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प्राचीन टैटू से प्रेरित सामान्य विज्ञान के अभ्यास प्रश्न

प्राचीन टैटू से प्रेरित सामान्य विज्ञान के अभ्यास प्रश्न

परिचय: किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता की कुंजी निरंतर अभ्यास है। यह अभ्यास खंड आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित प्रश्नों के माध्यम से अपनी तैयारी को परखने का अवसर प्रदान करता है। प्राचीन टैटू जैसे सामयिक संकेत हमें विज्ञान के विभिन्न पहलुओं से जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं, और ये प्रश्न इसी भावना को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। आइए, अपनी ज्ञान की गहराई को इन प्रश्नों के माध्यम से मापें!


सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)

  1. निम्नलिखित में से कौन सी प्रक्रिया टैटू में उपयोग किए जाने वाले पिगमेंट को त्वचा में स्थिर करने के लिए जिम्मेदार है?

    • (a) परासरण (Osmosis)
    • (b) विसरण (Diffusion)
    • (c) सक्रिय परिवहन (Active Transport)
    • (d) एंडोसाइटोसिस (Endocytosis)

    उत्तर: (d)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एंडोसाइटोसिस एक कोशिकीय प्रक्रिया है जिसमें कोशिका झिल्ली बाहरी सामग्री को घेर कर एक पुटिका (vesicle) में समाहित कर लेती है।

    व्याख्या (Explanation): टैटू बनाते समय, सुई द्वारा इंजेक्ट किए गए पिगमेंट कणों को डर्मिस (त्वचा की मध्य परत) में मैक्रोफेज (एक प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका) द्वारा एंडोसाइटोसिस के माध्यम से ग्रहण कर लिया जाता है। यह प्रक्रिया पिगमेंट को त्वचा में स्थायी रूप से बांधने में मदद करती है। परासरण और विसरण कणों की गति को दर्शाते हैं, लेकिन यह विशिष्ट अंतर्ग्रहण तंत्र नहीं है। सक्रिय परिवहन ऊर्जा का उपयोग करके पदार्थों को ले जाता है, जो यहाँ प्राथमिक तंत्र नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (d) है।

  2. टैटू पिगमेंट के कण आकार की सीमा आमतौर पर कितनी होती है, जो त्वचा में अवक्षेपण (deposition) के लिए महत्वपूर्ण है?

    • (a) 1-10 नैनोमीटर
    • (b) 10-100 नैनोमीटर
    • (c) 100-1000 नैनोमीटर
    • (d) 1-10 माइक्रोमीटर

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कणों का आकार उनकी अवक्षेपण दर और प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा ग्रहण किए जाने की क्षमता को प्रभावित करता है।

    व्याख्या (Explanation): टैटू पिगमेंट के कण आमतौर पर 10 से 100 नैनोमीटर (nm) के बीच होते हैं। इस आकार के कण डर्मिस में प्रतिरक्षा कोशिकाओं, विशेष रूप से मैक्रोफेज, द्वारा आसानी से निगले जा सकते हैं, जिससे पिगमेंट त्वचा में स्थिर हो जाता है। बहुत छोटे कण (जैसे 1-10 nm) तेजी से समाप्त हो सकते हैं, जबकि बहुत बड़े कण (जैसे 100 nm से ऊपर) प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा प्रभावी ढंग से नहीं लिए जा सकते और सूजन पैदा कर सकते हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  3. टैटू में उपयोग किए जाने वाले कुछ पिगमेंट, जैसे कि कैडमियम सल्फाइड (CdS), प्रकाश के संपर्क में आने पर रंग बदल सकते हैं। यह घटना किस वैज्ञानिक सिद्धांत से संबंधित है?

    • (a) नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission)
    • (b) प्रकाश-रासायनिक अभिक्रिया (Photochemical Reaction)
    • (c) थर्मोकपल प्रभाव (Thermocouple Effect)
    • (d) इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेशन (Electrostatic Precipitation)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाएं वे रासायनिक अभिक्रियाएं होती हैं जो प्रकाश ऊर्जा द्वारा शुरू या तेज होती हैं।

    व्याख्या (Explanation): कैडमियम सल्फाइड (CdS) जैसे अर्धचालक (semiconductors) पदार्थों में प्रकाश-अवशोषण (photoabsorption) की प्रवृत्ति होती है। जब इन पर प्रकाश पड़ता है, तो वे ऊर्जा को अवशोषित करते हैं, जिससे उनके रासायनिक बंधों में परिवर्तन हो सकता है या इलेक्ट्रॉनिक अवस्थाएं उत्तेजित हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप रंग में परिवर्तन या अपघटन हो सकता है। यह प्रकाश-रासायनिक अभिक्रिया का एक उदाहरण है। नाभिकीय विखंडन परमाणु नाभिक का टूटना है, थर्मोकपल प्रभाव तापमान अंतर से विद्युत प्रवाह उत्पन्न करता है, और इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेशन कणों को आयनीकरण द्वारा अलग करता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  4. टैटू के स्याही में उपयोग होने वाले कार्बन ब्लैक (Carbon Black) का मुख्य रासायनिक घटक क्या है?

    • (a) सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO₂)
    • (b) कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃)
    • (c) शुद्ध कार्बन (C)
    • (d) टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): कार्बन ब्लैक एक बारीक विभाजित कार्बन पदार्थ है जो हाइड्रोकार्बन के अपूर्ण दहन से बनता है।

    व्याख्या (Explanation): कार्बन ब्लैक, जिसका उपयोग अक्सर टैटू स्याही में काले रंग के लिए किया जाता है, मुख्य रूप से शुद्ध कार्बन (C) से बना होता है। यह कार्बनिक पदार्थों के अनियंत्रित दहन से प्राप्त होता है। सिलिकॉन डाइऑक्साइड (रेत में पाया जाता है), कैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) और टाइटेनियम डाइऑक्साइड (एक सफेद वर्णक) के रासायनिक घटक कार्बन ब्लैक से भिन्न होते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  5. टैटू को स्थायी बनाने वाली त्वचा की परत का नाम क्या है?

    • (a) एपिडर्मिस (Epidermis)
    • (b) डर्मिस (Dermis)
    • (c) हाइपोडर्मिस (Hypodermis)
    • (d) स्ट्रेटम कॉर्नियम (Stratum Corneum)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): त्वचा की विभिन्न परतें अलग-अलग कार्य करती हैं; डर्मिस वह परत है जहां पिगमेंट जमा होता है।

    व्याख्या (Explanation): टैटू स्याही त्वचा की डर्मिस परत में इंजेक्ट की जाती है। एपिडर्मिस बाहरी परत है जो लगातार नवीनीकृत होती रहती है, इसलिए इस परत में डाले गए पिगमेंट समय के साथ हट जाते हैं। डर्मिस अधिक स्थिर होती है, और इसमें मौजूद मैक्रोफेज पिगमेंट को चारों ओर फैलाते हैं, जिससे टैटू स्थायी हो जाता है। हाइपोडर्मिस वसा ऊतक की एक परत है, और स्ट्रेटम कॉर्नियम एपिडर्मिस की सबसे बाहरी परत है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  6. टैटू स्याही में उपयोग होने वाले कुछ रंग (जैसे लाल, पीला) धातु के ऑक्साइड से प्राप्त होते हैं। निम्नलिखित में से कौन सा धातु ऑक्साइड आमतौर पर लाल रंग प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है?

    • (a) जिंक ऑक्साइड (ZnO)
    • (b) क्रोमियम ऑक्साइड (Cr₂O₃)
    • (c) आयरन (III) ऑक्साइड (Fe₂O₃)
    • (d) मैंगनीज डाइऑक्साइड (MnO₂)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विभिन्न धातु आयनों के इलेक्ट्रॉनिक संक्रमण (electronic transitions) विशिष्ट तरंग दैर्ध्य के प्रकाश को अवशोषित करते हैं, जिससे वे रंगीन दिखाई देते हैं।

    व्याख्या (Explanation): आयरन (III) ऑक्साइड (Fe₂O₃) एक सामान्य वर्णक है जो लाल रंग प्रदान करता है। जिंक ऑक्साइड (ZnO) आमतौर पर सफेद होता है, क्रोमियम ऑक्साइड (Cr₂O₃) हरा होता है, और मैंगनीज डाइऑक्साइड (MnO₂) काला या भूरा होता है। इसलिए, लाल रंग के लिए आयरन (III) ऑक्साइड का उपयोग किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  7. यदि कोई व्यक्ति टैटू कराने के बाद चुंबक के प्रति संवेदनशील प्रतिक्रिया प्रदर्शित करता है, तो संभवतः स्याही में निम्नलिखित में से कौन सा तत्व मौजूद हो सकता है?

    • (a) सोना (Au)
    • (b) चांदी (Ag)
    • (c) लोहा (Fe)
    • (d) तांबा (Cu)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): लौह-चुंबकीय (ferromagnetic) पदार्थ चुंबकीय क्षेत्र से दृढ़ता से आकर्षित होते हैं।

    व्याख्या (Explanation): लोहे (Fe) जैसे लौह-चुंबकीय पदार्थ चुंबकत्व प्रदर्शित करते हैं। यदि टैटू स्याही में लोहे के कण मौजूद हों, तो यह चुंबक के प्रति प्रतिक्रिया दिखा सकता है। सोना, चांदी और तांबा अनुचुंबकीय (paramagnetic) या प्रतिचुंबकीय (diamagnetic) होते हैं और चुंबक के प्रति बहुत कमजोर प्रतिक्रिया दिखाते हैं, जो आमतौर पर ध्यान देने योग्य नहीं होती।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  8. टैटू की स्याही में उपयोग किए जाने वाले कुछ फ्लोरोसेंट या नियॉन रंग (fluorescent or neon colors) किस सिद्धांत पर आधारित होते हैं?

    • (a) प्रदीप्ति (Phosphorescence)
    • (b) प्रतिदीप्ति (Fluorescence)
    • (c) प्रकाश-उत्सर्जन (Luminescence)
    • (d) विकिरण (Radiation)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रतिदीप्ति एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक पदार्थ प्रकाश को अवशोषित करता है और फिर उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर पर वापस आते समय एक अलग, अक्सर लंबी, तरंग दैर्ध्य के प्रकाश का उत्सर्जन करता है।

    व्याख्या (Explanation): फ्लोरोसेंट रंग प्रतिदीप्ति के सिद्धांत पर काम करते हैं। वे पराबैंगनी (UV) प्रकाश जैसे अदृश्य प्रकाश को अवशोषित करते हैं और फिर उसे दृश्यमान प्रकाश के रूप में उत्सर्जित करते हैं, जिससे वे विशेष रूप से उज्ज्वल दिखाई देते हैं। प्रदीप्ति तब होती है जब अवशोषित ऊर्जा तुरंत उत्सर्जित नहीं होती बल्कि एक निश्चित अवधि के लिए संग्रहित होती है। प्रकाश-उत्सर्जन एक व्यापक शब्द है, लेकिन प्रतिदीप्ति अधिक विशिष्ट है। विकिरण प्रकाश का उत्सर्जन है, लेकिन प्रतिदीप्ति एक विशिष्ट तंत्र है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  9. टैटू की प्रक्रिया के दौरान त्वचा को कीटाणुरहित करने के लिए आम तौर पर उपयोग किए जाने वाले अल्कोहल-आधारित घोल में कौन सा रासायनिक यौगिक सबसे आम सक्रिय घटक है?

    • (a) मेथनॉल (Methanol)
    • (b) इथेनॉल (Ethanol)
    • (c) आइसोप्रोपिल अल्कोहल (Isopropyl Alcohol)
    • (d) प्रोपेनॉल (Propanol)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): अल्कोहल अपने जीवाणुरोधी (antibacterial) और कीटाणुनाशक (antiseptic) गुणों के लिए जाने जाते हैं।

    व्याख्या (Explanation): आइसोप्रोपिल अल्कोहल (isopropyl alcohol), जिसे रबिंग अल्कोहल के नाम से भी जाना जाता है, टैटू पार्लरों और चिकित्सा सेटिंग्स में त्वचा को कीटाणुरहित करने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह प्रभावी रूप से बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों को मारता है। इथेनॉल का भी उपयोग किया जाता है, लेकिन आइसोप्रोपिल अल्कोहल अक्सर अधिक सामान्य होता है। मेथनॉल विषाक्त होता है और त्वचा पर उपयोग के लिए अनुशंसित नहीं है। प्रोपेनॉल भी उपयोग किया जाता है लेकिन आइसोप्रोपिल अल्कोहल जितना सामान्य नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  10. प्राचीन काल में टैटू बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली सुइयों में अक्सर किस धातु का प्रयोग होता था?

    • (a) एल्युमीनियम (Aluminum)
    • (b) तांबा (Copper)
    • (c) कांस्य (Bronze)
    • (d) चांदी (Silver)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्राचीन संस्कृतियों में उपलब्ध धातुएं और उनकी कार्यक्षमता निर्माण सामग्री के रूप में उनके उपयोग का निर्धारण करती थी।

    व्याख्या (Explanation): पुरातत्विक साक्ष्य बताते हैं कि प्राचीन संस्कृतियों में टैटू बनाने के लिए अक्सर हड्डी, पत्थर, या कांस्य (bronze) जैसी धातुओं से बनी सुइयों का उपयोग किया जाता था। कांस्य अपेक्षाकृत कठोर और टिकाऊ होता था, जो इसे सुई बनाने के लिए उपयुक्त बनाता था। एल्युमीनियम और चांदी उतने सामान्यतः उपयोग नहीं किए जाते थे, और तांबा (pure copper) अपेक्षाकृत नरम होता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  11. टैटू स्याही के वर्णक (pigments) को कणों को अवक्षेपित करने में कौन सी कोशिकाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं?

    • (a) लिम्फोसाइट्स (Lymphocytes)
    • (b) न्यूट्रोफिल (Neutrophils)
    • (c) मैक्रोफेज (Macrophages)
    • (d) एपिडर्मल कोशिकाएं (Epidermal Cells)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मैक्रोफेज फैगोसाइटोसिस (phagocytosis) नामक प्रक्रिया के माध्यम से बाहरी कणों और रोगजनकों को निगलने वाली प्रतिरक्षा कोशिकाएं हैं।

    व्याख्या (Explanation): जब टैटू स्याही त्वचा की डर्मिस में इंजेक्ट की जाती है, तो मैक्रोफेज, जो ऊतकों में स्थित प्रतिरक्षा कोशिकाएं हैं, पिगमेंट कणों को पहचानती हैं और उन्हें फैगोसाइटोसिस द्वारा निगल लेती हैं। यह प्रक्रिया पिगमेंट को त्वचा में स्थायी रूप से फंसाने और टैटू को टिकाऊ बनाने में मदद करती है। लिम्फोसाइट्स प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में अन्य भूमिकाएं निभाते हैं, न्यूट्रोफिल तीव्र सूजन से निपटते हैं, और एपिडर्मल कोशिकाएं त्वचा की बाहरी परत बनाती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  12. टैटू की प्रक्रिया के दौरान त्वचा को सुन्न करने के लिए कभी-कभी स्थानीय एनेस्थेटिक्स (local anesthetics) का उपयोग किया जाता है। स्थानीय एनेस्थेटिक्स मुख्य रूप से तंत्रिका संकेतों के संचरण को अवरुद्ध करके काम करते हैं। यह तंत्रिका संचरण किस आयन के प्रवाह से जुड़ा है?

    • (a) पोटेशियम आयन (K⁺)
    • (b) सोडियम आयन (Na⁺)
    • (c) कैल्शियम आयन (Ca²⁺)
    • (d) क्लोराइड आयन (Cl⁻)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तंत्रिका आवेगों का संचरण तंत्रिका झिल्ली में आयनों के प्रवाह, विशेष रूप से सोडियम आयनों के कारण होने वाले विध्रुवण (depolarization) पर निर्भर करता है।

    व्याख्या (Explanation): स्थानीय एनेस्थेटिक्स तंत्रिका कोशिकाओं के झिल्ली में स्थित वोल्टेज-गेटेड सोडियम चैनलों (voltage-gated sodium channels) को अवरुद्ध करके काम करते हैं। ये चैनल तंत्रिका आवेगों के प्रसार के लिए आवश्यक सोडियम आयनों (Na⁺) के प्रवेश को नियंत्रित करते हैं। सोडियम आयनों के प्रवाह को अवरुद्ध करने से, तंत्रिका आवेगों का संचरण रुक जाता है, जिससे सुन्नता आती है। पोटेशियम आयन आमतौर पर झिल्ली को पुन:ध्रुवीकृत (repolarize) करने में भूमिका निभाते हैं, कैल्शियम आयन न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज में शामिल होते हैं, और क्लोराइड आयन अवरोधक संकेतों में भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन सोडियम मुख्य वाहक है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  13. टैटू के निशान को हटाने की प्रक्रिया में अक्सर लेजर का उपयोग किया जाता है। लेजर प्रकाश पिगमेंट कणों को छोटे टुकड़ों में तोड़ने के लिए किस सिद्धांत का उपयोग करता है?

    • (a) फोटोटर्मोलिसिस (Photothermolysis)
    • (b) फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव (Photoelectric Effect)
    • (c) प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
    • (d) फोटॉनिक उत्सर्जन (Photonic Emission)

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): फोटोटर्मोलिसिस एक प्रक्रिया है जिसमें लेजर प्रकाश का उपयोग किसी ऊतक या कण को गर्मी द्वारा लक्षित करने और नष्ट करने के लिए किया जाता है, बिना आसपास के ऊतकों को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचाए।

    व्याख्या (Explanation): लेजर टैटू हटाना फोटोटर्मोलिसिस के सिद्धांत पर काम करता है। लेजर से निकलने वाली ऊर्जा को टैटू स्याही के कण अवशोषित करते हैं। यह अवशोषित ऊर्जा तेजी से गर्मी में परिवर्तित हो जाती है, जिससे पिगमेंट कणों का तेजी से विस्तार होता है और वे छोटे, प्रबंधनीय टुकड़ों में टूट जाते हैं। इन छोटे टुकड़ों को बाद में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा साफ कर दिया जाता है। फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव धातु की सतह से इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन है, प्रकाश संश्लेषण पौधे में ऊर्जा रूपांतरण है, और फोटॉनिक उत्सर्जन प्रकाश के कणों का उत्सर्जन है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  14. टैटू स्याही में उपयोग किए जाने वाले कुछ रंग, विशेष रूप से नीले और हरे रंग, निम्नलिखित में से किस धातु के यौगिक से प्राप्त किए जा सकते हैं?

    • (a) सोना (Gold)
    • (b) चांदी (Silver)
    • (c) तांबा (Copper)
    • (d) प्लेटिनम (Platinum)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): संक्रमण धातुएं (transition metals) अक्सर रंगीन यौगिक बनाती हैं क्योंकि उनके डी-इलेक्ट्रॉन (d-electrons) विभिन्न ऊर्जा स्तरों के बीच संक्रमण कर सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): तांबे के यौगिक, जैसे कॉपर सल्फेट (CuSO₄), अक्सर नीले और हरे रंग के होते हैं। प्राचीन और आधुनिक दोनों टैटू स्याही में नीले और हरे रंग के लिए तांबे के यौगिकों का उपयोग किया गया है। सोना (Au) का उपयोग सोने के कणों के रूप में लाल या बैंगनी रंग के लिए किया जा सकता है (जैसे रूबी ग्लास प्रभाव), चांदी (Ag) अक्सर पीले या भूरे रंग के लिए उपयोग की जाती है, और प्लेटिनम (Pt) आमतौर पर रंग के लिए उपयोग नहीं किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  15. टैटू बनाने के बाद त्वचा पर होने वाली सूजन और लालिमा का प्राथमिक कारण क्या है?

    • (a) एलर्जी प्रतिक्रिया
    • (b) यांत्रिक चोट
    • (c) रासायनिक जलन
    • (d) जीवाणु संक्रमण

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): त्वचा में किसी भी प्रकार की यांत्रिक प्रवेश या चोट स्थानीय भड़काऊ प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकती है।

    व्याख्या (Explanation): टैटू बनाने की प्रक्रिया में त्वचा में कई बार सुई चुभोई जाती है, जो कि त्वचा के लिए एक प्रकार की यांत्रिक चोट है। यह चोट शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रतिक्रिया को ट्रिगर करती है, जिसके परिणामस्वरूप सूजन, लालिमा और दर्द होता है। यह एक सामान्य और अपेक्षित प्रतिक्रिया है, न कि आवश्यक रूप से एलर्जी, जलन या संक्रमण। हालांकि, अगर उचित देखभाल न की जाए तो संक्रमण हो सकता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  16. टैटू स्याही को बाँझ (sterile) रखना क्यों महत्वपूर्ण है?

    • (a) ताकि स्याही त्वचा से बेहतर ढंग से चिपक सके।
    • (b) संक्रमण और रक्त-जनित रोगों के प्रसार को रोकने के लिए।
    • (c) ताकि रंग समय के साथ फीका न पड़े।
    • (d) ताकि स्याही त्वचा में गहराई तक प्रवेश कर सके।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): बाँझपन (Sterility) का अर्थ है सूक्ष्मजीवों की अनुपस्थिति, जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

    व्याख्या (Explanation): टैटू बनाने की प्रक्रिया में त्वचा में चीरा लगाया जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यदि टैटू स्याही बाँझ नहीं है, तो उसमें मौजूद बैक्टीरिया, वायरस या अन्य रोगजनक सीधे रक्तप्रवाह या ऊतकों में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे गंभीर संक्रमण, सेप्सिस या हेपेटाइटिस जैसे रक्त-जनित रोग हो सकते हैं। बाँझपन रंग के चिपकने, फीका पड़ने या प्रवेश करने की गहराई से संबंधित नहीं है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  17. हाइड्रोकार्बन श्रृंखला में कार्बन परमाणुओं की संख्या बढ़ने के साथ, उनके क्वथनांक (boiling point) पर क्या प्रभाव पड़ता है?

    • (a) घटता है
    • (b) बढ़ता है
    • (c) अपरिवर्तित रहता है
    • (d) पहले घटता है फिर बढ़ता है

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): वैन डेर वाल्स बल (Van der Waals forces) या लंदन बिखराव बल (London dispersion forces) जैसे अंतर-आणविक बल (intermolecular forces) अणु के आकार और सतह क्षेत्र के साथ बढ़ते हैं।

    व्याख्या (Explanation): हाइड्रोकार्बन श्रृंखला में कार्बन परमाणुओं की संख्या बढ़ने का अर्थ है कि अणु बड़ा होता है और उसका सतह क्षेत्र अधिक होता है। इससे अणुओं के बीच वैन डेर वाल्स बल मजबूत होते हैं। इन मजबूत बलों को तोड़ने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए क्वथनांक बढ़ जाता है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  18. धातुओं के संदर्भ में, ‘तन्यता’ (ductility) का क्या अर्थ है?

    • (a) किसी धातु को बिना टूटे तार में खींचने की क्षमता।
    • (b) किसी धातु को बिना टूटे पतली चादरों में पीटने की क्षमता।
    • (c) किसी धातु की सतह पर प्रकाश को परावर्तित करने की क्षमता।
    • (d) किसी धातु की ऊष्मा का संचालन करने की क्षमता।

    उत्तर: (a)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): तन्यता (Ductility) धातुओं के भौतिक गुणों में से एक है जो उन्हें विभिन्न आकृतियों में संसाधित करने की अनुमति देती है।

    व्याख्या (Explanation): तन्यता वह गुण है जो धातु को तार के रूप में खींचे जाने पर टूटने से रोकता है। ‘आघातवर्धनीयता’ (malleability) वह गुण है जो धातु को चादरों में पीटने की अनुमति देता है। प्रकाश का परावर्तन धात्विक चमक (metallic luster) है, और ऊष्मा का संचालन चालकता (conductivity) है।

    अतः, सही उत्तर (a) है।

  19. विद्युत सेल में, रासायनिक ऊर्जा को किस प्रकार की ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है?

    • (a) यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy)
    • (b) प्रकाश ऊर्जा (Light Energy)
    • (c) विद्युत ऊर्जा (Electrical Energy)
    • (d) ध्वनि ऊर्जा (Sound Energy)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): विद्युत सेल (जैसे बैटरी) एक उपकरण है जो विद्युत रासायनिक अभिक्रियाओं के माध्यम से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है।

    व्याख्या (Explanation): विद्युत सेल के अंदर होने वाली रेडॉक्स अभिक्रियाएं (redox reactions) रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं। यह विद्युत ऊर्जा फिर बाहरी सर्किट के माध्यम से प्रवाहित होती है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  20. एक लेंस की शक्ति (power of a lens) को कैसे परिभाषित किया जाता है?

    • (a) फोकस दूरी का वर्ग (Square of the focal length)
    • (b) फोकस दूरी का व्युत्क्रम (Reciprocal of the focal length)
    • (c) फोकस दूरी और वायुमंडल दाब का गुणनफल (Product of focal length and atmospheric pressure)
    • (d) फोकस दूरी और प्रकाश की तीव्रता का गुणनफल (Product of focal length and light intensity)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): लेंस की शक्ति (P) उसकी फोकस दूरी (f) के व्युत्क्रम के बराबर होती है, जब फोकस दूरी मीटर में व्यक्त की जाती है। सूत्र P = 1/f (मीटर में) है।

    व्याख्या (Explanation): लेंस की शक्ति यह मापती है कि लेंस प्रकाश किरणों को कितनी तीव्रता से अभिसरण (converge) या अपसरण (diverge) करता है। जितनी कम फोकस दूरी होगी, लेंस उतना ही शक्तिशाली होगा। इसलिए, शक्ति फोकस दूरी की व्युत्क्रम (reciprocal) होती है। शक्ति की इकाई डायोप्टर (Diopter) है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  21. सौर ऊर्जा को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए किस उपकरण का उपयोग किया जाता है?

    • (a) जनरेटर (Generator)
    • (b) ट्रांसफार्मर (Transformer)
    • (c) फोटोवोल्टेइक सेल (Photovoltaic Cell)
    • (d) कैपेसिटर (Capacitor)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): फोटोवोल्टेइक प्रभाव प्रकाश को सीधे विद्युत प्रवाह में परिवर्तित करता है।

    व्याख्या (Explanation): फोटोवोल्टेइक सेल, जिन्हें अक्सर सौर सेल कहा जाता है, प्रकाश ऊर्जा (फोटॉन) को सीधे विद्युत ऊर्जा (इलेक्ट्रॉन के प्रवाह) में परिवर्तित करते हैं। जनरेटर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है, ट्रांसफार्मर विद्युत वोल्टेज को बदलता है, और कैपेसिटर विद्युत आवेश को संग्रहीत करता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  22. लोहे को जंग लगने से बचाने के लिए उस पर जस्ते (zinc) की एक परत चढ़ाने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?

    • (a) इलेक्ट्रोप्लेटिंग (Electroplating)
    • (b) गैल्वनाइजेशन (Galvanization)
    • (c) एनोडाइजिंग (Anodizing)
    • (d) पॉलिशिंग (Polishing)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): गैल्वनाइजेशन एक धातु की सतह पर जस्ते (zinc) की एक सुरक्षात्मक परत चढ़ाने की प्रक्रिया है, जो संक्षारण (corrosion) से बचाती है।

    व्याख्या (Explanation): गैल्वनाइजेशन में, लोहे या स्टील को पिघले हुए जस्ते में डुबोया जाता है या विद्युत अपघटन (electrolysis) द्वारा उस पर जस्ते की परत चढ़ाई जाती है। जस्ता लोहे की तुलना में अधिक अभिक्रियाशील होता है, इसलिए यह स्वयं ऑक्सीकृत होकर लोहे को बचा लेता है। इलेक्ट्रोप्लेटिंग किसी भी धातु की परत चढ़ाना हो सकता है, एनोडाइजिंग एल्यूमीनियम जैसी धातुओं की सतह पर ऑक्साइड की परत बनाना है, और पॉलिशिंग केवल सतह को चिकना बनाना है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  23. निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘ऊष्मागतिकी का दूसरा नियम’ (Second Law of Thermodynamics) का सबसे अच्छा वर्णन करता है?

    • (a) ऊर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, केवल परिवर्तित किया जा सकता है।
    • (b) किसी भी बंद प्रणाली की एन्ट्रॉपी (entropy) समय के साथ हमेशा बढ़ती है या स्थिर रहती है।
    • (c) जब दो प्रणालियाँ किसी तीसरी प्रणाली के साथ थर्मल संतुलन में होती हैं, तो वे एक दूसरे के साथ थर्मल संतुलन में होती हैं।
    • (d) पूर्ण शून्य (absolute zero) पर किसी भी पूर्ण क्रिस्टलीय पदार्थ की एन्ट्रॉपी शून्य होती है।

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): ऊष्मागतिकी का दूसरा नियम अव्यवस्था (disorder) की वृद्धि की ओर इशारा करता है, जिसे एन्ट्रॉपी द्वारा मापा जाता है।

    व्याख्या (Explanation): ऊष्मागतिकी का दूसरा नियम बताता है कि प्राकृतिक प्रक्रियाओं में, कुल एन्ट्रॉपी (सिस्टम और उसके परिवेश की अव्यवस्था का माप) या तो बढ़ती है या स्थिर रहती है; यह कभी घटती नहीं है। यह दर्शाता है कि ऊर्जा रूपांतरण हमेशा 100% कुशल नहीं होते हैं और कुछ ऊर्जा अव्यवस्थित हो जाती है। कथन (a) ऊष्मागतिकी का पहला नियम है। कथन (c) ऊष्मागतिकी का शून्यवाँ नियम (Zeroth Law) है। कथन (d) ऊष्मागतिकी का तीसरा नियम (Third Law) है।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

  24. जीवित कोशिकाओं में ऊर्जा के मुख्य स्रोत के रूप में उपयोग की जाने वाली प्राथमिक अणु (molecule) कौन सी है?

    • (a) डीएनए (DNA)
    • (b) आरएनए (RNA)
    • (c) एटीपी (ATP)
    • (d) प्रोटीन (Proteins)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) को “कोशिका की ऊर्जा मुद्रा” (energy currency of the cell) कहा जाता है क्योंकि यह चयापचय प्रतिक्रियाओं के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।

    व्याख्या (Explanation): एटीपी (ATP) एक न्यूक्लियोटाइड है जिसमें फॉस्फेट बंधों में संग्रहीत उच्च-ऊर्जा वाले रसायन होते हैं। जब ये बंध टूटते हैं (हाइड्रोलिसिस), तो ऊर्जा मुक्त होती है जिसका उपयोग कोशिका के विभिन्न कार्यों, जैसे मांसपेशियों का संकुचन, तंत्रिका आवेगों का संचरण और रासायनिक संश्लेषण के लिए किया जाता है। डीएनए और आरएनए आनुवंशिक जानकारी ले जाते हैं, और प्रोटीन संरचनात्मक या एंजाइमेटिक कार्य करते हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  25. प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया में, पौधे वातावरण से कौन सी गैस अवशोषित करते हैं?

    • (a) ऑक्सीजन (O₂)
    • (b) नाइट्रोजन (N₂)
    • (c) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
    • (d) हाइड्रोजन (H₂)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे और कुछ अन्य जीव प्रकाश ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज (एक शर्करा) में परिवर्तित करते हैं, जिससे ऑक्सीजन उप-उत्पाद के रूप में निकलती है।

    व्याख्या (Explanation): प्रकाश संश्लेषण के लिए कच्चे माल कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और पानी (H₂O) हैं। पौधे पत्तियों पर मौजूद स्टोमेटा (stomata) नामक छिद्रों के माध्यम से CO₂ को वातावरण से लेते हैं। इस CO₂ को प्रकाश ऊर्जा की उपस्थिति में पानी के साथ मिलाकर शर्करा (ग्लूकोज) और ऑक्सीजन (O₂) का निर्माण किया जाता है।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  26. मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि (gland) कौन सी है?

    • (a) अग्न्याशय (Pancreas)
    • (b) थायरॉयड (Thyroid)
    • (c) यकृत (Liver)
    • (d) अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal Gland)

    उत्तर: (c)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): मानव शरीर में अंगों का आकार उनकी जटिलता और कार्यों की सीमा के आधार पर भिन्न होता है।

    व्याख्या (Explanation): मानव शरीर में यकृत (Liver) सबसे बड़ी आंतरिक ग्रंथि है, जिसका वजन लगभग 1.5 किलोग्राम होता है। यह कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जैसे पित्त का उत्पादन, विषहरण (detoxification), प्रोटीन संश्लेषण और चयापचय। अग्न्याशय एक ग्रंथि है जो पाचन एंजाइम और हार्मोन (इंसुलिन, ग्लूकागन) का उत्पादन करती है। थायरॉयड गर्दन में स्थित एक ग्रंथि है जो चयापचय को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का उत्पादन करती है। अधिवृक्क ग्रंथियां गुर्दे के ऊपर स्थित होती हैं और विभिन्न हार्मोन (जैसे एड्रेनालाईन) का उत्पादन करती हैं।

    अतः, सही उत्तर (c) है।

  27. मानव रक्त में ऑक्सीजन का परिवहन मुख्य रूप से किस प्रोटीन द्वारा किया जाता है?

    • (a) एल्ब्यूमिन (Albumin)
    • (b) हीमोग्लोबिन (Hemoglobin)
    • (c) कोलेजन (Collagen)
    • (d) एंटीबॉडी (Antibodies)

    उत्तर: (b)

    हल (Solution):

    सिद्धांत (Principle): लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) में मौजूद हीमोग्लोबिन एक जटिल प्रोटीन है जो ऑक्सीजन के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    व्याख्या (Explanation): हीमोग्लोबिन (Hb) लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है जिसमें चार आयरन युक्त हीम समूह होते हैं। प्रत्येक हीम समूह एक ऑक्सीजन अणु से बंध सकता है। इस प्रकार, हीमोग्लोबिन फेफड़ों से शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार है। एल्ब्यूमिन रक्त में एक प्रमुख प्रोटीन है जो ऑस्मेटिक दबाव और कुछ पदार्थों के परिवहन में मदद करता है। कोलेजन संयोजी ऊतक (connective tissue) में पाया जाने वाला एक संरचनात्मक प्रोटीन है। एंटीबॉडी प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं।

    अतः, सही उत्तर (b) है।

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