प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान: न्यूक्लियर वेस्ट प्रबंधन और संबंधित अवधारणाएं
परिचय: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए सामान्य विज्ञान की एक मजबूत नींव आवश्यक है। यह खंड आपको भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझने में मदद करेगा, विशेष रूप से परमाणु अपशिष्ट प्रबंधन और संबंधित वैज्ञानिक अवधारणाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए। ये प्रश्न आपकी तैयारी को परखने और जटिल विषयों को सरल बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
सामान्य विज्ञान अभ्यास प्रश्न (General Science Practice MCQs)
-
परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से निकलने वाले ‘परमाणु अपशिष्ट’ (Nuclear Waste) का प्राथमिक खतरा क्या है?
- (a) अत्यधिक गर्मी
- (b) रेडियोधर्मी विकिरण
- (c) रासायनिक प्रतिक्रियाशीलता
- (d) ज्वलनशीलता
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु अपशिष्ट में अस्थिर (unstable) परमाणु होते हैं जो अल्फा (α), बीटा (β), या गामा (γ) कणों के रूप में ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं। यह प्रक्रिया रेडियोधर्मिता कहलाती है।
व्याख्या (Explanation): परमाणु अपशिष्ट का मुख्य खतरा इसका उच्च स्तर का रेडियोधर्मी विकिरण है, जो जीवित जीवों के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है और पर्यावरण को लंबे समय तक दूषित कर सकता है। अन्य विकल्प (गर्मी, रासायनिक प्रतिक्रियाशीलता, ज्वलनशीलता) भी चिंता का विषय हो सकते हैं, लेकिन विकिरण प्राथमिक और सबसे गंभीर खतरा है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
परमाणु अपशिष्ट को ‘कांच’ (Glass) में बंद करने की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है?
- (a) आयनीकरण (Ionization)
- (b) कांचीकरण (Vitrification)
- (c) पॉलीमराइजेशन (Polymerization)
- (d) असंगति (Dissociation)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कांचीकरण (Vitrification) एक प्रक्रिया है जिसमें तरल या ठोस पदार्थों को एक अनाकार (amorphous), कांच जैसी ठोस अवस्था में परिवर्तित किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): परमाणु अपशिष्ट को कांच जैसी सामग्री में बदलने की प्रक्रिया को कांचीकरण कहते हैं। यह रेडियोधर्मी तत्वों को एक स्थिर, अघुलनशील मैट्रिक्स में फँसा देता है, जिससे उनके पर्यावरण में फैलने का खतरा कम हो जाता है। यह प्रक्रिया अपशिष्ट की मात्रा को भी कम करती है और इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
रेडियोधर्मी क्षय (Radioactive Decay) के दौरान उत्सर्जित होने वाले प्राथमिक प्रकार के विकिरणों में से एक कौन सा है, जो अत्यधिक भेदन क्षमता (penetrating power) रखता है?
- (a) अल्फा (α) कण
- (b) बीटा (β) कण
- (c) गामा (γ) किरणें
- (d) न्यूट्रॉन
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): रेडियोधर्मी क्षय के दौरान विभिन्न प्रकार के विकिरण उत्सर्जित होते हैं, जिनमें अल्फा कण (हीलियम नाभिक), बीटा कण (इलेक्ट्रॉन या पॉज़िट्रॉन) और गामा किरणें (उच्च-ऊर्जा फोटॉन) शामिल हैं।
व्याख्या (Explanation): गामा किरणें विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं जिनकी भेदन क्षमता अल्फा और बीटा कणों से कहीं अधिक होती है। वे पतली लेड या कंक्रीट की दीवारों को भी भेद सकती हैं, जिससे वे विशेष रूप से खतरनाक होती हैं। अल्फा कणों को कागज की एक शीट द्वारा, और बीटा कणों को एल्यूमीनियम की एक पतली शीट द्वारा रोका जा सकता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
परमाणु अपशिष्ट के सुरक्षित भंडारण के लिए ‘ग्लास’ (Glass) का उपयोग किस गुण के कारण किया जाता है?
- (a) कम गलनांक (Low melting point)
- (b) उच्च तापीय चालकता (High thermal conductivity)
- (c) रासायनिक स्थिरता और कम घुलनशीलता (Chemical stability and low solubility)
- (d) लचीलापन (Flexibility)
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कांचीकरण में, कांचीकृत रूप में रेडियोधर्मी सामग्री को एक स्थिर, रासायनिक रूप से प्रतिरोधी मैट्रिक्स में समाहित किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): कांच अपनी रासायनिक स्थिरता और पानी में अत्यधिक कम घुलनशीलता के लिए जाना जाता है। ये गुण यह सुनिश्चित करते हैं कि कांच में बंद रेडियोधर्मी तत्व आसानी से पर्यावरण में नहीं घुलेंगे या रासायनिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं करेंगे, जिससे लंबे समय तक सुरक्षित भंडारण संभव होता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
परमाणु हथियारों के निर्माण से जुड़े कारखानों से निकलने वाले ‘अपशिष्ट’ (Waste) में किस प्रकार के समस्थानिक (Isotopes) की उच्च सांद्रता पाई जाती है?
- (a) स्थिर समस्थानिक (Stable isotopes)
- (b) रेडियोधर्मी समस्थानिक (Radioactive isotopes)
- (c) भारी समस्थानिक (Heavy isotopes)
- (d) प्रकाश समस्थानिक (Light isotopes)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु हथियार बनाने की प्रक्रियाओं में परमाणु विखंडन (nuclear fission) और संलयन (fusion) शामिल होते हैं, जो विभिन्न रेडियोधर्मी तत्वों और उनके समस्थानिकों का उत्पादन करते हैं।
व्याख्या (Explanation): परमाणु हथियारों के निर्माण में प्रयुक्त सामग्री, जैसे यूरेनियम और प्लूटोनियम, रेडियोधर्मी होती है। निर्माण प्रक्रियाओं के दौरान, विभिन्न रेडियोधर्मी समस्थानिक उत्पन्न होते हैं या उनका उपयोग किया जाता है, जिससे अपशिष्ट में इन रेडियोधर्मी समस्थानिकों की सांद्रता बहुत अधिक होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
‘अर्ध-आयु’ (Half-life) शब्द किस अवधारणा का वर्णन करता है?
- (a) किसी तत्व के गलनांक तक पहुंचने में लगने वाला समय
- (b) किसी रेडियोधर्मी पदार्थ की मात्रा का आधा होने में लगने वाला समय
- (c) किसी पदार्थ को वाष्पीकृत होने में लगने वाला समय
- (d) किसी रासायनिक अभिक्रिया के पूर्ण होने में लगने वाला समय
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): अर्ध-आयु (Half-life) रेडियोधर्मी क्षय की दर को मापने की एक मौलिक अवधारणा है।
व्याख्या (Explanation): रेडियोधर्मी पदार्थ की अर्ध-आयु वह समय अवधि है जिसके दौरान उस पदार्थ के परमाणुओं की संख्या का आधा हिस्सा विघटित हो जाता है। यह रेडियोधर्मिता की स्थिरता का एक माप है; कुछ तत्वों की अर्ध-आयु सेकंड होती है, जबकि अन्य की लाखों वर्ष होती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
परमाणु अपशिष्ट के निपटान के लिए भूवैज्ञानिक भंडार (Geological Repositories) बनाने का मुख्य कारण क्या है?
- (a) सतह के जल स्रोतों तक पहुँच को सुगम बनाना
- (b) भूगर्भीय स्थिरता और अलगाव (Geological stability and isolation)
- (c) सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग
- (d) वायुमंडलीय गैसों के साथ प्रतिक्रिया को बढ़ावा देना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): गहरे भूवैज्ञानिक भंडार रेडियोधर्मी सामग्री को लंबे समय तक पर्यावरण से अलग रखने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।
व्याख्या (Explanation): गहरे भूवैज्ञानिक भंडार रेडियोधर्मी अपशिष्ट को पृथ्वी की सतह से बहुत नीचे, स्थिर चट्टानों में सील कर देते हैं। यह अलगाव सुनिश्चित करता है कि अपशिष्ट लंबे समय तक पर्यावरण, जल स्रोतों और मनुष्यों से दूर रहे, जिससे इसके खतरनाक प्रभावों को रोका जा सके।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
‘सफेद घर’ (White House) का संदर्भ, समाचार के अनुसार, किस निर्णय लेने वाले निकाय को इंगित करता है?
- (a) एक वैज्ञानिक समिति
- (b) पर्यावरण संरक्षण एजेंसी
- (c) संयुक्त राज्य अमेरिका की कार्यकारी शाखा
- (d) एक अंतरराष्ट्रीय नियामक संस्था
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ‘व्हाइट हाउस’ संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति और उनके कार्यकारी प्रशासन का उपनाम है।
व्याख्या (Explanation): अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास और कार्यस्थल होने के नाते, ‘व्हाइट हाउस’ अक्सर अमेरिकी सरकार की नीतियों और महत्वपूर्ण निर्णयों का प्रतिनिधित्व करता है, विशेष रूप से उन मामलों में जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा, पर्यावरण नियमन, या ऊर्जा नीति शामिल होती है। इस संदर्भ में, यह परमाणु अपशिष्ट के प्रबंधन से संबंधित सरकारी प्राधिकरण को दर्शाता है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
‘एक्स-हथियार कारखाना’ (Ex-weapons factory) से निकलने वाले अपशिष्ट का प्राथमिक उपयोग क्या हो सकता है?
- (a) उर्वरक उत्पादन
- (b) निर्माण सामग्री
- (c) सैन्य पुनः उपयोग
- (d) परमाणु ऊर्जा उत्पादन (यदि समृद्ध सामग्री हो)
उत्तर: (d)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु हथियार बनाने में प्रयुक्त सामग्री (जैसे यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239) उच्च-गुणवत्ता वाली परमाणु ईंधन सामग्री है।
व्याख्या (Explanation): परमाणु हथियारों के कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट में अवशिष्ट समृद्ध यूरेनियम या प्लूटोनियम हो सकता है। यदि इन सामग्रियों को सुरक्षित रूप से पुनर्प्राप्त और संसाधित किया जा सकता है, तो उन्हें परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जिससे वे सीधे तौर पर ‘परमाणु अपशिष्ट’ न रहकर ऊर्जा का स्रोत बन सकते हैं।
अतः, सही उत्तर (d) है।
-
कार्बन-14 (Carbon-14) जैसे रेडियोधर्मी समस्थानिक का उपयोग किसमें किया जाता है?
- (a) परमाणु ऊर्जा उत्पादन
- (b) रेडिओमेट्रिक डेटिंग (Radiometric dating)
- (c) चिकित्सा इमेजिंग
- (d) रोगाणुनाशक (Disinfection)
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): कार्बन-14 एक रेडियोधर्मी आइसोटोप है जिसकी एक ज्ञात अर्ध-आयु होती है, जो इसे पुरातत्व और भूविज्ञान में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाती है।
व्याख्या (Explanation): कार्बन-14 का उपयोग जीवाश्मों और प्राचीन कलाकृतियों की आयु का निर्धारण करने के लिए रेडिओमेट्रिक डेटिंग में किया जाता है। जीवित जीवों में लगातार कार्बन-14 का सेवन होता रहता है, लेकिन मृत्यु के बाद, इसका क्षय होता रहता है। मापी गई मात्रा के आधार पर, वैज्ञानिक अनुमान लगा सकते हैं कि वस्तु कितनी पुरानी है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) के विपरीत, नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission) में क्या होता है?
- (a) हल्के नाभिक मिलकर एक भारी नाभिक बनाते हैं।
- (b) एक भारी नाभिक टूटकर छोटे नाभिक बनाता है।
- (c) परमाणु ऊर्जा का उत्पादन नहीं होता है।
- (d) प्रतिक्रिया में केवल प्रोटॉन शामिल होते हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाभिकीय विखंडन और संलयन दो अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं जो ऊर्जा उत्पन्न करती हैं।
व्याख्या (Explanation): नाभिकीय विखंडन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक भारी परमाणु नाभिक (जैसे यूरेनियम या प्लूटोनियम) न्यूट्रॉन से टकराने पर दो या दो से अधिक छोटे नाभिकों में टूट जाता है। इस प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में ऊर्जा और अतिरिक्त न्यूट्रॉन उत्सर्जित होते हैं, जो एक शृंखला अभिक्रिया (chain reaction) शुरू कर सकते हैं। नाभिकीय संलयन में, इसके विपरीत, हल्के नाभिक मिलकर एक भारी नाभिक बनाते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
परमाणु कचरे में मौजूद सीज़ियम-137 (Cesium-137) एक उदाहरण है:
- (a) एक स्थिर तत्व का
- (b) एक रेडियोधर्मी समस्थानिक का
- (c) एक गैर-धातु का
- (d) एक नोबल गैस का
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): सीज़ियम-137 एक ज्ञात रेडियोधर्मी समस्थानिक है जिसका उत्पादन परमाणु विखंडन से होता है।
व्याख्या (Explanation): सीज़ियम-137 एक कृत्रिम रेडियोधर्मी समस्थानिक है जो परमाणु रिएक्टरों में यूरेनियम के विखंडन से उत्पन्न होता है। यह एक महत्वपूर्ण रेडियोधर्मी अपशिष्ट घटक है क्योंकि इसकी अर्ध-आयु लगभग 30 वर्ष है और यह गामा विकिरण उत्सर्जित करता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
मानव शरीर पर विकिरण के संपर्क का क्या तत्काल प्रभाव हो सकता है?
- (a) त्वचा का लाल होना और बालों का झड़ना
- (b) मांसपेशियों में वृद्धि
- (c) बुद्धि में वृद्धि
- (d) संवेदी क्षमताओं में सुधार
उत्तर: (a)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): उच्च स्तर का आयनीकरण विकिरण (ionizing radiation) कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे विभिन्न शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
व्याख्या (Explanation): उच्च मात्रा में आयनीकरण विकिरण के संपर्क में आने से तीव्र विकिरण बीमारी (acute radiation sickness) हो सकती है। इसके शुरुआती लक्षणों में मतली, उल्टी, दस्त, थकान और त्वचा की समस्याएं जैसे लालिमा और जलन शामिल हैं। उच्च खुराक से बालों का झड़ना भी एक सामान्य तत्काल प्रभाव है।
अतः, सही उत्तर (a) है।
-
एक नाभिकीय रिएक्टर में ‘नियंत्रण छड़ें’ (Control Rods) का मुख्य कार्य क्या है?
- (a) ईंधन को ठंडा करना
- (b) न्यूट्रॉन को अवशोषित करके शृंखला अभिक्रिया को नियंत्रित करना
- (c) बिजली का उत्पादन करना
- (d) ईंधन को बदलना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाभिकीय रिएक्टर में, शृंखला अभिक्रिया की दर को नियंत्रित करने के लिए नियंत्रण छड़ों का उपयोग किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): नियंत्रण छड़ें, जो आमतौर पर कैडमियम या बोरॉन जैसी सामग्री से बनी होती हैं, न्यूट्रॉन को अवशोषित करने में बहुत प्रभावी होती हैं। रिएक्टर कोर में उनकी स्थिति को समायोजित करके, ईंधन की छड़ों से निकलने वाले न्यूट्रॉन की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है। यह सुनिश्चित करता है कि विखंडन की दर बहुत अधिक न बढ़े और रिएक्टर सुरक्षित रूप से संचालित हो।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
‘परमाणु संख्या’ (Atomic Number) क्या निर्धारित करती है?
- (a) किसी नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या
- (b) किसी नाभिक में प्रोटॉन की संख्या
- (c) किसी तत्व का गलनांक
- (d) किसी तत्व की रासायनिक प्रतिक्रियाशीलता
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु संख्या आवर्त सारणी में तत्वों की पहचान का मूल आधार है।
व्याख्या (Explanation): किसी तत्व की परमाणु संख्या उसके परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन की संख्या के बराबर होती है। यह प्रोटॉन की संख्या ही उस तत्व की पहचान करती है (जैसे, 1 प्रोटॉन वाला हाइड्रोजन, 6 प्रोटॉन वाला कार्बन)। न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न हो सकती है, जिससे समस्थानिक बनते हैं।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
रेडियोधर्मी समस्थानिकों का उपयोग चिकित्सा में ‘डायग्नोस्टिक इमेजिंग’ (Diagnostic Imaging) के लिए कैसे किया जाता है?
- (a) वे ऊतकों को सीधे ठीक करते हैं।
- (b) वे शरीर के भीतर विशिष्ट क्षेत्रों में केंद्रित होते हैं और एक डिटेक्टर द्वारा पता लगाए जाने वाले विकिरण उत्सर्जित करते हैं।
- (c) वे शरीर के पीएच स्तर को बदलते हैं।
- (d) वे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं।
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): चिकित्सा आइसोटोप (medical isotopes) का उपयोग ट्रेसर के रूप में किया जाता है, जो रेडियोधर्मिता के कारण पता लगाने योग्य होते हैं।
व्याख्या (Explanation): विशिष्ट रेडियोधर्मी समस्थानिकों (जैसे टेक्नेटियम-99m) को रोगी को दिया जाता है। ये समस्थानिक शरीर के भीतर विशिष्ट अंगों या ऊतकों में केंद्रित हो जाते हैं। जब ये समस्थानिक क्षय होते हैं, तो वे विकिरण उत्सर्जित करते हैं जिसे बाहरी कैमरे (जैसे गामा कैमरा) द्वारा पता लगाया जा सकता है। यह डॉक्टरों को आंतरिक संरचनाओं की छवियां बनाने और असामान्यताओं का पता लगाने की अनुमति देता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
‘परमाणु ऊर्जा’ (Nuclear Energy) किस प्रकार की ऊर्जा का एक रूप है?
- (a) रासायनिक ऊर्जा
- (b) विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा
- (c) नाभिकीय ऊर्जा
- (d) यांत्रिक ऊर्जा
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): परमाणु ऊर्जा परमाणु के नाभिक के भीतर संग्रहीत ऊर्जा है।
व्याख्या (Explanation): परमाणु ऊर्जा, जिसे नाभिकीय ऊर्जा भी कहा जाता है, परमाणु के नाभिक के भीतर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के बीच लगने वाले मजबूत नाभिकीय बल (strong nuclear force) द्वारा बंधी ऊर्जा है। यह ऊर्जा नाभिकीय विखंडन या नाभिकीय संलयन जैसी प्रक्रियाओं द्वारा जारी की जाती है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
यदि कोई व्यक्ति रेडियोधर्मी पदार्थ के संपर्क में आता है, तो निम्नलिखित में से कौन सा सुरक्षात्मक उपाय सबसे प्रभावी होगा?
- (a) संपर्क में आने वाले क्षेत्र को पानी से धोना
- (b) प्रभावित त्वचा को ढकना
- (c) सुरक्षात्मक कपड़े और अवरोधों का उपयोग करना
- (d) हवादार क्षेत्र में जाना
उत्तर: (c)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): विकिरण से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका स्रोत से दूरी बनाए रखना, समय को कम करना और परिरक्षण (shielding) का उपयोग करना है।
व्याख्या (Explanation): संपर्क में आने के बाद, पानी से धोना या त्वचा को ढकना कुछ हद तक बाहरी संदूषण को कम कर सकता है, लेकिन वास्तविक सुरक्षा के लिए, संपर्क से पहले या उसके दौरान विशेष सुरक्षात्मक कपड़े (जैसे लीड एप्रन, विशेष सूट) और विकिरण-अवरोधक सामग्री (जैसे कंक्रीट, सीसा) का उपयोग करना सबसे प्रभावी है।
अतः, सही उत्तर (c) है।
-
‘प्रसारण’ (Broadcasting) शब्द का उपयोग करके, रेडियोधर्मी अपशिष्ट के संबंध में सबसे उपयुक्त तात्पर्य क्या है?
- (a) इसे विभिन्न देशों में फैलाना
- (b) पर्यावरण में विकिरण का अनियंत्रित उत्सर्जन
- (c) रेडियोधर्मी ऊर्जा का नियंत्रित उपयोग
- (d) अपशिष्ट को पुनर्चक्रण करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ‘ब्रॉडकास्टिंग’ का अर्थ होता है प्रसारित करना या फैलाना।
व्याख्या (Explanation): जब रेडियोधर्मी अपशिष्ट के संदर्भ में ‘ब्रॉडकास्टिंग’ का उपयोग किया जाता है, तो इसका तात्पर्य होता है कि रेडियोधर्मी पदार्थ अनियंत्रित तरीके से पर्यावरण में उत्सर्जित हो रहे हैं, जैसे हवा, पानी या मिट्टी में फैल रहे हैं। यह एक खतरनाक परिदृश्य है जहाँ विकिरण व्यापक क्षेत्र में फैल सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
मानव शरीर में, DNA (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) पर आयनीकरण विकिरण का क्या प्रभाव पड़ सकता है?
- (a) DNA की प्रतिकृति (replication) में तेजी लाना
- (b) DNA में उत्परिवर्तन (mutations) या क्षति उत्पन्न करना
- (c) DNA को स्थिर करना
- (d) DNA के प्रोटीन संश्लेषण को बढ़ाना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): आयनीकरण विकिरण में डीएनए अणु को सीधे नुकसान पहुंचाने या उसके भीतर प्रतिक्रियाशील मुक्त कण (free radicals) उत्पन्न करने की क्षमता होती है।
व्याख्या (Explanation): आयनीकरण विकिरण डीएनए की संरचना को बदल सकता है, जिससे एकल-रज्जुक (single-strand) या द्वि-रज्जुक (double-strand) टूट सकते हैं, या आधार (bases) को नुकसान पहुंचा सकता है। ये डीएनए क्षति अनियंत्रित कोशिका वृद्धि (कैंसर) का कारण बन सकती है या कोशिका मृत्यु का कारण बन सकती है, और वंशानुगत उत्परिवर्तन भी हो सकती है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में ‘शीतलक’ (Coolant) का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
- (a) रिएक्टर कोर को गर्म करना
- (b) उत्पादित गर्मी को हटाना और उसे बिजली में परिवर्तित करने में मदद करना
- (c) परमाणु ईंधन को अवशोषित करना
- (d) नियंत्रण छड़ों को नियंत्रित करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): नाभिकीय अभिक्रिया से भारी मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है जिसे प्रबंधित करने की आवश्यकता होती है।
व्याख्या (Explanation): परमाणु रिएक्टर में, नाभिकीय विखंडन से बहुत अधिक गर्मी उत्पन्न होती है। शीतलक (जैसे पानी, भारी पानी, या गैस) का उपयोग रिएक्टर कोर से इस गर्मी को लगातार निकालने के लिए किया जाता है। यह गर्मी तब भाप बनाने के लिए उपयोग की जाती है, जो टर्बाइनों को घुमाकर बिजली उत्पन्न करती है। इसके बिना, रिएक्टर ज़्यादा गरम होकर क्षतिग्रस्त हो सकता है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
‘अवरोधन’ (Containment) शब्द परमाणु अपशिष्ट प्रबंधन के संदर्भ में किस सुरक्षा उपाय को दर्शाता है?
- (a) अपशिष्ट की मात्रा को कम करना
- (b) रेडियोधर्मी पदार्थों को पर्यावरण में फैलने से रोकना
- (c) अपशिष्ट को पिघलाना
- (d) अपशिष्ट को पुनः उपयोग करना
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): ‘कंटेनमेंट’ का अर्थ है किसी चीज को सीमित करना या रोकना।
व्याख्या (Explanation): परमाणु अपशिष्ट प्रबंधन में, अवरोधन (containment) का अर्थ है भौतिक बाधाओं (जैसे कंक्रीट की दीवारें, स्टील के पात्र) का उपयोग करके रेडियोधर्मी सामग्री को फैलने से रोकना। यह सुनिश्चित करता है कि दुर्घटनाओं या रिसाव की स्थिति में भी, खतरनाक पदार्थ पर्यावरण में न पहुँचें।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
यूरेनियम (Uranium) का सबसे आम रेडियोधर्मी समस्थानिक जो परमाणु ऊर्जा उत्पादन में ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है, वह है:
- (a) यूरेनियम-234
- (b) यूरेनियम-235
- (c) यूरेनियम-236
- (d) यूरेनियम-238
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): यूरेनियम-235 (²³⁵U) एक विखंडनीय (fissile) समस्थानिक है जो नाभिकीय श्रृंखला अभिक्रियाओं को बनाए रख सकता है।
व्याख्या (Explanation): हालांकि यूरेनियम अयस्क का सबसे प्रचुर समस्थानिक यूरेनियम-238 (²³⁸U) है, लेकिन यह आसानी से विखंडनीय नहीं है। यूरेनियम-235 (²³⁵U) वह समस्थानिक है जो न्यूट्रॉन से टकराने पर आसानी से विखंडित हो जाता है, जिससे बड़ी मात्रा में ऊर्जा और अतिरिक्त न्यूट्रॉन निकलते हैं जो श्रृंखला अभिक्रिया को बनाए रखते हैं। इसलिए, परमाणु रिएक्टरों में ईंधन के रूप में उपयोग के लिए प्राकृतिक यूरेनियम को अक्सर समृद्ध (enriched) किया जाता है ताकि ²³⁵U की सांद्रता बढ़ाई जा सके।
अतः, सही उत्तर (b) है।
-
रेडियोधर्मिता की इकाई ‘बेकेरल’ (Becquerel – Bq) क्या मापती है?
- (a) उत्सर्जित विकिरण की मात्रा
- (b) प्रति सेकंड होने वाले रेडियोधर्मी क्षय की संख्या
- (c) विकिरण का जैविक प्रभाव
- (d) पदार्थ की अर्ध-आयु
उत्तर: (b)
हल (Solution):
सिद्धांत (Principle): बेकेरल (Bq) एक मानक इकाई है जिसका उपयोग रेडियोधर्मिता की गतिविधि को मापने के लिए किया जाता है।
व्याख्या (Explanation): एक बेकेरल (Bq) एक इकाई है जो प्रति सेकंड एक रेडियोधर्मी क्षय (radioactive decay) का प्रतिनिधित्व करती है। यह एक नमूने में रेडियोधर्मी परमाणुओं की दर को मापती है। क्यूरी (Curie – Ci) एक अन्य इकाई है जो पहले व्यापक रूप से उपयोग की जाती थी, लेकिन अब बेकेरल अधिक सामान्य हो गई है।
अतः, सही उत्तर (b) है।
सफलता सिर्फ कड़ी मेहनत से नहीं, सही मार्गदर्शन से मिलती है। हमारे सभी विषयों के कम्पलीट नोट्स, G.K. बेसिक कोर्स, और करियर गाइडेंस बुक के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
[कोर्स और फ्री नोट्स के लिए यहाँ क्लिक करें]