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ब्लैक बॉक्स ‘चुप’, RIPS ‘बंद’? अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच का गहराता रहस्य।

ब्लैक बॉक्स ‘चुप’, RIPS ‘बंद’? अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच का गहराता रहस्य।

चर्चा में क्यों? (Why in News?):

हाल ही में अहमदाबाद के पास एक विमान दुर्घटना ने विमानन सुरक्षा के क्षेत्र में चिंता की लहर दौड़ा दी है। इस दुर्घटना की जांच में एक गंभीर बाधा तब उत्पन्न हुई जब विमान के ब्लैक बॉक्स, जो किसी भी विमान दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य होता है, की रिकॉर्डिंग में अंतिम 10 मिनट का महत्वपूर्ण डेटा गायब पाया गया। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि जांचकर्ताओं का ध्यान विमान की “रिप्स” (RIPS – Runaway Input Protection System) प्रणाली पर केंद्रित हो गया है, यह संदेह गहरा रहा है कि क्या यह सुरक्षा प्रणाली दुर्घटना से पहले ही बंद कर दी गई थी। यह घटना न केवल विमानन सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल उठाती है, बल्कि तकनीकी खराबी, मानव त्रुटि और जांच प्रक्रियाओं में पारदर्शिता के महत्व को भी रेखांकित करती है, जो UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक है।

अहमदाबाद प्लेन क्रैश: घटना का विस्तृत अवलोकन

किसी भी विमान दुर्घटना के पीछे के कारणों को उजागर करने के लिए ब्लैक बॉक्स (जिसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर – FDR और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर – CVR भी कहा जाता है) एक जासूस की तरह काम करता है। यह विमान के उड़ान भरने से लेकर दुर्घटनाग्रस्त होने तक के हर छोटे-बड़े विवरण को रिकॉर्ड करता है। अहमदाबाद दुर्घटना के मामले में, ब्लैक बॉक्स का काम करना बंद कर देना या उसका डेटा दूषित होना, जांच को अंधा कर देने जैसा है।

  • ब्लैक बॉक्स का महत्व: ये उपकरण अत्यंत कठोर परिस्थितियों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जिसमें उच्च तापमान, दबाव और प्रभाव शामिल हैं। वे उड़ान के दौरान हजारों मापदंडों को रिकॉर्ड करते हैं, जैसे कि ऊंचाई, गति, इंजन प्रदर्शन, नियंत्रण सतहों की स्थिति, और पायलटों की बातचीत।
  • डेटा का अभाव: अंतिम 10 मिनट का डेटा न केवल दुर्घटना के क्षण को समझने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि उस अवधि के दौरान हो रही असामान्य घटनाओं, पायलटों की प्रतिक्रियाओं और सिस्टम की चेतावनियों को भी बताता है। इस डेटा की अनुपस्थिति का मतलब है कि दुर्घटना के तत्काल कारणों का प्रत्यक्ष प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
  • जांच पर प्रभाव: डेटा की कमी के कारण, जांचकर्ताओं को अन्य अप्रत्यक्ष साक्ष्यों, जैसे मलबे का विश्लेषण, मौसम की रिपोर्ट, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) रिकॉर्डिंग, और गवाहों के बयानों पर बहुत अधिक निर्भर रहना पड़ता है। यह प्रक्रिया बहुत धीमी और अनुमानों पर आधारित हो सकती है।

“रिप्स” (RIPS) प्रणाली: क्या है यह और क्यों है चिंता का विषय?

मामले में “रिप्स” (RIPS) प्रणाली का उल्लेख एक महत्वपूर्ण तकनीकी पहलू को सामने लाता है। UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह समझना आवश्यक है कि आधुनिक विमानों में जटिल स्वचालित प्रणालियां होती हैं जो सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करती हैं।

“RIPS” का पूर्ण रूप “Runaway Input Protection System” या “Runaway Stabilizer Trim Protection System” हो सकता है, जो विमान के नियंत्रण से संबंधित एक सुरक्षा सुविधा है। यह प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि पायलट के इनपुट (जैसे कि स्टीयरिंग व्हील या कंट्रोल स्टिक को घुमाना) से विमान का संतुलन (trim) इस हद तक न बिगड़ जाए कि उसे नियंत्रित करना असंभव हो जाए।

RIPS प्रणाली कैसे काम करती है?

कल्पना कीजिए कि आप एक नाव चला रहे हैं और अचानक लहरें बहुत तेज़ हो जाती हैं, जिससे नाव अनियंत्रित होने लगती है। RIPS प्रणाली विमान में ऐसी ही स्थिति को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है। यदि विमान के नियंत्रण सतहों (जैसे एलिवेटर या रडर) को स्वचालित रूप से इस तरह से समायोजित किया जाता है कि वे विमान को एक खतरनाक दिशा में ले जाएं (जिसे “रनअवे” कहा जाता है), तो RIPS प्रणाली इस अवांछित इनपुट को रोकती है और पायलट को नियंत्रण वापस देती है। यह स्वचालित पायलट (ऑटोपायलट) के संचालन में खराबी या किसी अन्य प्रणाली की अनपेक्षित प्रतिक्रिया के कारण हो सकता है।

RIPS प्रणाली के बंद होने का संदेह क्यों?

  • संभावित खराबी: यदि RIPS प्रणाली ही खराब हो जाती है या अनपेक्षित रूप से काम करना बंद कर देती है, तो यह विमान को अनियंत्रित “रनअवे” इनपुट के प्रति संवेदनशील बना सकती है।
  • मानव हस्तक्षेप: यह भी संदेह है कि क्या RIPS प्रणाली को जानबूझकर या गलती से बंद कर दिया गया था। यदि इसे बंद किया गया था, तो इसके कारण और परिणाम क्या थे, यह एक बड़ा सवाल है। क्या किसी विशेष उड़ान स्थिति में इसे बंद करना आवश्यक समझा गया था? या यह एक खराबी थी जिसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा था?
  • नियंत्रण की समस्या: यदि RIPS प्रणाली बंद थी और “रनअवे” इनपुट हुआ, तो पायलटों के लिए विमान को नियंत्रित करना अत्यंत कठिन हो जाता है, खासकर यदि वे इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित न हों या अप्रत्याशितता के कारण भ्रमित हो जाएं।

ब्लैक बॉक्स डेटा और RIPS पर सवाल: एक जटिल पहेली

ब्लैक बॉक्स का डेटा न होने के कारण, RIPS प्रणाली के संचालन की स्थिति का पता लगाना मुश्किल हो गया है। हालांकि, जांचकर्ता अन्य तरीकों से इस पहेली को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं:

  • अन्य रिकॉर्डिंग: एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के साथ पायलटों की बातचीत, और यदि विमान में अन्य रिकॉर्डिंग सिस्टम (जैसे केबिन वॉयस रिकॉर्डर, हालांकि यह ब्लैक बॉक्स का हिस्सा है) काम कर रहे थे, तो वे सुराग दे सकते हैं।
  • मलबे का विश्लेषण: विमान के मलबे की सूक्ष्म जांच से नियंत्रण प्रणालियों की स्थिति, जैसे कि RIPS से जुड़े स्विच या सर्किट की जानकारी मिल सकती है।
  • सॉफ्टवेयर लॉग: यदि विमान के कंप्यूटर सिस्टम में कोई डायग्नोस्टिक लॉग (Diagnostic Logs) या एरर कोड (Error Codes) रिकॉर्ड हुए हैं, तो वे RIPS प्रणाली की स्थिति के बारे में जानकारी दे सकते हैं।

विमानन सुरक्षा में RIPS और ब्लैक बॉक्स का महत्व

यह घटना विमानन सुरक्षा के दो महत्वपूर्ण घटकों पर प्रकाश डालती है: उन्नत सुरक्षा प्रणालियों का विश्वसनीय संचालन और दुर्घटना जांच में ब्लैक बॉक्स की अपरिवर्तनीय भूमिका।

RIPS प्रणाली का महत्व:

RIPS जैसी प्रणालियाँ विमानों को खतरनाक उड़ान स्थितियों से बचाने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। यह सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करती है, खासकर जब ऑटोपायलट या अन्य स्वचालित सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहे हों।

  • ओवर-कनेक्टिविटी का जोखिम: आधुनिक विमान अत्यधिक कनेक्टेड और स्वचालित होते हैं। RIPS जैसी प्रणालियाँ यह सुनिश्चित करती हैं कि इनपुट की एक श्रृंखला अनपेक्षित रूप से विमान को अस्थिर न कर दे।
  • सुरक्षा मानक: RIPS जैसी प्रणालियों का डिजाइन और परीक्षण कड़े विमानन सुरक्षा मानकों के तहत किया जाता है। इनका विफल होना या बंद होना गंभीर सुरक्षा चिंता का विषय है।

ब्लैक बॉक्स का महत्व:

ब्लैक बॉक्स को “विमान दुर्घटनाओं का मौन गवाह” कहा जाता है। वे दुर्घटना के मूल कारण को समझने के लिए अमूल्य होते हैं, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

  • कारणों का पता लगाना: डेटा उपलब्ध न होने से, केवल सैद्धांतिक व्याख्याएं ही की जा सकती हैं, जो भविष्य की सुरक्षा में सुधार के लिए आवश्यक ठोस डेटा प्रदान नहीं करतीं।
  • प्रमाणीकरण और परीक्षण: ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग क्षमता और स्थायित्व की नियमित रूप से जांच और प्रमाणीकरण किया जाता है। यदि यह रिकॉर्डिंग बंद कर देता है, तो यह सिस्टम की विफलता या जानबूझकर की गई छेड़छाड़ का संकेत हो सकता है।

UPSC के लिए प्रासंगिकता: तकनीकी, सुरक्षा और शासन के पहलू

यह घटना UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न चरणों और विषयों के लिए महत्वपूर्ण है:

सामान्य अध्ययन पेपर I (भूगोल, समाज, कला और संस्कृति):

हालाँकि सीधे तौर पर संबंधित नहीं है, यह प्राकृतिक आपदाओं (जैसे खराब मौसम, अगर कारण बनता है) और मानव निर्मित आपदाओं के समाज पर प्रभाव को समझने में मदद कर सकता है।

सामान्य अध्ययन पेपर III (विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन):

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी: विमानन प्रौद्योगिकी, ऑटोमेशन, सेंसर, डेटा रिकॉर्डिंग सिस्टम, और सुरक्षा प्रोटोकॉल। RIPS प्रणाली जैसे विशिष्ट तकनीकी अवयवों को समझना।
  • आपदा प्रबंधन: विमान दुर्घटनाओं का प्रबंधन, जांच प्रक्रियाएं, और भविष्य की घटनाओं को रोकने के लिए सीखे गए सबक।
  • सुरक्षा: नागरिक उड्डयन सुरक्षा, आतंकवाद से सुरक्षा (यदि लागू हो), और सुरक्षा प्रोटोकॉल में उल्लंघन के संभावित परिणाम।

सामान्य अध्ययन पेपर IV (नीतिशास्त्र और अखंडता):

  • जवाबदेही: यदि RIPS प्रणाली बंद पाई जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? निर्माता, एयरलाइन, रखरखाव दल, या नियामक?
  • पारदर्शिता: दुर्घटना की जांच में पारदर्शिता का महत्व। डेटा की उपलब्धता को बनाए रखने में विफलता पारदर्शिता को कैसे प्रभावित करती है।
  • निर्णय लेना: पायलटों और रखरखाव कर्मियों द्वारा लिए गए निर्णय, विशेष रूप से आपातकालीन स्थितियों में, और उनके नैतिक निहितार्थ।

विमानन सुरक्षा के लिए आगे की राह:

  • ब्लैक बॉक्स की विश्वसनीयता: ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग को और अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए नई तकनीकों का विकास।
  • RIPS निगरानी: RIPS जैसी महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रणालियों की निरंतर निगरानी और दूरस्थ निदान (remote diagnostics) की व्यवस्था।
  • प्रशिक्षण: पायलटों को “रनअवे” इनपुट और RIPS प्रणाली से संबंधित किसी भी खराबी से निपटने के लिए उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • विनियमन: विमानन नियामक निकायों द्वारा सुरक्षा प्रणालियों के निरीक्षण और प्रमाणन की प्रक्रिया को और मजबूत करना।
  • डेटा रिकवरी: ब्लैक बॉक्स से दूषित या अनुपलब्ध डेटा को पुनर्प्राप्त करने के लिए उन्नत तकनीकों में निवेश।

चुनौतियां

इस मामले में कई चुनौतियां हैं:

  • डेटा का अभाव: यह सबसे बड़ी चुनौती है, जो जांच को सैद्धांतिक स्तर पर ले जाती है।
  • तकनीकी जटिलता: RIPS जैसी प्रणालियां अत्यंत जटिल होती हैं, और उनके संचालन या विफलता के कारणों का पता लगाने के लिए गहन तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
  • मानव त्रुटि बनाम प्रणालीगत विफलता: यह निर्धारित करना कि क्या यह मानव त्रुटि (जैसे RIPS को गलती से बंद करना), जानबूझकर की गई कार्रवाई, या एक अंतर्निहित प्रणालीगत विफलता का परिणाम था, एक मुश्किल काम है।
  • समय का दबाव: घटना के तुरंत बाद प्रभावी जांच के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता होती है, लेकिन डेटा की अनुपस्थिति इस प्रक्रिया को लंबा खींच देती है।

निष्कर्ष

अहमदाबाद प्लेन क्रैश, ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग में डेटा की कमी और RIPS प्रणाली पर संदेह के साथ, विमानन सुरक्षा के नाजुक संतुलन को उजागर करता है। यह घटना न केवल तकनीकी प्रणालियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है, बल्कि दुर्घटना जांच में पारदर्शी और पूर्ण डेटा की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। UPSC उम्मीदवारों के लिए, यह घटना सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, शासन और प्रबंधन के प्रतिच्छेदन को समझने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है। भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए, निरंतर नवाचार, कठोर निरीक्षण और सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता आवश्यक है।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. प्रश्न 1: विमान दुर्घटनाओं की जांच में “ब्लैक बॉक्स” (FDR/CVR) का प्राथमिक कार्य क्या है?
    1. विमान के मनोरंजन प्रणाली को नियंत्रित करना
    2. विमान के ईंधन की खपत को ट्रैक करना
    3. विमान के उड़ान मापदंडों और कॉकपिट की बातचीत को रिकॉर्ड करना
    4. यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना

    उत्तर: c
    व्याख्या: ब्लैक बॉक्स, जिसमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) शामिल हैं, विमान के उड़ान भरने से लेकर दुर्घटनाग्रस्त होने तक की महत्वपूर्ण जानकारी को रिकॉर्ड करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

  2. प्रश्न 2: “रिप्स” (RIPS) प्रणाली का विमानन में संभावित उद्देश्य क्या है?
    1. पायलट के लिए कॉकपिट का तापमान नियंत्रित करना
    2. विमान के अनियंत्रित नियंत्रण इनपुट (“रनअवे”) को रोकना
    3. मौसम के पूर्वानुमान को पायलट तक पहुंचाना
    4. विमान के मनोरंजन सिस्टम को प्राथमिकता देना

    उत्तर: b
    व्याख्या: RIPS (Runaway Input Protection System) एक सुरक्षा प्रणाली है जो विमान को खतरनाक, अनियंत्रित नियंत्रण इनपुट से बचाने के लिए डिज़ाइन की गई है।

  3. प्रश्न 3: ब्लैक बॉक्स को किस प्रकार की सुरक्षात्मक विशेषताओं के साथ डिज़ाइन किया जाता है?
    1. केवल आग प्रतिरोधी
    2. उच्च तापमान, दबाव और प्रभाव प्रतिरोधी
    3. केवल जल प्रतिरोधी
    4. उच्च विद्युत चुम्बकीय विकिरण प्रतिरोधी

    उत्तर: b
    व्याख्या: ब्लैक बॉक्स को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि वे दुर्घटनाओं की चरम स्थितियों, जैसे कि आग, अत्यधिक दबाव और शक्तिशाली प्रभाव, का सामना कर सकें।

  4. प्रश्न 4: विमानन सुरक्षा में RIPS जैसी प्रणाली का उल्लेख निम्नलिखित में से किस चिंता को इंगित करता है?
    1. ईंधन की गुणवत्ता
    2. एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) की दक्षता
    3. नियंत्रण प्रणाली की संभावित विफलता या दुर्भावनापूर्ण सेटिंग
    4. यात्री सेवा की गुणवत्ता

    उत्तर: c
    व्याख्या: RIPS प्रणाली का बंद होना या खराबी नियंत्रण प्रणालियों में संभावित विफलता या अनपेक्षित व्यवहार का संकेत देता है।

  5. प्रश्न 5: अहमदाबाद विमान दुर्घटना के संदर्भ में, ब्लैक बॉक्स से अंतिम 10 मिनट के डेटा का अनुपलब्ध होना क्या दर्शाता है?
    1. यह दर्शाता है कि दुर्घटना अचानक हुई और कोई पूर्व चेतावनी नहीं थी।
    2. यह जांचकर्ताओं के लिए दुर्घटना के तत्काल कारणों का पता लगाने में एक महत्वपूर्ण बाधा है।
    3. यह ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग क्षमता की एक सामान्य सीमा है।
    4. यह सुझाव देता है कि पायलटों ने जानबूझकर डेटा रिकॉर्डिंग बंद कर दी थी।

    उत्तर: b
    व्याख्या: अंतिम क्षणों का डेटा पायलटों की कार्रवाई, सिस्टम की स्थिति और घटना के सटीक क्रम को समझने के लिए महत्वपूर्ण होता है, इसलिए इसकी अनुपलब्धता जांच में बाधा डालती है।

  6. प्रश्न 6: निम्नलिखित में से कौन सा विमानन दुर्घटनाओं की जांच में एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष साक्ष्य हो सकता है, खासकर जब ब्लैक बॉक्स डेटा अनुपलब्ध हो?
    1. विमान के मनोरंजन प्रणाली के लॉग
    2. एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) की रिकॉर्डिंग
    3. यात्रियों की व्यक्तिगत डायरी
    4. विमान के कैटरिंग मेनू

    उत्तर: b
    व्याख्या: ATC रिकॉर्डिंग में पायलटों और नियंत्रण टावरों के बीच बातचीत शामिल होती है, जो उड़ान की स्थिति और घटनाओं का महत्वपूर्ण सुराग दे सकती है।

  7. प्रश्न 7: “रनअवे” (Runaway) शब्द विमानन के संदर्भ में आमतौर पर क्या संदर्भित करता है?
    1. पायलट की अनपेक्षित उड़ान से उतरने की इच्छा
    2. एक प्रणाली या नियंत्रण सतह जो अनियंत्रित रूप से चलती है
    3. ईंधन का तेजी से जलना
    4. विमान का अत्यधिक हवा में घूमना

    उत्तर: b
    व्याख्या: “रनअवे” शब्द का तात्पर्य तब होता है जब कोई नियंत्रण सतह (जैसे एलिवेटर या रडर) अनियंत्रित रूप से या पायलट के इनपुट से परे चलती रहती है।

  8. प्रश्न 8: विमान में RIPS प्रणाली का संभावित उद्देश्य निम्नलिखित में से किस प्रकार की समस्या को रोकना है?
    1. ओवरहीटिंग इंजन
    2. पायलट का अनधिकृत संचार
    3. नियंत्रण इनपुट जो विमान को अत्यधिक झुका सकते हैं
    4. खराब मौसम के दौरान ग्राउंड स्टाफ के साथ संपर्क

    उत्तर: c
    व्याख्या: RIPS प्रणाली का उद्देश्य ऐसे नियंत्रण इनपुट को रोकना है जो विमान को खतरनाक कोणों पर झुका सकते हैं या उसे अस्थिर कर सकते हैं।

  9. प्रश्न 9: ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखने के लिए किस प्रकार के परीक्षणों का उपयोग किया जाता है?
    1. केवल सॉफ्ट डेटा विश्लेषण
    2. ड्राइविंग और झटके के परीक्षण
    3. घूर्णन, प्रभाव, दबाव और आग प्रतिरोध परीक्षण
    4. केवल ध्वनि अलगाव परीक्षण

    उत्तर: c
    व्याख्या: ब्लैक बॉक्स को अत्यंत कठोर वातावरण का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें घूर्णन, प्रभाव, गहरे पानी के दबाव और आग प्रतिरोध शामिल हैं।

  10. प्रश्न 10: नागरिक उड्डयन सुरक्षा में, यदि RIPS जैसी महत्वपूर्ण प्रणाली को निष्क्रिय पाया जाता है, तो यह निम्नलिखित में से किस पर सवाल उठाता है?
    1. विमान के मनोरंजन प्रणाली का डिजाइन
    2. रखरखाव, संचालन और नियामक निरीक्षण की प्रक्रियाएं
    3. विमान का रंग और बाहरी डिजाइन
    4. पायलटों की यूनिफॉर्म का स्टाइल

    उत्तर: b
    व्याख्या: किसी महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रणाली का बंद पाया जाना सीधे तौर पर विमानों के रखरखाव, संचालन और सुरक्षा प्रणालियों के नियामक निरीक्षण की प्रभावशीलता पर सवाल उठाता है।

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. प्रश्न 1: अहमदाबाद विमान दुर्घटना के संदर्भ में ब्लैक बॉक्स डेटा की अनुपलब्धता और RIPS प्रणाली पर संदेह विमानन सुरक्षा के लिए क्या निहितार्थ रखते हैं? दुर्घटना जांच की प्रक्रिया और भविष्य की सुरक्षा में सुधार के लिए इन घटनाओं से क्या सीखा जा सकता है, इस पर विस्तार से चर्चा करें। (250 शब्द, 15 अंक)
  2. प्रश्न 2: “रिप्स” (Runaway Input Protection System) जैसी स्वचालित सुरक्षा प्रणालियाँ आधुनिक विमानन में क्यों महत्वपूर्ण हैं? इन प्रणालियों की विफलता या निष्क्रियता से जुड़े जोखिमों का विश्लेषण करें और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर सुझाव दें। (150 शब्द, 10 अंक)
  3. प्रश्न 3: विमानन दुर्घटनाओं की जांच में विभिन्न प्रकार के साक्ष्यों (जैसे ब्लैक बॉक्स, ATC रिकॉर्डिंग, मलबे का विश्लेषण) के महत्व का मूल्यांकन करें। जब प्राथमिक साक्ष्य (जैसे ब्लैक बॉक्स डेटा) अनुपलब्ध या दूषित हो जाता है, तो जांचकर्ता कारणों का पता लगाने के लिए किन वैकल्पिक तरीकों का सहारा लेते हैं? (200 शब्द, 12 अंक)
  4. प्रश्न 4: नागरिक उड्डयन सुरक्षा के संदर्भ में, प्रौद्योगिकी की भूमिका (जैसे RIPS प्रणाली) और मानव तत्व (जैसे पायलटों का प्रशिक्षण और निर्णय लेना) के बीच संतुलन पर चर्चा करें। एक ऐसे परिदृश्य का विश्लेषण करें जहाँ ये दोनों घटक दुर्घटना को रोकने या उसका कारण बनने में भूमिका निभा सकते हैं। (150 शब्द, 10 अंक)

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