भारतीय राजव्यवस्था: अपनी पकड़ मजबूत करें – आज का महा-क्विज़!
हमारे जीवंत लोकतंत्र की आधारशिला को समझना हर Aspirant के लिए अनिवार्य है। क्या आप अपने संवैधानिक ज्ञान की गहराई को मापने के लिए तैयार हैं? आज हम भारतीय राजव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं से 25 नए और चुनौतीपूर्ण प्रश्न लेकर आए हैं। अपनी अवधारणाओं को परखें और इस दैनिक अभ्यास के माध्यम से अपनी तैयारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाएं!
भारतीय राजव्यवस्था एवं संविधान अभ्यास प्रश्न
निर्देश: निम्नलिखित 25 प्रश्नों का प्रयास करें और दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरणों के साथ अपनी समझ का विश्लेषण करें।
प्रश्न 1: निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद संसद के सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित है, जो दलबदल के आधार को छोड़कर अन्य आधारों पर होती है?
- अनुच्छेद 101
- अनुच्छेद 102
- अनुच्छेद 103
- अनुच्छेद 104
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 103(1) के अनुसार, संसद के किसी सदन का कोई सदस्य, जो अनुच्छेद 102 के खंड (1) के अधीन किसी बात के आधार पर, सिवाय दलबदल के आधार के, जो दसवीं अनुसूची में उल्लिखित है, अयोग्य हो गया है, उसकी अयोग्यता के प्रश्न पर राष्ट्रपति का निर्णय अंतिम होगा। राष्ट्रपति, ऐसे प्रश्न पर, निर्वाचक-आयोग की राय लेने के बाद ही कार्य करेगा।
- संदर्भ और विस्तार: यह अनुच्छेद राष्ट्रपति को संसद सदस्यों की अयोग्यता पर निर्णय लेने की शक्ति देता है, लेकिन यह निर्णय निर्वाचक-आयोग की सलाह पर आधारित होता है। दलबदल के आधार पर अयोग्यता का निर्णय दसवीं अनुसूची के तहत सदन के अध्यक्ष द्वारा किया जाता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 101 सदस्यों की सदस्यता के दोहराव से संबंधित है; अनुच्छेद 102 स्वयं अयोग्यता के आधारों को सूचीबद्ध करता है; अनुच्छेद 104 किसी व्यक्ति द्वारा संसद में बैठने या मतदान करने के लिए जुर्माने का प्रावधान करता है यदि वह योग्य नहीं है।
प्रश्न 2: भारत के संविधान की प्रस्तावना में “न्याय” का कौन सा रूप शामिल नहीं है?
- सामाजिक
- आर्थिक
- राजनीतिक
- धार्मिक
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान की प्रस्तावना नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने का वादा करती है। यह प्रबल के शब्द ‘न्याय’ (Justice) के अंतर्गत आता है।
- संदर्भ और विस्तार: प्रस्तावना में न्याय का उल्लेख नागरिकों के लिए एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना को इंगित करता है, जहाँ सभी को बिना किसी भेदभाव के समान अवसर मिलें। धार्मिक न्याय, हालांकि महत्वपूर्ण है, प्रस्तावना में प्रयुक्त ‘न्याय’ के विशिष्ट शब्दों में शामिल नहीं है।
- गलत विकल्प: सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय और राजनीतिक न्याय तीनों ही प्रस्तावना में स्पष्ट रूप से उल्लिखित हैं।
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सी एक रीट (Writ) का अर्थ है ‘हम आज्ञा देते हैं’?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- प्रतिषेध (Prohibition)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘परमादेश’ (Mandamus) शब्द का शाब्दिक अर्थ है ‘हम आज्ञा देते हैं’। यह एक उच्च न्यायालय द्वारा किसी निम्न न्यायालय, न्यायाधिकरण या सार्वजनिक प्राधिकारी को उनके सार्वजनिक या सांविधिक कर्तव्य को करने के लिए जारी की जाने वाली एक आज्ञा है। यह शक्ति संविधान के अनुच्छेद 32 (सर्वोच्च न्यायालय) और अनुच्छेद 226 (उच्च न्यायालय) के तहत प्राप्त है।
- संदर्भ और विस्तार: परमादेश का उपयोग तब किया जाता है जब कोई सार्वजनिक अधिकारी अपने कानूनी कर्तव्य का पालन करने से इनकार करता है या उसे करने में विफल रहता है। यह किसी निजी व्यक्ति या निकाय के खिलाफ जारी नहीं किया जा सकता।
- गलत विकल्प: ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण’ (Habeas Corpus) का अर्थ है ‘शारीरिक रूप से प्रस्तुत करो’, यह अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ है। ‘प्रतिषेध’ (Prohibition) का अर्थ है ‘रोकना’, यह किसी निचली अदालत को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकता है। ‘उत्प्रेषण’ (Certiorari) का अर्थ है ‘प्रमाणित करना’, यह किसी निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए जारी की जाती है।
प्रश्न 4: भारतीय संविधान के अनुसार, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत (DPSP) ___________ हैं?
- न्यायालय में प्रवर्तनीय
- न्यायालय में गैर-प्रवर्तनीय
- कुछ हद तक न्यायालय में प्रवर्तनीय
- केवल भाग IV के लिए न्यायालय में प्रवर्तनीय
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 37 स्पष्ट रूप से बताता है कि राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत, यद्यपि देश के शासन में मौलिक हैं, तथापि किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे।
- संदर्भ और विस्तार: ये सिद्धांत सरकार की नीतियों को निर्देशित करने के लिए हैं और देश के शासन में मौलिक हैं, लेकिन सरकार पर केवल नैतिक दायित्व डालते हैं। हालांकि, मिनर्वा मिल्स मामले (1980) में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि DPSP और मौलिक अधिकार एक दूसरे के पूरक हैं और संतुलन महत्वपूर्ण है।
- गलत विकल्प: ये सिद्धांत न्यायालय द्वारा सीधे तौर पर लागू नहीं किए जा सकते, हालांकि मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले में न्यायसंगतता के लिए इनका उपयोग किया जा सकता है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति का हिस्सा नहीं है?
- लघुकरण (Commutation)
- परिहार (Remission)
- स्थगन (Reprieve)
- निलंबन (Suspension)
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति अनुच्छेद 72 के तहत आती है। इसमें लघुकरण (सजा के स्वरूप को बदलना), परिहार (सजा की अवधि कम करना), प्रतिलंबन (सजा के निष्पादन को कुछ समय के लिए टालना) और प्रविलंबन (सजा को अस्थायी रूप से रोकना) शामिल हैं। ‘निलंबन’ (Suspension) एक अलग शब्द है और सीधे तौर पर राष्ट्रपति की क्षमादान शक्तियों के वर्गीकरण में शामिल नहीं है, हालांकि प्रतिलंबन (Reprieve) इसके करीब है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति यह शक्ति मृत्युदंड, युद्ध अपराधों, और विधियों के विरुद्ध किए गए अपराधों से संबंधित सभी मामलों में प्रयोग कर सकते हैं।
- गलत विकल्प: लघुकरण, परिहार और स्थगन (Reprieve) राष्ट्रपति की क्षमादान शक्तियों के स्पष्ट रूप से परिभाषित घटक हैं।
प्रश्न 6: ‘संसदीय विशेषाधिकार’ की अवधारणा भारतीय संविधान में किस देश से प्रेरित है?
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- यूनाइटेड किंगडम
- ऑस्ट्रेलिया
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारत में संसदीय विशेषाधिकार की अवधारणा मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के संविधान से प्रेरित है। संविधान का अनुच्छेद 105 संसद और उसके सदस्यों के विशेषाधिकारों से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: ये विशेषाधिकार संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने और सदस्यों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए आवश्यक स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। ये विशेषाधिकार कुछ तो कानून द्वारा परिभाषित हैं और कुछ परंपराओं से आते हैं।
- गलत विकल्प: संयुक्त राज्य अमेरिका में विधायी विशेषाधिकारों की अवधारणा अलग है, जबकि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के संसदीय ढांचे भी भिन्नताओं के साथ यूके से प्रभावित हैं, लेकिन भारत के लिए प्रेरणा का मुख्य स्रोत यूके है।
प्रश्न 7: भारत में, राष्ट्रपति का चुनाव __________ द्वारा किया जाता है?
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य
- संसद के सभी सदस्य
- संसद और राज्य विधानमंडलों के सभी सदस्य
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्य विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 54 के अनुसार एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य और राज्यों की विधान सभाओं (राज्यों की विधानसभा) के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
- संदर्भ और विस्तार: केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली और पुडुचेरी की विधानसभाओं के सदस्यों को भी 70वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा निर्वाचक मंडल में शामिल किया गया है।
- गलत विकल्प: संसद के सभी सदस्य (मनोनीत सदस्यों सहित) भाग नहीं लेते; केवल निर्वाचित सदस्य ही भाग लेते हैं। राज्य विधान परिषदों के सदस्य (MLCs) राष्ट्रपति के चुनाव में भाग नहीं लेते हैं।
प्रश्न 8: निम्नलिखित में से किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘संविधान के मूल ढांचे’ (Basic Structure) के सिद्धांत को प्रतिपादित किया?
- गोपालन बनाम मद्रास राज्य
- शंकर प्रसाद बनाम भारत संघ
- गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
उत्तर: (d)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘संविधान के मूल ढांचे’ के सिद्धांत को 1973 में केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय की एक ऐतिहासिक पीठ ने प्रतिपादित किया था। यह सिद्धांत संविधान के अनुच्छेद 136 के व्याख्या से संबंधित है।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत के अनुसार, संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है, लेकिन वह संविधान के ‘मूल ढांचे’ को नहीं बदल सकती। मूल ढांचे में लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, संघात्मकता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता आदि शामिल हैं।
- गलत विकल्प: गोपालन मामले में मौलिक अधिकारों की व्यापक व्याख्या की गई थी। शंकर प्रसाद और गोलकनाथ मामलों में मौलिक अधिकारों में संशोधन की शक्ति पर विचार किया गया था, लेकिन केशवानंद भारती मामले ने अंतिम रूप से मूल ढांचे का सिद्धांत दिया।
प्रश्न 9: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- लोकसभा के अध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 316(1) में प्रावधानित है।
- संदर्भ और विस्तार: UPSC भारत की एक प्रमुख केंद्रीय भर्ती एजेंसी है, जो अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्रीय सेवाओं और केंद्रीय संवर्ग सेवाओं में भर्ती के लिए परीक्षाओं का संचालन करती है।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति की इस नियुक्ति में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती है, हालांकि प्रधानमंत्री की सलाह राष्ट्रपति ले सकते हैं।
प्रश्न 10: भारतीय संविधान का कौन सा भाग पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित है?
- भाग IX
- भाग IX-A
- भाग X
- भाग XI
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का भाग IX, जो 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया, पंचायती राज संस्थाओं (पंचायतों) से संबंधित है। यह अनुच्छेद 243 से 243-O तक का विस्तार करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस भाग में पंचायतों के गठन, उनकी संरचना, सदस्यों के चुनाव, शक्तियों, प्राधिकारों और उत्तरदायित्वों, वित्तीय प्रावधानों आदि का उल्लेख है।
- गलत विकल्प: भाग IX-A नगरपालिकाओं से संबंधित है; भाग X अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित है; भाग XI संघ और राज्यों के बीच संबंध।
प्रश्न 11: आपातकालीन प्रावधानों के तहत, राष्ट्रीय आपातकाल को लागू करने के लिए राष्ट्रपति को किन कारणों के आधार पर घोषणा जारी करनी पड़ सकती है?
- युद्ध या बाहरी आक्रमण
- सशस्त्र विद्रोह
- उपरोक्त दोनों
- केवल आंतरिक अशांति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान का अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा से संबंधित है। राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर कर सकते हैं। 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 से पहले ‘आंतरिक अशांति’ शब्द का प्रयोग होता था, जिसे ‘सशस्त्र विद्रोह’ से बदल दिया गया।
- संदर्भ और विस्तार: इस घोषणा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर खतरे की स्थिति होनी चाहिए। इस घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा एक महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।
- गलत विकल्प: ‘केवल आंतरिक अशांति’ अब राष्ट्रीय आपातकाल का आधार नहीं है। युद्ध और बाहरी आक्रमण भी राष्ट्रीय आपातकाल के मान्य कारण हैं।
प्रश्न 12: निम्नलिखित में से कौन सी संस्था ‘संवैधानिक निकाय’ (Constitutional Body) नहीं है?
- निर्वाचन आयोग
- संघ लोक सेवा आयोग
- नीति आयोग
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: नीति आयोग भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2015 को गठित एक निकाय है, जो भारत सरकार के थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है। इसका गठन किसी संवैधानिक अनुच्छेद के तहत नहीं हुआ है, इसलिए यह एक ‘संवैधानिक निकाय’ नहीं है।
- संदर्भ और विस्तार: संवैधानिक निकाय वे होते हैं जिनके प्रावधान भारतीय संविधान में किए गए हैं। निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324), संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315) और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (अनुच्छेद 148) सभी संवैधानिक निकाय हैं।
- गलत विकल्प: निर्वाचन आयोग, संघ लोक सेवा आयोग और CAG के प्रावधान संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लिखित हैं, इसलिए वे संवैधानिक निकाय हैं।
प्रश्न 13: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ (Fraternity) शब्द का क्या अर्थ है?
- सभी नागरिकों के बीच भाईचारे की भावना
- उच्च शिक्षा का अधिकार
- निर्वाचन में भागीदारी
- समान नागरिक संहिता
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द का अर्थ है सभी नागरिकों के बीच आपसी भाईचारे और सौहार्द की भावना को बढ़ावा देना, जिससे राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित हो सके। यह प्रस्तावना के उद्देश्यों में से एक है।
- संदर्भ और विस्तार: यह शब्द यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक एक-दूसरे से सद्भावनापूर्ण व्यवहार करें और राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिबद्ध हों।
- गलत विकल्प: उच्च शिक्षा का अधिकार, निर्वाचन में भागीदारी और समान नागरिक संहिता, जबकि महत्वपूर्ण अवधारणाएं हैं, प्रस्तावना में ‘बंधुत्व’ शब्द के अर्थ का सीधा प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
प्रश्न 14: निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार भारतीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशियों को भी प्राप्त है?
- धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
- अवसर की समानता (अनुच्छेद 16)
- जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)
- वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) भारतीय नागरिकों और विदेशियों दोनों को प्राप्त है। अनुच्छेद 15, 16, 19, 29, और 30 केवल भारतीय नागरिकों के लिए आरक्षित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है, जिसे राज्य मनमाने ढंग से नहीं छीन सकता। यह अधिकार नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है और सभी पर लागू होता है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 15 (भेदभाव का प्रतिषेध), अनुच्छेद 16 (अवसर की समानता) और अनुच्छेद 19 (वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) केवल भारतीय नागरिकों के लिए हैं।
प्रश्न 15: संविधान का कौन सा संशोधन ‘शिक्षा को मौलिक अधिकार’ के रूप में स्थापित करता है?
- 42वाँ संशोधन अधिनियम, 1976
- 44वाँ संशोधन अधिनियम, 1978
- 86वाँ संशोधन अधिनियम, 2002
- 97वाँ संशोधन अधिनियम, 2011
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 ने संविधान में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए, जिसमें अनुच्छेद 21A को जोड़ा गया, जो 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने DPSP में अनुच्छेद 45 को भी संशोधित किया और मौलिक कर्तव्यों में एक नया कर्तव्य (अनुच्छेद 51A (k)) जोड़ा, जो माता-पिता या अभिभावकों का कर्तव्य है कि वे अपने 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करें।
- गलत विकल्प: 42वाँ संशोधन ‘मिनी संविधान’ कहलाता है, 44वाँ संशोधन ने संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा दिया, और 97वाँ संशोधन सहकारी समितियों से संबंधित है।
प्रश्न 16: भारत में, प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है?
- राष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति
- संसद द्वारा चुना जाता है
- सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त किया जाता है
उत्तर: (a)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: संविधान के अनुच्छेद 75(1) के अनुसार, प्रधानमंत्री की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: राष्ट्रपति सामान्यतः उस दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करते हैं जिसे लोकसभा में बहुमत प्राप्त होता है। यदि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत न मिले, तो राष्ट्रपति अपने विवेक का प्रयोग कर सकते हैं।
- गलत विकल्प: प्रधानमंत्री की नियुक्ति सीधे तौर पर राष्ट्रपति द्वारा होती है, न कि संसद द्वारा चुनाव या सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्ति से। वे संसद के किसी भी सदन के सदस्य हो सकते हैं।
प्रश्न 17: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) की अध्यक्षता कौन करता है?
- भारत के राष्ट्रपति
- भारत के प्रधानमंत्री
- वित्त मंत्री
- योजना आयोग (अब नीति आयोग) के उपाध्यक्ष
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) एक कार्यकारी निकाय है जिसकी स्थापना 1952 में हुई थी। भारत के प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। इसका गठन किसी संवैधानिक अनुच्छेद के तहत नहीं हुआ है।
- संदर्भ और विस्तार: NDC राष्ट्रीय पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप देने का कार्य करती है। इसके सदस्यों में केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक शामिल होते हैं।
- गलत विकल्प: राष्ट्रपति, वित्त मंत्री या योजना आयोग/नीति आयोग के उपाध्यक्ष NDC की अध्यक्षता नहीं करते हैं।
प्रश्न 18: निम्नलिखित में से कौन सी रीट (Writ) केवल न्यायिक या अर्ध-न्यायिक प्राधिकारियों के विरुद्ध जारी की जा सकती है?
- बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
- परमादेश (Mandamus)
- उत्प्रेषण (Certiorari)
- अधिकार-पृच्छा (Quo Warranto)
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘उत्प्रेषण’ (Certiorari) रीट का प्रयोग किसी ऐसे निर्णय को रद्द करने के लिए किया जाता है जो किसी न्यायिक या अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण ने अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करके या प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करके दिया हो। यह अनुच्छेद 32 और 226 के तहत जारी की जाती है।
- संदर्भ और विस्तार: इसका उद्देश्य निचली अदालतों या निकायों द्वारा की गई त्रुटियों को सुधारना है, खासकर जब वे कानूनी रूप से मान्य न हों।
- गलत विकल्प: बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश और अधिकार-पृच्छा का उपयोग प्रशासनिक अधिकारियों या कुछ व्यक्तिगत मामलों में भी किया जा सकता है, लेकिन उत्प्रेषण विशेष रूप से न्यायिक या अर्ध-न्यायिक कृत्यों के विरुद्ध होता है।
प्रश्न 19: संसद के सत्रों को आहूत करने (Summon) और सत्रावसान (Prorogue) करने की शक्ति किसके पास है?
- प्रधानमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- भारत के राष्ट्रपति
- राज्यसभा के सभापति
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 85(1) राष्ट्रपति को संसद के प्रत्येक सदन को समय-समय पर ऐसे स्थान और समय पर आहूत करने की शक्ति देता है, जैसा वे उचित समझें। अनुच्छेद 85(2)(a) राष्ट्रपति को सत्र के सत्रावसान की शक्ति भी देता है।
- संदर्भ और विस्तार: हालांकि यह शक्ति राष्ट्रपति की होती है, यह मंत्रीपरिषद (प्रधानमंत्री की सलाह पर) की सलाह पर प्रयोग की जाती है।
- गलत विकल्प: लोकसभा अध्यक्ष सदन के कामकाज का संचालन करते हैं, न कि सत्रों को आहूत या सत्रावसान करते हैं। प्रधानमंत्री केवल सलाह देते हैं।
प्रश्न 20: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 300A, ___________ से संबंधित है?
- जीवन की सुरक्षा
- धर्म की स्वतंत्रता
- संपत्ति का अधिकार
- शिक्षा का अधिकार
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा, संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 31) से हटाकर संविधान के भाग XII में एक नया अनुच्छेद 300A बनाया गया। यह अब एक कानूनी अधिकार है।
- संदर्भ और विस्तार: अनुच्छेद 300A कहता है कि किसी भी व्यक्ति को विधि के प्राधिकार के बिना उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जाएगा।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 21 जीवन की सुरक्षा से संबंधित है; अनुच्छेद 25 धर्म की स्वतंत्रता से; और अनुच्छेद 21A शिक्षा के अधिकार से।
प्रश्न 21: केंद्र-राज्य संबंधों के संदर्भ में, ‘अवशिष्ट शक्तियाँ’ (Residuary Powers) किसके पास हैं?
- राज्य के पास
- केंद्र सरकार के पास
- दोनों के पास समान रूप से
- यह स्पष्ट नहीं है
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 248 के अनुसार, अवशिष्ट शक्तियाँ, अर्थात वे विषय जो संघ सूची, राज्य सूची या समवर्ती सूची में शामिल नहीं हैं, भारत की संसद में निहित हैं।
- संदर्भ और विस्तार: यह भारत की संघात्मक प्रणाली में केंद्र सरकार को मजबूत करने का एक प्रावधान है। यदि कोई ऐसा विषय उत्पन्न होता है जो किसी भी सूची में नहीं है, तो उस पर कानून बनाने का अधिकार केवल केंद्र सरकार का है।
- गलत विकल्प: राज्य सूची या समवर्ती सूची में शामिल न होने वाले विषयों पर राज्य सरकार कानून नहीं बना सकती।
प्रश्न 22: वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) को लागू करने के लिए राष्ट्रपति ___________ जारी कर सकता है?
- अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 356
- अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 365
उत्तर: (c)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 360 वित्तीय आपातकाल की घोषणा से संबंधित है। राष्ट्रपति इस घोषणा को तब जारी कर सकते हैं जब वे संतुष्ट हों कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिससे भारत की वित्तीय स्थिरता या साख को खतरा हो।
- संदर्भ और विस्तार: वित्तीय आपातकाल अधिकतम दो महीने की अवधि के लिए लागू रह सकता है, और इसके बाद इसे संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। अब तक भारत में कभी भी वित्तीय आपातकाल लागू नहीं हुआ है।
- गलत विकल्प: अनुच्छेद 352 राष्ट्रीय आपातकाल, अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन (राज्य आपातकाल) और अनुच्छेद 365 केंद्र द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने में विफलता से संबंधित है।
प्रश्न 23: सर्वोच्च न्यायालय ने किस मामले में ‘साक्ष्य का सिद्धांत’ (Doctrine of Severability) लागू किया, जिसके अनुसार यदि कोई कानून संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, तो उल्लंघन करने वाला हिस्सा हटा दिया जाएगा?
- शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ
- ए. के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
- ए. के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
- मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: ‘साक्ष्य का सिद्धांत’ (Doctrine of Severability) को भारतीय न्यायशास्त्र में कई मामलों में लागू किया गया है, लेकिन इसका एक प्रमुख प्रारंभिक उदाहरण ए. के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य (1950) है, जहाँ यह सिद्धांत कुछ हद तक चर्चा में आया। हालांकि, अनुच्छेद 32 के तहत अधिकारों की रक्षा के लिए यह सिद्धांत ‘निशान राज गोपालन बनाम पंजाब राज्य’ (1957) जैसे मामलों में अधिक स्पष्ट रूप से सामने आया। दिए गए विकल्पों में, ‘ए. के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य’ को अक्सर इस सिद्धांत की प्रारंभिक चर्चा के लिए उद्धृत किया जाता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस सिद्धांत के अनुसार, यदि कोई कानून संविधान के किसी भाग का उल्लंघन करता है, तो पूरे कानून को रद्द नहीं किया जाता, बल्कि केवल उस भाग को निरस्त किया जाता है जो असंवैधानिक है, बशर्ते कि असंवैधानिक भाग को वैध भाग से अलग किया जा सके।
- गलत विकल्प: शंकरी प्रसाद मामले ने संसद की संशोधन शक्ति से संबंधित निर्णय दिया। मिनर्वा मिल्स मामले ने ‘मूल ढाँचे’ और मौलिक अधिकारों व DPSP के संतुलन पर महत्वपूर्ण निर्णय दिया।
प्रश्न 24: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को ___________ में एक संविधि (Statute) के माध्यम से वैधानिक निकाय का दर्जा दिया गया?
- 1998
- 2003
- 2005
- 2008
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को वर्ष 2003 में CVC अधिनियम, 2003 के माध्यम से एक वैधानिक निकाय (Statutory Body) का दर्जा दिया गया। इससे पहले यह एक कार्यकारी आदेश द्वारा स्थापित था।
- संदर्भ और विस्तार: CVC भ्रष्टाचार निवारण के लिए काम करता है और यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच निष्पक्ष तरीके से हो।
- गलत विकल्प: 1998 में इसे बनाया गया था, लेकिन वैधानिक दर्जा 2003 में मिला। 2005 और 2008 अन्य संबंधित वर्षों के लिए विकल्प हैं, लेकिन सही उत्तर 2003 है।
प्रश्न 25: संविधान का कौन सा संशोधन नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा और सुरक्षा प्रदान करता है?
- 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 74वाँ संशोधन अधिनियम, 1992
- 86वाँ संशोधन अधिनियम, 2002
- 97वाँ संशोधन अधिनियम, 2011
उत्तर: (b)
विस्तृत स्पष्टीकरण:
- सटीकता और अनुच्छेद संदर्भ: 74वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में भाग IX-A जोड़ा, जो नगर पालिकाओं (Urban Local Bodies) से संबंधित है। यह अनुच्छेद 243P से 243-ZG तक का विस्तार करता है।
- संदर्भ और विस्तार: इस संशोधन ने भारत में शहरी स्थानीय स्वशासन को संवैधानिक दर्जा, संरचना, शक्तियाँ, कराधान, आदि के प्रावधानों के माध्यम से मजबूत किया।
- गलत विकल्प: 73वाँ संशोधन पंचायतों से संबंधित है; 86वाँ संशोधन शिक्षा के अधिकार से; और 97वाँ संशोधन सहकारी समितियों से संबंधित है।