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भारतीय राजव्यवस्था का अभेद्य किला: आज तोड़ें!

भारतीय राजव्यवस्था का अभेद्य किला: आज तोड़ें!

स्वागत है, भावी लोक सेवकों! भारतीय संविधान और राजव्यवस्था के महासागर में आज गोता लगाएँ और अपनी वैचारिक स्पष्टता की गहराई को परखें। यह केवल प्रश्नोत्तरी नहीं, बल्कि आपके ज्ञान की परीक्षा है, जो आपको कल के लिए और भी सुदृढ़ बनाएगी। आइए, आज के इस चुनौतीपूर्ण अभ्यास से अपने ज्ञान की मशाल को प्रज्वलित करें!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़े गए?

  1. 24वां संशोधन अधिनियम, 1971
  2. 25वां संशोधन अधिनियम, 1971
  3. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  4. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘समाजवादी’ (Socialist) और ‘धर्मनिरपेक्ष’ (Secular) शब्दों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना में 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। यह संशोधन प्रस्तावना में किए गए एकमात्र संशोधन में से एक है।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने ‘एकीता’ (Unity) शब्द को ‘राष्ट्र की एकीता’ (Unity of the Nation) से ‘राष्ट्र की एकीता और अखंडता’ (Unity and Integrity of the Nation) में भी बदला। ये शब्द भारतीय गणराज्य के आदर्शों को दर्शाते हैं।
  • गलत विकल्प: 24वां संशोधन अधिनियम, 1971 ने संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग को संशोधित करने का अधिकार दिया। 25वां संशोधन अधिनियम, 1971 ने संपत्ति के अधिकार को प्रतिबंधित किया। 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार सूची से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया और कुछ आपातकालीन प्रावधानों में बदलाव किए।

प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद राष्ट्रपति को किसी भी विषय पर उच्चतम न्यायालय की राय लेने की शक्ति प्रदान करता है?

  1. अनुच्छेद 123
  2. अनुच्छेद 124
  3. अनुच्छेद 130
  4. अनुच्छेद 143

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143, जिसे ‘सलाहकार क्षेत्राधिकार’ (Advisory Jurisdiction) के रूप में जाना जाता है, राष्ट्रपति को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह किसी भी सार्वजनिक महत्व के प्रश्न या किसी भी ऐसे प्रश्न पर, जिसके अंतर्गत विधि या तथ्य की कोई ऐसी बात आती है, जिसके बारे में यह प्रतीत होता है कि उसे उच्चतम न्यायालय की राय प्राप्त करना आवश्यक है, उच्चतम न्यायालय से सलाह ले सकता है।
  • संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति द्वारा मांगी गई सलाह बाध्यकारी नहीं होती है, और उच्चतम न्यायालय अपनी विवेकाधिकार के अधीन ऐसी सलाह देने से इनकार कर सकता है। हालाँकि, राष्ट्रपति द्वारा संदर्भित अधिकांश मामले न्यायिक समीक्षा के दायरे में नहीं आते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 130 सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने की संसद की शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 3: भारत के संविधान के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन सा एक राज्य का घटक नहीं है?

  1. विधानमंडल
  2. कार्यपालिका
  3. न्यायपालिका
  4. लोक सेवा आयोग

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 152 के अनुसार, ‘राज्य’ शब्द के अंतर्गत भारत का एक राज्य है, जिसमें राज्य की कार्यपालिका और राज्य का विधानमंडल शामिल है। अनुच्छेद 153 से 167 तक राज्य कार्यपालिका का वर्णन है (राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद) और अनुच्छेद 168 से 212 तक राज्य विधानमंडल का वर्णन है।
  • संदर्भ और विस्तार: राज्य का घटक ‘न्यायपालिका’ भी राज्य के शासन का एक अभिन्न अंग है, जिसे न्याय प्रदान करने का कार्य सौंपा गया है। लोक सेवा आयोग (राज्य लोक सेवा आयोग, अनुच्छेद 315) राज्य के प्रशासनिक ढांचे का हिस्सा है, लेकिन यह सीधे तौर पर ‘राज्य’ के संवैधानिक घटक के रूप में परिभाषित नहीं है, जैसा कि कार्यपालिका और विधानमंडल को परिभाषित किया गया है। यह एक संवैधानिक संस्था है जो राज्य सरकार के लिए सिविल सेवकों की भर्ती करती है।
  • गलत विकल्प: विधानमंडल (कार्यपालिका के साथ) और न्यायपालिका, दोनों ही राज्य के संवैधानिक ढांचे के प्रमुख अंग हैं। लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक निकाय है, लेकिन राज्य की शासन प्रणाली में उसका कार्य प्रशासनिक, न कि विधायी या कार्यकारी।

प्रश्न 4: लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोक सभा के अध्यक्ष
  4. राज्य सभा के सभापति

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और संदर्भ: लोक लेखा समिति (PAC) के अध्यक्ष की नियुक्ति लोक सभा के अध्यक्ष (Speaker) द्वारा की जाती है। यह समिति संसद की सबसे पुरानी समितियों में से एक है।
  • संदर्भ और विस्तार: PAC का मुख्य कार्य भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) द्वारा प्रस्तुत लेखापरीक्षा रिपोर्टों की जांच करना है। इसमें आमतौर पर विपक्ष के किसी वरिष्ठ सदस्य को अध्यक्ष बनाया जाता है ताकि समिति की निष्पक्षता बनी रहे। समिति का कार्यकाल एक वर्ष होता है।
  • गलत विकल्प: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या राज्य सभा के सभापति का PAC अध्यक्ष की नियुक्ति में कोई सीधा संवैधानिक या संसदीय प्रावधान नहीं है।

प्रश्न 5: किस संवैधानिक संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया?

  1. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
  2. 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
  3. 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
  4. 65वां संशोधन अधिनियम, 1990

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: 73वां संशोधन अधिनियम, 1992 भारतीय संविधान में एक नया भाग IX और अनुच्छेद 243 से 243-O तक जोड़ा गया, जिससे पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ।
  • संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने पंचायतों को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक शक्तियां और अधिकार प्रदान किए। इसने तीन-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली (ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती पंचायत, जिला पंचायत) का प्रावधान किया। 74वां संशोधन अधिनियम, 1992 शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वें और 65वें संशोधन, जो क्रमशः पंचायती राज और नगर पालिकाओं से संबंधित थे, पारित नहीं हो सके थे।
  • गलत विकल्प: 74वां संशोधन शहरी स्थानीय निकायों के लिए है, न कि पंचायती राज के लिए। 64वें और 65वें संशोधन विधेयक थे जो अधिनियम नहीं बन पाए।

प्रश्न 6: यदि संसद किसी राज्य के विधानमंडल के साथ मिलकर किसी विषय पर कानून बनाती है, तो यह किस अनुच्छेद के तहत संभव है?

  1. अनुच्छेद 249
  2. अनुच्छेद 250
  3. अनुच्छेद 252
  4. अनुच्छेद 253

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 252 में यह प्रावधान है कि यदि दो या दो से अधिक राज्यों के विधानमंडलों ने प्रस्ताव पारित करके यह चाहा है कि संसद उस विषय के संबंध में, जो राज्य सूची में प्रगणित है, कोई विधान करे, तो संसद ऐसा कानून बना सकती है। ऐसा कानून केवल उन राज्यों पर लागू होगा जिन्होंने इस तरह की इच्छा व्यक्त की है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद समवर्ती सूची के बाहर (अर्थात, राज्य सूची के विषयों पर) विधायी शक्तियों के हस्तांतरण का एक अनूठा उदाहरण है, जो राज्यों की सहमति पर आधारित है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 249 राष्ट्रीय हित में राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने की संसद की शक्ति से संबंधित है, जब राज्य सभा दो-तिहाई बहुमत से ऐसा प्रस्ताव पारित करे। अनुच्छेद 250 राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा के दौरान राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने की संसद की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 253 अंतर्राष्ट्रीय अभिसमयों, संधियों और समझौतों को प्रभावी करने के लिए विधान से संबंधित है।

प्रश्न 7: भारतीय संविधान के किस भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का उल्लेख है?

  1. भाग III
  2. भाग IV
  3. भाग IV-A
  4. भाग V

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, जिसमें अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल हैं, राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) का वर्णन करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: ये तत्व देश के शासन में मूलभूत माने जाते हैं और राज्य का यह कर्तव्य है कि वह कानून बनाते समय इन सिद्धांतों को ध्यान में रखे। ये न्यायोचित नहीं हैं, अर्थात इन्हें न्यायालय द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है। भाग IV-A मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है। भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है।

प्रश्न 8: भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?

  1. वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है।
  2. वह अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को सौंपता है।
  3. उसे संसद के किसी भी सदन में बोलने का अधिकार है।
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत के महान्यायवादी (अनुच्छेद 76) के संबंध में तीनों कथन सत्य हैं। महान्यायवादी राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है (अनुच्छेद 76(2)), अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को सौंपता है, और उसे संसद के किसी भी सदन या उसकी समितियों में बोलने का अधिकार है, लेकिन वह मत देने का अधिकार नहीं रखता (अनुच्छेद 88)।
  • संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य विधि अधिकारी होता है और उसे भारत के किसी भी न्यायालय में सुनवाई का अधिकार प्राप्त है।
  • गलत विकल्प: चूंकि तीनों कथन सही हैं, इसलिए ‘उपरोक्त सभी’ सही उत्तर है।

प्रश्न 9: किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘केशवानंद भारती’ मामले में ‘मूलभूत ढांचा’ (Basic Structure) सिद्धांत का प्रतिपादन किया?

  1. गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
  2. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
  3. मेनका गांधी बनाम भारत संघ
  4. शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और निर्णय संदर्भ: ‘केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य’ (1973) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय की एक ऐतिहासिक 13-न्यायाधीशों की पीठ ने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि संसद को संविधान में संशोधन करने का अधिकार है, लेकिन वह संविधान के ‘मूलभूत ढाँचे’ (Basic Structure) को नहीं बदल सकती।
  • संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने संसद की संशोधन शक्ति पर कुछ सीमाएँ लगाईं और संविधान की सर्वोच्चता तथा उसकी व्याख्या में न्यायपालिका की भूमिका को सुदृढ़ किया। ‘मूलभूत ढाँचे’ में संविधान की प्रस्तावना, गणतंत्रात्मक और लोकतांत्रिक स्वरूप, धर्मनिरपेक्षता, शक्ति पृथक्करण, संघीय ढाँचा आदि शामिल हैं।
  • गलत विकल्प: गोलकनाथ (1967) में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती। मेनका गांधी (1978) ने अनुच्छेद 21 की व्याख्या का विस्तार किया। शंकर प्रसाद (1951) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है।

प्रश्न 10: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. प्रधानमंत्री
  2. गृह मंत्री
  3. भारत के राष्ट्रपति
  4. लोक सभा अध्यक्ष

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जैसा कि अनुच्छेद 338(2) में वर्णित है।
  • संदर्भ और विस्तार: आयोग अनुसूचित जातियों के अधिकारों और सुरक्षा उपायों की सुरक्षा, उनकी शिकायत निवारण और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना बनाने के लिए जिम्मेदार है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या लोक सभा अध्यक्ष की इस नियुक्ति में कोई संवैधानिक भूमिका नहीं है।

प्रश्न 11: भारत में ‘सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार’ का सिद्धांत किस अनुच्छेद में निहित है?

  1. अनुच्छेद 325
  2. अनुच्छेद 326
  3. अनुच्छेद 327
  4. अनुच्छेद 328

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 326 में यह प्रावधान है कि लोकसभा और प्रत्येक राज्य की विधानसभाओं के चुनाव, वयस्क मताधिकार के आधार पर, जो भारत के संविधान के अनुसार उस विधान-मंडल के लिए हो, होंगे। ‘वयस्क मताधिकार’ का अर्थ है कि 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी नागरिक, जो किसी अन्य कारण से अयोग्य घोषित नहीं किया गया है, चुनाव में मतदान करने का हकदार है।
  • संदर्भ और विस्तार: सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार (Universal Adult Suffrage) लोकतंत्र का एक मूल सिद्धांत है, जो प्रत्येक वयस्क नागरिक को वोट देने का अधिकार देता है, चाहे उसकी जाति, धर्म, लिंग या संपत्ति कुछ भी हो।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 325 कहता है कि धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी व्यक्ति को मतदाता सूची में शामिल करने से इंकार नहीं किया जा सकता है या किसी विशेष सूची में दावा नहीं किया जा सकता है। अनुच्छेद 327 संसद को मतदाता सूची तैयार करने आदि के संबंध में कानून बनाने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 328 किसी राज्य के विधानमंडल को उस राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन के संबंध में प्रावधान करने की शक्ति देता है।

प्रश्न 12: यदि किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो जाता है, तो कौन सा अनुच्छेद लागू किया जा सकता है?

  1. अनुच्छेद 352
  2. अनुच्छेद 356
  3. अनुच्छेद 360
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 356, जिसे ‘राष्ट्रपति शासन’ (President’s Rule) के नाम से भी जाना जाता है, किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता की स्थिति में लागू किया जाता है। यदि किसी राज्य का राज्यपाल यह रिपोर्ट करता है कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें उस राज्य का शासन संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, या राष्ट्रपति को स्वयं ऐसी रिपोर्ट प्राप्त होती है, तो वे उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 365 में कहा गया है कि यदि कोई राज्य संघ द्वारा दिए गए किन्हीं निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है, तो राष्ट्रपति यह मान सकते हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें राज्य का शासन संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल से संबंधित है। अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल से संबंधित है।

प्रश्न 13: भारतीय संविधान में ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) का उल्लेख किस अनुच्छेद में किया गया है?

  1. अनुच्छेद 105
  2. अनुच्छेद 194
  3. अनुच्छेद 118
  4. अनुच्छेद 105 और 194 दोनों

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 105 संसद, उसके सदस्यों और समितियों को विशेषाधिकार प्रदान करता है, जबकि अनुच्छेद 194 राज्य विधानमंडलों, उनके सदस्यों और समितियों के लिए समान विशेषाधिकार प्रदान करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: इन विशेषाधिकारों में सदन की कार्यवाही के संबंध में अभियोजन से मुक्ति, साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत होने से छूट आदि शामिल हैं। ये विशेषाधिकार संसद या विधानमंडल के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 118 सदन की प्रक्रिया के नियमों के बारे में है।

प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सी रिट किसी व्यक्ति को सार्वजनिक पद पर बने रहने की वैधता को चुनौती देती है?

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
  2. परमादेश (Mandamus)
  3. उत्प्रेषण (Certiorari)
  4. अधिकार पृच्छा (Quo Warranto)

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) रिट का अर्थ है ‘किस वारंट से’। यह किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से धारण करने पर उसे चुनौती देने के लिए जारी की जाती है। यह अधिकार उन व्यक्तियों के खिलाफ जारी की जाती है जिन्होंने किसी सार्वजनिक कार्यालय पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह उच्च न्यायालयों द्वारा अनुच्छेद 226 के तहत और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत जारी की जा सकती है।
  • गलत विकल्प: बंदी प्रत्यक्षीकरण किसी व्यक्ति को अदालत के सामने पेश करने का आदेश है। परमादेश किसी सार्वजनिक प्राधिकरण को अपना कर्तव्य निभाने का आदेश है। उत्प्रेषण किसी निम्न अदालत या न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द करने के लिए जारी किया जाता है।

प्रश्न 15: भारत के प्रथम नागरिक के रूप में किसे जाना जाता है?

  1. भारत के प्रधानमंत्री
  2. भारत के उपराष्ट्रपति
  3. भारत के राष्ट्रपति
  4. भारत के मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति, भारतीय गणराज्य के प्रमुख के रूप में, देश के ‘प्रथम नागरिक’ माने जाते हैं। वे सरकार के प्रमुख नहीं, बल्कि राज्य के प्रमुख होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह पद एक औपचारिक और संवैधानिक महत्व रखता है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री कार्यकारी प्रमुख होते हैं, उपराष्ट्रपति दूसरे नागरिक माने जाते हैं, और मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका के प्रमुख होते हैं, न कि देश के प्रथम नागरिक।

प्रश्न 16: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) कितने वर्षों के लिए नियुक्त किया जाता है?

  1. 3 वर्ष
  2. 4 वर्ष
  3. 5 वर्ष
  4. 6 वर्ष

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत का नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) अनुच्छेद 148 के तहत नियुक्त किया जाता है और वह पद ग्रहण करने की तारीख से 6 वर्ष की अवधि या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, पद धारण करता है।
  • संदर्भ और विस्तार: CAG भारत सरकार और राज्य सरकारों के लेखाओं का ऑडिट करता है और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति या राज्यपाल को प्रस्तुत करता है, जो संसद या राज्य विधानमंडल के समक्ष रखी जाती है।
  • गलत विकल्प: CAG का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है, न कि 3, 4 या 5 वर्ष का।

प्रश्न 17: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणतंत्र’ (Republic) शब्द क्या दर्शाता है?

  1. भारत का मुखिया वंशानुगत होगा
  2. भारत का मुखिया निर्वाचित होगा
  3. भारत का मुखिया मनोनीत होगा
  4. भारत का मुखिया अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाएगा

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और संदर्भ: ‘गणतंत्र’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का मुखिया निर्वाचित होता है, वंशानुगत नहीं। भारत में, राष्ट्रपति राज्य के मुखिया होते हैं और वे अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: यह शब्द राजशाही के विपरीत है जहाँ प्रमुख वंशानुगत होता है। यह दर्शाता है कि अंतिम शक्ति जनता के हाथ में है।
  • गलत विकल्प: भारत का मुखिया (राष्ट्रपति) वंशानुगत (a) नहीं होता। वह मनोनीत (c) भी नहीं होता। जबकि वह अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है, ‘निर्वाचित’ होना इसकी मुख्य विशेषता है, न कि केवल अप्रत्यक्ष निर्वाचित होना, क्योंकि अन्य पद भी अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।

प्रश्न 18: किस अनुच्छेद के तहत भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय महत्व के किसी भी मामले में उच्चतम न्यायालय से सलाह ले सकते हैं?

  1. अनुच्छेद 131
  2. अनुच्छेद 132
  3. अनुच्छेद 143
  4. अनुच्छेद 145

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को किसी भी सार्वजनिक महत्व के प्रश्न या किसी भी ऐसे प्रश्न पर, जिसके अंतर्गत विधि या तथ्य की कोई ऐसी बात आती है, जिसके बारे में यह प्रतीत होता है कि उसे उच्चतम न्यायालय की राय प्राप्त करना आवश्यक है, उच्चतम न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति देता है।
  • संदर्भ और विस्तार: यह उच्चतम न्यायालय के सलाहकार क्षेत्राधिकार के तहत आता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 131 मूल क्षेत्राधिकार से संबंधित है। अनुच्छेद 132 अपीलीय क्षेत्राधिकार के बारे में है। अनुच्छेद 145 न्यायालयों के नियम आदि से संबंधित है।

प्रश्न 19: भारत में ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ (Residuary Powers) किसके पास निहित हैं?

  1. राज्य सरकारों के पास
  2. केंद्र सरकार के पास
  3. दोनों के पास संयुक्त रूप से
  4. संसद के पास

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और संदर्भ: भारतीय संविधान में शक्तियों का बंटवारा संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में किया गया है। अवशिष्ट शक्तियाँ, यानी वे विषय जो इन तीनों सूचियों में शामिल नहीं हैं, संविधान के अनुच्छेद 248 के अनुसार, संसद के पास निहित हैं।
  • संदर्भ और विस्तार: इसका अर्थ है कि अवशिष्ट विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है। यह भारतीय संघवाद की एक विशिष्ट विशेषता है, जो कनाडा के मॉडल से प्रेरित है।
  • गलत विकल्प: अवशिष्ट शक्तियाँ राज्य सरकारों (a) या दोनों (c) के पास नहीं हैं। संसद (d) के पास ये शक्तियाँ हैं, लेकिन यह प्रश्न ‘केंद्र सरकार’ के पास होने की बात कर रहा है, जो यहाँ अधिक उपयुक्त है क्योंकि संसद संघ का प्रतिनिधित्व करती है। प्रश्न की बारीकियों को देखते हुए, ‘केंद्र सरकार’ (Union Government) अधिक सटीक है क्योंकि यह विधायी, कार्यकारी और वित्तीय शक्तियों को समाहित करता है जो संसद के माध्यम से प्रयोग होती हैं।

प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद ‘राज्य के विधानमंडल’ को ‘राज्य सूची’ के विषय पर कानून बनाने से रोकता है?

  1. अनुच्छेद 249
  2. अनुच्छेद 250
  3. अनुच्छेद 251
  4. अनुच्छेद 252

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 249 के अनुसार, यदि राज्य सभा यह संकल्प पारित करे कि राष्ट्रीय हित में यह आवश्यक या समीचीन है कि संसद, राज्य सूची में प्रगणित किसी भी विषय के संबंध में विधि बनाए, तो संसद के लिए उस विषय पर विधि बनाना संभव है। जब ऐसा संकल्प प्रवृत्त रहता है, तब संसद को उस विषय के संबंध में विधि बनाने की शक्ति होगी।
  • संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद राज्य सूची के किसी विषय पर कानून बनाने की राज्य विधानमंडल की शक्ति को अस्थायी रूप से रोकता है, और इसे संसद को हस्तांतरित कर देता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 250 राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने की संसद की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 251 अनुच्छेद 249 और 250 के उपबंधों के अनुप्रयोग में किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई विधियों के बारे में है। अनुच्छेद 252 दो या अधिक राज्यों के लिए कानून बनाने की संसद की शक्ति से संबंधित है।

प्रश्न 21: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत ‘अनुच्छेद 370’ को निरस्त किया गया?

  1. अनुच्छेद 370 (1)(d)
  2. अनुच्छेद 370 (3)
  3. अनुच्छेद 371
  4. अनुच्छेद 372

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 370 (3) राष्ट्रपति को यह शक्ति देता है कि वह सार्वजनिक अधिसूचना द्वारा यह घोषणा कर सकता है कि अनुच्छेद 370 के खंड (3) के अधीन, यह अनुच्छेद या अनुच्छेद 370 के खंड (1) के अधीन किए गए उपबंध राष्ट्रपति द्वारा जारी की गई आज्ञा में निर्दिष्ट तारीख से प्रभावी नहीं रहेंगे। इस अनुच्छेद के तहत 5 अगस्त 2019 को राष्ट्रपति की आज्ञा से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया गया था।
  • संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 370 (1)(d) राष्ट्रपति को जम्मू-कश्मीर के संबंध में कुछ विशेष प्रावधान लागू करने की अनुमति देता है, लेकिन इसे हटाने की अंतिम शक्ति अनुच्छेद 370 (3) में निहित थी।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 371 भारत के कुछ राज्यों के लिए विशेष प्रावधानों से संबंधित है। अनुच्छेद 372 लागू कानूनों का जारी रहना से संबंधित है।

प्रश्न 22: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष का कार्यकाल कितना होता है?

  1. 3 वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक
  2. 4 वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक
  3. 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक
  4. 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और संदर्भ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष (जो भारत का पूर्व मुख्य न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश होता है) का कार्यकाल पद ग्रहण करने की तारीख से 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होता है।
  • संदर्भ और विस्तार: NHRC एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत हुई थी।
  • गलत विकल्प: अन्य विकल्प कार्यकाल की अवधि या आयु सीमा के संबंध में गलत हैं।

प्रश्न 23: भारत के संविधान का कौन सा अनुच्छेद ‘राज्य को लोक कल्याण को बढ़ावा देने’ का निर्देश देता है?

  1. अनुच्छेद 38
  2. अनुच्छेद 39
  3. अनुच्छेद 40
  4. अनुच्छेद 41

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 38 (1) में कहा गया है कि “राज्य ऐसी सामाजिक व्यवस्था की, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, राष्ट्रीय जीवन की सभी संस्थाओं को अनुप्राणित करे, लोक कल्याण को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा।”
  • संदर्भ और विस्तार: यह डीपीएसपी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कल्याणकारी राज्य की स्थापना पर जोर देता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 39 कुछ नीतिगत निर्देशक सिद्धांतों का वर्णन करता है (जैसे समान कार्य के लिए समान वेतन, पुरुषों और महिलाओं के लिए आजीविका के पर्याप्त साधन)। अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के गठन से संबंधित है। अनुच्छेद 41 कुछ मामलों में काम, शिक्षा और लोक सहायता का अधिकार सुनिश्चित करने का निर्देश देता है।

प्रश्न 24: भारतीय संविधान में ‘मौलिक कर्तव्य’ (Fundamental Duties) किस भाग में वर्णित हैं?

  1. भाग II
  2. भाग III
  3. भाग IV
  4. भाग IV-A

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को भाग IV-A में अनुच्छेद 51-A के तहत जोड़ा गया है।
  • संदर्भ और विस्तार: इन कर्तव्यों को 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर शामिल किया गया था। ये नागरिकों के लिए नैतिक कर्तव्य हैं।
  • गलत विकल्प: भाग II नागरिकता से, भाग III मौलिक अधिकारों से और भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों से संबंधित है।

प्रश्न 25: भारत के किस प्रधानमंत्री ने ‘संसद का सामना न करने’ की नीति अपनाई थी?

  1. जवाहरलाल नेहरू
  2. लाल बहादुर शास्त्री
  3. इंदिरा गांधी
  4. चौधरी चरण सिंह

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सत्यता और संदर्भ: चौधरी चरण सिंह, भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने 1979-1980 तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने कभी भी लोकसभा का सामना नहीं किया क्योंकि वे जिस गठबंधन के समर्थन पर सरकार बना रहे थे, वह समर्थन वापस लेने से पहले ही उन्हें बहुमत साबित करने का अवसर नहीं मिला।
  • संदर्भ और विस्तार: यह एक अनूठा घटनाक्रम था जिसने भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक अलग स्थान रखा।
  • गलत विकल्प: अन्य प्रधानमंत्रियों ने अपने कार्यकाल के दौरान सफलतापूर्वक लोकसभा का सामना किया था।

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