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बिहार भर्ती के दौरान दरिंदगी: जब विश्वास, सुरक्षा और न्याय पर उठा सवाल

बिहार भर्ती के दौरान दरिंदगी: जब विश्वास, सुरक्षा और न्याय पर उठा सवाल

चर्चा में क्यों? (Why in News?):** हाल ही में बिहार में होमगार्ड भर्ती प्रक्रिया के दौरान हुई एक अत्यंत ही दुखद और चिंताजनक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। एक युवती, जो शारीरिक दक्षता परीक्षा (Physical Efficiency Test – PET) के दौरान बेहोश हो गई थी, उसे एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाने के दौरान कथित तौर पर गैंगरेप का शिकार होना पड़ा। यह घटना न केवल व्यक्तिगत स्तर पर एक गंभीर अपराध है, बल्कि यह महिला सुरक्षा, सरकारी प्रक्रियाओं की जवाबदेही और समाज की नैतिकता पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। यह मामला, जो बिहार से जुड़ा है, UPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण, सार्वजनिक सुरक्षा और शासन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।

घटना का विस्तृत विश्लेषण: एक भयानक कृत्य के पीछे की परतें

यह घटना एक सामान्य दिन की नहीं थी, बल्कि एक सरकारी भर्ती अभियान का हिस्सा थी, जो लोगों को सेवा का अवसर देने के लिए आयोजित किया गया था।:

  • भर्ती अभियान: बिहार में होमगार्ड के पदों के लिए बड़ी संख्या में युवा भाग ले रहे थे, जो रोज़गार का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
  • शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET): इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा PET है, जिसमें उम्मीदवारों की शारीरिक फिटनेस का परीक्षण किया जाता है।
  • बेहोशी: इसी PET के दौरान, भीड़, गर्मी और तनाव के कारण कई अभ्यर्थी, विशेषकर महिलाएं, शारीरिक रूप से कमजोर महसूस करती हैं। इस मामले में, एक युवती बेहोश हो गई।
  • एम्बुलेंस का उपयोग: बेहोश युवती को तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए एक एम्बुलेंस में ले जाया गया। यह कदम सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य पीड़ित को जल्द से जल्द सुरक्षित और चिकित्सा सुविधा प्रदान करना था।
  • कथित गैंगरेप: यहीं पर सबसे भयानक मोड़ आता है। एम्बुलेंस, जो सुरक्षा और सहायता का प्रतीक होनी चाहिए थी, कथित तौर पर एक ऐसे अपराध का गवाह बनी जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया। युवती के साथ एम्बुलेंस के भीतर ही सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया गया है।

UPSC के दृष्टिकोण से प्रासंगिकता: किन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें?

यह घटना, हालांकि स्थानीय है, UPSC सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करती है। एक IAS अधिकारी या सरकारी सेवक के रूप में, आपको ऐसी घटनाओं के सामाजिक, प्रशासनिक और नैतिक आयामों को समझना होगा।:

1. महिला सुरक्षा और अधिकार (GS-I, GS-II, GS-IV)

  • बालिका शिक्षा और महिला सशक्तिकरण: भर्ती अभियान में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि उनकी सुरक्षा सर्वोपरि हो।
  • महिलाओं के विरुद्ध अपराध: यौन अपराध, विशेष रूप से सार्वजनिक स्थानों या सरकारी प्रक्रियाओं के दौरान होने वाले अपराध, महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा पर सीधा हमला हैं।
  • कानूनी ढांचा: भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत यौन अपराधों से संबंधित धाराएं (जैसे 376, 376AB, 376D) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) जैसे कानून।
  • सरकारी नीतियां: महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार की विभिन्न योजनाएं और पहलें, जैसे ‘महिला हेल्पलाईन’, ‘निर्भया फंड’, ‘वन स्टॉप सेंटर’।
  • नैतिकता और सामाजिक मूल्य: समाज के नैतिक पतन का यह एक उदाहरण है, जो सार्वजनिक स्थानों पर भी महिलाओं की असुरक्षा को दर्शाता है।

2. शासन और सार्वजनिक व्यवस्था (GS-II)

  • भर्ती प्रक्रियाओं की सुरक्षा: सरकारी भर्ती परीक्षाओं के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कैसी होनी चाहिए? क्या पर्याप्त सावधानी बरती गई थी?
  • जवाबदेही: इस कृत्य के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या आयोजकों, सुरक्षा कर्मियों या एम्बुलेंस स्टाफ की कोई भूमिका थी?
  • प्रशासनिक चूक: क्या निगरानी तंत्र में कोई कमी थी? एम्बुलेंस जैसी संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए?
  • आपातकालीन सेवाओं का दुरुपयोग: एम्बुलेंस को केवल चिकित्सा सहायता के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए, लेकिन इस मामले में यह एक अपराध स्थल बन गई।
  • पुलिस और न्यायपालिका की भूमिका: ऐसे मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने में पुलिस की जांच और न्यायपालिका की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

3. सामाजिक मुद्दे और जन कल्याण (GS-I, GS-II)

  • सामाजिक सुरक्षा: कमजोर वर्गों, विशेषकर महिलाओं, की सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए?
  • जागरूकता और शिक्षा: ऐसे अपराधों के खिलाफ समाज में जागरूकता बढ़ाना और पीड़ित महिलाओं को सहायता प्रदान करना।
  • मानसिक स्वास्थ्य: ऐसे अनुभवों से गुजरने वाली महिलाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता का महत्व।
  • जनता का विश्वास: सरकारी प्रक्रियाओं पर जनता का विश्वास बनाए रखना, विशेषकर उन प्रक्रियाओं में जहाँ महिलाएं बड़ी संख्या में भाग लेती हैं।

4. मीडिया की भूमिका और जनमत (GS-II)

  • संवेदनशील रिपोर्टिंग: मीडिया का दायित्व है कि वह ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग संवेदनशील तरीके से करे, पीड़ित की गरिमा का ध्यान रखे और सनसनी फैलाने से बचे।
  • जनमत निर्माण: मीडिया समाज में जागरूकता फैलाने और सरकार पर कार्रवाई का दबाव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • सोशल मीडिया का प्रभाव: सोशल मीडिया भी जनमत को प्रभावित करने और त्वरित प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करने में सहायक होता है।

कारण और प्रभाव: क्यों हुई ऐसी भयावह घटना?

इस घटना के पीछे कई कारण हो सकते हैं, और उनके दूरगामी प्रभाव होंगे:

संभावित कारण:

  • सुरक्षा व्यवस्था की कमी: भर्ती स्थलों पर पर्याप्त महिला पुलिस कर्मियों, निगरानी कैमरों या सुरक्षा कर्मियों की अनुपस्थिति।
  • जागरूकता की कमी: एम्बुलेंस स्टाफ या भर्ती प्रक्रिया में शामिल अन्य लोगों में यौन अपराधों के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता की कमी।
  • अवसरवादी अपराध: कुछ तत्वों द्वारा सरकारी प्रक्रियाओं की अव्यवस्था का फायदा उठाकर अपराध करना।
  • नैतिक पतन: समाज में व्याप्त नैतिक गिरावट, जहाँ कुछ व्यक्ति दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाने से नहीं हिचकिचाते।
  • प्रशासनिक ढिलाई: भीड़ प्रबंधन, महिला अभ्यर्थियों की निगरानी और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण और संसाधनों का अभाव।

प्रभाव:

  • महिलाओं का भय: ऐसी घटनाओं से महिलाओं का सार्वजनिक स्थानों और सरकारी प्रक्रियाओं में भाग लेने का आत्मविश्वास कम हो सकता है।
  • सरकारी प्रक्रियाओं पर अविश्वास: जनता का सरकारी संस्थानों और उनकी कार्यप्रणाली पर से विश्वास उठ सकता है।
  • सामाजिक अशांति: नागरिकों में रोष और हताशा फैल सकती है, जिससे सामाजिक अशांति पैदा हो सकती है।
  • जांच और न्याय में देरी: ऐसे जटिल मामलों में जांच और न्याय मिलने में देरी हो सकती है, जिससे न्याय व्यवस्था पर सवाल उठ सकते हैं।
  • भर्ती कार्यक्रमों पर असर: भविष्य में ऐसे भर्ती कार्यक्रमों का आयोजन मुश्किल हो सकता है, या सुरक्षा के नाम पर अत्यधिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

चुनौतियाँ और आगे की राह: समाधान कैसे खोजें?

इस प्रकार की घटनाओं से निपटना और भविष्य में इन्हें रोकना एक बहुआयामी चुनौती है, जिसके लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।:

चुनौतियाँ:

  • सबूत इकट्ठा करना: अपराध के बाद सबूतों को सुरक्षित रखना और न्यायसंगत जांच सुनिश्चित करना।
  • सक्रिय भागीदारी: पीड़ित या गवाहों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करना, खासकर जब वे भयभीत हों।
  • संवेदनशील जांच: पुलिस और न्यायपालिका को मामले की संवेदनशीलता को समझना और त्वरित, निष्पक्ष कार्रवाई करना।
  • प्रशासनिक सुधार: भर्ती प्रक्रियाओं में सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करना।
  • समाज में जागरूकता: यौन अपराधों के प्रति समाज की मानसिकता को बदलना और पीड़ितों को समर्थन देना।

आगे की राह:

  1. सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करें:
    • भर्ती स्थलों पर महिला पुलिस कर्मियों की पर्याप्त तैनाती।
    • प्रत्येक क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों का अनिवार्य उपयोग।
    • एम्बुलेंस में यात्रा के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड या निगरानी की व्यवस्था।
    • सुरक्षा कर्मियों को महिला अभ्यर्थियों के प्रति संवेदनशील होने का प्रशिक्षण।
  2. जागरूकता और संवेदनशीलता प्रशिक्षण:
    • सभी सरकारी कर्मचारियों, विशेषकर जो जनता के साथ सीधे संपर्क में आते हैं, को यौन अपराधों और महिला सुरक्षा पर प्रशिक्षित करना।
    • एम्बुलेंस स्टाफ को महिलाओं के प्रति संवेदनशील और जिम्मेदार व्यवहार का प्रशिक्षण देना।
  3. त्वरित न्याय प्रणाली:
    • ऐसे मामलों के लिए विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थापना।
    • पुलिस जांच में तेजी लाना और प्रभावी अभियोजन सुनिश्चित करना।
  4. पीड़ितों के लिए सहायता:
    • पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता प्रदान करना।
    • ‘वन स्टॉप सेंटर’ जैसी सुविधाओं को सुदृढ़ करना।
    • पीड़ितों की पहचान की गोपनीयता बनाए रखना।
  5. सामाजिक सहभागिता:
    • स्कूलों और कॉलेजों में यौन शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम चलाना।
    • पुरुषों को महिलाओं के प्रति सम्मान और सहृदयता सिखाना।
    • सार्वजनिक अभियानों के माध्यम से चुप्पी तोड़ना।
  6. प्रौद्योगिकी का उपयोग:
    • सुरक्षा निगरानी के लिए ड्रोन या अन्य उन्नत तकनीकों का उपयोग।
    • आपातकालीन सहायता के लिए एक एकीकृत ऐप या हेल्पलाइन नंबर।

निष्कर्ष: विश्वास को फिर से बनाना

बिहार में हुई यह भयावह घटना एक चेतावनी है, एक गंभीर संकेत है कि हमें अपनी सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक मूल्यों को लेकर अधिक सजग रहने की आवश्यकता है। यह केवल एक घटना नहीं है, बल्कि उन लाखों महिलाओं के डर और अनिश्चितता का प्रतीक है जो हर दिन सार्वजनिक स्थानों पर असुरक्षित महसूस करती हैं। UPSC परीक्षा की तैयारी करते समय, इस घटना को केवल एक समाचार के रूप में न देखें, बल्कि इसे शासन, सामाजिक न्याय और मानवीय गरिमा के मुद्दों पर एक केस स्टडी के रूप में समझें। एक भावी प्रशासक के तौर पर, आपका कर्तव्य होगा कि आप ऐसी घटनाओं को रोकने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं, ताकि समाज में सुरक्षा, विश्वास और गरिमा का वातावरण फिर से स्थापित हो सके।

UPSC परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न (Practice Questions for UPSC Exam)

प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) – 10 MCQs

  1. प्रश्न 1: हाल की एक घटना में, बिहार में होमगार्ड भर्ती प्रक्रिया के दौरान एक महिला बेहोश होने के बाद एम्बुलेंस में कथित तौर पर गैंगरेप का शिकार हुई। यह घटना किस भारतीय कानून के तहत एक गंभीर अपराध है?

    a) भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 304B (दहेज हत्या)

    b) भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 376 (बलात्कार) और 376D (सामूहिक बलात्कार)

    c) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980

    d) सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005

    उत्तर: b) भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 376 (बलात्कार) और 376D (सामूहिक बलात्कार)

    व्याख्या: भारतीय दंड संहिता की धारा 376 बलात्कार के अपराध से संबंधित है, जबकि धारा 376D विशेष रूप से सामूहिक बलात्कार के अपराध को परिभाषित करती है, जो इस मामले से सबसे अधिक प्रासंगिक है।
  2. प्रश्न 2: इस घटना के संदर्भ में, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित की गई प्रमुख पहलों में से एक कौन सी है?

    a) प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

    b) बेटी बचाओ, बेटी पढाओ

    c) उज्ज्वला योजना

    d) राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन

    उत्तर: b) बेटी बचाओ, बेटी पढाओ

    व्याख्या: ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ (BBBP) एक एकीकृत पहल है जिसका उद्देश्य भारत में बालिकाओं के अस्तित्व, सुरक्षा और शिक्षा को सुनिश्चित करना है। यद्यपि यह सीधे तौर पर सार्वजनिक भर्ती में सुरक्षा से संबंधित नहीं है, यह महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के व्यापक सरकारी एजेंडे का हिस्सा है।
  3. प्रश्न 3: सरकारी भर्ती अभियानों के दौरान महिला अभ्यर्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित में से कौन सा एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है?

    1. भर्ती स्थलों पर पर्याप्त महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती।

    2. महिला अभ्यर्थियों के लिए अलग से विश्राम कक्षों की व्यवस्था।

    3. सभी क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों का अनिवार्य उपयोग।
    उपरोक्त सभी

    उत्तर: d) उपरोक्त सभी

    व्याख्या: तीनों ही बिंदु भर्ती अभियानों के दौरान महिला अभ्यर्थियों की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं।
  4. प्रश्न 4: ‘वन स्टॉप सेंटर’ (OSH) योजना, जिसे ‘सखी’ केंद्र के नाम से भी जाना जाता है, का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?

    a) बाल विवाह रोकना

    b) महिलाओं के खिलाफ हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एकीकृत सहायता प्रदान करना

    c) ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना

    d) महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता देना

    उत्तर: b) महिलाओं के खिलाफ हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एकीकृत सहायता प्रदान करना

    व्याख्या: ‘वन स्टॉप सेंटर’ महिलाओं को चिकित्सा, कानूनी, पुलिस सहायता और परामर्श जैसी एक ही छत के नीचे व्यापक सहायता प्रदान करते हैं।
  5. प्रश्न 5: महिलाओं के विरुद्ध होने वाले यौन अपराधों से निपटने के लिएIPC की कौन सी धारा विशेष रूप से सामूहिक बलात्कार को संबोधित करती है?

    a) धारा 376

    b) धारा 376A

    c) धारा 376D

    d) धारा 377

    उत्तर: c) धारा 376D

    व्याख्या: IPC की धारा 376D सामूहिक बलात्कार के अपराध को परिभाषित करती है।
  6. प्रश्न 6: भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद सभी नागरिकों को समानता का अधिकार और भेदभाव के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करता है?

    a) अनुच्छेद 14

    b) अनुच्छेद 15

    c) अनुच्छेद 16

    d) अनुच्छेद 21

    उत्तर: b) अनुच्छेद 15

    व्याख्या: अनुच्छेद 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव को प्रतिबंधित करता है।
  7. प्रश्न 7: ‘निर्भया फंड’ का गठन किस उद्देश्य से किया गया था?

    a) महिलाओं के कौशल विकास के लिए

    b) महिलाओं की सुरक्षा और सुरक्षा से संबंधित पहलों के लिए

    c) महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए

    d) बालिकाओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए

    उत्तर: b) महिलाओं की सुरक्षा और सुरक्षा से संबंधित पहलों के लिए

    व्याख्या: निर्भया फंड की स्थापना महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं और पहलों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी।
  8. प्रश्न 8: निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘शासन’ (Governance) के संदर्भ में सत्य है?

    1. शासन में केवल सरकारी संस्थाएं शामिल होती हैं।

    2. प्रभावी शासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और जन भागीदारी महत्वपूर्ण तत्व हैं।

    3. शासन का उद्देश्य केवल कानून और व्यवस्था बनाए रखना है।

    a) केवल 1

    b) केवल 2

    c) केवल 1 और 3

    d) 1, 2 और 3

    उत्तर: b) केवल 2

    व्याख्या: प्रभावी शासन में केवल सरकार ही नहीं, बल्कि नागरिक समाज और निजी क्षेत्र भी शामिल हो सकते हैं। पारदर्शिता, जवाबदेही और जन भागीदारी इसके मुख्य स्तंभ हैं।
  9. प्रश्न 9: इस घटना से जुड़ा ‘सार्वजनिक सुरक्षा’ (Public Safety) का क्या अर्थ है?

    a) केवल सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा

    b) समाज के सभी वर्गों के व्यक्तियों की शारीरिक और मानसिक सुरक्षा सुनिश्चित करना

    c) केवल आर्थिक सुरक्षा

    d) केवल राष्ट्रीय सुरक्षा

    उत्तर: b) समाज के सभी वर्गों के व्यक्तियों की शारीरिक और मानसिक सुरक्षा सुनिश्चित करना

    व्याख्या: सार्वजनिक सुरक्षा का व्यापक अर्थ समाज में सभी व्यक्तियों की सामान्य सुरक्षा से है।
  10. प्रश्न 10: यदि आप एक जिलाधीश होते और ऐसी घटना आपके जिले में होती, तो आपकी तत्काल प्रतिक्रिया में क्या शामिल होता?

    1. अपराध की तत्काल FIR दर्ज कराना और निष्पक्ष जांच का आदेश देना।

    2. पीड़ित को तत्काल चिकित्सा और कानूनी सहायता सुनिश्चित करना।

    3. घटना की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति गठित करना।

    a) केवल 1

    b) केवल 1 और 2

    c) केवल 2 और 3

    d) 1, 2 और 3

    उत्तर: d) 1, 2 और 3

    व्याख्या: एक जिलाधीश के तौर पर, तत्काल कानूनी कार्रवाई, पीड़ित की सहायता और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासनिक सुधारों की शुरुआत करना आपकी प्राथमिकता होगी।

मुख्य परीक्षा (Mains)

  1. प्रश्न 1: बिहार में हाल ही में हुई भयावह घटना के आलोक में, सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं के दौरान महिला अभ्यर्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक और सामाजिक उपायों की विस्तृत चर्चा करें। ‘शासन’ (Governance) के दृष्टिकोण से क्या सुधार आवश्यक हैं? (250 शब्द, 15 अंक)
  2. प्रश्न 2: यौन अपराधों से निपटने के लिए भारतीय कानूनी ढांचे (IPC और अन्य प्रासंगिक अधिनियम) का विश्लेषण करें। इस प्रकार के अपराधों के सामाजिक और नैतिक आयाम क्या हैं और उन्हें कम करने के लिए समाज की क्या भूमिका हो सकती है? (250 शब्द, 15 अंक)
  3. प्रश्न 3: महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के मुद्दे पर प्रकाश डालें। सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं और पहलों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। क्या वे पर्याप्त हैं? (250 शब्द, 15 अंक)
  4. प्रश्न 4: इस घटना से ‘जनता का विश्वास’ (Public Trust) और ‘प्रशासनिक जवाबदेही’ (Administrative Accountability) पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण करें। एक भावी प्रशासक के रूप में, आप इस विश्वास को कैसे बहाल करेंगे? (250 शब्द, 15 अंक)

सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
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