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भारतीय राजव्यवस्था: आज का महा-अभ्यास

भारतीय राजव्यवस्था: आज का महा-अभ्यास

नमस्कार, भावी राष्ट्र-निर्माताओं! भारतीय लोकतंत्र के मूल स्तंभों को समझना आपकी परीक्षा की तैयारी का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। आज हम आपके संवैधानिक ज्ञान की गहराई और स्पष्टता को परखने के लिए लाए हैं 25 सारगर्भित प्रश्न। आइए, अपनी अवधारणाओं को मजबूत करें और सफलता की ओर एक कदम और बढ़ाएं!

भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न

निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और प्रदान किए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है?

  1. विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14)
  2. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
  3. जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
  4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25)

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: विकल्प (b) में उल्लिखित अनुच्छेद 15, जो धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को प्रतिबंधित करता है, केवल भारत के नागरिकों को प्राप्त है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: संविधान के भाग III में उल्लिखित मौलिक अधिकारों में से कुछ केवल नागरिकों के लिए हैं, जबकि अन्य सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों) के लिए उपलब्ध हैं। अनुच्छेद 15, 16, 19, 29 और 30 केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (a) (अनुच्छेद 14), (c) (अनुच्छेद 21), और (d) (अनुच्छेद 25) भारत में सभी व्यक्तियों (नागरिकों और विदेशियों) के लिए उपलब्ध हैं।

प्रश्न 2: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘अखंडता’ शब्दों को किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?

  1. 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
  2. 44वां संशोधन अधिनियम, 1978
  3. 52वां संशोधन अधिनियम, 1985
  4. 73वां संशोधन अधिनियम, 1992

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में तीन नए शब्द – ‘समाजवाद’, ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘अखंडता’ – जोड़े गए थे।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस संशोधन को ‘मिनी-कॉन्स्टिट्यूशन’ भी कहा जाता है क्योंकि इसने संविधान में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए। प्रस्तावना को भारतीय गणराज्य की प्रकृति को स्पष्ट करने के लिए संशोधित किया गया था।
  • गलत विकल्प: 44वां संशोधन 1978 में हुआ और इसने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा दिया। 52वां संशोधन दलबदल विरोधी प्रावधानों से संबंधित है। 73वां संशोधन पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है।

प्रश्न 3: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. लोकसभा के अध्यक्ष
  4. केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जैसा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 316(1) में प्रावधानित है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: UPSC के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल छह वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) तक होता है। उन्हें राष्ट्रपति द्वारा ही हटाया जा सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया कुछ विशिष्ट परिस्थितियों और उच्चतम न्यायालय की जांच के अधीन होती है।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री या लोकसभा अध्यक्ष की नियुक्ति में भूमिका नहीं होती। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग प्रशासन का हिस्सा है, न कि नियुक्ति प्राधिकारी।

प्रश्न 4: किस अनुच्छेद के तहत भारत के राष्ट्रपति को उच्चतम न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 143
  2. अनुच्छेद 142
  3. अनुच्छेद 131
  4. अनुच्छेद 132

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति को सार्वजनिक महत्व के किसी भी प्रश्न पर उच्चतम न्यायालय से सलाह मांगने की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई सलाह राष्ट्रपति पर बाध्यकारी नहीं होती है। यह शक्ति राष्ट्रपति को महत्वपूर्ण कानूनी या संवैधानिक मामलों पर स्पष्टता प्राप्त करने में मदद करती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 142 ‘पूरी तरह से न्याय’ का आदेश देने की उच्चतम न्यायालय की शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र से संबंधित है। अनुच्छेद 132 अपीलीय अधिकार क्षेत्र से संबंधित है।

प्रश्न 5: भारतीय संविधान का कौन सा भाग राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों (DPSP) से संबंधित है?

  1. भाग IV
  2. भाग III
  3. भाग V
  4. भाग II

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IV, जिसमें अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल हैं, राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों (DPSP) का प्रावधान करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: ये सिद्धांत नागरिकों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए राज्य के मार्गदर्शन के लिए हैं, लेकिन ये न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं। इन्हें सरकार के लिए ‘नीति-निर्माण के मूलभूत’ के रूप में वर्णित किया गया है।
  • गलत विकल्प: भाग III मौलिक अधिकारों से संबंधित है, भाग V संघ की कार्यपालिका और विधायिका से संबंधित है, और भाग II नागरिकता से संबंधित है।

प्रश्न 6: अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की जाती है, यह निम्न में से किस आधार पर लागू किया जा सकता है?

  1. युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह
  2. राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता
  3. राज्य के वित्तीय स्थायित्व को खतरा
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकता है यदि उसे यह विश्वास हो जाए कि ‘युद्ध, बाह्य आक्रमण या विद्रोह’ (Arme rebellion) के कारण भारत की सुरक्षा को खतरा है। ‘सशस्त्र विद्रोह’ शब्द को 44वें संशोधन, 1978 द्वारा ‘आंतरिक अशांति’ के स्थान पर लाया गया था।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह राष्ट्रव्यापी आपातकाल है जो देश की सुरक्षा को प्रभावित करने वाली गंभीर परिस्थितियों में घोषित किया जाता है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b) अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) से संबंधित है, और विकल्प (c) अनुच्छेद 360 (वित्तीय आपातकाल) से संबंधित है।

प्रश्न 7: निम्न में से कौन सा कथन ‘संसदीय संप्रभुता’ के सिद्धांत के संबंध में सत्य नहीं है?

  1. संसद कोई भी कानून बना सकती है, उसमें संशोधन कर सकती है या उसे निरस्त कर सकती है।
  2. संसद द्वारा बनाए गए कानूनों को न्यायालय द्वारा असंवैधानिक करार नहीं दिया जा सकता।
  3. संसद के पास सर्वोच्च शक्ति होती है और वह किसी भी सीमा से बंधी नहीं है।
  4. ब्रिटेन की संसदीय व्यवस्था में यह सिद्धांत प्रमुख है, भारत में यह सिद्धांत कुछ हद तक सीमित है।

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: कथन (b) सत्य नहीं है। भारत में, यद्यपि संसद सर्वोच्च विधायी निकाय है, लेकिन संविधान की सर्वोच्चता और न्यायिक समीक्षा (अनुच्छेद 13, 32, 226) के कारण संसद द्वारा बनाए गए कानूनों को न्यायालय द्वारा असंवैधानिक ठहराया जा सकता है। ब्रिटेन में यह सिद्धांत अधिक प्रबल है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: संसदीय संप्रभुता का अर्थ है कि विधायिका (संसद) सर्वोच्च है और किसी बाहरी शक्ति या संस्था के अधीन नहीं है। भारत में, एक ‘लिखित संविधान’ और ‘शक्तियों के पृथक्करण’ की व्यवस्था होने के कारण, संसदीय संप्रभुता ब्रिटिश मॉडल की तुलना में अधिक संतुलित है।
  • गलत विकल्प: कथन (a) और (c) संसदीय संप्रभुता के सिद्धांत के मुख्य पहलू हैं, और कथन (d) भारत और ब्रिटेन के बीच अंतर को सही ढंग से बताता है।

प्रश्न 8: भारत का महान्यायवादी (Attorney General of India) किसके प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है?

  1. भारत के राष्ट्रपति
  2. भारत के प्रधानमंत्री
  3. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
  4. राज्यसभा के सभापति

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 76(2) के अनुसार, भारत का महान्यायवादी राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत (at the pleasure of the President) अपने पद पर बना रहता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: महान्यायवादी भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है। उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वह किसी भी भारतीय न्यायालय में सुनवाई का अधिकार रखता है, और संसद की कार्यवाही में भाग ले सकता है (वोट नहीं दे सकता)।
  • गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश या सभापति के प्रसाद पर्यंत नहीं, बल्कि राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है।

प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सी शक्ति केवल लोकसभा के पास है?

  1. धन विधेयकों का प्रमाणीकरण
  2. अविश्वास प्रस्ताव पारित करना
  3. मंत्रिपरिषद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित करना
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (d)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: धन विधेयकों का प्रमाणीकरण (अनुच्छेद 110) और मंत्रिपरिषद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित करना (अनुच्छेद 75(3)) ये दोनों शक्तियां केवल लोकसभा के पास हैं। विकल्प (b) वास्तव में (c) का ही दोहराव है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: धन विधेयक केवल लोकसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है और लोकसभा अध्यक्ष द्वारा प्रमाणित किया जाता है। साथ ही, मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में ही लाया जा सकता है।
  • गलत विकल्प: सभी विकल्प लोकसभा की विशिष्ट शक्तियों को दर्शाते हैं।

प्रश्न 10: पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने वाला 73वां संविधान संशोधन अधिनियम किस वर्ष पारित हुआ?

  1. 1992
  2. 1991
  3. 1993
  4. 1990

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 को पारित किया गया था, जिसने भारतीय संविधान में भाग IX को जोड़कर पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया। यह 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस संशोधन ने पंचायतों को स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक शक्तियों और प्राधिकारों को प्रदान किया। इसने ग्राम सभा, पंचायतों की संरचना, सीटों का आरक्षण, कार्यकाल और वित्तीय प्रावधानों को निर्धारित किया।
  • गलत विकल्प: 1992 वह वर्ष है जब अधिनियम पारित हुआ, जबकि 1993 में यह लागू हुआ। प्रश्न पारित होने का वर्ष पूछता है।

प्रश्न 11: भारत के किस अनुच्छेद के तहत उच्च न्यायालयों को रिट जारी करने की शक्ति प्राप्त है?

  1. अनुच्छेद 226
  2. अनुच्छेद 32
  3. अनुच्छेद 131
  4. अनुच्छेद 141

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को मौलिक अधिकारों और “किसी अन्य विधिक अधिकार” के प्रवर्तन के लिए, चाहे वे प्रवर्तनीय हों या नहीं, रिट (जैसे बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण और अधिकार-पृच्छा) जारी करने की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय को भी रिट जारी करने की शक्ति प्राप्त है, लेकिन अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालयों की शक्ति व्यापक है क्योंकि वे मौलिक अधिकारों के अलावा अन्य विधिक अधिकारों के लिए भी रिट जारी कर सकते हैं।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 32 सर्वोच्च न्यायालय से संबंधित है। अनुच्छेद 131 सर्वोच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र से और अनुच्छेद 141 सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों को सभी न्यायालयों पर बाध्यकारी बनाने से संबंधित है।

प्रश्न 12: भारतीय संविधान में ‘राज्य के नीति निदेशक तत्व’ किस देश के संविधान से प्रेरित हैं?

  1. आयरलैंड
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका
  3. कनाडा
  4. ऑस्ट्रेलिया

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान में राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों (DPSP) की अवधारणा आयरलैंड के संविधान से ली गई है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: आयरलैंड के संविधान में इन सिद्धांतों को ‘निर्देशात्मक सिद्धांत’ (Directive Principles) कहा जाता है। भारत ने आयरलैंड के संविधान से राज्य के नीति निदेशक तत्वों को शामिल करने के साथ-साथ राष्ट्रपति के चुनाव की पद्धति (निर्वाचक मंडल) और राज्यसभा के लिए सदस्यों का नामांकन भी ग्रहण किया है।
  • गलत विकल्प: अमेरिका से मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनर्विलोकन। कनाडा से संघात्मक व्यवस्था, अवशिष्ट शक्तियां। ऑस्ट्रेलिया से समवर्ती सूची, संयुक्त बैठक।

प्रश्न 13: निम्नलिखित में से कौन सी एक ‘संवैधानिक संस्था’ नहीं है?

  1. भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
  2. चुनाव आयोग (ECI)
  3. नीति आयोग (NITI Aayog)
  4. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)

उत्तर: (c)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग (NITI Aayog) एक ‘संवैधानिक संस्था’ नहीं है। इसका गठन 1 जनवरी 2015 को भारत सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा किया गया था, न कि संविधान के किसी प्रावधान द्वारा। CAG (अनुच्छेद 148), ECI (अनुच्छेद 324) और UPSC (अनुच्छेद 315) संवैधानिक संस्थाएं हैं क्योंकि इनका प्रावधान संविधान में किया गया है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: संवैधानिक संस्थाएं वे होती हैं जिनके पद, संरचना, शक्तियां और कार्य संविधान में स्पष्ट रूप से परिभाषित होते हैं। नीति आयोग एक कार्यकारी निकाय है जिसका उद्देश्य भारत के नीति-निर्माण में एक महत्वपूर्ण ‘थिंक टैंक’ के रूप में कार्य करना है।
  • गलत विकल्प: CAG, ECI और UPSC सभी संवैधानिक संस्थाएं हैं।

प्रश्न 14: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ (Republic) शब्द का क्या अर्थ है?

  1. भारत का राष्ट्र प्रमुख वंशानुगत नहीं होगा, बल्कि निर्वाचित होगा।
  2. भारत एक समाजवादी राज्य होगा।
  3. भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होगा।
  4. भारत में सभी नागरिक समान होंगे।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘गणराज्य’ शब्द का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख (राष्ट्रपति) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होगा, न कि वंशानुगत। भारत में राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: एक गणराज्य, राजशाही के विपरीत होता है, जहाँ राज्य का प्रमुख राजा या रानी होता है। भारतीय गणराज्य का प्रमुख, राष्ट्रपति, एक निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b) और (c) प्रस्तावना के अन्य महत्वपूर्ण शब्दों से संबंधित हैं। विकल्प (d) समानता के सिद्धांत को दर्शाता है, जो गणराज्य के भीतर एक महत्वपूर्ण विशेषता है, लेकिन ‘गणराज्य’ शब्द का सीधा अर्थ यह नहीं है।

प्रश्न 15: भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ के सिद्धांत का उल्लेख है?

  1. अनुच्छेद 39(घ)
  2. अनुच्छेद 39(क)
  3. अनुच्छेद 40
  4. अनुच्छेद 42

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 39(घ) राज्य को यह निर्देश देता है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए काम करे कि पुरुषों और स्त्रियों दोनों के लिए समान कार्य का समान वेतन हो। यह राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों में से एक है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह सिद्धांत न्यायसंगत और मानवीय कार्य दशाओं को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, हालांकि यह अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समानता) की तरह मौलिक अधिकार के रूप में सीधे प्रवर्तनीय नहीं है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 39(क) समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा देना है। अनुच्छेद 40 ग्राम पंचायतों के संगठन से संबंधित है। अनुच्छेद 42 काम की न्यायसंगत और मानवीय परिस्थितियों तथा मातृत्व सहायता का उपबंध करने से संबंधित है।

प्रश्न 16: भारतीय संसद के संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता कौन करता है?

  1. लोकसभा का अध्यक्ष
  2. राज्यसभा का सभापति
  3. भारत का राष्ट्रपति
  4. सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 118(4) के अनुसार, संसद के किसी भी सदन की बैठक के लिए गणपूर्ति (quorum) न होने की स्थिति को छोड़कर, दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोकसभा का अध्यक्ष करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: संयुक्त अधिवेशन का आह्वन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है (अनुच्छेद 108) जब किसी विधेयक पर दोनों सदनों में गतिरोध होता है।
  • गलत विकल्प: राज्यसभा का सभापति (उपराष्ट्रपति) और राष्ट्रपति संयुक्त बैठक की अध्यक्षता नहीं करते। सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश का इस मामले में कोई प्रावधान नहीं है।

प्रश्न 17: संविधान की उद्देशिका में ‘न्याय’ के निम्नलिखित कौन से रूप सम्मिलित हैं?

  1. सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक
  2. सामाजिक, आर्थिक
  3. राजनीतिक, आर्थिक
  4. सामाजिक, राजनीतिक

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना ‘सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय’ सुनिश्चित करने का संकल्प व्यक्त करती है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: प्रस्तावना न्याय के इन तीनों आयामों को प्राप्त करने का लक्ष्य रखती है, जो भारत के एक कल्याणकारी राज्य के रूप में कार्य करने के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
  • गलत विकल्प: केवल दो या एक प्रकार के न्याय का उल्लेख प्रस्तावना में नहीं है, बल्कि तीनों का एक साथ उल्लेख है।

प्रश्न 18: ‘अधिकार-पृच्छा’ (Quo Warranto) रिट का क्या अर्थ है?

  1. इसे सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से कार्यरत व्यक्ति को हटाने के लिए जारी किया जाता है।
  2. यह किसी व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखने के लिए जारी किया जाता है।
  3. यह किसी निचली अदालत को अपना मामला उच्च न्यायालय में भेजने का निर्देश देता है।
  4. यह किसी लोक प्राधिकारी को उसके सार्वजनिक कर्तव्य का पालन करने का आदेश देता है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: ‘अधिकार-पृच्छा’ (Quo Warranto) एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘किस अधिकार से’। यह रिट किसी ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध जारी की जाती है जो किसी सार्वजनिक पद पर अवैध रूप से आसीन हो, और यह पूछती है कि वह किस अधिकार से उस पद पर है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यदि व्यक्ति अपने पद पर बने रहने का उचित अधिकार साबित नहीं कर पाता, तो उसे उस पद से हटा दिया जाता है। यह मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत जारी की जा सकती है।
  • गलत विकल्प: (b) बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus), (c) उत्प्रेषण (Certiorari), और (d) परमादेश (Mandamus) से संबंधित है।

प्रश्न 19: भारत मेंFINANCIAL EMERGENCY (वित्तीय आपातकाल) किस अनुच्छेद के तहत घोषित की जा सकती है?

  1. अनुच्छेद 360
  2. अनुच्छेद 352
  3. अनुच्छेद 356
  4. अनुच्छेद 365

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 360 भारत में वित्तीय आपातकाल के प्रावधान से संबंधित है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें भारत का वित्तीय स्थायित्व या साख खतरे में है, तो वह वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकता है। भारत में आज तक कभी भी वित्तीय आपातकाल घोषित नहीं किया गया है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल, अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) और अनुच्छेद 365 राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता की स्थिति में लागू किया जाता है।

प्रश्न 20: राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति संविधान के किस अनुच्छेद में उल्लिखित है?

  1. अनुच्छेद 72
  2. अनुच्छेद 161
  3. अनुच्छेद 137
  4. अनुच्छेद 143

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को कुछ मामलों में क्षमा, लघुकरण, परिहार, प्रतिलंबन या दंड विमोचन की शक्ति प्रदान करता है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: राष्ट्रपति युद्ध अपराधों, मृत्युदंड, और संघ के विरुद्ध किए गए अपराधों से संबंधित मामलों में क्षमादान दे सकते हैं। यह शक्ति राष्ट्रपति को विवेकपूर्ण उपयोग के लिए दी गई है, हालांकि व्यवहार में यह सरकार की सलाह पर आधारित होती है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 161 राज्यपाल की क्षमादान शक्ति से संबंधित है। अनुच्छेद 137 सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनर्विलोकन शक्ति और अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति की परामर्शदात्री अधिकारिता से संबंधित है।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन भारतीय संविधान के ‘आत्मा’ के रूप में वर्णित है, जो कि वाद योग्य है?

  1. प्रस्तावना
  2. मौलिक अधिकार
  3. राज्य के नीति निदेशक तत्व
  4. मौलिक कर्तव्य

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: केशवानंद भारती मामले (1973) में, सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है, लेकिन यह ‘वाद योग्य’ (Justiciable) नहीं है। डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने **मौलिक अधिकारों (भाग III)** को संविधान की ‘आत्मा और हृदय’ कहा है, क्योंकि ये न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय (Justiciable) हैं और नागरिकों को सीधे सुरक्षा प्रदान करते हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: मौलिक अधिकार नागरिकों को स्वतंत्रता और गरिमा के साथ जीवन जीने के लिए आवश्यक अधिकार प्रदान करते हैं। यदि उनका हनन होता है, तो नागरिक सीधे सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32) या उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226) में जा सकते हैं।
  • गलत विकल्प: प्रस्तावना संविधान का परिचय है, लेकिन वाद योग्य नहीं। DPSP प्रवर्तनीय नहीं हैं। मौलिक कर्तव्य नागरिकों के उत्तरदायित्व हैं।

प्रश्न 22: भारतीय संविधान की पहली अनुसूची में निम्नलिखित में से किसका उल्लेख है?

  1. संघ और उसके राज्यक्षेत्र
  2. राज्यों के नाम और उनके राज्यक्षेत्र
  3. संघ राज्यक्षेत्रों के नाम
  4. संघ राज्यक्षेत्रों के नाम और उनका विस्तार

उत्तर: (b)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की पहली अनुसूची (First Schedule) में भारत के राज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों के नामों और उनके विस्तार का उल्लेख है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: यह अनुसूची भारतीय संघ की संरचना को परिभाषित करती है। राज्यों के नाम और उनके राज्यक्षेत्र पहली अनुसूची में सूचीबद्ध हैं, और इनमें परिवर्तन के लिए केवल साधारण विधायी प्रक्रिया की आवश्यकता होती है (अनुच्छेद 3 और 4)।
  • गलत विकल्प: यह अनुसूची सिर्फ संघ और उसके राज्यक्षेत्रों का वर्णन नहीं करती, बल्कि विशेष रूप से राज्यों के नाम और उनके राज्यक्षेत्रों का उल्लेख करती है। संघ राज्यक्षेत्रों का उल्लेख भी इसमें शामिल है, लेकिन यह पूर्ण विवरण नहीं है।

प्रश्न 23: भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद में है?

  1. अनुच्छेद 66
  2. अनुच्छेद 63
  3. अनुच्छेद 67
  4. अनुच्छेद 65

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 66 भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया से संबंधित है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचकगण द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है।
  • गलत विकल्प: अनुच्छेद 63 कहता है कि भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा। अनुच्छेद 67 उपराष्ट्रपति के कार्यकाल का प्रावधान करता है। अनुच्छेद 65 उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने या राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करने की बात करता है।

प्रश्न 24: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ (Parliamentary Privileges) का क्या अर्थ है?

  1. संसद सदस्यों को कुछ विशेषाधिकार और उन्मुक्तियाँ प्राप्त होती हैं, जो उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन स्वतंत्रता और कुशलता से करने में सक्षम बनाती हैं।
  2. संसद के पास न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति होती है।
  3. संसद द्वारा पारित कोई भी कानून अंतिम होता है।
  4. राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग है।

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: संसदीय विशेषाधिकार वे विशेष अधिकार, उन्मुक्तियाँ और छूटें हैं जो संसद के सदनों, उनकी समितियों और उनके सदस्यों को प्राप्त होती हैं, ताकि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन प्रभावी ढंग से कर सकें। ये अनुच्छेद 105 में उल्लिखित हैं।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इनमें बोलने की स्वतंत्रता (संसद के भीतर), सत्रों के दौरान गिरफ्तारी से छूट, और संसद के दस्तावेजों को प्रकाशित करने का अधिकार शामिल है। ये विशेषाधिकार संसद की स्वतंत्रता और गरिमा की रक्षा के लिए आवश्यक हैं।
  • गलत विकल्प: विकल्प (b), (c) और (d) संसद की शक्तियों और संरचना से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बातें हैं, न कि संसदीय विशेषाधिकारों की परिभाषा।

प्रश्न 25: कौन सी अनुसूची दल-बदल के आधार पर अयोग्यता से संबंधित है?

  1. दसवीं अनुसूची
  2. नौवीं अनुसूची
  3. बारहवीं अनुसूची
  4. सातवीं अनुसूची

उत्तर: (a)

विस्तृत स्पष्टीकरण:

  • सटीकता एवं अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची (Tenth Schedule) दल-बदल (Anti-defection) के आधार पर संसद या राज्य विधानमंडल के सदस्यों की अयोग्यता के प्रावधानों से संबंधित है।
  • संदर्भ एवं विस्तार: इस अनुसूची को 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था, जिसका उद्देश्य राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देना था। दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्यता का निर्णय सदन का अध्यक्ष (लोकसभा में अध्यक्ष, राज्यसभा में सभापति) करता है।
  • गलत विकल्प: नौवीं अनुसूची भूमि सुधार कानूनों से संबंधित है। बारहवीं अनुसूची नगर पालिकाओं की शक्तियों से संबंधित है। सातवीं अनुसूची संघ, राज्य और समवर्ती सूचियों के बारे में है।

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