प्राचीन टैटू से प्रेरित सामान्य विज्ञान: आपकी परीक्षा तैयारी के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय:** प्राचीन कलाकृतियाँ अक्सर हमें विज्ञान के अनमोल ज्ञान से जोड़ती हैं। चाहे वह धातुओं का निष्कर्षण हो, रंगों का निर्माण हो, या जैविक प्रक्रियाओं की समझ हो, इन कलाकृतियों के पीछे छिपे वैज्ञानिक सिद्धांत हमें प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। यह सामान्य विज्ञान अभ्यास सत्र आपको विभिन्न विषयों के महत्वपूर्ण प्रश्नों से अवगत कराएगा, जिससे आपकी तैयारी और भी मजबूत होगी।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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टैटूइंग में इस्तेमाल होने वाले पिगमेंट (रंजक) के रंग के लिए कौन सा धातु यौगिक जिम्मेदार है, जो अक्सर लाल रंग प्रदान करता है?
- (a) फेरस ऑक्साइड (Ferrous Oxide)
- (b) कॉपर ऑक्साइड (Copper Oxide)
- (c) एल्यूमीनियम ऑक्साइड (Aluminum Oxide)
- (d) जिंक ऑक्साइड (Zinc Oxide)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): संक्रमण धातुओं (transition metals) के यौगिक अक्सर रंगीन होते हैं क्योंकि उनके डी-ऑर्बिटल्स में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण दृश्यमान स्पेक्ट्रम में प्रकाश को अवशोषित करता है।
व्याख्या (Explanation): कॉपर (तांबा) के यौगिक, जैसे कॉपर ऑक्साइड (CuO), टैटूइंग में लाल और हरे रंग के लिए उपयोग किए जाते रहे हैं। फेरस ऑक्साइड (FeO) आमतौर पर हरा या भूरा होता है, एल्यूमीनियम ऑक्साइड (Al2O3) सफेद होता है, और जिंक ऑक्साइड (ZnO) भी सफेद होता है और इसका उपयोग सनस्क्रीन में होता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्राचीन काल में त्वचा को स्थायी रूप से रंगने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
- (a) फोटोसिंथेसिस (Photosynthesis)
- (b) एपिडर्मिस (Epidermis)
- (c) टैटूइंग (Tattooing)
- (d) म्यूटेशन (Mutation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): टैटूइंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें त्वचा की डर्मिस परत में पिगमेंट (रंगद्रव्य) इंजेक्ट किए जाते हैं, जिससे स्थायी निशान या पैटर्न बनता है।
व्याख्या (Explanation): फोटोसिंथेसिस पौधों द्वारा भोजन बनाने की प्रक्रिया है। एपिडर्मिस त्वचा की सबसे बाहरी परत है। म्यूटेशन आनुवंशिक सामग्री में परिवर्तन है। टैटूइंग वह प्रक्रिया है जिसका उपयोग त्वचा में स्थायी रंग डालने के लिए किया जाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली सुई के पदार्थ के रूप में किस धातु को उसकी मजबूती और जंग-प्रतिरोध क्षमता के कारण पसंद किया जाता है?
- (a) सोना (Gold)
- (b) लोहा (Iron)
- (c) स्टील (Steel)
- (d) एल्यूमीनियम (Aluminum)
उत्तर: (c)हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न धातुओं की अपनी विशिष्ट भौतिक और रासायनिक गुण होते हैं, जैसे कठोरता, लचीलापन और संक्षारण प्रतिरोध, जो उनके अनुप्रयोगों को निर्धारित करते हैं।
व्याख्या (Explanation): स्टेनलेस स्टील (stainless steel) टैटू सुइयों के लिए एक सामान्य सामग्री है क्योंकि यह मजबूत, टिकाऊ और संक्षारण (corrosion) के प्रतिरोधी होती है, जो संक्रमण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। सोना महंगा है, लोहा जंग खा सकता है, और एल्यूमीनियम पर्याप्त मजबूत नहीं हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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प्राचीन टैटूइंग तकनीकों में, त्वचा को छेदने के लिए किस प्रकार के उपकरणों का उपयोग किया जाता था?
- (a) लेजर (Laser)
- (b) अल्ट्रासोनिक तरंगें (Ultrasonic waves)
- (c) तेज धार वाले औजार (Sharp pointed tools)
- (d) रेडियो तरंगें (Radio waves)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्राचीन काल में, आधुनिक तकनीकों की अनुपस्थिति में, भौतिक औजारों का उपयोग सीधे शारीरिक प्रक्रियाओं को करने के लिए किया जाता था।
व्याख्या (Explanation): आधुनिक टैटूइंग मशीनें विद्युत मोटर्स का उपयोग करती हैं, लेकिन प्राचीन तकनीकों में, हड्डी, लकड़ी या धातु से बने तेज औजारों का उपयोग करके मैन्युअल रूप से त्वचा को छेद कर पिगमेंट डाला जाता था।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू स्याही में इस्तेमाल होने वाले पिगमेंट के रासायनिक स्थायित्व (chemical stability) का क्या महत्व है?
- (a) यह स्याही को जल्दी से सूखने में मदद करता है।
- (b) यह सुनिश्चित करता है कि रंग समय के साथ फीका न पड़े।
- (c) यह त्वचा को नम रखने में मदद करता है।
- (d) यह दर्द को कम करता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रासायनिक रूप से स्थिर यौगिक पर्यावरण में होने वाले रासायनिक परिवर्तनों (जैसे प्रकाश या हवा के संपर्क में) के प्रतिरोधी होते हैं, जिससे उनके गुण लंबे समय तक बने रहते हैं।
व्याख्या (Explanation): टैटू स्याही में पिगमेंट का रासायनिक रूप से स्थिर होना महत्वपूर्ण है ताकि वे यूवी प्रकाश (UV light) या त्वचा के भीतर होने वाली अन्य प्रतिक्रियाओं के कारण फीके न पड़ें या रंग न बदलें।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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एंथ्रोपोलॉजी (मानव विज्ञान) में, पुराने टैटू का अध्ययन मुख्य रूप से किसके बारे में जानकारी प्रदान करता है?
- (a) भूवैज्ञानिक संरचना (Geological formations)
- (b) खगोलीय अवलोकन (Astronomical observations)
- (c) मानव संस्कृति और प्रथाएं (Human culture and practices)
- (d) पौधे की प्रजातियाँ (Plant species)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव विज्ञान उन तरीकों का अध्ययन करता है जिनसे मानव समाज और संस्कृति समय के साथ विकसित हुए हैं, जिसमें कला, अनुष्ठान और सामाजिक पहचान शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): टैटू अक्सर किसी व्यक्ति या समूह की पहचान, सामाजिक स्थिति, धार्मिक विश्वास या सौंदर्य मानकों से जुड़े होते हैं। इसलिए, उनके अध्ययन से मानव संस्कृति, इतिहास और प्रथाओं में अंतर्दृष्टि मिलती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटूइंग में इस्तेमाल होने वाली सुई की सामग्री में धातु की “कठोरता” (hardness) का क्या महत्व है?
- (a) इससे स्याही त्वचा में बेहतर ढंग से प्रवेश करती है।
- (b) यह सुई को आसानी से मुड़ने से रोकती है।
- (c) यह सुई को अधिक टिकाऊ बनाती है।
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सामग्री विज्ञान में, कठोरता एक सामग्री की सतह पर खरोंच या इंडेंटेशन का विरोध करने की क्षमता है। यह औजारों के प्रदर्शन और स्थायित्व को प्रभावित करता है।
व्याख्या (Explanation): एक कठोर सुई त्वचा को आसानी से भेद सकती है (a), आसानी से मुड़ेगी नहीं, जिससे सटीक रेखाएं बनेंगी (b), और बार-बार उपयोग के बावजूद अपनी तीक्ष्णता बनाए रखेगी, जिससे यह अधिक टिकाऊ बनेगी (c)। इसलिए, सभी विकल्प प्रासंगिक हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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प्राचीन टैटू के रंगों में अक्सर इस्तेमाल होने वाले कार्बनिक पदार्थ (organic substances) में से एक क्या था?
- (a) नमक (Salt)
- (b) राख (Soot/Ash)
- (c) चीनी (Sugar)
- (d) पानी (Water)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बनिक पदार्थ वे यौगिक होते हैं जिनमें कार्बन-हाइड्रोजन बंधन होते हैं, और इनका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा है, जिसमें रंगद्रव्य बनाना भी शामिल है।
व्याख्या (Explanation): लकड़ी या अन्य कार्बनिक पदार्थों को जलाकर प्राप्त की गई राख या कालिख (soot) कार्बन का एक शुद्ध रूप है जिसका उपयोग प्राचीन टैटू स्याही में काले रंग के लिए किया जाता था।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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टैटूइंग के दौरान त्वचा की किस परत में पिगमेंट इंजेक्ट किया जाता है?
- (a) एपिडर्मिस (Epidermis)
- (b) डर्मिस (Dermis)
- (c) सबक्यूटेनियस टिश्यू (Subcutaneous tissue)
- (d) एपिडर्मिस और डर्मिस दोनों
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): त्वचा की विभिन्न परतें, जैसे एपिडर्मिस (बाहरी) और डर्मिस (भीतरी), की संरचना और कार्य भिन्न होते हैं, जो उन्हें विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
व्याख्या (Explanation): टैटू स्याही को त्वचा की दूसरी परत, डर्मिस में इंजेक्ट किया जाता है। एपिडर्मिस लगातार नवीनीकृत होता रहता है, इसलिए यदि स्याही केवल एपिडर्मिस में डाली जाती, तो टैटू जल्दी मिट जाता। डर्मिस अपेक्षाकृत स्थिर होता है, जिससे टैटू स्थायी रहता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्राचीन टैटू बनाने वाले कारीगरों को क्या कहा जाता था?
- (a) मिस्त्री (Mechanic)
- (b) टैटू कलाकार (Tattoo Artist)
- (c) दस्तकार (Artisan)
- (d) सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): “कारीगर” (Artisan) एक सामान्य शब्द है जो किसी विशेष कौशल या शिल्प में कुशल व्यक्ति का वर्णन करता है। “टैटू कलाकार” एक अधिक विशिष्ट शब्द है, और “मिस्त्री” (Mechanic) एक ऐसे व्यक्ति का वर्णन कर सकता है जो मशीनों से संबंधित है, लेकिन व्यापक अर्थ में, वे सभी ऐसे व्यक्ति को संदर्भित कर सकते हैं जो कला या शिल्प में कुशल है।
व्याख्या (Explanation): प्राचीन टैटू बनाने वाले कुशल व्यक्ति होते थे जो अपनी कला में माहिर होते थे। उन्हें अक्सर “टैटू कलाकार” या सामान्यतः “दस्तकार” कहा जा सकता है। यदि उपकरण या प्रक्रियाएं यांत्रिक थीं, तो “मिस्त्री” शब्द भी लागू हो सकता है। इसलिए, “सभी” सबसे उपयुक्त उत्तर है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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टैटू स्याही में इस्तेमाल होने वाले प्राकृतिक पिगमेंट के फीके पड़ने का मुख्य कारण क्या हो सकता है?
- (a) ऑक्सीजन (Oxygen)
- (b) पानी (Water)
- (c) पराबैंगनी (UV) विकिरण (Ultraviolet (UV) radiation)
- (d) कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पराबैंगनी (UV) विकिरण, जो सूर्य के प्रकाश में मौजूद होता है, कई कार्बनिक और अकार्बनिक यौगिकों के रासायनिक बंधों को तोड़कर उनके रंग को फीका कर सकता है।
व्याख्या (Explanation): सूर्य के प्रकाश से निकलने वाली यूवी किरणें टैटू स्याही में मौजूद रंगीन अणुओं को नष्ट कर सकती हैं, जिससे समय के साथ उनका रंग हल्का हो जाता है। ऑक्सीजन, पानी और कार्बन डाइऑक्साइड का फीके पड़ने पर उतना सीधा प्रभाव नहीं पड़ता जितना यूवी विकिरण का पड़ता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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मानव शरीर पर टैटू बनाने का प्राथमिक उद्देश्य क्या रहा है, जैसा कि पुरातत्वविदों द्वारा अनुमान लगाया गया है?
- (a) केवल सौंदर्य (Aesthetics only)
- (b) धार्मिक अनुष्ठान या सामाजिक पहचान (Religious rituals or social identification)
- (c) बीमारियों का इलाज (Treatment of diseases)
- (d) हवा का संचार बढ़ाना (Increasing air circulation)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव समाजों में शरीर पर निशान या सजावट का अक्सर सांस्कृतिक, धार्मिक या सामाजिक महत्व होता है, जो व्यक्तिगत या समूह की पहचान से जुड़ा होता है।
व्याख्या (Explanation): जबकि सौंदर्य एक कारक हो सकता है, कई संस्कृतियों में टैटू का उपयोग महत्वपूर्ण अनुष्ठानों, जनजातीय पहचान, स्थिति प्रतीक या आध्यात्मिक सुरक्षा के लिए किया जाता था। बीमारियों का इलाज या हवा का संचार बढ़ाना आम तौर पर टैटू के उद्देश्य नहीं थे।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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टैटू स्याही में पिगमेंट के कणों के आकार (particle size) का क्या प्रभाव पड़ता है?
- (a) यह निर्धारित करता है कि स्याही त्वचा में कितनी गहराई तक जाती है।
- (b) यह रंग की तीव्रता और स्थायित्व को प्रभावित करता है।
- (c) यह सुई के मुड़ने के प्रतिरोध को प्रभावित करता है।
- (d) यह टैटू बनाने की प्रक्रिया को तेज करता है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नैनो-कणों (nanoparticles) का उपयोग विभिन्न अनुप्रयोगों में गुणों को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। कणों का आकार रंग के कणों के प्रकाश के साथ परस्पर क्रिया करने के तरीके को प्रभावित करता है।
व्याख्या (Explanation): छोटे कण (जैसे नैनो-कण) अक्सर अधिक चमकदार रंग प्रदान करते हैं और त्वचा में अधिक समान रूप से फैलते हैं, जिससे रंग की तीव्रता और स्थायित्व बढ़ सकता है। कणों का आकार सीधे तौर पर इस बात को निर्धारित नहीं करता कि स्याही कितनी गहराई तक जाती है, या सुई कैसे मुड़ती है, या प्रक्रिया तेज होती है या नहीं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्राचीन सभ्यताओं में, टैटू स्याही के लिए धातुओं (जैसे लोहा) का उपयोग करने का एक संभावित नकारात्मक परिणाम क्या था?
- (a) रंग बहुत हल्का होता था।
- (b) त्वचा पर एलर्जी की प्रतिक्रिया (Allergic reaction) हो सकती थी।
- (c) स्याही तुरंत सूख जाती थी।
- (d) टैटू दर्दनाक नहीं होता था।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कुछ धातुएं, या उनके यौगिक, मनुष्यों में एलर्जी या विषाक्त प्रतिक्रियाएं पैदा कर सकते हैं, खासकर जब त्वचा में इंजेक्ट किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): कुछ लोगों को लोहे जैसे धातुओं या उनके यौगिकों से एलर्जी हो सकती है। टैटू स्याही में इन धातुओं का उपयोग करने से त्वचा पर चकत्ते, खुजली या अन्य प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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टैटू बनाने की प्रक्रिया को “कला” के रूप में वर्गीकृत करने का क्या कारण है?
- (a) इसमें केवल रंग का उपयोग होता है।
- (b) यह जटिल डिजाइन और सौंदर्य अपील बनाने की क्षमता पर आधारित है।
- (c) यह विशुद्ध रूप से वैज्ञानिक है।
- (d) इसमें किसी भी कौशल की आवश्यकता नहीं होती है।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कला को अक्सर रचनात्मकता, कल्पना और सौंदर्यशास्त्र की अभिव्यक्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो किसी भी माध्यम में जटिल और प्रभावशाली डिजाइन बना सकता है।
व्याख्या (Explanation): टैटू कला में जटिल डिजाइन, पैटर्न और छवियां बनाना शामिल है जो सौंदर्यशास्त्र को अपील करते हैं और कलाकार की रचनात्मकता को दर्शाते हैं। यह केवल रंग का उपयोग करने से कहीं अधिक है, और यह विशुद्ध रूप से वैज्ञानिक नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक सिद्धांतों को कलात्मक अभिव्यक्ति में एकीकृत करता है। इसमें महत्वपूर्ण कौशल और रचनात्मकता की आवश्यकता होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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टैटू के टिकाऊपन (durability) में त्वचा की कौन सी विशेषता योगदान करती है?
- (a) एपिडर्मिस का तीव्र कोशिका नवीनीकरण (Rapid cell renewal of epidermis)
- (b) डर्मिस में कोलेजन (Collagen in dermis)
- (c) त्वचा की मोटाई (Thickness of skin)
- (d) पसीने की मात्रा (Amount of sweat)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): त्वचा की संरचना, जिसमें कोलेजन का वितरण शामिल है, शरीर के अंगों के स्थायित्व को प्रभावित करता है।
व्याख्या (Explanation): डर्मिस, त्वचा की दूसरी परत, कोलेजन और इलास्टिन से भरपूर होती है, जो इसे संरचनात्मक अखंडता प्रदान करती है। टैटू पिगमेंट डर्मिस में बंधे होते हैं, और डर्मिस की सापेक्ष स्थिरता टैटू को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करती है। एपिडर्मिस का नवीनीकरण टैटू को फीका कर सकता है, और जबकि त्वचा की मोटाई प्रासंगिक है, कोलेजन विशेष रूप से पिगमेंट को जगह पर रखने में मदद करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्राचीन टैटू स्याही के निर्माण में किस पौधे के रस का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) सूरजमुखी (Sunflower)
- (b) अंगूर (Grape)
- (c) जड़ी-बूटियों और पौधों के अर्क (Herbal and plant extracts)
- (d) कैक्टस (Cactus)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विभिन्न पौधों के हिस्सों से निकाले गए अर्क (extracts) में रंगीन यौगिक और अन्य गुण हो सकते हैं जिनका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा और कला में किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): कई संस्कृतियों में, विभिन्न पौधों के रस, पत्तियों, जड़ों या छालों का उपयोग टैटू स्याही बनाने के लिए किया जाता रहा है, अक्सर रंग या औषधीय गुणों के लिए। यह एक सामान्यीकरण है क्योंकि विशिष्ट पौधे प्रजातियां भिन्न हो सकती हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू बनाने के दौरान होने वाली जलन (inflammation) का कारण क्या है?
- (a) स्याही का तापमान (Temperature of the ink)
- (b) सुई द्वारा त्वचा में यांत्रिक चोट (Mechanical injury to the skin by the needle)
- (c) हवा का संपर्क (Exposure to air)
- (d) प्रकाश का संपर्क (Exposure to light)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जलन (Inflammation) शरीर की एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया है जो ऊतक क्षति या संक्रमण के जवाब में होती है।
व्याख्या (Explanation): टैटू बनाने की प्रक्रिया में, सुई बार-बार त्वचा को भेदती है, जिससे कोशिकाओं को यांत्रिक क्षति होती है। यह क्षति शरीर को एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करने के लिए संकेत देती है, जिसके परिणामस्वरूप जलन होती है, जो उपचार प्रक्रिया का एक सामान्य हिस्सा है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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कार्बनिक रंगों (organic pigments) की तुलना में अकार्बनिक रंगों (inorganic pigments) का एक फायदा क्या है?
- (a) वे अधिक आसानी से फीके पड़ते हैं।
- (b) वे आमतौर पर अधिक चमकीले होते हैं।
- (c) वे अक्सर प्रकाश और रासायनिक रूप से अधिक स्थिर होते हैं।
- (d) वे सस्ते होते हैं।
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अकार्बनिक यौगिक, जो अक्सर खनिज-आधारित होते हैं, कार्बनिक यौगिकों की तुलना में पर्यावरणीय कारकों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होते हैं।
व्याख्या (Explanation): अकार्बनिक पिगमेंट, जैसे धातु ऑक्साइड, अक्सर कार्बनिक पिगमेंट की तुलना में यूवी प्रकाश और रासायनिक क्षरण के प्रति अधिक प्रतिरोधी होते हैं, जिससे वे लंबे समय तक चलने वाले और फीके पड़ने के प्रति कम संवेदनशील होते हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू कला में “मास्टर और प्रशिक्षु” (master and apprentice) प्रणाली का क्या महत्व था?
- (a) यह सुनिश्चित करता था कि केवल कुछ ही लोग टैटू बना सकें।
- (b) यह ज्ञान और कौशल को पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित करने की अनुमति देता था।
- (c) यह टैटू को अधिक महंगा बनाता था।
- (d) यह कला के विकास को रोकता था।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऐतिहासिक रूप से, शिल्प और कलाओं में ज्ञान और कौशल का हस्तांतरण अक्सर गुरु-शिष्य (master-apprentice) संबंध के माध्यम से होता था, जिससे परंपराएं और तकनीकें बनी रहती थीं।
व्याख्या (Explanation): मास्टर कारीगर अपने अनुभव और ज्ञान को प्रशिक्षु को सिखाते थे, जिसमें विशेष तकनीकों, सामग्री के ज्ञान और कलात्मक शैलियों को सिखाना शामिल था। यह सुनिश्चित करता था कि सदियों से अर्जित कौशल और परंपराएं जीवित रहें और विकसित हों।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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टैटू स्याही में बांधने वाले पदार्थ (binder) का क्या कार्य है?
- (a) रंग को और अधिक चमकीला बनाना।
- (b) पिगमेंट कणों को एक साथ बांधना और उन्हें त्वचा में ठीक से स्थापित करना।
- (c) स्याही को गाढ़ा करना।
- (d) त्वचा को सुन्न करना।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मिश्रणों में बांधने वाले पदार्थ (binders) का उपयोग विभिन्न घटकों को एक साथ रखने और उन्हें एक ठोस रूप में बनाए रखने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): टैटू स्याही में, एक बांधने वाला पदार्थ पिगमेंट कणों को आपस में चिपकने में मदद करता है, जिससे वे फैलते नहीं हैं और त्वचा में एक समान रूप से वितरित और टिकाऊ पैटर्न बनाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है कि कुछ प्राचीन टैटू में सूक्ष्मजीवों के विकास को रोकने के लिए क्या शामिल हो सकता था?
- (a) चीनी (Sugar)
- (b) नमक (Salt)
- (c) प्राकृतिक एंटीसेप्टिक्स (Natural antiseptics)
- (d) केवल पानी (Water only)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): एंटीसेप्टिक्स ऐसे पदार्थ होते हैं जो सूक्ष्मजीवों के विकास को रोकते हैं या मारते हैं।
व्याख्या (Explanation): कुछ पौधों के अर्क या अन्य प्राकृतिक पदार्थ, जिनमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, का उपयोग शायद टैटू स्याही में किया जाता था ताकि संक्रमण या जीवाणु विकास को रोका जा सके, खासकर जब आधुनिक तरीकों की कमी थी। नमक का भी एंटीसेप्टिक प्रभाव हो सकता है, लेकिन “प्राकृतिक एंटीसेप्टिक्स” एक व्यापक और अधिक सटीक श्रेणी है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू बनाने की प्रक्रिया में “कलर फिक्सेशन” (color fixation) का क्या अर्थ है?
- (a) रंग को हल्का करना।
- (b) रंग को त्वचा के भीतर स्थायी रूप से स्थापित करना।
- (c) रंग को बदलना।
- (d) रंग को फीका करना।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): “फिक्सेशन” का अर्थ है किसी चीज को स्थिर या स्थायी बनाना।
व्याख्या (Explanation): टैटू के संदर्भ में, कलर फिक्सेशन का तात्पर्य पिगमेंट कणों को त्वचा की डर्मिस परत में सफलतापूर्वक स्थापित करने से है ताकि वे समय के साथ फीके न पड़ें या मिट न जाएं, जिससे टैटू स्थायी बना रहे।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्राचीन काल में टैटू का रंग बनाने के लिए किस खनिज का उपयोग किया जाता था, जो अक्सर नीला या हरा रंग प्रदान करता था?
- (a) सोना (Gold)
- (b) चांदी (Silver)
- (c) लैपिस लाजुली (Lapis lazuli)
- (d) हीरा (Diamond)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ऐतिहासिक रूप से, विभिन्न खनिजों को उनके विशिष्ट रंगों के लिए कला और सजावट में उपयोग किया जाता रहा है।
व्याख्या (Explanation): लैपिस लाजुली (Lapis lazuli) एक गहरा नीला रत्न है जिसका उपयोग सदियों से नीले रंग के पिगमेंट (जैसे अल्ट्रामरीन) बनाने के लिए किया जाता रहा है। कुछ रूपों में, तांबे की उपस्थिति के कारण हरे रंग के शेड भी प्राप्त किए जा सकते हैं। सोना, चांदी और हीरा रंग प्रदान करने के लिए सामान्य पिगमेंट स्रोत नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।