प्राचीन कला और विज्ञान: मास्टर-अप्रेंटिस टैटू से सामान्य विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न
परिचय:** नमस्कार, भावी सरकारी अधिकारी! प्राचीन कलाकृतियों में छिपे वैज्ञानिक रहस्यों को उजागर करना, जैसे कि मास्टर-अप्रेंटिस टैटू का काम, हमारी समझ को गहरा करता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह खंड आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण विषयों पर 25 अभ्यास प्रश्नों के साथ अपनी तैयारी को परखने में मदद करेगा। आइए, ज्ञान की इस यात्रा पर आगे बढ़ें!
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
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प्राचीन टैटू में उपयोग किए जाने वाले पिगमेंट में आमतौर पर किस खनिज यौगिक का उपयोग किया जाता था, जो रंग प्रदान करता है?
- (a) सोडियम क्लोराइड (NaCl)
- (b) आयरन ऑक्साइड (Fe₂O₃)
- (c) पोटेशियम नाइट्रेट (KNO₃)
- (d) कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): खनिजों के रंग उनके रासायनिक संरचना और इलेक्ट्रॉनों के व्यवहार से जुड़े होते हैं। पिगमेंट के रूप में इस्तेमाल होने वाले धातु ऑक्साइड अक्सर तीव्र और स्थायी रंग प्रदान करते हैं।
व्याख्या (Explanation): प्राचीन टैटू में रंग के लिए विभिन्न प्राकृतिक पिगमेंट का उपयोग किया जाता था। आयरन ऑक्साइड (Fe₂O₃) लाल, भूरे और काले रंग प्रदान करने के लिए एक सामान्य घटक था। सोडियम क्लोराइड (नमक) रंगहीन होता है, पोटेशियम नाइट्रेट (शोरा) का उपयोग विस्फोटक या उर्वरक में होता है, और कैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) आमतौर पर सफेद होता है या रंगों को हल्का करता है, लेकिन खुद एक मजबूत रंग प्रदान नहीं करता।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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टैटूइंग प्रक्रिया के दौरान त्वचा को संक्रमण से बचाने के लिए किस प्रकार के रोगाणुरोधी (antimicrobial) एजेंट का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) एसिटिक एसिड (CH₃COOH)
- (b) इथेनॉल (C₂H₅OH)
- (c) हाइड्रोजन पेरोक्साइड (H₂O₂)
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रोगाणुरोधी एजेंट वे पदार्थ होते हैं जो सूक्ष्मजीवों को मारते या उनके विकास को रोकते हैं। इथेनॉल, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और एसिटिक एसिड (सिरका में पाया जाता है) सभी में रोगाणुरोधी गुण होते हैं।
व्याख्या (Explanation): इथेनॉल (अल्कोहल) एक प्रभावी एंटीसेप्टिक है। हाइड्रोजन पेरोक्साइड भी एक शक्तिशाली रोगाणुरोधी है। एसिटिक एसिड, विशेष रूप से सिरके के रूप में, ऐतिहासिक रूप से अपने रोगाणुरोधी गुणों के लिए जाना जाता है। इसलिए, इन सभी का उपयोग त्वचा को साफ करने और संक्रमण को रोकने के लिए किया जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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वह वैज्ञानिक उपकरण क्या है जिसका उपयोग प्राचीन काल में टैटू बनाने वाले कलाकार सटीक रेखाएं बनाने के लिए सुई को पकड़ने के लिए करते थे?
- (a) माइक्रोस्कोप
- (b) कैलिपर
- (c) चिमटी (Forceps)
- (d) कंपास
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): चिमटी (Forceps) एक hand-held, hinged instrument है जिसका उपयोग किसी वस्तु को पकड़ने, हेरफेर करने या उठाने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): टैटू बनाने वाले कलाकारों को अपनी सुई को सुरक्षित रूप से पकड़ने और त्वचा में सटीक रूप से प्रवेश कराने के लिए एक उपकरण की आवश्यकता होती है। चिमटी (Forceps) इस उद्देश्य के लिए आदर्श है क्योंकि यह एक महीन पकड़ प्रदान करती है। माइक्रोस्कोप आवर्धन के लिए है, कैलिपर माप के लिए है, और कंपास दिशा के लिए है, जो टैटू बनाने के लिए सीधे तौर पर प्रासंगिक नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटूइंग से संबंधित त्वचा की ऊपरी परत को क्या कहा जाता है?
- (a) डर्मिस
- (b) एपिडर्मिस
- (c) हाइपोडर्मिस
- (d) मेलेनिन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मानव त्वचा तीन मुख्य परतों से बनी होती है: एपिडर्मिस (बाहरी परत), डर्मिस (मध्य परत), और हाइपोडर्मिस (आंतरिक परत)।
व्याख्या (Explanation): टैटू बनाते समय, सुई एपिडर्मिस (सबसे बाहरी परत) से होकर डर्मिस (नीचे की परत) तक जाती है, जहाँ स्याही स्थायी रूप से जमा हो जाती है। मेलेनिन त्वचा को रंग देने वाला वर्णक है, और हाइपोडर्मिस वसायुक्त ऊतक है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मानव शरीर में, टैटू की स्याही मुख्य रूप से किस प्रकार की कोशिकाओं द्वारा समाहित होती है?
- (a) न्यूरॉन्स
- (b) मैक्रोफेज
- (c) एपिथेलियल कोशिकाएँ
- (d) लाल रक्त कोशिकाएँ
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): मैक्रोफेज प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाएं हैं जो शरीर में विदेशी कणों को निगलने और पचाने का काम करती हैं।
व्याख्या (Explanation): जब टैटू की स्याही त्वचा में इंजेक्ट की जाती है, तो मैक्रोफेज (जिसे डर्मल मैक्रोफेज या हिस्टियोसाइट्स भी कहा जाता है) स्याही के कणों को अवशोषित कर लेते हैं। ये कोशिकाएं स्याही को शरीर से बाहर निकालने की कोशिश करती हैं, लेकिन स्याही के कण बड़े होने के कारण उन्हें पूरी तरह से खत्म नहीं कर पातीं, जिससे टैटू स्थायी हो जाता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्राचीन टैटू को स्थायी बनाने में निम्नलिखित में से कौन सा भौतिक सिद्धांत शामिल है?
- (a) गुरुत्वाकर्षण
- (b) घर्षण
- (c) विसरण (Diffusion)
- (d) परावर्तन (Reflection)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विसरण एक प्रक्रिया है जिसमें कण उच्च सांद्रता वाले क्षेत्र से निम्न सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर फैलते हैं।
व्याख्या (Explanation): टैटूइंग के बाद, स्याही के कण त्वचा की डर्मिस परत में जमा हो जाते हैं। समय के साथ, इन कणों का धीरे-धीरे विसरण होता है, लेकिन वे काफी बड़े होते हैं और मैक्रोफेज कोशिकाओं द्वारा घिरे होते हैं, जिससे वे स्थायी रूप से वहीं बने रहते हैं। गुरुत्वाकर्षण, घर्षण और परावर्तन टैटू के स्थायित्व में सीधे योगदान नहीं करते।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि प्राचीन टैटू कलाकार ने ज्यामितीय पैटर्न बनाने के लिए तेज किनारों वाले औजारों का उपयोग किया, तो यह ज्यामिति की किस शाखा का अनुप्रयोग दर्शाता है?
- (a) त्रिकोणमिति
- (b) अंकगणित
- (c) यूक्लिडियन ज्यामिति
- (d) कैलकुलस
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): यूक्लिडियन ज्यामिति रेखाओं, कोणों, आकृतियों और समतलों का अध्ययन है, जो आमतौर पर समतल सतहों पर खींची या बनाई जाती हैं।
व्याख्या (Explanation): ज्यामितीय पैटर्न, जैसे कि वर्ग, वृत्त, त्रिकोण और सीधी रेखाएँ, यूक्लिडियन ज्यामिति के मूल सिद्धांतों का प्रत्यक्ष अनुप्रयोग हैं। प्राचीन संस्कृतियों ने इन सिद्धांतों का उपयोग कला, वास्तुकला और सजावट में बड़े पैमाने पर किया, जिसमें टैटू भी शामिल था।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले औजारों को स्टरलाइज़ करने के लिए, प्राचीन काल में किस विधि का उपयोग किया जा सकता था?
- (a) ओजोन गैस से उपचार
- (b) उच्च दबाव वाली भाप (Autoclaving)
- (c) आग पर गर्म करना
- (d) पराबैंगनी (UV) विकिरण
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): गर्मी जीवाणुनाशक (germicidal) होती है और सूक्ष्मजीवों को मार सकती है।
व्याख्या (Explanation): ओजोन गैस, ऑटोक्लेविंग और यूवी विकिरण आधुनिक नसबंदी विधियाँ हैं। प्राचीन काल में, उपकरणों को जीवाणुरहित करने का सबसे सुलभ और प्रभावी तरीका उन्हें आग की लपटों में गर्म करना था, जिससे अधिकांश बैक्टीरिया और वायरस मर जाते थे।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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यदि टैटू का डिज़ाइन किसी पौराणिक प्राणी को दर्शाता है, तो यह संभवतः प्राचीन सभ्यता के किस पहलू से जुड़ा है?
- (a) खगोल विज्ञान
- (b) दंत चिकित्सा
- (c) लोककथाएं और धर्म
- (d) इंजीनियरिंग
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): लोककथाएं और धर्म समाजों के विश्वासों, मिथकों और आध्यात्मिक प्रथाओं को दर्शाते हैं।
व्याख्या (Explanation): पौराणिक प्राणियों को अक्सर किसी सभ्यता के लोककथाओं, धार्मिक मान्यताओं, या अनुष्ठानों में महत्व दिया जाता है। टैटू इन विश्वासों को शारीरिक रूप से व्यक्त करने या प्रतीकात्मक अर्थ प्रदान करने का एक तरीका हो सकता है। खगोल विज्ञान, दंत चिकित्सा या इंजीनियरिंग का पौराणिक प्राणियों से सीधा संबंध नहीं होता।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली सुइयों को अक्सर तेज और नुकीला बनाने के लिए किस प्रकार की सामग्री का उपयोग किया जाता था?
- (a) प्लास्टिक
- (b) हड्डी
- (c) स्टेनलेस स्टील
- (d) सोना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्राचीन काल में, उपकरण बनाने के लिए आसानी से उपलब्ध और काम करने वाली सामग्री का उपयोग किया जाता था।
व्याख्या (Explanation): जबकि स्टेनलेस स्टील आधुनिक मानक है, प्राचीन काल में टैटू के लिए सुइयां बनाने के लिए हड्डी, पत्थर (जैसे ओब्सीडियन) या कभी-कभी धातु (जैसे तांबा या कांस्य) का उपयोग किया जाता था। हड्डी को तेज और नुकीला बनाना अपेक्षाकृत आसान था। प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील आधुनिक आविष्कार हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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टैटू स्याही के कणों का आकार आमतौर पर नैनोमीटर (nm) की सीमा में होता है। 1 नैनोमीटर कितने मीटर के बराबर होता है?
- (a) 10⁻⁶ मीटर
- (b) 10⁻⁹ मीटर
- (c) 10⁻¹² मीटर
- (d) 10⁻³ मीटर
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उपसर्ग ‘नैनो’ 10 की घात -9 का प्रतिनिधित्व करता है।
व्याख्या (Explanation): नैनोमीटर (nm) लंबाई की एक इकाई है जो मीटर के एक अरबवें हिस्से के बराबर होती है। इसलिए, 1 nm = 10⁻⁹ m। यह बहुत छोटी माप है जो कणों, अणुओं और परमाणु पैमाने की वस्तुओं के आकार का वर्णन करने के लिए उपयोग की जाती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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टैटू की स्याही का रंग त्वचा के नीचे फंसा रहने का कारण क्या है?
- (a) स्याही का उच्च क्वथनांक
- (b) स्याही का उच्च गलनांक
- (c) स्याही के कणों का बड़ा आकार और मैक्रोफेज द्वारा अवशोषण
- (d) स्याही का उच्च वाष्प दाब
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली विदेशी कणों को पहचानने और उन्हें हटाने का प्रयास करती है। मैक्रोफेज ऐसी कोशिकाएं हैं जो कणों को निगल लेती हैं।
व्याख्या (Explanation): टैटू स्याही के कण काफी बड़े होते हैं (आमतौर पर 50-500 nm)। जब ये त्वचा की डर्मिस परत में इंजेक्ट किए जाते हैं, तो मैक्रोफेज इन कणों को घेर लेते हैं और निगल जाते हैं। चूँकि ये कण शरीर के लिए विदेशी होते हैं और मैक्रोफेज द्वारा आसानी से तोड़े नहीं जा सकते, वे त्वचा के नीचे स्थायी रूप से बने रहते हैं। क्वथनांक, गलनांक और वाष्प दाब स्याही के फंसाए जाने से सीधे संबंधित नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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एक कलाकार द्वारा बनाए गए प्राचीन टैटू में “मास्टर” और “अप्रेंटिस” के बीच सहयोग, सीखने की प्रक्रिया के किस रूप को दर्शाता है?
- (a) स्व-शिक्षा
- (b) औपचारिक कक्षा निर्देश
- (c) प्रशिक्षुता (Apprenticeship)
- (d) ऑनलाइन पाठ्यक्रम
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रशिक्षुता एक प्रशिक्षण प्रणाली है जहाँ एक व्यक्ति (अप्रेंटिस) एक अनुभवी पेशेवर (मास्टर) के मार्गदर्शन में काम करके कौशल सीखता है।
व्याख्या (Explanation): “मास्टर और अप्रेंटिस” का संदर्भ स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि एक अनुभवी कलाकार (मास्टर) एक नौसिखिए (अप्रेंटिस) को अपने कौशल और तकनीकों को सिखा रहा है। यह पारंपरिक प्रशिक्षुता प्रणाली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू की स्याही में विभिन्न रंगों के लिए उपयोग किए जाने वाले पिगमेंट के ऑप्टिकल गुण क्या निर्धारित करते हैं कि हम उन्हें किस रंग के रूप में देखते हैं?
- (a) रंग का अवशोषण और प्रकीर्णन
- (b) रंग का घनत्व
- (c) रंग की चिपचिपाहट
- (d) रंग का वाष्पीकरण
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): किसी वस्तु का रंग प्रकाश के उन तरंग दैर्ध्य पर निर्भर करता है जो वह अवशोषित करती है और परावर्तित (या प्रकीर्णित) करती है।
व्याख्या (Explanation): पिगमेंट प्रकाश के कुछ तरंग दैर्ध्य को अवशोषित करते हैं और दूसरों को प्रकीर्णित (reflect) करते हैं। जो तरंग दैर्ध्य प्रकीर्णित होती हैं, वे हमारी आँखों द्वारा देखी जाती हैं और हमें वस्तु का रंग बताती हैं। उदाहरण के लिए, एक लाल पिगमेंट अधिकांश प्रकाश को अवशोषित करेगा लेकिन लाल तरंग दैर्ध्य को प्रकीर्णित करेगा। घनत्व, चिपचिपाहट और वाष्पीकरण रंग देखने के तरीके से सीधे संबंधित नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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यदि एक टैटू डिजाइन में समरूपता (symmetry) का उपयोग किया गया है, तो यह किस प्रकार के गणितीय सिद्धांत को दर्शाता है?
- (a) सांख्यिकी
- (b) संभाव्यता
- (c) ज्यामिति
- (d) बीजगणित
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): समरूपता ज्यामिति का एक मूलभूत सिद्धांत है, जो किसी वस्तु के विभिन्न भागों के बीच समानता या समानुपात का वर्णन करता है।
व्याख्या (Explanation): समरूपता, चाहे वह दर्पण समरूपता हो, घूर्णी समरूपता हो, या स्थानांतरण समरूपता हो, ज्यामितीय अवधारणाएं हैं। प्राचीन कलाकार अक्सर सौंदर्यशास्त्र और संतुलन के लिए समरूपता का उपयोग करते थे। सांख्यिकी, संभाव्यता और बीजगणित सीधे तौर पर दृश्य समरूपता के अनुप्रयोग से संबंधित नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्राकृतिक रंग (जैसे कि काला या लाल) प्राप्त करने के लिए किन पौधों या खनिजों का उपयोग किया जा सकता था?
- (a) नीली शैवाल और चूना
- (b) वॉलनट के छिलके (काला) और लाल गेरू (लाल)
- (c) गेंदा फूल (पीला) और राख (सफेद)
- (d) चुकंदर (लाल) और हल्दी (पीला)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्राकृतिक पिगमेंट ऐतिहासिक रूप से पौधों, खनिजों और जीवों से प्राप्त किए जाते थे।
व्याख्या (Explanation): वॉलनट के छिलके (जैसे काला अखरोट) अपने टैनिन के कारण एक गहरा काला या भूरा रंग प्रदान करते हैं। लाल गेरू (आयरन ऑक्साइड) एक सामान्य प्राकृतिक लाल रंगद्रव्य है। नीली शैवाल, गेंदा फूल, चुकंदर और हल्दी का उपयोग रंगों के लिए किया जा सकता है, लेकिन वॉलनट और गेरू प्राचीन टैटू कला में अधिक विशिष्ट रूप से पाए जाते हैं, खासकर काले और लाल रंगों के लिए।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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जब एक टैटू कलाकार त्वचा को पंचर करता है, तो कौन सी शारीरिक प्रक्रिया शुरू होती है?
- (a) त्वचा का पुनर्जनन
- (b) स्थानीय अवशोषण
- (c) प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया
- (d) विद्युत अपघटन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब शरीर में कोई बाहरी वस्तु या चोट होती है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रिय हो जाती है।
व्याख्या (Explanation): सुई द्वारा त्वचा में प्रवेश करने पर, शरीर इसे एक चोट के रूप में पहचानता है। इसके परिणामस्वरूप एक सूजन (inflammatory) और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया शुरू होती है, जिसमें मैक्रोफेज और अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाएं घायल क्षेत्र में पहुंचती हैं। त्वचा का पुनर्जनन एक लंबी प्रक्रिया है, और अवशोषण या विद्युत अपघटन प्राथमिक प्रतिक्रियाएं नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू बनाने की प्रक्रिया में, कलाकृति को त्वचा पर स्थानांतरित करने से पहले कलाकार द्वारा उपयोग किए जाने वाले स्टेंसिल (stencil) के लिए किस प्रकार के कागज या सामग्री का उपयोग किया जा सकता है?
- (a) जलरोधक लेपित कागज
- (b) सादा लेखन कागज
- (c) थर्मल पेपर
- (d) चमड़ा
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): स्टेंसिल को स्याही से भरा होना चाहिए और त्वचा पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए, जिसके लिए कुछ हद तक जलरोधक गुण सहायक होते हैं।
व्याख्या (Explanation): स्टेंसिल को त्वचा पर स्थानांतरण के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है, अक्सर एक घोल के साथ। जलरोधक लेपित कागज यह सुनिश्चित करता है कि डिज़ाइन गीला न हो और स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान फीका न पड़े। सादा कागज बहुत अधिक सोख लेगा, थर्मल पेपर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए है, और चमड़ा एक त्वचा नहीं है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
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टैटू डिजाइन में रंग के रूप में उपयोग किए जाने वाले भारी धातुओं (जैसे कैडमियम) का मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव हो सकता है?
- (a) केवल त्वचा में एलर्जी
- (b) तंत्रिका तंत्र को नुकसान
- (c) कैंसर का खतरा बढ़ाना
- (d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कई भारी धातुएं मनुष्यों के लिए विषैली होती हैं और शरीर में जमा हो सकती हैं, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।
व्याख्या (Explanation): कैडमियम, सीसा, पारा जैसी भारी धातुएं, यदि टैटू स्याही में मौजूद हों, तो त्वचा में एलर्जी प्रतिक्रियाएं पैदा कर सकती हैं। वे शरीर में जमा होकर तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती हैं (जैसे सीसा), और कुछ कैंसर के विकास से जुड़े हुए हैं। इसलिए, यह सभी विकल्प सही हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
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टैटू बनाने के दौरान, स्याही त्वचा की किस परत में इंजेक्ट की जाती है ताकि वह स्थायी रहे?
- (a) एपिडर्मिस
- (b) डर्मिस
- (c) हाइपोडर्मिस
- (d) स्ट्रेटम कॉर्नियम
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): टैटू की स्याही को स्थायी होने के लिए त्वचा की उन परतों में इंजेक्ट किया जाना चाहिए जहाँ कोशिकाएं लगातार प्रतिस्थापित नहीं होतीं।
व्याख्या (Explanation): एपिडर्मिस त्वचा की सबसे बाहरी परत है जहाँ कोशिकाएं लगातार नवीनीकृत होती हैं, इसलिए यहाँ इंजेक्ट की गई स्याही जल्दी से निकल जाएगी। डर्मिस, एपिडर्मिस के नीचे की परत, संयोजी ऊतक और रक्त वाहिकाओं से भरी होती है, और यहाँ इंजेक्ट की गई स्याही मैक्रोफेज द्वारा फंसा ली जाती है, जिससे टैटू स्थायी हो जाता है। हाइपोडर्मिस सबसे गहरी परत है। स्ट्रेटम कॉर्नियम एपिडर्मिस की सबसे बाहरी मृत कोशिका परत है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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मास्टर और अप्रेंटिस के बीच ज्ञान साझा करने की प्रक्रिया, विज्ञान शिक्षण के संदर्भ में, किस सिद्धांत का उदाहरण है?
- (a) आगमन (Induction)
- (b) निगमन (Deduction)
- (c) अवलोकन और अनुकरण (Observation and Imitation)
- (d) परिकल्पना निर्माण (Hypothesis Formation)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कौशल-आधारित सीखने में अक्सर एक अनुभवी व्यक्ति के कार्यों को देखकर और उनकी नकल करके सीखना शामिल होता है।
व्याख्या (Explanation): एक मास्टर कलाकार द्वारा अप्रेंटिस को सिखाने की पारंपरिक विधि में, अप्रेंटिस अक्सर मास्टर को काम करते हुए देखता है (अवलोकन) और फिर उन्हीं तकनीकों को स्वयं करने का प्रयास करता है (अनुकरण)। आगमन एक सामान्य अवलोकन से एक सामान्य निष्कर्ष पर पहुंचना है, निगमन एक सामान्य नियम से विशिष्ट निष्कर्ष पर पहुंचना है, और परिकल्पना निर्माण एक विशिष्ट सिद्धांत को प्रस्तावित करना है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटू स्याही के रंग की स्थिरता (permanence) मुख्य रूप से किस कारण से होती है?
- (a) स्याही की रासायनिक स्थिरता
- (b) स्याही के कणों का भौतिक आकार
- (c) त्वचा की बाहरी परतों का बनना
- (d) प्रकाश का परावर्तन
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): टैटू स्याही कणों के आकार का उनके शरीर में बने रहने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
व्याख्या (Explanation): टैटू स्याही के कणों का आकार (आमतौर पर 50-500 nm) बहुत महत्वपूर्ण होता है। ये कण त्वचा की डर्मिस परत में मैक्रोफेज द्वारा निगले जाते हैं। यदि कण बहुत छोटे होते, तो वे प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा आसानी से हटा दिए जाते। कणों के बड़े आकार के कारण, मैक्रोफेज उन्हें पूरी तरह से मेटाबोलाइज या निष्कासित नहीं कर पाते, जिससे स्याही स्थायी रूप से बनी रहती है। रासायनिक स्थिरता, बाहरी परतों का बनना, या प्रकाश का परावर्तन इस स्थायित्व के प्राथमिक कारण नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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यदि प्राचीन टैटू को एक विशिष्ट पैटर्न में व्यवस्थित किया गया था, जैसे कि दोहराव या समरूपता, तो यह किस प्रकार के डिज़ाइन सिद्धांत का उपयोग दर्शाता है?
- (a) अराजकता (Chaos)
- (b) यादृच्छिकता (Randomness)
- (c) पैटर्न (Patterning)
- (d) असंगति (Disorganization)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): पैटर्न में वस्तुओं या आकृतियों का एक व्यवस्थित और दोहराव वाला विन्यास शामिल होता है।
व्याख्या (Explanation): दोहराव और समरूपता दोनों ही पैटर्न बनाने के तत्व हैं। प्राचीन कलाकारों ने अक्सर अपने डिजाइनों में दृश्य रुचि और अर्थ जोड़ने के लिए पैटर्न का उपयोग किया। अराजकता, यादृच्छिकता और असंगति इसके विपरीत हैं।
अतः, सही उत्तर (c) है।
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टैटूइंग प्रक्रिया के दौरान, त्वचा में जलन और लाली का मुख्य कारण क्या होता है?
- (a) स्याही के कणों की रासायनिक प्रतिक्रिया
- (b) सुई द्वारा यांत्रिक क्षति
- (c) त्वचा का अत्यधिक हाइड्रेशन
- (d) ऑक्सीजन की कमी
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): जब ऊतक में यांत्रिक चोट होती है, तो एक सूजन प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है।
व्याख्या (Explanation): टैटू बनाने वाली सुई त्वचा में बार-बार प्रवेश करती है, जिससे महीन यांत्रिक क्षति होती है। यह क्षति स्थानीय स्तर पर सूजन प्रतिक्रिया को ट्रिगर करती है, जिसमें रक्त वाहिकाएं फैलती हैं और प्रतिरक्षा कोशिकाएं उस क्षेत्र में पहुंचती हैं, जिससे लाली और जलन होती है। स्याही के कणों की रासायनिक प्रतिक्रियाएं, हाइड्रेशन या ऑक्सीजन की कमी प्राथमिक कारण नहीं हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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प्राचीन काल में, किसी बीमारी का इलाज या उपचार के हिस्से के रूप में भी टैटू का उपयोग किया जाता था। यह किस प्रकार की प्राचीन चिकित्सा प्रथा का उदाहरण है?
- (a) कीमोथेरेपी
- (b) प्लेसबो प्रभाव
- (c) शारीरिक चिकित्सा (Physiotherapy)
- (d) होम्योपैथी
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्लेसबो प्रभाव एक ऐसा प्रभाव है जहाँ किसी व्यक्ति के विश्वास या अपेक्षा के कारण उनके लक्षणों में सुधार होता है, भले ही उपचार में कोई सक्रिय औषधीय घटक न हो।
व्याख्या (Explanation): यदि प्राचीन काल में टैटू को किसी बीमारी के इलाज के लिए प्रतीकात्मक या अनुष्ठानिक रूप से इस्तेमाल किया जाता था, तो इसका प्रभाव अक्सर रोगी की आशा या विश्वास से जुड़ा होता था, न कि टैटू के किसी प्रत्यक्ष शारीरिक प्रभाव से। यह प्लेसबो प्रभाव का एक रूप है। कीमोथेरेपी, शारीरिक चिकित्सा और होम्योपैथी विशिष्ट चिकित्सा पद्धतियाँ हैं जिनका टैटूइंग से सीधा संबंध नहीं है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
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टैटू की स्याही में “मास्टर” कारीगरों द्वारा अपने ज्ञान को “अप्रेंटिस” तक पहुँचाने के लिए उपयोग की जाने वाली विधियों में से कौन सी ‘विज्ञान संचार’ (science communication) के आधुनिक रूप से सबसे अधिक मिलती-जुलती है?
- (a) केवल व्यक्तिगत प्रदर्शन
- (b) केवल मौखिक निर्देश
- (c) प्रदर्शन, मौखिक स्पष्टीकरण और अभ्यास (Demonstration, verbal explanation, and practice)
- (d) गुप्त अनुष्ठान (Secret rituals)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): प्रभावी विज्ञान संचार में अवधारणाओं को स्पष्ट रूप से संप्रेषित करना, उन्हें प्रदर्शित करना और शिक्षार्थी को अभ्यास करने का अवसर देना शामिल है।
व्याख्या (Explanation): एक मास्टर कारीगर अपने कौशल को अप्रेंटिस तक पहुँचाने के लिए अक्सर प्रदर्शन (क्या करना है), मौखिक स्पष्टीकरण (क्यों और कैसे करना है), और फिर अप्रेंटिस को अभ्यास करने देना (स्वयं करके सीखना) जैसी विधियों का उपयोग करता है। यह आधुनिक विज्ञान संचार के तरीकों से सबसे अधिक मेल खाता है, जो केवल प्रदर्शन या मौखिक निर्देश से परे जाकर सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है। गुप्त अनुष्ठान ज्ञान साझा करने की एक सीमित विधि है।
अतः, सही उत्तर (c) है।