधित है।

प्रश्न 16: अनुच्छेद 368 के अनुसार, संविधान में संशोधन करने की संसद की शक्ति के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?

  1. संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है।
  2. संसद केवल उन भागों में संशोधन कर सकती है जिन्हें वह आवश्यक समझती है।
  3. संसद संविधान के मूल ढांचे को संशोधित नहीं कर सकती।
  4. संसद केवल साधारण बहुमत से संशोधन कर सकती है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 368 संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति देता है। यह संशोधन विशेष बहुमत से किया जाता है, जिसमें दोनों सदनों में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत और प्रत्येक सदन की कुल सदस्यता के बहुमत की आवश्यकता होती है। केशवानंद भारती मामले (1973) ने यह स्थापित किया कि संसद इस शक्ति का उपयोग करके संविधान के ‘मूल ढांचे’ (Basic Structure) को नहीं बदल सकती, लेकिन अनुच्छेद 368 स्वयं इस सीमा का प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं करता है, बल्कि यह एक न्यायिक व्याख्या है। हालाँकि, प्रश्न ‘संसद की शक्ति’ के बारे में है, और यह शक्ति व्यापक है।
  • संदर्भ और विस्तार: संसद के पास संविधान को संशोधित करने की व्यापक शक्ति है, जैसा कि केशवानंद भारती मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्पष्ट किया गया था, जिसमें ‘मूल ढांचे’ की अवधारणा पेश की गई थी।
  • गलत विकल्प: विकल्प (c) न्यायिक व्याख्या का उल्लेख करता है, न कि सीधे अनुच्छेद 368 की संसद की शक्ति का। विकल्प (d) गलत है क्योंकि अधिकतर संशोधनों के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 17: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है?

  1. अटॉर्नी जनरल
  2. नीति आयोग
  3. राष्ट्रीय महिला आयोग
  4. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

उत्तर: (c) और (d) दोनों

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: अटॉर्नी जनरल (अनुच्छेद 76) एक संवैधानिक पद है। नीति आयोग (जैसा कि प्रश्न 4 में बताया गया है) एक गैर-संवैधानिक निकाय है। राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) एक वैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत की गई थी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) भी एक वैधानिक निकाय है, जिसे मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत स्थापित किया गया था। इसलिए, इस प्रश्न के दो उत्तर सही हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे हैं जिनका उल्लेख संविधान में किया गया है, वैधानिक निकाय वे हैं जिनका गठन संसद के अधिनियम द्वारा किया जाता है, और गैर-कार्यकारी निकाय वे हैं जो कार्यकारी आदेश या प्रस्ताव द्वारा बनाए जाते हैं।
  • गलत विकल्प: अटॉर्नी जनरल संवैधानिक हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग वैधानिक हैं, न कि संवैधानिक। नीति आयोग गैर-संवैधानिक है। प्रश्न पूछता है ‘संवैधानिक निकाय नहीं है’, इसलिए (b), (c), और (d) सभी गैर-संवैधानिक या वैधानिक हैं। यदि केवल एक विकल्प चुनना हो, तो नीति आयोग सबसे स्पष्ट रूप से गैर-संवैधानिक है। राष्ट्रीय महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग वैधानिक हैं।

प्रश्न 18: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘स्वतंत्रता’ के कौन से रूप सूचीबद्ध हैं?

  1. विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता
  2. राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता
  3. नागरिक, राजनीतिक और धार्मिक स्वतंत्रता
  4. विचार, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: प्रस्तावना में ‘विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता’ का आश्वासन दिया गया है। यह स्वतंत्रता भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों (विशेषकर अनुच्छेद 19 और 25) में और विस्तृत रूप से प्रदान की गई है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये स्वतंत्रताएँ आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य के आवश्यक तत्व हैं, जो व्यक्तियों को अपने विचारों को व्यक्त करने, अपने विश्वासों का पालन करने और अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म को मानने या न मानने की अनुमति देती हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b) स्वतंत्रता के रूपों को व्यापक रूप से वर्णित करता है लेकिन प्रस्तावना के सटीक शब्दों का उपयोग नहीं करता। विकल्प (c) भी सटीक नहीं है। विकल्प (d) ‘अभिव्यक्ति’ की स्वतंत्रता को छोड़ देता है।

प्रश्न 19: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद केंद्र सरकार को राज्य सूची के किसी विषय पर कानून बनाने के लिए अधिकृत कर सकता है, जबकि राष्ट्रीय आपातकाल लागू हो?

  1. अनुच्छेद 250
  2. अनुच्छेद 249
  3. अनुच्छेद 252
  4. अनुच्छेद 256

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 250 के अनुसार, जब आपात की उद्घोषणा प्रवृत्त हो, तब संसद को राज्य सूची में प्रगणित किसी भी विषय के संबंध में विधि बनाने की शक्ति होगी। यह शक्ति उन सभी विषयों पर लागू होती है जो राज्य सूची में प्रगणित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) के दौरान, संघ सूची और समवर्ती सूची के विषयों के अतिरिक्त, संसद राज्य सूची के विषयों पर भी कानून बना सकती है, जिससे केंद्र सरकार की विधायी शक्ति का विस्तार होता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 249 किसी विषय को राष्ट्रीय महत्व का घोषित होने पर संसद को राज्य सूची में कानून बनाने की शक्ति देता है, यह राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा से जुड़ा नहीं है। अनुच्छेद 252 दो या दो से अधिक राज्यों के लिए कानून बनाने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 256 राज्यों पर अतिरिक्त प्रशासनिक नियंत्रण रखता है।

प्रश्न 20: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. भारत के मुख्य न्यायाधीश
  3. राष्ट्रपति
  4. लोकसभा अध्यक्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 124(2) के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (यदि वह अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित मामले में सलाह दे रहा हो) और राज्यों के राज्यपालों (जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय के लिए नियुक्त किया जाना है) की सलाह से की जाएगी।
  • संदर्भ और विस्तार: न्यायाधीशों की नियुक्ति की यह प्रक्रिया ‘कॉलेजियम प्रणाली’ के तहत होती है, जिसमें भारत का मुख्य न्यायाधीश और चार वरिष्ठतम न्यायाधीश राष्ट्रपति को सलाह देते हैं।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री की भूमिका कॉलेजियम प्रणाली में होती है, लेकिन अंतिम नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। मुख्य न्यायाधीश की सलाह ली जाती है, लेकिन वे अकेले नियुक्ति नहीं करते। लोकसभा अध्यक्ष का इस प्रक्रिया में कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं होता।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक कर्तव्य नहीं है?

  1. संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना।
  2. राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों, ऐतिहासिक महत्व के स्थानों और प्राकृतिक परिदृश्यों की रक्षा करना।
  3. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखना और हिंसा से दूर रहना।
  4. सभी धर्मों की समानता को बढ़ावा देना।

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख संविधान के भाग IV-A के अनुच्छेद 51-A में किया गया है। विकल्प (a), (b), और (c) सीधे तौर पर 51-A के खंडों (i), (iv), और (v) में वर्णित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: जबकि भारतीय संविधान सभी के लिए धार्मिक सहिष्णुता और सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान की बात करता है, ‘सभी धर्मों की समानता को बढ़ावा देना’ को एक अलग मौलिक कर्तव्य के रूप में स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध नहीं किया गया है, जैसा कि अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) या अनुच्छेद 14 (समानता) में निहित है। मौलिक कर्तव्यों की सूची विशिष्ट कार्यों पर केंद्रित है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (c) मौलिक कर्तव्यों की सूची में शामिल हैं। विकल्प (d) एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, लेकिन यह मौलिक कर्तव्यों की सूची में सीधे तौर पर शामिल नहीं है।

प्रश्न 22: केंद्र-राज्य संबंध के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा आयोग/समिति ने सिफारिश की थी कि राज्यपाल की नियुक्ति में केंद्रीय सरकार को राज्य के मुख्यमंत्री से परामर्श करना चाहिए?

  1. सरकारिया आयोग
  2. राजमन्नार समिति
  3. पुंछी आयोग
  4. इंद्रजीत गुप्ता समिति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: एम.एम. पुंछी आयोग (2007) ने अपनी रिपोर्ट में राज्यपाल की नियुक्ति प्रक्रिया में कई सुधारों का प्रस्ताव दिया था। इसमें यह सिफारिश भी शामिल थी कि राज्यपाल की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति को राज्य के मुख्यमंत्री से परामर्श करना चाहिए।
  • संदर्भ और विस्तार: राज्यपाल का पद केंद्र और राज्यों के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। विभिन्न आयोगों ने इस पद की भूमिका और नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार के लिए सुझाव दिए हैं।
  • गलत विकल्प: सरकारिया आयोग (1983) ने केंद्र-राज्य संबंधों की समीक्षा की और राज्यपाल की नियुक्ति के लिए कुछ दिशानिर्देश प्रस्तावित किए, लेकिन पुंछी आयोग की सिफारिश अधिक विशिष्ट थी। राजमन्नार समिति (तमिलनाडु सरकार द्वारा गठित) ने अधिक स्वायत्तता की वकालत की थी।

प्रश्न 23: भारतीय संविधान में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ का उल्लेख किस अनुच्छेद में किया गया है?

  1. अनुच्छेद 104
  2. अनुच्छेद 105
  3. अनुच्छेद 106
  4. अनुच्छेद 103

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 भारतीय संसद (सदन और उनके सदस्यों) को कुछ विशेषाधिकार और उन्मुक्तियाँ प्रदान करता है, जो संसद द्वारा समय-समय पर अधिनियमित किए जा सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इन विशेषाधिकारों का उद्देश्य संसद के सदस्यों को अपने कर्तव्यों को स्वतंत्र रूप से और बिना किसी बाधा के निभाने में सक्षम बनाना है। इसमें भाषण की स्वतंत्रता, कार्यवाही की स्वतंत्रता आदि शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 104 किसी सदस्य द्वारा शपथ लेने से पहले या अयोग्य होने पर कार्य करने के लिए जुर्माना से संबंधित है। अनुच्छेद 106 सदस्यों के वेतन और भत्तों से संबंधित है। अनुच्छेद 103 सदस्यों की अयोग्यता के प्रश्नों पर निर्णय से संबंधित है।

प्रश्न 24: भारत में ‘संसदीय प्रणाली’ की सरकार किस देश के मॉडल पर आधारित है?

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका
  2. कनाडा
  3. यूनाइटेड किंगडम
  4. फ्रांस

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और संदर्भ: भारतीय संसदीय प्रणाली, जिसमें कार्यपालिका (प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद) विधायिका (संसद) के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है, मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) की वेस्टमिंस्टर प्रणाली से प्रेरित है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति प्रणाली (जैसे अमेरिका में) के विपरीत, जहां कार्यपालिका विधायिका से स्वतंत्र होती है, भारत में सरकार का स्वरूप अर्ध-अध्यक्षीय (Parliamentary) है।
  • गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति प्रणाली है। कनाडा एक संवैधानिक राजशाही है जिसमें संसदीय प्रणाली है, लेकिन यूके इसका प्रत्यक्ष मॉडल है। फ्रांस की अपनी अर्ध-अध्यक्षीय प्रणाली है।

प्रश्न 25: निम्नलिखित में से किस संवैधानिक संशोधन द्वारा दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) का विशेष दर्जा प्रदान किया गया?

  1. 69वां संशोधन अधिनियम, 1991
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 86वां संशोधन अधिनियम, 2002
  4. 91वां संशोधन अधिनियम, 2003

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 69वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1991 ने दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Territory – NCT) का विशेष दर्जा दिया और इसके लिए एक नया अनुच्छेद 239AA पेश किया, जो दिल्ली के लिए एक विधानसभा और मंत्रिपरिषद के गठन का प्रावधान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने दिल्ली के शासन तंत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाए, जिससे यह केंद्र शासित प्रदेशों में एक अद्वितीय स्थिति प्राप्त कर सका।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन नगर पालिकाओं से संबंधित है। 86वां संशोधन शिक्षा के अधिकार से संबंधित है। 91वां संशोधन मंत्रिपरिषद के आकार को सीमित करने से संबंधित है।

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