भारतीय राजव्यवस्था: आज की संविधानिक चुनौती
नमस्कार, भविष्य के राष्ट्र निर्माताओं! भारतीय संविधान और राजव्यवस्था की गहरी समझ ही हमारे प्रजातांत्रिक ढांचे की नींव को मजबूत करती है। आज हम आपके लिए लाए हैं 25 चुनिंदा प्रश्न, जो आपकी अवधारणात्मक स्पष्टता को परखेंगे और आपको आगामी परीक्षाओं के लिए तैयार करेंगे। आइए, अपनी संवैधानिक ज्ञान की यात्रा को एक नई धार दें!
भारतीय राजव्यवस्था और संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ शब्द किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
- 24वां संशोधन अधिनियम
- 42वां संशोधन अधिनियम
- 44वां संशोधन अधिनियम
- 52वां संशोधन अधिनियम
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: ‘समाजवादी’, ‘पंथनिरपेक्ष’ (धर्मनिरपेक्ष) और ‘अखंडता’ शब्द 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन को ‘लघु संविधान’ भी कहा जाता है। इसने मौलिक कर्तव्यों को भी संविधान में जोड़ा। यह भारतीय राज्य को एक कल्याणकारी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
- गलत विकल्प: 24वां संशोधन अधिनियम, 1971 ने संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन करने का अधिकार दिया। 44वां संशोधन अधिनियम, 1978 ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया। 52वां संशोधन अधिनियम, 1985 दलबदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है।
प्रश्न 2: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार में शामिल नहीं है?
- पर्यावरण की शुद्धता का अधिकार
- निजता का अधिकार
- सश्रम कारावास का अधिकार
- बुनियादी सुविधाओं का अधिकार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा प्रदान करता है। सर्वोच्च न्यायालय ने इसे अत्यंत व्यापक अर्थ दिया है। ‘सश्रम कारावास का अधिकार’ (right to hard labour) इसमें शामिल नहीं है, बल्कि यह दंड का एक स्वरूप हो सकता है।
- संदर्भ और विस्तार: मेनका गांधी मामले (1978) में, न्यायालय ने माना कि अनुच्छेद 21 के तहत ‘विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ का अर्थ ‘प्राकृतिक न्याय के नियमों’ पर आधारित उचित प्रक्रिया है। पर्यावरण की शुद्धता (एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ), निजता ( के.एस. पुट्टास्वामी मामले) और बुनियादी सुविधाओं (ओलगा टेलिस मामले) जैसे अधिकार भी इसी अनुच्छेद के तहत संरक्षित हैं।
- गलत विकल्प: पर्यावरण की शुद्धता, निजता का अधिकार और बुनियादी सुविधाओं का अधिकार (जैसे भोजन, आश्रय, आजीविका) जीवन के अधिकार के अभिन्न अंग माने गए हैं।
प्रश्न 3: भारत के राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- अनुच्छेद 72
- अनुच्छेद 73
- अनुच्छेद 74
- अनुच्छेद 75
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण या क्षमादान की शक्ति प्रदान करता है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति उन अपराधों के संबंध में है जो संघ के कानून के विरुद्ध हों, सैन्य न्यायालय द्वारा दी गई सजा के संबंध में, या मृत्युदंड के संबंध में। यह शक्ति विवेक की नहीं, बल्कि मंत्रिपरिषद् की सलाह पर प्रयोग की जाती है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 73 राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियों का विस्तार करता है। अनुच्छेद 74 राष्ट्रपति को सलाह और सहायता देने के लिए मंत्रिपरिषद् की व्यवस्था करता है। अनुच्छेद 75 मंत्रियों की नियुक्ति, शपथ और उत्तरदायित्व से संबंधित है।
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेता है?
- लोकसभा के सदस्य
- राज्यसभा के सदस्य
- विधानसभाओं के सदस्य
- विधान परिषदों के सदस्य
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्यों से मिलकर बनने वाले एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। यह अनुच्छेद 66 में वर्णित है।
- संदर्भ और विस्तार: इसमें संसद के मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं। राज्य विधानसभाओं या विधान परिषदों के सदस्य उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं।
- गलत विकल्प: लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं। विधानसभाओं और विधान परिषदों के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं, उपराष्ट्रपति के नहीं।
प्रश्न 5: संसदीय विशेषाधिकार के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?
- सांसदों को सदन में या उसकी किसी समिति में कही गई किसी बात या दिए गए किसी वोट के संबंध में किसी भी अदालत में किसी भी कार्यवाही से उन्मुक्ति प्राप्त है।
- सांसदों को सदन के सत्र के दौरान कुछ विशिष्ट दीवानी मामलों में गिरफ्तारी से छूट प्राप्त है।
- संसदीय विशेषाधिकार संविधान में स्पष्ट रूप से परिभाषित किए गए हैं।
- संसदीय विशेषाधिकारों का उल्लंघन एक दंडनीय अपराध है।
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: संसदीय विशेषाधिकार संविधान के अनुच्छेद 105 में वर्णित हैं, लेकिन वे पूर्ण रूप से और विस्तार से परिभाषित नहीं हैं। वे मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम की संसद के विशेषाधिकारों के अनुरूप हैं, जब तक कि संसद द्वारा उन्हें संशोधित या विस्तारित न किया जाए।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 105 के खंड 2 के अनुसार, संसद सदस्यों को सदन में या किसी समिति में कही गई बात या वोट के लिए किसी भी कार्यवाही से उन्मुक्ति है। खंड 3 यह प्रावधान करता है कि संसद की प्रत्येक सभा के सदस्य वे विशेषाधिकार प्राप्त करेंगे जो भारत की संसद के प्रत्येक सदन के सदस्यों के विशेषाधिकार होंगे, जो राष्ट्रपति द्वारा नियम बनाए जाने तक, उस समय मान्य होंगे।
- गलत विकल्प: जबकि विशेषाधिकार मौजूद हैं, उनका पूर्ण और स्पष्ट परिभाषा का अभाव है। हालांकि, संसदीय विशेषाधिकारों का उल्लंघन सदन की अवमानना माना जाता है और इसके लिए सदन द्वारा दंडित किया जा सकता है।
प्रश्न 6: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
- 3 वर्ष
- 4 वर्ष
- 5 वर्ष
- 6 वर्ष
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का कार्यकाल पद ग्रहण करने की तिथि से 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक होता है। यह प्रावधान अनुच्छेद 148(3) में निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: CAG की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वे भारतीय लेखा परीक्षा और खाता विभाग के प्रमुख होते हैं। CAG को उसी आधार पर हटाया जा सकता है जिस आधार पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाया जाता है (अर्थात कदाचार या असमर्थता के आधार पर संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से पारित प्रस्ताव)।
- गलत विकल्प: CAG का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है, जो अन्य कई संवैधानिक पदों से भिन्न है।
प्रश्न 7: पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया?
- 73वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वां संशोधन अधिनियम, 1992
- 64वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 65वां संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया और संविधान में भाग IX और 11वीं अनुसूची जोड़ी।
- संदर्भ और विस्तार: यह अधिनियम देश भर में त्रि-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद) की स्थापना का प्रावधान करता है। इसने पंचायती राज संस्थाओं को स्वायत्त शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए 29 विषयों को सूचीबद्ध किया।
- गलत विकल्प: 74वां संशोधन अधिनियम शहरी स्थानीय निकायों (नगर पालिकाओं) से संबंधित है। 64वां और 65वां संशोधन अधिनियम क्रमशः पंचायती राज और नगर पालिकाओं से संबंधित थे लेकिन वे पारित नहीं हो सके थे।
प्रश्न 8: भारत में पहली बार राष्ट्रीय आपातकाल कब लागू किया गया?
- 1962
- 1965
- 1971
- 1975
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत में पहली बार राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा अनुच्छेद 352 के तहत अक्तूबर 1962 में चीन के आक्रमण के कारण की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में की जा सकती है। 1965 और 1971 में भी राष्ट्रीय आपातकाल लागू रहा। 1975 में आंतरिक अशांति के आधार पर आपातकाल लागू किया गया था, जिसे बाद में ‘सशस्त्र विद्रोह’ से बदल दिया गया।
- गलत विकल्प: 1962, 1965 और 1971 में राष्ट्रीय आपातकाल लागू रहा, लेकिन पहली बार 1962 में चीन के आक्रमण के समय हुआ। 1975 में आंतरिक आपातकाल था।
प्रश्न 9: राज्य पुनर्गठन आयोग (States Reorganisation Commission) की स्थापना कब हुई थी?
- 1950
- 1953
- 1955
- 1956
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना 1953 में की गई थी।
- संदर्भ और विस्तार: यह आयोग भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए नियुक्त किया गया था। इसकी सिफारिशों के आधार पर, 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम पारित किया गया, जिसने देश को 14 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित किया।
- गलत विकल्प: 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ। 1955 में आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम लागू हुआ।
प्रश्न 10: निम्नलिखित में से कौन सा एक ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है?
- निर्वाचन आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
- नीति आयोग
- वित्त आयोग
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: नीति आयोग एक गैर-संवैधानिक निकाय है। इसका गठन 1 जनवरी 2015 को भारत सरकार के एक कार्यकारी प्रस्ताव द्वारा किया गया था, जिसने योजना आयोग का स्थान लिया।
- संदर्भ और विस्तार: नीति आयोग का उद्देश्य भारत में ‘सहकारी संघवाद’ को बढ़ावा देना है, जिसमें केंद्र और राज्य मिलकर काम करते हैं। यह नीति निर्माण के लिए थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है।
- गलत विकल्प: निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और वित्त आयोग (अनुच्छेद 280) भारतीय संविधान के तहत स्थापित संवैधानिक निकाय हैं।
प्रश्न 11: भारत में ‘कानून के शासन’ का सिद्धांत किस अनुच्छेद में निहित है?
- अनुच्छेद 13
- अनुच्छेद 14
- अनुच्छेद 15
- अनुच्छेद 21
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 ‘विधि के समक्ष समानता’ और ‘विधियों का समान संरक्षण’ प्रदान करता है, जो ‘कानून के शासन’ (Rule of Law) के सिद्धांत का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
- संदर्भ और विस्तार: कानून के शासन का अर्थ है कि सभी व्यक्ति कानून के अधीन हैं, चाहे वे किसी भी पद पर हों, और किसी को भी कानून से ऊपर नहीं माना जाएगा। यह मनमानी शक्ति पर अंकुश लगाता है और निष्पक्षता सुनिश्चित करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 13 ‘विधियों की शून्य घोषणा’ से संबंधित है, जो मौलिक अधिकारों के असंगत या उनका अल्पिकरण करने वाली विधियों को अमान्य करता है। अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध करता है। अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा से संबंधित है।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)
- विधि के समक्ष समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14)
- भेदभाव के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 15)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का प्रतिषेध करता है, केवल भारतीय नागरिकों को उपलब्ध है।
- संदर्भ और विस्तार: संविधान ने कुछ अधिकारों को केवल नागरिकों के लिए आरक्षित किया है, जबकि अन्य (जैसे अनुच्छेद 14, 20, 21, 22, 25) सभी व्यक्तियों (नागरिकों और गैर-नागरिकों) के लिए उपलब्ध हैं।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 21 और 25 सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध हैं, न कि केवल नागरिकों के लिए।
प्रश्न 13: राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति किस अनुच्छेद के तहत आती है?
- अनुच्छेद 123
- अनुच्छेद 213
- अनुच्छेद 143
- अनुच्छेद 147
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत के राष्ट्रपति को अनुच्छेद 123 के तहत अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शक्ति तब प्रयोग की जाती है जब संसद का कोई एक सदन (या दोनों सदन) सत्र में न हो और राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो गई हैं जिनमें तत्काल कार्रवाई करना आवश्यक है। अध्यादेश का प्रभाव संसद के अधिनियम के समान होता है, लेकिन यह संसद के पुनः सत्र में आने के छह सप्ताह के भीतर अनुमोदित होना चाहिए, अन्यथा यह अप्रभावी हो जाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 213 राज्यपाल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति देता है। अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति की उच्चतम न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति से संबंधित है।
प्रश्न 14: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘लोकतंत्र’ शब्द का क्या अर्थ है?
- जनता द्वारा जनता के लिए, जनता का शासन
- सरकार का एक ऐसा रूप जिसमें सत्ता वंशानुगत शासकों में निहित होती है
- सरकार का एक ऐसा रूप जिसमें सत्ता कुलीन वर्ग में निहित होती है
- सरकार का एक ऐसा रूप जिसमें सत्ता धार्मिक नेताओं में निहित होती है
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: प्रस्तावना में ‘लोकतंत्र’ शब्द का अर्थ अब्राहम लिंकन की प्रसिद्ध परिभाषा से लिया गया है: “जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए शासन।” यह इंगित करता है कि संप्रभुता जनता में निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: भारतीय लोकतंत्र एक अप्रत्यक्ष या प्रतिनिधिक लोकतंत्र है, जहाँ नागरिक अपने प्रतिनिधियों को अप्रत्यक्ष रूप से चुनते हैं। प्रस्तावना भारतीय गणराज्य की प्रकृति को ‘संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य’ के रूप में परिभाषित करती है।
- गलत विकल्प: अन्य विकल्प राजशाही (monarchy), अभिजाततंत्र (aristocracy) और धर्मतंत्र (theocracy) को दर्शाते हैं, न कि लोकतंत्र को।
प्रश्न 15: निम्नलिखित में से कौन सी जोड़ी सही सुमेलित नहीं है?
- भाग IV: राज्य के नीति निदेशक तत्व
- भाग III: मूल अधिकार
- भाग IVA: मूल कर्तव्य
- भाग II: नागरिकता
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: मूल कर्तव्य (Fundamental Duties) संविधान के भाग IVA में शामिल हैं, लेकिन यह मूल संविधान का हिस्सा नहीं था। इसे 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
- संदर्भ और विस्तार: भाग II नागरिकता से संबंधित है (अनुच्छेद 5-11)। भाग III मूल अधिकारों (अनुच्छेद 12-35) से संबंधित है। भाग IV राज्य के नीति निदेशक तत्वों (अनुच्छेद 36-51) से संबंधित है।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (b), और (d) सही सुमेलित हैं। भाग IVA मूल कर्तव्यों से संबंधित है।
प्रश्न 16: किस संविधान संशोधन ने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी?
- 61वां संशोधन अधिनियम, 1988
- 62वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 63वां संशोधन अधिनियम, 1989
- 64वां संशोधन अधिनियम, 1990
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: 61वें संशोधन अधिनियम, 1988 ने संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन करके मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन का उद्देश्य युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना था, क्योंकि उन्हें युवा अवस्था में ही राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारियों में शामिल करना आवश्यक माना गया।
- गलत विकल्प: अन्य संशोधन विभिन्न अन्य प्रावधानों से संबंधित थे, जैसे कि एससी/एसटी के लिए आरक्षण का विस्तार (62वां और 64वां), या नागालैंड में कुछ विशेष प्रावधान (63वां)।
प्रश्न 17: भारत का महान्यायवादी (Attorney General) किसके प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- प्रधानमंत्री
- संसदीय समिति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत का महान्यायवादी (Attorney General for India) भारत के राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत (at the pleasure of the President) पद धारण करता है। यह अनुच्छेद 76(1) में कहा गया है।
- संदर्भ और विस्तार: महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वह भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है। उसे संसद की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है (अनुच्छेद 88), लेकिन वह किसी भी संसदीय समिति में मतदान नहीं कर सकता। उसे उसी आधार पर हटाया जा सकता है जिस पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है, लेकिन व्यवहार में वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत रहता है।
- गलत विकल्प: महान्यायवादी का पद राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत होता है, न कि मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री या किसी समिति के।
प्रश्न 18: भारतीय संविधान में ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ (Residuary Powers) किसे सौंपी गई हैं?
- राज्य को
- केंद्र को
- राज्य और केंद्र दोनों को समान रूप से
- किसी को नहीं
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान में, अवशिष्ट शक्तियाँ (अर्थात वे शक्तियाँ जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में स्पष्ट रूप से शामिल नहीं हैं) संसद को सौंपी गई हैं। यह अनुच्छेद 248 में निहित है।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारतीय संघवाद की एक विशेषता है, जहाँ केंद्र सरकार को उन विषयों पर कानून बनाने की शक्ति प्राप्त है जो सूचीकरण के समय अज्ञात थे या किसी सूची में शामिल नहीं थे। कनाडा के संविधान से प्रभावित होकर यह व्यवस्था अपनाई गई है।
- गलत विकल्प: अवशिष्ट शक्तियाँ राज्यों को नहीं दी गई हैं, न ही राज्य और केंद्र के बीच समान रूप से वितरित की गई हैं।
प्रश्न 19: किस वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी कि संसद मूल ढांचे (Basic Structure) में संशोधन नहीं कर सकती?
- शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ
- सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के ऐतिहासिक वाद में, सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी कि संसद संविधान के मूल ढांचे को संशोधित नहीं कर सकती।
- संदर्भ और विस्तार: इस निर्णय ने अनुच्छेद 368 के तहत संसद की संशोधन शक्ति को सीमित कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि हालांकि संसद संविधान के किसी भी प्रावधान में संशोधन कर सकती है, लेकिन ऐसे संशोधन से संविधान का मूल ढांचा विकृत या नष्ट नहीं होना चाहिए। मूल ढांचे में संसदीय प्रणाली, धर्मनिरपेक्षता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: शंकर प्रसाद (1951) और सज्जन सिंह (1965) के वाद में न्यायालय ने माना था कि संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है। गोलकनाथ (1967) में न्यायालय ने माना कि संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती।
प्रश्न 20: भारतीय संविधान के अनुसार, किसी व्यक्ति को नागरिकता प्राप्त हो सकती है?
- जन्म से
- वंशानुक्रम से
- पंजीकरण द्वारा
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग II (अनुच्छेद 5-11) नागरिकता से संबंधित है। अनुच्छेद 5 के अनुसार, नागरिकता जन्म से, वंशानुक्रम से या पंजीकरण द्वारा प्राप्त की जा सकती है।
- संदर्भ और विस्तार: नागरिकता अधिनियम, 1955 इन प्रावधानों का विस्तृत विवरण प्रदान करता है और इसमें देशीयकरण (naturalisation) द्वारा नागरिकता प्राप्त करना भी शामिल है। इस प्रकार, जन्म, वंश, पंजीकरण, देशीयकरण और क्षेत्र समावेशन (integration of territory) सभी नागरिकता प्राप्त करने के तरीके हैं।
- गलत विकल्प: उपरोक्त सभी विकल्प नागरिकता प्राप्त करने के वैध तरीके हैं।
प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल राज्य के विरुद्ध उपलब्ध है, व्यक्तियों के विरुद्ध नहीं?
- विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग और जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21)
- अस्पृश्यता का अंत (अनुच्छेद 17)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 17, जो अस्पृश्यता का अंत करता है, केवल राज्य के विरुद्ध उपलब्ध है। राज्य अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए उपाय करने के लिए बाध्य है।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि, अस्पृश्यता का कार्य करने वाले किसी भी व्यक्ति को कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा। इसलिए, निजी व्यक्तियों द्वारा किए गए अस्पृश्यता के कृत्यों को दंडित करने के लिए संसद ने कानून बनाए हैं, लेकिन मौलिक अधिकार स्वयं केवल राज्य के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 14, 15 और 21 भी राज्य के विरुद्ध लागू होते हैं, लेकिन वे कुछ ऐसे अधिकारों की भी सुरक्षा करते हैं जिनका उल्लंघन निजी व्यक्ति भी कर सकते हैं (जैसे अनुच्छेद 21 के तहत निजता का अधिकार)। अनुच्छेद 17 विशेष रूप से राज्य को अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देता है।
प्रश्न 22: ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ किस अनुच्छेद में निहित है, जिसे डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा है?
- अनुच्छेद 32
- अनुच्छेद 29
- अनुच्छेद 20
- अनुच्छेद 19
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 32 ‘संवैधानिक उपचारों का अधिकार’ प्रदान करता है। डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने इसे ‘संविधान का हृदय और आत्मा’ कहा था।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) या उच्च न्यायालयों (अनुच्छेद 226) में जाने का अधिकार देता है। सर्वोच्च न्यायालय पाँच प्रकार की रिटें जारी कर सकता है: बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार पृच्छा और उत्प्रेषण।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 19 भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है। अनुच्छेद 20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण प्रदान करता है। अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण से संबंधित है।
प्रश्न 23: भारत में ‘सरकार का संसदीय स्वरूप’ किस देश के संविधान से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन)
- फ्रांस
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: भारत में सरकार का संसदीय स्वरूप यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के संविधान से प्रेरित है।
- संदर्भ और विस्तार: भारत में, कार्यपालिका (राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद) विधायिका (संसद) के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी है। प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद संसद के बहुमत का विश्वास प्राप्त होने तक पद पर बने रहते हैं। यह प्रणाली ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित है।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में अध्यक्षीय प्रणाली है, जहाँ कार्यपालिका विधायिका से अलग होती है। कनाडा में भी एक संसदीय प्रणाली है, लेकिन भारत ने मुख्य रूप से ब्रिटिश मॉडल का अनुकरण किया है। फ्रांस में अर्ध-अध्यक्षीय प्रणाली है।
प्रश्न 24: निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित है?
- अनुच्छेद 52: राष्ट्रपति की योग्यताएं
- अनुच्छेद 79: संसद का गठन
- अनुच्छेद 110: धन विधेयक की परिभाषा
- अनुच्छेद 143: राज्यपाल की अध्यादेश शक्ति
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: अनुच्छेद 79 यह प्रावधान करता है कि भारत के लिए एक संसद होगी जिसमें राष्ट्रपति और दो सदन (राज्य सभा और लोकसभा) शामिल होंगे, इस प्रकार संसद का गठन निर्धारित होता है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 52 भारत के राष्ट्रपति के पद की व्यवस्था करता है, जबकि योग्यताएं अनुच्छेद 58 में हैं। अनुच्छेद 110 धन विधेयक की परिभाषा देता है। अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति की उच्चतम न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति से संबंधित है, न कि राज्यपाल की अध्यादेश शक्ति से (जो अनुच्छेद 213 में है)।
- गलत विकल्प: विकल्प (a), (c) और (d) में अनुच्छेद या उनसे संबंधित प्रावधान सही सुमेलित नहीं हैं।
प्रश्न 25: किस आपातकाल के दौरान, राज्य सरकारें राज्यपाल के माध्यम से सीधे केंद्र के नियंत्रण में आ जाती हैं?
- राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)
- राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता (राष्ट्रपति शासन) (अनुच्छेद 356)
- वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सही उत्तर एवं अनुच्छेद/संशोधन संदर्भ: राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता की स्थिति में (जिसे राष्ट्रपति शासन भी कहा जाता है), अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति राज्य सरकार को बर्खास्त कर सकते हैं और राज्य के विधायी और कार्यकारी अधिकार अपने हाथ में ले सकते हैं। इस स्थिति में, राज्य का शासन राज्यपाल के माध्यम से सीधे केंद्र के नियंत्रण में आ जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति शासन का प्रावधान अनुच्छेद 356 में है। यह राज्य में तब लागू किया जाता है जब राज्य का संवैधानिक तंत्र विफल हो जाता है। राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) पूरे देश या उसके किसी हिस्से पर लागू हो सकता है और संघ को राज्य की कार्यकारी शक्ति पर निर्देश देने की शक्ति देता है। वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) वित्तीय स्थिरता या भारत की साख के खतरे में पड़ने पर लागू होता है।
- गलत विकल्प: जबकि राष्ट्रीय आपातकाल और वित्तीय आपातकाल भी केंद्र के नियंत्रण को बढ़ाते हैं, अनुच्छेद 356 वह विशेष स्थिति है जहाँ राज्य सरकारें राज्यपाल के माध्यम से सीधे केंद्र के नियंत्रण में आ जाती हैं, और राज्य का प्रशासन पूरी तरह से केंद्र के हाथों में चला जाता है।