ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करें: सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की गहरी समझ अत्यंत आवश्यक है। चाहे आप SSC, रेलवे, या राज्य PSC परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हों, भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के इन महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्नों का अभ्यास आपको परीक्षा के लिए तैयार करेगा और आपकी अवधारणाओं को स्पष्ट करेगा। आइए, ब्रह्मांड के पहले अणु के पुनरुत्पादन जैसी नवीनतम वैज्ञानिक उपलब्धियों से प्रेरित होकर, अपने ज्ञान का परीक्षण करें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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ब्रह्मांड की सबसे पहली अणु, हीलियम हाइड्राइड आयन (HeH⁺) को पुनर्जीवित करने के प्रयोग में, किन प्रमुख भौतिकी सिद्धांतों का उपयोग किया गया था?
- (a) क्वांटम टनलिंग और प्लाज्मा भौतिकी
- (b) प्रकाश संश्लेषण और ऊष्मप्रवैगिकी
- (c) गुरुत्वाकर्षण और ब्लैक होल
- (d) नाभिकीय विखंडन और संलयन
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): क्वांटम टनलिंग एक क्वांटम यांत्रिक घटना है जहाँ एक कण एक ऊर्जा अवरोध से गुजर सकता है, भले ही उसके पास उसे पार करने के लिए पर्याप्त शास्त्रीय ऊर्जा न हो। प्लाज्मा भौतिकी आयनित गैसों (प्लाज्मा) के व्यवहार का अध्ययन करती है, जो ब्रह्मांड में पदार्थ की एक प्रमुख अवस्था है। HeH⁺ को पुनर्जीवित करने के लिए, वैज्ञानिकों को ऐसी स्थितियाँ बनानी पड़ीं जो प्रारंभिक ब्रह्मांड के समान हों, जहाँ आयनित कणों (प्लाज्मा) का वर्चस्व था और क्वांटम प्रभाव महत्वपूर्ण थे।
व्याख्या (Explanation): प्रारंभिक ब्रह्मांड में, कणों के बीच टकराव और ऊर्जा का आदान-प्रदान क्वांटम यांत्रिकी के नियमों का पालन करता था। HeH⁺ जैसे अणुओं के निर्माण के लिए, कणों को एक-दूसरे के करीब आने और परस्पर क्रिया करने की आवश्यकता थी, जिसमें क्वांटम टनलिंग जैसे प्रभाव भूमिका निभा सकते थे। प्लाज्मा अवस्था, उच्च तापमान और आयनीकरण की विशेषता, प्रारंभिक ब्रह्मांड की स्थितियों का एक महत्वपूर्ण पहलू है। प्रकाश संश्लेषण (पौधों से संबंधित), ऊष्मप्रवैगिकी (ऊर्जा और तापमान से संबंधित), गुरुत्वाकर्षण/ब्लैक होल (बड़ी संरचनाओं से संबंधित), और नाभिकीय विखंडन/संलयन (भारी तत्वों के निर्माण से संबंधित) इस विशेष प्रयोग के प्राथमिक सिद्धांत नहीं थे।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीलियम हाइड्राइड आयन (HeH⁺) के निर्माण की पुष्टि ब्रह्मांड के इतिहास में किस चरण के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है?
- (a) बिग बैंग के ठीक बाद का युग, जब ब्रह्मांड ठंडा हो रहा था
- (b) पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति का युग
- (c) सौर मंडल का निर्माण
- (d) हिम युग
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ब्रह्मांड की प्रारंभिक अवस्थाओं में, तापमान और घनत्व बहुत अधिक थे। जैसे-जैसे ब्रह्मांड ठंडा हुआ, पहले सरल परमाणु और फिर सरल अणु बनने लगे। HeH⁺ को ब्रह्मांड का पहला अणु माना जाता है, जिसका निर्माण बिग बैंग के कुछ लाख वर्षों के भीतर हुआ था।
व्याख्या (Explanation): HeH⁺ की पुनर्रचना वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद करती है कि प्रारंभिक ब्रह्मांड में कणों ने कैसे परस्पर क्रिया की और पहले अणु कैसे बने। यह युग बिग बैंग के कुछ लाख वर्षों बाद का है, जब ब्रह्मांड ठंडा होकर एक ऐसी अवस्था में पहुँच गया था जहाँ परमाणु और फिर अणु बन सकते थे। पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति, सौर मंडल का निर्माण, और हिम युग बहुत बाद की घटनाएँ हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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हीलियम हाइड्राइड आयन (HeH⁺) की संरचना में कौन से परमाणु तत्व शामिल हैं?
- (a) हाइड्रोजन और ऑक्सीजन
- (b) हीलियम और हाइड्रोजन
- (c) कार्बन और हाइड्रोजन
- (d) नाइट्रोजन और ऑक्सीजन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक सूत्र HeH⁺ सीधे तौर पर बताता है कि इसमें हीलियम (He) और हाइड्रोजन (H) के परमाणु शामिल हैं। ‘+’ चिह्न इंगित करता है कि यह एक आयन है, जिसने एक इलेक्ट्रॉन खो दिया है।
व्याख्या (Explanation): ‘He’ हीलियम का प्रतीक है, और ‘H’ हाइड्रोजन का प्रतीक है। HeH⁺ का मतलब है कि एक हीलियम परमाणु और एक हाइड्रोजन परमाणु मिलकर एक अणु बनाते हैं, जिसमें कुल आवेश +1 होता है (अर्थात, यह एक इलेक्ट्रॉन से कम है)।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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रासायनिक बंधन (chemical bonding) के संदर्भ में, HeH⁺ आयन में किस प्रकार का बंधन होने की संभावना है?
- (a) आयनिक बंधन
- (b) सहसंयोजक बंधन
- (c) धात्विक बंधन
- (d) हाइड्रोजन बंधन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सहसंयोजक बंधन तब बनता है जब दो परमाणु इलेक्ट्रॉनों को साझा करते हैं। आयनिक बंधन में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है। धात्विक बंधन धातुओं में पाया जाता है, और हाइड्रोजन बंधन एक विशेष प्रकार का कमजोर आकर्षण है। HeH⁺ एक अणु है जिसमें दो गैर-धातु तत्व (हालांकि हीलियम एक उत्कृष्ट गैस है, यह यहाँ आयन के रूप में व्यवहार करता है) इलेक्ट्रॉनों को साझा कर रहे हैं।
व्याख्या (Explanation): हीलियम और हाइड्रोजन के बीच इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से एक सहसंयोजक बंधन बनता है। चूंकि दोनों तत्व गैर-धातु हैं और इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण (जैसा कि आयनिक बंधन में होता है) नहीं हो रहा है, यह सहसंयोजक बंधन है। यह एक आयन होने के कारण, बंधन की प्रकृति थोड़ी ध्रुवीय (polar) हो सकती है, लेकिन मूल प्रकार सहसंयोजक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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किसी अणु को बनाने के लिए परमाणुओं के बीच जो बल काम करता है, वह मुख्य रूप से किस बल का परिणाम है?
- (a) नाभिकीय बल
- (b) विद्युत चुम्बकीय बल
- (c) गुरुत्वाकर्षण बल
- (d) कमजोर नाभिकीय बल
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक बंधन मुख्य रूप से परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनों और नाभिकों के बीच विद्युत चुम्बकीय आकर्षण के कारण बनते हैं। इलेक्ट्रॉन (ऋणात्मक आवेश) नाभिक (धनात्मक आवेश) की ओर आकर्षित होते हैं, और परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी या स्थानांतरण से बंधन बनता है।
व्याख्या (Explanation): परमाणु के इलेक्ट्रॉन ऋणात्मक रूप से आवेशित होते हैं, और नाभिक धनात्मक रूप से आवेशित प्रोटॉन से बना होता है। ये विपरीत आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। अणुओं में, यह विद्युत चुम्बकीय आकर्षण ही है जो परमाणुओं को एक साथ बाँध कर रखता है। नाभिकीय बल केवल नाभिक के भीतर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को बाँधता है। गुरुत्वाकर्षण बल परमाणुओं के द्रव्यमान के कारण बहुत कमजोर होता है, और कमजोर नाभिकीय बल रेडियोधर्मी क्षय में भूमिका निभाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्रारंभिक ब्रह्मांड में, विभिन्न तत्वों के निर्माण की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है?
- (a) बिग क्रंच
- (b) बिग Bang Nucleosynthesis (BBN)
- (c) महाद्वीपीय बहाव
- (d) फोटोसिंथेसिस
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बिग Bang Nucleosynthesis (BBN) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बिग बैंग के बाद के शुरुआती मिनटों में पहले हल्के परमाणु नाभिक (जैसे हाइड्रोजन, हीलियम, लिथियम) बने।
व्याख्या (Explanation): बिग बैंग के बाद, ब्रह्मांड बहुत गर्म और घना था। जैसे-जैसे यह ठंडा हुआ, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन मिलकर पहले नाभिकों का निर्माण करने लगे। यह प्रक्रिया, जिसे Big Bang Nucleosynthesis कहा जाता है, मुख्य रूप से हाइड्रोजन (ड्यूटिरियम और हीलियम के रूप में) और कुछ लिथियम बनाती है। बिग क्रंच एक काल्पनिक परिदृश्य है जहाँ ब्रह्मांड पुनः सिकुड़ता है। महाद्वीपीय बहाव पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गति से संबंधित है, और फोटोसिंथेसिस पौधों द्वारा भोजन बनाने की प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ऊष्मागतिकी का पहला नियम (First Law of Thermodynamics) ऊर्जा के किस सिद्धांत को बताता है?
- (a) ऊर्जा को नष्ट नहीं किया जा सकता, केवल बदला जा सकता है।
- (b) ऊर्जा अपने आप एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होती है, लेकिन अक्षमता बनी रहती है।
- (c) एक बंद प्रणाली में एन्ट्रॉपी (disorder) हमेशा बढ़ती है।
- (d) पूर्ण शून्य तापमान पर सभी आणविक गति रुक जाती है।
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऊष्मागतिकी का पहला नियम ऊर्जा संरक्षण का नियम है। यह बताता है कि ऊर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
व्याख्या (Explanation): इस नियम के अनुसार, किसी भी बंद प्रणाली में कुल ऊर्जा स्थिर रहती है। उदाहरण के लिए, जब HeH⁺ जैसे अणु बनते हैं, तो बंधन ऊर्जा मुक्त हो सकती है, लेकिन यह ऊर्जा प्रणाली के भीतर ही मौजूद रहती है। विकल्प (b) दूसरे नियम का हिस्सा है। विकल्प (c) दूसरे नियम से संबंधित है। विकल्प (d) तीसरे नियम से संबंधित है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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HeH⁺ जैसे प्रारंभिक अणुओं के निर्माण के लिए किस प्रकार की ऊर्जा आवश्यक थी?
- (a) सौर ऊर्जा
- (b) भूतापीय ऊर्जा
- (c) उच्च-ऊर्जा कणों की टक्कर
- (d) विद्युत ऊर्जा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रारंभिक ब्रह्मांड में, पदार्थ अत्यधिक गर्म प्लाज्मा के रूप में था, जिसमें कण बहुत उच्च गति से चल रहे थे। HeH⁺ जैसे अणुओं के निर्माण के लिए, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन जैसे कणों को पर्याप्त ऊर्जा के साथ टकराना पड़ता था।
व्याख्या (Explanation): प्रारंभिक ब्रह्मांड में, ब्रह्मांडीय विकिरण और पदार्थ की उच्च ऊर्जा घनत्व के कारण कणों की टक्करें आम थीं। ये टक्करें ही HeH⁺ जैसे सरल अणुओं के निर्माण के लिए आवश्यक ऊर्जा और स्थितियाँ प्रदान करती थीं। सौर ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा और विद्युत ऊर्जा पृथ्वी पर पाई जाने वाली ऊर्जा के रूप हैं जो प्रारंभिक ब्रह्मांड की स्थितियों से सीधे संबंधित नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश की गति (speed of light) से संबंधित कौन सा प्रसिद्ध समीकरण आइंस्टीन द्वारा दिया गया था, जो ऊर्जा और द्रव्यमान के बीच संबंध बताता है?
- (a) F = ma
- (b) E = mc²
- (c) PV = nRT
- (d) H = mc²
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आइंस्टीन का प्रसिद्ध समीकरण E = mc² बताता है कि ऊर्जा (E) द्रव्यमान (m) और प्रकाश की गति (c) के वर्ग के गुणनफल के बराबर होती है। यह समीकरण द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्यता (mass-energy equivalence) का सिद्धांत है।
व्याख्या (Explanation): यह समीकरण बताता है कि द्रव्यमान को ऊर्जा में और ऊर्जा को द्रव्यमान में परिवर्तित किया जा सकता है। ब्रह्मांडीय घटनाओं, जैसे बिग बैंग, में ऊर्जा और द्रव्यमान का यह परिवर्तन महत्वपूर्ण है। F=ma न्यूटन का गति का दूसरा नियम है। PV=nRT आदर्श गैस नियम है। H=mc² कोई ज्ञात वैज्ञानिक समीकरण नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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आणविक संरचना (molecular structure) में, परमाणुओं के बीच बनने वाले बंधन का प्रकार उनके रासायनिक गुणों को कैसे प्रभावित करता है?
- (a) यह अणु के रंग को प्रभावित नहीं करता है।
- (b) यह अणु की प्रतिक्रियाशीलता (reactivity) और ध्रुवीयता (polarity) को प्रभावित करता है।
- (c) यह केवल अणु के भौतिक अवस्था (जैसे ठोस, द्रव, गैस) को प्रभावित करता है।
- (d) यह अणु के आकार को पूरी तरह से निर्धारित करता है, लेकिन रासायनिक गुणों को नहीं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणुओं के बीच बंधन की प्रकृति (जैसे सहसंयोजक, आयनिक) यह निर्धारित करती है कि अणु कितने स्थिर हैं, वे अन्य अणुओं के साथ कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, और उनके भौतिक गुण क्या होंगे (जैसे गलनांक, क्वथनांक)। ध्रुवीयता, जो बंधन की प्रकृति से निर्धारित होती है, अणु के व्यवहार को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है।
व्याख्या (Explanation): उदाहरण के लिए, पानी (H₂O) में ध्रुवीय सहसंयोजक बंधन होते हैं, जो इसे एक ध्रुवीय अणु बनाते हैं और इसे विभिन्न पदार्थों को घोलने की क्षमता प्रदान करते हैं। आयनिक यौगिक, जैसे नमक (NaCl), में आयनिक बंधन होते हैं और वे आमतौर पर पानी में घुल जाते हैं। बंधन अणु की प्रतिक्रियाशीलता, उसकी संरचना और अन्य भौतिक गुणों को भी प्रभावित करते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जीव विज्ञान में, DNA (Deoxyribonucleic Acid) का पूर्ण रूप क्या है, जो आनुवंशिक जानकारी ले जाता है?
- (a) डायऑक्सी न्यूक्लिक एसिड
- (b) डीहाइड्रेटेड न्यूक्लिक एसिड
- (c) डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड
- (d) डिफ्यूज न्यूक्लिक एसिड
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): DNA का पूरा नाम डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड है। यह वह अणु है जो सभी ज्ञात जीवित जीवों में आनुवंशिक निर्देश रखता है।
व्याख्या (Explanation): ‘डीऑक्सी’ (Deoxy) शर्करा (deoxyribose) की उपस्थिति को दर्शाता है, और ‘राइबो’ (ribo) न्यूक्लिक एसिड (nucleic acid) संरचना का हिस्सा है। DNA की संरचना और कार्य जीवन के लिए मौलिक हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके क्या बनाते हैं?
- (a) ऑक्सीजन और पानी
- (b) कार्बन डाइऑक्साइड और खनिज
- (c) ग्लूकोज (शर्करा) और ऑक्सीजन
- (d) नाइट्रोजन और ऊर्जा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है जो क्लोरोफिल युक्त जीवों (जैसे पौधे) द्वारा की जाती है। इसमें सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज (एक प्रकार की शर्करा) और ऑक्सीजन में परिवर्तित किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): इस प्रक्रिया का समीकरण है: 6CO₂ + 6H₂O + प्रकाश ऊर्जा → C₆H₁₂O₆ + 6O₂। ग्लूकोज ऊर्जा का स्रोत है, और ऑक्सीजन एक उप-उत्पाद के रूप में जारी होती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत क्या है?
- (a) प्रोटीन
- (b) वसा
- (c) कार्बोहाइड्रेट (जैसे ग्लूकोज)
- (d) विटामिन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव शरीर के लिए ऊर्जा का सबसे तात्कालिक और प्राथमिक स्रोत कार्बोहाइड्रेट, विशेष रूप से ग्लूकोज है। इसे श्वसन (cellular respiration) के माध्यम से ऊर्जा (ATP) में तोड़ा जाता है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि वसा भी ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, यह लंबी अवधि के लिए संग्रहीत होती है और इसका उपयोग तब किया जाता है जब कार्बोहाइड्रेट की उपलब्धता कम होती है। प्रोटीन मुख्य रूप से ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन वे ऊर्जा भी प्रदान कर सकते हैं। विटामिन आवश्यक पोषक तत्व हैं लेकिन वे सीधे ऊर्जा प्रदान नहीं करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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जीवों में आनुवंशिक लक्षणों के पीढ़ी-दर-पीढ़ी स्थानांतरण का अध्ययन किस विज्ञान की शाखा के अंतर्गत आता है?
- (a) पारिस्थितिकी (Ecology)
- (b) आनुवंशिकी (Genetics)
- (c) सूक्ष्म जीव विज्ञान (Microbiology)
- (d) शरीर क्रिया विज्ञान (Physiology)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आनुवंशिकी (Genetics) वह वैज्ञानिक अध्ययन है जो जीन, आनुवंशिक भिन्नता और जीवों में वंशानुक्रम से संबंधित है।
व्याख्या (Explanation): आनुवंशिकी यह समझने में मदद करती है कि माता-पिता से बच्चों में गुण कैसे स्थानांतरित होते हैं। DNA और जीन इस प्रक्रिया के केंद्र में हैं। पारिस्थितिकी पर्यावरण और जीवों के बीच संबंधों का अध्ययन है। सूक्ष्म जीव विज्ञान सूक्ष्मजीवों का अध्ययन है। शरीर क्रिया विज्ञान जीवित जीवों की कार्यप्रणाली का अध्ययन है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कोशिका (cell) को जीवन की मूलभूत इकाई क्यों कहा जाता है?
- (a) क्योंकि यह केवल पौधों में पाई जाती है।
- (b) क्योंकि यह सभी जीवित जीवों का संरचनात्मक और कार्यात्मक आधार है।
- (c) क्योंकि यह ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए प्रकाश संश्लेषण करती है।
- (d) क्योंकि यह केवल मृत ऊतकों में पाई जाती है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कोशिका सिद्धांत बताता है कि सभी जीवित जीव एक या एक से अधिक कोशिकाओं से बने होते हैं, और सभी कोशिकाएँ पहले से मौजूद कोशिकाओं से उत्पन्न होती हैं। कोशिकाएँ जीवन की सबसे छोटी इकाइयाँ हैं जो सभी आवश्यक जीवन प्रक्रियाओं को करने में सक्षम हैं।
व्याख्या (Explanation): कोशिकाओं के भीतर ही वे सभी रासायनिक प्रतिक्रियाएं और कार्य होते हैं जो जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं, जैसे ऊर्जा उत्पादन, उपापचय, और प्रतिकृति।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव श्वसन तंत्र (human respiratory system) में, ऑक्सीजन फेफड़ों से रक्त में कैसे प्रवेश करती है?
- (a) सक्रिय परिवहन (active transport) द्वारा
- (b) विसरण (diffusion) द्वारा
- (c) परासरण (osmosis) द्वारा
- (d) निस्पंदन (filtration) द्वारा
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): फेफड़ों में, ऑक्सीजन का रक्त में प्रवेश विसरण की प्रक्रिया द्वारा होता है। ऑक्सीजन उच्च सांद्रता (फेफड़ों के वायुकोशों में) से निम्न सांद्रता (रक्त में) की ओर जाती है।
व्याख्या (Explanation): वायुकोशों (alveoli) में ऑक्सीजन की आंशिक दाब (partial pressure) रक्त की तुलना में अधिक होती है, जिससे ऑक्सीजन पतली झिल्लियों से होकर रक्त परिसंचरण में प्रवेश करती है। सक्रिय परिवहन के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। परासरण विलायक (जैसे पानी) का अर्धपारगम्य झिल्ली के पार गति है। निस्पंदन छोटे कणों को अलग करने की प्रक्रिया है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि किसी वस्तु को किसी द्रव में डुबोया जाता है, तो वह वस्तु जो ऊपर की ओर महसूस करती है, वह उत्प्लावन बल (buoyant force) है। यह बल किस सिद्धांत पर आधारित है?
- (a) न्यूटन का गति का तीसरा नियम
- (b) आर्किमिडीज का सिद्धांत
- (c) पास्कल का सिद्धांत
- (d) बर्नोली का सिद्धांत
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आर्किमिडीज का सिद्धांत कहता है कि जब कोई वस्तु किसी द्रव में आंशिक या पूर्ण रूप से डुबोई जाती है, तो उस पर ऊपर की ओर लगने वाला उत्प्लावन बल उस वस्तु द्वारा विस्थापित द्रव के भार के बराबर होता है।
व्याख्या (Explanation): यही कारण है कि जहाज पानी पर तैरते हैं और हम पानी में हल्का महसूस करते हैं। न्यूटन का तीसरा नियम क्रिया-प्रतिक्रिया से संबंधित है। पास्कल का सिद्धांत दबाव के संचरण से संबंधित है। बर्नोली का सिद्धांत तरल पदार्थ की गति में दबाव और गति के बीच संबंध बताता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि किसी चालक (conductor) के माध्यम से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो उस चालक का प्रतिरोध (resistance) क्या निर्धारित करता है?
- (a) विद्युत धारा के प्रवाह को सीमित करना
- (b) विद्युत धारा को बढ़ाना
- (c) विद्युत धारा को समाप्त करना
- (d) विद्युत धारा की दिशा बदलना
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी चालक का प्रतिरोध उस गुण का माप है जो विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करता है। ओम के नियम (V=IR) के अनुसार, प्रतिरोध (R) वोल्टेज (V) और धारा (I) के बीच संबंध स्थापित करता है।
व्याख्या (Explanation): उच्च प्रतिरोध वाले पदार्थ धारा को आसानी से प्रवाहित नहीं होने देते, जबकि कम प्रतिरोध वाले पदार्थ आसानी से धारा को प्रवाहित होने देते हैं। प्रतिरोध विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में भी बदल सकता है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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मानव शरीर में, विभिन्न ग्रंथियाँ (glands) जो हार्मोन (hormones) का उत्पादन करती हैं, वे किस तंत्र (system) का हिस्सा हैं?
- (a) तंत्रिका तंत्र (Nervous system)
- (b) पाचन तंत्र (Digestive system)
- (c) अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine system)
- (d) कंकाल तंत्र (Skeletal system)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine system) ग्रंथियों का एक नेटवर्क है जो शरीर के विभिन्न कार्यों को विनियमित करने के लिए हार्मोन का स्राव करता है।
व्याख्या (Explanation): हार्मोन रक्तप्रवाह के माध्यम से यात्रा करते हैं और विशिष्ट लक्ष्य ऊतकों या अंगों पर कार्य करते हैं, जिससे वृद्धि, चयापचय, प्रजनन और मनोदशा जैसे विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित किया जाता है। तंत्रिका तंत्र तंत्रिका आवेगों का उपयोग करता है, पाचन तंत्र भोजन को पचाता है, और कंकाल तंत्र शरीर को संरचना और सहारा देता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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इलेक्ट्रॉन (electron) की खोज किसने की थी, जो परमाणु का एक ऋणात्मक रूप से आवेशित कण है?
- (a) अर्नेस्ट रदरफोर्ड
- (b) जे.जे. थॉमसन
- (c) जॉन डाल्टन
- (d) नील्स बोर
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जे.जे. थॉमसन ने 1897 में कैथोड किरणों के साथ प्रयोगों के माध्यम से इलेक्ट्रॉन की खोज की थी, यह प्रदर्शित करते हुए कि ये किरणें नकारात्मक रूप से आवेशित कणों से बनी होती हैं।
व्याख्या (Explanation): थॉमसन ने “प्लम पुडिंग मॉडल” का प्रस्ताव दिया, जिसमें उन्होंने माना कि इलेक्ट्रॉन परमाणु के भीतर वितरित होते हैं, जैसे कि पुडिंग में किशमिश। रदरफोर्ड ने नाभिक की खोज की, डाल्टन ने परमाणु सिद्धांत दिया, और बोर ने परमाणु मॉडल पेश किया।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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ध्वनि (sound) किस प्रकार की तरंग (wave) है?
- (a) अनुप्रस्थ तरंग (Transverse wave)
- (b) विद्युत चुम्बकीय तरंग (Electromagnetic wave)
- (c) अनुदैर्ध्य तरंग (Longitudinal wave)
- (d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ध्वनि एक अनुदैर्ध्य तरंग है, जिसका अर्थ है कि माध्यम के कण ध्वनि के प्रसार की दिशा के समानांतर आगे-पीछे कंपन करते हैं।
व्याख्या (Explanation): ध्वनि को यात्रा करने के लिए एक माध्यम (जैसे हवा, पानी, या ठोस) की आवश्यकता होती है। प्रकाश जैसी विद्युत चुम्बकीय तरंगें निर्वात में भी यात्रा कर सकती हैं और अनुप्रस्थ होती हैं। अनुप्रस्थ तरंगों में, माध्यम के कण तरंग के प्रसार की दिशा के लंबवत कंपन करते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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निम्नलिखित में से कौन सा एक उभयलिंगी (hermaphrodite) जीव है, जिसमें नर और मादा दोनों प्रजनन अंग होते हैं?
- (a) मेंढक
- (b) मछली
- (c) केंचुआ (Earthworm)
- (d) तितली
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उभयलिंगी जीव वे होते हैं जिनमें एक ही जीव में नर और मादा दोनों प्रजनन अंग होते हैं। केंचुआ इस श्रेणी में आते हैं।
व्याख्या (Explanation): हालांकि केंचुओं में नर और मादा दोनों अंग होते हैं, वे आम तौर पर निषेचन (fertilization) के लिए क्रॉस-फर्टिलाइजेशन (cross-fertilization) करते हैं, जहाँ दो केंचुए एक-दूसरे के शुक्राणु का आदान-प्रदान करते हैं। मेंढक, अधिकांश मछलियाँ और तितलियाँ एकलिंगी (unisexual) होती हैं, जिनमें अलग-अलग नर और मादा जीव होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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किसी वस्तु की गति को उसकी गति (speed) और दिशा (direction) दोनों से परिभाषित किया जाता है। इसे क्या कहते हैं?
- (a) त्वरण (Acceleration)
- (b) वेग (Velocity)
- (c) संवेग (Momentum)
- (d) विस्थापन (Displacement)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): वेग (Velocity) एक सदिश राशि (vector quantity) है जो वस्तु की गति की दर और उसके गति की दिशा दोनों को बताती है। गति (Speed) एक अदिश राशि (scalar quantity) है जो केवल दर बताती है।
व्याख्या (Explanation): उदाहरण के लिए, 10 मीटर/सेकंड की गति से पूर्व की ओर चलना वेग है, जबकि केवल 10 मीटर/सेकंड की गति से चलना गति है। त्वरण वह दर है जिस पर वेग बदलता है। संवेग द्रव्यमान और वेग का गुणनफल है। विस्थापन एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक सीधी रेखा में दूरी है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला विटामिन कौन सा है?
- (a) विटामिन सी
- (b) विटामिन डी
- (c) विटामिन ए
- (d) विटामिन बी12
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विटामिन डी, सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर त्वचा में संश्लेषित होता है, जो कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। अप्रत्यक्ष रूप से, यह चयापचय दर और ऊर्जा उत्पादन को प्रभावित करके शरीर के तापमान विनियमन में भी भूमिका निभाता है। हालाँकि, यह सीधे तापमान नियंत्रण का प्राथमिक विटामिन नहीं है। (यहां एक सूक्ष्म अंतर है, तापमान विनियमन मुख्य रूप से हाइपोथैलेमस द्वारा होता है, लेकिन विटामिन डी चयापचय के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देता है। अन्य विकल्पों में से, यह सबसे अधिक प्रासंगिक है।) नोट: इस प्रकार के प्रश्न परीक्षा में थोड़े भ्रामक हो सकते हैं, जहां “सीधे” बनाम “अप्रत्यक्ष” भूमिका पर विचार किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): वास्तव में, शरीर के तापमान का मुख्य नियामक हाइपोथैलेमस है, जो पसीने और कंपकंपी जैसी प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है। विटामिन डी कैल्शियम के चयापचय को विनियमित करता है, जो मांसपेशियों के कार्य के लिए महत्वपूर्ण है, जो अप्रत्यक्ष रूप से ऊर्जा उत्पादन और तापमान में योगदान कर सकता है। हालाँकि, विटामिन बी समूह के कुछ विटामिन (जैसे बी1, बी2, बी3) चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और ऊर्जा उत्पादन से जुड़े होते हैं, जो तापमान को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन दिए गए विकल्पों में से, विटामिन डी सबसे अधिक संबंधित है। (यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि तापमान विनियमन का विटामिन से सीधा संबंध कम है।) अधिक सटीक प्रश्न पर विचार किया जाना चाहिए।
**अद्यतन स्पष्टीकरण:** आम तौर पर, तापमान विनियमन को सीधे किसी एक विटामिन से नहीं जोड़ा जाता है। हालांकि, चयापचय (जो ऊर्जा उत्पादन और गर्मी उत्पन्न करता है) के लिए बी विटामिन आवश्यक हैं। यदि हमें दिए गए विकल्पों में से चुनना है, तो यह प्रश्न उतना सटीक नहीं है। लेकिन आमतौर पर, शरीर की समग्र चयापचय क्रिया को बनाए रखने में B विटामिन (जैसे B1, B2, B3, B5) महत्वपूर्ण हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से तापमान को प्रभावित कर सकते हैं। दिए गए विकल्पों में से, विटामिन बी12 का भी चयापचय में भूमिका है। हालांकि, यह प्रश्न परीक्षा के संदर्भ में थोड़ा अस्पष्ट है। यदि हम “ऊर्जा उत्पादन” को अप्रत्यक्ष रूप से तापमान से जोड़ते हैं, तो बी विटामिन अधिक प्रासंगिक होंगे। लेकिन दिए गए विकल्पों में केवल विटामिन बी12 ही बी समूह का है।
यह मानते हुए कि प्रश्न चयापचय से संबंधित ऊर्जा उत्पादन को इंगित कर रहा है, तो बी विटामिन (विशेषकर B1, B2, B3) सबसे प्रासंगिक होंगे। चूंकि विकल्पों में केवल B12 है, और इसका भी चयापचय में महत्व है, हम इसे चुन सकते हैं।
अंतिम निर्णय: दिए गए विकल्पों के आधार पर, सबसे उपयुक्त उत्तर (d) विटामिन बी12 हो सकता है, क्योंकि यह चयापचय और ऊर्जा उत्पादन में भूमिका निभाता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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एक उत्तल लेंस (convex lens) द्वारा बनने वाली वास्तविक (real) और उल्टी (inverted) छवि के बारे में निम्नलिखित में से क्या सत्य है?
- (a) यह हमेशा वस्तु से छोटी होती है।
- (b) यह हमेशा वस्तु से बड़ी होती है।
- (c) यह वस्तु के आकार के बराबर, छोटी या बड़ी हो सकती है।
- (d) यह हमेशा वस्तु के समान आकार की होती है।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उत्तल लेंस द्वारा बनने वाली वास्तविक और उल्टी छवि का आकार वस्तु की स्थिति पर निर्भर करता है। यह वस्तु के आकार से छोटी, समान या बड़ी हो सकती है।
व्याख्या (Explanation): जब वस्तु अनंत पर होती है, तो छवि छोटी और बिंदु आकार की बनती है। जब वस्तु 2F से परे होती है, तो छवि छोटी और उल्टी बनती है। जब वस्तु 2F पर होती है, तो छवि समान आकार की और उल्टी बनती है। जब वस्तु F और 2F के बीच होती है, तो छवि बड़ी और उल्टी बनती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर में, निम्नलिखित में से कौन सा अंग पाचन तंत्र का हिस्सा नहीं है?
- (a) पेट (Stomach)
- (b) छोटी आंत (Small intestine)
- (c) यकृत (Liver)
- (d) फेफड़े (Lungs)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पाचन तंत्र वह अंग प्रणाली है जो भोजन को छोटे, अवशोषित करने योग्य अणुओं में तोड़ती है। इसमें मुख, ग्रसिका, पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत, मलाशय और गुदा शामिल हैं। यकृत (पित्त उत्पादन के माध्यम से) और अग्न्याशय (पाचक एंजाइमों का उत्पादन) भी पाचन में सहायक अंग हैं।
व्याख्या (Explanation): फेफड़े श्वसन तंत्र का हिस्सा हैं और गैसों (ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड) के आदान-प्रदान के लिए जिम्मेदार हैं। वे सीधे पाचन प्रक्रिया में शामिल नहीं होते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।